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हाईवे पर रील बनाने वालों पर हाईकोर्ट की सख्ती, सरकार से पूछा – गाड़ियां जब्त क्यों नहीं कीं?

बिलासपुर
 बिलासपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-130 पर रसूख का प्रदर्शन करते हुए रील बनाकर नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने वाले युवकों पर पुलिस द्वारा केवल जुर्माना कर मामले को शांत करने की कोशिश पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट(Chhattisgarh High Court) ने कड़ा रुख अपनाया है।

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने मामले को स्वतः संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए पूछा कि जब अन्य मामलों में गाड़ियां जब्त की जाती हैं, तो इस मामले में ऐसा क्यों नहीं किया गया? साथ ही पूछा कि मोटर व्हीकल एक्ट के अलावा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराएं क्यों नहीं लगाई गईं?।
क्या है मामला

घटना बिलासपुर-रतनपुर नेशनल हाईवे 130 की है, जहां रायपुर रोड स्थित टोयोटा शोरूम से दो फार्च्यूनर लेने के बाद वेदांत शर्मा और उसके साथियों ने आधा दर्जन से अधिक महंगी गाड़ियों के काफिले के साथ हाईवे पर रुककर ड्रोन कैमरे और पेशेवर फोटोग्राफरों की मदद से रील शूट की।

रील शूट के दौरान पूरी सड़क को अवरुद्ध कर दिया गया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ और आम जनता को भारी परेशानी उठानी पड़ी। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भारी आलोचना शुरू हुई और संबंधित अकाउंट्स डिलीट कर दिए गए।
कोर्ट की नाराजगी

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले को लंच से पहले कोज लिस्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि रसूखदार लोगों के लिए अलग और आम लोगों के लिए अलग मापदंड नहीं हो सकते।

अदालत ने पूछा क्या सिर्फ जुर्माना कर देने से कानून का पालन हो जाता है? पुलिस को यह स्पष्ट करना होगा कि गाड़ियां जब्त क्यों नहीं की गईं और अन्य धाराएं क्यों नहीं जोड़ी गईं। राज्य सरकार से अगली सुनवाई तक पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल

वीडियो वायरल होने के बाद जनदबाव और मीडिया की खबरों के चलते पुलिस ने सात गाड़ियों पर महज 2000 हजार का का चालान किया और कुल 14,000 हजार रुपये की जुर्माना वसूली की। एक अन्य वाहन पर भी बाद में चालान किया गया, लेकिन बीएनएस की धाराओं में अपराध दर्ज नहीं किया गया था, न ही कोई गिरफ्तारी या गाड़ी जब्ती हुई थी।

यह भी देखा गया कि कई गाड़ियों के नंबर अधूरे थे और आरोपी युवकों के नाम-पते या फोटो भी सार्वजनिक नहीं किए गए, जैसा आम मामलों में किया जाता है। पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति में भी केवल जुर्माना वसूली की जानकारी दी गई, जिससे जनता में और नाराजगी बढ़ गई।

न्यायालय की सख्ती के बाद सकरी पुलिस ने वेदांत शर्मा एवं अन्य युवकों के खिलाफ बीएनएस की धारा 126(2), 285 और 3(5) के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। संबंधित वाहनों की जब्ती और आरोपियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

 

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