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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की दी शुभकामनाएं…

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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की दी शुभकामनाएं…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को देश के 75वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी है।

इस अवसर पर उन्होंने देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए बलिदान करने वाले अमर शहीदों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन किया है।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल हम लोग 26 जनवरी को भारत के एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य के रूप में स्थापित होने का पर्व मनाते हैं।

यह दिन भारतीय लोकतंत्र का महापर्व है, जो अनेकता में एकता लिए भारत देश को एक सूत्र में बांधता है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे पुरखों ने कड़ी मेहनत और पूरी जिम्मेदारी के साथ संविधान के रूप में सभी नागरिकों की गरिमा और स्वतंत्रता सुनिश्चित करते हुए उनके लिए सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय व समता की राह तैयार की, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।

भारतीय संविधान द्वारा रखी गई मजबूत आधारशिला का ही परिणाम है कि देश ने आजादी के 76 साल पूरे कर लिए हैं। यह हमारी महती जिम्मेदारी है कि त्याग और बलिदान से हमें जो लोकतंत्र का उपहार मिला है, वह लगातार मजबूत हो।

मुख्यमंत्री साय ने प्रदेशवासियों का आह्वान करते हुए कहा है कि नागरिकों के लोकतंत्र में भरोसे और सक्रिय भागीदारी से ही देश-प्रदेश विकास की राह में आगे बढ़ सकता है। सभी एक हों और लोकतांत्रिक मूल्यों की मजबूती की दिशा में अपने कदम बढ़ाएं।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को अयोध्या में राम जन्मभूमि में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल है।

स्वतंत्रता के अमृत काल में श्री रामलला की प्राणप्रतिष्ठा ऐतिहासिक घटना है। हमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के दिखाये हुए मार्ग पर चलकर देश को मजबूत बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।

अंधेरी सुरंग में मिला था हमास का नेता सिनवार, इजरायली महिला ने बताया गाजा में क्या-क्या हुआ…

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अंधेरी सुरंग में मिला था हमास का नेता सिनवार, इजरायली महिला ने बताया गाजा में क्या-क्या हुआ…

हमास के आतंकवादियों द्वारा लगभग 50 दिनों तक बंधक बनाकर रखी गई 72 वर्षीय इजरायली महिला ने बड़े खुलासे किए हैं।

बुधवार को एक इजरायली टीवी चैनल को उन्होंने बताया कि उसे एक अंधेरी, नमी वाली सुरंग में रखा गया था जहां वह हमास के नेता से मिली थी।

बीते साल अक्टूबर से ही हमास और इजरायल के बीच जंग जारी है।

अदीना मोशे को सात अक्टूबर को किबुत्ज निर ओज गांव से बंदी बना लिया गया था। उन्हें नवंबर के अंत में हमास के साथ एक समझौते के बाद मुक्त कर दिया गया था।

इस समझौते के तहत हमास ने लगभग 100 इजरायली बंधकों को रिहा किया था बदले में इजरायल द्वारा कैद किए गए फिलिस्तीनियों की रिहाई की गई थी।रिहा किए गए लोगों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे।

इजरायली चैनल ’12 टीवी’ पर अदीना मोशे का साक्षात्कार तब आया है जब एक नए समझौते को लेकर प्रयास जारी है जिसके तहत शेष 100 या उससे अधिक बंदियों को मुक्त किया जा सकता है।

यह साक्षात्कार उन कठिन परिस्थितियों पर भी नई रोशनी डालता है जो बंधकों ने हमास की कैद में रहने के दौरान सहन की थीं, जहां हमास नेता येह्या सिनवार ने मोशे और बंधकों के एक समूह से मुलाकात की थी।

मोशे ने बताया कि सिनवार ने उन सभी को हिब्रू भाषा में संबोधित करते हुए पूछा, ‘नमस्ते। आप कैसे हैं? सब ठीक है?’ सिनवार ने बताया कि उसने इजरायल में लंबे समय तक कैद के दौरान ये भाषा सीखी थी। मोशे ने कहा कि बंधकों ने अपना सिर झुका लिया और कोई जवाब नहीं दिया।

मोशे ने बंधक बनाए जाने की घटना का विवरण देते हुए कहा कि आतंकवादियों ने उस घर पर छापा मारा जिसमें वह अपने पति डेविड के साथ रहती थीं।

उन्होंने कहा कि एक आतंकवादी उन्हें बाहर लेकर चला गया जबकि दूसरे ने उनके पति की हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्हें दो हथियारबंद आतंकवादियों के साथ एक मोटरसाइकिल पर गाजा ले जाया गया, उन्हें प्रताड़ित किया गया और आतंकवादियों ने उनके सारे गहने ले लिए तथा एक राहगीर ने उनका चश्मा चुरा लिया।

मोशे और अन्य बंधकों के एक समूह को हमास के सुरंगों के विशाल नेटवर्क में ले जाया गया जहां से उन्हें एक भूमिगत कमरे में ले जाया गया और बताया गया कि उन्हें आने वाले दिनों में रिहा कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘हमने उन पर विश्वास किया। हमारा मानना था कि यह पहला काम होगा जो इजरायल करेगा।’ उन्हें मुक्त होने में लगभग 50 दिन का समय लग गया।

रायपुर : मुख्यमंत्री साय जूनी सरोवर मेला में हुए शामिल…

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रायपुर : मुख्यमंत्री साय जूनी सरोवर मेला में हुए शामिल…

मुख्यमंत्री की घोषणा: श्रद्धालुओं के लिए जूनी में सामुदायिक भवन,  ढनढनी में गौरव पथ और सामुदायिक भवन

प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज बेमेतरा ज़िले के नवागढ़ विकासखंड के ग्राम ढनढनी जूनी सरोवर मेला और श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ में शामिल हुए।

उन्होंने जूनी देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

मुख्यमंत्री साय ने इस मौके पर जूनी में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 40 लाख रूपए और ग्राम ढनढनी गौरव पथ निर्माण के लिए 15 लाख रूपए तथा सामुदायिक भवन के लिए 5 लाख रूपए की घोषणा की।

मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री पद का दायित्व सम्हालने के बाद उनका पहली बार बेमेतरा ज़िले में आगमन हुआ है।

इस अवसर पर आप सभी का जूनी सरोवर मेला में स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि मोदी जी गारंटी के अनुरूप आप लोगों ने हम पर जो विश्वास किया है, मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि मोदी के गारंटी में जो वायदे किए गए हैं उसे पूरा करेंगे।

उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के गठन हुए एक महीना ही हुआ है और इतने कम समय में मोदी जी के गांरटी को पूरा करने की ओर कदम बढ़ा चुके है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में 18 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी।

हमारी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन सुशासन दिवस के अवसर पर 02 वर्ष की धान की बोनस राशि 3 हजार 716 करोड़ रूपए 12 लाख से अधिक किसानों के खाते में अंतरित की।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) भर्ती मामले की सीबीआई जांच कराने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के शिक्षित युवाओं के साथ धोखाधड़ी करने वालों पर सख्ती से कार्यवाही की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर किसानों से प्रति एकड़ अधिकतम 21 किं्वटल धान खरीदी 3100 रूपए प्रति क्विंटल के मान से की जा रही है। उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य के अतिरिक्त अंतर की राशि जल्द ही किसानों के खाते में पहंुच जाएगी।

किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि महतारी वंदन योजना के लिए बजट में प्रावधान कर लिया गया है। प्रतिवर्ष 12 हजार रूपए की राशि माताओं के खाते में डाली जाएगी।

कार्यक्रम को खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल और वन मंत्री केदार कश्यप ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक बेमेतरा दीपेश साहू और विधायक साजा ईश्वर साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद थे।  

भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा अमृत काल, गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के नाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश…

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भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा अमृत काल, गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के नाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश…

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कल के दिन देश संविधान का उत्सव मनाएगा।

राष्ट्रपति ने कहा, “संविधान की प्रस्तावना हम भारत लोग से शुरू होती है। ये शब्द हमारे संविधान के मूल भाव को रेखांकित करते हैं।” अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि देश स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ते हुए अमृत काल के प्रारंभिक दौर से गुजर रहा है।

नई ऊंचाइयों को छू रहा भारत: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि देश के वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ पहले से कहीं अधिक ऊंचे लक्ष्य हासिल कर रहे हैं।

राष्ट्रपति ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक क्रांतिकारी पहल बताया। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला सशक्तिकरण के लिए एक क्रांतिकारी पहल साबित होगा। यह हमारे शासन की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में भी काफी मदद करेगा।”

लोकतंत्र की जननी है भारत: राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “कल वह दिन है जब हम संविधान के लागू होने का जश्न मनाएंगे। इसकी प्रस्तावना “हम, भारत के लोग” शब्दों से शुरू होती है, अर्थात यह हमारे लोकतंत्र पर प्रकाश डालती है। भारत में, लोकतांत्रिक प्रणाली बहुत बड़ी है पश्चिमी लोकतंत्र की अवधारणा से भी पुरानी। यही कारण है कि भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “देश अमृत काल के प्रारंभिक वर्षों में है। यह परिवर्तन का समय है। हमें देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का सुनहरा अवसर दिया गया है। हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण होगा।” 

राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा ऐतिहासिक: राष्ट्रपति मुर्मू
अयोध्या राम मंदिर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कहा, “इस सप्ताह की शुरुआत में हमने अयोध्या में निर्मित गौरवशाली नए मंदिर में भगवान श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा देखी, जो ऐतिहासिक थी। उचित न्यायिक प्रक्रिया और देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। अब यह एक भव्य इमारत के रूप में खड़ा है, जो न केवल देश की शोभा बढ़ाता है बल्कि लोगों के विश्वास की अभिव्यक्ति के साथ-साथ न्यायिक प्रक्रिया में लोगों के भारी विश्वास का प्रमाण भी है।”

रायपुर : मुख्यमंत्री ने बुरुंदवाड़ा सेमरा में सिरी (एमआरसी) और समृद्धि (एमआरएफ) सेंटर किया लोकार्पण…

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रायपुर : मुख्यमंत्री ने बुरुंदवाड़ा सेमरा में सिरी (एमआरसी) और समृद्धि (एमआरएफ) सेंटर किया लोकार्पण…

बस्तर जिले को 100 करोड़ रूपए से अधिक के विकास कार्यों की दी सौगात

कार्यक्रम में महिला समूहों को स्व-रोजगार हेतु 30 करोड़ रूपए ऋण का भी किया वितरण

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर प्रवास के दौरान जगदलपुर विकासखंड के बुरुंदवाड़ा सेमरा में लगभग 3 करोड़ 50 लाख रूपए की लागत से निर्मित सिरी (एमआरसी) और समृद्धि (एमआरएफ) का लोकार्पण किया।

इस मौके पर उन्होंने बस्तर जिले में 100 करोड़ 42 लाख 28 हजार रूपए की राशि के 195 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसमें 24 करोड़ 44 लाख 60 हजार रूपए की लागत के 110 कार्यों का लोकार्पण तथा 75 करोड़ 98 लाख 88 हजार रूपए के लागत से 89 कार्यों का भूमिपूजन सम्मिलित है।

मुख्यमंत्री साय ने 7 करोड़ 12 लाख की लागत से चित्रकोट और तिरथा में इंद्रधनुष पार्क निर्माण का शिलान्यास भी किया। इस दौरान इंद्रधनुष पार्क के निर्माण की कार्ययोजना के संबंध में वीडियो के माध्यम से जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में एमआरएफ और एमआरसी का पुस्तक का विमोचन किया गया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम में एमआरएफ और एमआरसी सेंटर के कचरा प्रबंधन की व्यवस्था का अवलोकन किया और महिला समूह के सदस्यों द्वारा मशीनों के माध्यम से कचरा अलग करने और व्यवस्थित कर विक्रय करने के प्रक्रिया की जानकारी ली।

बुरुंदवाड़ा सेमरा में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वच्छता दीदियों को 83 ई-रिक्शा प्रदान किया।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों को 30 करोड़ रूपए का ऋण भी वितरण किया गया।

इस अवसर पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, पूर्व विधायक संतोष बाफना, कमिश्नर श्याम धावड़े, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर विजय दयाराम के., पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ प्रकाश सर्वे सहित अन्य गणमान्य अतिथि जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

गौरतलब है कि बुरुंदवाड़ा सेमरा में जिला पंचायत, एचडीएफसी बैंक के सेंटर फॉर एनवायरमेंट एजुकेशन (सीईई) और सृष्टि वेस्ट मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के सयुंक्त साझेदारी से 03 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से निर्मित स्वच्छ केंद्र-एमआरएफ (मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी एंड मटेरियल रिसाइक्लिंग सेंटर) का संचालन किया जा रहा है।

सेंटर का मुख्य उद्देश्य पारिस्थितिकी तंत्र में बेहतर अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देकर परिवर्तनकारी परियोजना को व्यवहार में लाना है। साथ ही अपशिष्ट प्रबंधन मूल्य श्रृंखला में एक चक्रीय अर्थव्यवस्था और एक व्यवसाय मॉडल को बढ़ावा देना है।

इससे संस्था से जुड़ी महिला स्व सहायता समूह को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। जगदलपुर शहर के कचरा प्रबंधन के माध्यम से नगर निगम की स्वच्छता दीदियों से उनके सामानों की खरीदी कर आर्थिक लाभ पहुंचाना है।

परियोजना का लक्ष्य एक स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली बनाना है, जो रिसाइक्लिंग को बढ़ावा देता है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सूखे और प्लास्टिक कचरे की मात्रा को कम करता है। एमआरएफ/एमआरसी विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट पदार्थों की छंटाई, प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेगा, उचित निपटान सुनिश्चित करेगा और पर्यावरणीय दुष्प्रभाव को कम करेगा।

मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) और मटेरियल रिसाइक्लिंग सेंटर (एमआरसी) की स्थापना ‘सूखे और प्लास्टिक कचरे से मुक्त ग्रामीण और शहरी परिदृश्य‘ परियोजना के तहत की जा रही है।

सभी एकत्र किए गए सूखे कचरे और प्लास्टिक को शहर के नगर निगमों (सीएमसी), अपशिष्ट बीनने वालों और अन्य हितधारकों से एमआरएफ के लिए प्राप्त किया जाता है।

एमआरएफ सभी प्रकार के सूखे कचरे को अलग करता है, इसमें प्लास्टिक भी शामिल है, जो अपशिष्ट आपूर्ति श्रृंखला में मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देगा।

पीईटी, पीई, एचडीपीई, एलडीपीई, पीवीसी, पीएस और पीपी कचरे को जमा किया जाता है और टुकड़े कर रिसाइक्लर्स (पैलेट या अन्य सामग्री/उत्पादों का उत्पादन करने के लिए), सीमेंट भट्टियों (सह-प्रसंस्करण) को आपूर्ति की जाती है। जिसका उपयोग ईंधन, सड़क निर्माण आदि में किया जाता है।

हमास ने छेड़ा ‘वित्तीय जिहाद’, हर महीने मिल रहे करोड़ों रुपये; मुश्किल में इजरायल…

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हमास ने छेड़ा ‘वित्तीय जिहाद’, हर महीने मिल रहे करोड़ों रुपये; मुश्किल में इजरायल…

फिलिस्तीन के गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाले आतंकी संगठन हमास को लेकर इजरायल ने बड़ा दावा किया है।

इजरायल का मानना है कि युद्ध शुरू होने के बाद से हमास को मिलने वाले डोनेशन में कई गुना वृद्धि हुई है और अब उसे करोड़ों रुपये महीने मिल रहे हैं।

इजरायली अधिकारियों ने दावा किया कि हमास को ये पैसे ऑनलाइन मिल रहे हैं। पैसे गाजा में नागरिकों की मदद करने के लिए दान देने वाले संगठनों के जरिए आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमास को हर महीने 80 लाख डॉलर से लेकर 1.2 करोड़ डॉलर (करीब एक अरब रुपये) मिल रहे हैं।

अधिकारी का कहना है कि 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमले से पहले हमास को जो ऑनलाइन फंडिंग मिल रही थी उसकी तुलना में कई गुना वृद्धि हुई है।

इजरायली वित्तीय-खुफिया अधिकारियों ने ब्लूमबर्ग को बताया कि हमास को ऑनलाइन-डोनेशन चलाने वाली साइटों से जमकर पैसा मिलता है। अधिकारी ने दावा किया कि अमेरिका को भी इसकी जानकारी है।

हर तरफ हुआ खून-खराबा

गौरतलब है कि पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास के हमले में 1,200 से अधिक लोग मारे गए थे और लगभग 250 अन्य लोगों का अपहरण कर लिया गया।

इसके बाद नवंबर में एक सप्ताह के लिए संघर्ष विराम हुआ था जिसमें इजराइल द्वारा कैद किए गए 240 फलस्तीनियों की रिहाई के बदले में 100 से अधिक लोगों को रिहा किया गया था।

हमास द्वारा संचालित क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायल ने जवाबी कार्रवाई कर हजारों लोगों को मार डाला।

उन्होंने कहा कि इजरायली हमले ने बड़े स्तर पर विनाश किया है और अनुमानित तौर पर गाजा की 85 प्रतिशत आबादी विस्थापित हो गई है, जबकि 25,000 से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो गई है। 

हमास की फंडिंग पर नजर रखना मुश्किल

हालांकि इंटरनेशनल प्रेशर के बावजूद इजरायल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इजरायल का मकसद हमास को पूरी तरह खत्म करना है।

अब इस यहूदी देश की नजरें हमास को मिलने वाले चंदे पर है। लेकिन हमास की फंडिंग पर नजर रखना बेहद मुश्किल है। क्योंकि यह अनुभवी संगठन वर्षों से तमाम तरह के प्रतिबंधों को चकमा देता आ रहा है।

वाशिंगटन इंस्टीट्यूट फॉर नियर ईस्ट पॉलिसी के फेलो मैथ्यू लेविट ने बताया, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि गाजा युद्ध के मद्देनजर फिलिस्तीनियों को वैध और नाजायज दोनों तरह का दान मिल रहा है और इसमें तेजी से वृद्धि हुई है।”

उन्होंने कहा कि दान देने में लोगों की दिलचस्पी हमास के लिए फायदे का काम कर रही है। मैथ्यू ने बताया, “मैंने कई ऐसी चैरिटीज को सामने आते देखा है जिन पर अमेरिका ने पहले प्रतिबंध लगाया था, लेकिन अब वे कुछ नए नामों के जरिए हमास को डोनेशन दे रहे हैं। लेकिन बहुत सारे नए संगठन भी सामने आए हैं जो हमास को खुलकर डोनेशन दे रहे हैं।”

“यह एक वित्तीय जिहाद है”

बता दें कि डोनेशन में वृद्धि के पीछे हमास की भावुक अपील ने भी बड़ा काम किया है। हमास के अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से इजरायल के खिलाफ अपनी लड़ाई के लिए कैश की मांग की थी। हमास नेता इस्माइल हनीयेह ने कहा था, “यह सिर्फ एक मानवीय मुद्दा नहीं है। इसका बहुत बड़ा महत्व है। यह एक वित्तीय जिहाद है।”

इजरायली अधिकारियों का कहना है कि युद्ध से पहले, ये दान धर्मार्थ संस्थाओं (चैरिटीज) को दिया जाता था। इसके बाद ये पैसा मदद करने वाले संगठनों सहित विभिन्न तरीकों से हमास तक पहुंचता था।

हमास गाजा के स्थानीय व्यापारियों से भी पैसे मंगाता था। हालांकि, यह तय कर पाना बेहद मुश्किल है कि ये पैसा लीगल है या इससे केवल हमास की मदद हो रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली और अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि हमास अन्य देशों में मौजूद संगठनों के जरिए भी पैसे जुटा रहा है। हैरान करने वाली बात है कि ये संगठन खुलेतौर पर हमास से नहीं जुड़े हैं।  

रायपुर : मुख्यमंत्री ने उद्यानिकी महाविद्यालय जगदलपुर में क्रांतिकारी डेबरीधुर की प्रतिमा का किया अनावरण…

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रायपुर : मुख्यमंत्री ने उद्यानिकी महाविद्यालय जगदलपुर में क्रांतिकारी डेबरीधुर की प्रतिमा का किया अनावरण…

भूमकाल आंदोलन के क्रांतिकारी वीरों का मुख्यमंत्री ने किया पुण्य स्मरण

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जिला मुख्यालय जगदलपुर के धरमपुरा स्थित क्रांतिकारी डेबरीधुर उद्यानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र परिसर में भूमकाल आंदोलन के नायक वीर डेबरीधुर जी की प्रतिमा का और उनके जीवन परिचय पर आधारित शिलालेख का अनावरण किया।

इस मौके पर उन्होंने भूमकाल आंदोलन के क्रांतिकारी डेबरीधुर के योगदान का पुण्य स्मरण कर उन्हें नमन किया।

उन्होंने कहा कि बस्तर के भूमकाल विद्रोह में आदिवासी जननायक वीर गुंडाधुर के साथ क्रांतिकारी डेबरीधुर जैसे कई अन्य नायकों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। बस्तर के आदिवासी नायकों का योगदान अविस्मरणीय और अतुलनीय है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर क्रांतिकारियों की धरती है।

यहां के आदिवासी जननायकों ने अपनी वीरता और साहस से दमनकारी शक्तियों का पूरजोर मुकाबला किया। वीर गेंदसिंह, हिड़मा मांझी, नागुल दोरला, वीर झाड़ा सिरहा जैसे अनेकों बस्तर के वीरों ने अपनी माटी की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।

इस मौके पर विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, पूर्व विधायक संतोष बाफना, बैदूराम कश्यप, सुभाऊ कश्यप सहित बस्तर कमिश्नर श्याम धावड़े, आईजी सुंदरराज पी., महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर. एस. कुरील, कलेक्टर विजय दयाराम के. भी उपस्थित थे।

गौरतलब है कि डेबरीधुर बस्तर के महान भूमकाल विद्रोह 1910 के महानायक गुण्डाधूर के निकट सहयोगी क्रांतिकारी और बलिदानी के रूप में जाने जाते हैं।

बस्तर के ग्राम एलेंगनार में जन्में डेबरीधुर धुर्वा जनजाति के आदिवासी युवक थे। उनका वास्तविक नाम बोरगाधुर था, लेकिन तीर धनुष, तलवार, कुल्हाड़ी आदि हथियार चलाने सहित अन्य सभी कार्य बायें हाथ से करने के कारण वे डेबरीधुर कहलाए। बस्तर अंचल में डेबरी का अर्थ बायाँ होता है।

डेबरीधुर ने अपने वीर साथी क्रांतिकारी नायकों के साथ अंग्रेजों के शोषण, अनाचार, दमन और अत्याचार से बस्तर को मुक्त करवाने के लिए गाँव-गाँव में बैठक के माध्यम से लोगों को जागरूक व संगठित कर संघर्ष के लिए तैयार करने का महत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने गुण्डाधुर के साथ कदम से कदम मिलाकर लड़ाई का नेतृत्व किया।

भूमकाल विद्रोह विश्वासघातियों के कारण अंग्रेजों के पक्ष में जाने लगा। डेबरीधुर गिरफ्तार कर लिए गए। सम्भवतः दिनांक 29 मार्च 1910 को उन्हें जगदलपुर स्थित गोलबाजार के इमली के वृक्ष में फांसी दे दी गई। उस समय उनकी उम्र महज 22 वर्ष की थी।

भूमकाल के इस वीर महायोद्धा के अमूल्य बलिदान को बस्तर कभी विस्मृत नहीं कर सकेगा।

भूमकाल के स्मृति दिवस 10 फरवरी को प्रतिवर्ष आदिवासी समाज द्वारा वीर गुण्डाधुर और डेबरीधुर सहित आंदोलन के सभी नायकों के शहादत को यादकर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।

‘दो पाकिस्तानियों की हत्या के पीछे भारतीय एजेंट्स’, पाक के आरोपों को भारत ने बताया झूठा; कहा- जो बोया है, वही काटेगा…

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‘दो पाकिस्तानियों की हत्या के पीछे भारतीय एजेंट्स’, पाक के आरोपों को भारत ने बताया झूठा; कहा- जो बोया है, वही काटेगा…

कनाडा की राह पर चलते हुए पाकिस्तान ने भी भारत पर बेतुके आरोप लगाए हैं।

पाकिस्तान के विदेश सचिव मुहम्मद साइरस सज्जाद काजी ने गुरुवार को कहा है कि इस्लामाबाद के पास भारतीय एजेंटों और सियालकोट और रावलकोट में दो पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या के बीच संबंधों के विश्वसनीय सबूत हैं।

पिछले साल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का कनेक्शन भारतीय एजेंट्स के साथ जोड़ा था, जिसपर खूब विवाद हुआ था।

कनाडा के उन आरोपों को भारत ने खारिज कर दिया था। पाकिस्तान के विदेश सचिव काजी साल 2023 में दो पाकिस्तानियों की मौत का जिक्र कर रहे थे, जिनकी पहचान शाहिद लतीफ और मुहम्मद रियाज के रूप में हुई थी।

भारत ने पाकिस्तान के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और इन्हें झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार बताया है। साथ ही यह भी कहा है कि पाकिस्तान जो बोएगा, वही काटेगा।

भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, ”हमने पाकिस्तान के विदेश सचिव की कुछ टिप्पणियों के संबंध में मीडिया रिपोर्टें देखी हैं।

यह झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार करने की पाकिस्तान की ताजा कोशिश है। जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद, संगठित अपराध और अवैध अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का सेंटर रहा है।

भारत और कई अन्य देशों ने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह आतंक और हिंसा की अपनी संस्कृति में भस्म हो जाएगा।

पाकिस्तान जो बोएगा वही काटेगा। अपने कुकर्मों के लिए दूसरों को दोषी ठहराना न तो कोई औचित्य हो सकता है और न ही कोई समाधान।”

पाकिस्तानी वेबसाइट ‘द डॉन’ के अनुसार, इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के विदेश सचिव ने कहा कि भारत पाकिस्तान के अंदर अतिरिक्त-क्षेत्रीय और गैर-न्यायिक हत्याओं का अभियान चला रहा है।  

उन्होंने कहा, ”भारतीय एजेंटों ने पाकिस्तान में हत्याएं करने के लिए विदेशी धरती पर प्रौद्योगिकी और सुरक्षित पनाहगाहों का इस्तेमाल किया। उन्होंने इन हत्याओं में भूमिका निभाने के लिए अपराधियों, आतंकवादियों और संदिग्ध नागरिकों की भर्ती की, वित्त पोषण किया और उनका समर्थन किया।”

पाकिस्तानी विदेश सचिव ने कहा कि भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया अकाउंट्स ने भी तुरंत इन हत्याओं का दावा किया और उन्हें भारत के दुश्मनों के खिलाफ सफल प्रतिशोध के रूप में महिमामंडित किया है।

उन्होंने कहा कि संभावित हत्यारों की भर्ती सोशल मीडिया, नकली दाएश खातों का इस्तेमाल करके की गई थी। काजी ने कहा, “फाइनेंसरों, ठिकाने लगाने वालों और हत्यारों की टीमों को ऑपरेशन में नियोजित किया गया था।” उन्होंने कहा कि सभी संभावित ट्रैक को अस्पष्ट करने के लिए जानबूझकर एग्जिट योजनाएं भी विकसित की गई थीं।

दोनों की हत्याओं के बारे में जानकारी देते हुए पाकिस्तानी विदेश सचिव ने कहा कि 11 अक्टूबर, 2023 को, शाहिद लतीफ की सियालकोट में एक मस्जिद के बाहर हत्या कर दी गई थी।

विस्तृत जांच से पता चला कि तीसरे देश में स्थित एक भारतीय एजेंट, योगेश कुमार ने हत्या की साजिश रची। काजी ने कहा कि कुमार ने शाहिद लतीफ का पता लगाने और उसकी हत्या करने के लिए पाकिस्तान में स्थानीय अपराधियों से संपर्क करने के लिए तीसरे देश में एक मजदूर मुहम्मद उमैर को भर्ती किया था।

विदेश सचिव ने कहा, “कुछ असफल प्रयासों के बाद, उमैर को हत्या को अंजाम देने के लिए व्यक्तिगत रूप से पाकिस्तान भेजा गया था।” उन्होंने कहा कि उमैर शाहिद लतीफ की हत्या करने में सफल रहा।”

वहीं, दूसरी हत्या के बारे में बात करते हुए, पाकिस्तानी विदेश सचिव ने कहा कि एक अन्य भारतीय एजेंट एक पाकिस्तानी व्यक्ति की हत्या में शामिल था, जिसकी पहचान मुहम्मद रियाज के रूप में हुई थी, जिसकी 8 सितंबर, 2023 को रावलकोट में एक मस्जिद के अंदर नमाज के दौरान हत्या कर दी गई थी।

काजी ने कहा, “कानून से जुड़ीं एजेंसियों ने हत्यारे, मुहम्मद अब्दुल्ला अली को ट्रैक किया और 15 सितंबर, 2023 को कराची के जिन्ना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ान भरते समय उसे गिरफ्तार कर लिया।”

पूछताछ से पता चला कि अली को भारतीय एजेंटों अशोक कुमार आनंद और योगेश कुमार द्वारा भर्ती और निर्देशित किया गया था।

उन्होंने कहा कि भारतीय एजेंटों ने अली को भर्ती करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम का इस्तेमाल किया। अली को भुगतान प्राप्त हुआ और उसे हथियार और गोला-बारूद प्रदान किया गया। काजी ने कहा कि मामले की सुनवाई अदालत में चल रही है।

रायपुर : प्रदेश में मोदी की हर गारंटी होगी पूरी: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय…

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बस्तर जिले में 100 करोड़ से अधिक की लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास

नगरनार और किलेपाल में नवीन महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा

दो दिवसीय बस्तर प्रवास पर है मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने दो दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान जगदलपुर विकासखंड के बुरुंदवाड़ा सेमरा में लगभग 3 करोड़ 50 लाख रूपए की लागत से निर्मित सिरी (एमआरसी) और समृद्धि (एमआरएफ) का लोकार्पण किया।

इस मौके पर उन्होंने बस्तर जिले में 100 करोड़ 42 लाख 28 हजार रूपए की राशि के 195 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया।

इसमें 24 करोड़ 44 लाख 60 हजार रूपए की लागत के 110 कार्यों का लोकार्पण तथा 75 करोड़ 98 लाख 88 हजार रूपए के लागत से 89 कार्यों का भूमिपूजन सम्मिलित है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने नगरनार में महाविद्यालय और किलेपाल में भी महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सभी को पौष पुन्नी छेरछेरा की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने देश के बलिदानी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को और बस्तर क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले वीर सपूतों को नमन किया।

साय ने कहा कि आज करीब सौ करोड़ से अधिक राशि के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण भी हुआ है। स्वच्छ भारत मिशन की घोषणा देश के प्रधानमंत्री ने की थी, जिसके कारण देश के हर घर में शौचालय का निर्माण हुआ है।

उन्होंने कहा कि अब कचरे का भी उपयोग किया जाता है। कचरे को रिसाइकिल करके उससे कई चीजें बनाई जा रही है।

कचरे से दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा कोटी भेंट करने पर अपनी बधाई दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार को सिर्फ डेढ़ महीने हुए हैं लेकिन हम मोदी जी की गारंटी पर चल पड़े हैं। 13 दिसंबर को हमने शपथ ली और 14 दिसंबर को ही हमने 18 लाख लोगों को घर देने का निर्णय ले लिया था।

हमने सुशासन दिवस पर दो साल के बकाया धान का बोनस 3716 करोड़ रूपए किसानों के खाते में ट्रांसफर किया। हमारे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ था।

पीएससी में घोटाला हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा था कि इस पर कार्रवाई होगी। हमने सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी है जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई जरूर होगी।

उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहक बोनस योजना भी जल्द शुरू होगा, जिसमें संग्राहकों को 4500 रूपए बोनस की पात्रता भी होगी।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मोदी की हर गारंटी पूरी की जाएगी और उसके लिए हम संकल्पित हैं।

उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। हम सरकारी खर्चे में छत्तीसगढ़ के लोगों को रामलला के दर्शन कराएंगे, इसके लिए रामलला दर्शन योजना शुरू की जा रही है।

बुरुंदवाड़ा सेमरा में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वच्छता दीदियों को 83 ई-रिक्शा प्रदान किया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों को 30 करोड़ रूपए का ऋण भी वितरण किया गया।

इस अवसर पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, पूर्व विधायक संतोष बाफना, कमिश्नर श्याम धावड़े, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर विजय दयाराम के., पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ प्रकाश सर्वे सहित अन्य गणमान्य अतिथि जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

कनाडा के चुनावों में भारत ने भी किया हस्तक्षेप? वहां के आयोग ने ट्रूडो सरकार से मांगे सबूत…

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कनाडा के चुनावों में भारत ने भी किया हस्तक्षेप? वहां के आयोग ने ट्रूडो सरकार से मांगे सबूत…

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड के बाद कनाडा ने भारत पर एक और आरोप लगाया है।

कनाडाई सरकार का मानना है कि भारत ने भी उसके आम चुनावों में हस्तक्षेप किया है।

अब वहां का चांज आयोग इस मामले की पड़ताल करना चाहता है। कनाडाई चुनावों में विदेशी ताकतों के हस्तक्षेप का मामला पहले भी उठता रहा है।

हालांकि तब ये आरोप केवल चीन और रूस तक ही सीमित थे। लेकिन अब कनाडा ने भारत पर भी उंगली उठाई है।

कनाडा स्थित सीटीवी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा का संघीय जांच आयोग देश के पिछले दो आम चुनावों में भारत द्वारा कथित हस्तक्षेप की जांच करना चाहता है।

कनाडा इसे विदेशी हस्तक्षेप का मामला मान रहा है। कनाडाई जांच आयोग ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उसने केंद्र की जस्टिन ट्रूडो सरकार से इन आरोपों से जुड़े दस्तावेज पेश करने को कहा है।

पिछले साल कनाडाई जांच आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें 2019 और 2021 के संघीय चुनावों में चीन, रूस और अन्य विदेशी देशों के संभावित हस्तक्षेप का जिक्र किया गया था।

इसमें विदेशी ताकतों के अलावा, बेहद ज्यादा राजनीतिक प्रभाव रखने वाले संगठनों द्वारा चुनावी हस्तक्षेप का आकलन करने का निर्देश दिया गया था।

अब कनाडाई आयोग का ताजा बयान पिछले दो चुनावों को प्रभावित करने में भारत की किसी भी भूमिका की जांच करने के इरादे का संकेत देता है। सोमवार से इस मसले पर सुनवाई शुरू होगी।

आयोग की प्रारंभिक सुनवाई में इस बात पर गौर किया जाएगा कि क्या गोपनीय राष्ट्रीय सुरक्षा जानकारी और खुफिया जानकारी को जनता के सामने रखा जाए। अगर रखा जाए तो इसकी क्या चुनौतियां और सीमाएं होंगी।

आयोग की अंतरिम रिपोर्ट 3 मई को आने वाली है। वहीं फाइनल रिपोर्ट साल के अंत तक आने की उम्मीद है।

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