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रायपुर : मुख्यमंत्री से पुलिस भर्ती में शामिल हो रहे अभ्यर्थियों ने की सौजन्य मुलाकात…

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रायपुर : मुख्यमंत्री से पुलिस भर्ती में शामिल हो रहे अभ्यर्थियों ने की सौजन्य मुलाकात…

आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट देने पर मुख्यमंत्री के प्रति व्यक्त किया आभार

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज यहाँ राज्य अतिथि गृह पहुना में पुलिस भर्ती में शामिल हो रहे अभ्यर्थियों ने सौजन्य मुलाकात की।

उन्होंने मुख्यमंत्री को पुष्प भेंटकर राज्य शासन द्वारा शासकीय नौकरी भर्ती में छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासियों को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट की अवधि को पांच साल के लिए बढ़ाने के फैसले के लिए उनके प्रति आभार प्रकट किया।   

गौरतलब है कि मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश के शिक्षित बेेरोजगारों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासियों को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट की अवधि को पांच साल के लिए और बढ़ा दिया गया है।

अभ्यर्थियों को आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट का लाभ 31 दिसम्बर 2028 तक मिलेगा।

छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष में दी गई, पांच वर्ष की छूट अवधि को 01 जनवरी 2024 से 31 दिसम्बर 2028 तक अर्थात् पांच वर्ष तक बढ़ाए जाने एवं अन्य विशेष वर्गों के लिए अधिकतम आयु सीमा में देय छूट को यथावत रखते हुए सभी छूटों को मिलाकर अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष यथावत निर्धारित रहेगी। यह छूट गृह (पुलिस) विभाग के लिए लागू नहीं होगी।

छत्तीसगढ़ पुलिस के जिला पुलिस आरक्षक संवर्ग में भर्ती के लिए वर्ष 2018 में 2259 रिक्त पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया था। इसके पश्चात लगभग 5 वर्ष उपरांत दिनांक 04/10/2023 को जिला पुलिस बल के आरक्षक संवर्ग के 5967 रिक्त पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया है।

ऑनलाईन आवेदन लेने की प्रक्रिया जारी है। अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए मंत्रिपरिषद द्वारा पुरूष अभ्यर्थियों को उच्चतर आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट देने का निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री साय ने सभी अभ्यर्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से आप सभी को भर्ती में भाग लेने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान अंगद भारद्वाज ने बताया कि उम्र सीमा अधिक हो जाने के कारण वे भर्ती परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पा रहे थे।

उन पर दो बहनों की जिम्मेदारी है और रोजगार नहीं मिलने से चिंतित थे। ऐसे में आयु सीमा में छूट मिलने पर वे फिर से भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर पाएंगे।

अभ्यर्थियों द्वारा आयु सीमा में छूट के विचार के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने बताया कि वे ग्रामीण परिवेश से जुड़े व्यक्ति हैं।

उन्हें लोगों से मुलाकात के दौरान सभी की समस्याओं से रूबरू होने का मौका मिलता है। इस अवसर पर मनोज बघेल, सैलू कश्यप, आलोक शर्मा, सालिक सिन्हा एवं अभ्यर्थीगण उपस्थित थे।

दीदी के गढ़ में राहुल गांधी का इम्तिहान, क्या ममता करेंगी यात्रा के साथ ‘न्याय’…

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दीदी के गढ़ में राहुल गांधी का इम्तिहान, क्या ममता करेंगी यात्रा के साथ ‘न्याय’…

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के खिलाफ लड़ाई का ऐलान कर चुके INDIA गठबंधन में दरार साफ नजर आने लगी है।

एक तरफ कांग्रेस पार्टी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बंगाल में एंट्री की तैयारी कर दी है, दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने बुधवार को यह ऐलान करके सभी साथियों को चौंका दिया कि उनकी पार्टी टीएमसी आम चुनाव में पश्चिम बंगाल से अकेले ही चुनाव लड़ेगी।

उधर, कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के बाद नीतीश कुमार के भाजपा पर तेवर नरम नजर आ रहे हैं। जानकार बताते हैं कि ममता के गढ़ में राहुल गांधी का कड़ा इम्तिहान हो सकता है।

टीएमसी पार्टी ने अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है कि वे यात्रा में कांग्रेस के साथ रहेंगी।

पीटीआई की रिपोर्ट है कि तृणमूल कांग्रेस के 25 जनवरी को पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने पर राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में शामिल होने की संभावना नहीं है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बुधवार को यह बयान दिया। भारत जोड़ो न्याय यात्रा, वर्तमान में असम से गुजर रही है। यह 25 जनवरी को कूच बिहार जिले के बक्शिरहाट से होते हुए पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगी।

26-27 जनवरी की छुट्टी के बाद यह यात्रा 29 जनवरी को बिहार पहुंचने से पहले जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, उत्तर दिनाजपुर और दार्जिलिंग से गुजरेगी। 

भारत जोड़ो न्याय यात्रा 31 जनवरी को मालदा के रास्ते पश्चिम बंगाल में फिर से प्रवेश करेगी और 1 फरवरी को राज्य छोड़ने से पहले कांग्रेस के दोनों गढ़ मुर्शिदाबाद से होते हुए यात्रा करेगी।

भारत जोड़ो यात्रा के बंगाल में सिर्फ सात जिलों से होकर गुजरने की प्लानिंग है, इसमें मालदा और मुर्शिदाबाद जिले भी शामिल हैं, जो कांग्रेस का गढ़ माने जाते हैं।

ममता के गढ़ में राहुल का इम्तिहान
कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की पश्चिम बंगाल में कड़ी परीक्षा हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों पार्टियों के बीच बयानों में टकराव देखने को मिला है।

एक तरफ कांग्रेस ने दावा किया है कि उन्होंने ममता को न्याय यात्रा का निमंत्रण भी भेजा है। अब ममता यात्रा में शामिल होती हैं या नहीं, यह सारी बातें आगे ही तय होंगी। राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी ने सभी भारतीय ब्लॉक सहयोगियों को निमंत्रण भेजा है, “अब यह टीएमसी पर निर्भर है कि वे यात्रा में शामिल होंगे या नहीं।

टीएमसी के वरिष्ठ का कहना है कि उन्हें कांग्रेस की तरफ से कोई निमंत्रण नहीं मिला। पीटीआई को दिए बयान में पार्टी के एक नेता ने कहा, “हमें कांग्रेस से औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है। और अगर हमें यह मिल भी गया तो हमारे इसमें शामिल होने की संभावना बहुत कम है।”

मामले के जानकार मानते हैं कि यह पूरा घटनाक्रम पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर दोनों दलों टीएमसी और कांग्रेस – इंडिया ब्लॉक गठबंधन के साझेदारों के बीच बढ़ती दुश्मनी के बीच हुआ है। बनर्जी सहित टीएमसी नेताओं ने कहा है कि यह उनकी पार्टी है जो पश्चिम बंगाल में भाजपा से मुकाबला कर रही है।

इससे पहले मंगलवार को, ममता बनर्जी ने पार्टी की एक आंतरिक बैठक में INDIA गुट के भीतर पश्चिम बंगाल में सीट-बंटवारे की चर्चा में देरी के लिए कांग्रेस की आलोचना की थी, जिसमें 10-12 सीटों की अनुचित मांग का हवाला दिया गया था, जबकि टीएमसी केवल दो सीटें देने को तैयार है।

असम में न्याय यात्रा के साथ क्या हुआ?
इस वक्त कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा असम से गुजर रही है। हाल के दिनों में यात्रा ने काफी कुछ देखा। पहले हिमंत बिस्वा सरकार ने कांग्रेस को गुवाहाटी में एंट्री न लेने की सलाह दी थी।

जब कांग्रेस नहीं मानी और 22 जनवरी को राहुल गांधी ने वैष्णव संत श्रीमंत शंकर देव मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की लेकिन, उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया गया।

जब कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जबरदस्ती की तो पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी। राहुल गांधी ने हिमंत बिस्वा को देश का सबसे भ्रष्ट सीएम कहा।

जवाब में असम सरकार ने राहुल गांधी समेत कई कांग्रेसियों के खिलाफ सार्वजनिक स्थानों पर दंगा भड़काने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया।

असम में कांग्रेस की न्याय यात्रा बहुत जटिल रही है। लेकिन, अब पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस को कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ सकता है।

रायपुर : मुख्यमंत्री देंगे बस्तर जिले के विकास के लिए 100 करोड़ 42 लाख रूपए से अधिक राशि के कार्यों का करेंगे लोकार्पण-शिलान्यास…

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रायपुर : मुख्यमंत्री देंगे बस्तर जिले के विकास के लिए 100 करोड़ 42 लाख रूपए से अधिक राशि के कार्यों का करेंगे लोकार्पण-शिलान्यास…

बुरुदवाडा सेमरा में सिरी (एमआरसी) और समृद्धि (एमआरएफ), ज्ञानगुड़ी, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का करेंगे लोकार्पण

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय दो दिवसीय बस्तर जिले के प्रवास के दौरान जिले में 100 करोड़ 42 लाख 28 हजार से अधिक राशि के 195 विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास करेंगे।

इसमें 24 करोड़ 44 लाख 60 हजार रूपए की लागत के 110 कार्यों का लोकार्पण तथा 75 करोड़ 98 लाख 88 हजार रूपए की लागत से 89 कार्यों का भूमिपूजन सम्मिलित है।

मुख्यमंत्री साय द्वारा बुरुदवाडा सेमरा में स्थित  लगभग 3 करोड़ 50 लाख रूपए की लागत से निर्मित सिरी (एमआरसी) और समृद्धि (एमआरएफ) का लोकार्पण करेंगे।

इसके अलावा 7 करोड़ 12 लाख रूपए की लागत से चित्रकोट और तिरथा में इंद्रधनुष पार्क निर्माण का शिलान्यास किया जाएगा।

साथ ही 45 लाख रूपए की लागत से ज्ञानगुड़ी अकादमी, 25 लाख रूपए की लागत से विज्ञान केंद्र, लगभग 25 लाख रूपए का  पासपोर्ट कार्यालय, 17.45 लाख रूपए का कलेक्टर परिसर में गार्डन और 75-75 लाख रूपए के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री साय जगदलपुर के बाबू सेमरा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत 05 करोड़ 51 लाख 70 हजार रुपए की लागत के 05, कृषि विभाग के अंतर्गत 79 लाख 43 हजार रुपए की लागत के 12, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन के तहत एक करोड़ 69 लाख रुपए की लागत के 05, लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत 22 करोड़ 81 लाख रुपए की लागत के 03 तथा वन विभाग के अंतर्गत 22 लाख 40 हजार रुपए की लागत के 01, जनपद पंचायत बस्तर के तहत एक करोड़ 22 लाख रुपए की लागत के कार्यों और जनपद पंचायत लोहण्डीगुड़ा के अंतर्गत 03 करोड़ 28 लाख रुपए की लागत के 54 कार्यों का भूमिपूजन करेंगे।

वहीं छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन के 02 करोड़ 83 लाख 37 हजार रुपए की लागत के 10, लोक निर्माण विभाग के 03 करोड़ 55 लाख 51 हजार रुपए की लागत के 07, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के एक करोड़ 96 लाख रुपए की लागत के 04, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के एक करोड़ 04 लाख रुपए की लागत के 06, स्कूल शिक्षा विभाग के 70 करोड़ रुपए की लागत के 02, जनपद पंचायत तोकापाल के 94 लाख 30 हजार रुपए की लागत के कार्यों सहित जनपद पंचायत लोहण्डीगुड़ा के 93 लाख रुपए की लागत के 49 कार्यों का लोकार्पण करेंगे।

NASA ने खोले क्षुद्रग्रह बेन्नू के नमूने, 4.6 अरब साल पुराने राज आएंगे सामने…

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NASA ने खोले क्षुद्रग्रह बेन्नू के नमूने, 4.6 अरब साल पुराने राज आएंगे सामने…

अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने चार साल के लंबे इंतजार के बाद क्षुद्रग्रह बेन्नु से कीमती धूल के नमूनों वाले कनस्तर को खोल दिया है।

साल 2016 में नासा की टीम ने क्षुद्रग्रह बेन्नू के नमूनों को लाने के लिए अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी। ये नमूने सोना और चांदी से भी ज्यादा कीमती हैं।

नासा की टीम ने 750 ग्राम के इस नमूनों को धरती पर लाने के लिए 96 अरब से ज्यादा रुपए खर्च किए थे। क्षुद्रग्रह बेन्नू के ये नमूने 4.6 अरब साल पुराने बताए जा रहे हैं।

इन नमूनों से इस बात का पता लग सकता है कि धरती पर जीवन की शुरुआत कैसे हुई थी।

एक बड़ी वैज्ञानिक सफलता में अमेरिकी की अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने आखिरकार क्षुद्रग्रह बेन्नू से कीमती धूल के नमूनों वाले एक कनस्तर को खोल दिया है।

यह उपलब्धि नासा के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की कड़ी मेहनत का नतीजा है।

नासा ने 8 सितंबर 2016 को OSIRIS-REx की अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी, जो क्षु्द्रग्रह बेन्नू पर दो साल बाद 3 दिसंबर 2018 में पहुंचा था।

दो साल तक बेन्नू का अध्ययन करने के बाद यह 2020 में अध्ययन करने के लिए क्षुद्रग्रह के नजदीक पहुंचा। 

सितंबर 2023 में यान यूटा रेगिस्तान में उतरा था। यान में नासा के ओसिरिस-रेक्स अंतरिक्ष यान ने बेन्नू के धूल भरे नमूने की सतह से एकत्र किए थे।

महीनों के सावधानीपूर्वक काम के बाद, नासा की टीम ने को कंटेनर खोलने की अनुमति मिल गई है। इस घोषणा के बाद नासा की टीम ने ट्विटर पर घोषणा की, “यह खुल गया है!”

नासा के अनुसार, क्षुद्रग्रह बेन्नू के नमूने निकाल लिए गए हैं। यान से प्राप्त सामग्री में लगभग 0.4 इंच (एक सेमी) आकार तक की धूल और चट्टानें मिली हैं।

जानकारी के अनुसार, नासा की क्यूरेशन टीम इस साल के अंत में क्षुद्रग्रह बेन्नू के नमूनों की एक सूची जारी करेगी। 

मंत्रिपरिषद की बैठक… –

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मंत्रिपरिषद की बैठक… –

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई।

बैठक में निम्न महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए –

  • छत्तीसगढ़ के षष्ठम् विधानसभा के द्वितीय सत्र फरवरी-मार्च 2024 हेतु माननीय राज्यपाल के अभिभाषण के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। 
  • तृतीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2023-2024 का विधानसभा में उपस्थापन हेतु छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। 
  • बजट अनुमान वर्ष 2024-25 का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। 
  • छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वित्तीय वर्ष 2024-25 का अनुमोदन किया गया है। यह निर्णय लिया गया है कि कोई भी नई मदिरा दुकान नहीं खोली जाएगी। 
  • छत्तीसगढ़ सिविल न्यायालय (संशोधन) विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है। 

    इस संशोधन में ‘जिला न्यायाधीश‘ को ‘प्रधान जिला न्यायाधीश‘ और ‘अपर जिला न्यायाधीश‘ को ‘जिला न्यायाधीश‘ करने का प्रावधान रखा गया है। इसी तरह ‘व्यवहार न्यायाधीश प्रथम वर्ग‘ को ‘व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी‘ तथा ‘व्यवहार न्यायाधीश द्वितीय वर्ग‘ को ‘व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ श्रेणी‘ तथा ‘जिला न्यायालय‘ को ‘प्रधान जिला न्यायालय‘ से प्रतिस्थापित करने का प्रावधान रखा गया है। 

  • माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में ज्वाईंट रजिस्ट्रार (एम) के 5 पद आकस्मिकता निधि से सृजित करने का निर्णय लिया गया है।

भगवंत मान सरकार में एक और मंत्री का आपत्तिजनक वीडियो आया सामने, राज्यपाल से की बर्खास्तगी की मांग…

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भगवंत मान सरकार में एक और मंत्री का आपत्तिजनक वीडियो आया सामने, राज्यपाल से की बर्खास्तगी की मांग…

पंजाब में भगवंत मान सरकार के स्थानीय निकाय मंत्री बलकार सिंह मुश्किलों में फंस गए हैं।

उनका कथित रूप से एक आपत्तिजनक वीडियो सामने आया है। शिरोमणि अकाली दल ने बुधवार को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को स्थानीय निकाय मंत्री बलकार सिंह के बर्खास्तगी की मांग की और साथ ही केंद्रीय एजेंसी से मामले की जांच कराने की अपील की है।

भगवंत मान सरकार में यह दूसरे मंत्री हैं जो इस तरह के मामले में फंसे हैं। इन से पहले पिछले साल मंत्री लाल चन्द कटारूचक्क का एक युवक के साथ आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने से पंजाब की राजनीति में बवाल मच गया था। 

अकाली दल के प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और डॉ. दलजीत सिंह चीमा शामिल थे। 

भगवंत मान सरकार के यह दूसरे मंत्री हैं जो इस तरह के मामले में फंसे हैं। पिछले साल मंत्री लाल चन्द कटारूचक्क का एक युवक के साथ आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने से पंजाब की राजनीति में बवाल मच गया था। उस मामले में राज्य पाल ने डीजीपी को जांच के आदेश दिये थे।

बाद में पीड़ित युवक ने राज्यपाल व एससी कमिशन के आदेशों पर पंजाब पुलिस की तरफ से बनाई गई जांच कमेटी के सामने शिकायतकर्ता ने कार्रवाई से ही इनकार कर दिया था। 

पीड़िता को डराया-धमकाया गयाअकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने बताया कि उन्होंने राज्यपाल को पूरे प्रकरण से अवगत कराया है।

राज्यपाल को बताया गया कि पीड़ित को डराया-धमकाया गया, जिसके कारण वह मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आई है।

उन्होंने मांग की कि आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोपी अन्य सभी आप मंत्रियों को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने से भी रोका जाए। 

मंत्री को बचा रहे मुख्यमंत्री मान
शिरोमणि अकाली दल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान मंत्री का बचाव कर रहे हैं और इस मामले में उनसे न्याय की उम्मीद बेमानी होगी।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए मजीठिया ने कहा कि उन्होंने तीन महीने पहले मुख्यमंत्री को सूचित किया था कि उनके पास मंत्री का एक कथित आपत्तिजनक वीडियो है और वह इसे उन्हें सौंपना चाहते हैं।

बावजूद इसके मुख्यमंत्री ने उनसे मुलाकात नहीं की। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि मंत्री की बर्खास्तगी के साथ मामले की स्वतंत्र जांच हो। 

पंजाब पुलिस के पूर्व डीसीपी रहे हैं बलकार सिंह 
भगवंत मान सरकार ने अपने चौथे कैबिनेट विस्तार में जालंधर की करतारपुर विधानसभा से विधायक बलकार सिंह को शामिल किया था।

लोकल बॉडी व पार्लियामेंट्री अफेयर्स मंत्रालय सौंपा गया था।

बलकार सिंह दलित नेता हैं और मजहबी सिख समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं।

वह पंजाब पुलिस के पूर्व डीसीपी हैं और उन्हें क्राइम की गुत्थी सुलझाने का माहिर माना जाता था। बलकार सिंह जम्मू-कश्मीर में आम आदमी पार्टी के प्रभारी भी हैं। 

मैं खुद पिछड़ा वर्ग से हूं; कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर PM मोदी ने किया याद, कांग्रेस को लताड़ा…

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मैं खुद पिछड़ा वर्ग से हूं; कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर PM मोदी ने किया याद, कांग्रेस को लताड़ा…

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और सामाजिक न्याय की राजनीति के पुरोधा रहे कर्पूरी ठाकुर को केंद्र सरकार ने भारत रत्न देने का फैसला लिया है।

मंगलवार की शाम को यह ऐलान हुआ था और आज उनकी जन्मशती है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से जननायक को याद किया है।

उन्होंने कहा कि मैं खुद एक पिछड़ा वर्ग का व्यक्ति हूं और उनके योगदान को समझ सकता हूं। कर्पूरी ठाकुर की सामाजिक न्याय की राजनीति से देश के करोड़ों लोगों के जीवन में सुधार हुआ था।

उन्होंने लिखा कि मुझे कर्पूरी ठाकुर से कभी मिलने का अवसर नहीं मिला, लेकिन कैलाशपति मिश्रा जी से उनके बारे में बहुत कुछ सुनने को मिला। उन्होंने कर्पूरी जी के साथ काम किया था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने एक लेख में कहा, ‘अति पिछड़ा नाई समाज से आने वाले कर्पूरी ठाकुर ने तमाम बाधाओं को पार करते हुए उपलब्धियां हासिल की थीं।’

पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा, ‘कर्पूरी ठाकुर जी की जिंदगी सादगी और सामाजिक न्याय पर आधारित थी। वह अपनी जिंदगी के आखिरी क्षणों तक बेहद सादगी से जीते रहे।

हर किसी की उन तक पहुंच थी और मुख्यमंत्री जैसा पद हासिल करने के बाद भी वह हमेशा लोगों के संपर्क में रहे। उनसे जुड़े लोग जानते हैं कि कैसे वह अपने निजी खर्चों के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल नहीं कर सकते थे।’

प्रधानमंत्री ने कर्पूरी ठाकुर को याद करते हुए लिखा, ‘बिहार में जब कर्पूरी ठाकुर सीएम थे तो उसी दौरान नेताओं के लिए कॉलोनी बनाने का फैसला हुआ था।

लेकिन खुद उन्होंने कभी अपने लिए कोई घर या पैसा नहीं लिया। 1988 में वह जब गुजरे तो उनके यहां अंतिम विदाई देने पहुंचे लोगों की आंखें भर आईं।

यह देखकर लोग दुखी थे कि आखिर इतने बड़े कद का नेता कैसे इतनी सादगी से रहता था और उनके घर की कैसी हालत है।’ अपने लेख में पीएम नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर के फटे कुर्ते वाले किस्से का भी जिक्र किया।

कुर्ते के लिए जुटा चंदा और दे दिया सीएम रिलीफ फंड में

वह लिखते हैं, ‘1977 में वह बिहार के सीएम बने थे। उस दौर में केंद्र और बिहार दोनों जगह जनता दल की सरकार थी। उस समय पटना में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्मदिन पर सभी नेता पटना में जुटे थे।

उस महफिल में पहुंचे कर्पूरी ठाकुर का फटा कुर्ता जब चंद्रशेखर ने देखा तो उन्होंने अपने ही अंदाज में लोगों से अपील की थी कि वे उनके लिए डोनेट करें ताकि वह अच्छा सा कुर्ता खरीद लें। कर्पूरी जी ने चंदा स्वीकार तो कर लिया, लेकिन अपनी आदत के अनुसार उसे सीएम रिलीफ फंड में जमा करा दिया।’

‘दुख की बात है कि कांग्रेस ने OBC कमिशन का विरोध किया था’

कर्पूरी ठाकुर का स्मरण करते हुए पीएम मोदी ने ओबीसी वर्ग के लिए अपनी सरकार के कामकाज भी गिना दिए। उन्होंने कहा कि हम कर्पूरी ठाकुर जी के पदचिह्नों पर चलते हुए 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाए हैं।

इसके अलावा मुद्रा और विश्वकर्मा योजना के जरिए भी ओबीसी कल्याण के लिए तत्पर हैं। यही नहीं पीएम मोदी ने ओबीसी कमिशन के गठन का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर भी निशाना साध दिया।

उन्होंने कहा कि हम कर्पूरी जी के नक्शेकदम पर चलते हुए ओबीसी कमिशन की ओर बढ़े तो कांग्रेस ने उसका विरोध किया। दुख कि बात है कि कर्पूरी जी महज 64 साल की उम्र में हमें तब छोड़ गए, जब उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी।

सुप्रीम कोर्ट में CJI चंद्रचूड़ के सामने एक बार फिर रखी गईं 2 व्हिस्की की बोतलें, जानिए आखिर क्या है मामला?…

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सुप्रीम कोर्ट में CJI चंद्रचूड़ के सामने एक बार फिर रखी गईं 2 व्हिस्की की बोतलें, जानिए आखिर क्या है मामला?…

 सुप्रीम कोर्ट में रोजाना कई मामलों की सुनवाई होती रहती है। पिछले दिनों एक मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ के सामने दो व्हिस्की की बोतलें रख दी गई थीं, जिसे देखकर वह हैरान हो गए थे।

अब एक बार फिर से सीजेआई चंद्रचूड़ के सामने दो व्हिस्की की बोतलें रख दी गईं। दरअसल, यह पूरा मामला दो शराब कंपनियों के ट्रेडमार्क से जुड़ा हुआ है, जिसको लेकर फिर से कोर्ट में सुनवाई हुई।

‘इंडिया टुडे’ की रिपोर्ट के अनुसार, ब्लेंडर्स प्राइड और इंपीरियल ब्लू ब्रांड ने जेके एंटरप्राइजेज पर उसके ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने और लंदन प्राइड व्हिस्की की बोतलों को उनकी तरह बनाने को लेकर आरोप लगाया है।

सुनवाई के दौरान ब्लेंडर्स प्राइड की ओर से वरिष्ठ एडवोकेट मुकुल रोहतगी पेश हुए और कहा कि जेके एंटरप्राइजेज ने ब्लेंडर्स प्राइड की कई चीजों की कॉपी की है।

वहीं, जेके एंटरप्राइजेज की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एस मुरलीधर ने यह कहते हुए प्रतिवाद किया कि जिस तरह की बोतल का जिक्र किया जा रहा है वह पूरे देश में उपलब्ध है, जिस पर पेरनोड रिकार्ड की ओर से वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने उल्लंघन के दो रूपों की ओर इशारा किया।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने लंदन प्राइड ट्रेडमार्क के तहत व्हिस्की बनाने और बेचने वाली मध्य प्रदेश स्थित कंपनी को यह सूचित करने का निर्देश दिया कि क्या वह अपने उत्पाद की साज-सज्जा और रंग बदलने को तैयार है।

कोर्ट ने शराब उत्पादक पर्नाड रिकर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ‘ब्लेंडर्स प्राइड’ और ‘इंपीरियल ब्लू’ व्हिस्की से मिलता-जुलता उत्पाद होने की वजह से लंदन प्राइड की विनिर्माता जेके एंटरप्राइजेज को यह निर्देश दिया है। 

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने लंदन प्राइड की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एस मुरलीधर से इस निर्देश पर कंपनी की प्रतिक्रिया के बारे में अगली सुनवाई तक सूचित करने को कहा।

पीठ ने कहा, “आपने (लंदन प्राइड) उत्पाद का एक ही कलेवर और रंग एवं बाकी चीजें क्यों अपनाई हैं? इस बारे में निर्देश प्राप्त करें कि क्या आप इसका कलेवर और रंग बदलेंगे।” शीर्ष अदालत ने कहा कि वह अगली सुनवाई में नामों पर ट्रेडमार्क विवाद के मुद्दे पर दलीलें सुनेगी।

कंपनी ने इस अपील में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के नवंबर, 2023 में आए फैसले को चुनौती दी है जिसमें जेके एंटरप्राइजेज पर उत्पाद की नकल करने का आरोप लगाते हुए इसकी बिक्री पर रोक लगाने की मांग ठुकरा दी गई थी।

पर्नाड रिकर्ड का कहना है कि मध्य प्रदेश स्थित कंपनी उसके ट्रेडमार्क की पूरी तरह नकल कर रही है और ‘लंदन प्राइड’ नाम से अपने व्हिस्की ब्रांड का उत्पादन और बिक्री कर रही है।

जब मुख्यमंत्री के बेड पर सो गए सीनियर MLA, रात भर फर्श पर दर्द सहते रह गए थे कर्पूरी ठाकुर…

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जब मुख्यमंत्री के बेड पर सो गए सीनियर MLA, रात भर फर्श पर दर्द सहते रह गए थे कर्पूरी ठाकुर…

बात 1977 की है जब मोरारजी देसाई के नेतृत्व में देश में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी थी।

बिहार में भी विधानसभा चुनावों में जनता पार्टी की जीत हुई थी। 324 सीटों में से 214 सीटों पर जनता पार्टी की जीत हुई थी। कर्पूरी ठाकुर को तब मुख्यमंत्री बनाया गया था।

ठाकुर दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। अपने मंत्रिमंडल विस्तार पर जनता पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ चर्चा करने के लिए कर्पूरी ठाकुर दिल्ली गए हुए थे। वह बिहार भवन में ठहरे हुए थे।

बिहार के कई विधायक भी उस वक्त नई दिल्ली में डेरा डाले हुए थे। ये सभी मंत्री बनने के लिए लॉबिंग कर रहे थे। कई विधायक जनता पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ मीटिंग करना चाहते थे तो कुछ कर्पूरी ठाकुर के साथ मंत्री बनाने के लिए मिलना चाहते थे।

कर्पूरी ठाकुर अहले सुबह ही बिहार भवन से निकल जाया करते थे और देर रात लौटा करते थे। ऐसे में बिहार से आए ऊंची जाति के एक विधायक मंत्री बनने की हसरत लिए कर्पूरी ठाकुर से मिलने बिहार भवन आ पहुंचे।

बाढ़ से बुजुर्ग विधायक राणा शिलोखपति सिंह ठाकुर समुदाय से संबंध रखते थे। उन्होंने देखा कि मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर बिहार भवन के अपने कमरे में नहीं हैं।

उन्हें पता चला कि वह देर रात तक लौटेंगे। तब राणा साहब मुख्यमंत्री के ही बेडरूम में उनके ही बेड पर सो गए। उन्होंने यह सोचा कि जब मुख्यमंत्री देर रात में आएंगे तो उन्हें जगाएंगे और तब उनसे मंत्री बनने की ख्वाहिश जाहिर कर देंगे।

कर्पूरी ठाकुर के निजी सचिव रहे वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर के मुताबिक, जब देर रात कर्पूरी ठाकुर बिहार भवन लौटे और अपने बेडरूम में गए तो देखा कि उनके बेड पर बुजुर्ग विधायक राणा साहब सो रहे हैं तो उन्होंने उन्हें नहीं जगाया बल्कि खुद फर्श पर बिछे कालीन पर सो गए।

जब आधी रात राणा साहब बाथरूम जाने के लिए जगे तो वह कर्पूरी ठाकुर की कलाई कुचलते चले गए। उन्हें ये आभास ही नहीं रहा कि मुख्यमंत्री के बेडरूम में कोई नीचे फर्श पर भी सो सकता है। बहरहाल, राणा साहब बाथरूम से आकर फिर सो गए।

उधर, कर्पूरी ठाकुर की कलाई में भारी दर्द होने लगा था। बावजूद इसके वह उसे सहते रह गए। कर्पूरी ठाकुर ने जानबूझकर किसी को कुछ नहीं कहा।

जब राणा साहब जगे, तब तक कर्पूरी ठाकुर नहा-धोकर तैयार होकर बिहार भवन से जा चुके थे। बाद में उस वक्त कर्पूरी जी के निजी सचिव रहे लक्ष्मी साहू ने ये बातें कुछ लोगों को बताई थीं।

रायपुर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 29 जनवरी को ‘परीक्षा पे चर्चा‘ कार्यक्रम…

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रायपुर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 29 जनवरी को ‘परीक्षा पे चर्चा‘ कार्यक्रम…

स्कूल शिक्षा सचिव ने कलेक्टरों को कार्यक्रम में सहभागिता के संबंध में दिए निर्देश

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी स्कूली बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ परीक्षा को उत्सव की तरह मनाने एवं विद्यार्थियों में तत्संबधी तनाव दूर करने के लिए सीधा संवाद करेंगे।

‘परीक्षा पे चर्चा-2024‘ का कार्यक्रम 29 जनवरी को प्रातः 11 बजे भारत मण्डपम, प्रगति मैदान नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है।

सचिव स्कूल शिक्षा ने ‘परीक्षा पे चर्चा‘ कार्यक्रम में सहभागिता के लिए सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर आवश्यक व्यवस्था करवाने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कलेक्टरों से कहा है कि यह समय है कि जब परीक्षाओं को हम सब एक उत्सव के रूप में मनाये विद्यार्थियों को अध्ययन हेतु प्रेरित करने के साथ-साथ उनके परीक्षा संबंधी तनाव को दूर करने में सहयोग करें तथा उन्हें अपना सर्वोत्तम प्रदान करने हेतु प्रोत्साहित करें।

    सचिव स्कूल शिक्षा ने कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा है कि इस कार्यक्रम का लाईव प्रसारण दूरदर्शन राष्ट्रीय चैनल, दूरदर्शन न्यूज, दूरदर्शन भारत, यू-ट्यूब व डलळवअण्पद आदि के माध्यम से उपलब्ध रहेगा।

इसके लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, आयुक्त नगर निगम और जिला शिक्षा अधिकारी के मध्य समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार कराया जाए।

जिले के केन्द्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों, सीबीएसई से संबद्ध विद्यालयों, शासकीय एवं निजी विद्यालयों के साथ-साथ जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में स्मार्ट टीव्ही, डिजीटल क्लासरूम के प्रोजेक्टर स्क्रीन का उपयोग करते हुए कक्षा 6वीं से 12वीं तक के अधिक से अधिक विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों को इस लाईव प्रसारण से लाभान्वित करें।

कलेक्टरों से कहा गया है कि जिन स्थलों में इंटरनेट अथवा टेलीविजन की सुविधा सुगम नहीं वहां ऑलइंडिया रेडियो एवं एफएम चैनल के द्वारा इस कार्यक्रम का लाईव प्रसारण सुनाया जाए।

कार्यक्रम के पश्चात् बच्चों एवं शिक्षकों के फोटो डलळवअज च्वतजंस पर अपलोड किया जाए।

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