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जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड का नाम बदलकर जिन्दल स्टील लिमिटेड हुआ

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जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड का नाम बदलकर जिन्दल स्टील लिमिटेड हुआ

रायपुर
 जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड का नाम अधिकृत रूप से बदलकर जिन्दल स्टील लिमिटेड कर दिया गया है। यह नाम परिवर्तन भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से अनुमोदन के बाद कल प्रभावी हुआ है।

जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड का नाम बदलकर जिन्दल स्टील लिमिटेड करने की मुख्य वजह यह है कि कंपनी सिर्फ अपने मुख्य काम, यानी स्टील उत्पादन पर अधिक ध्यान देने और भविष्य में एक मज़बूत स्टील कंपनी के रूप में आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है। इस नए नाम से कंपनी को देश और विदेश, दोनों जगह अपनी पहचान साफ़ तौर पर स्थापित करने में मदद मिलेगी। साथ ही, कंपनी अपनी पुरानी पहचान और मूल्यों को भी बनाए रखेगी।

यह परिवर्तन कंपनी (इनकॉरपोरेशन) नियम-2014 के नियम-29 के अनुसार किया गया है । इसकी पुष्टि के लिए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज द्वारा नए नाम को दर्शाने वाला इनकॉरपोरेशन प्रमाणपत्र जारी किया गया है।
कंपनी की कॉरपोरेट पहचान संख्या (CIN: L27105HR1979PLC009913) या इसके पंजीकृत कार्यालय के पते में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

पंजीकृत कार्यालय का पता जिन्दल स्टील लिमिटेड, ओ.पी. जिन्दल मार्ग, हिसार – 125005, हरियाणा (भारत) ही रहेगा ।
जिन्दल स्टील का नाम भले ही बदल गया हो, लेकिन यह पहले की तरह ही एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी रहेगी, जिसके शेयरों की खरीद-बिक्री लोग कर सकेंगे । कंपनी के जितने भी पुराने अधिकार, जिम्मेदारियां, लेन-देन और करार हैं, वे सब वैसे के वैसे रहेंगे और पूरी तरह से लागू होंगे । इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।

कंपनी ने इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से समस्त शेयरधारकों, भागीदारों और आम नागरिकों का ध्यान आकर्षित किया है। कंपनी ने जानकारी दी है कि नाम परिवर्तन के सिलसिले में सभी स्टॉक एक्सचेंजों और अन्य वैधानिक प्राधिकरणों को अवगत कराया गया है।

जिन्दल स्टील के बारे में
जिन्दल स्टील एक बड़ी औद्योगिक कंपनी है, जो स्टील उत्पादन, खनन और इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण कार्य कर रही है। इस कंपनी ने पूरी दुनिया में 12 अरब डॉलर (लगभग 1 लाख करोड़ रुपये) का निवेश किया है । यह लगातार अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा रही है और बेहतरीन व विश्वसनीय ढंग से काम करके मजबूती से आगे बढ़ रही है ताकि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में निरंतर योगदान कर सके। एक अग्रणी स्टील निर्माता के रूप में, जिन्दल स्टील औद्योगिक विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करने के उद्देश्य से कार्बन फुटप्रिंट घटाने और कामकाज के आधुनिक तौर-तरीके अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: कुलदीप सिंह, +919899692981; [email protected]
जिन्दल स्टील लिमिटेड (पूर्व में जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड)

रायपुर से दुर्ग तक मेट्रो रेल सेवा की सुविधा मिलेगी, सर्वे और डीपीआर तैयार के लिए पांच करोड़ रुपये का बजट

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रायपुर से दुर्ग तक मेट्रो रेल सेवा की सुविधा मिलेगी, सर्वे और डीपीआर तैयार के लिए पांच करोड़ रुपये का बजट

रायपुर
 राजधानी रायपुर और इसके आसपास के इलाके जल्द ही स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) के रूप में विकसित होंगे। खास बात यह है कि रायपुर से दुर्ग तक मेट्रो रेल सेवा की भी सुविधा मिलेगी। इसके सर्वे और डीपीआर तैयार करने के लिए सरकार ने पांच करोड़ रुपये का बजट प्रविधान किया है।

इस पहल को राज्य के विकास का नया ग्रोथ इंजन माना जा रहा है। विधानसभा में स्टेट कैपिटल रीजन संबंधी छत्तीसगढ़ राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण विधेयक- 2025 पारित होने के बाद काम ने रफ्तार पकड़ ली है। रायपुर, दुर्ग, भिलाई, नवा रायपुर अटल नगर क्षेत्र एससीआर के दायरे में आएंगे।

इसे दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ देश के मध्य में स्थित है और व्यापार, उद्योग व वाणिज्य का केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव की पहल

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर एससीआर के तहत योजनाबद्ध और शहरी विकास की योजना तैयार की गई है। इससे राजधानी व आसपास के शहरों में प्लानिंग के साथ विकास होगा। ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, नागरिक सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।

2031 तक 50 लाख पहुंचेगी आबादी

राजधानी क्षेत्र में 2031 तक 50 लाख से अधिक की आबादी का अनुमान है। बढ़ती आबादी और शहरीकरण को ध्यान में रखते हुए राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण बनाया जाएगा। यह प्राधिकरण दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद की तरह काम करेगा।

पांच करोड़ से बनेगा डीपीआर

2024-25 के बजट में एससीआर कार्यालय की स्थापना, सर्वे और डीपीआर बनाने के लिए पांच करोड़ का प्रविधान किया गया है। प्राधिकरण के लिए कार्यकारी समिति भी बनेगी, जिसके अध्यक्ष सीईओ होंगे। इसमें नगर एवं ग्राम निवेश, नगरीय प्रशासन, शहरी योजनाकार, अभियंता, पर्यावरण व वित्त विभाग के अधिकारी, एससीआर अंतर्गत जिलों के कलेक्टर सदस्य रहेंगे।

400-500 करोड़ रुपए का खर्च

वहीं, रायपुर शहर में लाइट मेट्रो चलाने में 400-500 करोड़ रुपए का खर्च हो सकता है। एमओयू साइन होने के बाद बजट की स्वीकृति सरकार से लेनी होगी। साथ ही विदेशी निवेश भी हो सकता है। रूस में लाइट मेट्रो बैट्रियों से चलती है। इसमें आठ कोच होते हैं।

विकास निधि बनेगी, खास उपकर लगाने का अधिकार

एससीआर के विकास के लिए राजधानी क्षेत्र विकास निधि बनाई जाएगी। साथ ही एक अलग पुनरावृत्ति निधि भी होगी। प्राधिकरण को अवसंरचना परियोजनाओं के लिए विशेष उपकर लगाने का अधिकार होगा। यह वार्षिक बजट बनाएगा और हर साल राज्य सरकार को प्रगति रिपोर्ट सौंपेगा।

प्राधिकरण का व्यापक उद्देश्य

एससीआर प्राधिकरण न केवल विकास योजनाएं बनाएगा, बल्कि निवेश को आकर्षित करने, आर्थिक योजनाओं को लागू करने, सरकारी व निजी हितधारकों के बीच समन्वय बनाने और अधोसंरचनात्मक विकास को बढ़ावा देने का काम भी करेगा। राज्य सरकार को उम्मीद है कि यह राजधानी और आसपास के क्षेत्रों को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

मुख्यमंत्री साय होंगे प्राधिकरण के अध्यक्ष

एससीआर विकास प्राधिकरण का नेतृत्व मुख्यमंत्री करेंगे। इसमें नगरीय प्रशासन, पर्यावरण, लोक निर्माण मंत्री, मुख्य सचिव, विभागीय सचिव और चार विधायक शामिल होंगे। चार निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भी सदस्य बनाया जाएगा। प्राधिकरण का मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईटो) संयोजक होंगे। भूमि उपयोग और पर्यावरण के अनुकूल योजनाबद्ध विकास सुनिश्चित करना इसकी प्रमुख जिम्मेदारी होगी।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना : सुरक्षित मातृत्व और पोषण के लिए महिलाओं को मिल रही है 5 हजार रूपए की सहायता राशि…

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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना : सुरक्षित मातृत्व और पोषण के लिए महिलाओं को मिल रही है 5 हजार रूपए की सहायता राशि…

रायपुर: ‘सशक्त मां – स्वस्थ भारत’ के सपने को साकार करने में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अहम भूमिका निभा रही हैं। इसके माध्यम से मातृत्व और बाल कल्याण योजनाएं संचालित हैं, जिससे ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को बड़ा सहारा मिला है।

योजना के तहत् पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं को दो किस्तों में सहायता राशि दी जाती है। पहली किस्त में 3000 रूपए दिए जाते हैं और दूसरी किस्त में 2000 रूपए की राशि प्रसव के बाद टीकाकरण की पुष्टि होने पर दी जाती है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत अब तक 20 हजार से अधिक महिलाओं को 10 करोड़ 17 लाख 85 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक तीनों वर्षों में कुल 20357 हितग्राहियों को सीधे डीबीटी के जरिए सहायता राशि दी गई है। इनमें बैकलॉग सहित 3282 महिलाओं को भी लाभ दिया गया है।

महासमुंद की इमली भाठा में रहने वाले गायत्री देवांगन ऐसी ही एक महिला हैं। उनके पति एक वेल्डर हैं। धर में सीमित आय होने पर जब उन्हें इस योजना के तहत 5000 रूपए की राशि मिली, तो उन्होंने इस राशि का उपयोग अपने अच्छे स्वास्थ्य और पोषण पर किया। इसका फायदा उन्हें नन्हे बच्चे के पोषण में मिला। इसके साथ ही उन्हें राज्य सरकार की कौशल्या मातृत्व सहायता योजना के अंतर्गत दूसरी बार गर्भवती होने पर 6000 रूपए की अतिरिक्त सहायता प्राप्त हुई। गायत्री ने आंगनबाड़ी केंद्र से जुड़कर अन्य महिलाओं को भी योजनाओं से लाभ लेने के लिए जागरूक किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वर्गीय निखिल कश्यप को दी श्रद्धांजलि, शोक संतप्त परिजनों से की मुलाकात…

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वर्गीय निखिल कश्यप को दी श्रद्धांजलि, शोक संतप्त परिजनों से की मुलाकात…

रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित विधायक कॉलोनी में आयोजित शोक सभा में शामिल होकर वन मंत्री श्री केदार कश्यप के भतीजे एवं बस्तर के पूर्व सांसद श्री दिनेश कश्यप के सुपुत्र स्वर्गीय श्री निखिल कश्यप को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने स्व. निखिल कश्यप की पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अंतिम विदाई दी तथा शोकाकुल परिजनों से भेंट कर गहरी संवेदना प्रकट की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस दुःखद अवसर पर ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजनों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े सहित अनेक जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।

 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने निखिल कश्यप को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से की संवेदना व्यक्त

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने निखिल कश्यप को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से की संवेदना व्यक्त

रायपुर,

 

 मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित विधायक कॉलोनी में आयोजित शोक सभा में शामिल होकर वन मंत्री श्री केदार कश्यप के भतीजे एवं बस्तर के पूर्व सांसद श्री दिनेश कश्यप के सुपुत्र स्वर्गीय श्री निखिल कश्यप को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने स्व. निखिल कश्यप की पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अंतिम विदाई दी तथा शोकाकुल परिजनों से भेंट कर गहरी संवेदना प्रकट की।

मुख्यमंत्री साय ने इस दुःखद अवसर पर ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजनों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े सहित अनेक जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।

आशुतोष राणा से प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी व पत्नी अदिति पटेल चौधरी ने होटल में की मुलाकात, खोला राज

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आशुतोष राणा से प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी व पत्नी अदिति पटेल चौधरी ने होटल में की मुलाकात,  खोला राज

रायपुर

Rise & Shine कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे अभिनेता और मोटिवेशनल स्पीकर आशुतोष राणा से प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी और उनकी पत्नी अदिति पटेल चौधरी ने होटल में मुलाकात की. इस दौरान होटल की लिफ्ट से नीचे उतरने के दौरान आशुतोष राणा ने अपना एक राज मंत्री ओपी चौधरी के सामने खोला.

ओपी चौधरी की मुलाकात से पहले आशुतोष राणा के फैन्स और रोटरी कॉस्मो डीवाज़ क्लब की अध्यक्ष और सदस्यों ने भी उनसे मुलाकात की और उन्होंने खूब सारे सवाल उनसे पूछे. कुछ सवाल आशुतोष और उनकी पत्नी से जुड़े हुए भी थे.

आशुतोष राणा, मंत्री ओपी चौधरी, उनकी पत्नी अदिति पटेल जब लिफ्ट से उनके साथ नीचे उतर रहे थे, तब उनकी मैनेजर ने मंत्री को बताया कि ‘सर ने जितनी भी किताबें लिखी है वो ज्यादातर रात में ही लिखी गई है’. इसके बाद आशुतोष ने हंसते हुए कहा कि- हां, मुझे देर रात तक जागने की आदत हो गई है… फिर उन्होंने हंसते हुए मंत्री से कहा कि- ओपी जी… हमने ‘फिट रहने के लिए नींद जरूरी’ के फार्मूला को फेल कर दिया है, जिसमें ये कहा जाता है कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए 7-8 घंटे की नींद जरूरी है. आशुतोष राणा ने बताया कि वो मात्र 4-5 घंटे की रोजाना नींद लेते है और फिर भी वे पूरी तरह से फीट है.

इसके बाद मंत्री ओपी चौधरी की पत्नी अदिति पटेल को भी ये कहना पड़ा कि जब से वे मंत्री बने है, तब से उनकी भी नींद चंद घंटे की ही रह गई है. इस दौरान मंत्री और उनकी पत्नी ने आशुतोष राणा को अगली बार छत्तीसगढ़ दौरे में आने के दौरान अपने घर आने का न्योता भी दिया.

स्वास्थ्य मंत्री का डीकेएस अस्पताल में आकस्मिक निरीक्षण, मरीजों से की मुलाकात और जानी सुविधाएं….

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स्वास्थ्य मंत्री का डीकेएस अस्पताल में आकस्मिक निरीक्षण, मरीजों से की मुलाकात और जानी सुविधाएं….

रायपुर: स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बुधवार की सुबह 7 बजे राजधानी रायपुर स्थित डीकेएस अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मंत्री श्री जायसवाल ने अस्पताल में भर्ती मरीजों से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली तथा उपचार और मिलने वाली सुविधाओं के बारे में पूछा।

 स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सुबह 7 बजे किया डीकेएस अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण

स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल में भर्ती बच्चों और महिला मरीजों से आत्मीयता से बात कर उनके हालचाल जाने और इलाज संबंधी जानकारी ली। उन्होंने मरीजों के परिजनों से भी चर्चा की और उनकी समस्याएं सुनीं।

निरीक्षण के दौरान श्री जायसवाल ने अस्पताल परिसर की साफ-सफाई, दवा वितरण, चिकित्सकीय जांच, ऑपरेशन थियेटर, वार्ड व्यवस्था जैसी सुविधाओं का भी जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों से संवाद कर मरीजों की देखभाल में और अधिक संवेदनशीलता बरतने के निर्देश दिए।

 स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सुबह 7 बजे किया डीकेएस अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण

मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि राज्य सरकार आम नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी कर्मचारियों को मरीजों के हित में समर्पित भाव से कार्य करना चाहिए।

किसानों की समृद्धि और संस्कृति से जुड़ा हरेली पर्व: छत्तीसगढ़ की खेती-किसानी को मिला नया संबल…

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किसानों की समृद्धि और संस्कृति से जुड़ा हरेली पर्व: छत्तीसगढ़ की खेती-किसानी को मिला नया संबल…

रायपुर: प्रदेश सरकार किसानों के आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। गांव, गरीब और किसान सरकार की पहली प्राथमिकता में हैं। देश की जीडीपी में कृषि का बड़ा योगदान है, छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का मूल आधार भी कृषि ही है और छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहलाता है। मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार की इन डेढ़ साल के अवधि में किसानों के हित में लिए गए नीतिगत फैसलों से खेती किसानी को नया संबल मिला है।

बीते खरीफ विपणन वर्ष में किसानों से समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख मीेट्रिक टन धान की खरीदी कर रिकॉर्ड कायम किया है। छत्तीसगढ़ में हरेली त्यौहार का विशेष महत्व है। हरेली छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार है। इस त्यौहार से ही राज्य में खेती-किसानी की शुरूआत होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह त्यौहार परंपरागत् रूप से उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन किसान खेती-किसानी में उपयोग आने वाले कृषि यंत्रों की पूजा करते हैं और घरों में माटी पूजन होता है। गांव में बच्चे और युवा गेड़ी का आनंद लेते हैं। इस त्यौहार से छत्तीसगढ़ की संस्कृति और लोक पर्वों की महत्ता भी बढ़ गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में गेड़ी के बिना हरेली तिहार अधूरा है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर प्रति एकड़ 21 क्विंटल 3100 रूपए प्रति क्विंटल की मान से धान खरीदीकर न सिर्फ किसानों को मान बढ़ाया, बल्कि किसानों को उन्नति की ओर ले जाने में भी उल्लेखनीय कार्य किया है। साथ ही किसानों के खाते में रमन सरकार के पिछले दो वर्ष का बकाया धान के बोनस 3716.38 करोड़ रूपए अंतरित कर किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत कर दी है। मुख्यमंत्री का मानना है कि भारत गांवों में बसता है। जब किसान खुशहाल होंगे तो प्रदेश का व्यापार, उद्योग बढे़गा।

परंपरा के अनुसार वर्षों से छत्तीसगढ़ के गांव में अक्सर हरेली तिहार के पहले बढ़ई के घर में गेड़ी का ऑर्डर रहता था और बच्चों की जिद पर अभिभावक जैसे-तैसे गेड़ी भी बनाया करते थे। हरेली तिहार के दिन सुबह से तालाब के पनघट में किसान परिवार, बड़े बजुर्ग बच्चे सभी अपने गाय, बैल, बछड़े को नहलाते हैं और खेती-किसानी, औजार, हल (नांगर), कुदाली, फावड़ा, गैंती को साफ कर घर के आंगन में मुरूम बिछाकर पूजा के लिए सजाते हैं। माताएं गुड़ का चीला बनाती हैं। कृषि औजारों को धूप-दीप से पूजा के बाद नारियल, गुड़ के चीला का भोग लगाया जाता है। अपने-अपने घरों में अराध्य देवी-देवताओं की साथ पूजा करते हैं। गांवों के ठाकुरदेव की पूजा की जाती है।

विशेष लेख : राज्य सरकार के नीतिगत फैसलों से खेती किसानी को नया संबल मिला

हरेली पर्व के दिन पशुधन के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए औषधियुक्त आटे की लोंदी खिलाई जाती है। गांव में यादव समाज के लोग वनांचल जाकर कंदमूल लाकर हरेली के दिन किसानों को पशुओं के लिए वनौषधि उपलब्ध कराते हैं। गांव के सहाड़ादेव अथवा ठाकुरदेव के पास यादव समाज के लोग जंगल से लाई गई जड़ी-बूटी उबाल कर किसानों को देते हैं। इसके बदले किसानों द्वारा चावल, दाल आदि उपहार में यादवों को भेंट करने की परंपरा रही हैं।

सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हरेली पर्व मनाया जाता है। हरेली का आशय हरियाली ही है। वर्षा ऋतु में धरती हरा चादर ओड़ लेती है। वातावरण चारों ओर हरा-भरा नजर आने लगता है। हरेली पर्व आते तक खरीफ फसल आदि की खेती-किसानी का कार्य लगभग हो जाता है। माताएं गुड़ का चीला बनाती हैं। कृषि औजारों को धोकर, धूप-दीप से पूजा के बाद नारियल, गुड़ का चीला भोग लगाया जाता है। गांव के ठाकुर देव की पूजा की जाती है और उनको नारियल अर्पण किया जाता है।

हरेली तिहार के साथ गेड़ी चढ़ने की परंपरा अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग सभी परिवारों द्वारा गेड़ी का निर्माण किया जाता है। परिवार के बच्चे और युवा गेड़ी का जमकर आनंद लेते है। गेड़ी बांस से बनाई जाती है। दो बांस में बराबर दूरी पर कील लगाई जाती है। एक और बांस के टुकड़ों को बीच से फाड़कर उन्हें दो भागों में बांटा जाता है। उसे नारियल रस्सी से बांध़कर दो पउआ बनाया जाता है। यह पउआ असल में पैर दान होता है जिसे लंबाई में पहले कांटे गए दो बांसों में लगाई गई कील के ऊपर बांध दिया जाता है। गेड़ी पर चलते समय रच-रच की ध्वनि निकलती हैं, जो वातावरण को औैर आनंददायक बना देती है। इसलिए किसान भाई इस दिन पशुधन आदि को नहला-धुला कर पूजा करते हैं। गेहूं आटे को गूँथ कर गोल-गोल बनाकर अरंडी या खम्हार पेड़ के पत्ते में लपेटकर गोधन को औषधि खिलाते हैं। ताकि गोधन को रोगों से बचाया जा सके। गांव में पौनी-पसारी जैसे राऊत व बैगा हर घर के दरवाजे पर नीम की डाली खोंचते हैं। गांव में लोहार अनिष्ट की आशंका को दूर करने के लिए चौखट में कील लगाते हैं। यह परम्परा आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यमान है।

पिहले के दशक में गांव में बारिश के समय कीचड़ आदि हो जाता था उस समय गेड़ी से गली का भ्रमण करने का अपना अलग ही आनंद होता है। गांव-गांव में गली कांक्रीटीकरण से अब कीचड़ की समस्या काफी हद तक दूर हो गई है। हरेली के दिन गृहणियां अपने चूल्हे-चौके में कई प्रकार के छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाती है। किसान अपने खेती-किसानी के उपयोग में आने वाले औजार नांगर, कोपर, दतारी, टंगिया, बसुला, कुदारी, सब्बल, गैती आदि की पूजा कर छत्तीसगढ़ी व्यंजन गुलगुल भजिया व गुड़हा चीला का भोग लगाते हैं। इसके अलावा गेड़ी की पूजा भी की जाती है। शाम को युवा वर्ग, बच्चे गांव के गली में नारियल फेंक और गांव के मैदान में कबड्डी आदि कई तरह के खेल खेलते हैं। बहु-बेटियां नए वस्त्र धारण कर सावन झूला, बिल्लस, खो-खो, फुगड़ी आदि खेल का आनंद लेती हैं।

रायपुर : खमढोड़गी जलाशय में बैम्बू राफ्टिंग और नौकायन की हुई शुरुआत, पर्यटन से स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार

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रायपुर : खमढोड़गी जलाशय में बैम्बू राफ्टिंग और नौकायन की हुई शुरुआत, पर्यटन से स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार

रायपुर : खमढोड़गी जलाशय में बैम्बू राफ्टिंग और नौकायन की हुई शुरुआत, पर्यटन से स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार

पर्यटन को नया आयाम: खमढोड़गी जलाशय में शुरू हुई राफ्टिंग, स्थानीयों के लिए खुले रोजगार के द्वार

खमढोड़गी जलाशय में बैम्बू राफ्टिंग की शुरुआत, पर्यटन से बढ़ेगा स्थानीय रोजगार

रायपुर के खमढोड़गी में राफ्टिंग और नौकायन का आगाज़, पर्यटन से गांवों को मिलेगा नया जीवन

रायपुर

कांकेर जिले के ग्राम खमढोड़गी (ग्राम पंचायत कोकपुर) में आज से पर्यटन की एक नई पहल की शुरुआत हो गई है। कांकेर विधायक आशाराम नेताम ने खमढोड़गी जलाशय में बैम्बू राफ्टिंग और नौकायन (नौका विहार) का शुभारंभ किया। यह पहल राज्य सरकार की ग्रामीण पर्यटन विकास नीति और स्थानीय रोजगार सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक नेताम ने कहा कि खमढोड़गी जैसे स्थलों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और इस पहल से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने पर्यटन विकास के लिए 50 लाख रुपये देने की घोषणा भी की। 

इस मौके पर कलेक्टर निलेश क्षीरसागर ने बताया कि यह योजना क्षेत्र के विकास और युवाओं को रोजगार से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में यहाँ ट्रेकिंग, होम स्टे और अन्य पर्यटन सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा। इस अवसर पर विधायक और कलेक्टर ने जलाशय में नौकायन कर इसका आनंद लिया और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। इस कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष अरुण कौशिक, उपाध्यक्ष उत्तम यादव, जिला पंचायत सदस्य सुमृदुला भास्कर, पूर्व विधायक शिशुपाल शोरी , स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट विनय शर्मा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया…

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट विनय शर्मा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया…

रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के वरिष्ठ एवं सम्मानित फोटो जर्नलिस्ट श्री विनय शर्मा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि श्री विनय शर्मा जी का निधन पत्रकारिता जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

मुख्यमंत्री ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि विनय जी अपने सौम्य व्यक्तित्व, संवेदनशील दृष्टिकोण और पत्रकारिता के प्रति समर्पण के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। उन्होंने पत्रकारिता को जन सरोकारों से जोड़ने का कार्य निष्ठा और गरिमा के साथ किया।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट श्री विनय शर्मा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। – Dakhal Chhattisgarh

मुख्यमंत्री श्री साय ने ईश्वर से प्रार्थना की कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति दें।

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