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पीएम-जनमन योजना बनी आशा की किरण: कमार जनजाति के जीवन में बहने लगी बदलाव की बयार, मिल रहा सुरक्षित जीवन और सुनहरा भविष्य…..

रायपुर:  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा विभिन्न वर्गाे के कल्याण के लिये बनाई गई योजनाओं का उचित क्रियान्वयन कर आम जनो को लाभ पहुंचाया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रारंभ किया गया प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय आदिवासी महा अभियान (पीएम-जनमन) महासमुंद जिले के कमार जनजातीय परिवारों के जीवन में आशा, आत्मबल और आत्मसम्मान का नया संचार कर रहा है। यह योजना विशेष पिछड़ी जनजातियों को मूलभूत सुविधाओं से जोड़ने की एक समर्पित पहल है, जो अब केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि समुदाय के भीतर जागरूकता, आत्मनिर्भरता और गरिमा का आधार बन चुकी है।

विशेष पिछड़ी जनजातीय कमार समुदाय, जो वर्षों से जंगलों में बसे रहकर जीवनयापन करते रहे हैं और जिनके जीवन में आधुनिक सुविधाएँ दूर की बात थीं, अब उनके जीवन स्तर में तेज़ी से सकारात्मक बदलाव आ रहा है। यह समुदाय पारंपरिक रूप से मजदूरी, वन उत्पाद और कंद-मूल पर निर्भर था। 2015-16 के आधारभूत सर्वेक्षण के अनुसार महासमुंद जिले में कुल 923 कमार परिवार हैं, जिनकी आबादी 3309 है। यह समुदाय वर्षों तक मूलभूत सुविधाओं जैसे-कच्चे मकानों, बिजली, पानी, सड़क और स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रहा है।

पीएम-जनमन के अंतर्गत जिला प्रशासन व विभिन्न विभागों द्वारा संयुक्त रूप से चलाए गए विशेष प्रयासों से इस समुदाय के जीवन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। घर-घर सर्वेक्षण कर उनकी वास्तविक जरूरतों की पहचान की गई और उन्हें योजनाओं से जोड़ा गया। अब 330 परिवारों को बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए हैं, जिससे रात्रि में पढ़ाई संभव हुई है और जहरीले जीव-जंतुओं से राहत मिली है। 314 परिवारों को प्रधानमंत्री नल-जल योजना के तहत शुद्ध पेयजल की सुविधा मिली है, जिससे गंदे पानी से होने वाली बीमारियों में कमी आई है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 678 कच्चे मकानों में से 405 को पक्के आवास मिल चुके हैं और शेष निर्माणाधीन हैं। 75 दूरस्थ बसाहटों में आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य सेवाएं और विद्यालयों की शुरुआत हो चुकी है, जिससे बच्चों का नामांकन बढ़ा है और प्रसव जैसी स्वास्थ्य सेवाएँ सुलभ हुई हैं। अब हर परिवार का राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड बन चुका है। बैंक खाते खोलने का कार्य भी लगभग पूर्ण हो चुका है, जिससे पेंशन, छात्रवृत्ति और सरकारी सहायता सीधे खातों में पहुँच रही है।

26 सड़कविहीन बसाहटों में सड़कों का निर्माण जारी है, जिससे इन क्षेत्रों का मुख्यधारा से संपर्क स्थापित हो सकेगा। मोबाइल टावर की स्थापना स्वीकृत हो चुकी है, जिससे अब डिजिटल सेवाएँ दूरदराज तक पहुँचेंगी। राशन कार्ड बनने के बाद अब प्रत्येक परिवार को प्रति माह 35 किलो चावल निःशुल्क मिल रहा है, जिससे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है और बच्चे विद्यालय जाने लगे हैं। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से 5 लाख रुपये तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा अब ग्राम स्तर पर उपलब्ध है।

इसके अतिरिक्त, महिलाओं को महतारी वंदन योजना सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलने लगा है, जिससे परिवारों में आर्थिक स्थिरता आई है। जिले में दो बहुद्देशीय केंद्रों का निर्माण अंतिम चरण में है, जहाँ आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र, रसोई, खेल मैदान और किचन गार्डन जैसी सुविधाएँ एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी। इससे सेवा वितरण में गति आएगी और समुदाय के साथ शासन का संवाद और सहभागिता सशक्त होगी। कमार समुदाय आज गर्व से कहता है कि अब वे सिर्फ लाभार्थी नहीं, बल्कि समाज के सक्रिय और सम्मानित हिस्सेदार बन चुके हैं। पीएम-जनमन उनके जीवन में बदलाव की वह बयार लेकर आया है, जिसने वर्षों की उपेक्षा को पीछे छोड़कर उन्हें उजाले की ओर अग्रसर किया है।

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