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कलेक्टर ने स्वच्छता पेट्रोलिंग वाहन को दिखाई हरी झण्डी

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कलेक्टर ने स्वच्छता पेट्रोलिंग वाहन को दिखाई हरी झण्डी

बिलासपुर
कलेक्टर संजय अग्रवाल एवं निगग आयुक्त अमित कुमार ने आज यहां जिला कार्यालय परिसर से स्वच्छता पेट्रोल वाहन को हरी झण्डी दिखाई। उन्होंने कहा कि नगर निगम को स्वच्छता के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने के बाद स्वच्छता की निरंतरता बनाये रखने की चुनौती रहेगी। इस चुनौती को पूर्ण करने में यह विशेष टीम काफी मददगार साबित होगी।नगर निगम क्षेत्र में यह पेट्रोलिंग वाहन शहर में घुम घुमकर सार्वजनिक स्थान एवं सड़कों पर कचरा फेंकने, गंदगी करने वालों को रोकने और जुर्माना लगाने का काम करेगी। इसके अलावा सड़कों पर ठेले, गुमटी अथवा अन्य तरीके से अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी। अस्वच्छता और सड़क अतिक्रमण के खिलाफ जारी जंग में इस नयी पहल से तेजी आने की संभावना है। लगभग 30 कर्मचारी इस बस में सवार होकर शहर के विभिन्न वार्डों का सतत् दौरा करेगें। लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करेगी और कचरा नहीं फैलाने की समझाइश भी देगी। इस अवसर पर नगर निगम के स्वच्छता कर्मी एवं अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा—सड़कों पर विचरण करने वाले निराश्रित पशुओं की प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित करें

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा—सड़कों पर विचरण करने वाले निराश्रित पशुओं की प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित करें

समन्वित प्रयासों से निराश्रित पशुओं की समस्या का स्थायी समाधान आवश्यक : मुख्यमंत्री

रायपुर
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़कों पर निराश्रित पशुओं की आवाजाही पर प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की एक प्रमुख वजह निराश्रित मवेशी हैं, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए सभी संबंधित विभागों को त्वरित, ठोस और समन्वित कार्य योजना के साथ आगे बढ़ना होगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने पशुधन विकास, नगरीय प्रशासन एवं विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और लोक निर्माण विभाग को आपसी तालमेल के साथ जिम्मेदारी साझा करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह समस्या शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में गंभीर है और इसके समाधान में किसी प्रकार की ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी।

बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य में संचालित गौशालाओं, गौठानों, कांजी हाउस एवं काउ-कैचर (Cow-Catcher) जैसी व्यवस्थाओं की स्थिति की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने इन संस्थानों की वर्तमान उपयोगिता, क्षमता और सुधार की संभावनाओं पर भी गहन चर्चा की और सुझाव माँगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे स्थित गांवों में पशुओं के प्रबंधन हेतु प्रभावी एवं व्यावहारिक मॉडल विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हाईवे पर पशुओं की उपस्थिति केवल यातायात में बाधा नहीं, बल्कि जानलेवा दुर्घटनाओं का कारण बनती है, अतः इस दिशा में प्राथमिकता के साथ कार्रवाई आवश्यक है।

बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों और उनमें निराश्रित पशुओं की भूमिका की समीक्षा की गई। साथ ही, गोधन विकास से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने निराश्रित एवं लावारिस गौवंश की देखभाल, चारे की उपलब्धता और उनके पुनर्वास के लिए सुनियोजित रणनीति अपनाने की बात कही।

नगरीय क्षेत्रों में सड़कों पर घूमने वाले पशुओं की रोकथाम के लिए काउ-कैचर की कार्यप्रणाली और उसके विस्तार पर भी विचार-विमर्श किया गया। कृषि एवं पशुधन विकास विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रदेशभर की गौठानों, गौशालाओं एवं पशुधन विकास योजनाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया।

बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री विशेषर सिंह पटेल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद एवं श्री राहुल भगत, नगरीय प्रशासन विभाग एवं मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस. तथा लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बिहान योजना से बदली किस्मत: ज्योति बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल…

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बिहान योजना से बदली किस्मत: ज्योति बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल…

रायपुर: ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में चलाई जा रही बिहान योजना से बलौदाबाजार के ग्राम हथबंद की ज्योति निषाद ने न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल की, बल्कि अपने परिवार को एक नई दिशा भी दी। पहले खेती पर निर्भर रहने वाली ज्योति निषाद के परिवार की स्थिति उस समय कठिन हो गई जब उनके पति की तबीयत खराब रहने लगी।

ऐसे समय में उन्होंने ‘जय मां सरस्वती’ स्व-सहायता समूह से जुड़कर कपड़ा दर्री बुनाई, सिलाई कार्य और किराना दुकान की शुरुआत की। बिहान योजना के अंतर्गत उन्हें ₹3 लाख का बैंक लिंकेज और ₹60,000 का सामुदायिक निवेश कोष उपलब्ध कराया गया। वर्तमान में ज्योति निषाद लगभग ₹12,000 प्रतिमाह की आय प्राप्त कर रही हैं और यह उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत का परिणाम है।

बिहान योजना से मिली सहायता से वे न केवल आर्थिक रूप से सक्षम हुईं, बल्कि अब अन्य ग्रामीण महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं। श्रीमती ज्योति ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बिहान योजना हम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मार्ग मिला

प्रदेश में खेती-किसानी का कार्य तेजी के साथ जारी: मुख्यमंत्री साय का निर्देश- किसानों को उनकी मांग के अनुरूप सुगमता से मिले खाद-बीज…

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प्रदेश में खेती-किसानी का कार्य तेजी के साथ जारी: मुख्यमंत्री साय का निर्देश- किसानों को उनकी मांग के अनुरूप सुगमता से मिले खाद-बीज…

रायपुर: प्रदेश में खेती-किसानी का काम तेजी के साथ जारी है। राज्य में अब तक 36.42 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान, मक्का, कोदो, कुटकी, अरहर, मूंग, मूंगफली, रामतिल सहित विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है, जो लक्ष्य का 75 प्रतिशत है। इस खरीफ सीजन में राज्य सरकार ने 48.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का लक्ष्य रखा है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने किसानों को खेती-किसानी में सहुलियतें प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक सहयोग करने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किए हैं। उन्होंने किसानों को उनकी मांग के अनुसार सुगमता के साथ प्रमाणित खाद-बीज का वितरण करने को भी कहा हैं। कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश के किसानों को अब तक 10.20 लाख मीट्रिक टन खाद और 7.22 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया जा चुका है। 21 जुलाई 2025 की स्थिति में प्रदेश में अब तक 446.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जबकि प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 1238.7 मिमी है।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष खरीफ 2025 के लिए प्रदेश में 4.95 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें समस्त स्त्रोतों से 7.88 लाख क्विंटल बीज का भंडारण कर अब तक 7.22 लाख क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया गया है, जो मांग का 146 प्रतिशत है। जबकि खरीफ वर्ष 2024 में राज्य में बीज निगम से 4.64 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया गया था।

इसी प्रकार प्रदेश में इस खरीफ सीजन में 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उक्त लक्ष्य के विरूद्ध 13.78 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में भंडारण किया गया है। उक्त भंडारण के विरूद्ध 10.20 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का वितरण किसानों को किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 70 प्रतिशत है।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खाद-बीज वितरण व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर कड़ी कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सोसायटियों में पर्याप्त खाद-बीज का भण्डारण कर सतत निगरानी करने को कहा गया है।

रायपुर : निर्यात प्रलेखन एवं प्रक्रियाओं पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण सफलतापूर्वक सम्पन्न

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रायपुर : निर्यात प्रलेखन एवं प्रक्रियाओं पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण सफलतापूर्वक सम्पन्न

रायपुर

छत्तीसगढ़ में रैम्प (RAMP) योजना के तहत जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्रों के अधिकारियों के लिए ‘निर्यात प्रक्रियाएँ और प्रलेखन‘ विषय पर तीन दिवसीय क्षमता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण 19 से 21 जुलाई 2025 तक रायपुर स्थित उद्योग भवन में संपन्न हुआ, जिसे एक्सपोर्ट फैसिलिटेशन सेंटर और भारतीय विदेश व्यापार संस्थान कोलकाता के सहयोग से आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिकारियों को अपने जिलों में निर्यात को बढ़ावा देने और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजारों तक पहुंचाने की दिशा में दक्ष और समर्थ बनाने में महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ है।

प्रशिक्षण के पहले दिन अधिकारियों को रैम्प योजना की रूपरेखा से अवगत कराया गया। भारतीय विदेश व्यापार संस्थान कोलकाता के विशेषज्ञ डॉ. के. रंगराजन और सुसुमना दास ने अंतर्राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स, (आई.एन.सी.ओ) टर्म्स तथा भुगतान विधियों पर व्यावहारिक जानकारी दी। साथ ही बाजार पहचान एवं निर्यात योजना निर्माण पर संवादात्मक सत्र आयोजित किए गए।

दूसरे दिन डॉ. गौतम दत्ता द्वारा राज्य के चयनित उत्पादों की निर्यात संभावनाओं, सूक्ष्म व लघु उद्यमों की मार्केटिंग रणनीतियों और वैश्विक व्यापार बाधाओं पर चर्चा की गई। इसके पश्चात निर्यात कार्य योजना में जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र की भूमिका और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर मार्गदर्शन प्रदान किया गया। तीसरे दिन अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में (जीआई) उत्पादों के संवर्धन और ई-कॉमर्स निर्यात रणनीतियों पर विशेष सत्र आयोजित हुए। प्रशिक्षण के अंत में जिला निर्यात योजनाओं के निर्माण पर प्रतिभागियों को दिशा-निर्देश दिए गए। समापन अवसर पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र उप सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग, सुरेना जमील (आईएएस) द्वारा प्रदान किए गए। इस दौरान उद्योग संचालनालय के संयुक्त निदेशक शिव राठौर उपस्थित रहे। 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा—सड़कों पर विचरण करने वाले निराश्रित पशुओं की प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित करें….

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा—सड़कों पर विचरण करने वाले निराश्रित पशुओं की प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित करें….

रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़कों पर निराश्रित पशुओं की आवाजाही पर प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की एक प्रमुख वजह निराश्रित मवेशी हैं, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए सभी संबंधित विभागों को त्वरित, ठोस और समन्वित कार्य योजना के साथ आगे बढ़ना होगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने पशुधन विकास, नगरीय प्रशासन एवं विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और लोक निर्माण विभाग को आपसी तालमेल के साथ जिम्मेदारी साझा करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह समस्या शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में गंभीर है और इसके समाधान में किसी प्रकार की ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी।

बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य में संचालित गौशालाओं, गौठानों, कांजी हाउस एवं काउ-कैचर (Cow-Catcher) जैसी व्यवस्थाओं की स्थिति की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने इन संस्थानों की वर्तमान उपयोगिता, क्षमता और सुधार की संभावनाओं पर भी गहन चर्चा की और सुझाव माँगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे स्थित गांवों में पशुओं के प्रबंधन हेतु प्रभावी एवं व्यावहारिक मॉडल विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हाईवे पर पशुओं की उपस्थिति केवल यातायात में बाधा नहीं, बल्कि जानलेवा दुर्घटनाओं का कारण बनती है, अतः इस दिशा में प्राथमिकता के साथ कार्रवाई आवश्यक है।

बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों और उनमें निराश्रित पशुओं की भूमिका की समीक्षा की गई। साथ ही, गोधन विकास से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने निराश्रित एवं लावारिस गौवंश की देखभाल, चारे की उपलब्धता और उनके पुनर्वास के लिए सुनियोजित रणनीति अपनाने की बात कही।

नगरीय क्षेत्रों में सड़कों पर घूमने वाले पशुओं की रोकथाम के लिए काउ-कैचर की कार्यप्रणाली और उसके विस्तार पर भी विचार-विमर्श किया गया। कृषि एवं पशुधन विकास विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रदेशभर की गौठानों, गौशालाओं एवं पशुधन विकास योजनाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया।

बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री विशेषर सिंह पटेल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद एवं श्री राहुल भगत, नगरीय प्रशासन विभाग एवं मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस. तथा लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़कों पर निराश्रित पशुओं की आवाजाही पर प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की एक प्रमुख वजह निराश्रित मवेशी हैं, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए सभी संबंधित विभागों को त्वरित, ठोस और समन्वित कार्य योजना के साथ आगे बढ़ना होगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने पशुधन विकास, नगरीय प्रशासन एवं विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और लोक निर्माण विभाग को आपसी तालमेल के साथ जिम्मेदारी साझा करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह समस्या शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में गंभीर है और इसके समाधान में किसी प्रकार की ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी।

बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य में संचालित गौशालाओं, गौठानों, कांजी हाउस एवं काउ-कैचर (Cow-Catcher) जैसी व्यवस्थाओं की स्थिति की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने इन संस्थानों की वर्तमान उपयोगिता, क्षमता और सुधार की संभावनाओं पर भी गहन चर्चा की और सुझाव माँगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे स्थित गांवों में पशुओं के प्रबंधन हेतु प्रभावी एवं व्यावहारिक मॉडल विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हाईवे पर पशुओं की उपस्थिति केवल यातायात में बाधा नहीं, बल्कि जानलेवा दुर्घटनाओं का कारण बनती है, अतः इस दिशा में प्राथमिकता के साथ कार्रवाई आवश्यक है।

बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों और उनमें निराश्रित पशुओं की भूमिका की समीक्षा की गई। साथ ही, गोधन विकास से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने निराश्रित एवं लावारिस गौवंश की देखभाल, चारे की उपलब्धता और उनके पुनर्वास के लिए सुनियोजित रणनीति अपनाने की बात कही।

नगरीय क्षेत्रों में सड़कों पर घूमने वाले पशुओं की रोकथाम के लिए काउ-कैचर की कार्यप्रणाली और उसके विस्तार पर भी विचार-विमर्श किया गया। कृषि एवं पशुधन विकास विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रदेशभर की गौठानों, गौशालाओं एवं पशुधन विकास योजनाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया।

बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री विशेषर सिंह पटेल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद एवं श्री राहुल भगत, नगरीय प्रशासन विभाग एवं मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस. तथा लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

संगम अभियान बना महिलाओं की आर्थिक मजबूती का आधार…

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संगम अभियान बना महिलाओं की आर्थिक मजबूती का आधार…

रायपुर: जिला प्रशासन कोरिया द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में संगम अभियान के तहत निरंतर प्रभावशाली प्रयास किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में विकासखंड सोनहत की ग्राम पंचायत तंजरा में मनरेगा श्रमिक परिवारों की महिलाओं को पशुपालन पर एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिसमें 35 महिला हितग्राहियों ने सक्रिय भागीदारी की।

यह प्रशिक्षण विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए आयोजित किया गया था, जिन्हें महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत बकरी शेड, मुर्गी शेड, सुकर पालन शेड जैसी पशुपालन इकाइयाँ प्रदान की गई हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य इन महिलाओं को प्रशिक्षित कर उनके पशुधन संसाधनों का वैज्ञानिक व व्यावसायिक उपयोग सिखाना था, ताकि वे इन गतिविधियों से स्थायी आय अर्जित कर सकें।

व्यवस्थित मार्गदर्शन और तकनीकी प्रशिक्षण

इस प्रशिक्षण में पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामस्वरूप चंदे द्वारा बकरी पालन, मुर्गी पालन व सूकर पालन की आधुनिक वैज्ञानिक विधियाँ, रोग प्रबंधन, पोषण, टीकाकरण, एवं साफ-सफाई से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। महिलाओं ने पशुपालन से जुड़ी अपनी जिज्ञासाएं खुलकर रखीं, जिनका समाधान विशेषज्ञ द्वारा किया गया। इस अवसर पर ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी और बिहान टीम के सदस्य उपस्थित रहे। प्रशिक्षण के दौरान सहभागियों में उत्साह और सीखने की ललक स्पष्ट रूप से दिखाई दी।

रायपुर : संगम अभियान महिलाओं को कर रही है आर्थिक रूप से मजबूत - BccNews24

50 परिवारों को मिला पशुपालन शेड का लाभ

ग्राम पंचायत तंजरा में अब तक 50 मनरेगा श्रमिक परिवारों को पशुपालन से संबंधित शेड स्वीकृत कराए जा चुके हैं। इन्हें बिहान समूहों से जोड़ते हुए लखपति दीदी अभियान के तहत आयवर्धक गतिविधियों से सशक्त किया जा रहा है। यह पहल ग्रामीण महिलाओं को गरीबी की रेखा से ऊपर उठाने की दिशा में एक व्यवस्थित और प्रभावशाली प्रयास है।

प्रशासन की प्रतिबद्धता: हर महिला बने लखपति दीदी

जिला पंचायत कोरिया के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि यह प्रशिक्षण कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी के मार्गदर्शन में ‘संगम अभियान’ के अंतर्गत प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा की हमारा उद्देश्य सिर्फ प्रशिक्षण देना नहीं, बल्कि महिलाओं को आय आधारित गतिविधियों से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। संगम अभियान एक ऐसा मंच है जो महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनने की दिशा में अग्रसर कर रहा है। आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम निश्चित रूप से सामने आएंगे। डॉ. चतुर्वेदी ने आगे कहा कि यह पहल न केवल महिलाओं के जीवन को बदलने वाली है, बल्कि ग्राम्य अर्थव्यवस्था को भी गति देने वाली सिद्ध होगी।

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी नवलीन को बधाई – कहा, छत्तीसगढ़ की उभरती प्रतिभा को मिलेगा हरसंभव सहयोग

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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी नवलीन को बधाई – कहा, छत्तीसगढ़ की उभरती प्रतिभा को मिलेगा हरसंभव सहयोग

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी नवलीन को बधाई – कहा, छत्तीसगढ़ की उभरती प्रतिभा को मिलेगा हरसंभव सहयोग

राज्य सरकार प्रतिबद्ध है प्रदेश के हर खिलाड़ी को अवसर, संसाधन और मंच देने के लिए : मुख्यमंत्री

महासमुंद की नवलीन कौर ने तीरंदाजी में नेशनल गेम्स में बनाया स्थान, राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जीता था गोल्ड मेडल

रायपुर

खेल प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के हर खिलाड़ी को उसकी मेहनत, लगन और क्षमता के अनुरूप अवसर, संसाधन और मंच उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने महासमुंद जिले की नवोदित तीरंदाज नवलीन कौर को आगामी राष्ट्रीय खेलों में तीरंदाजी में स्थान बनाने पर बधाई और शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवलीन जैसी खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के भविष्य की नींव हैं और सरकार उन्हें खेल के हर स्तर पर निखारने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।

जन्म से ही स्वास्थ्यगत चुनौतियों से जूझने वाली नवलीन ने इसे अपनी कमज़ोरी नहीं, बल्कि ताकत में बदल दिया और खेल को अपना जीवन-मार्ग चुना। उन्होंने फरवरी 2025 में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर यह साबित कर दिया कि इच्छाशक्ति और मेहनत के आगे कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।

महासमुंद जिले के बागबाहरा की निवासी नवलीन कौर, अरविंद एवं श्रीमती रंजीत कौर छाबड़ा की सुपुत्री हैं। उनका जन्म गर्भावस्था के सातवें महीने में हुआ था, जिससे प्रारंभिक वर्षों में स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियाँ रहीं। आस-पड़ोस, रिश्तेदार और परिचित हमेशा उनकी तबीयत के बारे में पूछते रहते थे, जिससे वह कभी-कभी उदास हो जाती थीं। लेकिन नवलीन ने इस जिज्ञासा को चुनौती के रूप में स्वीकार किया और खुद को एक नई दिशा में ढाल दिया।

वर्ष 2018 में नवलीन ने बागबाहरा से लगभग पांच किलोमीटर दूर स्थित बिहाझर बालाश्रम में तीरंदाजी का प्रशिक्षण प्रारंभ किया। वे महासमुंद जिले की पहली महिला तीरंदाज बनीं। स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने दो बार राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक हासिल किए और एक बार राष्ट्रीय स्तर की स्कूली तीरंदाजी प्रतियोगिता में चौथा स्थान अर्जित किया। वर्ष 2023 में उन्होंने गुजरात में आयोजित एफजीएफआई राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया और राज्य स्तरीय सीनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।

नवलीन का लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पदक जीतना है। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में कंपाउंड बो से खेला जाता है, जिसके लिए उनके परिजनों ने उन्हें एक नया आधुनिक कंपाउंड धनुष प्रदान किया है। उन्होंने सिटी ओपन तीरंदाजी प्रतियोगिता में कंपाउंड राउंड बालिका वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त कर इसकी शानदार शुरुआत की है। वर्तमान में नवलीन कोच एवन साहू एवं खेल अधिकारी मनोज धृतलहरे से तीरंदाजी के गुर सीख रही हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि क्रिकेट की लोकप्रियता के इस दौर में कोई खिलाड़ी यदि तीरंदाजी जैसे विशिष्ट खेल में कड़ी मेहनत करके प्रदेश और देश के लिए मेडल लाने की दिशा में काम कर रहा है, तो यह न केवल सराहनीय है बल्कि प्रेरणास्पद भी। नवलीन जैसी प्रतिभाएं छत्तीसगढ़ के युवाओं को यह संदेश देती हैं कि प्रतिबद्धता, अभ्यास और आत्मविश्वास के बल पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

महासमुन्द : रक्षाबंधन पर्व को ध्यान में रखते हुए जिले में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांच हेतु खाद्य सुरक्षा अभियान चलाया गया

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महासमुन्द : रक्षाबंधन पर्व को ध्यान में रखते हुए जिले में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांच हेतु खाद्य सुरक्षा अभियान चलाया गया

महासमुन्द : रक्षाबंधन पर्व को ध्यान में रखते हुए जिले में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांच हेतु खाद्य सुरक्षा अभियान चलाया गया

त्योहार पर मिलावट पर सख्ती: जिले में खाद्य सामग्री की जांच को चला विशेष अभियान

रक्षाबंधन पर स्वच्छ और सुरक्षित खाद्य वस्तुओं के लिए प्रशासन सतर्क, शुरू हुआ जांच अभियान

महासमुन्द

राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा खाद्य सुरक्षा आयुक्त के निर्देशानुसार आगामी पर्व रक्षाबंधन को दृष्टिगत रखते हुए 21 जुलाई को पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में पनीर एवं खोवा की गुणवत्ता जांच हेतु विशेष अभियान संचालित किया गया। इसी क्रम में कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह एवं जिला अभिहीत अधिकारी सह अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महामसुंद श्री हरिशंकर पैकरा के मार्गदर्शन में खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री शंखनाद भोई द्वारा जिले के बागबाहरा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न प्रतिष्ठानों से खाद्य नमूने संकलित किए गए।

जांच के तहत प्रतिष्ठानों से विधिक खाद्य नमूने लिए गए। जिसमें मेसर्स विश्वा फैमिली रेस्टोरेंट एण्ड ढाबा बागबाहरा से पनीर एवं पका चावल, मेसर्स छत्तीसगढ़ फैमिली ढाबा एण्ड रेस्टोरेंट बागबाहरा से पनीर, मेसर्स श्री हर्षद मिष्ठान भंडार, बागबाहरा से खोवा संकलित किया गया। ये सभी खाद्य नमूने राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला, कालीबाड़ी, रायपुर को परीक्षण हेतु भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के तहत आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि विगत माह में भी कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले में अभियान चलाकर 05 पनीर के खाद्य नमूने संकलित कर राज्य प्रयोगशाला को भेजे गए थे।

रायपुर : त्योहारी सीजन में खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने चलाया जांच अभियान

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रायपुर : त्योहारी सीजन में खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने चलाया जांच अभियान

रायपुर : त्योहारी सीजन में खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने चलाया जांच अभियान

मिठाईयों एवं अन्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने खाद्य एवं औषधि प्रशासन को दिए निर्देश

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मिठाईयों एवं अन्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने खाद्य एवं औषधि प्रशासन को दिए निर्देश

रायपुर

आगामी दिनों में रक्षाबंधन सहित कई त्यौहार आने वाले हैं। त्यौहारी सीजन में मिठाईयों एवं अन्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा खाद्य एवं औषधि प्रशासन को निर्देश दिए हैं। इसके अनुसार विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में लगातार जांच अभियान चलाया जा रहा है और लगातार कार्रवाई भी की जा रही है। इसी कड़ी में सिमगा एवं भाटापारा के कई  दुकानों में भी खाद्य पदार्थों की जांच की गई।

 खाद्य एवं औषधि विभाग की  टीम  द्वारा  जिले के विभिन्न स्थानों के होटल का निरीक्षण किया गया। सिमगा स्थित बालाजी जोधपुर स्वीट्स से खोवा कतली एवं कृष्णा डेयरी से पनीर  का नमूना  लिया गया।जांच के दौरान भाटापारा के ट्रांसपोर्ट ऑफिस एवं गैराज का भी निरीक्षण कर रिकॉर्ड खंगाला गया कि कोई अमानक या नियम विरुद्ध खाद्य पदार्थों का परिवहन तो नहीं हो रहा। जांच टीम के द्वारा बिना पक्का बिल व रसीद के खाद्य पदार्थ एवं मिठाइयों का ट्रांसपोर्ट नहीं करने की हिदायत दी गई है।

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