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रायपुर : मुख्यमंत्री 02 फरवरी को रायगढ़ और तुरंगा में आयोजित कार्यक्रम में होंगे शामिल…

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रायपुर : मुख्यमंत्री 02 फरवरी को रायगढ़ और तुरंगा में आयोजित कार्यक्रम में होंगे शामिल…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 2 फरवरी को रायगढ़ जिले के प्रवास पर रहेंगे और वहां तुरंगा (पुसौर) में आयोजित अखिल भारतीय वैदिक महासम्मेलन और रायगढ़ शहर में शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की प्रतिमा का अनावरण समारोह में शामिल होंगे।

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 2 फरवरी को पूर्वान्ह 11.10 बजे पुलिस ग्राउण्ड रायपुर से हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर दोपहर 12 बजे इंद्रप्रस्थ स्टेडियम हेलीपेड पुसौर पहुंचेंगे।

मुख्यमंत्री साय आर्ष गुरूकुल आश्रम तुरंगा(पुसौर) में दोपहर 12.15 बजे से आयोजित अखिल भारतीय वैदिक महासम्मेलन में शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री कार्यक्रम पश्चात पुसौर से हेलीकॉप्टर द्वारा दोपहर 1.55 बजे प्रस्थान कर दोपहर 2.05 बजे डिग्री कॉलेज लाल मैदान हेलीपेड रायगढ़ पहुंचेंगे और वहां शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की प्रतिमा अनावरण समारोह में शामिल होंगे।

कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री साय दोपहर 3.35 बजे पुलिस ग्राउण्उ हेलीपेड रायपुर लौट आएंगे।

बसंत पंचमी कब है? पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त…

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बसंत पंचमी कब है? पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त…

प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):

 बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी बुधवार को है।

माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को सरस्वती पूजा मनाई जाती है।

इसी दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। हालांकि 13 फरवरी को दोपहर 2:41 बजे पंचमी तिथि का प्रवेश हो रहा है। इसलिए उदया तिथि में अगले दिन 14 को सरस्वती पूजा मनाई जाएगी।

14 को दोपहर 12.10 बजे तक ही पंचमी तिथि है। इसके बाद षष्ठी का प्रवेश हो जाएगा। इस दौरान रेवती, अश्विनी नक्षत्र और शुभ व शुक्ल योग पड़ रहा है। 

बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती को समर्पित है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। माता सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और शिल्प-कला की देवी माना जाता है। इस दिन को श्री पंचमी और सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है।

जिस दिन पंचमी तिथि सूर्योदय और दोपहर के बीच में व्याप्त रहती है। उस दिन को सरस्वती पूजा के लिये उपयुक्त माना जाता है।

इसी कारण से कुछ सालों में बसंत पंचमी चतुर्थी के दिन पड़ जाती है। हिंदू कैलेंडर में सूर्योदय और दोपहर के मध्य के समय को पूर्वाह्न के नाम से जाना जाता है।

बसंत पंचमी का दिन सभी शुभ कार्यो के लिये उपयुक्त माना जाता है। इसी कारण से बसंत पंचमी का दिन अबूझ मुहूर्त के नाम से प्रसिद्ध है और नवीन कार्यों की शुरुआत के लिये उत्तम माना जाता है।

शुभ मुहूर्त- 

बसंत पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त – 07:00 ए एम से 12:41 पी एम

अवधि – 05 घण्टे 41 मिनट्स

वसन्त पञ्चमी मध्याह्न का क्षण – 12:41 पी एम

ब्रह्म मुहूर्त– 05:19 ए एम से 06:09 ए एम

प्रातः सन्ध्या– 05:44 ए एम से 07:00 ए एम

विजय मुहूर्त– 02:35 पी एम से 03:20 पी एम

गोधूलि मुहूर्त– 06:20 पी एम से 06:45 पी एमॉ

सायाह्न सन्ध्या– 06:22 पी एम से 07:38 पी एमॉ

अमृत काल– 08:30 ए एम से 09:59 ए एम

पूजा विधि: प्रातः काल स्नान कर पूजा स्थल पर एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं, उस पर मां सरस्वती का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद कलश, भगवान गणेश और नवग्रह पूजन कर मां सरस्वती की पूजा करें। मिष्ठान का भोग लगाकर आरती करें।

रायपुर : अखिल भारतीय वैदिक महासम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन 2 फरवरी को…

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रायपुर : अखिल भारतीय वैदिक महासम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन 2 फरवरी को…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय रहेंगे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि
आर्ष गुरूकुल आश्रम, तुरंगा में होगा अखिल भारतीय वैदिक महासम्मेलन

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मुख्य आतिथ्य में सत्य के प्रकाशक महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200 वीं जयंती पर ज्ञान ज्योति पर्व की श्रृंखला में अखिल भारतीय वैदिक महासम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन 2 फरवरी 2024 को आर्ष गुरूकुल आश्रम, तुरंगा पोस्ट पढ़िगांव जिला-रायगढ़ में होगा।

इस अवसर पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी एवं प्रबल प्रताप सिंह जूदेव विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष डॉ.रामकुमार पटेल करेंगे। कार्यक्रम में पूज्य स्वामी धर्मानंद सरस्वती, परम पूज्य महा.सर्वेश्वरदास, परम पूज्य राधेश्याम दास, परम पूज्य सीताराम दास, परम पूज्य लोचन दास, परम पूज्य दिव्यकान्त दास, परम पूज्य स्वामी परमात्मानंद, डॉ.कुंजदेव मनीषी, आचार्य सुरेश कुमार, आचार्य मुकेश कुमार, आचार्य वेदप्रकाश एवं अवनी भुषण पुरंग उपस्थित रहेंगे।

संचालक आचार्य राकेश कुमार, अध्यक्ष किशनलाल अग्रवाल एवं मंत्री प्रहलाद प्रसाद आर्य, घनश्याम पटेल, जगन्नाथ प्रधान एवं तेजराम एवं डोलेश्वर गुप्ता तथा समस्त गुरूकुल परिवार एवं अन्तेवासीगण ने इस आयोजन में सभी आर्य सज्जन को उपस्थित होने हेतु सादर आमंत्रित किया है।

रामलला हर दिन तोड़ रहे रिकॉर्ड, 11 दिनों में दर्शन को पहुंचे 25 लाख श्रद्धालु; दान में मिले इतने करोड़…

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रामलला हर दिन तोड़ रहे रिकॉर्ड, 11 दिनों में दर्शन को पहुंचे 25 लाख श्रद्धालु; दान में मिले इतने करोड़…

अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के विराजमान हुए 11 दिन हो गए हैं।

11 दिनों में 25 लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर चुके हैं। इसके अलावा औसतन हर दिन एक करोड़ रुपये रामलला को चढ़ावा चढ़ाया जा रहा है।

इन 11 दिनों में रामलला को जो चढ़ावा और दान में मिला उसकी कीमत 11 करोड़ रुपये है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुताबिक पिछले 10 दिनों में दान पेटियों में करीब 8 करोड़ रुपये जमा हुए हैं और करीब 3.50 करोड़ रुपये ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं।

दान की गिनती के लिए ट्रस्ट ने नियुक्त किए कर्मचारी
ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता के मुताबिक, गर्भगृह के सामने दर्शन पथ के पास चार बड़े आकार की दान पेटियां रखी गई हैं, जिनमें श्रद्धालु दान कर रहे हैं।

इसके अलावा 10 कम्प्यूटरीकृत काउंटरों पर भी लोग दान करते हैं। इन दान काउंटरों पर मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारियों को नियुक्त गया है, जो शाम को काउंटर बंद होने के बाद प्राप्त दान राशि का हिसाब ट्रस्ट कार्यालय में जमा करते हैं।

14 कर्मचारियों की एक टीम चार दान पेटियों में आए चढ़ावे की गिनती कर रही है, जिसमें 11 बैंक कर्मचारी और तीन मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारी शामिल हैं।

गुप्ता ने कहा कि दान राशि जमा करने से लेकर उसकी गिनती तक सब कुछ सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में किया जाता है। 

लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या
उत्तर प्रदेश में अभी ठंड का दौर जारी है। हालांकि, श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं आई है।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले बुधवार तक उत्तर प्रदेश के बड़े इलाके घने कोहरे से ढके रहेंगे। पश्चिमी विक्षोभ के कारण राज्य में 31 जनवरी से 2 फरवरी तक बारिश होने की भी संभावना है।

मंदिर प्रशासन के नए समय के मुताबिक, रामलला की मूर्ति की श्रृंगार आरती सुबह 4.30 बजे शुरू होगी। सुबह 6.30 बजे मंगल प्रार्थना की गई।

इसके बाद सुबह 7 बजे से मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया जाता है। हाड़ कंपा देने वाली ठंड और कोहरे की परवाह किए बिना तीर्थ यात्री सुबह से ही रामलला के दर्शन के लिए कतार में लगे दिखाई देते हैं।

170 केस, 14 साल जेल: फिर भी जिंदा क्यों इमरान खान की उम्मीदें, क्या है नवाज शरीफ से कनेक्शन?…

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170 केस, 14 साल जेल: फिर भी जिंदा क्यों इमरान खान की उम्मीदें, क्या है नवाज शरीफ से कनेक्शन?…

पड़ोसी देश पाकिस्तान की राजनीति में एक से बढ़कर एक करतब होते रहे हैं।

वहां तब तक किसी भी सियासी शख्स की राजनीतिक हसरतें या ख्वाब खत्म नहीं हो जाते, जब तक कि उसकी जिंदगी खत्म नहीं हो जाती।

नवाज शरीफ इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं।  पनामा पेपर्स में नाम आने के बाद जब जुलाई 2018 में आम चुनावों से ठीक दो हफ्ते पहले उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में 10 साल की जेल हुई तो पाकिस्तान समेत दुनियाभर में इसकी चर्चा हुई कि अब पूर्व पीएम नवाज शरीफ की सियासी पारी खत्म हो गई लेकिन उन्होंने ना सिर्फ पाकिस्तान की सियासत में कमबैक किया बल्कि चार साल तक निर्वासित जिंदगी जी कर वो चौथी बार प्रधानमंत्री बनने के मजबूत दावेदार बनकर उभरे हैं।

जब नवाज शरीफ का राजनीतिक पतन हुआ तो पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान का उदय  हुआ था।

आज जब इमरान खान का सियासी पतन हो रहा है तो नवाज शरीफ का फिर से उदय हो रहा है। छह साल बाद, जब फिर आम चुनाव होने में दो सप्ताह से भी कम समय बचा है, तब एक और पूर्व पीएम की किस्मत पलट गई लगती है।

इमरान खान को तीन मामलों में दोषी ठहराया गया है, जिसमें उन्हें 14 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई है। इमरान खान अब राजनीतिक गुमनामी का सामना कर रहे हैं।

तीन मामलों मे मिल चुकी है सजा
इमरान खान को कल (बुधवार को) तोशखाना मामले में एक अदालत ने पत्नी बुशरा खान समेत 14 साल जेल की सजा सुनाई है।

किसी पद पर 10 साल तक नियुक्ति नहीं होने का उन पर प्रतिबंध भी लगाया गया है। उससे एक दिन पहले मंगलवार को उन्हें पूर्व विदेश मंत्री  शाह महमूद कुरैशी के साथ गोपनीयता कानून के उल्लंघन केस में 10 साल की जेल हुई है। पिछले साल खान तोशखाना से जुड़े एक अलग मामले में तीन साल की जेल हुई थी।

पाकिस्तान में कानून के अनुसार, किसी भी अपराध में दोषी पाए गए किसी भी व्यक्ति को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।

हालांकि, सभी फैसले निचली अदालतों द्वारा दिए गए हैं और इमरान खान के पास ऊपरी अदालतों में जाने का विकल्प है। वह फिलहाल रावलपिंडी की अटॉक जिला जेल में बंद हैं। अदालती फैसलों की वजह से 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव से खान बाहर हो चुके हैं। 

नवाज शरीफ सबसे बड़े उदाहरण
इस बार इमरान खान के लिए भी वही कहा जा रहा है कि यह उनके राजनीतिक करियर के अंत की शुरुआत है, जैसा कि 2018 में नवाज शरीफ के लिए कहा गया था लेकिन पाकिस्तान में तब तक किसी की सियासी पारी खत्म नहीं कही जा सकती है, जब तक कि उसकी सांसें थम नहीं गई हो।

नवाज शरीफ इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। हालांकि, उनकी गैर मौजूदगी में उनके भाई शहबाज शरीफ और बेटी मरियम शरीफ ने पार्टी को नेतृत्व दिया था लेकिन इमरान खान इस मामले में कमतर साबित हुए हैं।

छोड़ चुके 150 से ज्यादा नेता साथ
इमरान खान की जब से मुश्किलें शुरू हुई हैं, तब से करीब 150 से ज्यादा नेता उनका साथ छोड़ चुके हैं। इमरान खान के सलाखों के पीछे होने से शिरीन मजारी और फवाद चौधरी जैसे शीर्ष नेताओं ने भी पीटीआई छोड़ दी।

9 मई, 2023 को जब खान को भ्रष्टाचार के मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर के बाहर गिरफ्तार किया गया था, तब पीटीआई कार्यकर्ताओं ने पूरे पाकिस्तान में सरकारी इमारतों और सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़, हिंसा और उपद्रव फैलाया था।

उसके बाद पीटीआई के सैकड़ों सदस्यों को हिरासत में लिया गया या जेल में डाल दिया गया था, तब से कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला भी जारी है।

मुकदमों और संकटों से घिरे इमरान खान
फिलहाल इमरान खान पर पूरे पाकिस्तान में तोशखाना और गोपनीयता उल्लंघन समेत करीब 170 मुकदमे दर्ज हैं। सैन्य संस्थान पर हमले के भी आरोप हैं।

इससे साफ है कि आने वाले समय में वह अदालतों के चक्कर काटते नजर आ सकते हैं। दूसरी तरफ, चुनाव आयोग ने उनके चुनाव चिह्न ‘बल्ला’को जब्त कर लिया है।

उनकी पार्टी को अब ‘बोतल’ चुनाव चिह्न आवंटित किया गया है। इससे शराबी के रूप में उनकी पहचान को धूमिल किया जा रहा है। खान की पार्टी चुनावों के दौरान कोई बड़ा प्रचार भी नहीं कर पा रही है। वह कभी-कभी सोशल मीडिया के जरिए ही लोगों को संबोधित कर पा रहे हैं।

रायपुर : उज्जैन और काशी की तर्ज पर बनेगा राजिम कॉरीडोर, केंद्र से मांगा सहयोग.

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रायपुर : उज्जैन और काशी की तर्ज पर बनेगा राजिम कॉरीडोर, केंद्र से मांगा सहयोग.

छत्तीसगढ़ के पर्यटन व संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री से की मुलाक़ात

ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए केंद्रीय बजट से राशि दिये जाने का किया आग्रह

माँ बम्लेश्वरी देवी प्रसाद योजना के उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री आएंगे छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के पर्यटन व संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी से मुलाक़ात की। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ की पर्यटन विकास की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण और विकास के लिए केंद्रीय बजट से राशि स्वीकृत करने का आग्रह किया। मंत्री अग्रवाल ने शक्तिपीठ परियोजना के अंतर्गत प्रदेश के पाँच शक्तिपीठों को जोड़ने एवं विकसित करने, राजिम कॉरीडोर के निर्माण सहित पुरखौती मुक्तांगन में कन्वेन्शन सेंटर बनाने के लिए केंद्र से सहयोग मांगा।

केंद्रीय मंत्री से उनके कार्यालय में मुलाक़ात के दौरान संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कुल 63 राज्य संरक्षित स्मारक हैं। संरक्षित स्मारकों, अवशेषों, पुरास्थलों और संग्रहालयों के अनुरक्षण और विकास कार्य सहित पुरातात्विक गतिविधियों के संचालन के लिए 1965 लाख की राशि का प्रस्ताव तैयार किया गया है। उन्होंने केंद्रीय बजट से स्वीकृत कराने का अनुरोध किया।

मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने उज्जैन और काशी में बनाये गए भव्य कॉरीडोर की तरह राजिम मंदिर परिसर को विकसित करने, विकास कार्यों व जीर्णोंद्धार की आवश्यकता बताई। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से राजिम मंदिर परिसर को भव्य आकर्षक और गरिमामय ढंग से विकसित करने के लिए कॉरीडोर बनाने हेतु 75 करोड़ की राशि स्वीकृत करने की मांग की।

मंत्री अग्रवाल ने बताया कि चार धाम के तर्ज पर छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण धार्मिक आस्था के केन्द्रों को शक्तिपीठ परियोजना के तहत विकसित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के पाँच शक्तिपीठ सूरजपुर के कुदरगढ़, चन्द्रपुर के चन्द्रहासिनी मंदिर, रतनपुर के महामाया मंदिर, डोंगरगढ़ के बम्लेश्वरी मंदिर और दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी मंदिर में चरणबद्ध ढंग से पर्यटक सुविधाएं विकसित की जाएगी। उन्होंने इसे पर्यटन मंत्रालय की योजना में शामिल कर स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया।

मंत्री अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने पुरखौती मुक्तांगन का लोकार्पण किया था। देश-विदेश से आने वाले लोक कलाकारों और अतिथियों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए एक कन्वेन्शन सेंटर की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा  रही है। उन्होंने इसके लिए 50 करोड़ की राशि स्वीकृत करने का आग्रह किया।

इसके साथ ही उन्होंने प्रसाद योजनांतर्गत माँ बाघेश्वरी मंदिर, कुदरगढ़, सिरपुर के विकास कार्यों की स्वीकृति तथा स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अंतर्गत चयनित जगदलपुर एवं बिलासपुर डेस्टिनेशन के लिए पी.डी.एम.सी. (प्रोजेक्ट डेव्लपमेंट एंड मैनेजमेंट कंसल्टेंट) चयन कर क्रियान्वयन के लिए राशि स्वीकृति का आग्रह किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को मां बम्लेश्वरी देवी प्रसाद योजना के उद्घाटन कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ आने का निमंत्रण भी दिया,  जिस पर उन्होंने 15 फरवरी के बाद छत्तीसगढ़ आने की सहमति दी।

कमाई कम और भारत जोड़ो यात्रा पर ही खर्च हुआ कांग्रेस का 30 पर्सेंट बजट, फंडिंग में बड़ी गिरावट…

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कमाई कम और भारत जोड़ो यात्रा पर ही खर्च हुआ कांग्रेस का 30 पर्सेंट बजट, फंडिंग में बड़ी गिरावट…

सितम्बर 2022 से जनवरी 2023 के बीच कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4000 किलोमीटर की राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर कांग्रेस ने कुल 71.8 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जो उसके सालाना खर्च का 15.3 फीसदी है।

यह रकम 2022-23 के दौरान पार्टी के प्रशासनिक और सामान्य खर्चे का कुल 30 फीसदी से ज्यादा है। चुनाव आयोग के पास दाखिल पार्टी की नवीनतम वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

टीओआई के एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022-23 में कांग्रेस की कुल आमदनी वित्त वर्ष 2021-22 में 541 करोड़ रुपये से गिरकर 452 करोड़ रुपये पर पहुंच गई जबकि इसी अवधि में इसका खर्च 400 करोड़ रुपये से बढ़कर 467 करोड़ रुपये हो गया।

चुनाव आयोग द्वारा बुधवार को सार्वजनिक की गई पार्टी की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में चुनावी बांड के माध्यम से कांग्रेस की कुल प्राप्तियां 236 करोड़ रुपये थी, जो 2022-23 में घटकर 171 करोड़ रुपये रह गई हैं। यह  इसके कुल दान का 63% और इसकी कुल आय का मात्र 38% है।

अब तक, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए छह राष्ट्रीय दलों में से पांच – आप, बसपा, सीपीएम, नेशनल पीपुल्स पार्टी और कांग्रेस की ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग ने सार्वजनिक की हैं। बीजेपी की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है।

ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस ने 2022-23 में यात्रा पर 71.8 करोड़ रुपये और चुनावों पर 192.5 करोड़ रुपये खर्च किए। पिछले वित्त वर्ष में चुनावों पर खर्च 279.5 करोड़ रुपये था।

पार्टी के प्रशासनिक और सामान्य खर्चों में 2021-22 की तुलना में 161% की बढ़ोतरी देखी गई। इस साल पार्टी की तरफ से यात्रा के रूप में एक नई पहल और चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों पर खर्च में तेज वृद्धि देखी गई है।

2022-23 में चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों पर 40 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए हैं जो 2021-22 की तुलना में 23 लाख रुपये ज्यादा है।

रायपुर : राज्य में 142.23 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी : किसानों को 29 हजार 318 करोड़ रूपए का भुगतान…

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रायपुर : राज्य में 142.23 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी : किसानों को 29 हजार 318 करोड़ रूपए का भुगतान…

कस्टम मीलिंग के लिए 93.44 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव

4 फरवरी तक की जाएगी धान खरीदी

धान खरीदी केन्द्रों में शनिवार और रविवार को होगी खरीदी

छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के तहत एक नवंबर 2023 से धान खरीदी का अभियान निरंतर जारी है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों की हित में बड़ा फैसला लेते हुए अब राज्य में 4 फरवरी तक समर्थन मूल्य पर होगी धान खरीदी। शनिवार और रविवार को भी धान खरीदी किया जाएगा।

राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष मोदी की गारंटी के अनुरूप किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान की खरीदी की जा रही है।

राज्य सरकार द्वारा अब तक किसानों से 142.23 लाख मीट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा चुकी है। धान उपार्जन के एवज में किसानों को 29 हजार 318 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान बैंक के माध्यम से किया गया है।

मार्कफेड के महाप्रबंधक से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में समर्थन मूल्य पर अब तक 24 लाख 51 हजार 28 किसानों से 31 जनवरी 2024 तक 142 लाख 23 हजार 702 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है।

धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए निरंतर धान का उठाव जारी है।

अब तक 102 लाख 74 हजार 132 मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है, जिसके विरूद्ध मिलर्स द्वारा 93 लाख 44 हजार 627 मीट्रिक टन धान का उठाव किया जा चुका है।

रामलला की आंखें बनाने के लिए सिर्फ 20 मिनटों का था मुहूर्त, मूर्तिकार अरुण योगीराज बोले- सरयू में नहाकर…

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रामलला की आंखें बनाने के लिए सिर्फ 20 मिनटों का था मुहूर्त, मूर्तिकार अरुण योगीराज बोले- सरयू में नहाकर…

अयोध्या के राम मंदिर में रोजाना लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।

22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई, जिस समारोह में पीएम मोदी समेत पांच हजार से ज्यादा लोग मौजूद रहे। रामलला की जो मूर्ति राम मंदिर में लगाई गई है, उसे मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है।

उन्होंने कई इंटरव्यूज में यह बात बताई है कि कैसे पिछले नौ महीने की दिन-रात की मेहनत के बाद रामलला की यह मूर्ति बनकर तैयार हुई। 

‘विओन’ को इंटरव्यू देते हुए अरुण योगीराज ने बताया रामलला की मूर्ति की आंखें बनाने के लिए सिर्फ 20 मिनट का समय था। उन्होंने कहा, ”आंखें बनाने के लिए 20 मिनट का मुहूर्त था।

इसलिए, हमें आंखों का काम पूरा करने के लिए 20 मिनट का समय दिया गया था।” इसके आगे अरुण योगीराज ने बताया कि आंखों को बनाने से पहले मुझे सरयू नदी में स्नान करना पड़ा और हनुमान गढ़ी और कनक भवन में पूजा के लिए जाना पड़ा।

इसके अलावा, मुझे काम के लिए एक सोने की चिनाई वाली कैंची और एक चांदी का हथौड़ा दिया गया। उन्होंने बताया कि आंखें बनाने के समय काफी उलझन में थे। हालांकि, वे दस तरीकों से आंखें बना सकते हैं।

इससे पहले, एक इंटरव्यू में योगीराज ने बताया था मेरी मूर्ति राम मंदिर के लिए चुनी गई, इससे ज्यादा मुझे खुशी इस बात की है कि पूरी दुनिया उस मूर्ति को लेकर काफी खुश और आनंदित है। रामलला सिर्फ मेरे नहीं, बल्कि पूरे देश के हैं।

मैंने तो बहुत छोटा सा काम किया है। बता दें कि योगीराज का परिवार पिछले 300 सालों से मूर्ति बना रहा है। वे अपने परिवार की छठी पीढ़ी के शख्स हैं, जो मूर्ति बनाते हैं। योगीराज का कहना है कि उनके ऊपर पूर्वजों का आशीर्वाद है।

वह अपने पिता को ही अपना गुरु मानते हैं। अरुण योगीराज ने बताया था कि जब भी वे रामलला की मूर्ति बनाते थे, तब रोज शाम को चार से पांच बजे के बीच एक बंदर आता था।

बाद में उस जगह पर एक पर्दा लगा दिया गया था, लेकिन फिर भी वह वहां आकर उसे हटाता और फिर मूर्ति को देखकर वहां से चला जाता। मूर्तिकार ने यह जानकारी राम मंदिर ट्रस्ट के चंपत राय को भी बाद में दी।

सेवानिवृत्ति के अवसर पर जनसंपर्क संचालनालय के उप संचालक मनराखन मरकाम को भावभीनी विदाई… –

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सेवानिवृत्ति के अवसर पर जनसंपर्क संचालनालय के उप संचालक मनराखन मरकाम को भावभीनी विदाई… –

जनसंपर्क संचालनालय के उप संचालक मनराखन मरकाम को सेवानिवृत्ति के अवसर पर भावभीनी विदाई विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा दी गई।

31 वर्षों तक विभाग को अपनी सेवाएं देने के बाद मरकाम सेवानिवृत्त हुए। मरकाम ने अपनी सेवाओं के 7 साल 8 महीने मध्यप्रदेश में एवं 23 साल छत्तीसगढ़ में बिताये।

इस मौके पर अपने अनुभव साझा करते हुए मरकाम ने कहा कि जनसंपर्क विभाग में बिताये गये 31 वर्ष बहुत यादगार अनुभव हैं।

इन वर्षों में साथी अधिकारियों के साथ सभी विभागीय दायित्वों का मनोयोग से पालन किया। जनसंपर्क विभाग में अधिकारियों से बहुत स्नेह मिला जो हमेशा यादगार रहेगा।

इस मौके पर अपर संचालक संजीव तिवारी ने कहा कि मरकाम को सौंपे गये सभी दायित्व उन्होंने अच्छी तरह से पूरे किये। कार्य के प्रति उनकी सजगता और मेहनत सराहनीय है।

अपर संचालक श्रीमती हर्षा पौराणिक ने इस मौके पर कहा कि मरकाम ने तीन दशक विभाग को दिये और पूरी मेहनत से अपना कार्य अच्छी तरह संपादित कर सेवानिवृत्त हुए हैं।

हम उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं। अपर संचालक संतोष मौर्य ने कहा कि सरगुजा संभाग में अपनी पदस्थापना के दौरान मैंने श्रीमरकाम का काम निकट से देखा।

वे बहुत कर्मठ और सजग अधिकारी रहे हैं। इस दौरान संयुक्त संचालक पंकज गुप्ता, धनंजय राठौर, डी.एस. कुशराम, सुरेंद्र ठाकुर एवं बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

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