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CG Accident News: नेशनल हाईवे पर बाइक और कार की भीषण टक्कर, युवक की मौके पर मौत, युवती ने इलाज के दौरान तोड़ा दम…

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CG Accident News: नेशनल हाईवे पर बाइक और कार की भीषण टक्कर, युवक की मौके पर मौत, युवती ने इलाज के दौरान तोड़ा दम…

कोंडागांव। नेशनल हाईवे 30 पर ग्राम आज एक भीषण सड़क हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आंवराभाटा के पास तेज रफ्तार बाइक और सामने से आ रही कार में जोरदार टक्कर हुई, जिसमें बाइक सवार युवक की मौके पर ही मौत हो गई। उसके साथ मौजूद लड़की गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जिसे तत्काल फरसगांव अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई।

हादसे की सूचना मिलते ही फरसगांव पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि बाइक सवार फरसगांव से केशकाल की ओर जा रहे थे। खबर लिखे जाने तक मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। टक्कर इतनी भीषण थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए और कार भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है।

CG Crime: झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर थाना प्रभारी करता था अवैध वसूली: शिकायत पर SP ने की कार्रवाई, TI सहित 2 आरक्षक लाइन अटैच…

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CG Crime: झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर थाना प्रभारी करता था अवैध वसूली: शिकायत पर SP ने की कार्रवाई, TI सहित 2 आरक्षक लाइन अटैच…

रायगढ़. छत्तीसगढ़ पुलिस की वर्दी पर दाग लगाने वाले 3 पुलिसकर्मियों पर एक्शन लिया गया है. इनके खिलाफ ग्रामीणों से अवैध वसूली का आरोप है. ग्रामीण की शिकायत के बाद पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने टीआई समेत दो आरक्षकों को लाइन अटैच कर दिया है.

जानकारी के मुताबिक, ग्रामीण ने शिकायत की थी कि घरघोड़ा थाना प्रभारी हर्षवर्धन सिंह बैस और दो आरक्षकों ने उस पर महुआ शराब बनाकर बेचने का झूठा आरोप लगाया. इसके बाद उसे छोटा केस बनाकर छोड़ देने की बात कहते हुए पैसों की मांग की. पीड़ित का दावा है कि यह पूरी साजिश उगाही के इरादे से रची गई थी.

जांच प्रतिवेदन में टीआई समेत दोनों आरक्षकों की लापरवाही सामने आई, जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने तीनों पुलिसकर्मियों को रक्षित केंद्र रायगढ़ भेज दिया है. इस कार्रवाई के साथ मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सायबर शाखा के उप पुलिस अधीक्षक को जिम्मेदारी सौंपी है.

CG Teacher Bharti News : शिक्षकों की भर्ती को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा कदम, पहले चरण में 5,000 शिक्षकों की होगी भर्ती, चरणबद्ध प्रक्रिया शुरू…..

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CG Teacher Bharti News : शिक्षकों की भर्ती को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा कदम, पहले चरण में 5,000 शिक्षकों की होगी भर्ती, चरणबद्ध प्रक्रिया शुरू…..

रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ एवं प्रभावशील बनाने के लिए शिक्षकों के रिक्त पदों पर चरणबद्ध भर्ती की जाएगी। प्रथम चरण में 5,000 शिक्षकों की भर्ती होगी। इस निर्णय से प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन अध्यापन व्यवस्था को गति मिलेगी और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी। शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती को लेकर विभागीय स्तर पर तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है।

छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण पहल कर रही है। इन्हीं पहल में शालाओं एवं शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण शामिल है। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया राज्य में शुरू कर दी गई है। इसके पूरा होने के बाद शिक्षकों के रिक्त पदों का आकलन कर नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

गौरतलब है कि शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को बेहतर बनाने की पहल के तहत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत है वहां शिक्षक उपलब्ध हों और बच्चों को अच्छी शिक्षा, बेहतर शैक्षणिक वातावरण और बेहतर सुविधाएं मिल सकें। युक्तियुक्तकरण का मतलब है स्कूलों और शिक्षकों की व्यवस्था को इस तरह से सुधारना कि सभी स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित हो और कोई भी स्कूल बिना शिक्षक के न रहे।

राज्य की 30,700 प्राथमिक शालाओं में औसतन 21.84 बच्चे प्रति शिक्षक हैं और 13,149 पूर्व माध्यमिक शालाओं में 26.2 बच्चे प्रति शिक्षक हैं, जो कि राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर है। हालांकि 212 प्राथमिक स्कूल अभी भी शिक्षक विहीन हैं और 6,872 प्राथमिक स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक कार्यरत है। पूर्व माध्यमिक स्तर पर 48 स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं और 255 स्कूलों में केवल एक शिक्षक है।

362 स्कूल ऐसे भी हैं जहां शिक्षक तो हैं, लेकिन एक भी छात्र नहीं है। इसी तरह शहरी क्षेत्र में 527 स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात 10 या उससे कम है। 1,106 स्कूलों में यह अनुपात 11 से 20 के बीच है। 837 स्कूलों में यह अनुपात 21 से 30 के बीच है। लेकिन 245 स्कूलों में यह अनुपात 40 या उससे भी ज्यादा है, यानी छात्रों की दर्ज संख्या के अनुपात में शिक्षक कम हैं।

युक्तियुक्तकरण से शिक्षक विहीन स्कूलों की समस्या होगी दूर

युक्तियुक्तकरण के अंतर्गत जिन स्कूलों में ज्यादा शिक्षक हैं, लेकिन छात्र नहीं, वहां से शिक्षकों को निकालकर उन स्कूलों में भेजा जा रहा है, जहां शिक्षक नहीं हैं। इससे शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक वाले स्कूलों की समस्या दूर होगी। स्कूल संचालन का खर्च भी कम होगा और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा।

एक ही परिसर में ज्यादा कक्षाएं और सुविधाएं मिलने से बच्चों को बार-बार एडमिशन लेने की जरूरत नहीं होगी। यानी एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित होंगे तो प्राथमिक कक्षाएं पास करने के बाद विद्यार्थियों को आगे की कक्षाओं में एडमिशन कराने की प्रक्रिया से छुटकारा मिल जाएगा। इससे बच्चों को पढ़ाई में निरंतरता बनी रहेगी। बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर (ड्रॉपआउट रेट) भी घटेगी। अच्छी बिल्डिंग, लैब, लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं एक ही जगह देना आसान होगा।

10,463 में से सिर्फ 166 स्कूलों का होगा समायोजन

शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार शालाओं के युक्तियुक्तकरण के तहत राज्य के कुल 10,463 स्कूलों में से सिर्फ 166 स्कूलों का समायोजन होगा। इन 166 स्कूलों में से ग्रामीण इलाके के 133 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें छात्रों की संख्या 10 से कम है और एक किलोमीटर के अंदर में दूसरा स्कूल संचालित है। इसी तरह शहरी क्षेत्र में 33 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें दर्ज संख्या 30 से कम हैं और 500 मीटर के दायरे में दूसरा स्कूल संचालित है। इस कारण 166 स्कूलों को बेहतर शिक्षा के उद्देश्य से समायोजित किया जा रहा है, इससे किसी भी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। शेष 10,297 स्कूल पूरी तरह से चालू रहेंगे।

दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण यानि तर्कसंगत समायोजन कर रही है। इसका उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत ज्यादा है, वहां संसाधनों और शिक्षकों का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो। उन स्कूलों को जो कम छात्रों के कारण समुचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें नजदीकी अच्छे स्कूलों के साथ समायोजित किया जाए, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई का समान अवसर उपलब्ध हो सके।

शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में अब होंगे पर्याप्त शिक्षक

शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण से बच्चों को ज्यादा योग्य और विषय के हिसाब से विशेषज्ञ शिक्षक मिलेंगे। स्कूलों में लाइब्रेरी, लैब, कंप्यूटर आदि की सुविधाएं सुलभ होंगी। शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में अब पर्याप्त शिक्षक मिलेंगे। जिन स्कूलों में पहले गिनती के ही छात्र होते थे, वे अब पास के अच्छे स्कूलों में जाकर बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।

ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इस बदलाव से शिक्षा का स्तर सुधरेगा। छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा है कि हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को ज्यादा सशक्त और संतुलित बनाएगी। युक्तियुक्तकरण से न सिर्फ शिक्षकों का समुचित उपयोग होगा, बल्कि बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिल सकेगी।

CG Crime: पत्नी की हत्या कर आत्महत्या का रचा था नाटक: भाई के साथ मिलकर की हत्या, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा…

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CG Crime: पत्नी की हत्या कर आत्महत्या का रचा था नाटक: भाई के साथ मिलकर की हत्या, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा…

कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा में लगभग एक साल पहले हुए महिला की संदिग्ध मौत के मामले में आज अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. पत्नी की गला दबाकर हत्या करने के बाद आत्महत्या का रूप देने वाले पति और जेठ को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. मामला उरगा थाना क्षेत्र का है.

पूरा मामला 1 साल पहले 10 मई 2024 का है, जब तरदा गांव में 28 वर्षीय सुनीता कुर्रे की लाश उसके घर के म्यार में फांसी के फंदे पर लटकती मिली थी. इस घटना की सूचना खुद उसके पति राजू कुर्रे और जेठ मनोज कुर्रे ने पुलिस को दी थी. उन्होंने पुलिस को बताया था कि सुनीता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है.

जांच में फांसी के फंदे की उंचाई कम होने के कारण पुलिस को हत्या का शक हुआ. मामले की जांच में चौंकाने वाले तथ्य यह  भी सामने आए कि शादी के बाद से ही राजू और मनोज सुनीता से लगातार पैसों की मांग कर रहे थे. पैसे नहीं देने पर दोनों ने मिलकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और फिर शव को फांसी पर लटका दिया फिर पुलिस को आत्महत्या की सूचना दी.

कोर्ट से उम्रकैद की सजा

मामले की सुनवाई तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार नंदे की अदालत में हुई.  शासकीय अभिभाषक कृष्ण कुमार द्विवेदी ने बताया कि अदालत ने सुनीता कुर्रे की हत्या के मामले में पति राजू कुर्रे और मनोज कुर्रे को आजीवन कारावास से सजा सुनाई गई है.

CG NEWS- ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के रोडमैप पर रखें फोकस : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय….

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CG NEWS- ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के रोडमैप पर रखें फोकस : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय….

रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज धमतरी में आयोजित समीक्षा बैठक में ‘विकसित छत्तीसगढ़’ का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के लिए तैयार किया गया विजन डाक्यूमेंट एक रोडमैप की तरह है, जिसमें लक्ष्य और दिशा-निर्देश स्पष्ट हैं। अधिकारी विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को साकार करने के लिए पूरी तन्मयता और जिम्मेदारी के साथ इसे परिणाम तक ले जाएं। मुख्यमंत्री श्री साय आज रायपुर और धमतरी जिले में योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने सुशासन तिहार के समापन पर कहा कि लोगों की समस्याओं के समाधान का यह सिलसिला थमना नहीं चाहिए। जन-जन से संवाद और उनकी समस्याओं का समाधान निरंतर जारी रहना चाहिए। अधिकारी कड़ी मेहनत और नवाचारी तरीकों से लोगों की समस्याओं का समाधान करें। आम जनता को देरी से न्याय मिलना, न्याय नहीं मिलने के बराबर है। उन्होंने कहा कि राजस्व त्रुटि सुधार जैसे कामों में अधिकारियों-कर्मचारियों से ही गलती होती है, लेकिन इसका नुकसान आम लोगों को होता है और उन्हें ही परेशान होना पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग में डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने और समय प्रबंधन पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि सक्रिय तहसीलदारों वाले क्षेत्रों में राजस्व प्रकरण कम लंबित रहते हैं। साथ ही, अधिकारियों को जनता के साथ अच्छा व्यवहार करने और उनके कार्यों को न्यूनतम समय में गुणवत्तापूर्वक पूरा करने का निर्देश दिया।

फ्लैगशिप योजनाओं पर दें ध्यान

मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं, जैसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पीएम आवास, और जल जीवन मिशन को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि फसल बीमा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा सर्वश्रेष्ठ राज्य चुना गया है। साथ ही, नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार धमतरी और रायपुर में पर्यटन स्थल विकसित करने की संभावनाओं को तलाशने को कहा।

शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर जोर

मुख्यमंत्री ने जिले में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने दंतेवाड़ा का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां डीईओ के बेहतर प्रदर्शन के कारण दसवीं और बारहवीं के परिणाम शानदार रहे, जिसकी प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में प्रशंसा की। स्वास्थ्य विभाग में सतत मॉनिटरिंग और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, साथ ही कृषि प्रधान धमतरी और रायपुर जिले में खरीफ फसल की तैयारी और किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने पर बल दिया।

अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे योजनाओं का लाभ

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से विभागीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों को साझा करने को कहा, ताकि राज्य स्तर पर सहायता प्रदान की जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि अधिकारियों के कार्यों की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है और प्रत्येक जिले का रिपोर्ट कार्ड उनके पास है।

उन्होंने कहा कि सुशासन तिहार के दौरान अधिकारियों ने बड़ी संख्या में आए आवेदनों का समयबद्ध समाधान किया, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों को अच्छा काम करने पर पुरस्कार और काम नहीं करेंगे तो उनकी खैर नहीं होगी।

इस मौके पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा, सांसद श्रीमती रूप कुमारी चौधरी, विधायक श्री अजय चंद्राकर, विधायक श्री ओंकार साहू, महापौर श्री रामू रोहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अरुण सार्वा, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री नेहरू निषाद, अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्ले, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री बसव राजु एस. सहित रायपुर और धमतरी जिले के अधिकारी उपस्थित थे।

रायपुर : सुशासन तिहार जनता की समस्याओं के समाधान का अभियान : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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रायपुर : सुशासन तिहार जनता की समस्याओं के समाधान का अभियान : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर : सुशासन तिहार जनता की समस्याओं के समाधान का अभियान : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रिमझिम बारिश के बीच मुख्यमंत्री पहुंचे धमतरी के समाधान शिविर में, कमल के हार से मुख्यमंत्री का जोशिला स्वागत

धमतरी जिले में सौगातों की बारिश: 213 करोड़ रुपये की लागत के विकास कार्याें की घोषणा

54 दिवसीय ‘सुशासन तिहार का धमतरी जिले में समापन

मुख्यमंत्री ने स्टॉलों का किया निरीक्षण, हितग्राहियों को किया सामग्री का वितरण

रायपुर

रिमझिम बारिश के बीच आज धमतरी के समाधान शिविर में पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नागरिकों की मांग पर 213 करोड़ रूपए की लागत के विकास कार्याें की सौगात दी। उन्होंने हाईटेक बस स्टैण्ड, अत्याधुनिक ऑडिटोरियम और तीन सड़कों के निर्माण की मंजूरी दी। आज जनता की समस्याओं के समाधान के लिए मिशन मोड में प्रदेश भर में पिछले 54 दिनों से संचालित सुशासन तिहार का आज धमतरी के पुराने कृषि उपज मंडी परिसर में आयोजित इस समाधान शिविर और समीक्षा बैठक के बाद समापन हो गया।

मुख्यमंत्री साय ने धमतरी के समाधान शिविर में आमजनों से योजनाओं की मैदानी स्थिति की जानकारी ली और व्यक्तिगत रूप से आवेदनों के समाधान की प्रक्रिया का अवलोकन किया। उन्होंने विभिन्न शासकीय स्टालों का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को प्राप्त आवेदनों का शीघ्र और संतोषजनक समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। रिमझिम बारिश के बावजूद जनसमूह का उत्साह देखते ही बनता था। कमल के फूलों के हार के साथ हजारों की संख्या में नागरिकों ने मुख्यमंत्री का जोशिला स्वागत किया।

धमतरी में बड़ी घोषणाएं

सुशासन त्योहार के अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने धमतरी जिले की बहुप्रतीक्षित मांगों को पूरा करते हुए 213 करोड़ रुपये के कार्याें की सौगात दी। उन्होंने धमतरी में हाईटेक बस स्टैंड के लिए 18 करोड़ रूपए, एक सर्वसुविधायुक्त ऑडिटोरियम के लिए 10 करोड़ 50 लाख रूपए, सिहावा चौक से कोलियारी तक फोर लेन सड़क निर्माण 5 किलोमीटर के लिए 69 करोड़ रुपए, रत्नाबन्धा से मुजगहन तक फोरलेन सड़क के लिए 56 करोड़ रूपए और धमतरी से नगरी मुख्य मार्ग नवीनीकरण और मजबूतीकरण के लिए 60 करोड़ रुपए की घोषणा की।

सुशासन के मायने अच्छा शासन

मुख्यमंत्री ने समाधान शिविर को सम्बोधित करते हुए कहा कि सुशासन का अर्थ है -अच्छा शासन। ‘सुशासन तिहार’ आपकी समस्याओं के निराकरण के लिए आयोजित त्योहार है। 8 अप्रैल से शुरू हुए इस महाअभियान के प्रथम चरण में राज्य के प्रत्येक जिले में ग्रामीणों से आवेदन लिए गए, दूसरे चरण में आवेदनों पर कार्यवाही की गई और तृतीय चरण में 08 से 10 ग्राम पंचायतों के बीच समाधान शिविरों का आयोजन कर आवेदनों के निराकरण की जानकारी हितग्राहियों को दी गई। सुशासन तिहार के दौरान अचानक गांव में पहुंचकर ग्रामीणों की चौपाल में लोगों से फीडबैक लिया गया और उनकी समस्याओं का यथासंभव समाधान किया गया। इस दौरान विकास कार्याें का औचक निरीक्षण भी किया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेशभर में 40 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 95 प्रतिशत का समाधान किया जा चुका है। यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि प्रशासन जनता के प्रति उत्तरदायी और संवेदनशील है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी का मतलब है, पूरी होने की गारंटी। पूर्व सरकार के कार्यकाल में जिन 18 लाख गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित किया गया था, उनकी चिंता करते हुए हमारी सरकार ने पहली ही कैबिनेट में इन सभी आवासों को स्वीकृति दी। अब तक लाखों हितग्राहियों को गृहप्रवेश कराया जा चुका है। हाल ही में बिलासपुर में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 3 लाख आवास और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंबिकापुर के कार्यक्रम में 51 हजार से अधिक आवासों का गृहप्रवेश कराया।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पित माओवादियों और पीड़ित परिवारों के लिए विशेष 15,000 आवास स्वीकृत किए गए हैं। इसके साथ ही विशेष जनजातियों कोरवा, पहाड़ी कोरवा, अबुझमाड़िया आदि के लिए 32,000 अतिरिक्त आवास स्वीकृत किए गए हैं। यह सभी पहल दर्शाती हैं कि सरकार समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

महतारी वंदन योजना का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 70 लाख से अधिक माताओं को इसका लाभ मिल चुका है। उन्होंने कहा कि यदि किसी महिला का नाम छूट गया है या विवाह के बाद नाम अपडेट करना है, तो उसकी भी सुविधा आगे दी जाएगी। सरकार पूरी संवेदनशीलता से सभी को योजना से जोड़ने का कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि ‘मुख्यमंत्री रामलला दर्शन योजना’ और ‘मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना’ के अंतर्गत बुजुर्गों को लाभ मिल रहा है।

योजनाओं की जानी हकीकत

मुख्यमंत्री साय ने धमतरी समाधान शिविर में पहुंचे ग्रामीणों से संवाद कर योजनाओं का फीडबैक लिया। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभान्वित हितग्राही जोधापुर डाकबंगला वार्ड की श्रीमती सुधा मारकण्डे ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें पक्का मकान मिल गया है और अब पानी टपकने और कीड़े-मकोड़े आदि का डर नहीं है। लखपति दीदी श्रीमती संतोषी हिरवानी ने बताया कि वह आजीविका के लिए मुर्गीपालन के साथ ही मछलीपालन, पशुपालन, मशरूम उत्पादन आदि का व्यवसाय कर रही हैं, इससे उन्हें 12 हजार रूपये की अतिरिक्त आय हो रही है। कला केन्द्र में कराटे और डांसिंग सिखाने वाले वेदप्रकाश साहू ने कहा कि, कलाकेन्द्र स्थापित होने से उन्हें रोजगार का अवसर मिला। आयुष्मान वय वंदन कार्ड के हितग्राही घनाराम रजवाड़े ने कार्ड के जरिए मिल रही निःशुल्क इलाज की सुविधा मिल रही है।

कार्यक्रम में राजस्व मंत्री और धमतरी जिले के प्रभारी मंत्री टंकराम वर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महासमुंद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, विधायक कुरूद अजय चन्द्राकर, जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सार्वा, महापौर रामू रोहरा, अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष नेहरू निषाद, पूर्व विधायक श्रीमती रंजना साहू, इंदर चोपड़ा, श्रीमती पिंकी शाह, श्रवण मरकाम सहित अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं प्रभारी सचिव श्रीमती रेणु पिल्ले, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव बसवराजु एस., आयुक्त, रायपुर संभाग महादेव कांवरे, कलेक्टर अबिनाश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित थे।

रायपुर : दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना से आत्मनिर्भर बनीं श्रीमती भुनेश्वरी

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रायपुर : दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना से आत्मनिर्भर बनीं श्रीमती भुनेश्वरी

रायपुर

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के हित में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। रायपुर के मोवा में रहने वाली श्रीमती भुनेश्वरी साहू के जीवन में बदलाव आया है इसकी पृष्ठभूमि पहले हमें देखनी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ई-रिक्शा को प्रोत्साहित किया। यह प्रदूषण मुक्त और सस्ता साधन है जिससे आज महिलाओं के जीवन में भी बड़ा बदलाव आया है। लोगों को भरपूर सब्सिडी मिली और बैंक लिंकेज का लाभ मिला। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने श्रम विभाग की योजनाओं से इसे जोड़ दिया और यह सोने पर सुहागा साबित हुआ। आज भुनेश्वरी की जिंदगी भी विकास की तेज रफ्तार के साथ बढ़ रही है।

रायपुर के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली श्रीमती भुनेश्वरी साहू कभी रोजी-मजदूरी कर अपने परिवार के खर्चों में अपना योगदान देती थीं। सीमित आय और कठिन परिस्थितियों में जीवन जीते हुए भी उन्होंने हार नहीं मानी। उनके अंदर आत्मनिर्भर बनने की इच्छा थी, जिसे उन्होंने कभी खत्म होने नहीं दिया। आज श्रीमती भुनेश्वरी साहू अपने आत्मविश्वास, मेहनत और छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से समाज में एक सशक्त महिला के रूप में सामने आई। अब वे अपने पैरों पर खड़ी हैं और दूसरों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं।

लगभग डेढ़ साल पहले उन्होंने ‘दीदी ई-रिक्शा योजना’ के तहत एक ई-रिक्शा खरीदी और उसे ही अपनी आजीविका का साधन बना लिया। इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा पंजीकृत महिला श्रमिकों को ई-रिक्शा खरीदने पर 1 लाख रूपए की सब्सिडी प्रदान की जाती है। श्रीमती साहू ने इस योजना का लाभ उठाते हुए न केवल अपना स्वरोजगार स्थापित किया, बल्कि अपनी मेहनत से यह सिद्ध कर दिखाया कि अगर अवसर मिले और हौसला हो, तो कोई भी महिला आत्मनिर्भर बन सकती है और किसी भी मुकाम को हासिल कर सकती है।

वर्तमान में श्रीमती साहू प्रतिदिन 6 से 8 घंटे ई-रिक्शा चलाती हैं और उसी से प्राप्त आय से अपने घर का खर्च चलाने के साथ-साथ अपने बच्चों को पढ़ा रही हैं। वे नियमित रूप से लोन की मासिक किश्त ईएमआई चुका रही हैं और भविष्य में अपने व्यवसाय के विस्तार का सपना देख रही हैं। उनका मानना है कि स्वरोजगार केवल आय का स्रोत नहीं होता, बल्कि यह आत्मसम्मान और आत्मविश्वास का प्रतीक होता है।

श्रीमती भुनेश्वरी साहू कहती हैं, पहले मैं एक श्रमिक के रूप में काम करती थी और मुश्किल से घर चलाती थी। लेकिन मेरा सपना था कि मैं कुछ अपना करूं, जिससे न केवल मेरा बल्कि मेरे बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित हो सके। जब मैंने छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीयन कराया, तब मुझे श्रम विभाग से जानकारी मिली कि सरकार महिलाओं के लिए स्वरोजगार की योजनाएं चला रही है। जब मैंने दीदी ई-रिक्शा योजना के बारे में जाना, तो मुझे लगा कि यही मौका है। मैंने साहस किया, आवेदन किया और आज परिणाम मेरे सामने है।

श्रीमती साहू कहती हैं कि सरकार की योजनाएं हम जैसे श्रमिकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। आज मैं अपने दम पर खड़ी हूं, अपने परिवार का सहारा बनी हूं और समाज में आत्मविश्वास के साथ जी रही हूं। मैं छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की आभारी हूं, जिनकी सोच और योजनाओं की वजह से आज हम महिलाएं मुख्यधारा से जुड़कर एक सम्मानजनक और खुशहाल जीवन बिता रहे हैं।

गौरेला पेंड्रा मरवाही : विश्व पर्यावरण दिवस पर जीपीएम ग्रीनाथॉन का आयोजन 5 जून को

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गौरेला पेंड्रा मरवाही : विश्व पर्यावरण दिवस पर जीपीएम ग्रीनाथॉन का आयोजन 5 जून को

गौरेला पेंड्रा मरवाही : विश्व पर्यावरण दिवस पर जीपीएम ग्रीनाथॉन का आयोजन 5 जून को

कलेक्टर एवं वनमण्डलाधिकारी ने पोस्टर का किया विमोचित

गौरेला पेंड्रा मरवाही
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून को मरवाही वनमण्डल द्वारा “जीपीएम ग्रीनाथॉन 2025” का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, प्लास्टिक उन्मूलन और आमजन में हरित जीवनशैली को प्रोत्साहित करना है। इस वर्ष की थीम “रन टू बीट प्लास्टिक, ब्रीद टू लिव फैंटास्टिक” के माध्यम से यह जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है कि स्वच्छ और स्वस्थ जीवन के लिए प्रकृति से सामंजस्य और प्लास्टिक से दूरी आवश्यक है। यह आयोजन 5 जून गुरुवार को प्रातः 6 बजे डीएफओ कार्यालय मडना डिपो से आरंभ होगा, जिसमें प्रतिभागी मरवाही के सुंदर प्राकृतिक परिदृश्यों के मध्य दौड़ते हुए पर्यावरणीय चेतना का संदेश समाज तक पहुंचाएंगे। आयोजन में 21 किलोमीटर की हॉफ मैराथन और 5 किलोमीटर की फन रन के माध्यम से हर वर्ग के नागरिकों को भागीदारी का अवसर मिलेगा। यह केवल एक दौड़ नहीं, बल्कि पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को निभाने का एक सामूहिक प्रयास है।

      कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी एवं वनमण्डलाधिकारी ग्रीष्मी चांद द्वारा संयुक्त रूप गत दिनों पोस्टर का विमोचित किया गया। वनमण्डलाधिकारी ने बताया कि विशेष रूप से, कार्यक्रम के दौरान “एक पेड़ मां के नाम 2.0” अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण एवं पौधों का वितरण भी किया जाएगा, जो पारिवारिक मूल्यों को पर्यावरणीय दायित्व से जोड़ने का एक भावनात्मक प्रयास साबित होगा। मरवाही वनमण्डल समस्त नागरिकों, युवाओं, छात्र-छात्राओं, सामाजिक संस्थाओं तथा पर्यावरण प्रेमियों से अनुरोध करता है कि वे इस प्रेरक आयोजन में सहभागिता कर एक स्वच्छ, स्वस्थ और हरित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाएं। मैराथन में भाग लेने के लिए मोबाइल नंबर +91-7898218777 अथवा +91-8349711524 पर कॉल कर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

पिथौरा विकासखंड के ग्राम पंचायत परसवानी में सुशासन तिहार का अंतिम समाधान शिविर संपन्न

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पिथौरा विकासखंड के ग्राम पंचायत परसवानी में सुशासन तिहार का अंतिम समाधान शिविर संपन्न

पिथौरा विकासखंड के ग्राम पंचायत परसवानी में सुशासन तिहार का अंतिम समाधान शिविर संपन्न

विधायक श्री संपत अग्रवाल रहे मुख्य अतिथि

समाधान पेटी में प्राप्त 1304 से ज़्यादा आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण हुआ निराकरण
                                                             
हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं में किया सामग्री का वितरण
                                                             
महासमुंद

 पूरे छत्तीसगढ़ सहित जिला महासमुंद में सुशासन तिहार के तृतीय चरण में समाधान शिविरों का आयोजन 05 मई 2025 से कलस्टर वार नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में किया किया जा रहा है। इसी क्रम में 30 मई को पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत परसवानी में अंतिम समाधान शिविर विधायक श्री संपत अग्रवाल के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ । इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष श्रीमती उषा पुरुषोत्तम धृतलहरे, उपाध्यक्ष श्री ब्रह्मानंद पटेल, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती रामकुमारी सिन्हा सहित अनेक जनप्रतिनिधि, सरपंचगण एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। इस दौरान मुख्य अतिथि एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा विभागीय स्टॉलों का अवलोकन किया गया।

शिविर में श्री अग्रवाल ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में चल रहे सुशासन तिहार की सराहना करते हुए कहा कि यह अभियान 'सरकार आपके द्वार' की भावना को साकार कर रहा है। अब लोगों को छोटी-छोटी समस्याओं के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं, अधिकारी स्वयं शिविरों में समाधान दे रहे हैं। इससे प्रशासनिक व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आया है। उन्होंने बताया कि अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों की स्थापना से ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ, प्रमाण पत्र निर्माण और राशि आहरण जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। साथ ही भूमि पंजीयन प्रणाली में भी सुधार कर रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सरल हो गई है।

परसवानी समाधान शिविर में 13 ग्राम पंचायतों के ग्रामीणजन बड़ी संख्या में शामिल हुए।सुशासन तिहार के अंतर्गत कुल 1330 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 1304 आवेदनों का निराकरण कर लिया गया। शेष आवेदनों का समाधान प्रक्रिया में है। शिविर में विभिन्न विभागों द्वारा आवेदकों को सम्बंधित समस्याओं के निराकरण की जानकारी मौके पर ही दी गई तथा अनेक लाभार्थियों को योजनाओं से सीधे लाभान्वित किया गया। शिविर में विधायक श्री अग्रवाल एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा 02 बच्चों के अन्नप्राशन संस्कार भी संपन्न कराए गए तथा 06 गर्भवती महिलाओं को पोषण किट वितरित की गई।

साथ ही खाद्य विभाग द्वारा बल्लहरी साहू, ममता सेठ, चम्पा निषाद, कमला निषाद और नीलिमा विशाल को राशन कार्ड प्रदान किए गए।समाज कल्याण विभाग ने विद्याधर भोई, भोकलो सिदार, जगतराम विश्वकर्मा, पदमिनी साब और सुकलाल नंद को राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत पेंशन आदेश सौंपे।प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आनंद नायक, सुमित्रा और उलासो को घर की चाबी सौंपी गई।पंचायत विभाग ने परसवानी की सुर्वणा, माधुरी, संताराबाई, मैथली, पड़कीपाली की जमुना और कैकेई, लरीपुर के छबिलाल यादव, मिलन सिदार और टिकेश्वर को नरेगा जॉब कार्ड वितरित किए।

इसी प्रकार से महिला स्व-सहायता समूहों विन्दावासनी समूह, सिंहारपुर को 3 लाख रुपए,महिमा समूह डोंगरीपाली को 3 रुपए लाख,मां लोहरिन बाई समूह, को 6 लाख रुपए और मां गौरीया समूह को 6 लाख रुपए का बैंक लिंकेज चेक दिए गए।राजस्व विभाग द्वारा स्वामित्व योजना के तहत चेतन, रामरतन, दुर्योधन, तिर्नाथों, सत्यानंद, इंद्रध्वज, जगत और जेराभरन को आबादी पट्टा वितरित किया गया।कृषि विभाग द्वारा परसवानी के महेन्द्र, मुक्तिराम और सिंहारपुर के दुष्यंत को धान बीज किट प्रदान की गई।सहकारिता विभाग ने जगदीश, मनबोध, हलधर, पवन और अरुण को किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किए। 23 महिला स्व-सहायता समूहों की लखपति दीदियों को सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।शिविर में एसडीएम श्री ओकारेश्वर सिंह, तहसीलर श्री नितिन ठाकुर, जनपद सीईओ श्री सीपी मनहर एवं संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि जिले में कुल 49 समाधान शिविर आयोजित किया गया। जिसमें नगरीय निकाय अंतर्गत 8 व जनपद पंचायत अंतर्गत 41 शिविर आयोजित किया गया। इनमें नगरीय निकाय महासमुंद में 3 शिविर एवं बागबाहरा, पिथौरा, बसना, सरायपाली और तुमगांव में एक-एक समाधान शिविर आयोजित हुआ। इसी तरह जनपद पंचायत पिथौरा में 10, महासमुंद, बागबाहरा व सरायपाली में 8-8 तथा बसना में 7 समाधान शिविर का आयोजन कर ग्रामीणजनों की समस्याओं का समाधान किया गया।

‘विकसित छत्तीसगढ़’ के रोडमैप पर रखें फोकस : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

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‘विकसित छत्तीसगढ़’ के रोडमैप पर रखें फोकस : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

खरीफ फसल की तैयारी और किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने के निर्देश
देरी से न्याय मिलना, न्याय नहीं मिलने के बराबर है
डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा दें और समय प्रबंधन पर रखें ध्यान

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज धमतरी में आयोजित समीक्षा बैठक में ‘विकसित छत्तीसगढ़’ का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के लिए तैयार किया गया विजन डाक्यूमेंट एक रोडमैप की तरह है, जिसमें लक्ष्य और दिशा-निर्देश स्पष्ट हैं। अधिकारी विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को साकार करने के लिए पूरी तन्मयता और जिम्मेदारी के साथ इसे परिणाम तक ले जाएं। मुख्यमंत्री श्री साय आज रायपुर और धमतरी जिले में योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने सुशासन तिहार के समापन पर कहा कि लोगों की समस्याओं के समाधान का यह सिलसिला थमना नहीं चाहिए। जन-जन से संवाद और उनकी समस्याओं का समाधान निरंतर जारी रहना चाहिए। अधिकारी कड़ी मेहनत और नवाचारी तरीकों से लोगों की समस्याओं का समाधान करें। आम जनता को देरी से न्याय मिलना, न्याय नहीं मिलने के बराबर है। उन्होंने कहा कि राजस्व त्रुटि सुधार जैसे कामों में अधिकारियों-कर्मचारियों से ही गलती होती है, लेकिन इसका नुकसान आम लोगों को होता है और उन्हें ही परेशान होना पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग में डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने और समय प्रबंधन पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि सक्रिय तहसीलदारों वाले क्षेत्रों में राजस्व प्रकरण कम लंबित रहते हैं। साथ ही, अधिकारियों को जनता के साथ अच्छा व्यवहार करने और उनके कार्यों को न्यूनतम समय में गुणवत्तापूर्वक पूरा करने का निर्देश दिया।

फ्लैगशिप योजनाओं पर दें ध्यान
मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं, जैसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पीएम आवास, और जल जीवन मिशन को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि फसल बीमा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा सर्वश्रेष्ठ राज्य चुना गया है। साथ ही, नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार धमतरी और रायपुर में पर्यटन स्थल विकसित करने की संभावनाओं को तलाशने को कहा।

शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर जोर
मुख्यमंत्री ने जिले में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने दंतेवाड़ा का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां डीईओ के बेहतर प्रदर्शन के कारण दसवीं और बारहवीं के परिणाम शानदार रहे, जिसकी प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में प्रशंसा की। स्वास्थ्य विभाग में सतत मॉनिटरिंग और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, साथ ही कृषि प्रधान धमतरी और रायपुर जिले में खरीफ फसल की तैयारी और किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने पर बल दिया।

अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से विभागीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों को साझा करने को कहा, ताकि राज्य स्तर पर सहायता प्रदान की जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि अधिकारियों के कार्यों की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है और प्रत्येक जिले का रिपोर्ट कार्ड उनके पास है। उन्होंने कहा कि सुशासन तिहार के दौरान अधिकारियों ने बड़ी संख्या में आए आवेदनों का समयबद्ध समाधान किया, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों को अच्छा काम करने पर पुरस्कार और काम नहीं करेंगे तो उनकी खैर नहीं होगी।

इस मौके पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा, सांसद श्रीमती रूप कुमारी चौधरी, विधायक श्री अजय चंद्राकर, विधायक श्री ओंकार साहू, महापौर श्री रामू रोहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अरुण सार्वा, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री नेहरू निषाद, अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्ले, मुख्य सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री बसव राजु एस. सहित रायपुर और धमतरी के अधिकारी उपस्थित थे।

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