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कनाडा के चुनावों में भारत ने भी किया हस्तक्षेप? वहां के आयोग ने ट्रूडो सरकार से मांगे सबूत…

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कनाडा के चुनावों में भारत ने भी किया हस्तक्षेप? वहां के आयोग ने ट्रूडो सरकार से मांगे सबूत…

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड के बाद कनाडा ने भारत पर एक और आरोप लगाया है।

कनाडाई सरकार का मानना है कि भारत ने भी उसके आम चुनावों में हस्तक्षेप किया है।

अब वहां का चांज आयोग इस मामले की पड़ताल करना चाहता है। कनाडाई चुनावों में विदेशी ताकतों के हस्तक्षेप का मामला पहले भी उठता रहा है।

हालांकि तब ये आरोप केवल चीन और रूस तक ही सीमित थे। लेकिन अब कनाडा ने भारत पर भी उंगली उठाई है।

कनाडा स्थित सीटीवी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा का संघीय जांच आयोग देश के पिछले दो आम चुनावों में भारत द्वारा कथित हस्तक्षेप की जांच करना चाहता है।

कनाडा इसे विदेशी हस्तक्षेप का मामला मान रहा है। कनाडाई जांच आयोग ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उसने केंद्र की जस्टिन ट्रूडो सरकार से इन आरोपों से जुड़े दस्तावेज पेश करने को कहा है।

पिछले साल कनाडाई जांच आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें 2019 और 2021 के संघीय चुनावों में चीन, रूस और अन्य विदेशी देशों के संभावित हस्तक्षेप का जिक्र किया गया था।

इसमें विदेशी ताकतों के अलावा, बेहद ज्यादा राजनीतिक प्रभाव रखने वाले संगठनों द्वारा चुनावी हस्तक्षेप का आकलन करने का निर्देश दिया गया था।

अब कनाडाई आयोग का ताजा बयान पिछले दो चुनावों को प्रभावित करने में भारत की किसी भी भूमिका की जांच करने के इरादे का संकेत देता है। सोमवार से इस मसले पर सुनवाई शुरू होगी।

आयोग की प्रारंभिक सुनवाई में इस बात पर गौर किया जाएगा कि क्या गोपनीय राष्ट्रीय सुरक्षा जानकारी और खुफिया जानकारी को जनता के सामने रखा जाए। अगर रखा जाए तो इसकी क्या चुनौतियां और सीमाएं होंगी।

आयोग की अंतरिम रिपोर्ट 3 मई को आने वाली है। वहीं फाइनल रिपोर्ट साल के अंत तक आने की उम्मीद है।

रायपुर : मुख्यमंत्री से विभिन्न समाजों के प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात…

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रायपुर : मुख्यमंत्री से विभिन्न समाजों के प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जगदलपुर प्रवास के दौरान सर्किट हाउस में विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि, कर्मचारी-अधिकारी संघ, पत्रकार-साहित्यकार, समाजसेवी से भेंट-मुलाक़ात की।

जब बन रही थी रामलला की मूर्ति, तब रोज उसे देखने आते थे ‘हनुमान जी’! योगीराज ने सुनाया हैरान करने वाला किस्सा…

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जब बन रही थी रामलला की मूर्ति, तब रोज उसे देखने आते थे ‘हनुमान जी’! योगीराज ने सुनाया हैरान करने वाला किस्सा…

अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है।

मंदिर भी रामभक्तों के लिए खुल चुका है। सोमवार को हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह में खुद पीएम मोदी भी मौजूद रहे और पूजा-अर्चना की।

राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की जो मूर्ति लगी है, वह योगीराज ने बनाई है।

नई मूर्ति के सामने ही पुरानी रामलला की भी मूर्ति स्थापित की गई है, जिससे रामभक्त एक साथ दोनों के दर्शन कर सकें। नई रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज कर्नाटक के रहने वाले हैं और वे पांचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार हैं।

उन्होंने बताया कि जब वह रामलला की मूर्ति बनाते थे, तब रोजाना एक बंदर वहां आ जाता था। इस पर जब अरुण योगीराज से कहा गय कि शायद हनुमान जी मूर्ति को देखने आते होंगे, तो उन्होंने हां में जवाब दिया।

‘आजतक’ से बात करते हुए अरुण योगीराज ने बताया कि उन्हें मूर्ति बनाने में सात महीने का समय लगा। उन्होंने खुद को काफी भाग्यशाली बताते हुए कहा कि भगवान ने कहा था कि आओ और मेरा काम करो। 

राम मंदिर ट्रस्ट ने योगीराज को रामलला की मूर्ति बनाने के लिए चार चीजें कही थीं। मुस्कुराता हुआ चेहरा, पांच साल के बच्चे जैसा स्वरूप, युवराज जैसा चेहरा और दिव्य दृष्टि।

अरुण योगीराज का कहना है कि जब वे रामलला की मूर्ति बनाते थे, तब उस समय रोजाना शाम पांच बजे के करीब एक बंदर आ जाता था।

वहीं, जब ठंड बढ़ने लगी तो उन्होंने उस जगह को पर्दे से ढक दिया, लेकिन इसके बाद भी बंदर ने वहां आना नहीं छोड़ा। इसके बाद वह बाहर आता और अंदर आने के लिए खटखटाने लगता।

इस पर जब योगीराज से कहा गया कि शायद हनुमानजी दर्शन करते होंगे कि कैसे प्रभु राम जी आकार ले रहे हैं, तो अरुण योगीराज ने हां में जवाब दिया।

अरुण ने इस बंदर के बारे में जानकारी राम मंदिर ट्रस्ट के चंपत राय को भी दी थी।

अरुण ने कहा कि मैं अलग तरीके से किसी भी मूर्ति की दस आंखें बना सकता हूं। जब मैंने आंख बनाई तो अपने दोस्तों से पूछा कि कैसी बनी है, जिसपर उन्होंने तारीफ की।

‘हनुमानजी रामलला के दर्शन करने आए हों’
वहीं, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम मंदिर ट्रस्ट ने एक पोस्ट के जरिए से जानकारी दी थी कि एक बंदर गर्भगृह में प्रवेश करके रामलला की मूर्ति तक पहुंच गया।

इस पर वहां तैनात सभी सुरक्षाकर्मी भी हैरान रह गए थे। उन्होंने कहा कि यह वैसा ही है, जैसे मानो स्वयं हनुमानजी रामलला के दर्शन करने आए हों। ट्रस्ट ने एक्स पर पोस्ट किया था, ”सायंकाल लगभग 5:50 बजे एक बंदर दक्षिणी द्वार से गूढ़ मंडप से होते हुए गर्भगृह में प्रवेश करके उत्सव मूर्ति के पास तक पहुंचा। बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने देखा, वे बन्दर की ओर यह सोच कर भागे कि कहीं यह बन्दर उत्सव मूर्ति को जमीन पर न गिरा दे। परन्तु जैसे ही पुलिसकर्मी बंदर की ओर दौड़े, वैसे ही बंदर शांतभाव से भागते हुए उत्तरी द्वार की ओर गया। द्वार बंद होने के कारण पूर्व दिशा की ओर बढ़ा और दर्शनार्थियों के बीच में से होता हुआ, बिना किसी को कष्ट पहुंचाए पूर्वी द्वार से बाहर निकल गया। सुरक्षाकर्मी कहते हैं कि ये हमारे लिए ऐसा ही है, मानो स्वयं हनुमान जी रामलला के दर्शन करने आये हों।”

रायपुर : शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल महासमुंद जिला मुख्यालय में करेंगे ध्वजारोहण…

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रायपुर : शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल महासमुंद जिला मुख्यालय में करेंगे ध्वजारोहण…

शिक्षा, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल गणतंत्र दिवस के अवसर पर महासमुंद जिला मुख्यालय स्थित मिनी स्टेडियम में आयोजित मुख्य समारोह में प्रातः 9 बजे ध्वजारोहण करेंगे और परेड की सलामी लेंगे।

मंत्री अग्रवाल इस मौके पर मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन करेंगे और उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारी को सम्मानित करेंगे।

ममता बनर्जी के तेवर से INDIA के छोटे दलों की बढ़ेगी ताकत, कांग्रेस को करना होगा सरेंडर…

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ममता बनर्जी के तेवर से INDIA के छोटे दलों की बढ़ेगी ताकत, कांग्रेस को करना होगा सरेंडर…

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) को बड़ा झटका दिया है।

सीट बंटवारे से नाराज तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदेश में सभी सीट पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान दिया है।

ममता बनर्जी ने ऐसे वक्त एकला चलो की घोषणा की है, जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुआई वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा गुरुवार को पश्चिम बंगाल के कूचबिहार पहुंच रही है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सख्त तेवरों ने कांग्रेस पर दबाव बढ़ा दिया है। पार्टी डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुटी है, पर अब राह आसान नहीं है।

ममता बनर्जी को मनाने के लिए कांग्रेस को उनकी सभी शर्तों को स्वीकार करना होगा।

तृणमूल कांग्रेस लगातार कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में दो सीट देने की पेशकश कर रही है, पर पार्टी कम से कम पांच सीट चाहती है। इसके साथ पार्टी को प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को भी चुप कराना होगा।

तृणमूल कांग्रेस के एकला चलो के ऐलान से इंडिया गठबंधन में सिर्फ उसकी तोल-मोल की ताकत नहीं बढ़ी है, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दूसरे क्षेत्रीय घटकदलों को भी ताकत दे दी है।

यूपी में सपा और कांग्रेस के बीच तीन दौर की बातचीत के बावजूद कोई सहमति नहीं बन पाई है। वर्ष 2019 चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली थी, पर गठबंधन में पार्टी 15 सीट मांग रही है।

ममता के रुख के बाद समाजवादी पार्टी को भी ताकत मिली है।

समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस को जमीनी हकीकत को समझना होगा। वर्ष 2017 में कांग्रेस ने सपा गठबंधन में 114 सीट पर चुनाव लड़ा था, पर वह सिर्फ सात सीट जीत पाई।

इसी तरह 2014 लोकसभा में दो और 2019 में सिर्फ एक सीट मिली थी। ऐसे में कांग्रेस को अपनी स्थिति को समझते हुए ही सीटों पर दावेदारी करनी चाहिए।

सपा रालोद के साथ सीट बंटवारा कर चुकी है और दूसरी छोटी पार्टियों के साथ भी चर्चा जारी है।

इसी तरह बिहार में सीट बंटवारे पर राजद और जद(यू) की ताकत बढ़ गई है। झारखंड में जेएमएम इस बार कांग्रेस को 2019 की तर्ज पर सीट देने के लिए तैयार नहीं है। तमिलनाडु में डीएमके के साथ सीट बंटवारे को लेकर बयानबाजी चल रही है। ऐसे में कांग्रेस पर दबाव बढ़ गया है।

पार्टी के एक नेता ने कहा कि अब कांग्रेस को गठबंधन बरकरार रखने के लिए क्षेत्रीय दलों की बात माननी होगी, वर्ना गठबंधन टूटने के लिए उसे जिम्मेदार माना जाएगा।

कांग्रेस को अपनी जिम्मेदारी का अहसास
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास है। हम सभी को साथ लेकर चलने की पूरी कोशिश करेंगे।

उन्होंने स्वीकार किया कि ममता बनर्जी के रुख से सीट बंटवारे पर पार्टी की क्षेत्रीय दलों के साथ सौदेबाजी की ताकत कम हुई है।

पार्टी को अब और सावधानी के साथ घटकदलों संग चर्चा करनी होगी, ताकि उन्हें नाराज होने का कोई मौका न मिले। मौजूदा राजनीतिक स्थिति में पार्टी इसे अपनी जिम्मेदारी भी मानती है।

रायपुर : शाकम्भरी जयंती-मरार महासंघ घड़ी चौक रायपुर में करेगा निःशुल्क सब्जी वितरण…

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रायपुर : शाकम्भरी जयंती-मरार महासंघ घड़ी चौक रायपुर में करेगा निःशुल्क सब्जी वितरण…

दानपुन्न पर्व छेरछेरा और शाकम्भरी जयंती पर मरार पटेल महासंघ प्रतिवर्ष की भांति प्रसादी स्वरूप निःशुल्क सब्जियों का करेगा दान

25 जनवरी को आयोजित होगा कार्यक्रम

मरार पटेल महासंघ रायपुर जिला कार्यकारिणी के तत्वाधान में आराध्य देवी मां शाकम्भरी जयंती प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी राजधानी रायपुर के घड़ी चौक में बड़े हर्षाेल्लास के साथ 25 जनवरी को मनाया जाएगा।

दानपुण्य का पर्व छेरछेरा और मरार समाज की आराध्य देवी माँ शाकंभरी जंयती के अवसर पर प्रसादी के रूप में निःशुल्क सब्जी वितरण किया जाएगा।

कार्यक्रम का आयोजन पूर्वान्ह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक होगा। 

शाकम्बरी जंयती के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल होंगे।

विशेष अतिथि के आसंदी में राजेश मूणत विधायक रायपुर पश्चिम, मोती लाल साहू विधायक रायपुर ग्रामीण, पुरंदर मिश्रा विधायक रायपुर उत्तर, प्रेमचंद पटेल विधायक कटघोरा, महापौर रायपुर एजाज ढेबर और अध्यक्षता ईश्वर पटेल जिलाध्यक्ष रायपुर की गरिमामय उपस्थित में सम्पन्न होगा।

जिलाध्यक्ष ईश्वर पटेल ने मरार समाज के सभी लोगो से अपील की है कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बड़ी संख्या में उपस्थित होकर निःशुल्क सब्ज़ी वितरण कार्यक्रम में भागीदारी निभाये।

हमास ने छेड़ा ‘वित्तीय जिहाद’, हर महीने मिल रहे करोड़ों रुपये; मुश्किल में इजरायल…

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हमास ने छेड़ा ‘वित्तीय जिहाद’, हर महीने मिल रहे करोड़ों रुपये; मुश्किल में इजरायल…

फिलिस्तीन के गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाले आतंकी संगठन हमास को लेकर इजरायल ने बड़ा दावा किया है।

इजरायल का मानना है कि युद्ध शुरू होने के बाद से हमास को मिलने वाले डोनेशन में कई गुना वृद्धि हुई है और अब उसे करोड़ों रुपये महीने मिल रहे हैं।

इजरायली अधिकारियों ने दावा किया कि हमास को ये पैसे ऑनलाइन मिल रहे हैं।

पैसे गाजा में नागरिकों की मदद करने के लिए दान देने वाले संगठनों के जरिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमास को हर महीने 80 लाख डॉलर से लेकर 1.2 करोड़ डॉलर (करीब एक अरब रुपये) मिल रहे हैं।

अधिकारी का कहना है कि 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमले से पहले हमास को जो ऑनलाइन फंडिंग मिल रही थी उसकी तुलना में कई गुना वृद्धि हुई है।

इजरायली वित्तीय-खुफिया अधिकारियों ने ब्लूमबर्ग को बताया कि हमास को ऑनलाइन-डोनेशन चलाने वाली साइटों से जमकर पैसा मिलता है। अधिकारी ने दावा किया कि अमेरिका को भी इसकी जानकारी है।

हर तरफ हुआ खून-खराबा

गौरतलब है कि पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास के हमले में 1,200 से अधिक लोग मारे गए थे और लगभग 250 अन्य लोगों का अपहरण कर लिया गया।

इसके बाद नवंबर में एक सप्ताह के लिए संघर्ष विराम हुआ था जिसमें इजराइल द्वारा कैद किए गए 240 फलस्तीनियों की रिहाई के बदले में 100 से अधिक लोगों को रिहा किया गया था।

हमास द्वारा संचालित क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायल ने जवाबी कार्रवाई कर हजारों लोगों को मार डाला।

उन्होंने कहा कि इजरायली हमले ने बड़े स्तर पर विनाश किया है और अनुमानित तौर पर गाजा की 85 प्रतिशत आबादी विस्थापित हो गई है, जबकि 25,000 से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो गई है। 

हमास की फंडिंग पर नजर रखना मुश्किल

हालांकि इंटरनेशनल प्रेशर के बावजूद इजरायल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इजरायल का मकसद हमास को पूरी तरह खत्म करना है।

अब इस यहूदी देश की नजरें हमास को मिलने वाले चंदे पर है। लेकिन हमास की फंडिंग पर नजर रखना बेहद मुश्किल है। क्योंकि यह अनुभवी संगठन वर्षों से तमाम तरह के प्रतिबंधों को चकमा देता आ रहा है।

वाशिंगटन इंस्टीट्यूट फॉर नियर ईस्ट पॉलिसी के फेलो मैथ्यू लेविट ने बताया, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि गाजा युद्ध के मद्देनजर फिलिस्तीनियों को वैध और नाजायज दोनों तरह का दान मिल रहा है और इसमें तेजी से वृद्धि हुई है।”

उन्होंने कहा कि दान देने में लोगों की दिलचस्पी हमास के लिए फायदे का काम कर रही है। मैथ्यू ने बताया, “मैंने कई ऐसी चैरिटीज को सामने आते देखा है जिन पर अमेरिका ने पहले प्रतिबंध लगाया था, लेकिन अब वे कुछ नए नामों के जरिए हमास को डोनेशन दे रहे हैं। लेकिन बहुत सारे नए संगठन भी सामने आए हैं जो हमास को खुलकर डोनेशन दे रहे हैं।”

“यह एक वित्तीय जिहाद है”

बता दें कि डोनेशन में वृद्धि के पीछे हमास की भावुक अपील ने भी बड़ा काम किया है। हमास के अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से इजरायल के खिलाफ अपनी लड़ाई के लिए कैश की मांग की थी। हमास नेता इस्माइल हनीयेह ने कहा था, “यह सिर्फ एक मानवीय मुद्दा नहीं है। इसका बहुत बड़ा महत्व है। यह एक वित्तीय जिहाद है।”

इजरायली अधिकारियों का कहना है कि युद्ध से पहले, ये दान धर्मार्थ संस्थाओं (चैरिटीज) को दिया जाता था। इसके बाद ये पैसा मदद करने वाले संगठनों सहित विभिन्न तरीकों से हमास तक पहुंचता था।

हमास गाजा के स्थानीय व्यापारियों से भी पैसे मंगाता था। हालांकि, यह तय कर पाना बेहद मुश्किल है कि ये पैसा लीगल है या इससे केवल हमास की मदद हो रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली और अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि हमास अन्य देशों में मौजूद संगठनों के जरिए भी पैसे जुटा रहा है। हैरान करने वाली बात है कि ये संगठन खुलेतौर पर हमास से नहीं जुड़े हैं।  

रायपुर : हमें अपने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करना चाहिए – श्री हरिचंदन…

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रायपुर : हमें अपने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करना चाहिए – श्री हरिचंदन…

राजभवन में मनाया गया उत्तर प्रदेश, मेघालय,मणिपुर, त्रिपुरा, दादर एवं नगर हवेली तथा दमन दीव का स्थापना दिवस

राजभवन में राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचंदन के मुख्य आतिथ्य में उत्तर प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश दादर एवं नगर हवेली तथा दमन दीव का स्थापना दिवस रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया।

राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने इस अवसर पर कहा कि हमें अपने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करना चाहिए और इस पर गर्व करना चाहिए।

केन्द्र सरकार के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम के तहत विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्य एक दूसरे का स्थापना दिवस मनाते है।

इसी कड़ी में राजभवन में उत्तर प्रदेश, मेघालय, में मणिपुर, त्रिपुरा राज्यों और केंद्र शासित दादर एवं नगर हवेली तथा दमन दीव  का स्थापना दिवस हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया।

राज्यपाल ने स्थापना दिवस के अवसर पर इन राज्यों के लोगों को बधाई दी।

राज्यपाल श्री हरिचंदन ने अपने उद्बोधन में कहा कि विभिन्न राज्यों की भाषा, संस्कृति, परंपराओं और प्रथाओं का ज्ञान साझा करने से आपसी समझ और जुड़ाव बढ़ेगा, जिससे भारत की एकता और अखंडता मजबूत होगी।

हमारी सांस्कृतिक विरासत, अद्वितीय इतिहास और खान-पान की परंपराए ही हमारी पहचान, स्वाभिमान और समृद्धि का आधार हैं।

स्थापना दिवस न केवल हमें किसी राज्य की प्रगति की यात्रा की याद दिलाता है, बल्कि हमारे भविष्य की राह तैयार करने का अवसर भी प्रदान करता है।

राज्यपाल ने इन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशो के इतिहास, संस्कृति, परंपराओं और महत्वपूर्ण विशेषताओं को रेखांकित किया। हमारा देश ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम‘‘ की अवधारणा पर आगे बढ़ रहा है।

देश में रामराज्य प्रतिष्ठित करना है। सबको एक करके, सबके सुख शांति के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने समन्वित रूप से प्रयास किया।

भारत नेे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विश्व के राजनीतिक पटल पर एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है। हमारी संस्कृति, परंपरा, इतिहास को स्मरण करके भारत कोे सारी दुनिया में श्रेष्ठ देश के रूप में प्रतिस्थापित करने का कार्य उन्होंने किया है।

राज्यपाल ने युवा पीढ़ी से आव्हान किया कि पूरे जोश के साथ वंचित और कमजोर लोगों के लिए काम करना चाहिए और पूरे समर्पण, निष्ठा और ईमानदारी के साथ देश की सेवा करनी चाहिए।

कार्यक्रम को उत्तप्रदेश के प्रतिनिधि के रूप में पं. रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ला और मेघालय के प्रतिनिधि के रूप में ऑफ्ट विश्वविद्यालय के डीन संतोष स्वर्णकार, मणिपुर के प्रतिनिधि के रूप में डेनियल एल, डिप्टी कमांडेंट सीआरपीएफ और त्रिपुरा के प्रतिनिधि के रूप में बी. पी. जमालिया असिस्टेंट कमांडेट सीआरपीएफ ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर उत्तप्रदेश के कत्थक नृत्य सहित चारो राज्यों एवं दोनो केंद्र शासित प्रदेशों के लोकनृत्यों की रंगारंग प्रस्तुति विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने की।

सीआरपीएफ के जवानों के लोकनृत्य ने अतिथियों को भाव विभोर कर दिया। इन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के  प्रतिनिधियों को राज्यपाल ने राजकीय गमछा पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

उन्होंने भी राज्यपाल को शाल पहनाकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम में राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो, विधिक सलाहकार राजेश श्रीवास्तव, संबंधित राज्यों के प्रतिनिधि, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

ना सीटों पर बात, ना साझा रैली; राहुल की यात्रा से भी INDIA की दूरी, कैसे आई गठबंधन में गांठ…

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ना सीटों पर बात, ना साझा रैली; राहुल की यात्रा से भी INDIA की दूरी, कैसे आई गठबंधन में गांठ…

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने INDIA अलायंस से अलग होकर ही लोकसभा चुनाव में उतरने का फैसला लिया है।

उनके अलावा पंजाब में आम आदमी पार्टी भी सभी 13 सीटों पर कैंडिडेट उतारने की बात कर रही है। इसके अलावा ममता दीदी के तेवर दिखाने पर आदित्य ठाकरे का कहना है कि वह शेरनी हैं।

उनके इस बयान के भी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। इस तरह INDIA अलायंस चुनाव के आगाज से पहले ही अलग-अलग सुर दिखाते हुए बंटता नजर आ रहा है।

सीट शेयरिंग के अलावा साझा रैलियों का जो प्लान था, वह भी खटाई में ही पड़ गया है। इसकी बानगी बुधवार को कर्पूरी ठाकुर की जन्मशती पर भी देखने को मिली।

पटना में जेडीयू का कर्पूरी जयंती पर आयोजन था, जिसमें सीएम नीतीश कुमार मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इसके अलावा आरजेडी की भी अलग ही रैली थी, जिसमें लालू और तेजस्वी मौजूद थे।

ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक सवाल उठा रहे हैं कि जब कर्पूरी जैसे समाजवादी नेता की जयंती पर भी विपक्ष के नेता एकजुट नहीं हैं तो फिर साझा रैलियों के कार्यक्रम का क्या होगा।

खास बात यह है कि पीएम नरेंद्र मोदी आज से बुलंदशहर में रैली के साथ ही चुनाव अभियान का औपचारिक आगाज कर रहे हैं। इससे पहले वह साउथ इंडिया, महाराष्ट्र और गुजरात के दौरे कर ही चुके हैं।

विपक्ष के संयोजन में कमी इस हद तक है कि साझा रैलियों के प्लान पर अब कोई बात ही नहीं हो रही है, जबकि अक्टूबर में ही ऐसे एक आयोजन का प्लान था।

विपक्ष की भोपाल में मध्य प्रदेश चुनाव से पहले ही एक संयुक्त रैली की जानी थी, जिस पर कमलनाथ ने ब्रेक लगा दिया था। अब इस बारे में कोई चर्चा तक नहीं हो रही है और सीट शेयरिंग के नाम पर कुनबा बिखरने लगा है, वह संकट अलग है।

ममता बनर्जी ने तो अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए सीट शेयरिंग की समस्या बताई तो समन्वय की कमी का भी जिक्र किया।

उन्होंने साफ कहा कि राहुल गांधी की यात्रा बंगाल पहुंचने वाली है, लेकिन उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी ही नहीं दी गई है।

बता दें कि राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा आज बंगाल पहुंच जाएगी और अगले कुछ दिनों में उसकी बिहार में एंट्री होगी।

फिर भी अब तक बंगाल में टीएमसी और बिहार में आरजेडी एवं जेडीयू को साथ नहीं लिया गया है। यह स्थिति विपक्ष में बिखराव को दर्शा रही है।

खासतौर पर सीट शेयरिंग को लेकर महाराष्ट्र से पंजाब तक टकराव बना हुआ है। वहीं बिहार में आरजेडी और जेडीयू और यूपी में समाजवादी पार्टी कांग्रेस को भाव देने के मूड में नहीं है।

ऐसे में विपक्ष की यही स्थिति है कि कौन दिशा में लेकर चला रे बटोहिया। चुनावी अभियान शुरू होने को है और उसकी एकता किस हद तक है, यह देखने के लिए आने वाले दिन बेहद अहम होंगे।

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय श्री राम मंदिर पहुँचे…

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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय श्री राम मंदिर पहुँचे…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंदिर में पूजा अर्चना कर भगवान का आशीर्वाद ग्रहण किया।

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