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सीट शेयरिंग फॉमूर्ले से कांग्रेस के बाद RLD भी नाखुश, और सीटों की मांग; क्या झुकेंगे अखिलेश यादव?…

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सीट शेयरिंग फॉमूर्ले से कांग्रेस के बाद RLD भी नाखुश, और सीटों की मांग; क्या झुकेंगे अखिलेश यादव?…

विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया के भीतर लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे का मामला उलझता जा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की 80 सीटों को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीट शेयरिंग का जो फॉर्मूला पेश किया है, उससे राष्ट्रीय लोक दल (RLD) भी नाखुश लग रही है।

जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली पार्टी ने अपने लिए और ज्यादा सीटों की मांग रखी है। मालूम हो कि गठबंधन सहयोगी समाजवादी पार्टी की ओर से रालोद को 7 सीटें ऑफर हुई हैं।

अखिलेश ने कांग्रेस को 11 सीटें देने की पेशकश की थी। हालांकि इसे लेकर अभी तक अंतिम मुहर नहीं लगी है और दलों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है। कांग्रेस अपने लिए और कुछ सीटों की मांग कर रही है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, RLD की ओर से अपने लिए 2 और सीटों की मांग की गई है। हालांकि, रालोद इस बात पर सहमत है कि उसके टिकट पर सपा का उम्मीदवार चुनाव लड़ सकता है।

आरएलडी की यह पेशकश साल 2018 में कैराना उपचुनाव की याद दिलाती है, जहां सपा की तबस्सुम बेगम उसके टिकट पर चुनाव लड़ी थीं। उन्होंने इस इलेक्शन में बीजेपी की मृगांका सिंह को हरा दिया था।

इस दौरान बीएसपी और कांग्रेस ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया जिससे वोट बंटवारे को रोकने में मदद मिली। 

अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की हुई बैठक
सपा और रालोद ने लोकसभा चुनाव के लिए कुछ दिनों पहले ही गठबंधन की घोषणा की थी। रालोद की ओर से बताया गया कि वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 7 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

एसपी चीफ अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने सोशल मीडिया मंच एक्स के जरिये गठबंधन की घोषणा की थी।

मालूम हो कि दोनों दलों ने 2022 का विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था, जिसमें सपा ने 403 सीटों वाली उप्र विधानसभा की 111 सीट जीती थीं, जबकि रालोद को 8 सीट मिली थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में रालोद का सपा-बसपा से गठबंधन था।

रालोद को मथुरा, बागपत और मुजफ्फरनगर सीट मिली थीं, लेकिन वह तीनों सीट पर हार गई, जबकि सपा और बसपा ने क्रमश: 5 और 10 सीट जीतीं।

रायपुर : देश के कोने-कोने से महान विभूतियों का हो रहा राष्ट्रीय सम्मान: मंत्री केदार कश्यप…

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मन की बात प्रेरणादायी कार्यक्रम, सामाजिक जीवन में विशेष महत्व: वनमंत्री केदार कश्यप

वनमंत्री नारायणपुर के करन्दोला में आयोजित ‘मन की बात‘ कार्यक्रम में शामिल हुए

वनमंत्री केदार कश्यप आज नारायणपुर जिले के करन्दोला ग्रामपंचायत में आयोजित ‘मन की बात‘ कार्यक्रम में शामिल हुए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात‘ कार्यक्रम का 109वां एपिसोड प्रसारण किया गया। वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि ‘मन की बात‘ पूरे देशवासियों के लिए एक प्रेरणादायी कार्यक्रम है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात‘ कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के हेमचंद मांझी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि मांझी पिछले पांच दशक से आयुष चिकित्सा के माध्यम गरीब मरीजों की सेवा कर रहे हैं।

हमारे देश में आयुर्वेद और हर्बल मेडिसीन का खजाना छुपा हुआ है। उसके संरक्षण में वैद्यराज हेमचंद मांझी जी की बहुत बड़ी भूमिका है।

वनमंत्री केदार कश्यप ने कार्यक्रम के संबंध में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की  नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले दस वर्षों में देश के कोने-कोने के महान विभूतियों को खोज कर राष्ट्रीय सम्मान देकर समाज को नई दिशा देने का कार्य किया है।

उन्होंने कहा कि नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र के वैद्यराज हेमचंद मांझी जी को पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में पद्मश्री प्रदान किया गया है। यह हमारे क्षेत्र और पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।

छत्तीसगढ़ की अनूठी पहल, हमर हाथी हमर गोठ का जिक्र-
वनमंत्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात‘ में श्रोताओं को बताया कि छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर, बिलासपुर, रायपुर, रायगढ़ ‘हमर हाथी हमर गोठ‘ रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से हाथियों के संबंध में जानकारी प्रसारित की जाती है।

मोदी जी ने इसे अनुकरणीय पहल बताते हुए कहा कि हाथियों का झुंड किस क्षेत्र में विचरण कर रहा है और हाथियों की कितनी संख्या है? इस बात की जानकारी लोगों को रेडियो के माध्यम से मिल जाती है, जिससे संबंधित क्षेत्र के लोग सर्तक और सावधान हो जाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में ऐसा प्रयोग किया जा सकता है।

मन की बात अधिक से अधिक लोग सुने और प्रेरक कार्य करने की दिशा में आगे बढ़े

वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि ‘मन की बात‘ कार्यक्रम में देश के लोगों के प्रेरणादायी कार्य और उनके उपलब्धियों को पूरे देशवासियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।

देश के लोगों को इस कार्यक्रम के माध्यम से समाज के लिए कुछ बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।

हम सबका प्रयास होना चाहिए कि अधिक से अधिक लोग इस कार्यक्रम से जुड़े और इन कार्यों से प्रेरणा लें।

बिहार में अगले विधानसभा चुनाव तक नहीं चलेगा JDU-BJP गठबंधन, प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी…

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बिहार में अगले विधानसभा चुनाव तक नहीं चलेगा JDU-BJP गठबंधन, प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी…

राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK) ने रविवार को दावा किया कि जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार का भाजपा के साथ नवगठित गठबंधन बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले ही बिखर जाएगा।

किशोर ने यह भी दावा किया कि भाजपा को कुमार के साथ फिर से गठबंधन करने के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है क्योंकि उसने (भाजपा ने) घोषणा की थी कि उसके दरवाजे कुमार के लिए बंद हो गए हैं।

किशोर ने बेगुसराय जिले में संवाददाताओं से कहा, ”नीतीश कुमार का पलटी मारना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।” 

प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं महागठबंधन में उनके शामिल होने के बाद से ही कह रहा था कि वह इसमें नहीं रहेंगे। लेकिन आज का घटनाक्रम साबित करता है कि अगर नीतीश पलटूराम हैं तो नरेन्द्र मोदी और अमित शाह भी अलग नहीं हैं।

ऐसा लगता है कि भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक गणना की है। लेकिन उसे अगले साल विधानसभा चुनाव होने पर इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।

पीएम मोदी और जदयू सुप्रीमो दोनों के राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर काम कर चुके किशोर ने कहा कि भाजपा को अपने मतदाताओं को यह समझाने में कठिनाई होगी कि उसने कुमार का समर्थन क्यों किया जबकि उसने कहा था कि उसके लिए दरवाजे बंद हैं।

उन्होंने कहा, ”मैं एक और भविष्यवाणी करता हूं और अगर मैं गलत साबित हुआ तो आप मुझे पकड़ सकते हैं। जो गठबंधन बना है वह विधानसभा चुनाव तक नहीं चलेगा। वास्तव में यह लोकसभा चुनाव के कुछ महीनों के भीतर टूट सकता है।” 

किशोर ने आरोप लगाया, ”भाजपा अब वही कर रही है जो कांग्रेस ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के समय में किया था। दोनों राष्ट्रीय दलों ने केंद्रीय स्तर पर छोटे लाभ के लिए बेहद अलोकप्रिय क्षेत्रीय नेताओं के साथ गठबंधन किया है।” उन्होंने दावा किया कि उनका जनसुराज अभियान इस ”घूमते दरवाजे की राजनीति” को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कुमार ने यह कहते हुए कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और प्रदेश में राजग की नई सरकार बना ली कि बिहार में महागठबंधन और राष्ट्रीय स्तर बने विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन में स्थितियां ठीक नहीं लगीं।

रायपुर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘परीक्षा पे चर्चा‘ 29 जनवरी को…

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रायपुर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘परीक्षा पे चर्चा‘ 29 जनवरी को…

परीक्षा की बात, प्रधानमंत्री के साथ – मुख्यमंत्री स्कूली बच्चों के साथ करेंगे परीक्षा पे चर्चा के सीधे प्रसारण का अनुश्रवण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी स्कूली बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ परीक्षा को उत्सव की तरह मनाने एवं विद्यार्थियों में तत्संबधी तनाव दूर करने के लिए सीधा संवाद करेंगे। ‘परीक्षा पे चर्चा-2024‘ का कार्यक्रम 29 जनवरी को प्रातः 11 बजे भारत मण्डपम, प्रगति मैदान नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘परीक्षा पे चर्चा-2024’ कार्यक्रम के सीधे प्रसारण का मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल स्कूली बच्चों  के  साथ  पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम रायपुर में अनुश्रवण करेंगे।

मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री इसके सीधे प्रसारण कार्यक्रम में सुबह 11 बजे से शामिल होंगे। इस अवसर पर स्कूली छात्र-छात्राएं और अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे।

मुख्यमंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री और अन्य जनप्रतिनिधि ‘परीक्षा पे चर्चा-2024’ कार्यक्रम के बाद स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी करेंगे।

‘परीक्षा पे चर्चा‘ कार्यक्रम का लाईव प्रसारण सभी न्यूज चौनलों के साथ डीडी न्यूज, डीडी नेशनल, डीडी इंडिया, एफएम रेडियो, फेसबुक लाईव, यूट्यूब चौनल और MyGov.inपोर्टल की वेबवाईट के माध्यम से लाईव देखा जा सकता है। राज्य में परीक्षा पे चर्चा को लेकर व्यापक उत्साह है।

छत्तीसगढ़ के विद्यार्थी, शिक्षक एवं अभिभावक इसमें बढ़-चढ़कर सहभागिता कर रहे हैं और लाभान्वित हो रहे हैं। राज्य से गत वर्ष 2023 में 62 हजार 077 विद्यार्थियों ने विभिन्न मुद्दों पर अपने आलेख भेजे और 12 हजार 355 शिक्षकों ने अपने आलेख भेजकर उपस्थिति दर्ज की एवं 2 हजार 876 पालक सहित 77 हजार 308 लोगों ने सहभागिता की थी।

इस वर्ष कक्षा 6वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों, पालकों एवं शिक्षकों को भाग लेने का अवसर दिया गया है। भारत सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार 12 जनवरी 2024 तक 1 लाख 56 हजार 459 विद्यार्थियों, 21 हजार 607 शिक्षकों और 5 हजार 963 अभिभावकों ने पंजीयन कराया है।

राज्य से नियमानुसार प्रतिभागियों में से एक शिक्षक और 2 विद्यार्थियों का जीवंत कार्यक्रम, नई दिल्ली हेतु चयन किया गया है।

परीक्षा पे चर्चा का प्रारंभ वर्ष 2018 में सिर्फ 22 हजार लोगों ने सहभागिता की थी, जो छह वर्षों में 102 गुनी बढ़कर इस वर्ष 2 करोड़ 26 लाख से ज्यादा हो गई है।

जिसे खिलाया… छत दी, वही बना हत्यारा, सिर पर 50 बार हथौड़ा मारकर ले ली जान; वीडियो में देखें मंजर…

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जिसे खिलाया… छत दी, वही बना हत्यारा, सिर पर 50 बार हथौड़ा मारकर ले ली जान; वीडियो में देखें मंजर…

अमेरिका में मास्टर्स की पढ़ाई कर रहे 25 वर्षीय भारतीय छात्र की हथौड़े से पीट-पीटकर निर्मम हत्या करने का मामला सामने आया है। हत्यारोपी ने हरियाणा मूल के छात्र के सिर पर एक या दो नहीं 50 बार हथौड़े से हमला किया।

घटना जॉर्जिया के लिथोनिया में एक स्टोर के अंदर हुई। बताया जा रहा है जिस शख्स ने हत्या को अंजाम दिया वह एक बेघर व्यक्ति है, जिसे भारतीय मूल के व्यक्ति ने स्टोर में न सिर्फ शरण दी बल्कि, खाना भी दिया।

यह पूरी घटना कैमरे में कैद हुई है। छात्र की बहन का आरोप है कि आरोपी ने उसके भाई से फ्री में सिगरेट मांगी थी, जब उसने मना कर दिया तो उसने हत्या कर दी।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय मूल का छात्र विवेक सैनी स्टोर में क्लर्क के तौर पर काम कर रहा था। उसने एक बेघर शख्स जूलियन फॉकनर को स्टोर के अंदर की परमिशन दी क्योंकि बाहर बहुत ज्यादा ठंड थी।

स्टोर के अन्य कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि वे लगभग दो दिनों से फॉकनर को आश्रय दे रहे थे। डब्ल्यूएसबी-टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारियों ने फॉकनर को खाने के लिए चिप्स, एक कोक, पानी और एक जैकेट दिया था।

कर्मचारियों ने न्यूज चैनल को बताया कि उन्होंने फॉकनर को स्टोर से बाहर निकलने के लिए नहीं कहा क्योंकि उन्हें पता था कि बाहर ठंड है।

हालांकि, 16 जनवरी को, विवेक सैनी ने फॉकनर को स्टोर से बाहर करने की बात कही थी। सैनी ने अन्य कर्मचारियों से यह भी कहा था कि इस बारे में पुलिस से संपर्क करना चाहिए।

पुलिस के मुताबिक, फॉकनर ने विवेक पर उस समय हथौड़े से हमला किया जब वह घर के लिए निकल रहे थे। एक कर्मचारी ने बताया कि विवेक के सिर पर करीब 50 बार वार किया गया।

जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, तो उन्होंने फॉकनर को सैनी के शरीर पर हथौड़े के साथ खड़ा था। विवेक को घटनास्थल पर मृत घोषित किया गया था।

विवेक के घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल
हरियाणा के बरवाला में विवेक सैनी के परिवार के अनुसार, वह चंडीगढ़ विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में बीटेक पूरा करने के बाद दो साल पहले अमेरिका गए थे।

उन्होंने हाल ही में अलबामा विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री पूरी की थी। विवेक की चचेरी बहन सिमरन ने इंडिया टुडे को बताया कि उनका पार्थिव शरीर भारत पहुंच गया है और उनका अंतिम संस्कार भी हो चुका है।

सिमरन ने बताया “विवेक एक मेधावी छात्र था जो अपने और अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए एक अच्छी नौकरी चाहता था। वह एक दुकान में काम करता था और पिछले कई दिनों से विवेक के हत्यारे के रूप में पहचाना जाने वाला व्यक्ति दुकान पर अक्सर आता था और पीने के लिए सिगरेट मांगता था।

विवेक उसे सिगरेट देता था, लेकिन उस दिन उसने मना कर दिया और कहा कि अगर वह आदमी दोबारा उन्हें परेशान करने आया तो वह पुलिस बुला लेगा। बाद में, वह हथौड़ा लेकर आया और मेरे भाई की बेरहमी से हत्या कर दी।”

सिमरन ने कहा कि हत्यारोपी एक “नशे का आदी और मनोरोगी” था। पूरा परिवार अभी भी विवेक की क्रूर मौत से सदमे में है और उसके माता-पिता, गुरजीत सिंह और ललिता सैनी, इस बारे में बात करने की स्थिति में नहीं थे कि क्या हुआ?

रायपुर : क्षेत्र के निरंतर विकास के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध: मंत्री टंकराम वर्मा…

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रायपुर : क्षेत्र के निरंतर विकास के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध: मंत्री टंकराम वर्मा…

राजस्व मंत्री ने सुहेला में तहसील कार्यालय का भूमिपूजन एवं विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया

प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन तथा खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने रविवार को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के ग्राम सुहेला में करीब 63 लाख की लागत से बनने वाले तहसील कार्यालय भवन का भूमिपूजन तथा विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया।

इसके साथ ही सुहेला के तिगड्डा चौक में भारत माता एवं छत्तीसगढ़ महतारी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण  भी किया।

मंत्री वर्मा ने कहा कि तहसील कार्यालय भवन का आज भूमिपूजन किया गया है, जिसका निर्माण तय समय मे पूरा होगा। हमारी सरकार विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

हम सब मिलकर क्षेत्र के विकास में नया अध्याय लिखेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय मे सुहेला विकास का केंद्र बनेगा। कई नए शासकीय कार्यालय खुलेंगे। इसके लिए शासकीय जमीनों को बचाकर रखना होगा।

अतिक्रमण बिल्कुल भी नही होने देना है। अवैध शराब के बिक्री और परिवहन में सख्ती से कार्यवाही होगी।

जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश वर्मा ने कहा कि करोड़ों रुपये की लागत से विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया गया है। क्षेत्र के विकास के लिए सबको आगे आना होगा।

सुहेला का विकास होगा तो इसके आस-पास के गांवों का भी विकास होगा। इसलिए हम सबको इसके लिए मिलकर प्रयास करना है।

इन कार्यों हुआ लोकर्पण
राजस्व मंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया। इसमें स्वास्थ्य केंद्र में 10 बिस्तरीय वार्ड का निर्माण, साहू सामुदायिक रंगमंच का निर्माण, तिगड्डा चौक में व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स, खल्लारी मंदिर परिसर में शेड निर्माण, शासकीय प्राथमिक शाला सुहेला का जीर्णाेद्धार कार्य, तिगड्डा चौक में सामुदायिक शौचालय निर्माण, डिजिटल एक्सरे कक्ष निर्माण, स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट विद्यालय में रंगमंच निर्माण, दुर्गाेत्सव मैदान में रंगमंच निर्माण, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति सुहेला में खाद गोदाम एवं अहाता निर्माण शामिल है।

इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य श्रीमती आदिति बघमार,जनपद सदस्य श्रीमती सरोजिनी बघमार, सरपंच श्रीमती सविता संतोष वर्मा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी तथा बडी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

जरूरी या मजबूरी, बार-बार धोखा खाने के बाद भी बीजेपी ने बिहार में नीतीश कुमार के साथ क्यों बनाई सरकार?…

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जरूरी या मजबूरी, बार-बार धोखा खाने के बाद भी बीजेपी ने बिहार में नीतीश कुमार के साथ क्यों बनाई सरकार?…

बिहार में एक बार फिर से एनडीए सरकार की वापसी हो गई है।

महागठबंधन को छोड़कर नीतीश कुमार बीजेपी के साथ आ गए हैं, जिसकी वजह से रविवार सुबह इस्तीफा देने के बाद शाम को उन्होंने नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

नीतीश का एक बार फिर से दावा है कि अब वे कहीं नहीं जाएंगे और बीजेपी के साथ ही बने रहेंगे। हालांकि, उनका यह दावा कितना सही साबित होगा, यह भविष्य ही बताएगा।

दरअसल, बीते एक दशक में नीतीश कभी आरजेडी के साथ रहे तो कभी अचानक से कोई वजह देकर फिर से बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो गए।

ऐसे में जब इस बार फिर से नीतीश के बीजेपी के साथ सरकार बनाने की अटकलें लगने लगीं तो बीजेपी के भीतर से ही नाराजगी के सुर सुनाई देने लगे। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से लेकर पार्टी के तमाम नेताओं ने खुलेआम नीतीश का विरोध किया, लेकिन आलाकमान के फैसले की वजह से आखिरकार बिहार में जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन हो ही गया। 

नीतीश बीजेपी के लिए जितनी बड़ी जरूरत हैं, उतनी ही बीजेपी की मजबूरी भी हैं।

राजनैतिक जानकारों की मानें तो इस बार बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से ज्यादा, चंद महीनों बाद होने वाले लोकसभा चुनाव की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

आम चुनाव में अब महज तीन महीने का समय ही शेष है और बीजेपी का टारगेट 400 से ज्यादा सीटें जीतने का है। उत्तर भारत के तमाम राज्यों में बीजेपी काफी ज्यादा मजबूत बनी हुई है, लेकिन बिहार में जेडीयू के महागठबंधन में चले जाने की वजह से बीजेपी के लिए टेंशन खड़ी हो गई थी।

बिहार में पिछले लोकसभा चुनाव में जेडीयू और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जिसमें एनडीए ने कुल 40 में से 39 सीटों पर जीत हासिल की थी।

इसमें बीजेपी को 17, नीतीश कुमार की जेडीयू को 16, एलजेपी को 6 सीटें मिली थीं। यहां तक कि आरजेडी का खाता तक नहीं खुल सका था, जबकि एक सीट कांग्रेस के पास गई थी। ऐसा ही प्रदर्शन इस बार फिर से बीजेपी बिहार में दोहराना चाहती थी, जहां जेडीयू के महागठबंधन में चला जाना अड़चन पैदा कर रहा था।

अब फिर से जेडीयू का एनडीए में वापस आ जाने से बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव के राहें आसान हो गई हैं।  

बीजेपी नेतृत्व मानता रहा है कि नीतीश-लालू, कांग्रेस और लेफ्ट के महागठबंधन (अब नीतीश एनडीए का हिस्सा हो गए हैं) के बावजूद भी बिहार में बीजेपी 40 में से आधी सीटों पर प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के बूते जीत हासिल कर लेती, लेकिन पिछली बार एनडीए ने 40 में से 39 सीटों पर जीत हासिल की थी और इस बार उसका मंसूबा क्लीन स्वीप का है। पीएम मोदी अपने तीसरे कार्यकाल के लिए अब तक की सबसे बड़ी जीत चाहते हैं।

पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में 303 सीटों पर जीत दर्ज की थी और इस बार वह इस आंकड़े को हर हाल में पार करना चाहती है। इस रास्ते में बिहार और महाराष्ट्र के समीकरण रोड़ा बन सकते थे। इसी वजह से बीजेपी ने नीतीश पर भरोसा नहीं होने के बावजूद उन्हें साथ लिया। 

नीतीश कुमार के बीजेपी से गठबंधन करने से न सिर्फ एनडीए को मजबूती मिलेगी, बल्कि विपक्षी गठबंधन इंडिया अलायंस को बड़ा झटका भी लगेगा।

महागठबंधन में शामिल होने के बाद वे नीतीश ही थे, जिन्होंने विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की थी और सबको एक छत के नीचे लाने की कोशिश की थी। नीतीश का यही प्रयास था, जो पिछले साल 25 से ज्यादा दलों ने मिलकर इंडिया गठबंधन बनाया।

ऐसे में नीतीश के राष्ट्रीय स्तर से इंडिया गठबंधन और बिहार में महागठबंध से हटने से विपक्षी खेमे में हलचल मचेगी और बीजेपी को उसका आगामी लोकसभा चुनाव में मनोवैज्ञानिक फायदा मिलेगा। वोटरों के बीच बीजेपी यह संदेश देने में सफल रहेगी कि जो गठबंधन चुनाव पूर्व एक नहीं रह सका, वह चुनाव जीतने की स्थिति में सरकार कैसे चला पाएगा।

पटना विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर (रिटार्यड) और राजनीतिक विश्लेषक एनके चौधरी ने हमारे सहयोगी ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ से बात करते हुए बताया, ”बिहार में बीजेपी फिर से गेम में वापस आ गई है।

इससे 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की सीटों के बढ़ने की संभावनाएं उज्ज्वल हो गई हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात, राष्ट्रीय स्तर पर बने इंडिया अलायंस के लिए यह एक बड़ा झटका भी है।

इन सब के केंद्र में जाति सर्वेक्षण है जिसने अत्यंत पिछड़ी जाति (ईबीसी) की संख्या 36.01% और ओबीसी की संख्या 27.12% बताई है। ईबीसी 2005 से ही नीतीश का पारंपरिक वोट बैंक रहा है।

यह वोट बैंक बीजेपी को फायदा पहुंचाएगा।” वहीं, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज के पूर्व निदेशक डी एम दिवाकर कहते हैं कि राम मंदिर के उत्साह के बावजूद एनडीए खेमा नीतीश कुमार के बिना आश्वस्त नहीं था। इससे बीजेपी को ईबीसी का समर्थन हासिल करने में मदद मिलेगी।

रायपुर : मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने किया पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का वर्चुअल शुभारंभ…

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रायपुर : मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने किया पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का वर्चुअल शुभारंभ…

छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी द्वारा बांग्लादेश के न्यायिक अधिकारियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण आयोजित

छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के द्वारा बांग्लादेश के 50 न्यायिक अधिकारियों के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के लिए यह ऐतिहासिक पल है क्योंकि न्यायिक अकादमी के बनने के बाद से अब तक यह प्रथम अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यकम है जो अकादमी के द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा एवं माननीय न्यायाधिपति संजय के. अग्रवाल के मार्गदर्शन में यह अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा सका है तथा उनके मार्गदर्शन में आज 28 जनवरी 2024 को इस अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यकम का शुभारंभ किया गया।

यह प्रशिक्षण कार्यकम राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के प्रशिक्षण कार्यकम का हिस्सा है तथा न्यायपालिका की क्षमता एवं निपुणता को बढ़ाने राज्य न्यायिक अकादमी के उद्देश्य के एक मील का पत्थर है।

मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा के द्वारा इस कार्यक्रम का शुभारंभ नई दिल्ली से वर्चुअल मोड से किया गया। उन्होंने अपने उद्बोधन में बांग्लादेश से आये न्यायिक अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान समय में न्यायपालिका के लिए यह आज्ञापक है कि वे एक दूसरे के अनुभवों को आत्मसात करें एवं उससे ज्ञान प्राप्त करें।

इस महत्वपूर्ण अवसर पर माननीय न्यायाधिपति संजय के. अग्रवाल, संजय अग्रवाल, दीपक तिवारी, सचिन सिंह राजपूत, राकेश मोहन पाण्डेय एवं रविन्द्र अग्रवाल उपस्थित थे। इस कार्यकम में बिलासपुर के निकटवर्ती जिलों से लगभग 300 न्यायाधीश एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री से अधिकारीगण शामिल हुए थे।

शुभारंभ कार्यक्रम में न्यायाधिपति संजय के. अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में बताया कि यह अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यकम राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल एवं बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय के मध्य हुए समझौता ज्ञापन के तहत आयोजित किया जा रहा है।

प्रशिक्षण कार्यकम के संबंध में विस्तार से बताते हुए उन्होंने व्यक्त किया कि इस प्रशिक्षण कार्यकम में विधि एवं न्यायशास्त्र के महत्वपूर्ण क्षेत्र को सम्मिलित करते हुए सिविल एवं आपराधिक विधि के नवीन विकास, महिलाओं से संबंधित कानून बाल अधिकारों के संरक्षण से संबंधित कानूनों के संबंध में विस्तार से सत्र आयोजित किये जायेंगे।

जिसमें विधि महाविद्यालयों के व्याख्याता, वरिष्ठ अधिवक्तागण तथा छत्तीसगढ़ के अनुभवी न्यायिक अधिकारीगण के द्वारा व्याख्यान दिये जायेंगे।

इस शुभारंभ कार्यकम में बांग्लादेश से आये हुए न्यायिक अधिकारियों का स्वागत करते हुए अपने स्वागत उद्बोधन में न्यायाधिपति राकेश मोहन पाण्डेय के द्वारा यह बताया गया कि भारत एवं बांग्लादेश को जोड़ने के लिए अनेक क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के राष्ट्रगान को रविन्द्रनाथ टैगोर के द्वारा ही लिखा गया है।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी की निदेशिका श्रीमति सुषमा सावंत के द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन अकादमी की अतिरिक्त निदेशिका श्रीमति गरिमा शर्मा द्वारा किया गया।

जैसे-जैसे प्रशिक्षण कार्यकम आने वाले 5 दिनों में पूर्णता की ओर बढ़ेगा, राज्य न्यायिक अकादमी, न्यायिक समुदाय पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव एवं न्याय व्यवस्था की उन्नति में इसके योगदान को देखने के लिए उत्सुक हैं।

नवाज ने पहनी एक लाख की हैट? पाकिस्तान की बदहाली के बीच छिड़ी चर्चा; इमरान से जोड़ रहे कनेक्शन…

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नवाज ने पहनी एक लाख की हैट? पाकिस्तान की बदहाली के बीच छिड़ी चर्चा; इमरान से जोड़ रहे कनेक्शन…

पाकिस्तानी की खस्ताहाली इन दिनों खबरों में आम है। इस बीच पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति नवाज शरीफ की एक तस्वीर आई है जो काफी ज्यादा चर्चा में है।

असल में इस फोटो में नवाज शरीफ ने एक हैट पहन रखी है। सोशल मीडिया पर दावे किए जा रहे हैं कि इस हैट की कीमत एक लाख पाकिस्तानी रुपए है।

नवाज ने यह हैट पाकिस्तान स्थित पंजाब प्रांत के ननकाना साहिब जिले में आयोजित एक रैली में पहनी थी। 

चर्चा में हैट
फिलहाल यह हैट खूब चर्चा में है। बताया जा रहा है कि यह हैट गूची की है। हैट की कीमत के साथ-साथ इस पर बनी पटि्टयों पर भी खूब बातें हो रही हैं।

कुछ लोगों ने दावा किया है कि यह पट्टियां इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से मिलती-जुलती हैं।

लोगों ने इसकी कीमतों के बारे में भी तरह-तरह के दावे करने शुरू कर दिए हैं। तेल, बिजली और खाने की परेशानी से जूझ रहे पाकिस्तान में नवाज शरीफ का यह हैट विवाद की जड़ बन चुका है।

पाकिस्तान की हालत खराब
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक वित्तवर्ष 2023 में पाकिस्तान की हालत ज्यादा खराब हुई। विभिन्न देशों से पाकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक मदद भी बंद हो गई।

इसके बाद पाकिस्तान में खाने के सामान से लेकर विभिन्न चीजों के लिए परेशानी की हालत है। फिलहाल पाकिस्तान पर घरेलू कीमतों का भारी दबाव है।

वहीं, अभी भी अन्य देशों से पाकिस्तान के लिए पैसे का रास्ता नहीं बनाया पाया है। यहां पर महंगाई भी काफी ज्यादा है।  

रायपुर : खाद्य मंत्री दयालदास बघेल शहीद वीर रामाधीन गोंड़ शहादत दिवस कार्यक्रम में हुए शामिल…

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रायपुर : खाद्य मंत्री दयालदास बघेल शहीद वीर रामाधीन गोंड़ शहादत दिवस कार्यक्रम में हुए शामिल…

शहीद रामाधीन गोंड़ की प्रतिमा के लिए 10 लाख रूपए की घोषणा

प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयालदास बघेल आज जिला मुख्यालय राजनांदगांव में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीर रामाधीन गोंड़ शहादत दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए।

कार्यक्रम का आयोजन आदिवासी गोंड़ महासभा एवं अखिल भारतीय विकास परषिद् के तत्वाधान् में किया गया।

खाद्य मंत्री ने शहीद वीर रामाधीन गोंड़ को नमन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि शहीद रामाधान गोंड़ ने अन्याय के खिलाफ संघर्ष, मातृभूमि के प्रति संमर्पण और बलिदान के लिए कार्य किया।

उनके इस योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि वर्षों पहले राजनांदगांव नगर पालिक निगम क्षेत्र में एक मार्ग को शहीद रामाधीन के नाम पर रखा गया है।

उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज एक बड़ा संगठित समाज है और समाज सेवा के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहा है। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए समाज के पदाधिकारियों अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

मंत्री बघेल ने समाज की मांग पर शहीद वीर रामाधीन की प्रतिमा निर्माण के लिए 10 लाख रूपए की घोषणा की। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष नीलकंठ गढ़े और बड़ी संख्या में गोंड़ समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे।

    उल्लेखनीय है कि शहीद रामाधीन गोंड़ का जन्म 2 जुलाई 1920 को राजनांदगांव जिले के खुज्जी क्षेत्र के गांव बादरा टोला में हुआ था। शहीद वीर रामाधीन जंगल सत्याग्रह आंदोलन में लगातार भाग लेते थे।

वे 21 जनवरी 1939 को शहीद हो गए। उनकी स्मृति में ग्राम बादरा टोला में प्रतिमा और सांस्कृतिक भवन का निर्माण किया गया है।

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