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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के अध्ययन दल ने की सौजन्य मुलाकात…

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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के अध्ययन दल ने की सौजन्य मुलाकात…

विदेशी अधिकारियों को खूब भाया छत्तीसगढ़

अंडर स्टैंडिंग इंडिया मॉड्यूल के तहत छत्तीसगढ़ पहुंचा 16 अधिकारियों का दल

अमेरिका, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, बांग्लादेश और नेपाल से आए मित्र देशों के अधिकारी भी हैं शामिल

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज यहां पहुना स्थित उनके निवास कार्यालय में राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय से छत्तीसगढ़ प्रवास पर पहुंचे अधिकारियों के अध्ययन दल ने सौजन्य मुलाकात की।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ पहुंचे सभी अधिकारियों का राज्य में स्वागत किया। मुख्यमंत्री को अध्ययन दल के अधिकारियों ने बताया कि महाविद्यालय में एक वर्षीय पाठ्यक्रम में शामिल 6 सप्ताह के अंडर स्टैंडिंग इंडिया मॉड्यूल के तहत 120 अधिकारियों का दल 8-8 अलग-अलग राज्यों का दौरा कर रहा है।

इसी क्रम में 16 अधिकारियों का दल छत्तीसगढ़ पहुंचा है, जो प्रदेश में आंतरिक सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं सहित राज्य में हो रहे विकास कार्याें और गतिविधियों का अध्ययन करेगा। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री साय ने अध्ययन दल के अधिकारियों से चर्चा करते हुए छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति, सामाजिक-सांस्कृतिक विशेषताओं सहित जनजातीय बाहुल्य इलाकों के विशेष संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की।

उन्होंने राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, उद्योग, महिला सशक्तिकरण के साथ ही विकास से जुड़े विषयों पर अध्ययन दल से चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ बहुत सुन्दर प्रदेश है। यहां खनिज सम्पदाओं, वन सम्पदाओं के विपुल भण्डार मौजूद है। प्राकृतिक सौंदर्य से समृद्ध छत्तीसगढ़ में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। हम छत्तीसगढ़ की विशिष्टताओं कोे विश्व पटल पर पहचान दिलाने के लिए कृत संकल्पित होकर कार्य कर रहे है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और अदंरूनी क्षेत्रों में विकास कार्यो और जनकल्याणकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से  माओवादी आतंकवाद का दायरा सिमट गया है। हमनें माओवादी आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में तेजी लाई है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में जनजाति बाहुल्य इलाकों में विकास को गति देने के लिए आदिवासी विकास प्राधिकरण बनाए गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में जनजातीय मंत्रालय बनाया गया था, जो आदिवासी बाहुल्य इलाकों के विकास में मील का पत्थर साबित हो रहा है।

हमने इसी रास्ते पर आगे बढ़ते हुए इन इलाकों के समावेशी की कार्ययोजना तैयार की है, जिसका जल्द ही क्रियान्वयन भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के विकास के लिए बजट की कोई कमी नहीं है। सड़कों के विस्तार को भी बढ़ावा देना है, जिससे आवागमन सुगम होगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में महिला स्व-सहायता समूह बड़ी संख्या में कार्यरत है। पंचायत स्तर पर 10 से 12 महिलाओं का समूह विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों से जुड़ा है।

जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमने निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार की महिलाओं के आर्थिक उन्नयन के लिए राज्य में महतारी वंदन योजना की शुरूआत की दी है।

इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने दंतेवाड़ा के जावंगा एजुकेशन सिटी और राम कृष्ण मिशन द्वारा आदिवासी युवाओं के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्याें का विशेष रूप जिक्र किया। जिस पर अधिकारियों ने बताया कि वे इन इलाकों का भ्रमण करेंगे।  

मुख्यमंत्री से हुई सार्थक चर्चा पर अधिकारियों ने कहा कि भारत को जानने समझने में छत्तीसगढ़ की उनकी यह यात्रा बड़ी लाभदायक सिद्ध होगी। छत्तीसगढ़ से वे नये अनुभव साथ लेकर जाएंगे, जो उनके कार्य क्षेत्र में भी उपयोगी साबित होगी।

भारत को जानने निकले विदेशी दल को खूब भाई छत्तीसगढ़ की सुन्दरता
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से चर्चा के दौरान अध्ययन दल के प्रभारी मेजर जनरल सामर्थ्य नागर ने बताया कि हमने जैसा सोचा था, छत्तीसगढ़ उससे कही अधिक सुन्दर है।

उन्होंने बताया कि अध्ययन दल में शामिल पांच मित्र देशों – अमेरिका, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, बांग्लादेश और नेपाल के साथी अधिकारियों को छत्तीसगढ़ का प्राकृतिक सौंदर्य खूब भाया है। उन्होंने बताया कि साथी अधिकारी छत्तीसगढ़ की इस सुन्दर यात्रा को लेकर बहुत उत्सुक और खुश हैं।  

अध्ययन दल में आईपीएस मानविन्दर सिंह भाटिया, एयर कमोडोर भुवन माथुर, ब्रिगेडियर वैभव मिश्रा, वैभव अग्रवाल, एस. सेन, विक्रांत पाटिल, टी. के. मिश्रा, व्ही. गणपति, बांग्लादेश से आए कमोडोर मोहम्मद फैजल हक, सऊदी अरब से कर्नल युसुफ बिन गाजी अल ओतैबी, नेपाल से कर्नल बिमल कुमार बासनेत, कजाकिस्तान से कर्नल जोल्डस नेसिपबायेव, अमेरिका से कर्नल डाना डेमर, डीआरडीओ से डॉ. कमल किशोर पंत, आईएनएएस से कवल सिंह शामिल रहे।

चार दिनों से जल रहा यह देश! जंगल से लेकर सड़कों तक आग; मारे जा चुके हैं 112 लोग…

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चार दिनों से जल रहा यह देश! जंगल से लेकर सड़कों तक आग; मारे जा चुके हैं 112 लोग…

चिली का एक हिस्सा जंगल की आग से जल रहा है।

दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप के इस देश में जंगल की आग से कई घर, कारें, दुकानें जलकर राख हो गई हैं। आग में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, चिली में अब तक 112 लोगों की जंगल की आग में मौत हो चुकी है। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, आग मध्य चिली के पहाड़ी जंगलों में लगी।

चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक ने चिंता व्यक्त की कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। वह शनिवार दोपहर से हेलीकॉप्टर से प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने निकले थे। 2010 में चिली में आए भूकंप और सुनामी में 500 लोगों की मौत हो गई थी।

उसके बाद, जंगल की आग से लगी आग इस देश की सबसे बड़ी दुर्घटना है। किसी भी वर्ष के अंत में पूर्वी प्रशांत महासागर में चिली, पेरू, इक्वाडोर के साथ दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप के पश्चिमी तट पर एक प्रकार की गर्म दक्षिणवर्ती धारा बनती है। इसे ‘अल नीनो’ कहा जाता है।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह आग उष्णकटिबंधीय गर्म की लहरों के कारण लगी है। इस वर्ष अन्य लैटिन अमेरिकी देशों पर भी इसका प्रभाव पड़ा है।

चिली के इतिहास की सबसे भीषण आग
चिली की आंतरिक मंत्री कैरोलिना तोहा के अनुसार, आग चिली के इतिहास की सबसे भीषण आग है। रविवार तक, मध्य और दक्षिणी चिली की लगभग 64,000 एकड़ जमीन पर बसी बस्तियां जल चुकी थीं।

चिली में जंगल की आग से तटीय शहर विना डेल मार और इसके आसपास के इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। 1931 में बना शहर का मशहूर वनस्पति उद्यान जलकर राख हो गया है।

विना डेल मार बना मौत का शहर
विना डेल मार में लगभग 1,600 लोग बेघर हैं। शहर अब सिर्फ बेबसी की तस्वीर बनकर रह गया है। बहुत से लोग घरों और रिश्तेदारों के खोने का दुख मना रहे हैं। लगातार चार दिनों तक आग भड़कने के कारण विना डेल मार शहर व्यावहारिक रूप से मौत का शहर बन गया है।

सफेद चादर में लिपटे मृतकों की तस्वीरें भी सामने आई हैं। जंगल की आग की गर्मी में, मध्य चिली के कई हिस्सों में तापमान काफी बढ़ गया है।

चिली के आपदा प्रतिक्रिया बल के सदस्य आग बुझाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। लगभग 1,400 अग्निशमन विभाग के कर्मी और 1,300 सैनिक 31 अग्निशमन हेलीकॉप्टरों के जरिए राहत कार्य लगातार जारी है।

अर्जेंटीना ने भी किया मदद का वादा
रविवार दोपहर तक मरने वालों की संख्या 100 के पार पहुंच गई। जिनमें से 32 लोगों की पहचान कर ली गई है। चिली के आपदा प्रबंधन प्रमुख अल्वारो होर्माजेबल ने कहा कि रविवार सुबह तक 34 जगहों पर आग लगी हुई थी। 43 अन्य स्थानों पर आग नियंत्रण में है।

हरमजाबल ने कहा कि मौसम की वजह से आग बुझाने में देरी हो रही है। चिली में जंगल की आग का प्रसार शुक्रवार से ही व्यापक रूप ले चुका है। शुक्रवार को सरकार ने वालपराइसो और राजधानी सैंटियागो को जोड़ने वाली सड़क बंद कर दिया।

शनिवार तक आग काफी फैल चुकी थी। सरकार ने हजारों लोगों को अपने घर खाली करने का आदेश दिया। वहां की सरकार ने पीड़ितों को आर्थिक सहायता देने का वादा किया है। पड़ोसी देश अर्जेंटीना ने भी चिली के खतरे में साथ देने का वादा किया है।

पंडित नेहरू ने भारतीयों को बताया था आलसी? पूर्व पीएम का वह भाषण, जिस पर नरेंद्र मोदी बिफरे…

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पंडित नेहरू ने भारतीयों को बताया था आलसी? पूर्व पीएम का वह भाषण, जिस पर नरेंद्र मोदी बिफरे…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस समेत पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर भी निशाना साधा।

उन्होंने संसद में कहा कि कांग्रेस ने देश के सामर्थ्‍य पर भरोसा ही नहीं किया। मोदी ने कहा कि पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू ने भारतीयों को नीचा दिखाया था और कहा था कि भारतीय कम काम करते हैं।

उन्होंने कहा कि नेहरू जी की भारतीयों के प्रति सोच थी कि भारतीय आलसी हैं। दरअसल, पीएम मोदी 15 अगस्त 1959 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेहरू के दिए भाषण का जिक्र कर रहे थे।

चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर पंडित नेहरू ने क्या कहा था जिसे लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री ने उन पर निशाना साधा है।

15 अगस्त, 1959 को पूर्व पीएम नेहरू ने लाल किले से कहा था, ‘हिन्दुस्तान में काफी मेहनत करने की आदत आमतौर से नहीं हुई है। इसमें हमारा कसूर नहीं है, ऐसी आदतें पड़ जाती हैं। लेकिन, बात ये है कि हम उतना काम नहीं करते जितना कि यूरोप वाले, जापान वाले, चीन वाले, रूस या अमेरिका वाले करते हैं।’

उन्होंने कहा कि ये मत समझिए कि वे कौमें किसी जादू से खुशहाल हो गईं, बल्कि मेहनत और अक्ल से हुई हैं। नेहरू ने कहा कि हम भी मेहनत और अक्ल से आगे बढ़ सकते हैं। इसके अलावा और कोई चारा नहीं है। 

महंगाई पर नेहरू के बयान को लेकर भी साधा निशाना
जवाहरलाल नेहरू के इस भाषण को लेकर पीएम मोदी ने कांग्रेस पर आज जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘नेहरू जी की भारतीयों के प्रति सोच थी कि भारतीय कम अक्ल के लोग होते हैं।’

पीएम मोदी यहीं नहीं रुके। उन्होंने महंगाई पर बात करते हुए पंडित नेहरू का बयान याद दिलाया। मोदी ने कहा, ‘इतिहास गवाह है जब भी कांग्रेस आती है महंगाई आती है।

कभी कहा गया था कि ‘हर चीज की कीमत बढ़ जाने की वजह से मुसीबत फैली है, आम जनता उनमें फंसी है।’ यह नेहरू जी ने लाल किले से कहा था।

10 साल बाद भी महंगाई के यही गीत कहे गए थे। देश का PM रहते उन्हें 12 साल हो गए थे लेकिन हर बार महंगाई काबू में नहीं आ रही है। महंगाई के कारण आपको मुसीबत हो रही है, इसी के गीत गाते रहे थे।’

इंदिरा जी की सोच भी नेहरू जी से ज्यादा अलग नहीं: मोदी
नरेंद्र मोदी ने कहा कि इंदिरा जी की सोच भी नेहरू जी से ज्यादा अलग नहीं थी। उन्होंने लाल किले से कहा था- दुर्भाग्यवश हमारी आदत ये है कि जब कोई शुभ काम पूरा होने को होता है तो हम आत्मसंतुष्टि की भावना से ग्रस्त हो जाते हैं।

जब कोई कठिनाई आ जाती है तो हम नाउम्मीद हो जाते हैं। कभी-कभी ऐसा लगता है कि पूरे राष्ट्र ने पराजय भावना को अपना लिया है। पीएम मोदी ने कहा कि आज कांग्रेस को देखकर लगता है कि भले इंदिरा जी देश का आकलन सही से नहीं कर पाईं, लेकिन कांग्रेस का सटीक आकलन किया था।

रायपुर : मुख्यमंत्री साय से ध्रुव गोंड समाज के प्रतिनिधिमंडल ने की सौजन्य मुलाकात…

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रायपुर : मुख्यमंत्री साय से ध्रुव गोंड समाज के प्रतिनिधिमंडल ने की सौजन्य मुलाकात…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज शाम यहां राज्य अतिथि गृह पहुना में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंकराम वर्मा के नेतृत्व में ध्रुव गोंड समाज बलौदा बाजार के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की।

मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री साय को कोलियारी, जिला बलौदा बाजार-भाटापारा में आगामी 24 फरवरी को आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रम के लिए आमंत्रण दिया।

इस अवसर पर मेमसिंह उईके, हेमसिंह ध्रुव, खुमान सिंह मरकाम, सहस नेताम सहित समाज के अन्य सदस्य शामिल थे।

सबसे बकवास आदमी है; ऐसा क्या हो गया जो बेंजामिन नेतन्याहू पर बिगड़ गए बाइडेन, जमकर सुनाया…

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सबसे बकवास आदमी है; ऐसा क्या हो गया जो बेंजामिन नेतन्याहू पर बिगड़ गए बाइडेन, जमकर सुनाया…

इजरायल और हमास के बीच चल रही खूनी जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।

अमेरिका के घातक हथियारों और खुद के बूते इजरायल फिलिस्तीनी शहर गाजा पट्टी पर कहर बरपा रहा है। इजरायल के इस युद्ध में दो मकसद हैं- पहला अपने बंधकों की सकुशल रिहाई और हमास आतंकियों का जड़ सहित खात्मा।

इस बीच रिपोर्ट है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से नाराज हो गए हैं। बाइडेन का पारा इतना चढ़ गया कि उन्होंने नेतन्याहू के लिए आपत्तिजनक शब्दों तक का इस्तेमाल कर दिया। POLITICO की रिपोर्ट है कि बाइडेन ने नेतन्याहू को ‘सबसे बकवास आदमी’ कहा है। 

पिछले साल 7 अक्टूबर को जब हमास ने इजरायली धरती पर कत्लेआम मचाया तो इजरायल को हमास के खात्मे का मौका और ठोस कारण दोनों मिल गए।

हमास हमले के बाद से इजरायली सेना चुन-चुनकर फिलिस्तीनी आतंकियों को मार रही है। इस हमले में हालांकि निर्दोषों की भी बड़े पैमाने पर हत्या हो रही है।

गाजा पट्टी में अब तक हुए कत्लेआम में मरने वालों की संख्या कम से 26 हजार पार कर गई है। इतना ही नहीं इसमें 70 फीसदी महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

उधर, इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने हर बार अपने संबोधन में हमास के खात्मे तक जंग जारी रखने की घोषणा की है। बेंजामिन अपने बयानों में भी काफी हमलावर रहे हैं।

उनके बयान की वजह से ही यूएन समेत कई वैश्विक एजेंसियों को गाजा में निर्दोषों की चिंता सता रही है।

बेंजामिन नेतन्याहू की जिद का खामियाजा अब अमेरिका को भी उठाना पड़ रहा है। अमेरिकी धरती पर लोग इजरायल के समर्थन में बाइडेन सरकार की आलोचना कर रहे हैं।

गाजा में कत्लेआम पर बाइडेन को भी निशाना बनाया जा रहा है। बाइडेन जानते हैं कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव में यह उनके लिए नकारात्मक छवि पेश कर सकता है।

इसलिए उन्होंने भी अब नेतन्याहू पर भड़ास निकालनी शुरू कर दी है। इससे पहले बाइडेन मंत्रालय के अधिकारी भी नेतन्याहू सरकार को गाजा में जमीनी आक्रमण रोकने और कत्लेआम को कम करने की सलाह दे चुके हैं। 

बाइडेन की नाराजगी की वजह
POLITICO की रिपोर्ट है कि बाइडेन ने अब निजी तौर पर भी नेतन्याहू पर गुस्सा निकालना शुरू कर दिया है। अमेरिका की राजनीतिक समाचार एजेंसी POLITICO ने रिपोर्ट किया है कि बाइडेन नेतन्याहू से इसलिए नाराज चल रहे हैं क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति को इजरायली प्रधान मंत्री पर संदेह हो गया है कि नेतन्याहू अमेरिका को मध्य पूर्व के साथ युद्ध में घसीट सकते हैं।

बाइडेन प्रशासन को लगता है कि नेतन्याहू अभी हमास के खिलाफ जंग में अमेरिका से हथियार ले रहे हैं। इसके बाद अमेरिकी सेना भी जल्द इस युद्ध में शामिल हो जाएगी और इससे गाजा में युद्धविराम का वैश्विक दबाव कम हो जाएगा। इससे नेतन्याहू को गाजा पट्टी में अपनी मनमानी करने की खुली छूट मिल जाएगी।

आपत्तिजनक शब्दों पर बाइडेन प्रशासन का क्या कहना है
हालांकि, जो बाइडेन के प्रवक्ता एंड्रयू बेट्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल को खारिज कर दिया है और कहा है कि उन्होंने “ऐसा नहीं कहा, न ही वह ऐसा कहेंगे”। POLITICO की रिपोर्ट के मुताबिक, बेट्स ने कहा है कि बाइडेन और नेतन्याहू के बीच “एक दशक पुराना रिश्ता है सार्वजनिक और निजी तौर पर दोनों एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।”

रायपुर : प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से रविदास समाज में जगी नई उम्मीद…

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रायपुर : प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से रविदास समाज में जगी नई उम्मीद…

मन चंगा तो कठौती में गंगा, अब विकास की आस में मन रंगा, अपने उद्यम को विस्तार दे रहे रविदास समाज के लोग

सोनाधर के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना बनेगा आजीविका का नया आधार

विशाखा बाई बोली महतारी वंदन योजना से  सपने होंगे साकार

मन चंगा तो कठौती में गंगा, यह संत शिरोमणि रविदास ने कहा था।

यदि ठान लिया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के आरंभ होने से रविदास समाज के सपनों को पूरा करने की दिशा में आवश्यक वित्तीय संसाधन उपलब्ध हो गये हैं।

अपने व्यवसाय को आगे ले जाने के लिए समाज के लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं और अपने उद्यम को विस्तार दे रहे हैं।

अभी हाल ही में महासमुंद के झलप में हुए गुरु रविदास महासभा के राज्य स्तरीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि आपका समाज छोटा जरूर है, लेकिन ताकतवर समाज है, अगर मन में ठान लिया जाए तो हर कार्य संभव हो जाता है।

उन्हें सुनने के लिए सैकड़ों की संख्या में महासभा के लोग और प्रतिनिधि मौजूद थे। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर लोग गदगद हो रहे थे।

महासम्मेलन में पहुंचे झलप निवासी सोनाधार रौतिया ने कहा कि अब हमें उम्मीद ही नहीं विश्वास है, हम अपने समाज को आगे बढ़ाएंगे।

पहली बार कोई मुखिया हमारे महासम्मेलन में पहुंचे हैं। इससे हमें गर्व की अनुभूति हो रही है, इससे हम आगे बढ़ने के लिए उत्साहित हैं।

उन्होंने बताया कि वे एक छोटे से जूते-चप्पल की दुकान के माध्यम से अपनी आजीविका चलाते हैं। लेकिन अब प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से एक नई उम्मीद जगी है।

मुझे आसानी से लोन मिलेगा और अपने व्यवसाय को नया रूप दे सकूंगा। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी सुधा एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। प्रयास विद्यालय में पढ़कर उन्होंने सफलता पाई है। सुधा कहती है कि अब मेरे डॉक्टर बनने का सपना भी जल्द ही पूरा होगा। उन्होंने बताया कि इस अंचल में उनके समाज की वे एकमात्र डॉक्टर हैं। जिस दिन डिग्री मिल जायेगी मैं मुख्यमंत्री से मिलने जाऊंगी।

इसी तरह समाज के किसान सफेद सिंह मिर्धा ने बताया कि वे खेती किसानी करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास 5 एकड़ जमीन है।

यहां पानी की समस्या है, वर्तमान सरकार सिकासेर जलाशय से पानी लाने की व्यवस्था करेगी। हमें विश्वास है कि आने वाले समय में यह काम जरूर पूरा होगा और हम यहां भी खेती को एक उन्नत खेती के रूप में विकसित करेंगे।

इसी तरह विशाखाबाई ने कहा कि चिटफंड कंपनी में लगा पैसा मिलने की उम्मीद बन गई है। उन्होंने महतारी वंदन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि अब हमें साल में 12 हजार रुपए मिलेंगे।

मैं बहुत खुश हूं कि प्रधानमंत्री मोदी जी एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय हम गरीब महिलाओं के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आए हैं। उन्हें गाड़ा-गाड़ा जोहार करते है।

कार्यक्रम में पहुंचे सभी लोगों की आंखों में उम्मीद और नए विश्वास के सपने साफ झलक रहे थे।उत्सुकता और उत्साह के साथ वे मुख्यमंत्री को सुन रहे थे।

सभा मे पहुंची सुखवंतीन बाई ने कहा कि मुख्यमंत्री सहज, सरल और विनम्र है। वह हम सबके के मुखिया हैं। सच कहूं तो इस सरकार में विकास की नई उम्मीद बंधी है।

वंदे भारत एक्सप्रेस पर बरसाए पत्थर, छह कोच की टूटीं खिड़कियां; यात्रियों में दहशत…

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वंदे भारत एक्सप्रेस पर बरसाए पत्थर, छह कोच की टूटीं खिड़कियां; यात्रियों में दहशत…

एक तरफ वंदे भारत देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों की यात्रा को आसान बना रही है।

वहीं, कुछ उपद्रवी तत्व वंदे भारत ट्रेन को निशाना बना रहे हैं। ऐसी ही एक घटना चेन्नई-तिरुनेलवेली वंदे भारत एक्सप्रेस में हुई।

यहां कुछ अज्ञात लोगों ने रविवार को तेज रफ्तार से गुजरती ट्रेन पर पत्थर बरसाए। हाल ही में शुरू की गई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन रविवार को दोपहर 2.50 बजे चेन्नई एग्मोर स्टेशन से रवाना होने के बाद रविवार को दोपहर लगभग 10 बजे गंगईकोंदन और नारीकीनारू स्टेशनों के बीच थी।

इस दौरान शरारती तत्वों ने इस पर पथराव किया। पथराव में कोई यात्री घायल नहीं हुआ लेकिन इस घटना से यात्रियों में दहशत फैल गई।

ट्रेन रात के 10.40 पर तिरुनलवेली रेलवे जंक्शन पर पहुंची। इसके बाद टेक्नीशियंस ने इसका निरीक्षण कर नुकसान का अंदाजा लगाया। कठोर कांच से बनी खिड़कियों को नुकसान बहुत कम हुआ है।

टेक्नीशियंस के मुताबिक जब ट्रेन छह फरवरी को ट्रेन वीकली चेकअप के लिए जाएगी तब इन्हें रिप्लेस किया जा सकता है।

तिरुनेलवेली रेलवे जंक्शन के सूत्रों ने बताया कि इसलिए, सोमवार (5 फरवरी) सुबह 6 बजे ट्रेन को फिर से चेन्नई में चलाने के लिए अस्थायी मरम्मत कर दी गई। 

तिरुनेलवेली रेलवे जंक्शन पर दर्ज शिकायत के आधार पर राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने वांचिमानियाची और गंगईकोंडन स्टेशनों और थूथुकुडी स्थित जीआरपी, को सतर्क कर दिया।

हालांकि सोमवार दोपहर तक पुलिस बदमाशों की पहचान नहीं कर पाई थी। हमें संदेह है कि बदमाशों ने शराब या गांजे के नशे में हमले को अंजाम दिया होगा।

हम कई स्थानों से सीसीटीवी फुटेज एकत्र कर रहे हैं जहां हमला किया गया था।

पता नहीं कौन सा चुनाव आखिरी होगा; चाचा शरद पवार की उम्र पर अजित पवार का तंज…

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पता नहीं कौन सा चुनाव आखिरी होगा; चाचा शरद पवार की उम्र पर अजित पवार का तंज…

महाराष्ट्र में पवार परिवार के गढ़ माने जाने वाले बारामती के लिए सियासी संघर्ष तेज होता नजर आ रहा है।

भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना की सरकार में शामिल हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने क्षेत्र की जनता से ‘भावुक अपीलों’ में नहीं फंसने की अपील की है।

साथ ही वादा किया है कि अगर जनता उनके उम्मीदवार को वोट देती है, तो केंद्र की मदद से विकास की रफ्तार को बढ़ाया जाएगा। फिलहाल, यहां से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के बेटी सुप्रिया सुले सांसद हैं।

नाम लिए बिना शरद पवार पर निशाना साधते हुए उप मुख्यमंत्री पवार ने कहा, ‘पता नहीं कुछ लोग कब रुकेंगे। हो सकता है कोई भावुक अपील हो कि ये आखिरी चुनाव होगा। पता नहीं कौन सा आखिरी चुनाव होगा।’

उन्होंने जनता से अपील की है कि भावनाओं में बहकर वोट मत दीजिएगा। साथ ही उन्होंने वादा किया वह जल्द ही महायुति का उम्मीदवार घोषित कर देंगे।

पवार ने पुणे जिले के बारामती में एक जनसभा में कहा, ‘आपने इतने सालों तक एक वरिष्ठ की बात सुनी। अब मेरी बात सुनें और जिस लोकसभा उम्मीदवार को मैं खड़ा करने जा रहा हूं उसे वोट दें। मैं फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बता सकता हूं कि लोगों ने मेरे उम्मीदवार को वोट दिया है। यह मत भूलिये कि जब आप मुसीबत में थे तो मदद के लिए कौन आया था।’

बारामती से विधायक अजित पवार ने यह भी कहा कि ‘यदि आप अच्छा काम करना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए कुछ आलोचना स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए।’

उन्होंने बताया कि इंदपुर, दौंड, पुरंदर, खड़कवासला और बारामती में कई विकास परियोजनाएं जारी हैं। इनमें सड़कें, जल आपूर्ति, शॉपिंग कॉम्प्लैक्स, बाजार जैसे प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।

अजित पवार ने पिछले साल जुलाई में राकांपा को तोड़ दिया था और आठ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। अजित पवार ने तब से अपने विद्रोह को लगातार यह कहते हुए उचित ठहराया है कि वरिष्ठों को अगली पीढ़ी को रास्ता देना चाहिए था। अजित पवार का यह इशारा परोक्ष रूप से शरद पवार की ओर था।

दिल्ली और मुंबई नहीं, देश के ये दो शहर हैं जाम कैपिटल, मुश्किल होता है सड़कों पर सफर…

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दिल्ली और मुंबई नहीं, देश के ये दो शहर हैं जाम कैपिटल, मुश्किल होता है सड़कों पर सफर…

भारत में सड़कों पर जाम को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है।

आए दिन दिल्ली और मुंबई में सड़कों पर घंटों लंबी जाम देखने को मिल जाती है। लेकिन इस रिपोर्ट में दो शहर दिल्ली और मुंबई से भी आगे हैं।

ये शहर बेंगलुरु और पुणे हैं। पिछले साल, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में यात्रियों ने 10 किलोमीटर ट्रैवल करने के लिए औसतन 28 मिनट और 10 सेकंड खर्च किए।

वहीं पुणे में 10 किलोमीटर के लिए 27 मिनट और 50 सेकंड लगे। इस मामले में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तीसरे नंबर है। नई दिल्ली में 10 किलोमीटर के सफर के लिए 21 मिनट और 40 सेकंड लगे।

वहीं चौथे नंबर पर मुंबई है जहां 10 किलोमीटर की दूरी के लिए औसतन 20 मिनट और 20 सेकंड लगे। 

वैश्वक स्तर पर कहां हैं पुणे और बेंगलुरु?

नीदरलैंड स्थित लोकेशन टेक्नोलॉजी की मल्टीनेशनल डेवलपर कंपनी टॉमटॉम इंडेक्स ने अपनी रिपोर्ट में ये जानकारी दी। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में पुणे और बेंगलुरु दुनिया के टॉप 10 सबसे भीड़भाड़ वाले शहरों में से थे।

पूरी दुनिया की बात की जाए तो बेंगलुरु छठे और पुणे सातवें स्थान पर है। हालांकि इस मामले में नई दिल्ली 44वें और मुंबई 54वें स्थान पर है। 2022 में, बेंगलुरु में 10 किलोमीटर के सफर के लिए औसतन 29 मिनट और 10 सेकंड खर्च करने पड़ते थे।

2022 में वैश्विक स्तर पर बेंगलुरु दूसरे स्थान पर था। नई दिल्ली 22 मिनट और 10 सेकंड के साथ 34 वें स्थान पर तो वहीं 21 मिनट और 10 सेकंड के समय के साथ मुंबई 47वें स्थान थी।

2023 के लिए टॉमटॉम की रिपोर्ट में बताया गया है कि पुणे में एक यात्री ने सबसे व्यस्त समय के दौरान औसतन 256 घंटे ड्राइविंग की।

इसमें से 128 घंटे केवल ट्रैफिक जाम के कारण बर्बाद हुए। केवल समय ही बर्बाद नहीं हुआ, बल्कि इससे लगभग 1007 किलोग्राम कार्बन डाईऑक्साइड (CO2) भी उत्सर्जित हुआ।

1007 किलोग्राम CO2 में से 265 किलोग्राम केवल जाम के कारण उत्सर्जित हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में पुणे में व्यस्त समय के दौरान दर्ज की गई औसत स्पीड 19 किमी प्रति घंटा थी।  

दुनिया में सबसे ज्यादा ट्रैफिक कहां है?

इसमें कहा गया कि व्यस्त समय के दौरान नई दिल्ली में यात्रियों ने 191 घंटे, मुंबई में 198 घंटे और बेंगलुरु में 257 घंटे ड्राइविंग में बिताए। इस दौरान इन शहरों लोगों ने ट्रैफिक जाम के चलते कई घंटे बर्बाद किए। दिल्ली में 81 घंटे, मुंबई में 92 घंटे और बेंगलुरु में 132 घंटे ट्रैफिक जाम के कारण बर्बाद हुए। 

55 देशों के 387 शहरों में की गई स्टडी से पता चला कि लंदन (इंग्लैंड) दुनिया का सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम झेलने वाला शहर है।

लंदन में 10 किलोमीटर की यात्रा के लिए यात्रियों ने औसतन 37 मिनट और 20 सेकंड खर्च किए। इसके बाद 29 मिनट और 30 सेकंड के साथ डबलिन (आयरलैंड) और 29 मिनट के साथ टोरंटो (कनाडा) है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में शहरों में ट्रैफिक की स्थिति खराब हुई है। हालांकि इसके पीछे की वजह उन शहरों में चल रहे विकास कार्यों को बताया गया है।

विशेषज्ञों ने ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने और पार्किंग पॉलिसी को लागू करने का सुझाव दिया है।

कवर्धा : स्वामी करपात्रीजी स्टेडियम में आयोजित 67वीं राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता खिलाड़ी स्वस्थ एवं उत्साहपूर्वक खेल में ले रहे हिस्सा…

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खेल मैदान में प्राथमिक उपचार के लिए चिकित्सा व्यवस्था दुरूस्त

स्वामी करपात्रीजी स्टेडियम में आयोजित 67वीं राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2023-24 सॉफ्टबाल बालक-बालिका 14 वर्ष 3 फरवरी से 6 फरवरी 2024 तक आयोजित हो रही है।

जिसमें 16 राज्यों से खिलाड़ी शामिल हुए है।

जिला शिक्षा एम.के.गुप्ता ने बताया कि प्रतियोगिता के दौरान खेल मैदान में रखे टेंकर के पानी पीने से बच्चे बीमार हो जाने की जानकारी समाचार पत्र में प्रकाशित हुई है, जो भ्रामक एवं असत्य है।

उन्होंने बताया कि उद्घाटन दिवस 3 फरवरी को मैच समापन उपरांत मध्यप्रदेश के एक खिलाड़ी तथा तेलंगाना के एक खिलाड़ी को ट्रेवलिंग एवं खेल एक्जर्सन के कारण उल्टी लगने संबंधी जानकारी दिये जाने पर उन्हें जिला चिकित्सालय उपचार के लिए ले जाया गया था।

जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद तत्काल उन्हें रिलीव्ह कर दिया गया। शेष सभी खिलाड़ियों एवं आफिसियल्स को मेडिकल संबंधी किसी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नही हुई है।

सभी खिलाड़ी स्वस्थ एवं उत्साहपूर्वक खेल में भागीदारी निभा रहे है। खेल मैदान में प्राथमिक उपचार के लिए चिकित्सा व्यवस्था किया गया है तथा शाम के समय आवास व्यवस्था में डॉक्टर भ्रमण कर रहें है।

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