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मर जाना कबूल, उनके साथ जाना नहीं, जब BJP पर भड़के थे नीतीश; पुराना VIDEO वायरल…

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मर जाना कबूल, उनके साथ जाना नहीं, जब BJP पर भड़के थे नीतीश; पुराना VIDEO वायरल…

बिहार की सियासत में अब यह बात लगभग तय हो गई है कि नीतीश कुमार रविवार को एक बार फिर भाजपा के सोपर्ट से मुख्यमंत्री बनेंगे।

ऐसा बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़ देंगे और एनडीए का दामन थाम लेंगे।

इसी क्रम में नीतीश कुमार का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें नीतीश कुमार कहते नजर आ रहे हैं कि वह एनडीए में फिर जाने से पहले मरना पसंद करेंगे।

इस वीडियो को कई नेताओं ने शेयर कर नीतीश कुमार से सवाल पूछा है। 

समाजवादी नेता राजीव राय ने नीतीश कुमार का पुराना वीडियो शेयर करते हुए कहा, “माननीय नीतीश कुमार जी हम सब चाहते हैं कि आपकी लम्बी उम्र हो, आप देश के बड़े नेता हैं।

आपसे हम सबको उम्मीद है कि भाजपा के खिलाफ आपने प्रतिज्ञा किया था, उसे हम सब मिलकर पूरा करेंगे। INDIA गठबंधन के जनक हैं आप, अगर फिर पलटी मारेंगे तो जनता क्या सोचेगी?” शेयर किए जा रहे वीडियो की बात करें तो नीतीश ने 2023 में कहा था, ”उनके (भाजपा) साथ जाने के बजाय मरना पसंद करूंगा। ये सभी बातें फर्जी हैं… उन्होंने मुझे अपने पक्ष में लाने के लिए बिना किसी कारण के तेजस्वी और उनके पिता के खिलाफ मामले दर्ज किए।” 

कब-कब पाला बदल चुके हैं नीतीश कुमार
उल्लेखनीय है कि अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने बीजेपी से अपना गठबंधन तोड़ दिया और राजद के साथ  महागठबंधन का हिस्सा हो गए।

2020 के चुनाव में वह बीजेपी के साथ थे। नीतीश कुमार को पाला बदलने के लिए जाना जाता है, जिसकी शुरुआत कई साल पहले हुई थी।

1994 में उन्होंने जॉर्ज फर्नांडीस के साथ समता पार्टी बनाने के लिए तत्कालीन जनता दल से नाता तोड़ लिया था। 1996 में उन्होंने बीजेपी से हाथ मिलाया और अटल बिहारी वाजपेई की कैबिनेट में मंत्री बने।

2003 में नीतीश कुमार ने अपनी समता पार्टी का जनता दल में विलय करने का फैसला किया और पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) बन गई।

2013 में, नरेंद्र मोदी के 2014 के लिए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने के विरोध में नीतीश कुमार ने एनडीए के साथ अपना 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया।

2015 के चुनाव के लिए नीतीश कुमार ने राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया, जिसे उन्होंने 2017 में तोड़कर एनडीए में वापस आ गए।

बिहार में भी आमने सामने नीतीश-तेजस्वी?
समाचार एजेंसी पीटीआई ने उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से बताया कि नीतीश कुमार रविवार सुबह तक अपना इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।

हालिया घटनाक्रम पर सस्पेंस बना हुआ है कि बिहार में आने वाले दिनों में क्या-क्या होने वाला है। बिहार में नीतीश के तेवर के आगे आरजेडी निढाल नजर आ रही है। 

तेजस्वी यादव ने भी कह दिया है कि वह जनता की शरण में जाएंगे। इसके मतलब वह विपक्ष में बैठने को तैयार हैं और यह बताने की कोशिश करेंगे को आरजेडी ने नीतीश को नहीं बल्कि नीतीश ने ही धोखा दिया है।

आरजेडी का कहना है कि उसने अपना गठबंधन धर्म निभाया है। 

रायपुर : राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संवरेगा बच्चों का भविष्य: स्कूल शिक्षा सचिव परदेशी…

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रायपुर : राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संवरेगा बच्चों का भविष्य: स्कूल शिक्षा सचिव परदेशी…

स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शिक्षकों को नए पाठ्यक्रमों के लिए तैयार करने और नई शिक्षा नीति के प्रावधानों को लागू करने में एससीईआरटी की महत्वपूर्ण भूमिका है।

सचिव परदेशी कल एससीईआरटी कार्यालय में ध्वजारोहण के बाद अधिकारियों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।

 स्कूल शिक्षा सचिव परदेशी ने कहा कि हम सबको टीम वर्क के जरिए कार्य करते हुए नई शिक्षा नीति के लिए पाठ्यक्रम तैयार करना है।

यह पाठ्यक्रम आने वाले कई वर्षों तक बच्चों के भविष्य निर्धारित करेगा। पाठ्यक्रम तैयार करते समय यह ध्यान रखने की जरूरत है कि यह न केवल यह बच्चों का भविष्य तैयार करेगा, बल्कि देश का भविष्य भी बनाएगा। प्रधानमंत्री के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में भी मदद करेगा।

सचिव परदेशी ने कहा कि सभी शिक्षकों का दायित्व है कि हम भावी पीढ़ी को अच्छा नागरिक बनाने के लिए अच्छी से अच्छी शिक्षा दें और इसके लिए बच्चों में अनुशासन और उन्हें संस्कारवान बनाएं।

उन्होंने कहा कि समाज में बड़े से बड़े और छोटे से छोटे व्यक्ति की इच्छा होती है कि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार मिले और आगे चलकर वह परिवार, समाज और देश का नाम रोशन करें। शिक्षक का दायित्व भावी पीढ़ी का निर्माण करना होता है।

कार्यक्रम को समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक संजीव कुमार झा एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक जयप्रकाश रथ व समग्र के अतिरिक्त मिशन संचालक के. सी. काबरा ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम का संचालन स्टेट मीडिया सेंटर के नोडल अधिकारी प्रशांत पांडेय ने व आभार प्रदर्शन उप संचालक प्रोफसर पुष्पा किस्पोट्टा ने किया।

इस अवसर पर बीएड कॉलेज के शिक्षक, छात्र सहित स्कूल शिक्षा विभाग के विभिन्न निकायों के अधिकारी उपस्थित थे।

पाकिस्तान में रोटी की जंग सड़कों पर आई, हजारों प्रदर्शनकारियों का चक्का जाम; दुकानें बंद: जनजीवन ठप…

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पाकिस्तान में रोटी की जंग सड़कों पर आई, हजारों प्रदर्शनकारियों का चक्का जाम; दुकानें बंद: जनजीवन ठप…

पड़ोसी देश पाकिस्तान में पहले से ही दो जून की रोटी के लिए तरस रहे लोगों पर कुठाराघात हुआ है।

सरकार ने सब्सिडाइज्ड गेहूं की कीमतों में इजाफा कर दिया है। इससे गिलगिट बाल्टिस्तान  में नाराज हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं।

गुस्साए लोगों ने गिलगिट-बाल्टिस्तान के सभी जिलों और शहरों में सड़कों पर उतर कर ना सिर्फ चक्का जाम कर दिया बल्कि शहरों की सभी दुकानों को जबरन बंद करा दिया। इससे पूरे गिलगिट-बाल्टिस्तान में जनजीवन ठप हो गया है।

पाकिस्तान के मशहूर अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने गेहूं की कीमतों में इजाफा करने के खिलाफ बड़े पैमाने पर रैलियां आयोजित की हैं।

प्रदर्शन की वजह से गिलगिट, स्कर्दू, डायमर, घाइजर, एस्टोर, शिघर, घांचे, खरमंग, हुंजा और नगर के विभिन्न इलाकों में दुकानें, बाजार, रेस्तरां और व्यापार केंद्र बंद रहे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों के चक्का जाम की वजह से निजी और सरकारी कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में भी उपस्थिति कम दिखी और लोगों को आवश्यक वस्तुएं खरीदने और यात्रा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों और होटल मालिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघों के परामर्श से अवामी एक्शन कमेटी ने हड़ताल का आह्वान किया है।

सब्सिडी वाले गेहूं की कीमतें बढ़ाने के जीबी सरकार के फैसले के खिलाफ पिछले एक महीने से चल रहे विरोध का यह दूसरा चरण है। एएसी ने घोषणा की है कि शनिवार को राज्य के विभिन्न जिलों और इलाकों से लोग  गिलगित और स्कर्दू की ओर मार्च करेंगे। 

शुक्रवार की नमाज के बाद डायमर के जिला मुख्यालय चिलास में सिद्दीक अकबर चौक पर विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। वक्ताओं ने जीबी सरकार के अनुदानित गेहूं की दर बढ़ाने के फैसले की निंदा करते हुए इसे मुख्यमंत्री की विफलता करार दिया।

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो काराकोरम राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया जाएगा।

इस बीच, गिलगिट-बाल्टिस्तान के गवर्नर सैयद मेहदी शाह ने शुक्रवार को इस्लामाबाद में राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी से मुलाकात की और गेहूं सब्सिडी और अन्य मुद्दों सहित क्षेत्र की समग्र स्थिति पर चर्चा की है।

राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने राज्यपाल से कहा कि उन्होंने कार्यवाहक प्रधान मंत्री और वित्त मंत्री के साथ इस मुद्दे को उठाया है और उम्मीद है कि इसे जल्द ही हल कर लिया जाएगा।

रायपुर : उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने स्वर्गीय रमन लाल उपाध्याय को दी श्रद्धांजलि…

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रायपुर : उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने स्वर्गीय रमन लाल उपाध्याय को दी श्रद्धांजलि…

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा आज महासमुंद पहुंचकर स्वर्गीय रमन लाल उपाध्याय की प्रथम पुण्यतिथि में शामिल हुए।

उन्होंने स्वर्गीय उपाध्याय की छाया चित्र में माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा,परिजन सहित स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।

नहीं मिला पेमेंट, 12 लाख बाकी; रामलला की मूर्ति बनाकर सुर्खियों में आए अरुण योगीराज को लेकर दावा

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नहीं मिला पेमेंट, 12 लाख बाकी; रामलला की मूर्ति बनाकर सुर्खियों में आए अरुण योगीराज को लेकर दावा

अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज चर्चाओं में आ गए हैं।

उन्होंने पिछले कई महीनों में दिन-रात काम करते हुए रामलला की मूर्ति को आकार दिया। इस मूर्ति को देश-दुनिया में काफी पसंद किया गया है।

अब अरुण योगीराज को लेकर एक बीजेपी विधायक ने दावा किया है कि उन्हें उनके काम के लिए भुगतान नहीं किया गया।

हालांकि, रामलला की मूर्ति के लिए नहीं, बल्कि वोडेयार राजवंश के राजा की मूर्ति गढ़ने के लिए योगीराज को मैसूर नगर निगम ने भुगतान नहीं किया है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए एक पोस्ट में बीजेपी विधायक बसनगौड़ा आर पाटिल (यत्नाल) ने लिखा, ”साल 2016 में अरुण योगीराज ने श्री जयचामाराजेन्द्र वोडेयार की मूर्ति बनाई थी। अब तक कुल आठ साल हो गए हैं, लेकिन मैसूर नगर निगम ने योगीराज को उनके काम के लिए पेमेंट नहीं किया है। यह एक मूर्तिकार के साथ-साथ यदुवंश के राजा का भी अपमान है।” 

बीजेपी विधायक का दावा है कि मैसूर नगर निगम के पास अभी 12 लाख रुपये बकाया हैं, जिसे उन्हें योगीराज को पेमेंट करना है।

इस बारे में बात करते हुए मैसूर नगर निगम का कहना है कि उन्हें इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है कि योगीराज को भुगतान नहीं किया गया है। वे रिकॉर्ड्स को चेक करेंगे और फिर बीजेपी विधायक के आरोपों पर जवाब देंगे।

बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई है। इस समारोह में पीएम मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत छह हजार से ज्यादा लोग मौजूद रहे थे।

अगले दिन से ही राम मंदिर को आम भक्तों के लिए खोल दिया गया है। रोजाना लाखों लोग रामलला के दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं। राम मंदिर के गर्भगृह में रखने के लिए तीन मूर्तियों में से एक मूर्ति का चयन किया गया था।

रामलला की वह मूर्ति प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई थी। पिछले दिनों तमाम इंटरव्यूज में योगीराज ने मूर्ति को लेकर कई जानकारियां दी थीं।

उन्होंने कहा था कि जब वे रामलला की मूर्ति बनाते थे, तब रोजाना शाम चार से पांच बजे के बीच एक बंदर वहां आता था और मूर्ति को देखकर वापस चला जाता था।

इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा था कि जब पहली बार मूर्ति को ट्रस्ट के लोगों को दिखाई तो सबने सबसे पहले रामलला के सामने हाथ जोड़े थे।

रायपुर : जागेश्वर यादव को पद्मश्री अवॉर्ड मिलने की घोषणा के बाद गांव में खुशी की लहर…

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रायपुर : जागेश्वर यादव को पद्मश्री अवॉर्ड मिलने की घोषणा के बाद गांव में खुशी की लहर…

ग्राम भितघरा में पारंपरिक तरीके से किया स्वागत

घर पर बधाई देने वालों का तांता

बिरहोर, पहाड़ी कोरवा समुदाय के लोग मना रहे उत्सव

जशपुर जिले के रहने वाले जागेश्वर यादव को वर्ष 2024 के पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।

जिले के बिरहोर आदिवासियों के उत्थान हेतु बेहतर कार्य के लिए उन्हें यह अवार्ड दिया जायेगा।

बगीचा ब्लॉक के भितघरा गांव में पहाड़ियों व जंगल के बीच रहने वाले जागेश्वर यादव 1989 से ही बिरहोर जनजाति के लिए काम कर रहे हैं।

उन्होंने इसके लिए जशपुर में एक आश्रम की स्थापना की है।

जागेश्वर यादव का पद्मश्री अवार्ड के लिए चयन होने के बाद से उनके घर, गांव खासकर बिरहोर और विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य ग्रामों में खुशी का माहौल है।

साथ ही लोगों का बधाई देने के लिए उनके घर आने का सिलसिला जारी है। भितघरा के निवासी ख़ुशी से झूम-नाच रहे है। जब जशपुर से जागेश्वर यादव अपने गांव पहुंचे तो उनका उत्साह के साथ ग्राम वासियों ने स्वागत किया।

पारम्परिक गीत-नृत्य के साथ नाचते-गाते हुए लोगों ने उन्हें घर पहुँचाया ।

जागेश्वर यादव का पूरा जीवन समाज के लिए समर्पित है। जागेश्वर यादव जशपुर के आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने हाशिए पर पड़े बिरहोर और पहाड़ी कोरवा लोगों के लिए काम किया।

उन्होंने जशपुर में आश्रम की स्थापना की और निरक्षरता को खत्म करने के साथ-साथ आदिवासियों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाईं। कोरोना के दौरान जागेश्वर ने आदिवासियों को वैक्सीन लगवाईं।

इन कामों में आर्थिक तंगी तो आड़े आई, लेकिन इसके बावजूद जागेश्वर यादव ने कभी भी सेवा में कमी नहीं आने दी। अपने अथक प्रयासों से वो बिरहोर के भाई बन गए।

जागेश्वर यादव का जन्म जशपुर जिले के भितघरा में हुआ था। बचपन से ही इन्होंने बिरहोर आदिवासियों की दुर्दशा देखी थी। जानकारी के मुताबिक घने जंगलों में रहने वाले बिरहोर आदिवासी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से वंचित थे।

जागेश्वर ने इनके जीवन को बदलने का फैसला किया। इसके लिए सबसे पहले उन्होंने आदिवासियों के बीच रहना शुरू किया। उनकी भाषा और संस्कृति को सीखा।

इसके बाद उन्हें शिक्षा की अलख जगाई और बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित किया।

जागेश्वर यादव ‘बिरहोर के भाई’ के नाम से चर्चित हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें बुलाया था तो वह उनसे मिलने नंगे पाव ही चले गए थे। जागेश्वर को 2015 में शहीद वीर नारायण सिंह सम्मान मिल चुका है।

आर्थिक कठिनाइयों की वजह से यह काम आसान नहीं था। लेकिन उनका जुनून सामाजिक परिवर्तन लाने में सहायक रहा। जागेश्वर बताते हैं कि पहले बिरहोर जनजाति के बच्चे लोगों से मिलते जुलते नहीं थे।

बाहरी लोगों को देखते ही भाग जाते थे। इतना ही नहीं जूतों के निशान देखकर भी छिप जाते थे। ऐसे में पढ़ाई के लिए स्कूल जाना तो बड़ी दूर की बात थी।

लेकिन अब समय बदल गया है। जागेश्वर यादव के प्रयासों से अब इस जनजाति के बच्चे भी स्कूल जाते हैं।

जागेश्वर यादव के पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित होने के बाद से ही परिवार और पूरा गांव खुशियां मना रहा है।

‘गाजा नरसंहार’ पर आ गया संयक्त राष्ट्र की अदालत का फैसला, खुश हुआ अफ्रीका; परेशान इजरायल भी नहीं…

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‘गाजा नरसंहार’ पर आ गया संयक्त राष्ट्र की अदालत का फैसला, खुश हुआ अफ्रीका; परेशान इजरायल भी नहीं…

फिलिस्तीनी शहर ‘गाजा में नरसंहार’ को लेकर संयक्त राष्ट्र की अदालत का फैसला आ गया है।

इस फैसले से केस दायर करने वाला देश दक्षिण अफ्रीका बेहद खुश है। लेकिन इजरायल को भी इससे कोई परेशानी नहीं होने वाली है।

क्योंकि संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने गाजा में संघर्ष विराम का तत्काल आदेश देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। हालांकि इजरायल से जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए प्रयास करने को कहा है।

इससे पहले मामला दाखिल करने वाले दक्षिण अफ्रीका ने अदालत से इजरायल को अपना सैन्य अभियान रोकने का आदेश देने का आग्रह किया था। लेकिन अदालत ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया। 

फिलहाल जारी रहेगा इजरायल के खिलाफ केस

UN की शीर्ष अदालत ने कहा कि वह उस मामले को खारिज नहीं करेगी जिसमें इजरायल पर गाजा में नरसंहार का आरोप लगाया गया है। 17 न्यायाधीशों की एक पीठ द्वारा दिए गए बहुप्रतीक्षित निर्णय में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने मामले को खारिज नहीं करने का निर्णय लिया।

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) की अध्यक्ष जोन ई. डोनॉग्यू ने कहा, ”न्यायालय इस क्षेत्र में सामने आ रही मानवीय त्रासदी से भली-भांति अवगत है और लगातार हो रही जानमाल की हानि को लेकर चिंतित है।”     

शुक्रवार का निर्णय हालांकि केवल अंतरिम आदेश है जबकि दक्षिण अफ़्रीका द्वारा लाए गए पूरे मामले पर विचार करने में वर्षों लग सकते हैं।

इजरायल ने नरसंहार के आरोप को खारिज किया है और अदालत से भी इन आरोपों को खारिज करने का आग्रह किया था। दक्षिण अफ्रीका ने न्यायाधीशों से गाजा में फलस्तीनी लोगों की सुरक्षा के लिए कदम उठाये जाने का आग्रह किया है।

अदालत से यह भी अनुरोध किया गया कि इजरायल को ”गाजा में अपने सैन्य अभियानों को तुरंत रोकने का आदेश दे।” इजरायल सरकार के प्रवक्ता इलोन लेवी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इजरायल को उम्मीद है कि अदालत ”फर्जी आरोपों” को खारिज कर देगी।

हमास आतंकवादियों द्वारा सात अक्टूबर को इजराइल पर हमला करने के बाद इजराइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पर बड़े पैमाने पर हवाई और जमीनी हमले किये थे जिनमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे।

हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि 26,000 से अधिक फलस्तीनी लोग मारे गए हैं। मंत्रालय ने मृतकों की संख्या में लड़ाकों और नागरिकों के बीच अंतर नहीं किया है, लेकिन कहा है कि मारे गए लोगों में से लगभग दो-तिहाई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

इजरायली सेना का दावा है कि लगभग चार महीने के संघर्ष में मारे गए लोगों में से कम से कम 9,000 हमास आतंकवादी हैं। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने कहा है कि बीमारी से भी लोगों की मौत होने की आशंका है और कम से कम एक-चौथाई आबादी भुखमरी का सामना कर रही है।

फैसले ने हमें सही साबित किया: दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने गाजा में इजराइल के सैन्य आक्रमण के दौरान नरसंहार किए जाने के आरोप लगाने के उनके देश के फैसले को सही साबित किया है।

अदालती फैसले के बाद रामफोसा ने शुक्रवार को राष्ट्रीय टीवी चैनल पर कहा कि आईसीजे ने शुक्रवार को जो फैसला सुनाया, वह ‘‘अंतरराष्ट्रीय कानून, मानवाधिकार और सबसे बड़ी बात, न्याय की जीत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अदालत ने कहा है कि (1948 नरसंहार) संधि के अनुच्छेद नौ के अनुसार, उसे हमारी याचिका पर फैसला करने का अधिकार है। आईसीजे ने आज जो आदेश दिया है, उसके अनुसार यह नरसंहार का मामला है।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि आईसीजे का फैसला गाजा के लोगों के लिए न्याय सुरक्षित करने की दक्षिण अफ्रीका की कोशिश में महत्वपूर्ण पहला कदम है।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोगों ने हमें अपने काम से काम रखने को कहा। कुछ ने कहा कि इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है लेकिन बेदखली, भेदभाव और सरकार प्रायोजित हिंसा के दर्द से भली भांति परिचित होने के नाते इससे हमारा लेना-देना है।’’

रामफोसा ने आईसीजे में दक्षिण अफ्रीका की याचिका का समर्थन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धन्यवाद दिया।

रायपुर : राजस्व मंत्री बलौदाबाजार के गायत्री पीठ में आयोजित आवासीय नारी सशक्तिकरण प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए…

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रायपुर : राजस्व मंत्री बलौदाबाजार के गायत्री पीठ में आयोजित आवासीय नारी सशक्तिकरण प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए…

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन और खेलकूद एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने आज गायत्री परिवार महिला प्रकोष्ठ द्वारा गायत्री शक्तिपीठ बलौदाबाज़ार में आयोजित पाँच दिवसीय “आवासीय नारी सशक्तिकरण प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर” के प्रथम दिवस पर उपस्थित होकर माता गायत्री की वंदना की।

इस अवसर पर उन्होंने गायत्री परिवार की माताओं-बहनों से संवाद भी किया।

जम्मू-कश्मीर: आतंकवादियों के 5 सहयोगी गिरफ्तार, पीओके से संचालित आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़…

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जम्मू-कश्मीर: आतंकवादियों के 5 सहयोगी गिरफ्तार, पीओके से संचालित आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़…

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुपवाड़ा जिले में आतंकवादियों से जुड़े पांच लोगों को गिरफ्तार करके पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से संचालित एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है।

अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ”कुपवाड़ा पुलिस ने जिले के करनाह इलाके में आतंकवादियों से जुडे पांच लोगों गिरफ्तार करके एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है और हथियारों तथा गोला-बारूद का जखीरा बरामद किया है।” 

पुलिस ने एक विश्वसनीय सूचना पर कार्रवाई करते हुए एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया, जो लश्कर-ए-तैयबा के पीओके स्थित दो आकाओं द्वारा इस ओर भेजे गए हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी में शामिल था।

इन आकाओं की पहचान मंजूर अहमद शेख उर्फ शकूर और काजी मोहम्मद खुशाल के रूप में की गई है।

दोनों कुपवाड़ा जिले करनाह के निवासी हैं, जबकि उनके स्थानीय संचालक की पहचान करनाह के ही जहूर अहमद भट के रूप में की गई है।

गिरफ्तार व्यक्ति के पास से एक एके श्रेणी की राइफल, दो पिस्तौल और कुछ गोला-बारूद बरामद किया गया है। 

अधिकारी ने कहा, ”इस ओर भेजी गई खेप आतंकवादियों से जुड़े उन सहयोगियों को पहुंचा दी गई, जो जहूर अहमद भट और पीओके स्थित आकाओं के भी संपर्क में थे। आगे के सुरागों के आधार पर चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया।”

उन्होंने कहा कि गिरफ्तार लोगों की पहचान खुर्शीद अहमद राथेर, मुदस्सिर शफीक, गुलाम सरवर राथेर और काजी फजल इलाही के रूप में की गई है, जो करनाह के ही निवासी हैं।

अधिकारी ने कहा कि उनके कब्जे से एके श्रेणी की पांच राइफल, पांच मैगजीन और 16 कारतूस बरामद किए गए। उन्होंने कहा कि हथियारों की तस्करी की साजिश का पता लगाने के लिए मामले की तेजी से जांच की जा रही है। 

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पदक अलंकरण से सम्मानित पुलिस अधिकारियों से की भेंट…

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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पदक अलंकरण से सम्मानित पुलिस अधिकारियों से की भेंट…

छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा का इतिहास जब भी लिखा जाएगा, हमारे पुलिस जवानों के संघर्ष, शौर्य और साहस का होगा स्वर्णिम उल्लेख – मुख्यमंत्री

जान की परवाह किये बगैर पुलिस अधीक्षक गर्ग की टीम ने नक्सलियों से किया था सीधा मुकाबला

घात लगाकर बैठे और सिविल ड्रेस में आए नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने किया था ढेर

राष्ट्रपति के पुलिस पदक और भारतीय पुलिस पदक से सम्मानित हुए अधिकारी

राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन की गरिमामय उपस्थिति में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज गणतंत्र दिवस की संध्या पर राजभवन में आयोजित स्वागत समारोह में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पदक अलंकरण प्राप्त करने वाले पुलिस अधिकारियों से भेंट कर उनके शौर्य और पराक्रम की सराहना की।

इस दौरान पुलिस वीरता पदक, विशिष्ट सेवा हेतु राष्ट्रपति पुलिस पदक, सराहनीय सेवा हेतु भारतीय पुलिस पदक, सराहनीय सुधार सेवा पदक प्राप्त पुलिस अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। स्वागत समारोह में कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पदक प्राप्त पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के कुछ इलाके सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील है और यहां की चुनौतियां भी मैदानी क्षेत्रों से अलग है।

आप सभी ने सेवा के दौरान आई कठिनाईयों से डट कर मुकाबला किया, जिससे संवेदनशील क्षेत्रों का दायरा लगातार सिमट रहा है।

छत्तीसगढ़ पिछले दो दशकों सेे तमाम चुनौतियों को पार करते हुए शांति स्थापित करने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। कर्तव्य के प्रति समर्पण का ही परिणाम है कि आज आप सभी को पुलिस पदक प्राप्त हुए हैं।

छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा की जब भी बात होगी, तो हमारे पुलिस के जवानों के संघर्ष, शौर्य और साहस का स्वर्णिम इतिहास भी प्रमुखता से उल्लेखित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने सभी पुलिस अधिकारी और जवानों को वीरता पुरस्कार मिलने पर बधाई और शुभकामनाएं दी।

जान की परवाह किये बगैर पुलिस अधीक्षक गर्ग की टीम ने नक्सलियों से किया सीधा मुकाबला
बीजापुर पुलिस को 06 फरवरी 2019 को सशस्त्र माओवादियों के प्रशिक्षण शिविर में उपस्थिति की खुफिया सूचना मिली। अगले दिन पुलिस टीम घटना स्थल की ओर रवाना हुई और इस दौरान 80-100 हथियार बंद माओवादियों ने पुलिस जवानों पर फायरिंग की।

लगभग 90 मिनट तक चली इस मुठभेड़ में पुलिस जवानों के  साहस के साथ की गई जवाबी कार्यवाही ने नक्सलियों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। घटना में 10 नक्सली मारे गए और बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्रियां बरामद की गई। इस घटना की सूचना मिलते ही तत्कालीन बीजापुर पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने अपनी टीम तैयार की और घायल साथियों की सुरक्षित वापसी के लिए घटना स्थल की ओर रवाना हुए। पुलिस अधीक्षक गर्ग स्वयं टीम का नेतृत्व करते हुए आगे बढ़े और इस दौरान इंद्रावती नदी से दो किलोमीटर दूर घात लगाकर बैठे 40 से 50 नक्सलियों ने पुलिस पर अंधाधुंध गोली बारी शुरू कर दी। गर्ग ने जान की परवाह किए बिना तुरंत अपनी टीम को आगे बढ़ाया और घात लगाकर नक्सलियों पर हमला किया। गर्ग ने रणनीतिक ऑपरेशन की योजनाएं बनाई और चतुराई से नक्सलियों का मुकाबला किया।

इस अदम्य साहस एवं बहादुरी के लिए पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग (भा.पु. से.) के साथ ही उप निरीक्षक पिल्लुराम मंडावी, सहायक उप निरीक्षक जोगीराम पोड़ियाम, प्रधान आरक्षक हिड़मा पोड़ियाम, प्रधान आरक्षक प्रमोद कुड़ियाम, प्रधान आरक्षक बलराम कश्यप, आरक्षक बीजूराम मज्जी, आरक्षक बुधराम हपका, आरक्षक लक्ष्मीनारायण मरपल्ली, आरक्षक मंगलू कुड़ियाम को पुलिस के ‘वीरता पदक‘ से अलंकृत किया गया। स्वर्गीय बुधराम हपका का पुरस्कार उनकी पत्नी ने प्राप्त किया।

घात लगाकर बैठे नक्सलियों से निरीक्षक लक्ष्मण केंवट ने लिया लोहा
राजनांदगांव जिले में 02 अगस्त 2019 को दरेकसा क्षेत्र समिति के 8-10 सदस्यों की उपस्थिति के संबंध में सूचना मिलने पर जिले की पुलिस टीम द्वारा ऑपरेशन रिमझिम-1 चलाया गया। थाना बाघ नदी अंतर्गत काला पहाड़ में ऑपरेशन के दौरान जब पुलिस पार्टी आगे बढ़ रही थी, तब घात लगा कर बैठे नक्सलियों ने पुलिस जवानों को जान से मारने एवं हथियार लूटने के इरादे से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।

इस दौरान निरीक्षक लक्ष्मण केंवट द्वारा साहस पूर्वक इस अभियान का नेतृत्व किया गया और निडरता से कवर फायर करते हुए पुलिस पार्टी को फंसाने के नीयत से बिछाई गई आई.ई.डी. से बच निकले। गोलीबारी करीब ढाई घंटे तक चली। घटना स्थल की तलाशी में 5 महिला माओवादी और 02 पुरूष माओवादी के शव के साथ बड़ी मात्रा में हथियार, विस्फोटक सामग्री सहित नक्सली साहित्य आदि बरामद किए गए। पूरे ऑपरेशन के दौरान निरीक्षक लक्ष्मण केवट ने बहादुरी, कार्यकुशलता एवं उत्कृष्ट नेतृत्व कौशल का अनूठा उदाहरण दिया, जिसके परिणाम स्वरूप सर्वाधिक वांछित, खूंखार नक्सली मारे गये। इस अदम्य साहस एवं बहादुरी के लिए निरीक्षक लक्ष्मण केवट को ‘पुलिस के वीरता पदक‘ से अलंकृत किया गया।

सिविल ड्रेस में आए नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने किया ढेर
उप पुलिस अधीक्षक शेरबहादुर सिंह ठाकुर और आरक्षक छत्रपाल साहू को आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुलिस वीरता पदक से सम्मानित किया।

बीजापुर जिले में सेवा के दौरान पुलिस कर्मियों ने खुफिया इनपुट प्राप्त होने पर सर्चिंग अभियान चलाया। सर्चिंग के दौरान केतुलनार के जंगल में पहुंची पुलिस टीम पर कैजुअल सिविल ड्रेस में आए नक्सलियों ने अचानक गोली बारी शुरू कर दी।

एसडीओपी शेरबहादुर सिंह ठाकुर और उनकी टीम ने तेजी से स्थिति को संभालते हुए आत्म रक्षा में जवाबी गोली बारी की। 10 मिनट तक हुए फायरिंग में नक्सली जंगल की ओर भाग निकले। घटना स्थल के सर्चिंग के दौरान एक माओवादी के शव सहित भारी मात्रा गोलाबारूद बरामद किए।

इसी प्रकार बीजापुर जिले में 27 अप्रैल 2018 को हुए नक्सली घटना में उप निरीक्षक सुरेश जव्वा, प्रधान आरक्षक सुशील जेट्ठी, प्रधान आरक्षक बड़दी धरमैया, आरक्षक मंगलू कोवासी, आरक्षक मुकेश कलमू, आरक्षक रमेश पेरे को अदम्य साहस और बहादुरी की वीरता पुरस्कार से अंलकृत किया गया।

उसके साथ ही बीजापुर जिले में 02 मार्च 2018 को हुए नक्सली घटना के दौरान अदम्य साहस और वीरता का परिचय देने के लिए  उप निरीक्षक अरूण कुमार मरकाम, प्रधान आरक्षक लच्छिन्दर कुरूद, प्रधान आरक्षक मनोज कुमार मिश्रा, आरक्षक लीलांबर भोई, आरक्षक अजय कुमार बघेल को वीरता पुरस्कार से अलंकृत किया गया।

राष्ट्रपति का पुलिस पदक और भारतीय पुलिस पदक से सम्मानित हुए अधिकारी
इसी तरह विशिष्ट सेवा हेतु राष्ट्रपति का पुलिस पदक जिला दंतेवाड़ा रेन्ज के उप पुलिस  महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप को प्रदान किया गया। सराहनीय सेवा हेतु भारतीय पुलिस पदक श्रीमती नेहा चंपावत पुलिस महानिरीक्षक, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो, नई दिल्ली, सुरजन राम भगत सेनानी, 22 वीं वाहिनी छत्तीसगढ़ बल जिला-कांकेर, श्रीमती भावना पाण्डेय जोनल पुलिस अधीक्षक विशेष शाखा भिलाई, उप निरीक्षक गनपत प्रसाद पाण्डेय जिला गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही, कंपनी कमांण्डर तेलेस्फोर मिंज 2री वाहिनी छत्तीसगढ़ बल सकरी-बिलासपुर, सहायक सेनानी राजेश कुमार शर्मा 9वीं वाहिनी छत्तीसगढ़ बल जिला दंतेवाड़ा, प्लाटून कमांडर थाक बहादुर सोनी प्रथम वाहिनी छत्तीसगढ़ बल भिलाई, प्रधान आरक्षक वेद कुमार मंडावी यातायात कार्यालय जिला कांकेर, आरक्षक शैलेन्द्र सिंह यातायात बिलासपुर, उप सेनानी प्रकाश टोप्पो 15वीं वाहिनी छत्तीसगढ़ बल जिला बीजापुर को प्रदान किया गया।  

इसी तरह गृह व नागरिक सुरक्षा सराहनीय सेवा पदक संभागीय सेनानी नगर सेना रायपुर संभाग श्रीमती अनिमा एस. कुजूर, कंपनी क्वार्टर मास्टर नगर सेना धमतरी मदनलाल एवं नगर सेना कोरबा के सैनिक चन्द्रिका सिंह कंवर को प्रदान किया गया।

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