Home Blog Page 1972

रायपुर : राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली…

0
रायपुर : राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली…

राज्यपाल श्री हरिचंदन ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी

गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन द्वारा आज यहां राजधानी रायपुर में पुलिस परेड ग्राउंड  में ध्वजारोहण किया गया और परेड की सलामी ली गई।

’राज्यपाल श्री हरिचंदन द्वारा इस अवसर पर जनता के नाम दिए गए संदेश का मूल पाठ इस प्रकार है।’

आज 75 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाई और अनंत शुभकामनाएं।

भारत को आजादी दिलाने वाले अमर शहीदों और असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों को सादर नमन, जिनके त्याग तथा बलिदान के कारण, आजाद देश को अपना संविधान बनाने का अवसर मिला। उन सभी महान विभूतियों को सादर नमन, जिनके अथक परिश्रम और अपार प्रतिभा के कारण भारत को गौरवशाली संविधान मिला। हमारा संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा और एक लंबी यात्रा के उपरांत आज हम अपने गणतंत्र के अमृत महोत्सव के मुकाम पर पहुंचे हैं।

आज के दिन सन् 1950 में भारत का संविधान पूर्ण रूप से लागू हो गया था। हमारा महान संविधान लोकतंत्र की आत्मा है। देश की एकता और अखण्डता बनाए रखने का माध्यम है। संवैधानिक मूल्यों के प्रति अपनी आस्था और विश्वास बनाए रखकर ही प्रत्येक व्यक्ति और प्रदेश राष्ट्र के प्रति अपने कर्त्तव्य का निर्वाह कर सकता है। भारत का प्रत्येक नागरिक संविधान-प्रदत्त अधिकार के माध्यम से अपना जीवन संवार सकता है।

देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर, जैसी सभी महान विभूतियों के साथ ही प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, प्रथम विधि मंत्री बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर, प्रथम उपप्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल तथा उन लाखों मनीषियों को सादर नमन करता हूं, जिनके अनमोल योगदान के कारण हम सभी को दुनिया के महानतम गणतंत्र और सफलतम लोकतांत्रिक देश के नागरिक होने का गौरव मिला।

मैं इसी क्रम में भारत की वर्तमान राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु एवं वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी सादर स्मरण करता हूं, जिन्होंने अपने यशस्वी व्यक्तित्व एवं कृतित्व से यह साबित किया है कि हमारे संविधान और लोकतंत्र की शक्ति से साधारण परिवार में जन्मा व्यक्ति देश के शीर्षस्थ पदों पर पहुंच कर, अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सकता है। मां भारती के गौरव को ब्रम्हाण्ड के हर हिस्से में पहुंचा सकता है। समानता और न्याय के अधिकार की ऐसी बानगी विश्व कल्याण का माध्यम बन रही है।

गणतंत्र दिवस जन-जन के अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों के प्रति अपनी आस्था को मजबूत करने का अवसर है। यह कार्य आम जनता की बुनियादी जरूरतों को पूरा करते हुए, सबको विकास के साधन-सुविधाएं-अवसर देकर ही किया जा सकता है।

यह सुखद संयोग है कि केन्द्र एवं राज्य सरकार ने मिलकर अनेक जनहितकारी नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों को तेजी से अमल में लाने की दिशा में पुरजोर प्रयास प्रारंभ किया है। छत्तीसगढ़ में छठवीं विधानसभा के गठन के बाद नवगठित सरकार द्वारा पहली कैबिनेट से ही सभी वादे पूरे करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है।

‘‘प्रधानमंत्री आवास योजना‘‘ से भारत के हर आवासहीन परिवार की आंखों में यह सपना जागा था कि अब उनके भी सर पर अपनी छत होगी। देश के अनेक राज्यों में यह लक्ष्य समय पर पूरा किया गया लेकिन छत्तीसगढ़ में कतिपय कारणों से विलंब की स्थिति बनी रही। नई  सरकार ने आते ही ग्रामीण अंचल में लगभग 18 लाख पक्के आवासों के निर्माण का निर्णय लिया है, जो इन परिवारों के लिए बहुत राहत भरा कदम है।

मेरी सरकार ने प्रदेश के अन्नदाताओं को आर्थिक रूप से सशक्त और स्वावलंबी बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य के जन्मदाता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिवस, 25 दिसम्बर को एक बार फिर सुशासन दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर एक और वादा निभाते हुए 12 लाख से अधिक किसानों को दो साल के, धान के बकाया बोनस के रूप में 3 हजार 716 करोड़ रुपए की राशि उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की गई। प्रदेश के किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का निर्णय भी लिया जा चुका है।

समर्थन मूल्य पर धान बेचने की राशि का भुगतान किसानों को 48 घंटे के भीतर सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई, जिसमें 90 प्रतिशत प्रकरणों में सफलता मिली है। इस व्यवस्था को और मजबूत बनाया जा रहा है। सभी ऑनलाइन धान खरीदी केन्द्रों में किसानों के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से धान खरीदी की कार्यवाही की जा रही है।

मेरी सरकार ने किसानों को निशुल्क बिजली देने के लिए कृषक जीवन ज्योति योजना की शुरूआत वर्ष 2013-2018 के कार्यकाल में की थी, जिसका लाभ अब लगभग 7 लाख किसानों को मिलने लगा है। इस कार्य को और अधिक सुचारू, सुगम बनाते हुए समय-सीमा में पूर्ण करने के लिए लगभग 1 हजार 123 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि देने की व्यवस्था की गई है, जो पहले से स्वीकृत 2 हजार 900 करोड़ रुपए के अतिरिक्त है।

सूर्य देव की कृपा को सौर प्रौद्योगिकी के माध्यम से व्यापक जनहित में उपयोग के लिए मेरी सरकार की ‘‘सौर सुजला योजना‘‘ के तहत 1 लाख 52 हजार से अधिक सोलर सिंचाई पम्प स्थापित किए जा चुके हैं, जो देश में सर्वाधिक हैं। इसके अलावा सोलर पेयजल पम्पों से 4 लाख 57 हजार परिवारों को लाभ मिल रहा है। वन बाधित क्षेत्रों में 867 गांवों के 1 लाख 35 हजार से अधिक परिवारों को रोशनी मिल रही है।

राज्य में महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन एवं सशक्तीकरण को बढ़ावा देने की सकारात्मक सोच एवं पवित्र उद्देश्य से ‘‘महतारी वंदन योजना‘‘ प्रारंभ करने का वादा भी निभाने की तैयारी है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत प्रदेश के 36 लाख से अधिक महिला हितग्राहियों को रसोई गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान छूटे हुए पात्र हितग्राहियों को गैस कनेक्शन देने का विशेष अभियान भी संचालित किया जा रहा है।

माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर जल जीवन मिशन‘‘ प्रारंभ कर हर घर नल-जल पहुंचाने का वादा किया था। राज्य में अभी तक 36 लाख 13 हजार से अधिक परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन दिए गए हैं, इसमें तेजी लाने के लिए मेरी सरकार ने अतिरिक्त धनराशि का प्रावधान किया है ताकि छत्तीसगढ़वासियों को अपने घर में अपने नल की सुविधा जल्दी से जल्दी मिल सके।

देश के गरीब परिवारों को कोविड-19 महामारी के समय पोषण उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा ‘‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना‘‘ लागू की गई थी। इस योजना से मिली व्यापक राहत को देखते हुए इसका विस्तार किया गया और अब आगामी 5 वर्षों तक इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के लगभग 68 लाख पात्र परिवारों को प्रतिमाह निःशुल्क चावल दिया जाएगा। यह निर्णय मानव इतिहास में न्याय की बहुत बड़ी मिसाल बनेगा, जिससे छत्तीसगढ़ की भावी सेहतमंद पीढ़ी के निर्माण में भी मदद मिलेगी।

युवा शक्ति हमारे सुरक्षित भविष्य का आधार है। इसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा-संस्कारों के साथ आजीविका के न्यायपूर्ण अवसर दिलाना हम सबकी जिम्मेदारी है। मेरी सरकार ने वादा किया था कि युवाओं के साथ हुए अन्याय की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। इसके लिए पीएससी प्रकरण की सीबीआई जांच का निर्णय लेकर चयन प्रक्रिया में निष्पक्षता, पारदर्शिता व सुधार लाने का प्रयास किया गया है।

भगवान श्रीराम के प्रति आस्था, श्रद्धा और भक्ति का भाव भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लोगों में व्याप्त है। उनकी जन्म स्थली अयोध्या में भगवान राम की स्मृतियों को सहेजने के लिए समस्त स्थलों का जीर्णाेद्धार और भव्य मंदिर के निर्माण का सपना 500 वर्षों से जन-जन की आंखों में संजोया हुआ है। यह सपना भगवान श्री राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के साथ पूरा हुआ है। मेरी सरकार ने प्रदेश की जनता के लिए श्री रामलला दर्शन योजना प्रारंभ करने का वादा किया था. जिसे पूरा करने का निर्णय ले लिया गया है। इस योजना के तहत हर वर्ष लगभग 20 हजार लोगों को अयोध्या धाम के साथ ही वाराणसी, काशी विश्वनाथ मंदिर एवं कॉरिडोर की तीर्थ यात्रा कराई जाएगी।

स्वच्छता को लेकर भारत सरकार की प्राथमिकता जग-जाहिर है। मुझे खुशी है कि केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में छत्तीसगढ़ को देश के तीसरे सबसे स्वच्छ राज्य के खिताब से नवाजा गया है। उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए छत्तीसगढ़ को विभिन्न श्रेणियों में 6 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। मेरी कामना है कि स्वच्छता से हम बेहतर स्वास्थ्य एवं उच्चतर जीवन स्तर के बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल हों।

प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम- जनमन) के अंतर्गत प्रदेश के 19 जिलों की विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह की 1 हजार 991 बसाहटों में मूलभूत सेवाएं और सुविधाएं पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। मेरा विश्वास है कि इस कार्य से अंत्योदय को बल मिलेगा और समाज के सबसे कमजोर तबकों का सशक्तीकरण होगा।

इसी प्रकार विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं से छत्तीसगढ़ के पात्र हितग्राहियों को अवगत कराने, जागरूक करने तथा अभी तक योजनाओं की पहुंच में नहीं आए लोगों को जोड़कर, उन्हें लाभान्वित करने का महाअभियान भी संचालित किया जा रहा है।

हमारे गणतंत्र की सफलता में जन-जन की सदाशयता, परस्पर सहयोग, प्रदेश और देश के निर्माण में भागीदारी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सम्मत विकास की दृढ़ इच्छाशक्ति समाहित है। वहीं दूसरी ओर हमारी पुरातन संस्कृति, आध्यात्मिक चेतना के साथ लगाव का योगदान भी है। एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन से हमें मानव और राष्ट्र के प्रति कर्त्तव्य निर्वहन की सार्थक प्रेरणा मिलती है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, कमजोर वर्गों, महिलाओं, युवाओं, बच्चों, किसानों, ग्रामीणों, वनवासियों के समुचित विकास पर सर्वाधिक ध्यान देने की चेतना मेरी सरकार का मूलमंत्र है।

हम सबको मिलकर छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण को लेकर युग पुरुष अटल जी का सपना पूरा करना है। छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त, कानून-व्यवस्था और शांति का द्वीप तथा विकास का गढ़ बनाना है। ‘‘सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास‘‘ की रणनीति से छत्तीसगढ़ की बेहतरी के हर लक्ष्य प्राप्त किए जाएंगे।

अटल से नरेंद्र मोदी तक, 8 बार सीएम बने नीतीश; भाजपा से चलती रही लव-हेट स्टोरी…

0
अटल से नरेंद्र मोदी तक, 8 बार सीएम बने नीतीश; भाजपा से चलती रही लव-हेट स्टोरी…

बिहार में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन की आहट मिल रही है।

अगर ऐसा होता है तो नीतीश कुमार नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। बिहार के आरजेडी-जेडीयू का गठबंधन टूटने की कगार पर है।

वहीं अटकलें चल रही हैं कि नीतीश कुमार की अगुआई में जेडीयू फिर से एनडीए में शामिल हो जाएगी। आम चुनाव से पहले यह एक तरफ भाजपा के लिए बड़ी खुशखबरी होगी तो दूसरी तरफ इस फैसले के साथ ही INDIA गठबंधन पूरी तरह बिखरा नजर आएगा।

नीतीश कुमार और भाजपा के बीच लव और हेट स्टोरी पिछले 10 साल से चलती ही ही है। वहीं 23 साल में भले ही पांच बार ही बिहार के विधानसभा चुनाव हुए हों लेकिन नीतीश कुमार 8 बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं।

अजब है नीतीश-भाजपा की लव-हेट स्टोरी
नीतीश कुमार अपने सहयोगियों को कई बार चौंका चुके हैं। यहां तक कि भाजपा भी कभी उनके मन की बात नहीं जान पाई। नीतीश कुमार ऐसे नेता हैं जिन्होंने भाजपा की कई पीढ़ियों के साथ काम किया है।

वह अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मोदी-शाह की भाजपा में काम कर चुके हैं। साल 2000 में वह पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। वहीं वाजपेयी सरकार में वह केंद्र में भी जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। 

साल 2000 में भाजपा के समर्थन से ही नीतीश कुमार ने बिहार के सीएम पद की शपथ ळी थी। उस वक्त एनडीए के पास 151 एमएलए थे जबकि आरजेडी के पास 159 विधायक थे।

नीतीश कुमार ने सीएम पद की शपथ तो ले ली लेकिन सात दिन के भीतर ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया। इसके बाद 2005 के विधानसभा चुनाव में एनडीए में रहते हुए ही वह भाजपा के समर्थन के साथ दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। 

2010 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी को तगड़ा झटका लगा था। एनडीए को 206 सीटें मिलीं जो कि 85 पर्सेंट सीटें थीं। वहीं आरजेडी 22 सीटों पर सिमट गई।

इस बार जेडीयू के 141 उम्मीदवार उतरे थे जिनमें से 115 जीत गए। 2010 में नीतीश कुमार सीएम बन गए और भाजपा के सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री बने। 

2014 में छोड़ दिया भाजपा का साथ
नीतीश 14 साल तक भाजपा के साथ चलते रहे लेकिन जब प्रधानमंत्री चेहरे के रूप में नरेंद्र मोदी को प्रोजेक्ट किया गया तो दरार पैदा हो गई।

चर्चा यह भी थी कि नीतीश खुद को भी पीएम पद का दावेदार मानते थे। अब उनका कहना था कि भाजपा में अटल-आडवाणी का वक्त खत्म हो गया है इसलिए वह नए लोगों के साथ तालमेल नहीं बैठा पाएंगे। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि,रहें या ना रहें लेकिन भाजपा के साथ हाथ नहीं मिलाएंगे। 

2014 में भाजपा की प्रचंड जीत हुई। वहीं बिहार में उनकी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं था। इसके बाद नैतिक जिम्मेदारी का हवाला देते हुए नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया।

जीतनराम मांझी मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद 2015 के चुनाव में उन्होंने भाजपा का जमकर विरोध किया और बिहार में महागठबंधन का हिस्सा हो गए।

यह चुनाव नीतीश ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा। चुनाव के बाद वह मुख्यमंत्री बने और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बन गए। जब तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो नतीश को फिर से पाला बदलने का मौका मिल गया। उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद एनडीए के साथ मिलकर उन्होंने शपथ ग्रहण किया। 

2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश ने फिर से भाजपा के साथ चुनाव लड़ा लेकिन इस चुनाव में आरजेडी को नुकसान ही हुआ। यह बात नीतीश पचा नहीं पा रहे थे।

उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली लेकिन कुछ दिन बाद ही 2022 में एक बार फिर इस्तीफा दे दिया। उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ फिर से आरजेडी का साथ पकड़ा और मुख्यमंत्री बन गए। अब एक बार फिर अटकलें हैं कि नीतीश कुमार आरजेडी का साथ छोड़ सकते हैं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर के लालबाग मैदान में 75वें गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी दी…

0
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर के लालबाग मैदान में 75वें गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी दी…

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर के लालबाग मैदान में 75वें गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी दी।

उन्होंने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी।

इस नए रूट पर जल्द दौड़ेगी वंदे भारत ट्रेन; जान लीजिए डिटेल्स…

0
इस नए रूट पर जल्द दौड़ेगी वंदे भारत ट्रेन; जान लीजिए डिटेल्स…

 देशभर में अब तक लगभग सभी राज्यों को उनकी वंदे भारत ट्रेनें मिल चुकी हैं।

लगातार वंदे भारत ट्रेनों को लॉन्च किया जा रहा है।

पिछले महीने के आखिर में ही पीएम मोदी ने अयोध्या से एक साथ पांच वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई थी। अब जल्द ही एक और नए रूट पर वंदे भारत ट्रेन लॉन्च हो सकती है।

रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा है कि जल्द ही महाराष्ट्र के कोल्हापुर से भी वंदे भारत ट्रेन शुरू की जाएगी। माना जा रहा है कि इससे बड़ी संख्या में यात्रियों को फायदा मिल सकता है।

बता दें कि कोल्हापुर से मुंबई रूट पर चलने वाली नई महालक्ष्मी एक्सप्रेस ट्रेन को दानवे ने वर्चुअल तरीके से मुंबई से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस दौरान, सांसद धनंजय महाडिक, धैर्यशील माने, संजय मांडलिक आदि मौजूद थे। स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस मौके पर दानवे ने वादा किया कि दो महीने के भीतर वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत की जाएगी। 

बता दें कि पिछले साल 2023 में भारतीय रेलवे ने 34 वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत की है। इस साल देशभर में 60 नई वंदे भारत ट्रेनों को लॉन्च करने का लक्ष्य है।

यह ट्रेनें 14 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों को मिलने की संभावना है। मनी कंट्रोल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रेलवे को साल 2024 में कुल 70 ट्रेनों की डिलिवरी मिल सकती है। इसमें से 15 नवंबर से पहले 60 मिलेंगी, जिन्हें नए रूट्स पर चलाया जाएगा। रे

लवे ने अब तक 35 रूट्स की भी पहचान कर ली है, जिनपर इन नई वंदे भारत ट्रेनों को शुरू किया जाएगा। बाकी अन्य रूट्स के लिए लगातार स्टडी चल रही है।

अपोलो महाविद्यालय में गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास से मनाया…

0
अपोलो महाविद्यालय में गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास से मनाया…

दुर्ग अपोलो महाविद्यालय अंजोरा में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास से किया गया।

75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के सफाई कर्मचारियों के द्वारा ध्वजारोहण किया गया एवं राष्ट्रीयगान गाकर राष्ट्र के प्रति सम्मान व देशप्रेम की भावना प्रकट की गई।

इस अवसर पर महाविद्यालय के चेयरमेन बी.एस.भाटिया, संचालक आशीष अग्रवाल, संजय अग्रवाल, मनीष जैन व विशेष अतिथि भूषण साहू उपस्थित रहें।

उन्होने सभी छात्र-छात्राओं, प्राध्यापकों व कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं व बधाई दी। इस अवसर पर अपोलो काॅलेज ऑफ़ नर्सिंग, फार्मेसी, फिजियोथैरेपी व शिक्षा विभाग के विद्यार्थियों ने गीत संगीत में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस प्रकार गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया गया।

न तो फांसी पर लटकाया, न ही इंजेक्शन लगाया; नाइट्रोजन गैस सुंघाकर दिया मृत्युदंड…

0
न तो फांसी पर लटकाया, न ही इंजेक्शन लगाया; नाइट्रोजन गैस सुंघाकर दिया मृत्युदंड…

अमेरिका के अलबामा में हत्या मामले के दोषी को नाइट्रोजन गैस सुंघाकर मृत्युदंड दिया गया।

यह इस तरह का पहला मामला है। इसी के साथ ही यूएस में मृत्युदंड को लेकर बहस फिर से छिड़ गई है। राज्य प्रशासन का कहना है कि यह नया तरीका मानवीय है, लेकिन आलोचकों ने इसे क्रूर बताया है।

अधिकारियों ने बताया कि 58 वर्षीय केनेथ यूजीन स्मिथ को एक फेस मास्क के जरिए गुरुवार को नाइट्रोजन गैस सुंघाई गई, जिसके कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी से उसकी मौत हुई।

स्मिथ को अलमाबा जेल में रात 8 बजकर 25 मिनट पर मृत घोषित कर दिया गया।

अमेरिका में 1982 के बाद से घातक इंजेक्शन देकर मौत की सजा देने का प्रावधान शुरू हुआ था और तभी से मृत्युदंड देने के लिए आमतौर पर यही तरीका अपनाया जाता है।

अमेरिका में नाइट्रोजन सुंघाकर मौत की सजा देने का यह पहला मामला है। राज्य ने एक व्यक्ति से सुपारी लेकर उसकी पत्नी की हत्या करने के 1988 के मामले में दोषी स्मिथ को 2022 में भी मृत्युदंड देने की कोशिश की थी, लेकिन उस समय किसी तकनीकी समस्या के कारण इसे अंत समय पर रोक दिया गया था।

टेस्ट करने की चीज के तौर पर हुआ इस्तेमाल: वकील 
नए तरीके से सजा दिए जाने के खिलाफ कानूनी लड़ाई हार जाने के बाद स्मिथ को नाइट्रोजन सुंघाकर मृत्युदंड दिया गया।

स्मिथ के वकीलों ने दावा किया था कि राज्य सजा के ऐसे तरीके का प्रयोग करने के लिए उसे परीक्षण वस्तु की तरह इस्तेमाल कर रहा है, जो दंड देने के क्रूर और असामान्य तरीके पर संवैधानिक प्रतिबंध का उल्लंघन कर सकता था।

अमेरिकी उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार रात स्मिथ की इस याचिका को खारिज कर दिया।

इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा हो रही है और लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं। जहां एक ओर कुछ लोगों ने इसका समर्थन किया है, तो दूसरी ओर लोग इसके विरोध में भी हैं। 

कर्तव्य पथ पर निकली छत्तीसगढ़ की झांकी “बस्तर की आदिम जनसंसद : मुरिया दरबार”…

0
कर्तव्य पथ पर निकली छत्तीसगढ़ की झांकी “बस्तर की आदिम जनसंसद : मुरिया दरबार”…

जनसंपर्क विभाग ने तैयार की थी झांकी

जनजातीय संस्कृति में लोकतांत्रिक चेतना को प्रदर्शित करती हुई छत्तीसगढ़ की झांकी रही आकर्षण का केंद्र

नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल छत्तीसगढ़ की झांकी “बस्तर की आदिम जनसंसद : मुरिया दरबार” ने दर्शकों का मन मोह लिया।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के अनेक शीर्षस्थ लोग, विशिष्ट अतिथिगण तथा आम-नागरिक दर्शक-दीर्घा में उपस्थिति थे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि थे।

प्रदेश की इस झांकी के विषय चयन एवं प्रस्तुतिकरण के लिए राज्य शासन ने जनसंपर्क विभाग को जिम्मेदारी दी थी। विषयों पर व्यापक शोध एवं अन्वेषण के बाद वरिष्ठ अधिकारियों एवं विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में झांकी को तैयार किया गया था।

छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम ‘भारत लोकतंत्र की जननी’ पर आधारित थी। यह झांकी जनजातीय समाज में आदि-काल से उपस्थित लोकतांत्रिक चेतना और परंपराओं को दर्शाती है, जो आजादी के 75 साल बाद भी राज्य के बस्तर संभाग में जीवंत और प्रचलित है।

इस झांकी में केंद्रीय विषय “आदिम जन-संसद” के अंतर्गत जगदलपुर के “मुरिया दरबार” और कोंडागांव जिले के बड़े डोंगर में स्थित “लिमऊ-राजा” को दर्शाया गया था। झांकी के प्रदर्शन के दौरान कर्तव्य पथ पर छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने परब नृत्य भी प्रस्तुत किया।

खतरे में था वजूद, नहीं मिल रहा था सम्मान… नीतीश क्यों छोड़ना चाहते हैं महागठबंधन, जेडीयू विधायक ने दिया जवाब…

0
खतरे में था वजूद, नहीं मिल रहा था सम्मान… नीतीश क्यों छोड़ना चाहते हैं महागठबंधन, जेडीयू विधायक ने दिया जवाब…

बिहार में दो दिनों से सियासी ड्रामा चालू है।

ऐसी अटकलें हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए का दामन थाम सकते हैं और भाजपा के सपोर्ट से बिहार में सरकार बना सकते हैं।

इसे लेकर आज दिनभर सस्पेंस जारी रहा। इस दौरान कई नेताओं के बयान आए। सियासी चहलकदमी के दौरान दोपहर और फिर देर शाम देखा गया है कि नीतीश कुमार और महागठबंधन की घटक दलों में शामिल आरजेडी के नेता मीटिंग करते रहे।

वहीं बिहार की सियासत में कल का दिन अहम है। बिहार में तीन पार्टियां – जेडीयू, आरजेडी और भाजपा मौजूदा हालात को लेकर बैठक करने वाली हैं।

इसी बीच जेडीयू के विधायक गोपाल मंडल ने शुक्रवार को कहा कि महागठबंधन में नीतीश कुमार को सम्मान नहीं मिला। उनका बयान सीधे तौर पर इशारा है कि नीतीश कुमार और महागठबंधन के बीच सबकुछ ठीक नहीं है।

आरजेडी ने पूछा नीतीश से सवाल
आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा ने पटना में संवाददाताओं से कहा कि जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार को इन अफवाहों के बीच स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि वह भाजपा की एनडीए में वापस जाने की योजना बना रहे हैं।

उन्होंने कहा, ”हमने लोगों के कल्याण के लिए और भाजपा को हराने के लिए मिलकर सरकार बनायी है। व्याप्त भ्रम बिहार में जनजीवन को प्रभावित कर रहा है। केवल मुख्यमंत्री ही भ्रम को दूर कर सकते हैं।”

जेडीयू विधायक का बड़ा बयान
वहीं समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान जेडीयू के विधायक गोपाल मंडल ने कहा, “हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष (नीतीश कुमार) जहां भी जाएंगे, हम उनका अनुसरण करेंगे। लोग अपने अस्तित्व को बचाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं।

उनका अस्तित्व खतरे में है। उनका सम्मान नहीं किया गया; उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। जेडीयू के विधायक मजबूत हैं, इसलिए उन्हें तोड़ना संभव नहीं है।” उनका यह बयान आरजेडी सांसद मनोज सिन्हा के सवाल का जवाब माना जा रहा है।

भाजपा ने साधी चुप्पी
वहीं भाजपा ने इस बात को लेकर बयान देने से कतराती रही कि क्या जेडीयू के साथ हाथ मिलाने के बारे में कोई फैसला लिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार के घटनाक्रम पर पार्टी नेताओं के साथ आज परामर्श किया।

बिहार में राजनीतिक सरगर्मी के बीच आरजेडी ने नीतीश कुमार से ‘भ्रम’ को दूर करने का आग्रह किया जिसका असर राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन पर पड़ रहा है। हालांकि, नीतीश कुमार ने अपने पत्ते अब तक नहीं खोले हैं।

बिहार की सियासत को लेकर आज क्या हुआ
भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा जैसे अपने सहयोगियों के साथ भी संपर्क में हैं। पासवान और कुशवाहा मुख्यमंत्री कुमार का विरोध करते रहे हैं। हालांकि, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता पासवान ने कहा कि वह भाजपा नेतृत्व के निर्णय के अनुसार चलेंगे।

इस बीच, बिहार में भाजपा नेताओं का एक वर्ग नीतीश कुमार के साथ गठबंधन के लिए उत्सुक नहीं है। ऐसे नेताओं का दावा है कि मुख्यमंत्री का प्रभाव कम हो रहा है और उनकी ‘घटती विश्वसनीयता’ भाजपा को नुकसान पहुंचाएगी।

मुख्यमंत्री कुमार के मुखर आलोचक केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ”मैं न तो किसी का स्वागत कर रहा हूं और न ही किसी के खिलाफ हूं।

यह केंद्रीय नेतृत्व का निर्णय है। वे जो भी निर्णय लेंगे, मुझे यकीन है कि यह राज्य और पार्टी के हित में होगा।” यह पूछे जाने पर कि क्या वह नये सिरे से भाजपा-जेडीयू गठबंधन की संभावना से खुश हैं, सिंह ने कहा, “मैं न तो खुश हूं और न ही नाखुश। मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं, जो भी निर्णय लिया जाएगा मैं उसका पालन करूंगा।”

रायपुर : सुकमा में विधायक नीलकंठ टेकाम ने किया ध्वजारोहण…

0
रायपुर : सुकमा में विधायक नीलकंठ टेकाम ने किया ध्वजारोहण…

सुकमा जिले में जगह-जगह गरिमामय ढंग से मनाया गया गणतंत्र दिवस

नक्सली हिंसा में शहीद जवानों के परिजनों को किया सम्मानित 

सुकमा जिले में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया।

जिला मुख्यालय सुकमा के मिनी स्टेडियम में आयोजित गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह में मुख्य अतिथि केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम ने ध्वजारोहण किया।

मुख्य अतिथि द्वारा परेड का निरीक्षण एवं सलामी ली गई। उन्होंने शान्ति और प्रेम के प्रतीक सफेद कबूतर और हर्ष व उल्लास के प्रतीक रंगीन गुब्बारे आसमान में छोड़े।

इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री का जनता के नाम संदेश का वाचन किया। समारोह में टेकाम ने नक्सली हिंसा में शहीद हुए जवानों के परिजनों को शॉल और श्रीफल देकर सम्मानित किया और उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम (सामूहिक नृत्य) की प्रस्तुति में प्रथम स्थान शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुकमा को, द्वितीय स्थान बालक आश्रम, झापरा और तृतीय स्थान कन्या शासकीय बालिका विद्यालय छिंदगढ़ को मिला।

झांकी प्रदर्शन में प्रथम स्थान शिक्षा विभाग,द्वितीय स्थान पशु चिकित्सा विभाग और तृतीय स्थान पर आदिवासी विभाग को घोषित किया गया। परेड प्रदर्शन सीनियर विंग में प्रथम स्थान बस्तर फाइटर, द्वितीय स्थान छत्तीसगढ़ जिला पुलिस बल तथा तृतीय स्थान छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल को प्राप्त हुआ।

इसी तरह परेड जूनियर वर्ग में प्रथम शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुकमा, द्वितीय आईएमएसटी स्कूल सुकमा और तीसरा स्थान सेजस शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुकमा का रहा। 

     गणतंत्र दिवस समारोह में जिला पंचायत सुकमा के अध्यक्ष हरीश कवासी, अध्यक्ष नगर पालिका जगन्नाथ साहू, उपाध्यक्ष नगर पालिका श्रीमती आयशा हुसैन, धनीराम बारसे, मनोज देव, सोयम मुक्का, हूँगाराम मरकाम, रामा सोड़ी, अरुण सिंह भदौरिया अन्य जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक किरण गंगाराम चव्हाण सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे  उपस्थित थे।

आतंकवाद से नहीं, मगर हर दिन होती है 15-35 पाकिस्तानियों की मौत; यह है वजह…

0
आतंकवाद से नहीं, मगर हर दिन होती है 15-35 पाकिस्तानियों की मौत; यह है वजह…

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अपने यहां कई आतंकवादी गुटों को पनाह देता आया है।

यही आतंकवादी गुट अक्सर पाकिस्तान के लिए आस्तीन का सांप बन जाते हैं।

आए दिनों देखने को मिलता है कि पाकिस्तान में आतंकी हमले हुए हैं। ऐसे हमलों में कई लोगों की जान चली जाती है। मगर एक और कारण है जिस वजह से पड़ोसी देश पाकिस्तान में लोगों की जान जा रही है वह है खुदकुशी।

पाकिस्तान में हर दिन 15-35 लोगों की जान जाने का कारण खुदकुशी है। पाकिस्तान के मशहूर अखबार डॉन की खबर के मुताबिक, एक संस्था ने साल 2020 में उनकी रिपोर्ट का हवाला देते हुए पाकिस्तान में खुदकुशी के जरिए होने वाली मौत को लेकर एक सर्वे किया है।

टेलर और फ्रांसिस द्वारा प्रकाशित सर्वे में इस बात का जिक्र है कि पाकिस्तान में हर घंटे एक और हर दिन 15-35 लोगों की जान खुदकुशी के कारण चली जाती है।

किन वजहों से लोग कर रहे खुदकुशी
सर्वे करने वालों का कहना है कि पाकिस्तान जैसे देश में जहां खुदकुशी जैसे संवेदनशील विषयों पर डाटा इकट्ठा करना मुश्किल होता वहीं अखबार का डेटा इस मामले में कारगार साबित हुआ।

बता दें डॉन ने साल 2020 में पाकिस्तान में होने वाली खुदकुशी पर एक रिपोर्ट जारी किया था, वही रिपोर्ट टेलर और फ्रांसिस के सर्वे का आधार बना।

रिपोर्ट में दावा किया गया है लोग मानसिक परेशानियों से ग्रसित लोग खुदकुशी की राह पर चलते हैं।

सामजिक बाधाएं, महिलाओं के साथ होने वाले दुर्वयवहार और अनैतिक कृत्य की वजह से पाकिस्तान में लोग खुदकुशी करते हैं। हालांकि, रिपोर्ट में इस बात का दावा है कि शहरों की अपेक्षा ग्रामीण स्तर पर आत्महत्या करने वालों के डेटा का अभाव है।

आतंकवाद भी ले रहा पाकिस्तानियों की जान
पाकिस्तान के थिंक टैंक सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीआरएसएस) की सालाना रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में 789 आतंकी हमलों और आतंक रोधी कार्रवाई के दौरान 1524 लोगों की मौत हुई और 1463 लोग घायल हुए।

इन आंकडे में आम लोग और सुरक्षाबलों के जवान भी शामिल हैं।  रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वालों में 1000 आम नागरिक थे और अन्य सुरक्षा बलों के जवान।

पाकिस्तान में पिछले साल का आंकड़ा आतंकी घटनाओं में मृतकों के छह साल के आंकड़ों में सबसे ज्यादा है। इससे पहले साल 2018 में इतनी मौतें हुईं थी।

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में साल 2021 के बाद से लगातार तेजी आ रही है। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान आतंकी हिंसा के केंद्र बने हुए हैं।

आतंक से सबसे ज्यादा ग्रसित हैं पाकिस्तान के ये राज्य
पाकिस्तान में हुए कुल आतंकी हमलों में से 84 फीसदी हमले इन दो राज्यों   खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में हुए हैं। वहीं मरने वाले 90 फीसदी लोग भी इन्हीं दो राज्यों से थे।

वहीं पंजाब और सिंध प्रांत में सिर्फ आठ फीसदी आतंकी घटनाएं हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में आतंकी घटनाओं में पाकिस्तान में 56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और 2022 में जहां पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में 980 लोग मारे गए थे, 2023 में ये आंकड़ा 1524 तक पहुंच गया।

पंजाब और सिंध में भले ही आतंकी घटनाएं कम हुई हैं लेकिन सिर्फ इन राज्यों के आंकड़ों के अनुसार इसमें 96 फीसदी की तेजी आई है। वहीं सिंध में 26 प्रतिशत लोग ज्यादा मारे गए हैं। 

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe