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रंग लाई मोदी-बाइडेन की दोस्ती! अमेरिका ने रिकॉर्ड 1.4 लाख भारतीय छात्रों को दिया वीजा

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भारत के साथ लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार के नेतृत्व में अमेरिका ने पिछले साल भारतीय छात्रों को 1,40,000 से अधिक वीजा जारी किए। इतना ही नहीं, वीजा के लिए वेटिंग टाइम को भी कम कर दिया गया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में वीजा का काम देखने वाली जूली स्टफट ने कहा कि भारत में अमेरिकी मिशन छात्रों के इंटरव्यू के लिए सप्ताह में छह से सात दिन काम करते हैं।

उन्होंने कहा, “इस साल हमने भारत में जो किया है उस पर हमें वास्तव में गर्व है। मुझे लगता है कि इतिहास में पहली बार हमने भारत में दस लाख वीजा जारी करने का लक्ष्य रखा था। हमने न सिर्फ इसे पूरा किया, बल्कि आगे भी इसे जारी रखा जाएगा।” उन्होंने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका आने के लिए भारत में आवेदन करने वाले श्रमिकों और छात्रों के लिए इस साल रिकॉर्ड वीजा जारी किए जाएंगे।”

स्टफट ने आगे कहा, “हमने विशेष रूप से यह सुनिश्चित किया कि हम उन छात्रों को प्राथमिकता दे रहे हैं जो भारत से बाहर आकर आवेदन कर रहे थे। भारत अब संयुक्त राज्य अमेरिका में विदेशी छात्रों के लिए सबसे बड़ा देश है। यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे पास ऐसे कई मामले हैं जहां इंटरव्यू में ढील दी गई है।” उन्होंने कहा कि पिछले साल अमेरिका ने भारतीय छात्रों को रिकॉर्ड 1,40,000 से अधिक वीजा जारी किए।

स्टफट ने कहा कि अमेरिका भारत में वीजा वेटिंग टाइम को कम करने के लिए कई कदम उठाने पर काम कर रहा है। यह अभी भी थोड़ा अधिक है। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि इस साल इसमें कमी आएगी।”

विदेश विभाग के अधिकारी ने कहा कि जो कोई भी किसी भी कारण से अमेरिका की यात्रा करने में रुचि रखता है उसे जल्द से जल्द आवेदन करना चाहिए। विभाग ने कहा, “यदि आप काम से संबंधित कारणों से यात्रा कर रहे हैं, तो इसके लिए एक और विशेष तरीका है। इसके लिए एक विशेष चैनल है ताकि व्यवसाय से संबंधित वीजा को भी प्राथमिकता दी जा सके।”

स्टफट ने कहा, “भारत अद्वितीय देश है। न केवल आगंतुक, न केवल छात्र, न केवल समुद्री चालक दल के सदस्य बल्कि अत्यधिक कुशल कारीगर की भी जबरदस्त मांग है। इसलिए हमारी प्राथमिकता उन सभी प्रतीक्षा समयों को कम करना है।”

फॉरेन प्रेस सेंटर द्वारा आयोजित विदेशी पत्रकारों के एक समूह के साथ मीडिया राउंड टेबल के दौरान स्टफट ने कहा कि अमेरिका ने 2023 में अब तक एक करोड़ से अधिक वीजा जारी किए हैं।

अभी गाजा में हालात खतरनाक, हमास के न्योते पर बोले इजरायल गए एलन मस्क

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हमास के साथ युद्ध के बीच इजरायल पहुंचे टेस्ला मोटर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) एलन मस्क का दौरा पहले ही चर्चा का मुद्दा बना हुआ था। उन्होंने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से भी मुलाकात की थी। अब उन्होंने इन हालात में गाजा जाने को ‘खतरनाक’ बताया है। खबरें थीं कि मस्क को हमास के एक नेता ने गाजा का दौरा करने का भी न्योता दिया था।

मस्क ने कहा है कि इस समय गाजा पट्टी का दौरा करना खतरनाक है। मस्क ने ये बातें हमास के एक प्रतिनिधि की ओर से उन्हें गाजा आने का निमंत्रण दिए जाने के मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। इससे पहले भी अरबपति जारी युद्ध को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर प्रतिक्रिया देते रहे हैं।

उन्होंने मंगलवार को एक्स पर लिखा, ‘अभी वहां स्थिति थोड़ी खतरनाक लग रही है, लेकिन मेरा मानना ​​​​है कि दीर्घकालिक समृद्ध गाजा सभी पक्षों के लिए अच्छा है।’

उन्होंने यह टिप्पणी ब्लूमबर्ग की ओर से किए गए एक पोस्ट के जवाब की है। दरअसल अमेरिका की वित्तीय, सॉफ्टवेयर, डेटा एवं मीडिया कंपनी ब्लूमबर्ग ने सोशल मीडिया में कहा था कि हमास के एक प्रतिनिधि ने मस्क को गाजा का दौरा करने और इजरायली बमबारी के कारण हुए विनाश को देखने के लिए आमंत्रित किया है।

मस्क ने पिछले सप्ताह कहा था कि उनका नेटवर्क गाजा पट्टी में संघर्ष से संबंधित सामग्री से हुई अपनी सारी आय इजरायली अस्पतालों और फिलिस्तीनियों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी संगठन को दान करेगा।

जापान में समुद्री तट के पास क्रैश हुआ अमेरिकी फाइटर जेट, 8 लोग थे सवार

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अमेरिका का एक फाइटर जेट क्रैश हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह विमान जापान के तट के करीब क्रैश हुआ है। एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, तटरक्षक बल ने कहा है कि आठ व्यक्तियों को ले जा रहा सैन्य विमान यूएस ऑस्प्रे बुधवार (29 नवंबर) को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सेना के प्रवक्ता ने एएफपी को बताया, “हमें आज दोपहर 2:47 बजे सूचना मिली कि अमेरिकी सेना का ऑस्प्रे याकुशिमा द्वीप पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।”

उन्होंने कहा, “हमें यह भी सूचित किया गया कि जहाज पर चालक दल के आठ सदस्य थे। उनके बारे में फिलहाल कोई और जानकारी नहीं है।”

आपको बता दें कि इसी साल अगस्ती महीने में कैलिफोर्निया में एक सैन्य अड्डे के पास एक अमेरिकी लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में एक पायलट की मौत हो गई थी। यूएस मरीन कॉर्प्स ने इसकी पुष्टि की थी। उसने बताया था कि एफ/ए-18 हॉर्नेट जेट सैन डिएगो के केंद्र से लगभग 24 किमी दूर मरीन कॉर्प्स एयर स्टेशन मिरामार के पास आधी रात से ठीक पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। तलाशी कर्मियों को पायलट का शव मिला था।

कोरोना प्रोटोकॉल खत्म करने का खामियाजा भुगत रहा चीन, अब निमोनिया ने बढ़ाई चिंता

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चीन में तेजी से फैल रहे निमोनिया और बड़े पैमाने पर बच्चों के अस्पतालों में भर्ती होने को विशेषज्ञ स्वभाविक मान रहे हैं। दअसल, 2020 में शुरू हुई कोविड महामारी के बाद चीन में यह पहली सर्दी है जब वहां कोविड से जुड़े प्रतिबंध लागू नहीं हैं। इसलिए इस बार सर्दियों में सामान्य रूप से होने वाले निमोनिया के मामलों में भारी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।

नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार 2020 में अमेरिका ने जब कोविड प्रतिबंध हटाए थे तो वहां भी सर्दियों में फ्लू के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे। कई और देशों में भी इसी प्रकार की स्थिति रही है। इन मामलों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया, इन्फ्लुएंजा तथा कुछ कोरोना के मामले भी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्वभाविक है तथा नये वायरस की आशंका के साथ घबराने की जरूरत नहीं है।

आपको बता दें कि वहां अक्टूबर से ये मामले बढ़ने शुरू हुए थे और यह सिलसिला अभी भी जारी है। चीन में निमोनिया के बढ़ते मामलों को लेकर देश में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। चीन में अभी कोविड को लेकर यात्रा, मास्क आदि को लेकर कोई भी प्रतिबंध शेष नहीं है।

इस वजह से जल्दी ठीक नहीं हो रहे रोगी

नेचर की रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों के निमोनिया से ग्रस्त होकर अस्पताल में भर्ती होने की प्रमुख वजह दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता हासिल होना है। जिस कारण मरीज जल्दी ठीक नहीं हो रहे हैं और उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। 70-90 फीसदी तक प्रतिरोधक क्षमता पैदा होने का अनुमान है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी चीन की बीमारी पर निगाह रखे हुए है लेकिन अभी तक उसका यही मानना है कि यह सर्दियों में निमोनिया के सामान्य मामले हैं जो कोरोना प्रतिबंध हटने के कारण तेजी से बढ़े हैं। बता दें कि इस बीमारी के अभी एक व्यक्ति के जरिये दूसरे व्यक्ति में फैलने की पुष्टि नहीं हुई है।

जा सकती है गाजा में और लोगों की जान, इजरायल के हमलों से ज्यादा बड़ी है मुसीबत, रिपोर्ट में खुलासा

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एक महीने से भी ज्यादा वक्त से इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है। 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमलों के बाद से इजरायल की लगातार जवाबी कार्रवाई है। संघर्ष विराम के बाद पीड़ित लोगों के लिए राहत और बचाव मुहैया कराया जा रहा है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक चेतावनी जारी की है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि यदि गाजा पट्टी में हेल्थ सिस्टम बहाल नहीं किया गया तो यहां बमबारी से अधिक लोग बीमारी से मर सकते हैं। डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता ने मंगलवार को बच्चों में संक्रामक रोगों और दस्त में वृद्धि की चेतावनी जारी की है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्वसनीय माने गए आंकड़ों में गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि गाजा पट्टी में इजरायल की बमबारी में 15,000 से अधिक लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है, जिनमें से लगभग 40% बच्चे हैं, जबकि कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र ब्रीफिंग में डब्ल्यूएचओ के मार्गरेट हैरिस ने कहा, “अगर हम इस स्वास्थ्य प्रणाली को वापस बहाल करने में सक्षम नहीं हैं तो बमबारी से मरने वाले लोगों की तुलना में अधिक लोगों की बीमारी से मौत हो सकती है।”

बच्चों से भरा है अस्पताल

मार्गरेट हैरिस ने संक्रामक रोगों, विशेष रूप से बच्चों में दस्त के प्रकोप में वृद्धि के बारे में चिंता दोहराई। इस तरह की समस्याएं नवंबर की शुरुआत तक पांच वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के मामले सामान्य स्तर से 100 गुना से अधिक बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा, “अब हर जगह हर किसी को गंभीर हेल्थ सपोर्ट की जरूरत हैं। वे भूख से मर रहे हैं, उनके पास साफ पानी की कमी है।” गाजा में संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी के प्रवक्ता जेम्स एल्डर ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं को बताया कि गाजा पट्टी के अस्पताल गंदे पानी पीने से, जलने और छर्रे के घाव और गैस्ट्रोएंटेराइटिस से पीड़ित बच्चों से भरे हुए थे।

बता दें 7 अक्टूबर को इजरायल की सीमा पर हमला करके लगभग 1,200 लोगों की हमास हत्या कर दी थी और 240 लोगों को बंदी बना लिया था। इस घटना के बाद इजरायल ने गाजा पर शासन करने वाले आतंकवादी समूह हमास को नष्ट करने की शपथ ली है। इस घटना को मद्देनजर रखते हुए इजरायल लगातार गाजा पट्टी को निशाना बनाता रहा है। मौजूदा हालात की बात करें तो इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम मंगलवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया। एक ओर जहां चरमपंथी समूह हमास ने युद्ध की अपेक्षित बहाली टालने के लिए कुछ और बंधकों को रिहा करने का वादा किया है, वहीं फिर से हमला शुरू करने की स्थिति में इजराइल पर फिलिस्तीनी नागरिकों को नुकसान न पहुंचाने का दबाव बढ़ रहा है।

रुकेगा नहीं इजरायल?

हमास द्वारा बंधक बनाकर रखे गए लोगों और इजरायल की जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली के दो और दौर के वादे के साथ दोनों पक्ष युद्ध विराम समझौते की अवधि को बुधवार तक बढ़ाने पर सहमत हुए। लेकिन इजराइल ने कहा कि सभी बंधकों की रिहाई के बाद वह हमास को नष्ट करने के लिए पूरी ताकत के साथ युद्ध बहाल करेगा। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, बाइडन प्रशासन ने इजराइल से कहा है कि यदि वह फिर से हमले शुरू करता है तो उसे फिलिस्तीनी नागरिकों के महत्वपूर्ण विस्थापन और इन्हें बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए, और उसे (इजराइल को) उत्तरी गाजा की तुलना में दक्षिणी क्षेत्र में अधिक सटीकता के साथ काम करना चाहिए।

The Railway Man में दिखीं भोपाल हादसे के अनसंग हीरोज की कहानी

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The Railway Man: देश के सबसे दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में से एक माना जाता है भोपाल हादसा। इस हादसे में कई सारे बेकसूर लोगों की जानें गईं। आज भी भोपाल गैस ट्रेजेडी का जब जिक्र होता है तो लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। क्या ये हादसा रोका जा सकता था? किस लापरवाही की वजह से ये हादसा हुआ? इस हादसे का असल जिम्मेदार कौन था? इस वेब सीरीज में इन सभी सवालों के जवाब आपको मिलेंगे

सच्ची घटना पर बनी वेब सीरीज

साल 1984 में भोपाल गेस ट्रैजेडी ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस दौरान 15 000 लोगों की जान गई थी और कई लोग इससे प्रभावित हुए थे. इससे उभरने में भोपाल को काफी वक्त लगा. भोपाल में अमेरिकन कंपनी यूनियन कार्बाइड ने प्लान्ट लगाया. उस दौरान मैनेजमेंट और कर्मचारियों की चूक की वजह से ये बड़ा हादसा हुआ जिसपर ये वेब सीरीज है. वेब सीरीज में दिखाया गया है कि कैसे ऐसे माहौल में कुछ रियल हीरोज निकलकर आए जिन्होंने कई सारे लोगों की जान बचाई. इस केस में इन लोगों की महत्ता को ध्यान में रखते हुए ये वेब सीरीज बनाई गई है जिसे फैंस की सराहना मिल रही है.

Karan Aujla के नए Punjabi Songs SOFTLY ने मचाई धूम, 24 घंटे में 1 मिलियन पार हुआ व्यूज

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SOFTLY Punjabi Music Video: पंजाबी पॉप्यूलर सिंगर करण औजला का नया गाना सॉफ्ली आज यूट्यूब पर रिलीज हो गया है। रिलीज के साथ ही इस गाने ने धूम मचा दी है। अभी रिलीज हुए गाने को 24 घंटे भी पूरे नहीं हुए हैं और 1 मिलियन से ज्यादा लोग इस गाने को सुन चुके हैं। करण जौहर की फैनफॉलोइंग सिर्फ पंजाब ही नहीं बल्कि देशभर में देखने को मिल रही है। उनके सभी गानों को लेकर फैंस के बीच काफी क्रेज होता है। अब उनका ये लेटेस्ट गाना सॉफ्टली भी फैंस को काफी पसंद आ रहा है।

दरअसल करण जौहर का ये गाना पहले से ही सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जब से विक्की ने इस गाने पर डांस किया तभी से ही इसको फैंस ने ट्रेंड करवा दिया है। अब आखिरकार करण औजला ने अपने इस गाने का वीडियो भी रिलीज कर दिया है। जो अब तेजी से वायरल हो रहा है।

MP Election 2023: जबलपुर में मतदान करने वाले लोगों को रेस्टोरेंट, मल्टीप्लेक्स और दवाई की दुकानों पर मिलेगी विशेष छूट

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MP Election 2023 : उज्जवल प्रदेश, जबलपुर. जबलपुर में मतदाता को अपनी बाईं तर्जनी पर अमिट स्याही का निशान लगाना होगा। मतदाता रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के पहले यह करना होगा। ताकि मतदान केन्द्र छोड़ने तक स्याही को सूखने और एक सुस्पष्ट अमिट चिन्ह बनने के लिए समय मिले। अमिट स्याही लगाने के पहले मतदान अधिकारियों द्वारा मतदाता की बाईं तर्जनी का निरीक्षण भी किया जाएगा। यदि मतदाता स्याही लगाने से इंकार करता है तो उसे मतदान करने नहीं दिया जाएगा।

मतदाताओं को दवाई दुकानों पर छूट

विधानसभा चुनाव में जिले में सर्वाधिक मतदान का रिकार्ड बनाने जबलपुर केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने वोट डाल चुके मतदाताओं को दवा दुकानों से दवाई खरीदने पर 16 प्रतिशत की विशेष छूट देने की घोषणा की है। जबलपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने भी दवा दुकानों से दवाई खरीदने पर 16 प्रतिशत की विशेष छूट मिलेगी। एसोसिएशन के सचिव डॉ चंद्रेश जैन ने बताया कि दवाई खरीदने पर दी जाने वाली यह छूट 17 नवंबर को प्रत्येक दवा दुकान पर पहले पांच मतदाताओं को दी जाएगी।

लोगों को जागरूक करने के लिए एक नई पहल

विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए एक नई पहल की है। इसमें शहर में स्थित होटलों एवं रेस्टोरेंट में मतदाताओं को खाद्य सामग्री में दस प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। उन्हें वोट देने के दौरान उनकी अंगुली में लगी अमिट स्याही दिखानी होगी। वहीं महिला मतदाता, वरिष्ठ नागरिक एवं दिव्यांग मतदाताओं के लिए यह छूट 15 प्रतिशत तक होगी। वोटिंग के पश्चात मूवी देखने जाने वालों को भी मल्टीप्लेक्स एवं सिनेमाघरों में प्रोत्साहन दिए जाने की योजना बनाई गई है।

Indore Bus in Fire: बस में लगी भीषण आग, जलकर हुई खाक

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Indore News: उज्जवल प्रदेश, इंदौर. स्‍थानीय नौलखा बस स्टैंड के बाहर एक बस में भीषण आग लग गई । कुछ लोगों के अनुसार बस में 50 यात्री सवार थे जो आग लगने से पहले ही उतर गए थे। बस में आग लगते ही सिविल डिफेंस की यातायात मित्रों की टीम द्वारा ट्रैफिक डायवर्ट किया गया। फायर ब्रिगेड के अमले द्वारा बस की आग पर काबू पाया गया। बस में आग लगते ही नौलखा बस स्‍टैंड पर अफरातफरी का माहौल निर्मित हो गया था। पता चला है कि आग लगते ही चालक बस से कूद गया था।

यह बस इंदौर से अहमदाबाद के बीच चलती है। वहीं कुछ प्रत्‍यक्षदर्शियों के अनुसार आग लगते ही कुछ ही देर में बस जलकर खाक हो गई। बताया जाता है कि जिस समय बस में आग लगी उस दौरान बड़ी संख्‍या में बस नौलखा बस स्‍टैंड परिसर में खड़ी हुई थी। आने-जाने वाले यात्रियों की भी इस दौरान बस स्‍टैंड पर बड़ी संख्‍या में मौजूदगी थी।

MP Board of Secondary Education: अब 13 साल की उम्र में भी होंगे नौवीं कक्षा में नामांकन

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MP Board of Secondary Education: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. नौवीं कक्षा के नामांकन में उम्र के बंधन में माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिम) के विद्यार्थियों को छूट दे दी गई है। मप्र स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। यह नियम सिर्फ सत्र 2023-24 के लिए मान्य होंगे। अब 31 दिसंबर 2010 के बाद के जन्म लेने वाले विद्यार्थियों का नौवीं में नामांकन हो सकेगा।

पहली में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु पांच वर्ष

दरअसल, मप्र स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पहली में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु पांच वर्ष की है। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा भी हर साल जारी निर्देशों में पांच वर्ष की न्यूतनम आयु के विद्यार्थियों को पहली कक्षा में प्रवेश देने के लिए सत्र की शुरुआत में निर्देश जारी करता है।

इसके अनुसार माशिमं भी नौवीं के नामांकन में न्यूनतम आयु 13 साल (पांच प्लस आठ) की है, लेकिन कई विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में आठवीं तक निरंतर पढ़ते हुए वर्तमान में 12 साल उम्र तक के भी है। वर्तमान में माशिमं में नौवीं कक्षा में नामांकन का कार्य चल रहा है, जिसमें 31 दिसंबर 2010 के बाद के जन्म लेने वाले विद्यार्थियों का नौवीं में नामांकन नहीं हो रहा था। इससे कई विद्यार्थियों का अभी तक नामांकन नहीं हो पाया है। राज्य शासन ने उम्र के बंधन में शिथिलता प्रदान कर दी है।

ऐसे हो रही थी गड़बड़ी

मप्र स्कूल शिक्षा विभाग प्रारंभिक कक्षा के नाम पर बच्चों को तीन से पांच साल की उम्र में आंगनबाड़ी में प्रवेश दिलाता है। इसके बाद विद्यार्थी न्यूनतम पांच से सात साल की उम्र में पहली कक्षा में प्रवेश लेते हैं। आठवीं पास करने के बाद विद्यार्थियों की उम्र 13 साल होना चाहिए, लेकिन राज्य शिक्षा केंद्र ने पहली में न्यूनतम आयु पांच वर्ष से कम उम्र के विद्यार्थियों के प्रवेश भी ले लिए।

इससे आठवीं तक निरंतर पढ़ते हुए इस साल कई विद्यार्थियों की उम्र 12 साल के आसपास है। अब इन विद्यार्थियों का नौवीं में नामांकन होना है। नौवीं में 13 साल से कम उम्र के विद्यार्थियों का मंडल में नामांकन नहीं हो पा रहा था। इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने इस सत्र में उम्र के बंधन में छूट दे दी है।

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