Home Blog

हरेली तिहार पर आज मुख्यमंत्री निवास में पारंपरिक उल्लास के साथ होगा विशेष आयोजन….

0
हरेली तिहार पर आज मुख्यमंत्री निवास में पारंपरिक उल्लास के साथ होगा विशेष आयोजन….

रायपुर: छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा और कृषि परंपरा से जुड़ा प्रमुख लोकपर्व हरेली तिहार इस वर्ष 24 जुलाई को मुख्यमंत्री निवास में पारंपरिक और उल्लासपूर्ण रूप से मनाया जाएगा। छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस विशेष आयोजन में लोकजीवन की विविध रंगतें, सांस्कृतिक विरासत और किसानों के प्रति सम्मान का भाव सजीव रूप में प्रकट होगा। हरेली त्यौहार के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री निवास परिसर को छत्तीसगढ़ी लोकसंस्कृति के रंगों से सजाया गया है। पारंपरिक तोरण, हरियाली से सजे द्वार और ग्रामीण शिल्प कला से समृद्ध इस वातावरण में हरेली की वास्तविक आत्मा को अनुभव किया जा सकेगा।

कृषि यंत्रों का पूजन, गेड़ी नृत्य, सावन झूला और रामायण पाठ जैसे विविध आयोजन होंगे आकर्षण का केंद्र

आयोजन में छत्तीसगढ़ के विविध अंचलों से आए लोक कलाकारों द्वारा गेड़ी नृत्य, राउत नाचा आदि लोकनृत्यों की प्रस्तुतियाँ दी जाएँगी। सावन की फुहारों के बीच सावन झूला और सवनाही रामायण पाठ दर्शकों के आकर्षण का केंद्र होंगे। यह कार्यक्रम ना केवल एक सांस्कृतिक आयोजन होगा, बल्कि यह प्रदेश की लोकभावना और पारंपरिक धरोहर का जीवंत उत्सव भी होगा।

कृषि यंत्रों का पूजन, गेड़ी नृत्य, सावन झूला और रामायण पाठ जैसे विविध आयोजन होंगे आकर्षण का केंद्र

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय इस आयोजन में शामिल होकर कृषि यंत्रों एवं औजारों की पूजा करेंगे, जो हरेली पर्व की मुख्य परंपरा रही है। पारंपरिक से लेकर आधुनिक यंत्रों की एक विस्तृत प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिससे नई पीढ़ी को छत्तीसगढ़ की कृषि परंपराओं और यांत्रिकी प्रगति से परिचय मिलेगा।कार्यक्रम में बच्चों के लिए परंपरागत खेल और लोककला प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही हैं। हरेली तिहार को इस बार केवल एक त्योहार नहीं बल्कि पर्यावरण, परंपरा और प्रगति के मिलन के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।

कृषि यंत्रों का पूजन, गेड़ी नृत्य, सावन झूला और रामायण पाठ जैसे विविध आयोजन होंगे आकर्षण का केंद्र

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों को हरेली की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि हरेली पर्व केवल खेती और हरियाली का नहीं, बल्कि हमारे लोकजीवन, परंपरा और प्रकृति के साथ सहअस्तित्व का उत्सव है। हमारी सरकार इस सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है।हरेली तिहार के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में होने वाला यह आयोजन छत्तीसगढ़ के ग्रामीण लोकसंस्कृति को न केवल संरक्षित करने की दिशा में एक प्रयास है, बल्कि उसे सार्वजनिक जीवन के केंद्र में लाने की प्रेरक पहल भी है।

स्कूल शिक्षा विभाग में 1227 व्याख्याताओं की पदोन्नति, अब तक 7000 से अधिक पदोन्नति आदेश जारी…

0
स्कूल शिक्षा विभाग में 1227 व्याख्याताओं की पदोन्नति, अब तक 7000 से अधिक पदोन्नति आदेश जारी…

रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशों पर राज्य सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में निरंतर सुधार और शिक्षक समुदाय के हित में त्वरित निर्णय लिए जा रहे हैं। इसी क्रम में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आज दिनांक 23 जुलाई 2025 को विभिन्न विषयों के 1227 व्याख्याता (टी संवर्ग) शिक्षकों को पदोन्नति आदेश जारी किए गए हैं।

इन व्याख्याताओं की पदस्थापना काउंसिलिंग के माध्यम से की जाएगी। इन विषयों में हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, भौतिक, रसायन, जीवविज्ञान, राजनीति शास्त्र, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र और वाणिज्य जैसे मुख्य विषय शामिल हैं। यह निर्णय सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके अंतर्गत राज्य के शिक्षकों को उनके कार्य, वरिष्ठता और योग्यता के आधार पर समय पर पदोन्नति और अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि विगत एक वर्ष में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिला एवं संभाग स्तर पर लगभग 7000 पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही संपन्न की गई है। इसके साथ ही, 2621 सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) की सीधी भर्ती काउंसिलिंग के माध्यम से की गई, जिससे स्कूलों में प्रयोगात्मक शिक्षा को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके।

इससे पूर्व दिनांक 30 अप्रैल 2025 को लगभग 2900 प्राचार्यों के पदोन्नति आदेश भी जारी किए जा चुके हैं। आने वाले दिनों में पदोन्नत टी संवर्ग के प्राचार्यों की पदस्थापना भी काउंसिलिंग के माध्यम से की जाएगी, जिससे पारदर्शिता और स्थान-आवश्यकता के आधार पर समुचित व्यवस्था सुनिश्चित हो सके। ई संवर्ग के प्राचार्यों का प्रकरण माननीय न्यायालय में लंबित है। माननीय न्यायालय के निर्णयानुसार समयबद्ध रूप से आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

देश को रचनात्मक दिशा देने का कार्य किया है भारतीय मजदूर संघ ने – अरुण साव

0
देश को रचनात्मक दिशा देने का कार्य किया है भारतीय मजदूर संघ ने – अरुण साव

रायपुर: उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव आज भिलाई के बैकुंठ नगर में भारतीय मजदूर संघ के स्थापना दिवस में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। वहां अंबेडकर भवन में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने की। विधायक श्री रिकेश सेन और श्री ललित चन्द्राकर तथा दुर्ग नगर निगम की महापौर श्रीमती अलका बाघमार विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुईं।

उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने भारतीय मजदूर संघ के स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम सब भारतीय मजदूर संघ का 70वां स्वर्णिम स्थापना दिवस मना रहे हैं। उन्होंने संघ के पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि मजदूर भाईयों ने विगत 70 सालों से भारतीय मजदूर संघ के साथ ही देश को रचनात्मक दिशा देने का कार्य किया है। भारतीय मजदूर संघ दुनिया का सबसे बड़ा संघ है। इसने देश को आत्मनिर्भर बनाने में सरकार और मजदूरों के मध्य सेतु का कार्य किया है।

श्री साव ने कहा कि मोदी सरकार समाज के सभी वर्गों के हित में कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार भी इस दिशा में काम कर रही है। श्रमिकों का कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता में है। उन्होंने संघ की मांग पर भवन के लिए पदाधिकारियों से जमीन की व्यवस्था करने का आग्रह किया। उन्होंने भवन के निर्माण के लिए हरसम्भव सहयोग का भरोसा दिलाया।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने कार्यक्रम में भारत की आजादी के बाद गठित विभिन्न मजदूर संघों और उनकी विचारधारा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विधायक श्री रिकेश सेन ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारतीय मजदूर संघ एक संगठन नहीं विचारधारा है। विधायक श्री ललित चन्द्राकर ने कहा कि संघ मजदूरों के हितों के साथ ही राष्ट्रीय हित के लिए भी काम करते आ रहा है। भिलाई में बड़ी संख्या में मजदूर विभिन्न औद्योगिक संस्थानों में कार्यरत् हैं। वे सभी भारतीय मजदूर संघ से जुड़े हैं। स्थापना दिवस कार्यक्रम में भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारी, गणमान्य नागरिक, मजदूर और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री निवास में हरेली तिहार की भव्य तैयारी, ग्रामीण संस्कृति की झलक के साथ मनाया जाएगा छत्तीसगढ़ का पारंपरिक पर्व….

0
मुख्यमंत्री निवास में हरेली तिहार की भव्य तैयारी, ग्रामीण संस्कृति की झलक के साथ मनाया जाएगा छत्तीसगढ़ का पारंपरिक पर्व….

रायपुर: छत्तीसगढ़ के पहले पारंपरिक पर्व हरेली तिहार को लेकर मुख्यमंत्री निवास कार्यालय रायपुर में व्यापक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय को ग्रामीण परिवेश में आकर्षक ढ़ग से सजाया गया है। राज्य की कृषि आधारित संस्कृति और ग्रामीण जनजीवन में विशेष महत्व रखने वाले इस त्यौहार को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में 24 जुलाई को हर्षाेल्लास से मनाया जाएगा।

हरेली पर्व का आयोजन सावन अमावस्या के दिन किया जाता है, जब किसान बुवाई और रोपाई के कार्य पूरे कर चुके होते हैं। यह पर्व खेतों की उर्वरता, पशुधन की उपयोगिता और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता भाव को दर्शाता है। इस दिन बैलों, हल, गैंती, कुदाल सहित कृषि यंत्रों की विधिवत पूजा की जाती है और घर-घर में गुड़-चावल से बने चीले जैसे पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन तैयार किए जाते हैं।

मुख्यमंत्री निवास को इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी लोक परंपरा के अनुरूप सजाया गया है। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में हरेली तिहार के अवसर पर सवनाही रामायण, सावन झूला, पारंपरिक कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी एवं गेड़ी नृत्य मुख्य आकर्षण होंगे।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की विशेष मौजूदगी पूर्वान्ह 11 बजे से हरेली तिहार के कार्यक्रम होंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री कृषि यंत्रों की पूजा में करेंगे और ग्रामीण कृषि संस्कृति से जुड़े परंपरागत और आधुनिक उपकरणों की प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा “ग्राम स्वावलंबन” और “प्राकृतिक खेती” जैसे विषयों को लेकर जनसंदेश भी दिया जाएगा, जो राज्य सरकार की ग्रामीण विकास और जैविक कृषि को बढ़ावा देने की पहल है।

हरेली सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक जड़ों का उत्सव है। यह पर्व छत्तीसगढ़ की आत्मा से जुड़ा है, जो मेहनत, प्रकृति और सामूहिकता का उत्सव है। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित यह आयोजन न केवल राजधानी रायपुर के नागरिकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए सांस्कृतिक प्रेरणा बनेगा।

हरेली तिहार के अवसर पर राज्य में जगह-जगह बैल दौड़, नारियल फेंक, रस्साकशी जैसे पारंपरिक खेलों का आयोजन भी होगा। जिनमें आम नागरिकों के साथ स्कूली बच्चे और संस्कृति प्रेमी सहभागी होंगे।

बच्चों से जुड़ी योजनाओं का हो शत.प्रतिशत गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय….

0
बच्चों से जुड़ी योजनाओं का हो शत.प्रतिशत गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय….

रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि नौनिहालों के पोषण और उनको सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य प्रदान करने के लिए राज्य सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है। बच्चों के समुचित विकास हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को आपसी समन्वय के साथ मिलकर कार्य करना होगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की प्रगति एवं क्रियान्वयन की उच्च स्तरीय समीक्षा की और अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों पर केंद्रित योजनाओं की जिलेवार नियमित मॉनिटरिंग सचिव स्तर से की जाए तथा आगामी कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में इसकी गहन समीक्षा की जाएगी।

’नौनिहालों के पोषण के साथ ही सुरक्षित और सुनहरा भविष्य देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध रू मुख्यमंत्री श्री साय’

मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की आधारभूत संरचनाए बजट और संचालित योजनाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि विभाग बच्चोंए किशोरियों और महिलाओं के पोषण एवं सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने यह भी कहा कि छोटे बच्चों की देखभाल और पोषण जितनी संवेदनशीलता और कुशलता से की जाएगीए उनका शारीरिक और मानसिक विकास उतना ही प्रभावी और सुदृढ़ होगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बच्चे हमारे देश के भविष्य की नींव हैं और इस नींव को मजबूत करने के लिए सभी की सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने विभागीय अमले को जमीनी स्तर पर सक्रियता और स्वप्रेरणा के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर बल दिया कि राज्य के प्रत्येक बच्चे को पूरक पोषण आहार और विभागीय योजनाओं का समुचित लाभ प्राप्त हो।
उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित किए जाने वाले पोषण आहारए गर्म भोजनए उसकी मात्राए गुणवत्ता और कैलोरी मानकों सहित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की और वितरण की प्रक्रिया की निरंतर निगरानी की आवश्यकता बताई।

मुख्यमंत्री श्री साय ने पीएम जनमन योजना अंतर्गत संचालित 197 आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन की जानकारी ली तथा विशेष पिछड़ी जनजाति ;च्टज्ळद्ध समुदाय के बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों के पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण सूचकांकों की समीक्षा करते हुए अपेक्षित सुधार लाने हेतु ठोस प्रयास करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सूचकांकों के माध्यम से वास्तविक स्थिति का आंकलन संभव होता हैए और जहां भी कमी दिखाई देए वहां त्वरित सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में बेहतर प्रदर्शन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि यह प्रगति इसी प्रकार सतत बनी रहे। उन्होंने कहा कि बच्चों के मानसिक विकास पर छोटी.छोटी बातों और व्यवहार का गहरा प्रभाव पड़ता हैए इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संवेदनशीलता के साथ बच्चों से भावनात्मक जुड़ाव बनाएं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विभागीय अमले के नियमित प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहाए ताकि वे तकनीकी रूप से दक्ष और अनुसंधानपरक दृष्टिकोण के साथ परिणामोन्मुखी कार्य कर सकें।

बैठक में बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियानए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनाए सखी वन स्टॉप सेंटरए शक्ति सदनए महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइनए महिला कोषए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओए मिशन वात्सल्य तथा अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की गई।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़ेए मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैनए मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंहए मुख्यमंत्री के सचिव श्री पीण् दयानंदए श्री राहुल भगतए महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदीए संचालक श्री पीण् एसण् एल्मा सहित विभाग के अधिकारी.कर्मचारी उपस्थित थे।

शत-प्रतिशत दिव्यांगजनों को कौशलयुक्त बनाने का लक्ष्य : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय….

0
शत-प्रतिशत दिव्यांगजनों को कौशलयुक्त बनाने का लक्ष्य : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय….

रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि विकसित भारत @2047 के लक्ष्य तभी साकार हो सकते हैं, जब समाज के प्रत्येक वर्ग, विशेषकर दिव्यांगजनों का सशक्तिकरण सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में समाज कल्याण विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि समय की माँग है कि शतप्रतिशत दिव्यांगजनों को कौशलयुक्त बनाया जाए, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस दिशा में कार्ययोजना बनाकर त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।

बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने वृद्धजनों एवं दिव्यांगजनों के लंबित पेंशन प्रकरणों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य को सेवा-भावना के साथ प्राथमिकता में रखा जाए, ताकि पात्र हितग्राहियों को समय पर उनका अधिकार प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और निराश्रितों के कल्याण में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वृद्धाश्रमों, अनुदान प्राप्त दिव्यांग संस्थाओं और पुनर्वास केंद्रों की व्यवस्थाओं को व्यवस्थित और सुदृढ़ किया जाए। दिव्यांगजनों को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार हुनरमंद बनाकर मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। इससे वे स्व-रोजगार के अवसरों से जुड़ सकेंगे और समाज में सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे।

पेंशन प्रकरणों के त्वरित निराकरण के दिए निर्देश

समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बैठक में कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर मिलने वाले बेघर, बेसहारा, घुमंतू, दिव्यांग, बच्चे और महिलाएं यदि पुनर्वास की आवश्यकता में हों, तो उन्हें तत्काल पुनर्वास केंद्रों में पहुंचाने की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि विभिन्न पेंशन प्रकरणों का भौतिक सत्यापन करते हुए पात्र हितग्राहियों को वरीयता के आधार पर पेंशन का लाभ दिया जाए। साथ ही विभागीय हेल्पलाइन नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे अधिक से अधिक लोग इससे लाभान्वित हो सकें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने तृतीय लिंग समुदाय के पंजीयन की प्रक्रिया में तेजी लाने तथा उन्हें राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड सहित अन्य विभागीय योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने दिव्यांगजनों के लिए शिविर आयोजित कर यूडीआईडी (UDID) पंजीयन और मेडिकल बोर्ड से प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया को भी गति देने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी जरूरतमंद बच्चे, महिलाएं, युवा या बुजुर्ग कृत्रिम अंग, बैसाखी, श्रवण यंत्र, ट्राइसायकल या फिजियोथेरेपी जैसी आवश्यकताओं से जूझ रहे हों, उन्हें संबंधित उपकरण तत्काल उपलब्ध कराए जाएं। कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति बिना सहारे के न रहे, यह शासन की प्रतिबद्धता होनी चाहिए।

समीक्षा बैठक में कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण प्रदाय योजना, सामर्थ्य विकास योजना, निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना, राष्ट्रीय निःशक्तजन पुनर्वास कार्यक्रम, विभिन्न पेंशन योजनाओं सहित समाज कल्याण विभाग की अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। सभी योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और भविष्य की कार्ययोजना पर विमर्श किया गया।

अधिकारियों ने जानकारी दी कि बीते एक वर्ष में प्रदेशभर में कुल 137 दिव्यांग विशेष स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया है। इन शिविरों के माध्यम से 7669 दिव्यांगजनों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिनमें से 6671 व्यक्तियों को कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण प्रदान किए गए हैं। इससे उनके जीवन में आशा और आत्मविश्वास का संचार हुआ है।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद और श्री राहुल भगत, समाज कल्याण सचिव श्री भुवनेश यादव, संचालक श्रीमती रोक्तिमा यादव सहित समाज कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

CG- राजधानी को देश का चौथा स्वच्छ शहर बनाने में योगदान के लिए उप मुख्यमंत्री ने स्वच्छता दीदियों और सफाई कर्मियों को किया सम्मानित….

0
CG- राजधानी को देश का चौथा स्वच्छ शहर बनाने में योगदान के लिए उप मुख्यमंत्री ने स्वच्छता दीदियों और सफाई कर्मियों को किया सम्मानित….

रायपुर: रायपुर को देश का सबसे साफ-सुथरा शहर बनाने के लिए स्वच्छता के कार्यों में जनसहभागिता बढ़ानी होगी। शहर के एक-एक व्यक्ति, एक-एक परिवार को इस मिशन से जोड़ना होगा, तभी हम रायपुर को देश का स्वच्छतम शहर बना सकेंगे। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने आज रायपुर के शहीद स्मारक भवन में आयोजित स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों के सम्मान समारोह में ये बातें कहीं।

भारत सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में रायपुर को मिलियन प्लस (दस लाख से अधिक) आबादी वाले शहरों में देश का चौथा सबसे स्वच्छ शहर, गारबेज-फ्री सिटी में सेवन स्टार रैंकिंग और वाटर प्लस सर्टिफिकेशन की उपलब्धियों में स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों के सक्रिय योगदान को रेखांकित करते हुए उन्हें सम्मानित किया गया। रायपुर नगर निगम द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में सभी जोनों के स्वच्छता अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ ही 25 स्वच्छता निरीक्षकों, 144 स्वच्छता दीदियों और 52 सफाई मित्रों को सम्मानित किया गया।

उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में रायपुर सहित प्रदेश के सात शहरों को स्वच्छता के लिए उत्कृष्ट कार्यों हेतु राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। स्वच्छ सर्वेक्षण में शामिल राज्य के 169 शहरों में से 115 शहरों ने अपनी रैंकिंग सुधारी है। छत्तीसगढ़ की इस उपलब्धि में स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों का अमूल्य योगदान है, जिसके लिए वे अभिनंदन के पात्र हैं।

 रायपुर को नम्बर-1 बनाने स्वच्छता के कार्यों में बढ़ानी होगी जनसहभागिता - श्री अरुण साव

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा इनके सम्मान के लिए राज्य स्तरीय कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। श्री साव ने कहा कि शहरों को स्वच्छ, सुंदर और सुविधापूर्ण बनाने राज्य शासन नगरीय निकायों को हरसंभव सहयोग प्रदान कर रही है। शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को जनसहभागिता बढ़ाने गंभीरता से काम करना होगा।

 रायपुर को नम्बर-1 बनाने स्वच्छता के कार्यों में बढ़ानी होगी जनसहभागिता - श्री अरुण साव

रायपुर नगर निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने समारोह में कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण में रायपुर को जो उपलब्धियां हासिल हुई हैं, उसकी नींव की पत्थर हमारी स्वच्छता दीदियां और सफाई मित्र ही हैं। स्वच्छता सेवा और समर्पण का काम है जिसे ये पूर्ण मनोयोग से कर रही हैं। आने वाले समय में रायपुर को देश का सबसे साफ-सुथरा शहर बनाने के लिए हम सभी गंभीरता और सक्रियता से काम करेंगे।

 रायपुर को नम्बर-1 बनाने स्वच्छता के कार्यों में बढ़ानी होगी जनसहभागिता - श्री अरुण साव

सभापति श्री सूर्यकांत राठौर ने सफाई कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग शहर को साफ और सुंदर बनाने के लिए धूप, बरसात और ठंड में भी अपने कार्यों को अंजाम देते हैं। आप लोगों की मेहनत से हमें नई दिल्ली में सम्मानित होने का मौका मिला है। कोरोना महामारी के कठिन समय में भी आप लोगों ने सराहनीय काम किया है।

 रायपुर को नम्बर-1 बनाने स्वच्छता के कार्यों में बढ़ानी होगी जनसहभागिता - श्री अरुण साव

रायपुर नगर निगम में स्वास्थ्य विभाग की अध्यक्ष श्रीमती गायत्री चन्द्राकर और आयुक्त श्री विश्वदीप ने भी समारोह को संबोधित किया। निगम के अपर आयुक्त श्री यू.एस. अग्रवाल, श्री विनोद पाण्डेय और स्वास्थ्य अधिकारी सुश्री प्रीति सिंह सहित सभी जोनों के अध्यक्ष, एमआईसी सदस्य, पार्षदगण, अधिकारी-कर्मचारी और सफाई कर्मी बड़ी संख्या में सम्मान समारोह में मौजूद थे।

हाईकोर्ट सख्त: भारी वाहनों से सड़कें जर्जर, SECL और NTPC को लगाई फटकार

0
हाईकोर्ट सख्त: भारी वाहनों से सड़कें जर्जर, SECL और NTPC को लगाई फटकार

बिलासपुर

SECL और NTPC के भारी भरकम वाहनों से NH 343 बलरामपुर-रामानुजगंज की सड़कों की हालत खस्ताहाल हो गई है. इसके चलते नेशनल हाईवे पर हो रही सड़क दुर्घटनाओं के मामले पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. जवाब से असंतुष्ट होने पर कोर्ट ने SECL और NTPC को जमकर फटकार लगाई है.

पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने NTPC और SECL से दुर्घटनाओं पर एक्शन लिए जाने को लेकर शपथ पत्र में जवाब मांगा था. आज SECL और NTPC ने जवाब पेश किया, जिससे कोर्ट असंतुष्ट हुआ और जमकर फटकार लगाई. हाईकोर्ट ने दोनों से दोबारा शपथ पत्र में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को हरेली पर्व की दी शुभकामनाएँ….

0
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को हरेली पर्व की दी शुभकामनाएँ….

रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के परंपरागत लोकपर्व हरेली के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि हरेली छत्तीसगढ़ की मिट्टी से जुड़ा ऐसा पर्व है, जो हमारी कृषि संस्कृति, लोक परंपरा और प्रकृति प्रेम का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेली पर्व खेती-किसानी से जुड़ा पहला त्योहार है, जिसमें किसान अपने कृषि उपकरणों की पूजा कर धरती माता के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं। यह पर्व न केवल अच्छी फसल की कामना का अवसर है, बल्कि प्रकृति के साथ सामंजस्य की भावना को भी प्रकट करता है।

श्री साय ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि इस वर्ष हरेली पर्व को हम और भी सार्थक बनाएं — धरती माता की पूजा के साथ वृक्षारोपण करें, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरा-भरा भविष्य सुनिश्चित हो सके। यह पर्व केवल परंपरा नहीं, बल्कि पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का भी प्रतीक बने।

मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि हरेली पर्व प्रदेशवासियों के जीवन में खुशियाँ, समृद्धि और हरियाली लेकर आए। उन्होंने सभी नागरिकों से इस लोकपर्व को आपसी सौहार्द, प्रकृति प्रेम और परंपरा के सम्मान के साथ मनाने का आह्वान किया।

किसानों को नैनो डीएपी के वैज्ञानिक उपयोग की दी गई ट्रेनिंग, 3 लाख से अधिक बोतलों का भंडारण; प्रति एकड़ 75 रुपये का लाभ….

0
किसानों को नैनो डीएपी के वैज्ञानिक उपयोग की दी गई ट्रेनिंग, 3 लाख से अधिक बोतलों का भंडारण; प्रति एकड़ 75 रुपये का लाभ….

रायपुर: चालू खरीफ मौसम में खेती-किसानी हेतु ठोस डीएपी खाद की संभावित कमी की पूर्ति के लिए राज्य सरकार द्वारा वैकल्पिक खादों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इसी कड़ी में तरल नैनो डीएपी एक प्रभावशाली विकल्प के रूप में उभर कर सामने आया है। इसके प्रयोग से किसानों को प्रति एकड़ धान की फसल में लगभग 75 रुपए का सीधा लाभ प्राप्त हो रहा है।

राज्य शासन के निर्देशानुसार प्रदेश में इफको कंपनी द्वारा अब तक 3 लाख 5 हजार से अधिक नैनो डीएपी की बोतलों का भंडारण सुनिश्चित किया गया है। इनमें से 82 हजार 470 बोतलें डबल लॉक केंद्रों में, 1 लाख 41 हजार 389 बोतलें प्राथमिक सहकारी कृषि साख समितियों में तथा 48 हजार बोतलें निजी क्षेत्र में भंडारित हैं। वर्तमान में इफको कंपनी के पास 33 हजार से अधिक नैनो डीएपी की बोतलें शेष उपलब्ध हैं। आधा लीटर की एक नैनो डीएपी बोतल सहकारी समितियों में किसानों के लिए 600 रुपए की दर पर उपलब्ध कराई जा रही है।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, धान की एक एकड़ फसल के लिए आवश्यक 50 किलोग्राम ठोस डीएपी खाद के स्थान पर केवल 25 किलोग्राम ठोस डीएपी तथा एक आधा लीटर नैनो डीएपी की बोतल पर्याप्त होती है। एक बोरी (50 किलो) ठोस डीएपी की कीमत 1,350 रुपए है, जिसकी तुलना में नैनो डीएपी के प्रयोग से प्रति एकड़ 75 रुपए की बचत होती है। यह संयोजन पोषण की दृष्टि से एक बोरी ठोस डीएपी के समतुल्य होता है।

नैनो डीएपी के उपयोग हेतु किसानों को जागरूक किया गया है। उन्हें डेमो देकर इसकी विधि भी सिखाई गई है। राज्य सरकार ने समय रहते ठोस डीएपी की कमी की आशंका को भांपते हुए नैनो डीएपी के उपयोग को लेकर किसानों के बीच एक सघन जागरूकता अभियान चलाया। कृषि विभाग के मैदानी अमले, कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों और प्रगतिशील किसानों की सहायता से खेतों में ठोस डीएपी के साथ नैनो डीएपी के संयुक्त प्रयोग की विधियाँ किसानों को समझाई गईं।

गांव-गांव जाकर आयोजित कृषि चौपालों एवं “विकसित कृषि संकल्प अभियान” के माध्यम से किसानों को डेमो दिखाए गए और विस्तृत जानकारी दी गई। इसके साथ ही, नैनो डीएपी से संबंधित पंपलेट, बैनर और पोस्टर सहकारी समितियों में प्रदर्शित किए गए हैं। कृषि विभाग के मैदानी कर्मचारी लगातार खेतों का भ्रमण कर रहे हैं और किसानों को नैनो डीएपी के प्रयोग और इसके लाभों की जानकारी दे रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप किसान पूरे विश्वास के साथ अपनी धान की फसल में नैनो डीएपी का उपयोग कर रहे हैं।

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe