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म्यांमार से भागे 600 सैनिकों ने मिजोरम में ली शरण, CM लालदुहोमा ने केंद्र से जताई चिंता…

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म्यांमार से भागे 600 सैनिकों ने मिजोरम में ली शरण, CM लालदुहोमा ने केंद्र से जताई चिंता…

म्यांमार में बढ़ती विद्रोही ताकतों और जुंटा-शासन के बीच तेज हो रही लड़ाई के बीच, म्यांमार सेना के सैकड़ों जवान भारत की ओर भाग ( Myanmar Soldiers In India) रहे हैं।

मिजोरम सरकार ने इस घटनाक्रम के बारे में केंद्र सरकार को सचेत किया है। साथ ही जल्द यह यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि पड़ोसी देश के सैनिकों को वापस भेजा जाए।

तेज होती झड़पों के बीच म्यांमार सेना के करीब 600 सैनिक भारत में घुस आए हैं। उन्होंने मिजोरम के लांग्टलाई जिले में शरण ले रखी है।

अराकन आर्मी ने सैनिक शिविरों पर किया कब्जा

सरकारी सूत्रों के मुताबिक पश्चिमी म्यांमार राज्य के रकाइन में एक जातीय सशस्त्र समूह अराकन आर्मी (एए) के उग्रवादियों ने उनके शिविरों पर कब्जा कर लिया।

उन्होंने कहा कि सैनिकों को असम राइफल्स शिविर में आश्रय दिया गया है। मिजोरम के हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने शिलांग में हुई पूर्वोत्तर परिषद की बैठक के पूर्ण सत्र में गृह मंत्री अमित शाह से इस मुद्दे पर बातचीत की।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, मिजोरम ने राज्य में शरण लेने वाले म्यांमार सेना के जवानों की जल्द वापसी की जरूरत पर जोर दिया। यह याचिका बढ़ते तनाव और इसके क्षेत्र की स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बढ़ती चिंताओं के बीच आई है। 

मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने पूर्ण सत्र के बाद पत्रकारों को मौजूद हालात से अवगत कराया।  

उन्होंने कहा कि लोग शरण लेने के लिए म्यांमार से भागकर हमारे देश आ रहे हैं और हम इंसानी तौर पर उनकी मदद कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि म्यांमार के सैनिक आते रहते हैं और शरण मांगते हैं। पहले उनको हवाई मार्ग से वापस भेजा जाता था। 

मिजोरम के सीएम ने कहा, करीब 450 सैन्यकर्मियों को वापस भेज दिया गया।  2021 के तख्तापलट के बाद से म्यांमार के जनरलों को सबसे बड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ रहा है।

अक्टूबर के आखिर में तीन जातीय अल्पसंख्यक बलों द्वारा हमले और कुछ कस्बों और सैन्य चौकियों पर कब्जा करके सैनिकों को भागने के लिए मजबूर किया गया, तब से हालात काफी खराब हो गए हैं। 

“बंधक बनाना अस्वीकार्य”: इजरायल-हमास युद्ध पर बोले एस जयशंकर…

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“बंधक बनाना अस्वीकार्य”: इजरायल-हमास युद्ध पर बोले एस जयशंकर…

भारत हमेशा से शांति का पक्षधर रहा है। इजरायल-हमास (Israel Hamas War) जंग हो या रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukrain War) भारत ने हमेशा शांति से समस्‍याओं का हल निकालने पर जो दिया है।

अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर भारत ने एक बार फिर यह बात दोहराई। विदेश मंत्री एस। जयशंकर (S Jaishankar) ने मानवीय संकट के स्थायी समाधान की आवश्यकता पर जोर देते हुए गाजा में संघर्ष के गंभीर मुद्दे को संबोधित किया।

कंपाला में 19वें गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) शिखर सम्मेलन में जयशंकर ने जोर देकर कहा कि “आतंकवाद और बंधक बनाना अस्वीकार्य है।”

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में सुधार पर जोर देते हुए एक बहुध्रुवीय दुनिया का आह्वान किया। विदेश मंत्री ने रेखांकित किया कि दुनिया ‘नए प्रकार की असमानता और वर्चस्व’ से जूझ रही है।

युगांडा की राजधानी कंपाला में गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने “वसुधैव कुटुंबकम” से प्रेरित भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि 2019 में अजरबैजान की राजधानी बाकू में एनएएम की बैठक के बाद से दुनिया पूरी तरह बदल गई है।

गाजा में संघर्ष स्पष्ट रूप से हमारी चिंता के केंद्र।।।

विदेश मंत्री ने कहा, “गाजा पट्टी में मानवीय संकट के लिए एक ‘स्थायी समाधान’ की आवश्यकता है, जो सबसे अधिक प्रभावित लोगों को तत्काल राहत दे।” अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “गाजा में संघर्ष स्पष्ट रूप से हमारी चिंता के केंद्र में है। इस मानवीय संकट के लिए एक स्थायी समाधान की आवश्यकता है, जो सबसे अधिक प्रभावित लोगों को तत्काल राहत दे।”

भारत के विदेश मंत्री ने कहा, “हमें यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि आतंकवाद का रास्ता और बंधक बनाना अस्वीकार्य है। साथ ही सभी देशों द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का हमेशा सम्मान किया जाना चाहिए। यह भी जरूरी है कि संघर्ष क्षेत्र के भीतर या बाहर न फैले।” उन्होंने द्वि-राष्ट्र समाधान की वकालत की जहां फलस्तीनी लोग सुरक्षित सीमाओं के भीतर रह सकें। 

सांस्कृतिक पुनर्संतुलन पर जोर देने की आवश्‍यकता

एस जयशंकर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन तेजी से और नियमित रूप से खतरनाक स्तर पर पहुंचता जा रहा है और कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने इसका प्रभाव महसूस नहीं किया है। उन्होंने कहा, “कर्ज, मुद्रास्फीति और विकास की चुनौतियों ने भी विकास पर भारी असर डाला है।

हमने भले ही उपनिवेशवाद को उखाड़ फेंका हो, लेकिन हम असमानता और वर्चस्व के नए रूपों से संघर्ष कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण का युग अर्थव्यवस्था पर केंद्रित है जो शेष विश्व को केवल बाजार या संसाधन के रूप में मानते हैं। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार पर जोर देते हुए बहुध्रुवीय दुनिया का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हमें सांस्कृतिक पुनर्संतुलन पर भी जोर देना चाहिए जहां सभी विरासतों का परस्पर सम्मान किया जाए।”

रामलला प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए एंट्री पास जरूरी, QR कोड का होगा मिलान; जानें डिटेल…

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रामलला प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए एंट्री पास जरूरी, QR कोड का होगा मिलान; जानें डिटेल…

22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है।

इससे पहले, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस मेगा इवेंट को लेकर एंट्री पास जारी किया है। ट्रस्ट की ओर से कहा गया कि एंट्री पास में क्यूआर कोड दिया गया है, जिसे स्कैन करने के बाद ही मंदिर में जाने की इजाजत दी जाएगी।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया गया, ‘प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में आमंत्रित महानुभावों के लिए जानकारी: भगवान रामलला सरकार के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में प्रवेश केवल श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से जारी की गई प्रवेशिका (एंट्री पास) के माध्यम ही संभव है।

केवल निमंत्रण पत्र से आगंतुकों को प्रवेश सुनिश्चित नहीं हो पाएगा। प्रवेशिका पर बने QR code के मिलान के बाद ही परिसर के प्रवेश संभव हो पाएगा।’

ट्रस्ट की ओर इस एंट्री पास की एक कॉपी भी शेयर की गई है। इससे पता चलता है कि पास पर नाम, मोबाइल नबंर और आधार कार्ड नंबर जैसी अहम जानकारियां होंगी। मालूम हो कि अभिषेक समारोह के लिए निमंत्रण कार्ड 7 हजार से ज्यादा लोगों को भेजे गए हैं, जिनमें पुजारी, डोनर और राजनेताओं सहित 3,000 के आसपास वीवीआईपी शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे, जिसके अगले दिन मंदिर जनता के लिए खोले जाने की उम्मीद है। 

दोपहर 12:20 बजे शुरू होगा प्राण प्रतिष्ठा समारोह
बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह से तीन दिन पहले शुक्रवार को रामलला की प्रतिमा का अनावरण किया गया। काले पत्थर से बनी इस प्रतिमा की आंख पर पीले रंग के कपड़ा बांधा गया था जिसे कुछ देर बाद हटा दिया गया।

मैसूरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई गई 51 इंच की रामलला की प्रतिमा को रात के वक्त मंदिर में लाया गया था।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य आचार्य अरुण दीक्षित ने बताया कि भगवान राम की प्रतिमा को दोपहर में वैदिक मंत्रोचार के बीच गर्भगृह में रखा गया।

मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठान पहले ही शुरू हो चुके हैं। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह दोपहर 12:20 बजे शुरू होगा और 22 जनवरी को दोपहर 1 बजे तक पूरा होने की उम्मीद है

कड़ाके की ठंड से अभी राहत नहीं, अगले 5 दिन तक घने कोहरे और शीतलहर का अलर्ट…

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कड़ाके की ठंड से अभी राहत नहीं, अगले 5 दिन तक घने कोहरे और शीतलहर का अलर्ट…

उत्तर भारत में बीते कई दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है।

घने कोहरे और शीतलहर ने मुश्किलें और ज्यादा बढ़ी दी हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का कहना है कि अगले 5 दिनों तक नॉर्थ इंडिया में बहुत घने कोहरे का प्रकोप जारी रहेगा।

आईएमडी ने अपने ताजा बुलेटिन में कहा कि अगले कुछ दिनों तक कोल्ड डे की स्थिति बने रहने की आशंका है।

पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में अगले 4 दिनों तक घना से बहुत घना कोहरा छाए रहने की संभावना है।

सुबह और रात के वक्त शीतलहर की भी कुछ ज्यादा ही मार पड़ेगी। उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 21 जनवरी तक कोहरे को लेकर अलर्ट जारी हुआ है। यहां अलग-अलग इलाकों में घने से बहुत घने कोहरे की स्थिति बन सकती है।

उत्तराखंड में 23 जनवरी तक सुबह के समय घने से बहुत घने कोहरे की स्थिति बनने वाली है। राजस्थान का हाल भी कुछ ऐसा ही है।

राज्य के उत्तरी हिस्सों में सुबह के समय घना से बहुत घना कोहरा अपना प्रकोप दिखाएगा। राजस्थान के लोगों को अभी आने वाले तीन दिनों तक कोहरे का सामना करना होगा और शीतलहर जारी रहेगी।

इसके अलावा, 23 तारीख तक बिहार, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के अलग-अलग इलाकों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है।

ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखंड भी कोहरे की चपेट में होंगे। इस तरह देश के कई इलाकों गलन भले ही थोड़ी कम हो गई हो मगर कोहरे की मार अभी जारी रहेगी।

पश्चिमी विक्षोभ की कमी के कारण मौसम में बदलाव
पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में दिसंबर में 80 प्रतिशत वर्षा की कमी दर्ज की गई और जनवरी अब तक लगभग शुष्क रही है। IMD ने इसके लिए इस सर्दी के मौसम में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की कमी को जिम्मेदार ठहराया है।

आईएमडी ने कहा कि सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की कमी 25 दिसंबर से क्षेत्र के मैदानी इलाकों में कोहरे की परत छाए रहने की वजह भी है।

सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की मौसम प्रणाली भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होती है और उत्तर पश्चिम भारत में बेमौसम बारिश लाती है।

लद्दाख के लेह में मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख सोनम लोटस ने कहा कि वर्षा की कमी से हिमालय क्षेत्र में मीठे पानी की उपलब्धता प्रभावित होने की संभावना है, जिससे बागवानी और कृषि उत्पादन प्रभावित होगा।

लंबे समय तक सूखे के दौर ने क्षेत्र की नदियों और नालों में जल स्तर को कम कर दिया है।

भारत आ चुके हैं फ्रांस आर्मी के 95 जवान, आसमान में उड़ रहे राफेल; 26 जनवरी को दिखाएंगे करतब…

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भारत आ चुके हैं फ्रांस आर्मी के 95 जवान, आसमान में उड़ रहे राफेल; 26 जनवरी को दिखाएंगे करतब…

पूरे देश में गणतंत्र दिवस की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं।

इस साल 26 जनवरी को कर्त्तव्य पथ पर 75वां गणतंत्र दिवस समारोह काफी अहम होने वाला है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि होंगे।

गणतंत्र दिवस की परेड में फ्रांस की आर्मी भी हिस्सा लेगी। फ्रांस आर्मी का 95 सदस्यीय दल पहले ही भारत आ चुका है और विजय चौक पर परेड की तैयारियां कर रहा है। 

गणतंत्र दिवस समारोह में दो फ्रांसीसी राफेल लड़ाकू जेट, एक फ्रांसीसी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और फ्रांसीसी विदेशी सेना की 95 सदस्यीय टुकड़ी हिस्सा लेगी।

फ्रांसीसी विदेशी सेना को दुनिया की सबसे एलीट आर्मी माना जाता है। यह अपनी खास ट्रेनिंग और दुनिया भर में अपने अभियानों के लिए जानी जाती है।

जमीन पर फ्रांस की थल सेना के अलावा, एयर एंड स्पेस फोर्स (वायु और अंतरिक्ष बल) आसमान में करतब दिखाती नजर आएगी।

फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल ने 75वें गणतंत्र दिवस परेड से पहले शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी के कार्तव्य पथ के ऊपर फ्लाई-पास्ट रिहर्सल में भाग लिया। 

इससे पहले रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने शुक्रवार को कहा कि परेड में फ्रांस की 95 सदस्यीय मार्चिंग टीम और 33 सदस्यीय बैंड दल भी हिस्सा लेंगे।

अरमाने ने कहा कि वायु सेना के विमान के साथ एक मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट (एमआरटीटी) विमान और फ्रांसीसी वायु सेना के दो राफेल लड़ाकू जेट ‘फ्लाई-पास्ट’ में भाग लेंगे।

बता दें कि ये दूसरा मौका है जब कार्तव्य पथ पर फ्रांसीसी सशस्त्र बलों की टुकड़ी परेड करेगी। इससे पहले 2016 में, फ्रांस आर्मी के जवानों ने भारत के गणतंत्र दिवस में हिस्सा लेकर इतिहास रचा था।

ये पहला मौका था जब किसी विदेशी आर्मी ने भारत के रिपब्लिड डे पर परेड में हिस्सा लिया। उस वक्त भी मुख्य अतिथि फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद थे।

गौरतलब है कि इससे पहले पिछले साल भारतीय सेना ने भी फ्रांस की परेड में हिस्सा लिया था। 14 जुलाई को मनाए गए फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस ‘बैस्टिल डे’ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीफ गेस्ट थे।

पीएम मोदी फ्रांस के निमंत्रण पर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इस दौरान भारत की तीनों सेनाओं की टुकड़ियों ने परेड में हिस्सा लिया। इस मौके पर भारत के तीन राफेल विमानों ने भी फ्लाईपास्ट किया था।

भारत और फ्रांस के संबंध पिछले एक दशक में तेजी से विकसित हुए हैं। खासतौर से डिफेंस सेक्टर में फ्रांस भारत का महत्वपूर्ण साझेदार है।

पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी की फ्रांस यात्रा के बाद, 25 साल के रोडमैप की ऐलान किया गया था। इसमें भारतीय पनडुब्बी बेड़े को बनाने के लिए फ्रांस के सहयोग का जिक्र था। 

हिंदू सेना ने दिल्ली में बाबर रोड का नाम बदला, लिख दिया अयोध्या मार्ग…

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हिंदू सेना ने दिल्ली में बाबर रोड का नाम बदला, लिख दिया अयोध्या मार्ग…

अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के मुख्य यजमान हैं। इस बीच अयोध्या से सैकड़ों किमी दूर नई दिल्ली में हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को बाबर रोड का नाम बदलकर अयोध्या मार्ग कर दिया है।

उन्होंने होटल ललित के बाहर लगे बोर्ड पर अयोध्या मार्ग का बैनर चिपका दिया। बैनर भगवा रंग से रंगा हुआ है।

आपको बता दें कई मौकों पर दिल्ली की इस सड़क का नाम बदलने की मांग उठती रही है। इससे पहले कई सड़कों के नाम भी बदले गए हैं।

औरंगजेब रोड का नाम बदलकर डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया था।

बीजेपी नेता विजय गोयल ने दिल्ली में ‘बाबर रोड’ का नाम बदलने की मांग की थी।

उन्होंने कहा कि बाबर ने भारत पर हमला किया और अयोध्या में राम मंदिर को ध्वस्त कर दिया था। इसलिए भूमि पूजन से पहले सड़क का नाम बदलकर ‘5 अगस्त मार्ग’ रखा जाना चाहिए।

Jio ने बढ़ाई Airtel की मुश्किल: 199 रुपये में पाएं एयरटेल से 10 गुना ज्यादा डेटा, FREE कॉल्स, SMS…

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Jio ने बढ़ाई Airtel की मुश्किल: 199 रुपये में पाएं एयरटेल से 10 गुना ज्यादा डेटा, FREE कॉल्स, SMS…

 कम कीमत वाले प्रीपेड प्लान्स भारत में हमेशा काफी डिमांड में रहते हैं। क्योंकि देश में अभी भी लोग मंथली प्लान्स से ज्यादा रिचार्ज करते हैं।

हम आज दो ऐसे प्लान्स के बारे में बताने वाले हैं जो बहुत ही अर्फोडेबल कीमत में मिलते हैं, इन प्लान्स की कीमत 200 रुपये से कम है।

यहां हम बात कर रहे हैं एयरटेल और जियो के 199 रुपये वाले प्लान्स के बारे में। इन दोनों प्लान्स की कीमत बराबर है लेकिन इसमें मिलने वाले फायदों में बहुत अंतर है। 

Reliance Jio 199 रुपये वाले प्लान के बेनिफिट्स
रिलायंस जियो के 199 रुपये वाले रिचार्ज प्लान में यूजर्स को रोज 1.5 जीबी हाई स्पीड डेटा दिया जाता है।

इसके साथ  किसी भी नेटवर्क पर फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग और हर दिन 100 एसएमएस का फायदा मिता है। 199 रुपये वाले इस जियो प्लान के साथ आपको 23 दिनों की वैलिडिटी मिलेगी।

इसी के साथ जियो टीवी, जियो सिनेमा, जियो क्लाउड आदि जियो ऐप्स का फ्री एक्सेस दिया जाता है।

Airtel 199 रुपये वाले प्लान के फायदे 
एयरटेल के 199 रुपये वाले इस रिचार्ज प्लान के साथ 3 जीबी हाई स्पीड डेटा का फायदा मिलेगा। साथ ही किसी भी नेटवर्क पर अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग और 300 एसएमएस की सुविधा का फायदा दिया जाएगा।

एयरटेल प्लान के साथ आपको 30 दिनों की वैलिडिटी मिलती है। इस प्लान के साथ यूजर्स को फ्री हेलो ट्यूल, विंक म्यूजिक का भी एक्सेस भी दिया जाता है। 

Jio और Airtel के 199 रुपये वाले प्लान में कौनसा है बेस्ट?
199 रुपये वाले प्लान में जियो डेटा के मामले में एयरटेल से बहुत आगे है।

जहां जियो इस प्लान के साथ 34.5GB टोटल डेटा देता है तो वहीं एयरटेल के प्लान सिर्फ 3GB डेटा मिलता है। यानी की आपको जियो के प्लान में सीधे 10 गुना ज्यादा डेटा दिया जाता है। 

भारत के खिलाफ दोनों जंग में ईरान-पाकिस्तान हो गए थे एक, जर्मनी से खरीदकर भेजा था F-86 फाइटर जेट…

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भारत के खिलाफ दोनों जंग में ईरान-पाकिस्तान हो गए थे एक, जर्मनी से खरीदकर भेजा था F-86 फाइटर जेट…

आज भले ही पाकिस्तान और ईरान के बीच तलवारें खिंची हुई हों।

दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ गए हों लेकिन एक समय ऐसा भी थी, जब ईरान ने इस्लामिक देश होने के नाते भारत के खिलाफ जंग में पाकिस्तान की खूब मदद की थी।

यहां तक कि पाकिस्तान की माली हालत खराब होने के बावजूद उसे पश्चिमी देशों से फाइटर जेट, मिसाइल और अत्याधुनिक हथियार खरीदकर दिए थे, ताकि भारत को युद्ध में हरा सके लेकिन 1965 और 1971 दोनों युद्ध में पाकिस्तान को भारत से मुंह की खानी पड़ी थी।

ईरान-पाकिस्तान की दोस्ती की नींव
ईरान-पाकिस्तान संबंधों की नींव पाकिस्तान के जन्म के साथ ही रखी गई थी। जब 14 अगस्त, 1947 को पाकिस्तान आजाद हुआ, तभी  ईरान पाकिस्तान की संप्रभुता को मान्यता देने वाला पहला देश बन गया।

दोनों देशों ने मई 1950 में मित्रता की संधि पर भी हस्ताक्षर किए। ईरान के शाह, शाह रज़ा पहलवी, 1956 में पड़ोसी देश का दौरा करने वाले पहले राज्य प्रमुख बने।

पाकिस्तान के संस्थापक पिता, मोहम्मद अली जिन्ना से उनकी और इस्लामिक दुनिया के साथ अच्छे संबंध थे। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने तेहरान में अपना पहला दूतावास खोला था।

जब भारत ने अरब वर्ल्ड के नेता के रूप में मिस्र का समर्थन किया, तो ईरान को मिर्ची लग गई थी। तब ईरान ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान से अपनी दोस्ती खूब गाढ़ी की।

शीत युद्ध के दौरान, ईरान और पाकिस्तान ने खुद को पश्चिमी देशों के साथ कर लिया और वे 1955 में कम्युनिस्ट विरोधी गठबंधन, सेंट्रल ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (CENTO) के संस्थापक सदस्य देश बन गए थे।

भारत के खिलाफ 1965 और 1971 के जंग में दिया साथ
जब भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 और 1971 में जंग छिड़ी तब ईरान ने पाकिस्तान का भरपूर समर्थन किया और खुद को भरोसेमंद दोस्त साबित किया।

1965 में युद्ध छिड़ने के बाद, ईरानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था,”हम पाकिस्तान के खिलाफ भारत की आक्रामकता से चिंतित हैं।”

जब इस जंग में पाकिस्तान जब हथियार नहीं जुटा पा रहा था, तब  ईरान ने जर्मनी से हथियार लाकर उसे पाकिस्तान तक पहुंचाकर एक ‘डीलर’ के रूप में काम किया था।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट में यूएस इंटेलिजेंस मेमोरेंडम दस्तावेज़ के हवाले से कहा गया है कि जब माली हालत वाला पाकिस्तान पश्चिमी देशों से सैन्य हथियार जुटा पाने में नाकाम रहा तो ईरान ने पश्चिमी देशे खासकर जर्मनी से कई F-86 जेट लड़ाकू विमान, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, तोपखाने और गोला-बारूद खरीदे और उनमें से कुछ फाइटर जेट विमान ईरान के रास्ते पाकिस्तान पहुंचाए गए थे, जबकि कई हथियार सीधे कराची में डिलीवर कराए गए थे।

1971 की जंग में दिए 12 हेलीकॉप्टर
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में छिड़े दूसरे युद्ध के दौरान ईरान ने पाकिस्तान को 12 हेलीकॉप्टर, तोपखाने, गोला-बारूद और स्पेयर पार्ट्स जैसे सैन्य उपकरण दिए थे।  

संयुक्त राज्य अमेरिका के एक विदेशी संबंध दस्तावेज़ के अनुसार, युद्ध के दौरान ईरान ने पाकिस्तान को सस्ती दरों पर तेल भी उपलब्ध कराया था।

PAK vs NZ: पाकिस्तान के खिलाफ T20I सीरीज में रचिन रविंद्र की अचानक हुई एंट्री, ये मैच विनर हुआ बाहर…

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PAK vs NZ: पाकिस्तान के खिलाफ T20I सीरीज में रचिन रविंद्र की अचानक हुई एंट्री, ये मैच विनर हुआ बाहर…

पाकिस्तान के खिलाफ 5वें और आखिरी T20I से पहले न्यूजीलैंड के स्क्वॉड में एक बड़ा बदलाव हुआ है।

पिछले मुकाबले के हीरो रहे डेरिल मिशेल फाइनल T20I से बाहर हो गए हैं, टीम में उनकी जगह रचिन रविंद्र लेंगे जिन्होंने पिछले साल वर्ल्ड कप 2023 में अपने बल्ले से खूब धमाल मचाया था।

मिचेल को वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते आखिरी T20I से बाहर किया गया है।

बता दें, न्यूजीलैंड इस सीरीज में फिलहाल 4-0 से आगे हैं, आखिरी T20I को भी जीतकर उनकी नजरें मेहमानों का सूपड़ा साफ करने पर होगी।

न्यूजीलैंड क्रिकेट के अनुसार डेरिल मिचेल वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते हेगली ओवल में पाकिस्तान के खिलाफ टी20 सीरीज का आखिरी मैच में नहीं खेलेंगे।

मिचेल के चयन पर विचार से हटने के बाद रचिन रविंद्र रविवार के मैच के लिए क्राइस्टचर्च में टीम में शामिल होंगे।

मुख्य कोच गैरी स्टीड ने कहा कि मिचेल को इस मैच से बाहर बैठाने का निर्णय मौजूदा सीरीज में टीम की स्थिति और आगामी कार्यक्रम पर आधारित था।

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उन्होंने कहा ‘डेरिल तीनों फॉर्मेट में हमारे लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रदर्शन करने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान पर है।

रचिन खुद आराम की अवधि से बाहर आ रहे हैं और क्रिकेट में अपनी वापसी जारी रखते हुए इस आखिरी मैच में टीम में एक मूल्यवान कौशल लाएंगे।’

सीरीज के आखिरी मैच के लिए डेवोन कॉनवे की उपलब्धता पर निर्णय कल सुबह किया जाएगा। कॉन्वे चौथे T20I मैच से पहले कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।

रायपुर : उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ 20 जनवरी को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस समारोह में होंगे शामिल…

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रायपुर : उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ 20 जनवरी को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस समारोह में होंगे शामिल…

कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने तैयारियों का लिया जाएजा

भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ कल 20 जनवरी को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे।

छत्तीसगढ़ के कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रामविचार नेताम ने बीते शाम कार्यक्रम की तैयारियों का जाएजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

समारोह सुबह 11 बजे से कृषि विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित होगा।

कृषि मंत्री नेताम ने सभागार में बैठक व्यवस्था का अवलोकन किया। उन्होंने कृषि स्टार्टअप, पोषण एवं लोक स्वास्थ्य तथा कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा लगाए जाने वाले विभिन्न स्टालों का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

इस मौके पर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल सहित संबंधित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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