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कनाडा के चुनावों में भारत ने भी किया हस्तक्षेप? वहां के आयोग ने ट्रूडो सरकार से मांगे सबूत…

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कनाडा के चुनावों में भारत ने भी किया हस्तक्षेप? वहां के आयोग ने ट्रूडो सरकार से मांगे सबूत…

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड के बाद कनाडा ने भारत पर एक और आरोप लगाया है।

कनाडाई सरकार का मानना है कि भारत ने भी उसके आम चुनावों में हस्तक्षेप किया है। अब वहां का चांज आयोग इस मामले की पड़ताल करना चाहता है।

कनाडाई चुनावों में विदेशी ताकतों के हस्तक्षेप का मामला पहले भी उठता रहा है। हालांकि तब ये आरोप केवल चीन और रूस तक ही सीमित थे। लेकिन अब कनाडा ने भारत पर भी उंगली उठाई है।

कनाडा स्थित सीटीवी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा का संघीय जांच आयोग देश के पिछले दो आम चुनावों में भारत द्वारा कथित हस्तक्षेप की जांच करना चाहता है।

कनाडा इसे विदेशी हस्तक्षेप का मामला मान रहा है। कनाडाई जांच आयोग ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उसने केंद्र की जस्टिन ट्रूडो सरकार से इन आरोपों से जुड़े दस्तावेज पेश करने को कहा है।

पिछले साल कनाडाई जांच आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें 2019 और 2021 के संघीय चुनावों में चीन, रूस और अन्य विदेशी देशों के संभावित हस्तक्षेप का जिक्र किया गया था।

इसमें विदेशी ताकतों के अलावा, बेहद ज्यादा राजनीतिक प्रभाव रखने वाले संगठनों द्वारा चुनावी हस्तक्षेप का आकलन करने का निर्देश दिया गया था।

अब कनाडाई आयोग का ताजा बयान पिछले दो चुनावों को प्रभावित करने में भारत की किसी भी भूमिका की जांच करने के इरादे का संकेत देता है।

सोमवार से इस मसले पर सुनवाई शुरू होगी। आयोग की प्रारंभिक सुनवाई में इस बात पर गौर किया जाएगा कि क्या गोपनीय राष्ट्रीय सुरक्षा जानकारी और खुफिया जानकारी को जनता के सामने रखा जाए। अगर रखा जाए तो इसकी क्या चुनौतियां और सीमाएं होंगी। आयोग की अंतरिम रिपोर्ट 3 मई को आने वाली है। वहीं फाइनल रिपोर्ट साल के अंत तक आने की उम्मीद है।

केरल में फिर दिखी तकरार, विधानसभा में आरिफ मोहम्मद ने सिर्फ 2 मिनट में खत्म किया भाषण …

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केरल में फिर दिखी तकरार, विधानसभा में आरिफ मोहम्मद ने सिर्फ 2 मिनट में खत्म किया भाषण …

केरल में सत्तारूढ़ वाम मोर्चा और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।

गवर्नर ने गुरुवार को विधानसभा में सरकार के नीतिगत अभिभाषण को केवल अंतिम पैराग्राफ पढ़कर समाप्त कर दिया।

उन्होंने सदन में सभी का अभिवादन करते हुए संबोधन शुरू किया और फिर कहा, ”मैं अब आखिरी पैरा पढ़ूंगा।”

आपको बता दें कि आरिफ मोहम्मद खान और वामपंथी सरकार के बीच कई मुद्दों पर तकरार दिख चुके हैं।

केरल के विश्वविद्यालयों के कामकाज और विधानसभा द्वारा पारित कुछ विधेयकों पर उनके हस्ताक्षर न करने को लेकर दोनों के बीच विवाद की स्थिति बनी रहती है।

रामलला की मुस्कान और सजीव आंखों का राज, मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बताया; कहा- भगवान का था आदेश…

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रामलला की मुस्कान और सजीव आंखों का राज, मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बताया; कहा- भगवान का था आदेश…

रामलला की मूर्ति तैयार करने वाले मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज अयोध्या के मंदिर उद्घाटन में भगवान राम की सुंदर और श्यामल मूर्ति के अनावरण के बाद से सुर्खियों में हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को अयोध्या में 500 साल के लंबे इंतजार के बाद भगवान राम की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ का नेतृत्व किया था।

जैसे ही लोगों ने रामलला के दर्शन किए, भगवान के चेहरे की कोमल मुस्कान और सजीव आंखों को देखकर आश्चर्यचकित रह गए।

मूर्तिकार अरुण योगीराज ने रामलला की सजीव सी दिखने वाली मूर्ति के पीछे के राज का खुलासा किया है।

उन्होंने अपने साथ हुए चमत्कारिक घटनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया भगवान राम ने जैसा आदेश दिया, मैंने उन्ही का पालन करते हुए मूर्ति बनाई।

योगीराज ने बताया कि मूर्ति को तैयार करने में सात महीने लगे, इस दौरान वह दुनिया से कट गए और बच्चों के साथ समय बिताया।

योगीराज ने एक दिलचस्प किस्सा भी शेयर किया कि कैसे रोज एक बंदर उनके घर आकर मूर्ति के दर्शन कर लौट जाता था।

मूर्तिकार अरुण योगीराज ने पिछले सात महीनों में रामलला की मूर्ति बनाने के दौरान की अवधि को चुनौतीपूर्ण बताया।

उन्होंने कहा, मुझे मूर्ति बेहद सावधानी से बनानी थी वो भी शिल्प शास्त्र का पालन करते हुए। क्योंकि मूर्ति भगवान राम के 5 साल के रूप में दिखनी चाहिए थी, मूर्ति में बच्चे की मासूमियत भी होनी चाहिए थी।

एक बातचीत में योगीराज ने कहा कि मंदिर ट्रस्ट ने मूर्ति को पूरा करने के लिए विशिष्ट मानदंड तय किए थे- जैसे मुस्कराता चेहरा, दिव्य दृष्टि, 5 वर्षीय स्वरूप और राजकुमार या युवराज लुक

सात महीने रामलला से भावनात्मक रूप से बिताए
योगीराज का कहना है कि उनका परिवार पिछले 300 वर्षों से मूर्ति बनाने का काम कर रहा है और मैं खुद को धरती का सबसे भाग्यशाली व्यक्ति मानता हूं कि मुझे भगवान राम ने यह काम सौंपा।

“पिछले दो दिनों से मुझे बहुत खुशी है कि लोग भगवान राम की मूर्ति को पसंद कर रहे हैं। लोगों को खुश देखना यह सोचने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि मेरी मूर्ति चुनी गई है। उन्होंने कहा, ‘राम लला की मूर्ति सभी की है, यह सिर्फ मेरी नहीं है।’ वो कहते हैं कि “पिछले सात महीने, मैंने मूर्ति के साथ बहुत भावनात्मक रूप से बिताए। मेरा एक बेटा और एक बेटी भी है। मैं अपनी 7 साल की बेटी को मूर्ति की तस्वीर दिखाता था और पूछता था कि रामलला कैसे दिखते हैं; वह जवाब देती थी: ‘बच्चे जैसा ही है अप्पा”

भगवान राम ने जैसा आदेश दिया वैसे मैंने मूर्ति बनाई
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल मूर्ति को पूरा करना ही पर्याप्त नहीं था। उसमें बच्चे की कोमलता और मासूमियत दिखानी जरूरी थी।

मेरा ऐसा विश्वास है कि मुझे भगवान राम ने जैसा आदेश दिया मैं वैसे ही मूर्ति बनाने लगा। योगीराज का दावा है कि”निर्माण होते समय रामलला अलग थे, स्थिर होने के बाद अलग। मुझे लगा कि ये मेरा काम नहीं है। ये तो बहुत अलग दिखते हैं। भगवान ने अलग रूप ले लिया है। उन्होंने कहा कि मूर्ति अलग-अलग चरणों में अलग दिखती है। प्राण प्रतिष्ठा में राम लला बिल्कुल अलग दिखे।”

राम लल्ला की मुस्कान और उनकी आंखें
योगीराज ने रामलला की मंत्रमुग्ध कर देने वाली मुस्कान की भी चर्चा की। योगीराज ने कहा, “उस दौरान मुझे बच्चों के साथ काफी समय बिताना पड़ा और मैं बाहरी दुनिया से अलग हो गया। मैंने एक अनुशासन बनाया और शिला के साथ भी काफी समय बिताया।

“योगीराज की पत्नी विजिता ने भी इंडिया टुडे टीवी को बताया कि योगीराज ने चेहरे और शरीर की विशेषताओं का अध्ययन करने के लिए मानव शरीर रचना विज्ञान की किताबें पढ़ीं, जिसने उनकी काफी मदद की। उन्होंने कहा, “वह बच्चों के बारे में अधिक जानने के लिए स्कूलों भी गए और गहराई से शोध किया और देखा कि वे कैसे मुस्कुराते हैं।”

घर के बाहर रोज एक बंदर आता था
योगीराज ने एक दिलचस्प घटना का भी जिक्र किया। बताया कि हर दिन शाम 4-5 बजे के आसपास एक बंदर उनके घर के दरवाजे पर आ जाता था।

वो बताते हैं, “जब ठंड के दौरान हम गेट पर पर्दा डालते थे, तो वह आकर दरवाजे पर दस्तक देता था। मैं कन्फर्म नहीं कि यह वही बंदर है, लेकिन वह रोजाना उसी समय पर आता था। मैंने इस बारे में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय जी से कहा। उन्होंने कहा कि शायद वह भी भगवान राम की मूर्ति देखना चाहते हों।”

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव स्थल में पहुंचे…

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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव स्थल में पहुंचे…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने यातायात संदर्शिका और पोस्टर का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय  राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव स्थल में पहुंचे।

राजधानी में दो दिवसीय लघु फिल्म महोत्सव का आयोजन रायपुर के मेडिकल कॉलेज स्थित अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम में किया गया है।

महोत्सव के दौरान सड़क सुरक्षा प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने अतिथियों के साथ अवलोकन किया।

मार्च तक अयोध्या न जाएं, प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट के सहयोगियों को दिया सुझाव; राम मंदिर में उमड़ रही भारी भीड़…

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मार्च तक अयोध्या न जाएं, प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट के सहयोगियों को दिया सुझाव; राम मंदिर में उमड़ रही भारी भीड़…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कैबिनेट मीटिंग के दौरान अयोध्या जाने को लेकर अपने कैबिनेट सहयोगियों को एक खास सुझाव दिया।

सरकारी सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी ने कहा है कि राम मंदिर दर्शन के लिए इस वक्त भारी भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में केंद्रीय मंत्रियों को इस वक्त अयोध्या जाने से बचना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि वीआईपी के आवागमन और प्रोटोकॉल के चलते आम लोगों को काफी परेशानी होगी। इसलिए कैबिनेट के सहयोगियों को अगर अयोध्या जाना है तो इसकी योजना मार्च में बनानी चाहिए।

23 जनवरी से ही है भारी भीड़
गौरतलब है कि 23 जनवरी की सुबह रामलला के दर्शन के लिए राम मंदिर को खोल दिया गया है। इसके बाद से ही वहां पर भारी भीड़ उमड़ी हुई है।

इसमें देश और दुनिया के श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं। कल यानी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दूसरे दिन भीड़ का आलम यह था कि तिल रखने की जगह नहीं थी। यही नहीं, कई बार हालात भी बेकाबू हो गया।

आखिरकार सीएम योगी ने खुद मोर्चा संभाला और राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को व्यवस्था चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए। अभी भी राम मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे हुए हैं और लगातार दर्शन-पूजन का सिलसिला जारी है।

सीएम भी व्यवस्था में जुटे
इस बीच अयोध्या में रामलला के दर्शनार्थियों की भारी भीड़ को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी ऐक्शन में आ चुके हैं। सीएम योगी ने परिवहन विभाग, नगर विकास और पुलिस विभाग के बीच तालमेल तथा अंतरराज्यीय/अंतर्जनपदीय संवाद और समन्वय बनाये रखने के निर्देश देते हुए अयोध्या के लिए अतिरिक्त बसों का संचालन अभी स्थगित रखने की हिदायत दी है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि ट्रस्ट के पदाधिकारियों एवं स्थानीय प्रशासन के साथ परिस्थितियों का जायजा लेने के बाद बुधवार को अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। 

किए जाएं बेहतर इंतजाम
सीएम योगी ने बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं के लिए दर्शन एवं अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की समीक्षा करते हुए हर श्रद्धालु के सहज, सुगम एवं संतोषपूर्ण दर्शन के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। आदित्यनाथ ने कहा कि मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव, परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव और नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव बेहतर समन्वय से श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए जरूरी इंतजाम सुनिश्चित कराएं। उन्होंने यह भी कहा कि साथ ही अयोध्या की सीमा से सटे जिलों के साथ अयोध्या प्रशासन अंतरराज्यीय संवाद और सम्पर्क बनाये रखें। मुख्यमंत्री का कहना था कि किस दिशा से कितने श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है, इसका आकलन करते हुए उसके अनुसार जरूरी प्रबंध किए जाएं। 

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने यातायात संदर्शिका और पोस्टर का विमोचन किया…

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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने यातायात संदर्शिका और पोस्टर का विमोचन किया…

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने यातायात संदर्शिका और पोस्टर का विमोचन किया

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विमान में गैस छोड़ता रहा शख्स, बाकियों का हाल हुआ बुरा; रोकनी पड़ी उड़ान…

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विमान में गैस छोड़ता रहा शख्स, बाकियों का हाल हुआ बुरा; रोकनी पड़ी उड़ान…

यह खबर आपको हंसा-हंसाकर पेट में पेट में दर्द कर सकती है।

एक फ्लाइट में ऐसा यात्री चढ़ा जो लगातार गैस छोड़ रहा था। उसके विमान लगातार दुर्गंध फैलाने से बाकियों का हाल बेहाल हो रहा था।

एक रिपोर्ट के अनुसार, यात्री के लगातार गैस छोड़ने पर विमान टेक ऑफ नहीं कर पा रहा था, जिसके बाद अन्य यात्रियों की शिकायत पर उसे विमान से उतारा गया।

इस घटना के कारण फ्लाइट भी काफी देर रुकी रही। इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, उस यात्री की हरकत ने सभी का हाल बेहाल कर दिया था। 

घटना 14 जनवरी की बताई जा रही है। मामला अमेरिकी एयरलाइन्स के एरिजोना हवाई अड्डे का बताया जा रहा है। विमान को ऑस्टिन के लिए उड़ान भरनी थी।

Reddit पर एक यूजर ने अपना एक्सपीरिएंस शेयर करते हुए लिखा कि वह विमान में उस पंक्ति पर बैठा था, जहां ऐसी स्थिति पैदा हुई जो अभी तो हमें काफी हंसा रही है, लेकिन उस वक्त सभी का हाल बेहाल हो चुका था। 

विमान में हुई घटना के बारे में उसने बताया,”कई मिनट बीत गए और सभी यात्री लोग बैठ चुके थे। लेकिन अब भी हमारे विमान ने उड़ान नहीं भरी थी।

इसकी वजह थी, मेरे बगल में बैठा वो शख्स, जो लगातार गैस छोड़ते जा रहा था। उसके ठीक बगल में बैठी महिलाएं भी अहसज हो रही थीं लेकिन, वो हर बार मुस्कुराते हुए दुर्गंध छोड़ते जा रहा था।”

इसके बाद गुस्साए यात्रियों ने उस पर चिल्लाना शुरू कर दिया। क्योंकि कोई भी दुर्गंध झेल नहीं पा रहा था। आखिरकार यात्रियों की लगातार अहसहमति के बाद यह फैसला लिया गया कि उस व्यक्ति को विमान से उतार दिया जाए।

विमान विमान, जो टेकऑफ़ के लिए रनवे की ओर जा रही थी, यात्रियों के बीच गहमा-गहमी के चलते रुक गई। अंत में, फ्लाइट क्रू ने मामले में हस्तक्षेप किया और उस यात्री को विमान से उतारने का निर्णय लिया।

इसके बाद उस यात्री को एक महिला फ्लाइट अटेंडेंट ने सूचित किया कि वह फ्लाइट में नहीं रहेगा।

जब उसने चालक दल के सदस्य से इस बारे में जानने की कोशिश की कि उन्हें विमान से क्यों उतारा जा रहा है, तो उन्होंने कहा कि वे इस बारे में तब बात करेंगे जब वे विमान से उतरेंगे।

Reddit यूजर के मुताबिक, “वह अपनी सीट से उठता है, अपना बैग पकड़ता है और चुपचाप विमान से बाहर निकल जाता है। उस यात्री के बाहर निकलते ही सबने राहत की सांस ली।”  

रिपोर्ट के अनुसार, विमान को टेक ऑफ में 15 मिनट की देरी हुई थी।

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को छेरछेरा पर्व की दी बधाई…

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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को छेरछेरा पर्व की दी बधाई…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक पर्व छेरछेरा की बधाई और शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों की खुशहाली की मंगल कामना की है।

मुख्यमंत्री साय ने छेरछेरा पर्व की पूर्व संध्या पर जारी अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि महादान और फसल उत्सव के रूप में मनाया जाने वाला छेरछेरा त्योहार हमारी सामाजिक समरसता, दानशीलता की और समृद्ध गौरवशाली परम्परा का संवाहक है।

यह नई फसल के घर आने की खुशी में पौष मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसी दिन मां शाकम्भरी जयंती भी मनाई जाती है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शंकर ने माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी, इसलिए लोग धान के साथ साग-भाजी, फल का दान भी करते हैं।

रामलला की वो दो मूर्तियां जो मंदिर के गर्भगृह नहीं पहुंच पाईं, करिए उनके दर्शन…

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रामलला की वो दो मूर्तियां जो मंदिर के गर्भगृह नहीं पहुंच पाईं, करिए उनके दर्शन…

अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की एक सुंदर और मोहिनी मुस्कान वाली मूर्ति विराजमान है।

इसे मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने सात महीने में तैयार किया है। गर्भगृह के लिए तीन मूर्तियां आई थी, जिसमें योगीराज की मूर्ति सलेक्ट हुई।

22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद गर्भगृह में स्थापित रामलला की श्यामल मूर्ति के दर्शन तो हो गए लेकिन, अब बाकी की दो मूर्तियों की तस्वीर सामने आई है। इन मूर्तियों को गणेश भट्ट और सत्य नारायण पांडे ने तैयार किया है।

अपनी शिल्प कौशल में समान रूप से आश्चर्यजनक ये मूर्तियां मंदिर परिसर के भीतर अपने अंतिम स्थान की प्रतीक्षा में हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि इन मूर्तियों को मंदिर के प्रथम तल में स्थान दिया जाएगा। इन मूर्तियों पर भी रामभक्तों का विशेष ध्यान आकर्षित हुआ है।

मूर्तिकार गणेश भट्ट द्वारा काले रंग के पत्थर (कृष्णशिला) से बनाई रामलला की मूर्ति ने भक्तों और कला प्रेमियों का ध्यान आकर्षित किया है।

अब इस मूर्ति की तस्वीरें जारी की गई हैं। पांच वर्षीय रामलला की मासूमियत दिखाती 51 इंच की मूर्ति, कृष्ण शिला के नाम से जाने जाने वाले काले पत्थर से बनाई गई है।

यह शिला कर्नाटक के मैसूर में मिलती है। गणेश भट्ट द्वारा निर्मित रामलला की मूर्ति को गर्भगृह के लिए नहीं चुना गया, लेकिन राम मंदिर के मामलों की देखरेख करने वाले ट्रस्ट ने आश्वासन दिया है कि मूर्ति को मंदिर परिसर में जल्द स्थापित किया जाएगा।

गणेश भट्ट द्वारा निर्मित रामलला की मूर्ति उन दो में से एक है जो गर्भगृह में नहीं पहुंच सकीं। दूसरी मूर्ति सत्यनारायण पांडे द्वारा बनाई गई है।

सत्य नारायण पांडे द्वारा रामलला की मूर्ति सफेद संगमरमर से बनाई गई है। यह आकर्षक मूर्ति सुनहरे आभूषणों और कपड़ों से सजाई गई है।

मूर्ति के चारों ओर भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों को दर्शाया गया है। पांडे द्वारा निर्मित सफेद संगमरमर की मूर्ति भी संभवतः मंदिर की पहली मंजिल पर स्थापित की जाएगी।

गर्भगृह में स्थापित मूर्ति की मुस्कान का राज
जिस मूर्ति को गर्भगृह के लिए चुना गया वो अरुण योगीराज की है। वह मैसूर के रहने वाले हैं और उनका परिवार करीब 300 साल से मूर्ति बनाने का काम करता है।

उनकी बनाई मूर्ति के गर्भगृह में स्थापित होने पर वह खुशी जताते हैं। कहते हैं कि वो धरती के सबसे भाग्यशाली इंसान हैं। मूर्ति को बनाने में उन्हें सात महीने लग गए।

इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने कहा कि भगवान राम उन्हें जैसा आदेश देते रहे, वो मूर्ति बनाते रहे।

योगीराज ने कहा कि मूर्ति बनने के बाद अलग छवि थी और प्राण प्रतिष्ठा के बाद उन्हें मूर्ति अलग और ज्यादा सुंदर लग रही है। इसके पीछे भगवान राम का ही चमत्कार है। 

योगीराज ने कहा कि मूर्ति में रामलला की मुस्कान लाने के लिए वो स्कूलों में गए और बच्चों के बीच समय बिताया। इसके अलावा मानव शरीर रचना विज्ञान से जुड़ी कई किताबें भी पढ़ी।

योगीराज बताते हैं कि उन सात महीनों में उन्हें कई चमत्कारिक अनुभव मिले। जैसे रोज एक बंदर उनके घर के दरवाजे पर आकर रामलला की मूर्ति के दर्शन को आता था।

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं…

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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है।

उन्होंने अपने बधाई संदेश में कहा है कि पर्यटन देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

इससे न सिर्फ लोगों को स्थानीय सांस्कृतिक, भौगोलिक, प्राकृतिक, ऐतिहासिक एवं अद्भुत स्थलों को जानने का मौका मिलता है, बल्कि यह हजारों परिवारों के जीवनयापन के लिए आजीविका के नए रास्ते भी खोलता है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का उद्देश्य भारत में पर्यटन उद्योग के महत्व पर जोर देना है और लोगों के बीच इसके प्रति जागरूकता को बढ़ाना है ताकि यह देश को भविष्य में आर्थिक तरीके से लाभ देता रहे।

भारत हमेशा से अपनी समृद्ध संस्कृतियों के लिए जाना जाता है इसलिए भारत के प्रत्येक क्षेत्र की एक लंबी और शानदार पृष्ठभूमि है।

यह सब दिखाने का सबसे बड़ा तरीका पर्यटन के माध्यम से है। इसके माध्यम से व्यक्तियों को अपने देश की सुंदर भूमि के बारे में जानने के लिए भी जागरूक किया जाता है।

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