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MGR से रजनीकांत तक, सुपरस्टार्स से सजी है साउथ की सियासत; अब विजय थलापती ने मारी एंट्री…

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MGR से रजनीकांत तक, सुपरस्टार्स से सजी है साउथ की सियासत; अब विजय थलापती ने मारी एंट्री…

साउथ के सुपरस्टार जोसेफ विजय ने सियासत में एंट्री मार ली है।

उनकी किसी सुपरहिट फिल्म की बंपर ओपनिंग की तरह आज शुक्रवार का दिन भी उनके फैंस के लिए एक ब्लॉकबस्टर साबित हुआ है।

जोसेफ विजय के फैंस उन्हें प्यार से थलापति विजय के नाम से पुकारते हैं। विजय ने लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले अपनी पार्टी ‘तमिझागा वेत्री कड़गम’ का ऐलान किया है, मगर उन्होंने घोषणा की कि उनकी पार्टी 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में अपनी शुरुआत करेगी।

साउथ की सियासत की बात करें तो यहां किसी सुपरस्टार की एंट्री नई बात नहीं है। विजय से पहले भी कई सुपरस्टार ने दक्षिण भारत की राजनीति में अपना हाथ आजमाया।

एनटीआर से लेकर रजनीकांत तक और जयललिता से लेकर कमल हासन तक, ऐसे कई नाम हैं जिन्होंने राजनीति में अपनी किस्मत को टटोला।

अब एक्टर विजय की बारी है। देखना होगा कि उनके फैंस की तरह क्या जनता भी उनका साथ देगी। इससे पहले एक नजर डालते हैं साउथ की सियासत में एंट्री मारने वाले उन सुपरस्टार्स पर…

एमजी रामचंद्रन ‘एमजीआर’ (तमिलनाडु) 
दक्षिण भारत की सियासत में एमजी रामचंद्रन यानी एमजीआर हमेशा से बड़े कद्दावर नेताओं में शामिल रहे। साल 1962 में एमजीआर ने राजनीतिक कदम उठाया और सीएन अन्नादुरई द्वारा स्थापित पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) में शामिल हो गए। वह अपने मित्र एम करुणानिधि की सलाह पर राजनीति में आये थे।

हालांकि, एमजीआर और करुणानिधि के बीच मतभेद पैदा हो गए जिसके कारण एमजीआर को डीएमके से बाहर कर दिया गया।

अभिनेता से नेता बने उन्होंने 1972 में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की स्थापना की। एमजीआर 1977 में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। एमजीआर दो बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद पर काबिज रहे। साल 1987 में अपनी मृत्यु हो गई।

एनटी रामाराव ‘एनटीआर’ (आंध्र प्रदेश)
नंदमुरी तारक रामाराव यानी एनटीआर एक तेलुगु मेगास्टार थे जिन्हें सिल्वर स्क्रीन पर देवता की भूमिका निभाने के लिए जाना जाता था।

अपने अभिनय करियर में एनटीआर ने 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। तेलुगु अभिनेता 1982 में राजनीति में शामिल हुए और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की स्थापना की। बाद में उन्होंने तीन कार्यकाल तक अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।

जयललिता (तमिलनाडु)
‘थलाइवी’ या ‘अम्मा’ के नाम से मशहूर जयललिता को तमिलनाडु की राजनीति में उनके सफल कार्यकाल के लिए जाना जाता है।

तमिलनाडु की सियासत में लंबे समय तक पुरुषों का वर्चस्व रहा, जिसे जयललिता ने तोड़ने का काम किया। अपने गुरु एमजी रामचंद्रन द्वारा फिल्मों में शामिल की गईं जयललिता ने 140 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया।

सिनेमा की तरह एमजीआर ने ही जयललिता को राजनीति में लाया। 1982 में अन्नाद्रमुक में शामिल होने के बाद जयललिता 1987 में एमजीआर के निधन के बाद पार्टी के भीतर सत्ता संघर्ष में विजयी हुईं।

जयललिता ने 2016 में अपनी मृत्यु तक छह कार्यकाल तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।

पवन कल्याण (आंध्र प्रदेश)
दक्षिण भारत के एक लोकप्रिय अभिनेता पवन कल्याण ने 1996 में फिल्मों में अभिनय करना शुरू किया। उन्होंने गब्बर सिंह, वकील साब, पुली, बालू, सुस्वागतम आदि फिल्मों में एक्टिंग है।

2008 में उन्होंने अपने सुपरस्टार भाई चिरंजीवी द्वारा गठित पार्टी प्रजा राज्यम के युवा विंग के अध्यक्ष के रूप में राजनीति में प्रवेश किया। 2014 में पवन ने जनसेना पार्टी बनाई।

सुरेश गोपी (केरल)
लोकप्रिय मलयालम अभिनेता सुरेश गोपी राज्यसभा सांसद बने और भाजपा में शामिल हो गए। 2019 में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा।

उन्होंने गरुड़न, जासूस, भरतचंद्रन आईपीएस, जनकन, राष्ट्रम, द एड्रेस आदि फिल्मों में अभिनय किया है। उनके नाम एक राष्ट्रीय पुरस्कार भी है।

कमल हासन (तमिलनाडु)
दक्षिण भारत के सुपरस्टार अभिनेता कमल हासन ने 2018 में अपनी राजनीतिक पार्टी मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) बनाई। हासन ने बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है।

अपने शानदार एक्टिंग करियर में उन्होंने विश्वरूपम, सत्या, चाची 420, महानदी, विक्रम, इंडियन आदि जैसी फिल्में की हैं। 1987 में उन्होंने फिल्म नायकन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता।

चिरंजीवी (आंध्र प्रदेश)
अभिनेता चिरंजीवी ने 2008 में आंध्र प्रदेश में एक राजनीतिक पार्टी प्रजा राज्यम का गठन किया। बाद में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बन गए और अपनी पार्टी का इसमें विलय कर दिया। उन्होंने भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया है। उन्होंने गॉडफादर, डैडी, मास्टर, शंकर दादा जिंदाबाद आदि फिल्मों में अभिनय किया है।

रजनीकांत (तमिलनाडु)
सुपरस्टार अभिनेता रजनीकांत 2017 में राजनीति में शामिल हुए थे। उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी रजनी मक्कल मंद्रम (आरएमएम) बनाई मगर उनका सियासी सफर ज्यादा दिन तक नहीं चल पाया।

2021 में उन्होंने पार्टी को भंग कर दिया। इसके बाद उन्होंने सियासत से तौबा कर लिया। रजनीकांत ने तमिल, हिंदी, तेलुगु, कन्नड़, बंगाली और मलयालम फिल्म उद्योग में सौ से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है।

बाशा, शिवाजी: द बॉस, काला, चंद्रमुखी, अंधा कानून, एंथिरन, लिंगा और जेलर उनकी कुछ लोकप्रिय फिल्में हैं।

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ में शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम में स्थापित शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की प्रतिमा का किया अनावरण…

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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ में शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम में स्थापित शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की प्रतिमा का किया अनावरण…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ में शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम में स्थापित शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की प्रतिमा का किया अनावरण। 

वित्त मंत्री ओ पी चौधरी, शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की माता श्रीमती आशा त्रिपाठी व पिता सुभाष त्रिपाठी इस दौरान रहे साथ। 

13 नवंबर 2021 को मणिपुर में आतंकवादी हमले में कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी श्रीमती अनुजा त्रिपाठी और 6 वर्षीय पुत्र अबीर त्रिपाठी हुए थे शहीद। 

भूतपूर्व सैनिक संगठन के सदस्यों द्वारा दी गई सलामी। 

रायगढ़ में शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम के बाहर स्थापित की गई है प्रतिमा। 

शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी के अमर शहादत को नमन करने परिवारजनों के साथ बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, शहर के नागरिक व आमजन कार्यक्रम स्थल पर मौजूद। 

शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी ने 13 नवंबर 2021 को म्यांमार सीमा से लगे विहाँग में अलगाववादी समूह द्वारा घात लगाकर किए हमले में अपने जवानों को बचाते हुए अंतिम गोली तक मुकाबला किया और सर्वोच्च बलिदान देते हुए अपनी पत्नी श्रीमती अनुजा, बेटे अबीर के साथ वीरगति को प्राप्त हुए। 

सेना की ओर से ब्रिगेडियर विवेक शर्मा, ब्रिगेडियर आशीष दास मंच पर उपस्थित हैं। 

अब फ्रांस में भी चलेगा UPI, भारतीय पर्यटकों को बड़ा तोहफा; यहां आएगा काम…

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अब फ्रांस में भी चलेगा UPI, भारतीय पर्यटकों को बड़ा तोहफा; यहां आएगा काम…

भारत में ट्रांजैक्शन को आसान बनाने वाला यूपीआई अब फ्रांस में भी काम करेगा।

शुक्रवार इसे एफिल टॉवर पर लांच किया गया। यह फ्रांस जाने वाले भारतीय पर्यटकों के लिए किसी सौगात की तरह है। एफिल टॉवर जाने वाले भारतीय टूरिस्ट यूपीआई का इस्तेमाल करके आसानी से ऑनलाइन टिकट खरीद सकते हैं।

इस बात की घोषणा पेरिस में इंडियन एंबेसी द्वारा आयोजित भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान की गई। यह कदम इसलिए भी काफी बड़ा माना जा रहा है क्योंकि एफिल टॉवर जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों में भारतीयों दूसरे नंबर पर हैं। 

ऐसे कर सकेंगे इस्तेमाल
इस घोषणा के बाद भारतीय पर्यटक यूपीआई सपोर्टेड ऐप्स के जरिए क्यूआर कोड स्कैन करके बेहद आसानी से पेमेंट कर सकेंगे।

सिर्फ एफिल टॉवर ही नहीं, बल्कि होटल्स बुक करने, म्यूजियम की विजिट करने समेत फ्रांस में स्टे करने संबंधी सेवाओं में भी यह मददगार होगा।

फ्रांस में यूपीआई की स्वीकार्यता ने फ्रांस और यूरोप में टूरिज्म और रिटेल सेक्टर में काम करने वालों के लिए भी नए रास्ते खोले हैं।

इस कार्यक्रम के दौरान फ्रांस और मोनाको में भारत के राजदूत एम जावेद अशरफ और लायरा के प्रतिनिधि शामिल थे।

इनमें लायरा समूह के अध्यक्ष एलेन लैकोर, लायरा फ्रांस के वाणिज्यिक निदेशक क्रिस्टोफ मैरिएट और सोसाइटी डी’एक्सप्लॉइटेशन डे ला टूर एफिल के सीईओ पैट्रिक ब्रैंको रुइवो थे।

इस दौरान एनआईपीएल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा कि लायरा के साथ यह पार्टनरशिप काफी अहम है। वहीं, लायरा फ्रांस के वाणिज्यिक निदेशक क्रिस्टोफ मैरिएट ने कहाकि यूरोप में यूपीआई लॉन्च करने के लिए भारत सरकार और एनआईपीएल का विश्वास रखने पर हमें गर्व है।

यह साझेदारी न केवल भारत के साथ हमारे मजबूत सहयोग को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर विभिन्न भुगतान विधियों की पेशकश करने की हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।

380 मिलियन से अधिक यूजर्स के साथ, यूपीआई ने खुद को भारत में एक प्रमुख पेमेंट मेथड के रूप में स्थापित किया है। जनवरी 2024 में, UPI ने 12.2 बिलियन से अधिक ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड किए।

रायपुर : अखिल भारतीय वैदिक महासम्मेलन कार्यक्रम का मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मुख्य आतिथ्य में रायगढ़ जिले के ग्राम तुरंगा में हो रहा आयोजन, कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय…

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रायपुर : अखिल भारतीय वैदिक महासम्मेलन कार्यक्रम का मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मुख्य आतिथ्य में रायगढ़ जिले के ग्राम तुरंगा में हो रहा आयोजन, कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय…

अखिल भारतीय वैदिक महासम्मेलन कार्यक्रम का मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मुख्यआतिथ्य में रायगढ़ जिले के ग्राम तुरंगा में हो रहा आयोजन, कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

आर्ष गुरुकुल आश्रम के विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री का फूलो की बौछार से किया स्वागत।

सन 1992 में हुई है आर्ष गुरुकुल आश्रम की  स्थापना, आर्ष गुरुकुल आश्रम में स्कूली शिक्षा के साथ-साथ दी जाती है पुरातन वेदों की भी शिक्षा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आश्रम परिसर में तीन कमरों के अतिथि शाला भवन का किया शिलान्यास।

महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वी जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय वैदिक महासम्मेलन कार्यक्रम और सम्मान कार्यक्रम का किया जा रहा आयोजन।

आर्ष गुरुकुल आश्रम तुरंगा में प्रतिदिन सुबह और सायंकाल दी जाती है वेदों की शिक्षा।

छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के बच्चे भी करते है आश्रम में अध्ययन।

आर्ष गुरुकुल आश्रम तुरंगा में आयोजित वृहद यज्ञ में मंत्रोच्चार के साथ शामिल हुए मुख्यमंत्री।

ऋषि मुनियों के वैदिक संस्कृति को जागृत करने और ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए आर्ष गुरुकुल आश्रम में प्रतिदिन किया जाता है यज्ञ का आयोजन।

यज्ञ होने से हवन स्थल के आसपास के वातावरण में होती है शुद्धता।

अब स्लीपर वंदे भारत को लेकर आया बड़ा अपडेट, सुनकर खुश हो जाएंगे आप!…

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अब स्लीपर वंदे भारत को लेकर आया बड़ा अपडेट, सुनकर खुश हो जाएंगे आप!…

वंदे भारत की सफलता के बाद भारतीय रेलवे स्लीपर वंदे भारत ट्रेनें लॉन्च करने की तैयारी में है।

इसको लेकर गुड न्यूज सामने आई है। दरअसल, यूपी के रायबरेली स्थित मॉडर्न कोच फैक्ट्री (MCF) ने आठ नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें स्लीपर कोच के साथ तैयार कर ली हैं।

इसकी एक रेक में 16 कोच होंगे, जिसमें से 11 एसी 3 टायर, चार एसी 2 टायर और एक एसी फर्स्ट क्लास के डिब्बे होंगे। हालांकि, ट्रेन में कोच को 20-24 तक बढ़ाया भी जा सकेगा।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रायबरेली के एमसीएफ के अलावा, कपूरथला की रेल कोच फैक्ट्री के अलावा, चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री वंदे भारत ट्रेन के लिए कोच तैयार कर रही है।

रेलवे के चीफ पीआरओ आरएन तिवारी ने कहा कि पहले फेज में हम स्लीपर वंदे भारत ट्रेन के दो रेक रोल आउट करेंगे और फिर बाकी अन्य को लॉन्च किया जाएगा।

बता दें कि स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस रेक के अलावा, एमसीएफ को साल 2024 में एसी और गैर-एसी कोच कॉन्फ़िगरेशन के साथ पुश-एंड-पुल ट्रेन के रेक का निर्माण शुरू करने का भी काम दिया गया है।

वंदे भारत का बजट में भी जिक्र
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बजट के दौरान वंदे भारत को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने गुरुवार को बजट पेश करते हुए कहा कि 40,000 सामान्य रेल डिब्बों को वंदे भारत मानकों के अनुरूप बदला जाएगा और तीन प्रमुख आर्थिक रेल गलियारा कार्यक्रम क्रियान्वित किए जाएंगे।

वित्त मंत्री ने लोकसभा में 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि तीन प्रमुख आर्थिक रेल गलियारा कार्यक्रम क्रियान्वित किए जाएंगे जिसके परिणामस्वरूप, अधिक यातायात वाले गलियारों में भीड़ कम होने से यात्री ट्रेनों के परिचालन में सुधार लाने में भी मदद मिलेगी और यात्री सुरक्षा एवं यात्रा की रफ्तार बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि समर्पित मालभाड़ा गलियारों के साथ-साथ तीन आर्थिक गलियारा कार्यक्रमों से जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की विकास दर बढ़ेगी तथा रसद व्यवस्था संबंधी लागत में भी कमी आएगी। 

रायपुर : अखिल भारतीय वैदिक महासम्मेलन कार्यक्रम : कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय…

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रायपुर : अखिल भारतीय वैदिक महासम्मेलन कार्यक्रम : कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय…

अखिल भारतीय वैदिक महासम्मेलन कार्यक्रम

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय रायगढ़ जिले के विकासखंड पुसौर के आर्ष गुरुकुल आश्रम तुरंगा में अखिल भारतीय वैदिक महासम्मेलन एवं सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे हैं

आर्ष गुरुकुल आश्रम में मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम में स्वामी दयानंद सरस्वती को याद करते हुए कहा कि स्वामी जी की 200 वीं जन्मशताब्दी के अवसर पर आयोजित संत सम्मेलन आए सभी आगंतुकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मेरा परम सौभाग्य है की आज मुझे इस कार्यक्रम में आने का अवसर मिला।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा की 1999 मैं पहली बार सांसद बना था। तब से मुझे आर्य समाज के कार्यक्रमों में जाने का अवसर मिलता रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों में लोगो के उत्थान के लिए आर्य समाज बेहतर कार्य कर रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा की इसी तरह से इन क्षेत्रों की सेवा आर्य समाज द्वारा होती रहे

मुख्यमंत्री ने कहा की 25 दिसंबर को पूरे देश में सुशासन दिवस के रूप में मनाते है और इसी दिन छत्तीसगढ़ के 12 लाख से ज्यादा किसानों को 3716 करोड़ रुपए की राशि धान के बोनस के रूप में वितरित की गई
 
समर्थन मूल्य पर किसानों से 130 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य था, जो तय लक्ष्य से ज्यादा हो चुकी है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा की 22 जनवरी को अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई। लोगों का वर्षों का इंतजार खत्म हुआ।

बहुत खुशी की बात है कि छत्तीसगढ़ के तीर्थयात्रियों को  रामलला दर्शन योजना के माध्यम से प्रदेश सरकार अपने खर्च पर प्रदेश के लोगो को अयोध्या में रामलला के दर्शन कराएगी।

जंग हम शुरू नहीं करते, पर खत्म कर देंगे; हमलों की चर्चा के बीच अमेरिका को ईरान की धमकी…

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जंग हम शुरू नहीं करते, पर खत्म कर देंगे; हमलों की चर्चा के बीच अमेरिका को ईरान की धमकी…

सीरिया की सीमा से सटे जॉर्डन के इलाके में तीन अमेरिकी सैनिकों की ड्रोन अटैक में हत्या कर दी गई थी।

इस घटना में अमेरिका ने ईरान का हाथ बताया है और चर्चा है कि अमेरिका कभी भी इसका बदला लेने के लिए हमले शुरू कर सकता है।

यह एक नई जंग की शुरुआत हो सकती है। अमेरिकी प्रशासन ने सेना को इन हमलों के लिए मंजूरी दे दी है। इन खबरों के बाद ईरान की भी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा कि हमारा देश जंग शुरू तो नहीं करेगा, लेकिन खत्म जरूर करेगा। हम उन लोगों को छोड़ेंगे नहीं, जो हमें जंग के लिए उकसाना चाहते हैं।

इब्राहिम रईसी की टिप्पणी उन कयासों को लेकर आई है, जिनमें कहा जा रहा है कि अमेरिका कभी भी सीरिया और इराक में ईरान के ठिकानों पर हमले कर सकता है।

बीते शनिवार को हुए हमले में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए थे और 40 से ज्यादा जख्मी हुए थे।

सीबीएस न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी सरकार ने मंजूरी दे दी है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की ओर से किए गए हमले कई दिनों तक चल सकते हैं।

ऐसा हुआ तो पश्चिम एशिया में एक नई जंग शुरू हो जाएगी। यह इलाका पहले ही इजरायल और हमास के बीच जंग से अशांत है।

इब्राहिम रईसी ने कहा, ‘हम कोई युद्ध शुरू नहीं करते हैं, लेकिन जब कोई हमें उकसाता है तो करारा जवाब देते हैं।’ टीवी पर दिए संबोधन में उन्होंने कहा कि जब अमेरिकी हमसे बात करना चाहते थे तो कहा था कि हमारे सैन्य़ विकल्प भी है।

अब कह रहे हैं कि हमारा इरादा ईरान से जंग में उतरना नहीं है। उन्होंने कहा कि ईरान कभी किसी देश के लिए खतरा नहीं रहा है। हम चाहते हैं कि इस इलाके में सभी देशों की सुरक्षा मजबूत रहे और उन्हें कोई नुकसान न होने पाए।

दरअसल अमेरिका का कहना है कि ईरान ही इराक, सीरिया समेत कई देशों में हमले कर रहा है और अमेरिकी बलों को निशाना बना रहा है।

विवाह, तलाक और विरासत का सबके लिए समान नियम; उत्तराखंड UCC मसौदा केंद्रीय कानून का ब्लूप्रिंट?…

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विवाह, तलाक और विरासत का सबके लिए समान नियम; उत्तराखंड UCC मसौदा केंद्रीय कानून का ब्लूप्रिंट?…

समान नागरिक संहिता (UCC) का मसौदा तैयार करने के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से गठित समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दस्तावेज सौंप दिए।

देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में 5 सदस्यीय समिति की अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने यूसीसी का मसौदा मुख्यमंत्री धामी को सौंपा।

UCC पर विधेयक पारित कराने के लिए 5 फरवरी से उत्तराखंड विधानसभा का चार दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है।

विधानसभा में विधेयक के रूप में पेश करने से पहले मसौदे पर राज्य मंत्रिमंडल में भी चर्चा की जाएगी। यूसीसी राज्य में सभी नागरिकों को उनके धर्म से परे एकसमान विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा।

इसे यूसीसी पर केंद्रीय कानून के ब्लूप्रिंट के तौर पर भी देखा जा रहा है। अगर यह लागू होता है तो उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी अपनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। 

00 पेज की यह मसौदा रिपोर्ट मुख्य तौर पर पैतृक संपत्तियों में महिलाओं के लिए समान अधिकार, गोद लेने, तलाक के समान अधिकार और धर्म की परवाह किए बिना बहुविवाह पर प्रतिबंध व लैंगिक समानता पर फोकस करती है। 

UCC समिति के सदस्य नाम न छापने की शर्त पर एचटी को बताया कि कमिटी ने लिव-इन रिलेशनशिप के लिए जरूरी रजिस्ट्रेशन/सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरने का सुझाव दिया है।

साथ ही समिति ने हलाला, इद्दत और तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने की मांग की है।

सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल
समिति ने सुझाव दिया कि सभी धर्मों में लड़कियों की शादी करने की न्यूनतम उम्र 18 साल और लड़कों के लिए 21 वर्ष होनी चाहिए।

मालूम हो कि देश में विवाह की कानूनी उम्र पुरुषों के लिए 21 साल और महिलाओं के लिए 18 वर्ष ही है, मगर मुस्लिम पर्सनल लॉ किसी भी यौवन प्राप्त लड़की की शादी को वैध करार देता है।

मालूम हो कि 2021 में केंद्र सरकार ने सभी धर्मों में आयु सीमा में सामंजस्य बनाने के लिए महिलाओं की विवाह की उम्र बढ़ाने को लेकर विधेयक पेश किया था, लेकिन बाद में इसे संसदीय स्थायी समिति के पास भेज दिया गया।

UCC से किन लोगों को मिलेगी छूट 
यूसीसी मसौदा रिपोर्ट में नोटिफाइड अनुसूचित जनजातियों को इसके दायरे से छूट देने का सुझाव दिया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि संविधान से उन्हें विशेष दर्जा मिला हुआ है। मालूम हो कि उत्तराखंड की कुल आबादी में 2.89% अनुसूचित जनजाति के लोग हैं।

भोटिया, बुक्सा, जौनसारी, राजी और थारू सहित कुल 5 अधिसूचित अनुसूचित जनजातियों के लोग राज्य में रहते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग यूएस नगर, देहरादून, पिथौरागढ़ और चमोली जिलों में रहते हैं।

जौनसारी आदिवासी तो खुद को पांडवों के वंशज बताते हैं। उनका दावा है कि राज्य में खेती के लिए सीमित जमीन होने के चलते बहुपतित्व ने उन्हें पैतृक भूमि और संपत्तियों को बनाए रखने में मदद की।

जनसंख्या नियंत्रण पर कोई बात नहीं
इस रिपोर्ट में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कुछ नहीं कहा गया है। एक सदस्य ने कहा, ‘इसमें जनसंख्या नियंत्रण पर कोई बात नहीं की गई है।

दरअसल, केंद्र सरकार ने जनसंख्या वृद्धि की चुनौतियों को समझने के लिए पहले ही एक समिति बनाई हुई है।’ उन्होंने कहा कि उत्तराखंड यूसीसी विधेयक को केंद्रीय कानून के लिए टेम्पलेट के तौर पर देखा जा सकता है।

वहीं, गोद लेने पर समान अधिकार की बात कही गई है। इसके लिए किशोर न्याय अधिनियम के नियमों का पालन जरूरी बताया गया है।

बता दें कि इस्लामिक कानून में गोद लेने को मान्यता नहीं दी जाती है। किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 के अनुसार, कोई भी योग्य माता-पिता… चाहे वे किसी भी धर्म के हों, बच्चा गोद ले सकते हैं।

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पुसौर धान खरीदी केंद्र का किया औचक निरीक्षण…

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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पुसौर धान खरीदी केंद्र का किया औचक निरीक्षण…

धान बेचने आए किसानों से की चर्चा, पूछा धान बेचने में कोई तकलीफ तो नही, मुख्यमंत्री ने कहा अंतर की राशि जल्द मिलेगी किसानों को

धान खरीदी की तारीख बढ़ाने को  किसानों ने बताया मुख्यमंत्री साय का संवेदनशील निर्णय, धान बोनस भुगतान के लिए भी जताया आभार

मुख्यमंत्री साय- किसान हित में छुट्टी के दिनों में भी होगी खरीदी

मुख्यमंत्री साय ने अपने सामने धान का तौल करवाया और मॉइश्चर मीटर से नमी की माप करवाई

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज रायगढ़ जिले के प्रवास के दौरान पुसौर धान खरीदी केंद्र का औचक निरीक्षण किया।

यहां उन्होंने धान बेचने आए किसानों से चर्चा की। वित्त मंत्री ओ पी चौधरी, प्रबल प्रताप सिंह जूदेव भी इस दौरान साथ रहे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने धान बेचने आए किसानों से चर्चा की।

उन्होंने पूछा धान बेचने में कोई तकलीफ तो नही हो रही है। किसान पार्थिव केदार ने बताया कि हाल के कुछ दिनों में हुई बारिश के चलते धान नही बेच पाए थे।

लेकिन आपके द्वारा खरीदी की तारीख बढ़ाने के फैसले से हमारी चिंता दूर हो गई। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित किया।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि किसान हित में शनिवार और रविवार को छुट्टी के दिन भी खरीदी होगी।

उन्होंने कहा कि किसानों को अंतर की राशि का जल्द भुगतान कर दिया जाएगा। धान के दो वर्ष का बकाया बोनस जारी करने को लेकर भी किसानों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताया।

किसानों ने कहा कि एक मुश्त राशि मिलने से आर्थिक राहत मिली है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस दौरान समिति में हो रही खरीदी को देखा और धान बेचने आए दूसरे किसानों से भी चर्चा की।

उन्होंने अपने सामने धान का तौल करवाया और मॉइश्चर मीटर से नमी मपवायी।

मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसानों से व्यवस्थित रूप से खरीदी पूर्ण कर ली जाए।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के संवेदनशील निर्णय से धान खरीदी की अंतिम तारीख 4 तारीख तक बढ़ाई गई है। छत्तीसगढ़ में पहली बार शनिवार और रविवार को अवकाश के दिनों में भी खरीदी होगी।

कोर्ट ने जल्दबाजी में सुनाया फैसला, मुस्लिम पक्ष को दलीलें रखने का नहीं मिला मौका; ज्ञानवापी मामले पर बोला मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड…

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कोर्ट ने जल्दबाजी में सुनाया फैसला, मुस्लिम पक्ष को दलीलें रखने का नहीं मिला मौका; ज्ञानवापी मामले पर बोला मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड…

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने शुक्रवार को दावा किया कि वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में स्थित तहखाने में पूजा करने की अनुमति देने संबंधी फैसला जल्दबाजी में सुनाया है और कहा कि वह न्याय पाने के लिए इस मामले को उच्चतम न्यायालय तक ले जाएगा।

एआईएमपीएलबी के तत्वावधान में मुस्लिम संगठनों ने यह भी कहा कि देश में उत्पन्न होने वाले विवादों को रोकने के लिए पूजा स्थल अधिनियम, 1991 को अक्षरश: लागू किया जाना चाहिए।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में स्थित तहखाने में पूजा की अनुमति वाले वाराणसी की अदालत के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर मस्जिद कमेटी को तत्काल राहत देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।

ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने वाराणसी की अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में अपील दायर की है।

न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने मस्जिद कमेटी की अपील पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। अगली सुनवाई छह फरवरी को होगी।

हालांकि, अदालत ने तहखाने में पूजा अर्चना पर रोक लगाने का कोई आदेश पारित नहीं किया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि मस्जिद में पूजा की अनुमति देने से न केवल मुसलमानों को बल्कि धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले अन्य धर्मों के लोगों को भी दुख हुआ है।

उन्होंने कहा, ”यह धारणा गलत है कि मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को तोड़ा गया था। इस्लाम मस्जिद बनाने के लिए किसी की जमीन छीनने की इजाजत नहीं देता है।”

रहमानी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”अदालत ने इस पर जल्दबाजी में फैसला सुनाया और दूसरे (मुस्लिम) पक्ष को विस्तार से अपनी दलीलें रखने का मौका भी नहीं दिया गया। इससे न्यायपालिका में अल्पसंख्यकों के विश्वास को ठेस पहुंची है।” उन्होंने कहा, ”बाबरी मस्जिद के फैसले में, यह स्वीकार किया गया था कि मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को नहीं गिराया गया था, बल्कि आस्था के आधार पर दूसरे पक्ष के पक्ष में फैसला किया गया था। अदालतों को तथ्यों के आधार पर फैसला देना चाहिए न कि आस्था के आधार पर।” 

उन्होंने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम एक बहुत ही महत्वपूर्ण कानून है क्योंकि हम इसके माध्यम से विवादों को रोक सकते हैं।

वाराणसी की अदालत ने 31 जनवरी को दिए अपने आदेश में हिंदू श्रद्धालुओं को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में तहखाना में पूजा अर्चना करने की अनुमति दी थी।

अदालत ने कहा था कि जिला प्रशासन अगले सात दिन में इस संबंध में आवश्यक व्यवस्था करे।

संवाददाता सम्मेलन में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी (अरशद मदनी गुट), जमीयत प्रमुख मौलाना महमूद मदनी (महमूद मदनी गुट), एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता एस क्यू आर इलियास समेत अन्य मौजूद थे। 

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