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बीमार होने तक कच्चा चिकन ही खाऊंगा, शख्स ने अजीबो-गरीब कसम के पीछे की वजह भी बताई…

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बीमार होने तक कच्चा चिकन ही खाऊंगा, शख्स ने अजीबो-गरीब कसम के पीछे की वजह भी बताई…

दुनिया में कई तरह के लोग होते हैं जो अपनी उट-पटांग हरकतों के कारण अक्सर सुर्खियों में बने रहना पसंद करते हैं। इसी क्रम में एक शख्स ने खुद को अजीबो-गरीब चैलेंज दिया है।

यह आदमी 16 दिनों से कच्चा चिकन खा रहा है। इसका कहना है कि भले ही चिकन की कई रेसीपी हों लेकिन, उसका चैलेंज अनोखा है।

वह बीमार होने तक ऐसा करता रहेगा। उसने एक वीडियो भी शेयर किया। जिसमें वो कच्चे चिकन पर ब्लैक पेपर और शहद लगाकर बड़े चाव से खा रहा है। 

इस शख्स का नाम जॉन है। जिसने कसम खाई है कि बीमार होने तक रोजाना कच्चा चिकन खाता रहेगा।

अपने वीडियो में इसने दावा किया है कि वह सोलह दिनों से कच्चा चिकन खा रहा है और उसे किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत महसूस नहीं हो रही है।

अपने इस एक्सपरीमेंट को इसने’रॉ चिकन एक्सपेरिमेंट’ नाम दिया गया है।

वीडियो में उसे कच्चा चिकन खाते हुए देखा जा सकता है। वह जूस भी पीता है, कच्चे अंडे खाता है और भी बहुत कुछ। अपने नवीनतम वीडियो में, उसे कच्चे चिकन पर शहद और ब्लैक पेपर लगाकर खाते हुए देखा जा सकता है।

‘रॉ चिकन एक्सपेरिमेंट’ में जॉन कहता है कि यह एक तरह से वैज्ञानिक परीक्षण है। उसने इतने दिनों तक कच्चा चिकन खाया लेकिन, उसे किसी तरह से कोई शारिरिक परेशानी नहीं हुई है।

वह कहता है, “प्रयोग के 16वें दिन तक पहुंचना पागलपन जरूर है लेकिन, मैं बताना चाहता हूं कि अब तक पूरी तरह से ठीक हूं। वैसे चिकन खाने के बहुत सारे तरीके मौजूद हैं। लेकिन, मैंने आज समुद्र तट पर सैर के दौरान इस तरह से चिकन का आनंद उठाया।”

जॉन के इस वीडियो को 15.3 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है और इंटरनेट पर खूब वायरल हो रहा है। जॉन ने दर्शकों को चेतावनी भी दी है कि “इसे घर पर आज़माएं नहीं। यह परीक्षण विज्ञान के लिए समर्पित है।”

लोगों के रिएक्शन
जॉन के कच्चे चिकन खाने वाले वीडियो पर लोग जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक ने कहा, “क्या कच्चे मुर्गे के पैर खाने योग्य हैं?”

एक अन्य ने पूछा “इसका स्वाद कैसा है?” तीसरे ने कहा, “मैं हमेशा खाना पकाने से पहले कच्चे चिकन का एक टुकड़ा खाता था। यह इतना बुरा भी नहीं।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि जॉन ने खुद के साथ इस तरह के प्रयोग किए हों। इससे पहले उसने इसी तरह के एक्सपरीमेंट सीरीज जारी की थी।

जिसका टाइटल था- “बैक्टीरिया से मरने तक हर दिन होल फूड्स में कच्चा मांस खाना।” एक रिपोर्ट के अनुसार, 200 दिनों के प्रयोग के दौरान वह बीमार नहीं पड़े, लेकिन इस दिनचर्या से ऊबकर उन्होंने इस तरह का खाना छोड़ा।

रायपुर : महतारी वंदन योजना के संबंध में दिशा-निर्देश…

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रायपुर : महतारी वंदन योजना के संबंध में दिशा-निर्देश…

मोबाइल नम्बर नहीं होने पर राशन कार्ड की छायाप्रति कर सकते हैं जमा

विवाह पंजीयन नहीं होने पर स्वघोषणा शपथ पत्र किया जा सकता है प्रस्तुत

महतारी वंदन योजना के क्रियान्वयन के संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि महिला के विवाहित होने के संबंध में यदि उनके पास दस्तावेज उपलब्ध न हो तो वह अपना स्वघोषणा शपथ पत्र प्रस्तुत कर सकती है।

इस संबंध में सभी कलेक्टरों सहित सर्वसंबंधितों को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।    

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार यदि महिला हितग्राही के पास मोबाइल नम्बर नहीं है तो इसके स्थान पर हितग्राही के द्वारा राशन कार्ड की छायाप्रति आवेदन पत्र के साथ अनिवार्य रूप से प्रस्तुत कर सकती है।

गौरतलब है कि महतारी वंदन योजना का लाभ लेने के लिए विवाहित महिला को विवाह प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, निवास प्रमाण, ग्राम पंचायत या वार्ड पार्षद द्वारा जारी प्रमाण पत्र को शामिल किया गया है।

आंख और नाक, इंसान जैसी काया; गगनयान से पहले किसे अंतरिक्ष में भेज रहा इसरो…

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आंख और नाक, इंसान जैसी काया; गगनयान से पहले किसे अंतरिक्ष में भेज रहा इसरो…

चंद्रयान-3 की अपार सफलता के बाद इसरो दुनिया के दिग्गज अंतरिक्ष एजेसियों में अपना नाम सुनहरे अंकों में दर्ज करवा चुका है।

चांद पर फतह हासिल करने के बाद इसरो की अंतरिक्ष उड़ान अभी और ऊंची जाने को तैयार है। सूर्य मिशन के बाद अब गगनयान मिशन की तैयारी चल रही है।

यह भारत का पहला मानवयुक्त मिशन होगा। लेकिन, इससे पहले इसरो एक महिला रोबोट को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी पूरी कर चुका है।

इंसान जैसी काया और आंख-नाक वाली इस महिला रोबोट का गगनयान से पहले अंतरिक्ष में जाना मिशन के लिए बहुत जरूरी है। 

इस साल की तिमाही तक इसके अंतरिक्ष में उड़ान भरने की उम्मीद है। इसरो इसे गगनयान से पहले सबसे अहम कदम मानकर चल रहा है। खुद इसरो चीफ एस सोमनाथ कह चुके हैं कि 2024 गगनयान की तैयारियों का वर्ष है।

भारत की महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री व्योममित्रा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन से पहले अंतरिक्ष में उड़ान भरेगी।

भारत का गगनयान मिशन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर उड़ान भरने वाला देश का पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान है, जो 2025 में लॉन्च किया जाना है।  

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने कहा कि व्योममित्र मिशन इस साल की तीसरी तिमाही के लिए निर्धारित है। 

व्योममित्र क्या है
भारतीय महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री व्योममित्र का नाम संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बनाया गया है। व्योम का अर्थ है अंतरिक्ष। और दूसरा है मित्र।

सरल शब्दों में समझें तो व्योममित्र वह जो आम इंसानों के बजाय अंतरिक्ष को ज्यादा बेहतर तरीके से जानता है। इसलिए इसका नाम अंतरिक्ष मित्र है। 

गगनयान मिशन से क्या लिंक
गगनयान मिशन के लिए व्योममित्र की बेहद अहम भूमिका है। यह अंतरिक्ष में हर तरह के मानव कार्यों का अनुकरण करेगी। ये अंतरिक्ष में पर्यावरण नियंत्रण और जीवन समर्थन प्रणाली के साथ भी काम करेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, रोबोट अंतरिक्ष यात्री गगनयान मिशन के मॉड्यूल मापदंडों की निगरानी कर सकता है, उसे अलर्ट जारी कर सकता है और जीवन-समर्थन संचालन को अंजाम दे सकता है।

यह छह पैनलों को संचालित करने और प्रश्नों का जवाब देने जैसे कार्य भी कर आसानी से सकता है। 

गगनयान से पहले टेस्टिंग
गौरतलब है कि 2025 में गगनयान मिशन के प्रक्षेपण से पहले, पहला परीक्षण वाहन उड़ान 21 अक्टूबर, 2023 को पूरा किया गया था।

इसका उद्देश्य क्रू एस्केप सिस्टम और पैराशूट सिस्टम की योग्यता को परखना था। प्रक्षेपण यान की मानव रेटिंग पूरी हो गई है। सभी प्रणोदन चरण योग्य हैं, और सभी तैयारियां हो चुकी हैं।

रायपुर : मानस गान प्रतियोगिता के समापन समारोह में शामिल हुए राजस्व मंत्री वर्मा…

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रायपुर : मानस गान प्रतियोगिता के समापन समारोह में शामिल हुए राजस्व मंत्री वर्मा…

नवनिर्मित भवनों का किया लोकार्पण

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा बीते दिन दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड के ग्राम बोरिद में आयोजित मानस गान प्रतियोगिता के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।

उन्होंने यहाँ पर 50 लाख रुपये लागत से नवनिर्मित सामुदायिक भवन, कुर्मी भवन और पंचायत भवन का लोकार्पण किया।

    
मुख्य अतिथि राजस्व मंत्री वर्मा ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि हक छिनने की बात महाभारत में तो सम्पत्ति वितरण की बात रामायण में है।

कथा सुनने की बजाय कथा की बातों को जीवन में आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि माताएं बच्चों को संस्कारवान बनाये। घर में राम को अवतरित करना हो तो माताओं को कौशल्या बनना पड़ेगा।

मंत्री वर्मा ने प्रदेश में रामराज्य की परिकल्पना को साकार करने रामायण में बताए मार्ग को अपने जीवन मंे आत्मसात करने का लोगों से आह्वान किया। उन्होंने सुमधुर स्वर में रामायण की पंक्तियों को उद्घृत किया।

मंत्री वर्मा ने ग्रामीणों की मांग पर ग्राम के विकास कार्य के लिए 25 लाख रुपए की घोषणा की।

समारोह को जितेन्द्र वर्मा ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर पंचायत प्रतिनिधि और मानस प्रेमी जनता उपस्थित थी।

रायपुर : छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर हुई रिकॉर्ड धान खरीदी : राज्य में 24 लाख 72 हजार से अधिक किसानों ने बेचा 144.92 लाख मीटरिक टन…

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर हुई रिकॉर्ड धान खरीदी : राज्य में 24 लाख 72 हजार से अधिक किसानों ने बेचा 144.92 लाख मीटरिक टन…

इस साल 37 लाख मीटरिक टन ज्यादा धान उपार्जित

धान खरीदी की अवधि बढ़ने से 19 हजार से अधिक किसान हुए लाभान्वित

छत्तीसगढ़ राज्य में किसानों से बीते 96 दिनों से समर्थन मूल्य पर जारी धान खरीदी का सिलसिला बीते शाम थम गया।

बीते शाम 7 बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख मीटरिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है।

उपार्जित धान की यह मात्रा बीते खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में क्रय किए गए 107.53 लाख मीटरिक टन से 37.39 लाख मीटरिक टन अधिक है।

राज्य में इस साल धान खरीदी का यह नया रिकॉर्ड कायम हुआ है, जबकि अभी अंतिम रिपोर्ट आना बाकी है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का सिलसिला 01 नवम्बर 2023 से शुरू हुआ था। चालू खरीफ विपणन वर्ष में धान खरीदी की अंतिम तारीख 31 जनवरी निर्धारित थी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों एवं किसान प्रतिनिधियों की मांग और उनकी परेशानियों को देखते हुए धान खरीदी की अवधि 31 जनवरी से बढ़ाकर 4 फरवरी कर दी थी।

इसका फायदा राज्य के ऐसे किसानों को मिला है, जो 31 जनवरी तक कतिपय कारणों से अपना धान नहीं बेच पाए थे।

मुख्यमंत्री के इस संवेदनशील फैसले से 19 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं और उन्होंने एक फरवरी से लेकर 4 फरवरी के मध्य समर्थन मूल्य पर 2.69 लाख टन धान बेचा है। अंतिम रिपोर्ट आने पर किसानों की संख्या और उनके द्वारा बेचे गए धान की मात्रा में और वृद्धि होने की संभावना है।

राज्य में चालू खरीफ विपणन वर्ष में 130 लाख टन धान का उपार्जन अनुमानित था। धान की रिकॉर्ड खरीदी के चलते अनुमानित उपार्जन का आंकड़ा काफी पीछे छूट गया है।

इस साल धान बेचने के लिए राज्य के 26.85 लाख किसानों ने अपना पंजीयन कराया था। पंजीकृत धान का रकबा 33.51 लाख हेक्टेयर था।

4 फरवरी शाम सात बजे तक राज्य में 24 लाख 72 हजार 310 किसान समर्थन मूल्य पर 144 लाख 92 हजार टन धान बेच चुके थे।

किसानों को धान बेचने के एवज में अब तक 30 हजार 68 करोड़ 81 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है।

राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था के समानांतर कस्टम मिलिंग का काम भी तेजी से जारी है।

उपार्जित धान 144.92 लाख टन में से 105.18 लाख टन धान के उठाव का डीओ जारी किया जा चुका है, जिसके विरूद्ध मिलर्स द्वारा 97.90 लाख टन धान का उठाव किया जा चुका है।

घर की छतों पर सोलर पैनल लगवाने की सोच रहे? मोदी सरकार ने दी खुशखबरी, इतनी मिलेगी सब्सिडी…

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घर की छतों पर सोलर पैनल लगवाने की सोच रहे? मोदी सरकार ने दी खुशखबरी, इतनी मिलेगी सब्सिडी…

यदि आप भी अपने घर की छत पर सोलर पैनल (Solar Panel) लगवाने का सोच रहे हैं तो मोदी सरकार की ओर से आपके लिए खुशखबरी है।

दरअसल, सरकार रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन के लिए सब्सिडी को बढ़ाने जा रही है। अब यह सब्सिडी बढ़ाकर 60 फीसदी की जा सकती है।

केंद्रीय न्यू एंड रिनेवेबल एनर्जी मिनिस्टर आरके सिंह ने बताया है कि नई प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के अंतर्गत लोगों को 60 फीसदी की सब्सिडी देने की तैयारी की जा रही है।

अभी फिलहाल में केंद्र सरकार घर की छतों पर लगने वाले सोलर पैनल के लिए 40 फीसदी की सब्सिडी देती है।

आने वाले समय में इसमें 20 फीसदी की और बढ़ोतरी होने जा रही है। इस तरह से कुल सब्सिडी बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगी, जिससे रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन करवाना काफी सस्ता हो जाएगा और बिजली का बिल भी कम आएगा।

बढ़ी हुई सब्सिडी का उद्देश्य 300 यूनिट से कम बिजली खपत वाले उपभोक्ताओं की मदद करना है, जो आमतौर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से संबंधित हैं। केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि उनके लिए ऋण लेना एक समस्या है।

हम सब्सिडी बढ़ाने का इरादा रखते हैं। हम सब्सिडी बढ़ाएंगे और शायद यह लगभग 60 फीसदी होगी। अभी यह 40 फीसदी है। इसलिए सब्सिडी बढ़ेगी और (शेष) ) 40 फीसदी पर अब भी कर्ज मिल सकेगा।

यह योजना प्रत्येक राज्य के लिए नामित केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) द्वारा स्थापित विशेष प्रयोजन वाहनों (एसपीवी) के जरिए से लागू की जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”वे (सीपीएसई) इसे लागू करने के लिए एसपीवी स्थापित करेंगे। वे ऋण लेंगे और जो अतिरिक्त यूनिट उत्पन्न होगी, उसका उपयोग ऋण चुकाने में किया जाएगा।”

सिंह ने कहा कि जिनके पास बिजली पोर्टफोलियो भी है, ऋण चुकाने के 10 साल बाद, छत पर सौर बुनियादी ढांचे को घर में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जो अतिरिक्त बिजली को डिस्कॉम को बेच सकता है।

मुख्यमंत्री साय से तिब्बती पार्लियामेंट के दो सांसदों ने की सौजन्य मुलाकात…

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मुख्यमंत्री साय से तिब्बती पार्लियामेंट के दो सांसदों ने की सौजन्य मुलाकात…

छत्तीसगढ़ में रह रहे तिब्बतियों के सहयोग के लिए की सरकार की सराहना

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज शाम यहां राज्य अतिथि गृह पहुना में छत्तीसगढ़ प्रवास में आए तिब्बती पार्लियामेंट के दो सांसद गेशे नगाबा गांगरी और श्रीमती तेनज़िन चोएज़िन ने सौजन्य मुलाकात की।

इस दौरान सांसदों ने मुख्यमंत्री साय को तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा की तरफ से सम्मान स्वरूप तिब्बतन स्कार्फ “खाता” और स्मृति चिन्ह भेंट की।

सांसदों ने मुख्यमंत्री साय को  छत्तीसगढ़ में रह रहे तिब्बतियों को सरकार के द्वारा प्रदान किए जा रहे सहयोग की सराहना की।

इस दौरान छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू भी मौजूद थे। तिब्बती पार्लियामेंट के दो सांसद गेशे नगाबा गांगरी और श्रीमती तेनज़िन चोएज़िन 30 जनवरी से 5 फरवरी तक छत्तीसगढ़ प्रवास पर हैं।

अगर उकसाया तो तुरंत करेंगे हमला, इजरायल की हिजबुल्लाह को खुली चेतावनी…

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अगर उकसाया तो तुरंत करेंगे हमला, इजरायल की हिजबुल्लाह को खुली चेतावनी…

इजरायल की सेना ने पड़ोसी देश लेबनान में हिजबुल्लाह को अब तक की बड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसे उकसाया गया तो वह तुरंत हमला करने के लिए तैयार है।

इसके साथ ही इजरायली सेना ने गाजा में चार महीने से चल रहे युद्ध के दौरान उत्तरी सीमा पर हिजबुल्लाह की गतिविधियों का जिक्र किया और इस आतंकवादी समूह के खिलाफ सीरिया में कई हवाई हमले करने की बात भी स्वीकार की। 

इजरायली सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा, ”युद्ध हमारी पहली प्राथमिकता नहीं है लेकिन हम निश्चित रूप से तैयार हैं। जहां भी हिजबुल्ला होगा तो हम कार्रवाई करते रहेंगे, पश्चिम एशिया में जहां भी जरूरत होगी हम कार्रवाई करते रहेंगे। जो लेबनान के लिए सही है, वही सीरिया के लिए भी सही है और वही ज्यादातर अन्य दूरस्थ स्थानों के लिए भी सही है।”

ये टिप्पणियां रक्षा मंत्री की उस चेतावनी के बाद आई हैं कि गाजा में चरमपंथी समूह हमास के खिलाफ संघर्ष विराम का मतलब यह नहीं है कि इजरायल जरूरत पड़ने पर हिजबुल्लाह पर हमला नहीं करेगा।

इस क्षेत्र में ईरान समर्थित समूहों के साथ व्यापक युद्ध की चिंताओं के बीच इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम को बढ़ाने के प्रयास जारी हैं।

हमास के एक शीर्ष अधिकारी ओसामा हमदान ने बताया कि वे अमेरिका, मिस्र, कतर और इजरायल द्वारा दिए गए प्रस्ताव का अध्ययन कर रहे हैं और कहा कि इजरायल स्थायी संघर्ष विराम समेत कई शर्तें स्वीकार कर रहा है।

हमास शासित गाजा में युद्ध के कारण उसकी 85 फीसदी आबादी विस्थापित हो गई है।

गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि पिछले 24 घंटे में 107 लोगों की मौत हो गयी है जिससे युद्ध में अब तक मारे गए लोगों की संख्या 27,238 पहुंच गयी है। 66,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

अबू युसूफ अल-नज्जर अस्पताल के पंजीकरण कार्यालय के अनुसार, गाजा के दक्षिणी राफाह शहर में रात भर दो अलग-अलग हवाई हमलों में महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 17 लोगों की मौत हो गयी।

अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, पहला हमला एक रिहायशी इमारत पर किया गया जिसमें एक ही परिवार के कम से कम 13 सदस्यों की मौत हो गयी। मृतकों में चार महिलाएं तथा तीन बच्चे शामिल हैं।

रायपुर : मुख्यमंत्री साय ने डॉ. तिग्गा के दो पुस्तकों का किया विमोचन…

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रायपुर : मुख्यमंत्री साय ने डॉ. तिग्गा के दो पुस्तकों का किया विमोचन…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज शाम यहां राज्य अतिथि गृह पहुना में “फंडामेंटल ऑफ इंग्लिश ग्रामर” और “नॉवेल ऑफ जॉन स्टेनबेक : ए स्टडी इन एक्सिस्टेनलिज्म” बुक का विमोचन किया।

बुक के लेखक डॉ. राजीव रंजन तिग्गा हैं, जो इस अवसर पर मौजूद थे।

डॉ. तिग्गा अभी गवर्मेंट कॉलेज बगीचा में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।

विद्रोहियों से झड़प के बीच 58 म्यांमार सैनिक बांग्लादेश भागे, 14 को लगी गोली…

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विद्रोहियों से झड़प के बीच 58 म्यांमार सैनिक बांग्लादेश भागे, 14 को लगी गोली…

म्यांमार में विद्रोहियों और सैनिकों के बीच चल रही भारी गोलीबारी और जंग के बीच खबर है कि म्यांमार के अर्धसैनिक सीमा रक्षक बलों के कम से कम 58 सैनिक देश छोड़कर बांग्लादेश भाग गए हैं।

सैनिक रविवार को तंब्रू सीमा से दाखिल हुए और बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड से शरण मांगी। 58 में से 14 सैनिक गोलीबारी से घायल हो गए हैं। 

घटनाक्रम से परिचित अधिकारी ने कहा, उनमें से 14 लोग गोलियों से घायल होकर सीमा पार कर गए और रोहिंग्या शिविरों में स्वास्थ्य सुविधाओं सहित विभिन्न अस्पतालों में उनका इलाज किया जा रहा है।

अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अर्धसैनिक बल के जवानों को उनके समकक्ष बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) की हिरासत में म्यांमार के रखाइन राज्य की सीमा से लगे दक्षिणपूर्वी कॉक्स बाजार में रखा गया था।

उनके पास मौजूद हथियार बीजीबी कैश में जमा किए गए। अधिकारी ने कहा कि कई सैनिक लड़ाकू वर्दी और हथियारों में बांग्लादेश क्षेत्र में आए थे।

जबकि अन्य अपने हथियार वापस घर छोड़कर सादे कपड़ों में थे। बीजीबी ने अपने म्यांमार समकक्षों को मामले की जानकारी दी है।

इस बीच, ढाका ने म्यांमार के साथ अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में झड़पों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हिंसा बांग्लादेश की अग्रिम मोर्चों को प्रभावित कर रही है।

सड़क परिवहन मंत्री और अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने बीजिंग के बर्मी अधिकारियों के साथ घनिष्ठ संपर्क को देखते हुए संघर्ष को कम करने के लिए चीनी हस्तक्षेप की मांग की।

कादर ने चीनी दूत से मुलाकात के बाद कहा, आंतरिक युद्ध उनकी (म्यांमार की) घरेलू चिंता है। लेकिन जब सीमा पर गोलीबारी की आवाजें सुनाई देती हैं तो स्वाभाविक रूप से जनता के मन में दहशत पैदा हो जाती है। इसलिए, हम बीजिंग के हस्तक्षेप की उम्मीद करते हैं।

अधिकारियों ने पहले कहा था कि 14 बीजीपी कर्मियों ने घुमधुम सीमा के माध्यम से सुबह-सुबह सीमा पार की। बंदरबन जिला प्रशासन, जहां संकटग्रस्त सीमा स्थित है, ने सुरक्षा कारणों से पांच स्कूलों को बंद कर दिया है। बीजीबी ने निवासियों से घर के अंदर रहने या सावधानी से आगे बढ़ने के लिए कहा।

अधिकारियों ने कहा कि सीमा के दूसरी ओर से आ रही रिपोर्टों से पता चलता है कि सेना के हेलीकॉप्टर विद्रोही लड़ाकों पर गोलीबारी कर रहे हैं, जिससे बड़े पैमाने पर हताहत होने की चिंता बढ़ गई है।

बांग्लादेश ने पहले सेना और विद्रोही अराकान सेना के बीच गोलीबारी को देखते हुए म्यांमार के साथ सीमा पर अतिरिक्त सुरक्षा निगरानी का आदेश दिया था, जो देश के सीमावर्ती रखाइन क्षेत्र में सक्रिय है।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि कई और विद्रोही समूह, कुछ आपस में गठबंधन बनाकर, म्यांमार के कई हिस्सों में सेना का सामना कर रहे हैं।

रिपोर्टों और विश्लेषकों के अनुसार, तख्तापलट के बाद लोकतंत्र के साथ एक अल्पकालिक प्रयोग समाप्त होने के तीन साल बाद म्यांमार में प्रतिरोध आंदोलन ने गति पकड़ ली।

म्यांमार के साथ बांग्लादेश की सीमा उत्तर में भारत के साथ त्रिकोणीय बिंदु से लेकर दक्षिण में बंगाल की खाड़ी तक 271.0 किलोमीटर (168.4 मील) तक फैली हुई है।

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