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रायपुर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज रायपुर में छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की…

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रायपुर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज रायपुर में छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की…

वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित भौगोलिक क्षेत्रों और हिंसा दोनों में उल्लेखनीय कमी आई है

वामपंथी उग्रवाद की समस्या अब छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों तक ही सीमित है

अगले तीन वर्षों के भीतर इन क्षेत्रों को माओवादी खतरे से मुक्त करना होगा

गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवाद को बनाए रखने में सहायक पूरे इकोसिस्टम को टारगेट करने के लिए विस्तृत रोडमैप बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया

राज्य पुलिस सुरक्षा कमियां पूरी करे, व्यापक जांच सुनिश्चित करे, अभियोजन की बारीकी से निगरानी करे और फंडिंग के रास्तों को बंद करे

केंद्रीय गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की सम्पूर्ण कवरेज की आवश्यकता पर बल दिया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज रायपुर में छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा , केंद्रीय गृह सचिव, राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, आसूचना ब्यूरो (IB) के निदेशक और CRPF के महानिदेशक सहित कई अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि तीन आंतरिक सुरक्षा स्थितियों- जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद-में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया है और इनमें हिंसा में लगभग 75% की कमी आई है।

इनके प्रभाव वाले भौगोलिक क्षेत्र में भी लगभग 80 प्रतिशत तक की कमी आई है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) अब उत्तरपूर्व के लगभग 80% क्षेत्रों से हटा लिया गया है।

वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में हुई प्रगति की सराहना करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित भौगोलिक क्षेत्रों और हिंसा दोनों में उल्लेखनीय कमी आई है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों और सभी केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों के कारण वामपंथी उग्रवाद की समस्या अनिवार्य रूप से अब छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों तक ही सीमित है।

इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों को अगले तीन वर्षों के भीतर माओवादी खतरे से मुक्त करने की जरूरत है।

गृह मंत्री ने  खासकर वामपंथी उग्रवाद को बनाए रखने में सहायक पूरे तंत्र को टारगेट करने को लेकर सभी संबंधित हितधारकों द्वारा एक विस्तृत रोडमैप तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य पुलिस को शेष सुरक्षा कमियों को दूर करने, व्यापक जांच सुनिश्चित करने, अभियोजन की बारीकी से निगरानी करने, फंडिंग के रास्तों को बंद करने और खुफिया नेतृत्व वाले ऑपरेशन जारी रखने के निर्देश दिए।

उन्होंने मल्टी-एजेंसी सेंटर के माध्यम से साझा किए गए सभी इनपुट की समीक्षा करने और सत्यापित इनपुट को संचालित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की सम्पूर्ण कवरेज की आवश्यकता पर बल दिया और इसके लिए सुरक्षा बलों के कैंपों का उपयोग करने को कहा ताकि नजदीक के गांवों में इन योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सके।

उन्होंने उल्लेख किया कि गृह मंत्रालय को छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद से अत्यधिक प्रभावित जिलों में धन के आवंटन और इसके उपयोग दोनों मामलों में लचीला होना चाहिए।

गृह मंत्री ने वास्तविक अधिकारों के बारे में सभी स्थानीय शिकायतों के सक्रिय और संवेदनशील प्रबंधन की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।

इसके बाद, केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देश पर केंद्रीय गृह सचिव द्वारा वामपंथी उग्रवाद से अत्यधिक प्रभावित जिलों के कलेक्टरों और एसएसपी के साथ एक विस्तृत बातचीत की गई।

राम के नाम पर दूसरों को डराओ नहीं, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले क्या बोले बाबा रामदेव…

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राम के नाम पर दूसरों को डराओ नहीं, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले क्या बोले बाबा रामदेव…

योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि भगवान राम के नाम पर लोगों को डराने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि 1947 में देश को राजनीतिक आजादी मिली थी, लेकिन अब रामलला की प्राण प्रतष्ठिा से देश को सांस्कृतिक स्वतंत्रता मिलने जा रही है।

रामदेव ने प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त को लेकर कहा कि मंदिर निर्माण स्वयं प्रभु की इच्छा से हो रहा है और प्राण प्रतिष्ठा जब श्रीराम की हो तो सभी मुहूर्त दिव्य हो जाते हैं।

इससे जुड़े सवाल करने वाले लोग अज्ञानी हैं। उन्होंने कहा, ‘भगवान राम के नाम पर लोगों को मत डराओ कि मुहूर्त पवित्र नहीं है।

भगवान राम तम्बू से मंदिर आ रहे हैं और गर्भगृह का निर्माण पूरा हो गया है। यह सिर्फ राम मंदिर का निर्माण नहीं है। यह राम राज्य की ओर देश की प्रगति है।’

अयोध्या में श्री रामलला मंदिर के प्राण प्रतष्ठिा समारोह में शामिल होने आए संतों ने पवित्र सरयू की राम की पैड़ी पर बातचीत की।

इस दौरान, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन से लेकर देश के साधु-संतों के योगदान और राजनीति की भी चर्चा हुई।

रामदेव ने इस सम्मेलन की शुरुआत करते हुए कहा, ‘वर्ष 1947 में देश को राजनीतिक आजादी मिली थी, लेकिन अब श्री रामलला की प्राण प्रतष्ठिा के साथ ही देश को सांस्कृतिक स्वतंत्रता मिलने जा रही है।

इसका सभी देशवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और अब यह इंतजार खत्म होने वाला है।’

असंख्य रामभक्तों का बहाया है अपना रक्त: साध्वी ऋतंभरा
इस अवसर पर, साध्वी ऋतंभरा ने मंदिर आंदोलन के दिनों को याद करते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा हो रही है, लोग पूछते हैं कि इसका श्रेय किसे दिया जाए।

उन्होंने बताया कि इसमें असंख्य रामभक्तों का रक्त बहा है। कई माताओं के पुत्र छिने हैं, कइयों का सिंदूर मिटा है। घरों के आंगन सूने हो गए तब जाकर ये दिन देखने को मिला है।

इस बीच उन्होंने कई ओजस्वी कविताओं का पाठ भी किया। इस दौरान डॉ. परमात्मा नंद सरस्वती, ज्ञानानंद महाराज, निर्मला नंद नाथ, माधव प्रिय दास, आचार्य कृष्ण मणि दास, संतोष दास (सतुआ बाबा) व आलोक दास मौजूद रहे। 

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर यूपी में कड़ाके की ठंड, इन राज्यों में भी शीतलहर अलर्ट…

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राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर यूपी में कड़ाके की ठंड, इन राज्यों में भी शीतलहर अलर्ट…

अयोध्या में आज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है।

पूरा देश राममय है। राम की ऐसी लगन लगी है कि लोग ठंड को भी भूल गए।

हालांकि आज उत्तर प्रदेश, राजधानी दिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत कड़ाके की ठंड की चपेट में हैं। यूपी के कई हिस्सों में सुबह घना कोहरा छाया रहा।

कई जगहों पर लोग ठंड के मारे अपने घरों में ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मना रहे हैं। मौसम विभाग ने यूपी के लिए ठंड का अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग का कहना है कि अगले चार दिनों तक ठंड से राहत की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि 25 जनवरी से शीतलहर का प्रभाव खत्म होगा। 

यूपी-बिहार में दिखा घना कोहरा
IMD के मुताबिक उत्तर प्रदेश और बिहार के कई इलाकों में अभी घना कोहरा छाया रहेगा। सोमवार को भी कोहरे के चलते दृश्यता काफी कम रही।

पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी कोहरा देखा गया। हरियाणा और पंजाब में भी 24 तारीख तक कड़ाके की ठंड का अलर्ट जारी किया गया है। 

कैसा रहेगा अयोध्या का मौसम
अयोध्या के मौसम को लेकर मौसम विभाग ने कहा है कि आसमान साफ रहेगा। बारिश की कोई गुंजाइश नहीं है हालांकि ठंड से राहत नहीं रहेगी।

अयोध्या का न्यूनतम तापमान 6 से 8 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है।

धुंध औऱ बदली जरूर छाई रह सकती है। वहीं दोपहर में 1 बजे के बाद धूप खुलने की भी उम्मीद है। बता दें कि ठंड के चलते ही भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में शामिल नहीं हो रहे हैं। 

दिल्ली में कैसा रहेगा मौसम
राजधानी दिल्ली में रविवार को अधिकतम तापमान 15.8 डिग्री दर्ज किया गया था।

वहीं न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री तक पहुंच गया। रेलवे के मुताबिक सोमवार को दिल्ली पहुंचने वाली लगभग 11 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। वहीं दिल्ली में भी 24 जनवरी तक घने कोहरे और कड़ाके की ठंड का अलर्ट जारी किया गया है। 

रायपुर : विशेष लेख : छत्तीसगढ़ के कण-कण में बसे हैं प्रभु श्रीराम…

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रायपुर : विशेष लेख : छत्तीसगढ़ के कण-कण में बसे हैं प्रभु श्रीराम…

आलेख-ताराशंकर सिन्हा

अयोध्या में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश में खुशी और उमंग का वातावरण है। प्रभु श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में भी उत्सव और आनंद का माहौल है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर इस ऐतिहासिक पल की यादों को संजोने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में 22 जनवरी को रामोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

दरअसल प्रभु श्रीराम के वनवास काल की यादें आज भी छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में बिखरी हुई हैं। इन स्मृतियों को संजोने का काम किया जा रहा है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि छत्तीसगढ़ की कण-कण में राम बसते हैं।

श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर छत्तीसगढ़ में जगह-जगह आयोजन हो रहे हैं। मंदिरों की साफ-सफाई, मानस गान सहित मंदिरों में भण्डारे जैसे आयोजन किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के लोगों से 22 जनवरी को दीपोत्सव का आयोजन की अपील की है। छत्तीसगढ़ में माता शबरी की नगरी, शिवरीनारायण और माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी में भव्य रामोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

पूरे मंदिर परिसर की आकर्षक सजावट की गई है। इस मौके पर दीपोत्सव का आयोजन भी किया जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर छत्तीसगढ़ के हर घर में अपार उत्साह और उमंग का माहौल है। लोग स्वस्फूर्त ढंग से अपने घरों की सजावट कर रहे हैं।

प्रभु श्रीराम का छत्तीसगढ़ से गहरा नाता रहा है। ऐसी मान्यता है कि त्रेतायुग में छत्तीसगढ़ को दक्षिण कोसल के नाम से जाना जाता था, संभवतः इसी आधार पर राम को कोशलाधीश कहा जाता है।

दक्षिण कोसल को ही श्रीराम का ननिहाल कहा जाता है। प्रभु श्रीराम ने वनवास काल का अधिकांश समय यहीं बिताया इसकी स्मृति चिन्ह भी अनेक स्थानों पर मौजूद हैं।

यह भी मान्यता है कि बलौदाबाजार के तुरतुरिया स्थित वाल्मीकि आश्रम में माता सीता ने पुत्र लव और कुश को जन्म दिया था। श्रीराम के पुत्र कुश की राजधानी श्रावस्ती (वर्तमान में सिरपुर, जिला महासमुन्द) में होने के प्रमाण विभिन्न ग्रंथों में मिलते हैं।

सिहावा क्षेत्र को सप्तऋषियों की तपोभूमि कहा जाता है। जनश्रुतियों के अनुसार सिहावा के प्राचीन मंदिर कर्णेश्वर मंदिर का संबंध त्रेतायुग से बताया जाता है।

पूरे देश में संभवतः छत्तीसगढ़ ही ऐसा राज्य है जहां लोग अपने भांजे के पैर छूकर प्रणाम करते हैं। कहा जाता है कि दक्षिण कोसल श्रीराम का ननिहाल होने के कारण उन्हें समूचे छत्तीसगढ़ का भांजा माना जाता है और यहां के लोग प्रभु श्री राम को श्रद्धा पूर्वक प्रणाम करते हैं। इसी कारण यहां के लोग अपने भांजे को श्रीराम का स्वरूप मानते हुए प्रणाम करते हैं और यह परिपाटी पूरे प्रदेश में है।

रामचरित मानस के बालकांड, किष्किंधा कांड और अरण्यक कांड में त्रेतायुग के ऋषि मुनियों को सताने वाले, उनके यज्ञ का ध्वंस करने वाले राक्षसों का वर्णन है। वनवास काल में ही इन्हीं राक्षसों का वध प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण द्वारा किए जाने का उल्लेख है। तत्कालीन दंडक क्षेत्र वर्तमान में बस्तर संभाग के अधिकांश जिलों में सम्मिलित है।

वनवास के दौरान माता सीता का अपहरण किए जाने के पश्चात उनकी खोज में प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण वन में यत्र तत्र भटकते रहे। इसी बीच उनकी भेंट शबरी माता से हुई, जिनके जूठे बेर प्रभु ने ग्रहण किए। शिवरीनारायण मंदिर (जिला जांजगीर) में स्थापित मंदिर में इसके अनेकों प्रमाण उपलब्ध हैं।

मंदिर प्रांगण में एक अतिप्राचीन बरगद का पेड़ है जिसके पत्ते आज भी दोना के आकार में मुड़े हुए हैं। ऐसी मान्यता है कि शबरी ने इसी पेड़ के पत्तों से दोना बनाकर प्रभु श्रीराम को जूठे बेर परोसे थे।

यहीं समीप के ग्राम खरौद में लक्ष्मणेश्वर मंदिर है जहां राम के अनुज लक्ष्मण ने शक्ति बाण के दुष्प्रभाव से मुक्त होने यहां स्थित प्राचीन शिवलिंग पर चावल के एक लाख साबूत दाने चढ़ाए थे। इसके बाद वे मेघनाथ के द्वारा चलाए गए शक्ति बाण के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त हो गए।

 सरगुजा की सीताबेंगरा की गुफा को विश्व की सबसे प्राचीनतम नाट्यशाला माना जाता है। इस गुफा का इतिहास प्रभु श्री राम के वनवासकाल से जुड़ा है।

कहा जाता है कि वे माता सीता और लक्ष्मण ने वनवास के समय उदयपुर ब्लॉक अंतर्गत रामगढ़ की पहाड़ी और जंगल में समय व्यतीत किया था।

रामगढ़ के जंगल में तीन कमरों वाली एक गुफा भी है जिसे सीताबेंगरा के नाम से जाना जाता है। सीताबेंगरा का शाब्दिक अर्थ है सीता माता का निजी कक्ष।

भरत मुनि के नाट्यशास्त्र में इस बात का उल्लेख मिलता है कि इस जगह पर विश्व की सबसे प्राचीनतम नाट्यशाला है, जहां पर उस समय लोग नाटकों का यहां मंचन किया करते थे।

यह भी मान्यता है कि त्रेता युग में प्रभु श्री राम का खल्लारी (वर्तमान में जिला महासमुन्द) आगमन हुआ था, इस स्थान को द्वापर युग में खलवाटिका नगरी के नाम से जाना जाता था। यह भी मान्यता है कि प्रभु श्रीराम जिस नाव से यहां आए थे, अब वो पत्थर में तब्दील हो चुका है, और वो वैसा का वैसा ही है।

मेक्सिको में भी गूंजा जय श्री राम, रामलला हुए विराजमान; बना देश का पहला मंदिर…

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अयोध्या में रामलला के विराजने से पहले मेक्सिको में भी देश के पहले राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो गया है।

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के भव्य आयोजन से एक दिन पहले मेक्सिको में राम मंदिर का उद्घाटन हुआ है। इस कार्यक्रम में अमेरिका से एक पुजारी आए थे, जिन्होंने पूजा कराई।

यही नहीं मेक्सिको के इस राम मंदिर में लगीं भगवान राम और माता जानकी की मूर्तियां भी भारत से ही बनकर गई हैं।

मंत्रोच्चार के बीच मंदिर का उद्घाटन हुआ तो यहां सैकड़ों की संख्या में मौजूद भारतीय मूल के लोगों ने भजन और कीर्तन भी किया। 

राम मंदिर बनने की जानकारी मेक्सिको में स्थित भारतीय दूतावास ने भी दी है। दूतावास ने एक्स पर लिखा, ‘मेक्सिको में भगवान राम का पहला मंदिर! अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले मेक्सिको के क्वेरेटारो में मंदिर बनकर पूरा हो गया है।

यहीं पर भगवान हनुमान का मंदिर भी है। यह भी मेक्सिको का पहला हनुमान मंदिर है।’ दूतावास ने बताया कि इस आयोजन में अमेरिका से एक पुजारी आए थे। उनके नेतृत्व में मेक्सिको के भारतीय मूल के लोगों ने राम की पूजा की और भजन आरती कार्यक्रम हुआ। दूतावास ने लिखा कि माहौल राममय था और दिव्य ऊर्जा से भरा हुआ था।

भारतीय मूल के लोग बड़ी संख्या में कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस समेत तमाम देशों में रहते हैं। अयोध्या में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों में भी जबरदस्त उत्साह है।

कहीं रैलियां और शोभायात्राएं निकाली जा रही हैं तो कहीं पर मंदिरों में भव्य आयोजन हो रहे हैं। बता दें कि विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों ने बड़ी मात्रा में राम मंदिर निर्माण के लिए दान भी दिया है।

त्रिनिदाद एंड टोबैगो में भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले भव्य आयोजन हुआ है।

गौरतलब है कि भारत में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले उत्साह का माहौल है। अयोध्या के अलावा देश के तमाम गांवों और शहरों में उत्साह देखा जा रहा है।

हर मंदिर में कुछ न कुछ आयोजन है और लोग पूजा-पाठ आदि करके भगवान राम का स्वागत करने को उत्सुक हैं।

रामलला का आशीर्वाद लेने आएं अयोध्या; बाबरी के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी की अपील…

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रामलला का आशीर्वाद लेने आएं अयोध्या; बाबरी के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी की अपील…

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूरे देश और भारतीय संस्कृति के लिए ऐतिहासिक अवसर है।

यही नहीं मतभेदों को भुलाकर समाज भी एकजुट होता दिख रहा है। रामजन्मभूमि मामले में बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने सभी से अपील है कि उन्हें अयोध्या आकर रामलला का आशीर्वाद लेना चाहिए।

इकबाल अंसारी ने सोमवार को कहा कि पूरा देश खुशियां मना रहा है। सभी लोगों को भगवान राम का आशीर्वाद लेने के लिए अयोध्या आना चाहिए। इकबाल अंसारी खुद भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन में जाने वाले हैं। उन्हें भी राममंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से न्योता दिया गया था।

इकबाल अंसारी बाबरी मस्जिद के पक्षकार थे और दशकों चले ंमुकदमे में उनके पिता हाशिम अंसारी वादी थे। वह इस मामले के सबसे उम्रदराज वादी थे।

हालांकि इस केस के चलते उन्होंने कभी समाज में कटुता नहीं फैलने दी। इकबाल अंसारी 30 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी के आयोजन में भी मौजूद थे।

यही नहीं मोदी को देखने आए सैकड़ों लोगों में वह भी शामिल थे और पीएम नरेंद्र मोदी पर पुष्प वर्षा करते नजर आए। उन्होंने कहा था कि यह हमारे लिए ऐतिहासिक अवसर है और पूरे देश से लोग रामलला का आशीर्वाद लेने आ रहे हैं। जो लोग अभी नहीं आ पा रहे, उन्हें भविष्य में आना चाहिए।

अयोध्या में चल रहे विकास कार्यों और राम मंदिर के निर्माण पर भी उन्होंने संतोष जताया था। 

इकबाल अंसारी के पिता हाशिम अंसारी की 2016 में मौत हो गई थी। उनके बाद खुद इकबाल इस केस के पक्षकार बन गए थे।

गौरतलब है कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए तमाम दिग्गज पहुंच रहे हैं। कारोबारी जगत से मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, कुमार मंगलम बिड़ला जैसी हस्तियां पहुंच रही हैं।

वहीं मनोरंजन, क्रिकेट जगत के भी लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं। कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती भी अयोध्या पहुंच चुके हैं।

हालांकि राम मंदिर के आंदोलन के नेता रहे लालकृष्ण आडवाणी इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। उन्होंने अपने स्वास्थ्य और बढ़ी हुई ठंड को देखते हुए ऐन वक्त पर अपना प्लान बदल लिया है।

रायपुर : श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को छत्तीसगढ़ में रहेगा आधे दिन का शासकीय अवकाश…

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रायपुर : श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को छत्तीसगढ़ में रहेगा आधे दिन का शासकीय अवकाश…

छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया आदेश

अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ में 22 जनवरी को आधे दिवस का शासकीय अवकाश रहेगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की घोषणा के परिपालन में छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस आशय का आदेश जारी कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ से भगवान श्रीराम का गहरा नाता रहा है। छत्तीसगढ़ उनका ननिहाल है। भगवान श्रीराम अयोध्या में जन्मे, उनकी माता कौशल्या का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ है।

इस तरह प्रभु श्रीराम छत्तीसगढ़ के भांजे हैं। वनवास काल के 14 वर्षों में से 10 वर्ष उन्होंने छत्तीसगढ़ के जंगलों में व्यतीत किए।

प्रभु श्री राम को माता शबरी ने शिवरीनारायण में चख-चख कर मीठे बेर खिलाएं थे। वे छत्तीसगढ़ के जन-जन के मन में रचे-बसे हैं।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अयोध्या में हो रही श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पूरा छत्तीसगढ़ हर्षित है।

22 जनवरी को आधे दिवस दोपहर 2.30 बजे तक राज्य के सभी शासकीय कार्यालयों एवं संस्थाओं में सामान्य अवकाश रहेगा, ताकि छत्तीसगढ़ के लोग भी  रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आनंद ले सकें और उत्सव मना सकें।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के मंदिरों में अच्छी साज-सज्जा की गई है और विभिन्न तरह के धार्मिक आयोजन भी चल रहे हैं।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, किया महात्मा गांधी का जिक्र…

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अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अनुष्ठान के प्रमुख यजमान होंगे। प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर अयोध्या धाम की यात्रा पर शुभकामनाएं दी हैं।

इसके अलावा उन्होंने इस पत्र में महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए राम नाम की महिमा का बखान किया है। 

राष्ट्रपति ने इस पत्र में लिखा, प्राण प्रतिष्ठा के लिए आप विधिवत तपश्चर्या कर रहे हैं। उस पावन परिसर में आपके द्वारा संपन्न की जाने वाली अर्चना से हमारी अद्वितीय सभ्यतागत यात्रा का एक ऐतिहासिक चरण पूरा हो जाएगा।

उन्होंने कहा, हम सभी का सौभाग्य है कि हम सब अपने राष्ट्र के पुनरुत्थान के एक नए कालचक्र के शुभारंभ के साक्षी बन रहे हैं।

उन्होंने पत्र में लिखा कि प्रभु श्री राम द्वारा साहस, करुणा और अटूट कर्तव्यनिष्ठा की प्रतिष्ठा की गई थी उन्हें इस भव्य मंदिर के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जा सकेगा। 

किया महात्मा गांधी का जिक्र
राष्ट्रपति ने पत्र में लिखा, गांधी जी ने बचपन से ही रामनाम का आश्रय लिया और उनकी अंतिम सांस तक रामनाम उनकी जिह्वा पर रहा।

गांधी जी ने कहा था कि यद्यपि मेरी बुद्धि और ह्रदय ने बहुत पहले ही ईश्वर के सर्वोच्च गुण और नाम को सत्य रूप में अनुभव कर लिया था, मैं सत्य को राम के नाम से ही पहचानता हूं।

मेरी अग्नि परीक्षा के सबसे कठिन दौर में राम का नाम ही मेरा रक्षक रहा है र अब भी वह नाम मेरी रक्षा कर रहा है। 

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सुबह 10:25 पर अयोध्या पहुंचने वाले हैं। इसके बाद दोपहर 12 बजे के बाद प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा।

12:30 मिनट पर प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान होगा और 12:45 तक यह कार्यक्रम संपन्न हो जाएगा। दोपहर 1 बजे से दो बजे तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को संबोधित करेंगे।

भगवान राम की पूजा अर्चना और प्राण प्रतिष्ठा के पहले के अनुष्ठान 16 जनवरी से ही शुरू हो गए हैं। 

मंदिरों में पूजा, सीधा प्रसारण…राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विदेशों में ऐसी तैयारी; कनाडा में खास ऐलान…

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मंदिरों में पूजा, सीधा प्रसारण…राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विदेशों में ऐसी तैयारी; कनाडा में खास ऐलान…

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में गिने-चुने घंटे शेष रह गए हैं।

इससे पहले ही देश और दुनिया में जश्न का माहौल है। जहां देश में अलग-अलग जगहों पर तमाम आयोजन हो रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ दुनिया भर में भी जश्न मनाया जा रहा है।

दुनिया के विभिन्न देशों में प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम के लाइव स्ट्रीमिंग की भी तैयारियां हैं। वहीं, कार्यक्रम से पूर्व ही खुशियों का दौर शुरू हो गया है। आइए जानते हैं किस देश में क्या माहौल है…

मॉरिशस
मॉरिशस की 48 फीसदी आबादी हिंदू है। यहां पर सरकार ने 22 जनवरी को हिंदू कर्मचारियों को ऑफिस से दो घंटे का स्पेशल ब्रेक दिया हुआ है।

भारत में मॉरिशस के उच्चायुक्त हेमंडोयाल दिलुम ने बताया कि इस खास मौके पर मंदिरों में दिए जलाए जाएंगे। इसके अलावा रामायण की चौपाइयां भी पढ़ी जाएंगी।

वहीं, मॉरिशस सनातन धर्म टेंपल फेडरेशन के अध्यक्ष घूरबिन भोजराज ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे और इसके मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनाथ होंगे।

अमेरिका
अमेरिका में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खास आयोजन किया गया है। इस मौके पर अमेरिका में करीब 300 जगहों पर लाइव टेलीकास्ट होगा।

इसमें न्यूयॉर्क का टाइम्स स्क्वॉयर भी शामिल है। विश्व हिंदू परिषद, अमेरिकी चैप्टर ने 10 राज्यों में 40 से ज्यादा जगहों पर बिलबोर्ड्स लगाए हैं।

इनमें टेक्सास, इलिनॉयस, न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी और जॉर्जिया आदि शामिल हैं। मंदिरों में साप्ताहिक जश्न की तैयारी और कई शहरों में रैलियां निकाली जाएंगी।

ब्रिटेन
ब्रिटेन में हिंदू समुदाय ने प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर कई कार रैलियां आयोजित की हैं। ऐसी ही एक रैली पश्चिम लंदन में कोलियर रोड पर सिटी पवेलियन से शुरू हुई और पूर्वी लंदन तक गई।

इसके अलावा विभिन्न मंदिरों में जश्न की तैयारी है। इसके साथ ही साथ 100 से अधिक जगहों पर लाइव स्ट्रीमिंग होनी भी तय है।

फ्रांस
फ्रांस में इस मौके पर एक विशाल रथ यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। यह रथ यात्रा दे ला चैपेल से 12 बजे दोपहर में निकलेगी और एफिल टॉवर से होकर गुजरेगी।

यात्रा से पूर्व प्रार्थनाएं और विश्व कल्याण यज्ञ आयोजित होगा। इसमें पूजा के बाद आरती होगी और प्रसाद वितरण होगा। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा। 

ऑस्ट्रेलिया और कनाडा
इसी तरह के आयोजन की तैयारी ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी है। ऑस्ट्रेलिया में प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर हिंदू समुदाय कुछ प्रमुख शहरों में कार रैली निकालेगा।

इसके अलावा मंदिरों में पूजा पाठ और प्राण प्रतिष्ठा के सीधे प्रसारण का भी इंतजाम है। वहीं, कनाडा में भी कार्यक्रम के लाइव स्ट्रीमिंग की तैयारी है।

यहां के ओंटारिया शहर के दो कस्बों, ओकविले और ब्रांपटन ने 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया है।

प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयार ‘राममय’ अयोध्या, पुष्पों और रोशनी से सजी भगवान राम की नगरी…

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प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयार ‘राममय’ अयोध्या, पुष्पों और रोशनी से सजी भगवान राम की नगरी…

राम मंदिर में सोमवार को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के भव्य आयोजन के लिए अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सज-धजकर तैयार है और इस बहु-प्रतीक्षित समारोह के धार्मिक अनुष्ठानों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य यजमान के रूप में शामिल होंगे।

रामलला प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन ही मंदिर को आमजन के लिए खोल दिया जाएगा।

‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह 22 जनवरी (सोमवार) दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर एक बजे तक उसके पूरा होने की उम्मीद है।

इसके बाद प्रधानमंत्री आयोजन स्थल पर संतों और प्रतिष्ठित हस्तियों समेत 7,000 से अधिक लोगों की सभा को संबोधित करेंगे। 

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, रविवार को राम लला की मूर्ति को विभिन्न तीर्थ स्थलों से लाए गए ‘औषधियुक्त’ और पवित्र जल से भरे 114 घड़ों से स्नान कराया गया।

ट्रस्ट के एक सदस्य ने कहा, ”मूर्ति को आज ‘मध्याधिवास’ में रखा गया। ‘रात्रि जागरण अधिवास’ आज से शुरू होगा। राम लला की पुरानी मूर्ति की पूजा ‘यज्ञशाला’ में की जा रही है। चेन्नई और पुणे समेत कई स्थानों से आए फूलों से अनुष्ठान किए जा रहे हैं।”

उन्होंने कहा, ”आज मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा अपने परिवार के साथ, विहिप प्रमुख आर. एन. सिंह और अन्य लोग अनुष्ठान कर रहे हैं। 

प्राण प्रतिष्ठा समारोह संबंधी अनुष्ठान 16 जनवरी को सरयू नदी से शुरू हुआ था, जो सोमवार दोपहर ‘अभिजीत मुहूर्त’ में पूरा होगा।” समारोह के लिए आमंत्रित कुछ लोग रविवार को अयोध्या पहुंच गए और अन्य लोगों के सोमवार सुबह पहुंच जाने की उम्मीद है। ऐसी उम्मीद है कि लाखों लोग टेलीविजन और ऑनलाइन मंचों पर इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखेंगे।

इसे देखते हुए केंद्र सरकार समेत कई राज्य सरकारों ने आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की है। प्राधिकारियों ने भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में रविवार को समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। इसके साथ ही देश और विदेश में इस अवसर पर विशेष उत्सव की घोषणा की गयी है।

वाशिंगटन डीसी से लेकर पेरिस और सिडनी तक दुनिया के विभिन्न हिस्सों में 22 जनवरी को कार्यक्रमों की घोषणा की गयी है। ये कार्यक्रम 60 देशों में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) या हिंदू प्रवासी समुदाय द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं।

अयोध्या को पुष्पों और रोशनी से सजाया गया है और रविवार को जगह-जगह लगाये गये लाउडस्पीकर पर ‘राम धुन’ बजाई गई।

शहरवासी भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान के रूप में तैयार होकर सड़कों पर निकले और उनके पीछे-पीछे मंत्रमुग्ध भक्त भी रैलियों में शामिल हुए। पुष्प पैटर्न और रोशनी से ‘जय श्री राम’ का चित्रण करने वाले औपचारिक द्वार शहर की आभा को बढ़ा रहे हैं। 

14  कपल बनेंगे यजमान
मैसूरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की 51 इंच की नयी मूर्ति को बृहस्पतिवार दोपहर को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया गया।

‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों से 14 दंपती ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के लिए ‘यजमान’ होंगे। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर में प्रवेश पूर्वी दिशा से होगा और निकासी दक्षिण दिशा से होगी। 

मंदिर की खासियत
मंदिर की पूरी संरचना तीन मंजिला होगी। श्रद्धालुओं को मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए पूर्वी दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़नी होगी। पारंपरिक नागर शैली में बना मंदिर परिसर 380 फुट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फुट चौड़ा और 161 फुट ऊंचा होगा।

मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फुट ऊंची होगी और उसमें कुल 392 स्तंभ और 44 द्वार होंगे। 

कड़ी सुरक्षा
उत्तर प्रदेश सरकार इस विशेष दिन की तैयारी के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है और शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

मंदिर नगरी के प्रत्येक मुख्य चौराहे पर कंटीले तारों वाले अवरोध लगाए गए हैं। भूकंप और बाढ़ जैसी घटनाओं के साथ ही रासायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी और परमाणु हमलों से निपटने के लिए प्रशिक्षित राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) दलों को भी तैनात किया गया है।

प्रशासन ने ठंड के प्रकोप के मद्देनजर किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने के लिए भी तैयारियां की हैं। अयोध्या और जिला अस्पतालों तथा यहां के मेडिकल कॉलेज में बिस्तरों को आरक्षित रखा गया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों में चिकित्सकों को आपात स्थिति से निपटने का प्रशिक्षण दिया है। 

राममय हुई अयोध्या नगरी
भव्य राम मंदिर को फूलों और विशेष रोशनी से सजाया गया है और पूरा शहर धार्मिंक रंग में सराबोर है या यूं कहें कि ‘अयोध्या राममय हो रही है”। यह मंदिर नगरी ”शुभ घड़ी आयी”, ”तैयार है अयोध्या धाम, विराजेंगे श्री राम”, ”राम फिर लौटेंगे”, ”अयोध्या में राम राज्य” जैसे नारों वाले पोस्टर और होर्डिंग से पटा हुआ है। राम मार्ग, सरयू नदी तट और लता मंगेशकर चौक जैसे अहम स्थानों पर रामायण के विभिन्न श्लोक वाले पोस्टर भी लगाए गए हैं।

यहां विभिन्न स्थानों पर रामलीला, भगवत कथा, भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। सरयू नदी का तट भी सजा-धजा है, जहां हजारों लोग हर शाम को आरती के लिए उमड़ रहे हैं। देशभर में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, बीमा कंपनियां, वित्तीय संस्थान और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भी 22 जनवरी को आधे दिन के लिए बंद रहेंगे। 

22 जनवरी के लिए छुट्टी की घोषणा
एनएसई और बीएसई स्टॉक एक्सचेंज ने भी इस दिन कारोबार न होने की घोषणा की है। अयोध्या में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ से पहले करीब दो घंटे तक सुनायी देने वाली दिव्य ‘मंगल ध्वनि’ में देशभर के 50 पारंपरिक वाद्य यंत्रों का उपयोग किया जाएगा।

अयोध्या के प्रसिद्ध कवि यतींद्र मिश्र द्वारा संचालित इस भव्य संगीतमय प्रस्तुति को नयी दिल्ली की संगीत नाटक अकादमी से सहयोग प्राप्त है। ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के अनुसार, यह संगीत प्रस्तुति सुबह 10 बजे शुरू होगी।

मंदिर उद्घाटन में कार्यक्रमों की डिटेल
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश से बांसुरी और ढोलक, कर्नाटक से वीणा, महाराष्ट्र से सुंदरी, पंजाब से अलगोजा, ओडिशा से मर्दला, मध्य प्रदेश से संतूर, मणिपुर से पुंग, असम से नगाड़ा और काली, छत्तीसगढ़ से तंबूरा, बिहार से पखावज, दिल्ली से शहनाई और राजस्थान से रावणहत्था बजाने वाले कलाकर शामिल होंगे।

मेहमान
पश्चिम बंगाल के श्रीखोल और सरोद, आंध्र प्रदेश से घटम, झारखंड से सितार, तमिलनाडु से नादस्वरम और मृदंग तथा उत्तराखंड से हुड़का कलाकर भी कार्यक्रम में भाग लेंगे। समारोह के लिए 7,000 से अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया है। इसमें राजकीय अतिथियों की सूची में प्रमुख राजनीतिक नेता, बड़े उद्योगपति, फिल्म अभिनेता, खिलाड़ी, नौकरशाह और राजनयिक शामिल हैं। ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में भाग ले रहे लोगों में राम जन्मभूमि में मंदिर के लिए आंदोलन करने वाले लोग भी शामिल हैं।

बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन, दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी और मशहूर खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर भी आमंत्रित अतिथियों की सूची में शामिल हैं।

समारोह के लिए आमंत्रित किए गए विपक्ष के लगभग सभी नेताओं ने समारोह में भाग लेने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस ने इसे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यक्रम बताया है। कई ऐसे लोग भी हैं जो इस सूची में शामिल नहीं हैं लेकिन वे कड़ाके की ठंड के बीच अनूठे अंदाज में – पैदल, साइकिल चलाकर और स्केटिंग करके अयोध्या पहुंच रहे हैं। 

मंदिर के लिए उपहार
इस भव्य समारोह के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से उपहार भेजे जा रहे हैं जिनमें भगवान राम की तस्वीर वाली चूड़ियों से लेकर 56 किस्म के ‘पेठा’, 500 किलोग्राम का लोहे-कांसे का ‘नगाड़ा’ और अमरावती से आ रहा 500 किलोग्राम ”कुमकुम” शामिल है।

राम मंदिर प्रबंधन समिति को 108 फुट की अगरबत्ती, 2,100 किलोग्राम की घंटी, सोने की चप्पल, 10 फुट ऊंचा ताला और चाभी और आठवीं सदी का समय बताने वाली एक घड़ी समेत कई उपहार मिले हैं।

नेपाल में सीता के जन्म स्थान जनकपुर से भी 3,000 से अधिक उपहार आए हैं। श्रीलंका का एक प्रतिनिधिमंडल रामायण में उल्लेखित अशोक वाटिका से एक विशेष उपहार लाया है। श्रद्धालुओं को भोजन कराने के लिए यहां भंडारे, लंगर आदि विभिन्न सामुदायिक रसोइयां चलाई जा रही हैं। 

ये सामुदायिक रसोई निहंग सिखों से लेकर इस्कॉन और देशभर के मंदिर न्यास से लेकर अयोध्या के स्थानीय लोगों द्वारा संचालित की जा रही हैं।

उच्चतम न्यायालय ने नौ नवंबर 2019 को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमे में निर्णय देते हुए विवादित स्थल पर मंदिर बनाने और मुस्लिमों को अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। दिसंबर 1992 में कारसेवकों ने विवादित स्थल पर मौजूद बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था।

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