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दुनिया की ‘सबसे खूबसूरत’ रानी क्लियोपेट्रा, गद्दी के लिए सगे भाई से ही कर ली थी शादी…

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दुनिया की ‘सबसे खूबसूरत’ रानी क्लियोपेट्रा, गद्दी के लिए सगे भाई से ही कर ली थी शादी…

इतिहास की सबसे खूबसूरत और तेज-तर्रार रानियों का जिक्र होता है तो इसमें मिस्र की महारानी क्लियोपैट्रा का नाम सबसे ऊपर आता है।

ऐतिहासिक प्रमाणों के मुताबिक 51 ईसा पू. से 30 ईसा पू, तक मिस्र पर राज करने वाली क्लियोपेट्रा बेहद कामुक और सुंदर थीं।

वह अपनी खूबसूरती के जाल में बड़े-बड़े शासकों को फंसा लिया करती थी। इसके अलावा राजनीति के मामले में उनका लोहा माना जाता था।

वह मिस्र के  टोलेमी वंश की अंतिम रानी मानी जाती हैं। 

कई पुरुषों से शारीरिक संबंध
क्लियोपाटरा ने 21 साल तक मिस्र पर शासन किया और इसे आर्थिक मजबूती दी। अपने वक्त में वह दुनिया की सबसे अमीर और खूबसूरत महिला मानी जाती थीं।

वहीं उनकी गिनती चतुर और क्रूर रानियों में भी होती है। यह भी कहा जाता है कि उनके कई पुरुषों से शारीरिक संबंध थे। वह शासकों और सैन्य अधिकारियों को भी अपनी खूबसूरती के जाल में फंसाकर ठिकाने लगा दे थीं। 

सगे भाई से कर ली थी शादी
17 साल की उम्र में ही क्लियोपैट्रा के पिता का निधन हो गया था। इसके बाद मिस्र की गद्दी पर काबिज होने के लिए उन्होंने अपने भाई से शादी कर ली।

बताया जाता है कि फरोहो सभ्यता में इस बात की अनुमति थी। हालांकि क्लियोपेट्रा के शासन में टोलेमी आड़े आ रहा था। उसने क्लियोपैट्रा को राज्य से निकाल दिया। 

रोम के शासक पर फेंका मोहपाश
क्लियोपैट्रा ने रोम के शासक जूलियस सीजर को अपने जाल में फंसाया और फिर टोलेमी के खइलाफ युदध छेड़ दिया। जूलियस सीजर ने टोलेमी को मार दिया।

इसके बाद यह भी कहा जाता है कि क्लियोपैट्रा ने अपने दूसरे छोटे भाई से शादी की और शासन करने लगीं। लेकिन बाद में उसे भी विष देकर रास्ते से हटा दिया। उन्होंने अपनी बहन अरसीनोई की भी हत्या करवा दी। 

जूलियस सीजर के साथ संबंध
क्लियोपैट्रा और जूलियस सीजर के बीच भी संबंध थे। उनसे एक बेटा भी हुआ था। हालांकि रोम की जनता को यह पसंद नहीं आता था।

वहीं जूलियस रीजर के एक जनरल मार्क एंथनी को भी क्लियोपैट्रा ने अपने जाल में फंसाया। एंथनी से क्लियोपैट्रा के तीन बच्चे हुए। इसके बाद दोनों ने शादी भी की।

जूलियस सीजर के बाद जब उसका उत्ताराधिकारी ऑक्टेवियन बना तो उसने मिस्र पर हमला किया। ऑक्टेवियन क्लियोपैट्रा के जाल को समझ चुका था। ऐसे में क्लियोपैट्रा को भागना पड़ गया।

मौत भी बन गई रहस्य
क्लियोपैट्रा की मौत को लेकर भी कई तरह के दावे किए जाते हैं।कई जगह कहा जाता है कि क्लियोपैट्रा ने मार्क एंटनी के सामने ही खुद को जहरीले सांप से कटवा लिया था।

वहीं कई इतिहासकारों का कहना है कि क्लियोपैट्रा ड्रग्स का सेवन करती थीं। इसी वजह से उनकी मौत हो गई थी।

कई जगह यह भी कहा जाता है कि वह खुद को बूढ़ा होते नहीं देखना चाहती थीं इसलिए 39 की उम्र में ही खुदकुशी कर ली।

हाल में हुई एक खोज में कहा गया कि क्लियोपैट्रा खुद को खूबसूरत बनाने के लिए 700 गधियों के दूध में नहाया करती थीं। 

अपने हो रहे नाराज, हमास का नहीं मिल रहा सटीक इलाज; बेंजामिन नेतन्याहू के सामने डबल चैलेंज…

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अपने हो रहे नाराज, हमास का नहीं मिल रहा सटीक इलाज; बेंजामिन नेतन्याहू के सामने डबल चैलेंज…

हमास के खिलाफ युद्ध के बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सामने दोहरी चुनौती आ गई है।

एक तरफ बंधकों की रिहाई न होने से अपनों में नाराजगी बढ़ने लगी है। वहीं, दूसरी तरफ हाल-फिलहाल हमास के खिलाफ युद्ध खत्म होने के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं।

यानी वह हमास का इलाज ढूंढ पाने में अभी तक नाकाम है। इन सबसे बीच हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है।

गुस्साए परिजनों ने शनिवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के घर के बाहर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों का कहना है नेतन्याहू सरकार हमास द्वारा बंधक बनाए गए सैकड़ों इजरायलियों को छुड़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है।

वहीं, गाजा में युद्ध लंबा खिंचता चला जा रहा है। गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को हमास के हमले के साथ शुरू हुए इस युद्ध में दोनों पक्षों से अभी तक बड़ी संख्या में लोग मारे जा चुके हैं।

रहम की भीख
बंधकों के परिवारों के एक समूह ने कहा कि हम लोग 105 दिनों से रहम की भीख मांग रहे हैं। अब हम सरकार से मांग करते हैं कि बंधकों को छुड़ाने के लिए निर्णायक कदम उठाए जाएं।

इस बीच इजरायल वॉर कैबिनेट के एक सदस्य ने कहा है कि बंधकों को छुड़ाने का एकमात्र रास्ता सीजफायर है। इस टिप्पणी के चलते इजरायल की वर्तमान रणनीति की काफी आलोचना हो रही है।

हमास और इजरायल के बीच युद्ध को चार महीने हो चुके हैं। जिस तरह से प्रधानमंत्री नेतन्याहू के घर के बाहर प्रदर्शन हुआ है और इजरायली आर्मी के पूर्व मुखिया गादी आइसेनकेट ने जिस तरह टिप्पणी की है, वह दिखाता है कि युद्ध को लेकर इजरायल के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है।

दोहरा दबाव
गौरतलब है हमास के खिलाफ युद्ध को लेकर इजरायल सरकार को परस्पर विरोधी दबावों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ तो वह युद्ध तेज करके अपने दक्षिणपंथी सहयोगियों को खुश करना चाहता है।

वहीं, दूसरी तरफ नेतन्याहू के ऊपर कुछ अन्य दबाव भी हैं। इसमें अमेरिका से लेकर बंधकों के परिवार तक का दबाव शामिल है।

इन सभी को डर है कि युद्ध लंबा खिंचने की सूरत में कहीं बंधकों की जान खतरे में न पड़ जाए।

गौरतलब है कि इजरायली नेतृत्व का कहना है कि वह हमास के खिलाफ पूर्ण जीत तक लड़ाई जारी रखेगा। हालांकि उसने यह नहीं स्पष्ट किया है कि इसके लिए उसकी रणनीति क्या होगी।

इस बीच महिलाओं के लिए कार्य करने वाली एजेंसी ‘संयुक्त राष्ट्र महिला’ (यूएन वीमेन) ने बताया है कि इजराइल और गाजा के बीच जारी युद्ध में 16,000 महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं।

एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि अनुमान है कि प्रत्येक घंटे में दो माताएं दम तोड़ रही हैं। इसके मुताबिक 100 से अधिक दिन के संघर्ष के कारण कम से कम 3000 महिलाओं ने अपने पतियों को खो दिया है और कम से कम 10,000 बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है।  

शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में एजेंसी ने उन परेशानियों का जिक्र किया जो महिलाओं को संघर्ष वाले स्थानों को बच्चों के साथ छोड़ने के कारण उठानी पड़ती है।

रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्र की आबादी 23 लाख है। इसमें से लगभग 19 लाख लोग विस्थापित हैं, जिनमें करीब दस लाख महिलाएं और लड़कियां हैं, जिन्हें आश्रय और सुरक्षा की तलाश है। 

रायपुर : हमारे किसान खुशहाल होंगे तो देश खुशहाल होगा : उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़…

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रायपुर : हमारे किसान खुशहाल होंगे तो देश खुशहाल होगा : उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़…

विकसित भारत के निर्माण में युवाओं की होगी महत्वपूर्ण भागीदारी : राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन

किसानों के जीवन को खुशहाल और समृद्ध बनाएंगे : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

उप राष्ट्रपति के मुख्य अतिथ्य में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय का 38वां स्थापना दिवस सम्पन्न

उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे किसान खुशहाल होंगे तो देश खुशहाल होगा।

किसानों के लिए खेती-किसानी आजीविका का साधन ही नहीं अपितु देश की इकॉनामी को गति प्रदान करने, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक विकास का आधार है।

अन्नदाताओं का अभिनंदन करते हुए करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकी को अपनाकर, किसानों को सहयोग प्रदान कर, आने वाली पीढ़ियों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने की। अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और कृषि मंत्री राम विचार नेताम भी समारोह में उपस्थित थे।

उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने इस मौके पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई धान की इम्यूनोबूस्टर एवं कैंसर रोधी नवीन किस्म ‘संजीवनी’ से निर्मित तीन उत्पादों संजीवनी इंस्टैन्ट, संजीवनी मधु कल्क तथा संजीवनी राइस बार का लोकार्पण किया।

उन्होंने ने विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित कृषि दर्शिका 2024 का विमोचन भी किया।

इसके पहले उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने विश्वविद्यालय परिसर में कृषि स्टार्ट अप, बायोटेक और कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं कृषि मंत्री रामविचार नेताम के साथ विश्वविद्यालय परिसर में मौलश्री का पौधा रोपा।

कार्यक्रम के प्रारंभ में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गिरीश चंदेल ने अतिथियों का स्वागत किया।

उप राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और वैज्ञानिकों का आव्हान करते हुए कहा कि आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

इसमें किसानों का योगदान अतुलनीय है। कृषि के क्षेत्र में विद्यार्थियों और वैज्ञानिकों के योगदान से इसमें उत्तरोत्तर वृद्धि होगी। 2047 तक विकसित भारत का निर्माण केवल सपना नहीं हमारा लक्ष्य है।

इसे हासिल करने में कृषि के विकास में कृषि वैज्ञानिकों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में आज स्टार्टअप के लिए नई संभावनाएं और बेहतर विकल्प हैं।

उप राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनाने में आपकी भूमिका एक सैनिक की तरह है। आप किसानों को कृषि उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग और कृषि उत्पादों में वेल्यू एडिशन के लिए प्रोत्साहित करें।

हमारे किसान भी खेती किसानी में ड्रोन टेक्नालॉजी का उपयोग करें। इसके लिए भी उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। आज भारत तेजी से विकास कर रहा है।

आपके योगदान से विकास की यह रफ्तार और तेज होगी।

उन्होंने जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए वृक्षारोपण, खेती में आधुनिक तकनीक के उपयोग, खेती में सौर ऊर्जा के उपयोग, जल संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बहुल और प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न राज्य है। यह सुनिश्चित किया जाए कि इन संसाधनों का पूरा लाभ यहां के लोगों को मिले।

उन्होंने कहा कि ’इंडिया इज साईनिंग स्टार इन ग्लोबल इकानॉमी’ है। इसमें किसानों सहित सभी का योगदान हैं। सरकार की योजनाओं और बेहतर नीतियों ने इस उपलब्धि में उत्प्रेरक का काम किया है।

उप राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों के लिए यह अमृत काल है। अब कृषि दूध, सब्जी, तिलहन आदि के केवल उत्पादन तक सीमित नही है।

उत्पादनों का प्रसंस्करण कर वेल्यू एडिशन के क्षेत्र में बेहतर विकल्प उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने सभी को स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

   राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विश्व का अग्रणी देश बनाने में हमारे युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर विकसित भारत के निर्माण का अभियान शुरू किया गया है। विकसित भारत संकल्प यात्रा पूरे देश में आयोजित की जा रही है।

लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो रहे हैं और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं। हमारे देश में युवाओं की आबादी सबसे ज्यादा है। युवाओं में अपार क्षमता है वे इस अभियान को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

   उन्होंने कहा कि पीढ़ियों से कृषि छत्तीसगढ़ का मुख्य व्यवसाय रहा है, जो हमारे समुदायों को बनाए रखता है और हमारी संस्कृति का पोषण करता है।

हमारे राज्य की समृद्ध कृषि विरासत पर हम सभी को गर्व है। छत्तीसगढ़ कृषि-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार के एक रोमांचक युग का गवाह बन रहा है।

स्टार्टअप और कृषि-उद्यमी उल्लेखनीय प्रगति कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र के नवप्रवर्तक किसानों और सरकार के साथ सहयोग करें ताकि उनके नवाचार जनता तक पहुंचें।

   उन्होंने विद्यार्थियों और कृषि वैज्ञानिकों से कहा कि स्टार्टअप्स के साथ सहयोग करें, अपना ज्ञान किसानों के साथ साझा करें, और आईजीकेवी के कार्यक्रम के माध्यम से उपलब्ध संसाधनों का लाभ उठाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करें।

इससे कृषि न केवल उत्पादक होगी बल्कि टिकाऊ, लचीली और समावेशी भी होगी। उन्होंने कहा कि हम सभी बहुत भाग्यशाली हैं जो स्वतंत्र भारत के साथ-साथ गणतंत्र भारत के अमृत काल के साक्षी बने।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई धान की इम्यूनिटी बूस्टर किस्म संजीवनी काफी उपयोगी साबित होगी। उन्होंने स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी।

   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि वैज्ञानिकों और उद्यमियों की सहभागिता से हम किसानों के जीवन को खुशहाल और समृद्ध बनाएंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों का आव्हान करते हुए कहा कि कृषि और प्रदेश के कृषकों के विकास के लिए विशेष रणनीति बनाएं।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने हमेशा कृषि क्षेत्र के विकास को अपनी सर्वाेच्च प्राथमिकता में रखा है। उन्होंने हमेशा नवाचारों, अनुसंधानों और उद्यमिता के विकास को प्रोत्साहित और प्रेरित किया है।

राज्य सरकार भी इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से इसके लिए प्रतिबद्ध है। हम कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से अपने प्रदेश में कृषि विकास को नयी ऊंचाइयों पर स्थापित करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय ने कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार के क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य किया है। विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न फसलों की 160 से अधिक किस्में विकसित की गई हैं एवं 100 से अधिक उन्नत कृषि तकनीकों का भी विकास किया गया है।

उत्तर में बलरामपुर से लेकर दक्षिण में सुकमा तक कृषि महाविद्यालय, अनुसंधान केन्द्र एवं कृषि विज्ञान केन्द्र का मजबूत नेटवर्क विश्वविद्यालय के पास है। इस नेटवर्क की सहायता से विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के कृषि-विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

   मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने छत्तीसगढ़ के लोगों को खुशहाल जीवन की गारंटी दी है। उनकी गारंटी समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए है। इन गारंटियों को पूरा करने की शुरूआत हमने कर दी है।

मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभालते ही दूसरे ही दिन कैबिनेट की बैठक आयोजित कर प्रधानमंत्री आवास योजना के 18 लाख हितग्राहियों के आवास निर्माण की स्वीकृति देने का निर्णय लिया गया।

मोदी जी की गारंटी को पूरा करते हुए हम किसानों से 3100 रूपये प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी कर रहे हैं।

खरीदे जा रहे धान का भुगतान वर्तमान में समर्थन मूल्य के हिसाब से किया जा रहा है, शीघ्र ही किसानों को अंतर की राशि का भुगतान भी कर देंगे।

   उन्होंने कहा कि मोदी जी की गारंटी के अनुरूप हमने पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिन, सुशासन दिवस के अवसर पर 12 लाख किसानों के बैंक-खातों में दो साल के धान के बकाया बोनस की राशि 3716 करोड़ रुपए अंतरित कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि मोदी जी की गारंटी के अनुरूप हम खेतिहर मजदूरों को भी प्रतिवर्ष 10,000 रूपये आर्थिक सहायता प्रदान करेंगे।

महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना शीघ्र प्रारंभ की जाएगी। जिसमें उन्हें 12,000 रूपये प्रतिवर्ष प्राप्त होंगे। उन्होंने विद्यार्थियों का आव्हान करते हुए कहा कि आप अपनी शिक्षा एवं कौशल का उपयोग नए उद्यमों की स्थापना करने के लिए करें।

स्व-रोजगार अपनाकर आप स्वयं आय अर्जित कर सकते हैं एवं अन्य लोगो को भी रोजगार दे सकते हैं।

उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति, वैज्ञानिकों, अधिकारियों-कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं को स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारी, वैज्ञानिक, छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

बंगाल में फेल होगा INDIA का प्लान? जिद पर अड़ीं ममता, एकला चलो की राह पर कांग्रेस…

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बंगाल में फेल होगा INDIA का प्लान? जिद पर अड़ीं ममता, एकला चलो की राह पर कांग्रेस…

आने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियां इंडिया गठबंधन के बैनर तले भाजपा से लोहा लेने वाली हैं।

मगर गठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कोई एकमत नहीं हो पा रहा है। इंडिया गठबंधन के घटक दलों – कांग्रेस और टीएमसी के बीच पश्चिम बंगाल में सीट शेयरिंग को लेकर ठन गई है।

ऐसा बताया जा रहा है कि बंद कमरे के पीछे पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी ने बंगाल के सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

पहले टीएमसी, कांग्रेस को मौजूदा दो सीटें ऑफर कर रही थी मगर टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की हालिया बैठक के बाद यह बात छन कर आ रही है बंगाल में टीएमसी सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। वहीं अब कांग्रेस एकला चलो की राह पर है।

पश्चिम बंगाल में टीएमसी के सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की बात पर बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बयान दिया है।

उन्होंने कहा कि उन्हें फर्क नहीं पड़ता की टीएमसी क्या कर रही है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारे नेताओं ने इस मुद्दे पर बात की है।

मैं चुनाव लड़कर और जीतकर यहां पहुंचा हूं। मुझे पता है कि कैसे लड़ना है और कैसे जीतना है।” बता दें बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी 1999 से मुर्शिदाबाद की बेरहामपुर लोकसभा सीट जीत रहे हैं।

2011 की जनगणना के अनुसार, इस जिले में बंगाल की सबसे अधिक 66.28% मुस्लिम आबादी है। हालांकि, सीपीआई (एम) की तरह कांग्रेस 2021 में बंगाल में एक भी विधानसभा सीट नहीं जीत सकी। 

ममता की बैठक में क्या हुआ
नाम न छापने की शर्त पर बोलते हुए एक वरिष्ठ टीएमसी नेता ने कहा, “बैठक में भरतपुर के विधायक हुमायूं कबीर ने जब कहा कि अधीर रंजन चौधरी की मौजूदगी मुर्शिदाबाद में एक बड़ा कारक है, तो बनर्जी भड़क गईं। उन्होंने नाराज लहजे में कबीर से कहा कि चौधरी बिल्कुल भी कोई कारक नहीं हैं क्योंकि टीएमसी ने 2021 में उनके निर्वाचन क्षेत्र में सभी विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की और 2019 में जिले की अन्य दो लोकसभा सीटें- मुर्शिदाबाद और जंगीपुर भी जीतीं। नेता ने कहा, “ममता बनर्जी ने एक ही सांस में कहा कि टीएमसी बंगाल में सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।”

बैठक के बाद यही बात कबीर ने मीडिया के सामने भी कही। उन्होंने कहा, “2021 के चुनावों में वोट शेयर के मामले में टीएमसी बरहामपुर, मुर्शिदाबाद और जंगीपुर में कांग्रेस से बहुत आगे है। चौधरी भारतीय जनता पार्टी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। वह कोई कारक नहीं है। टीएमसी बंगाल में सभी 42 सीटें जीत सकती है।”

हालांकि, कांग्रेस और सीपीआई (एम) ने पहले कहा था कि इंडिया गठबंधन का मॉडल बंगाल में काम नहीं करेगा क्योंकि वे टीएमसी और बीजेपी दोनों के विरोधी हैं, लेकिन 19 दिसंबर को चीजों में एक नया मोड़ आया जब गठबंधन के नेताओं की दिल्ली में बैठक हुई।

बैठक में बनर्जी ने कहा कि वह बरहामपुर और निकटवर्ती मालदा जिले की मालदा दक्षिण सीट से उम्मीदवार नहीं उतारेंगी जिस पर 2009 से कांग्रेस का कब्जा है।

अधरी और ममता के बीच बढ़ीं तल्खियां
मालदा जिले में बंगाल की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एबीए गनी खान चौधरी के दो भाइयों में से एक अबू हासेम खान चौधरी के पास मालदा दक्षिण सीट है।

हालांकि, ममता द्वारा की गई सीटों की पेशकश के बाद अधीर रंजन चौधरी उनके खिलाफ बयान देने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि उन्हें टीएमसी के खैरात की जरूरत नहीं है।

बंगाल में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से कुछ दिन पहले, शुक्रवार को घटनाक्रम में सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान में एक मोड़ सामने आया।

चौधरी ने हाल ही में मणिपुर की यात्रा की और राहुल गांधी के साथ बैठक की। उन्होंने मंगलवार को कहा कि सीट बंटवारे पर अन्य दलों के साथ मतभेदों को सुलझाना मुश्किल नहीं होगा।

हालांकि, उन्होंने विशेष रूप से बंगाल का नाम नहीं लिया। कुछ कांग्रेस नेताओं ने कहा कि चौधरी को सार्वजनिक रूप से टीएमसी और बनर्जी के खिलाफ न बोलने की सलाह दी गई है।

अधीर रंजन चौधरी से शुक्रवार रात 8 बजे तक संपर्क नहीं हो सका लेकिन उनके करीबी सहयोगियों में से एक मुर्शिदाबाद के पूर्व विधायक और वरिष्ठ पीसीसी नेता मनोज चक्रवर्ती ने बनर्जी का विरोध किया।

चक्रवर्ती ने कहा, “चाहे ममता बनर्जी 42 या 442 उम्मीदवार उतारें, यह कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन चौधरी निश्चित रूप से एक कारक हैं। यह तब साबित हुआ जब कांग्रेस ने पिछले साल मुर्शिदाबाद में सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव में टीएमसी को हराकर जीत हासिल की। बनर्जी के बयान ने उनके डर को उजागर कर दिया है।”

कैसी रणनीति चा रही हैं ममता बनर्जी
टीएमसी नेताओं को लगता है कि बनर्जी एक ऐसी चुनावी रणनीति चाहती हैं जो बीजेपी को मुस्लिम समुदाय द्वारा डाले गए वोटों में किसी भी तरह के विभाजन का फायदा उठाने से रोक सके।

2011 की जनगणना के दौरान बंगाल की मुस्लिम आबादी 27.01% थी और अब बढ़कर लगभग 30% होने का अनुमान है।

सर्वेक्षणों से पता चला है कि मुस्लिम वोटों में बदलाव बंगाल के 294 विधानसभा क्षेत्रों में से कम से कम 120 में चुनाव परिणामों को प्रभावित करता है।

प्रिंसिपल बना दरिंदा, पढ़ने आई थीं नाबालिग छात्राएं; स्कूल में किया रेप…

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प्रिंसिपल बना दरिंदा, पढ़ने आई थीं नाबालिग छात्राएं; स्कूल में किया रेप…

ओडिशा में दो नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है।

बताया जा रहा है कि एक प्राइवेट स्कूल के प्रिंसिपल ने घंटी के दौरान दो नाबालिग लड़कियों का शारीरिक उत्पीड़न किया।

इस केस के सिलसिले में पुलिस ने शनिवार को बताया कि ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल को स्कूल के समय में दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

स्कूल के प्रिंसिपल की उम्र 45 साल बताई जा रही है। 

केंद्रपाड़ा के एक निजी स्कूल मधुसूदन विद्या मंदिर के प्रिंसिपल प्रदीप प्रधान को स्कूल परिसर के अंदर क्लास 6 और 7 की दो छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने कहा कि प्रिंसिपल ने 16 जनवरी को स्कूल में दो छात्राओं का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया।

माता-पिता को हुआ था शक
घटना तब प्रकाश में आई जब घटना के अगले दिन लड़कियों ने स्कूल जाने से इनकार कर दिया, जिससे उनके माता-पिता ने उनके फैसले का कारण जानना चाहा।

अपने माता-पिता द्वारा दबाव डाले जाने के बाद दोनों लड़कियों ने आरोपी शिक्षक द्वारा उन पर किए गए यौन उत्पीड़न के सिलसिले के बारे में उन्हें बताया।

स्कूल सुबह 6.30 से 11 बजे के बीच चलता है। स्कूल खत्म होने के बाद कुछ छात्र निजी ट्यूशन में पढ़ने के लिए यहां रुकते हैं। पुलिस ने कहा कि आरोपी प्रिंसिपल ने स्कूल समय के बाद दोनों लड़कियों के साथ बलात्कार किया।

पुलिस ने दर्ज किया मामाल
राजनगर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर अजय कुमार जेना ने कहा, “आरोपी पर आईपीसी की धारा 376 (एफ), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 506 (आपराधिक धमकी) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) की धारा- 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है।” इस बीच आरोपी हेडमास्टर की मेडिकल जांच कराई गई है और आज अदालत में पेश किए जाने की संभावना है।

1989 में किया पहली बार वादा ,भाजपा के लिए कैसे ‘वरदान’ बन गया राम मंदिर आंदोलन…

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1989 में किया पहली बार वादा ,भाजपा के लिए कैसे ‘वरदान’ बन गया राम मंदिर आंदोलन…

अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है।

साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाकर सदियों से चले आ रहे विवाद पर लगाम लगा दी।

राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भी राजनीति कम नहीं हुई। विपक्ष का कहना है कि भाजपा धर्म के इस मामले में भी राजनीति कर रही है।

कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेताओं ने प्राण प्रतिष्ठा का न्योता भी ठुकरा दिया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की अगुआई करने अयोध्या पहुंच रहे हैं।

चुनावों के दौरान भी भाजपा नेता राम मंदिर निर्माण का क्रेडिट लेने से चूकते नहीं हैं। दूसरी तरफ देखें तो राम मंदिर आंदोलन ही भाजपा के लिए वरदान साबित हुआ।

1984 में दो सीटें पाने वाली भाजपा ने जब राम मंदिर और हिंदूवादी राजनीति का रुख किया तो उसकी किस्मत पलटते चली गई। 

आजादी के दो साल बाद ही हिंदू महासभा ने राम मंदिर का मुद्दा उठाया था। हिंदू महासभा ने 14 अगस्त 1949 को एक प्रस्ताव पास किया जिसमें कहा या कि राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए।

इसके तीन दशक बाद विश्व हिंदू परिषद राम मंदिर को लेकर ऐक्टिव हुआ और 1984 में धर्म संसद का आयोजन किया गया।

इस धर्म संसद में कहा गया कि अयोध्या में राम मंदिर, मथुरा में कृष्ण मंदिर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए आंदोलन चलना चाहिए।

गौर करने वाली बात है कि उस वक्त कई कांग्रेस नेता इसके समर्थन में थे लेकिन भाजपा से समर्थन की आवाज बुलंद नहीं हुई थी।

1984 के लोकसभा चुनाव में जब भाजपा को महज दो सीटें मिलीं तो संघ ने एक बैठक बुलाई। इसके बाद तय किया गया कि गांधीवादी विचारधार के सहारे भाजपा राजनीति के पटल पर कमाल नहीं कर सकती। 

1989 में भाजपा ने किया अयोध्या का रुख
1989 के चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में प हली बार भारतीय जनता पार्टी ने राम मंदिर निर्माण को अपने घोषणापत्र में शामिल किया।

इसके बाद असर यह हुआ कि पिछले चुनाव में महज दो सीट जीतने वाली भाजपा को 85 सीटें मिलीं। मंदिर मुद्दे पर पार्टी की लोकप्रियता बढ़ने लगी। उस वक्त पार्टी के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी थे। उनकी लोकप्रियता बढऩे लगी। 

आडवाणी ने निकाली रथ यात्रा
1990 में जब मंदिर बनाम मंडल की जंग हुई तो जीत भाजपा की ही हुई। इसके बाद भाजपा ने रथ यात्रा का प्लान बना दिया। गुजरात के सोमनाथ से यह यात्रा शुरू की गई।

इसके बाद इस रथयात्रा के साथ बड़ा जनसमूह जुड़ने लगा। इस रथयात्रा ने भाजपा के साथ हिंदुओं को जोड़ने में बड़ी मदद की।

यहीं से भाजपा के लिए अखिल भारतीय पार्टी बनने का रास्ता खुल गया। 1991 मे मध्यावधि चुनाव हुआ तो भाजपा को 121 सीटों पर जीत हासिल हुई। पहली बार उत्तर प्रदेश में पार्टी सत्ता में आ गई और कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बन गए। 

1992 में मस्जिद तोड़े जाने के बाद गिरी कल्याण सरकार
1992 में जब बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया गया तो भाजपा को नुकसान भी उठाना पड़ा। इसके बाद 1996 से 2019 तक ऐसा कोई लोकसभा चुनाव नहीं रहा जब राम मंदिर के मुद्दे को भाजपा ने घोषणापत्र में जगह ना दी हो।

साल 2004 के आम चुनाव में गठबंधन के दलों को संतुष्ट रखने और राम मंदिर मुद्दे की जरूरत महसूस ना होने की वजह से भाजपा ने इंडिया शानिंग का नारा दिया।

भाजपा ने जब विकास का मुद्दा चुना तो उसकी हार हुई और 2014 तक कांग्रेस सत्ता पर काबिज रही। 

हालांकि 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फिर से जब विकास और भ्रष्टाचार उन्मूलन का मुद्दा सामने रखा गया तो भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी और केंद्र में बहुमत के साथ नरेंद्र मोदी की सरकार बन गई।

अब राजनीतिक पंडितों का कहना है कि राम मंदिर आंदोलन भारत की राजनीति में शायद सबसे ज्यादा अहम रहा है। अगर यह भाजपा के उत्थान का कारण बना तो यही कांग्रेस के पतन का भी कारण है। 

2019 के चुनाव के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर पर  फैसला सुना दिया। इसके बाद भाजपा के हौसले और बुलंद हो गए।

2020 में ही पीएम मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया और अब मंदिर बनकर तैयार है। भाजपा अब अगले चुनाव में 400 प्लस का सपना संजो रही है।

यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि राम मंदिर से अब भी भाजपा को बहुत उम्मीदें हैं। 

रायपुर : जिसका लोगों से मेल-मिलाप नहीं छूटता, उसकी लीडरशिप होती है पक्की : विधानसभा में प्रबोधन कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने विधायकों को दिया संदेश…

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रायपुर : जिसका लोगों से मेल-मिलाप नहीं छूटता, उसकी लीडरशिप होती है पक्की : विधानसभा में प्रबोधन कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने विधायकों को दिया संदेश…

जिसका जनसंपर्क नहीं छूटता, लोगों से मेल-मिलाप नहीं छूटता, उसकी लीडरशिप पक्की होती है।

इसलिए लोगों से खूब मिलिये, जितना संपर्क बढ़ाएंगे, आपको परिस्थितियों के बारे में उतना ही अधिक फीडबैक मिलेगा और आप अपने कार्यों का बेहतर तरीके से संचालन कर सकते हैं।

विधानसभा में प्रबोधन कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने विधायकों को यह संदेश दिया। डॉ. मांडविया ने कहा कि आप सभी अध्ययनशील हो, खूब पढ़ें, जब अपनी बात रखनी हो तो बहुत से संदर्भ दें।

इसके लिए राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय परिस्थितियों पर नजर रखें। हमेशा किसी विषय पर बात रखने के लिए उसके संदर्भ में पढ़ी गई चीजों को उद्धृत करें। सबसे ज्यादा आपका जनसंपर्क बढ़िया होना चाहिए, एक अच्छे लीडर का जनसंपर्क शानदार होता है।

सोशल मीडिया के उपयोग के संदर्भ में उन्होंने कहा कि आज के समय में सोशल मीडिया का उपयोग बहुत जरूरी है। इसके माध्यम से आप अपनी बात बहुत से लोगों तक प्रभावी रूप से पहुंचा सकते हैं।

योजनाओं की जानकारी की पहुंच का भी यह अच्छा माध्यम है। इसके लिए सोशल मीडिया का खूब उपयोग करें। मंत्री ने कहा कि विधानसभा में आपकी उपस्थिति शत-प्रतिशत होनी चाहिए।

इससे विधानसभा में आने वाले सभी मुद्दों की आपको गहरी समझ रहेगी। साथ ही आप विभिन्न वक्ताओं के पक्ष भी इसके माध्यम से जान पाएंगे और किसी भी मुद्दे के बारे में अनेक प्रकार के विचार अथवा अभिव्यक्ति जान सकेंगे।

डॉ. मांडविया ने कहा कि भारत विश्व का सबसे प्राचीन लोकतंत्र है। हम जितना मेहनत करेंगे, हमारा लोकतंत्र उतना ही मजबूत होगा।

हमें सोसायटी को भी मजबूत करने की दिशा में काम करना होगा। हमारी सोसायटी जितनी मजबूत होगी, हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा।

हम यदि अपने प्राचीन साहित्य का और इतिहास का अध्ययन करें तो लोकतांत्रिक परंपराएं हमारे इतिहास का गहरा हिस्सा रही हैं।

साहित्य और इतिहास के अनेक किस्से हमें बताते हैं कि भारत में लोकतांत्रिक परंपराओं की जड़े बहुत गहरी रही हैं।

डॉ. मांडविया ने विधायकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जितनी रुचि से वे विधानसभा की कार्यवाही में मन लगाएंगे, वे अपने क्षेत्र का उतना ही बेहतर तरीके से प्रतिनिधित्व कर पाएंगे।

जोर-जोर से खर्राटे ले रहा था पड़ोसी, ऐतराज किया तो चाकू से गोदकर मार डाला…

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जोर-जोर से खर्राटे ले रहा था पड़ोसी, ऐतराज किया तो चाकू से गोदकर मार डाला…

सोते हुए खर्राटे भरने की आदत कई लोगों को होती है। अकसर लोग इस आदत को लेकर ऐतराज भी जताते हैं लेकिन किसी के खर्राटे जानलेवा साबित हो जाएंगे, यह शायद किसी ने ना सोचा हो।

अमेरिका की मोंटगोमरी काउंटी में दो पड़ोसियों में खर्राटे को लेकर झगड़ा हो गया। विवाद इतना आगे बढ़ा कि एक पड़ोसी ने दूसरे पर चाकू से हमला कर दिया और बाद में उसकी मौत हो गई। 

रिपोर्ट के मुताबिक 62 साल के रॉबर्ट वैलेस की हत्या के मामले में 55 वर्षीय क्रिस्टोफर केजी को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि क्रिस्टोफर ने वैलेस पर सेना के चाकू से हमला किया था।

वैलेस घायल अवस्था में केजी के घर के पास ही पाए गए थे। वहीं केजी के भी पैर में चोट आई थी। दोनों इलाज के लिए एक ही अस्पताल में भर्ती थे। अस्पताल में ही वैलेस ने दम तोड़ दिया। 

पुलिस ने बताया कि रविवार को शाम के करीब साढ़े 6 बजे दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। जांच के मुताबिक दोनों का घर अगल-बगल ही था और एक दीवार जुड़ी हुई थी।

ऐसे में वैलेस को केजी के खर्राटे सुनाई दे रहे थे। उसने खर्राटे लेने पर ऐतराज जताया तो झगड़ा शुरू हो गया। वैलेस ने केजी के घर के बाहर आकर उसकी खिड़की की स्क्रीन उखाड़ दी।

इसके बाद केजी ने चाकू से हमला कर दिया। पुलिस को बाद में खून से लथपथ हालत में वैलेस मिले। पास में ही चाकू पड़ा था। केजी को पुलिस ने हिरालत में ले लिया।

केजी के खिलाफ थर्ड डिग्री मर्डर का केस दर्ज किया गया है। हालांकि कोर्ट ने 10 लाख डॉलर पर केजी को जमानत दे दी। अब अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी। 

होटल मैनेजर ने पत्नी को समंदर में डुबोकर मार डाला, फिर मचाने लगा शोर…

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1989 में किया पहली बार वादा ,भाजपा के लिए कैसे ‘वरदान’ बन गया राम मंदिर आंदोलन…

गोवा पुलिस ने एक होटल के मैनेजर को पत्नी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है।

लखनऊ के रहने वाले गौरव कटियार पर आरोप है कि उसने साउथ गोवा के बीच पर पत्नी की हत्या कर दी। वह लखनऊ का रहने वाला है।

पुलिस के मुताबिक 29 साल के कटियार अपनी पत्नी दीक्षा को घुमाने के बहाने बीच पर ले गया था। वह पत्नी को समंदर में ले गया और वहीं डुबोकर मार डाला। 

पुलिस ने कहा कि कटियार ने पत्नी को डुबोया और इसके बाद बहाना करने लगा कि उसकी पत्नी डूब रही है। उसने लाइफगार्ड्स को बताया कि वह आइसक्रीम लेने आया था और उसकी पत्नी पानी में डूब गई।

हालांकि वहां से गुजरने वाले एक शख्स ने वीडियो बना लिया गया था जिसमें देखा गया कि कटियार पत्नी के शव को छोड़कर निकल रहा था।

इसके बाद वह दोबारा लौटा और चेक किया कि उसकी जान चली गई है या नहीं। इसके बाद उसने शोर मचाना शुरू किया। 

कटियार कोलवा के एक वन स्टार होटल में मैनेजर की पोस्ट पर काम कर रहा था। कटियार की पत्नी के शव पर लगे चोट के निशान से पता चला कि उसकी हत्या की गई है। इसकेत बाद शुक्रवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

कोर्ट ने उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है। 

पुलिस ने कहा, हम पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं जिससे मौत की असली वजह का पता चल सके। वहीं हत्या के पीछे की वजह जांच के बाद पता चलेगी।

पुलिस का कहना है कि डेढ़ साल पहले ही कटियार और दीक्षा की शादी हुई थी। पुलिस को शक है कि विवाहेतर संबंध को लेकर यह हत्या की गई है।

ब्रह्म मुहूर्त में जागते हैं प्रधानमंत्री मोदी, 1 घंटा 11 मिनट विशेष मंत्र का कर रहे जाप; प्राण प्रतिष्ठा से पहले कठिन अनुष्ठान…

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ब्रह्म मुहूर्त में जागते हैं प्रधानमंत्री मोदी, 1 घंटा 11 मिनट विशेष मंत्र का कर रहे जाप; प्राण प्रतिष्ठा से पहले कठिन अनुष्ठान…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले 11 दिनों का विशेष अनुष्ठान कर रहे हैं।

इस दौरान उन्हें कुछ खास धार्मिक नियमों का पालन करना होता है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी आजकल हर दिन एक विशेष मंत्र का जाप कर रहे हैं।

सूत्रों के हवाले से बताया गया कि आध्यात्मिक दुनिया से जुड़े एक महान संत ने प्रधानमंत्री को यह मंत्र दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया कि पीएम मोदी प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में जाग जाते हैं और 1 घंटा, 11 मिनट तक इस मंत्र का जाप करते हैं। 11 दिनों के अनुष्ठान के दौरान इस मंत्र का जाप अनिवार्य बताया गया है। 

मालूम हो कि आमतौर पर ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 4 से 5.30 बजे के बीच माना गया है। हिंदू धर्म में इस काल को बहुत ही शुभ माना जाता है।

सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी 22 जनवरी तक इस खास मंत्र का जाप हर दिन करते रहेंगे। इससे पहले यह जानकारी सामने आई थी कि प्रधानमंत्री विशेष धार्मिक परंपरा के तहत फर्श पर कंबल के ऊपर सो रहे हैं और केवल नारियल पानी पी रहे हैं।

सूत्रों के हवाले से बताया गया कि मोदी गौपूजा कर रहे हैं और गौसेवा कर रहे हैं। इसके अलावा वह अन्नदान सहित अन्य चीजें भी दान कर रहे हैं। साथ ही शास्त्रों के अनुसार वह वस्त्र भी दान कर रहे हैं।

PM मोदी ने आज श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में की पूजा-अर्चना
सच्चे राम भक्त के रूप में पीएम मोदी ने पिछले कुछ दिनों में कई मंदिरों का दौरा किया है। इनमें नासिक स्थित रामकुंड और श्री कालाराम मंदिर, आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी में वीरभद्र मंदिर और केरल में तिरुप्रायर श्री रामास्वामी मंदिर प्रमुख हैं। इसी कड़ी में पीएम मोदी ने आज तिरुचिरापल्ली के श्रीरंगम में प्रसिद्ध श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की।

इसके बाद वह रामेश्वरम में रामनाथस्वामी मंदिर में भी पूजा-अर्चना करेंगे। वह श्रीरंगम में विभिन्न विद्वानों की ओर से किए जा रहे कंब रामायण के पाठ के भी सुनेंगे।

प्रधानमंत्री का दोपहर को रामेश्वरम जाने का कार्यक्रम है। इस दौरान वह मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना करेंगे व भजन सुनेंगे।

श्रीरंगम मंदिर को बोलोगा वैकुंठम या पृथ्वी पर वैकुंठम के नाम से भी जाना जाता है।

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