मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर के लालबाग मैदान में 75वें गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी दी।
उन्होंने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी।












मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर के लालबाग मैदान में 75वें गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी दी।
उन्होंने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी।
देशभर में अब तक लगभग सभी राज्यों को उनकी वंदे भारत ट्रेनें मिल चुकी हैं।
लगातार वंदे भारत ट्रेनों को लॉन्च किया जा रहा है।
पिछले महीने के आखिर में ही पीएम मोदी ने अयोध्या से एक साथ पांच वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई थी। अब जल्द ही एक और नए रूट पर वंदे भारत ट्रेन लॉन्च हो सकती है।
रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा है कि जल्द ही महाराष्ट्र के कोल्हापुर से भी वंदे भारत ट्रेन शुरू की जाएगी। माना जा रहा है कि इससे बड़ी संख्या में यात्रियों को फायदा मिल सकता है।
बता दें कि कोल्हापुर से मुंबई रूट पर चलने वाली नई महालक्ष्मी एक्सप्रेस ट्रेन को दानवे ने वर्चुअल तरीके से मुंबई से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस दौरान, सांसद धनंजय महाडिक, धैर्यशील माने, संजय मांडलिक आदि मौजूद थे। स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस मौके पर दानवे ने वादा किया कि दो महीने के भीतर वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत की जाएगी।
बता दें कि पिछले साल 2023 में भारतीय रेलवे ने 34 वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत की है। इस साल देशभर में 60 नई वंदे भारत ट्रेनों को लॉन्च करने का लक्ष्य है।
यह ट्रेनें 14 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों को मिलने की संभावना है। मनी कंट्रोल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रेलवे को साल 2024 में कुल 70 ट्रेनों की डिलिवरी मिल सकती है। इसमें से 15 नवंबर से पहले 60 मिलेंगी, जिन्हें नए रूट्स पर चलाया जाएगा। रे
लवे ने अब तक 35 रूट्स की भी पहचान कर ली है, जिनपर इन नई वंदे भारत ट्रेनों को शुरू किया जाएगा। बाकी अन्य रूट्स के लिए लगातार स्टडी चल रही है।
दुर्ग अपोलो महाविद्यालय अंजोरा में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास से किया गया।
75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के सफाई कर्मचारियों के द्वारा ध्वजारोहण किया गया एवं राष्ट्रीयगान गाकर राष्ट्र के प्रति सम्मान व देशप्रेम की भावना प्रकट की गई।
इस अवसर पर महाविद्यालय के चेयरमेन बी.एस.भाटिया, संचालक आशीष अग्रवाल, संजय अग्रवाल, मनीष जैन व विशेष अतिथि भूषण साहू उपस्थित रहें।
उन्होने सभी छात्र-छात्राओं, प्राध्यापकों व कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं व बधाई दी। इस अवसर पर अपोलो काॅलेज ऑफ़ नर्सिंग, फार्मेसी, फिजियोथैरेपी व शिक्षा विभाग के विद्यार्थियों ने गीत संगीत में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस प्रकार गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया गया।
अमेरिका के अलबामा में हत्या मामले के दोषी को नाइट्रोजन गैस सुंघाकर मृत्युदंड दिया गया।
यह इस तरह का पहला मामला है। इसी के साथ ही यूएस में मृत्युदंड को लेकर बहस फिर से छिड़ गई है। राज्य प्रशासन का कहना है कि यह नया तरीका मानवीय है, लेकिन आलोचकों ने इसे क्रूर बताया है।
अधिकारियों ने बताया कि 58 वर्षीय केनेथ यूजीन स्मिथ को एक फेस मास्क के जरिए गुरुवार को नाइट्रोजन गैस सुंघाई गई, जिसके कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी से उसकी मौत हुई।
स्मिथ को अलमाबा जेल में रात 8 बजकर 25 मिनट पर मृत घोषित कर दिया गया।
अमेरिका में 1982 के बाद से घातक इंजेक्शन देकर मौत की सजा देने का प्रावधान शुरू हुआ था और तभी से मृत्युदंड देने के लिए आमतौर पर यही तरीका अपनाया जाता है।
अमेरिका में नाइट्रोजन सुंघाकर मौत की सजा देने का यह पहला मामला है। राज्य ने एक व्यक्ति से सुपारी लेकर उसकी पत्नी की हत्या करने के 1988 के मामले में दोषी स्मिथ को 2022 में भी मृत्युदंड देने की कोशिश की थी, लेकिन उस समय किसी तकनीकी समस्या के कारण इसे अंत समय पर रोक दिया गया था।
टेस्ट करने की चीज के तौर पर हुआ इस्तेमाल: वकील
नए तरीके से सजा दिए जाने के खिलाफ कानूनी लड़ाई हार जाने के बाद स्मिथ को नाइट्रोजन सुंघाकर मृत्युदंड दिया गया।
स्मिथ के वकीलों ने दावा किया था कि राज्य सजा के ऐसे तरीके का प्रयोग करने के लिए उसे परीक्षण वस्तु की तरह इस्तेमाल कर रहा है, जो दंड देने के क्रूर और असामान्य तरीके पर संवैधानिक प्रतिबंध का उल्लंघन कर सकता था।
अमेरिकी उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार रात स्मिथ की इस याचिका को खारिज कर दिया।
इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा हो रही है और लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं। जहां एक ओर कुछ लोगों ने इसका समर्थन किया है, तो दूसरी ओर लोग इसके विरोध में भी हैं।
जनसंपर्क विभाग ने तैयार की थी झांकी
जनजातीय संस्कृति में लोकतांत्रिक चेतना को प्रदर्शित करती हुई छत्तीसगढ़ की झांकी रही आकर्षण का केंद्र
नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल छत्तीसगढ़ की झांकी “बस्तर की आदिम जनसंसद : मुरिया दरबार” ने दर्शकों का मन मोह लिया।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के अनेक शीर्षस्थ लोग, विशिष्ट अतिथिगण तथा आम-नागरिक दर्शक-दीर्घा में उपस्थिति थे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि थे।
प्रदेश की इस झांकी के विषय चयन एवं प्रस्तुतिकरण के लिए राज्य शासन ने जनसंपर्क विभाग को जिम्मेदारी दी थी। विषयों पर व्यापक शोध एवं अन्वेषण के बाद वरिष्ठ अधिकारियों एवं विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में झांकी को तैयार किया गया था।
छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम ‘भारत लोकतंत्र की जननी’ पर आधारित थी। यह झांकी जनजातीय समाज में आदि-काल से उपस्थित लोकतांत्रिक चेतना और परंपराओं को दर्शाती है, जो आजादी के 75 साल बाद भी राज्य के बस्तर संभाग में जीवंत और प्रचलित है।
इस झांकी में केंद्रीय विषय “आदिम जन-संसद” के अंतर्गत जगदलपुर के “मुरिया दरबार” और कोंडागांव जिले के बड़े डोंगर में स्थित “लिमऊ-राजा” को दर्शाया गया था। झांकी के प्रदर्शन के दौरान कर्तव्य पथ पर छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने परब नृत्य भी प्रस्तुत किया।
बिहार में दो दिनों से सियासी ड्रामा चालू है।
ऐसी अटकलें हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए का दामन थाम सकते हैं और भाजपा के सपोर्ट से बिहार में सरकार बना सकते हैं।
इसे लेकर आज दिनभर सस्पेंस जारी रहा। इस दौरान कई नेताओं के बयान आए। सियासी चहलकदमी के दौरान दोपहर और फिर देर शाम देखा गया है कि नीतीश कुमार और महागठबंधन की घटक दलों में शामिल आरजेडी के नेता मीटिंग करते रहे।
वहीं बिहार की सियासत में कल का दिन अहम है। बिहार में तीन पार्टियां – जेडीयू, आरजेडी और भाजपा मौजूदा हालात को लेकर बैठक करने वाली हैं।
इसी बीच जेडीयू के विधायक गोपाल मंडल ने शुक्रवार को कहा कि महागठबंधन में नीतीश कुमार को सम्मान नहीं मिला। उनका बयान सीधे तौर पर इशारा है कि नीतीश कुमार और महागठबंधन के बीच सबकुछ ठीक नहीं है।
आरजेडी ने पूछा नीतीश से सवाल
आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा ने पटना में संवाददाताओं से कहा कि जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार को इन अफवाहों के बीच स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि वह भाजपा की एनडीए में वापस जाने की योजना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा, ”हमने लोगों के कल्याण के लिए और भाजपा को हराने के लिए मिलकर सरकार बनायी है। व्याप्त भ्रम बिहार में जनजीवन को प्रभावित कर रहा है। केवल मुख्यमंत्री ही भ्रम को दूर कर सकते हैं।”
जेडीयू विधायक का बड़ा बयान
वहीं समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान जेडीयू के विधायक गोपाल मंडल ने कहा, “हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष (नीतीश कुमार) जहां भी जाएंगे, हम उनका अनुसरण करेंगे। लोग अपने अस्तित्व को बचाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं।
उनका अस्तित्व खतरे में है। उनका सम्मान नहीं किया गया; उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। जेडीयू के विधायक मजबूत हैं, इसलिए उन्हें तोड़ना संभव नहीं है।” उनका यह बयान आरजेडी सांसद मनोज सिन्हा के सवाल का जवाब माना जा रहा है।
भाजपा ने साधी चुप्पी
वहीं भाजपा ने इस बात को लेकर बयान देने से कतराती रही कि क्या जेडीयू के साथ हाथ मिलाने के बारे में कोई फैसला लिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार के घटनाक्रम पर पार्टी नेताओं के साथ आज परामर्श किया।
बिहार में राजनीतिक सरगर्मी के बीच आरजेडी ने नीतीश कुमार से ‘भ्रम’ को दूर करने का आग्रह किया जिसका असर राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन पर पड़ रहा है। हालांकि, नीतीश कुमार ने अपने पत्ते अब तक नहीं खोले हैं।
बिहार की सियासत को लेकर आज क्या हुआ
भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा जैसे अपने सहयोगियों के साथ भी संपर्क में हैं। पासवान और कुशवाहा मुख्यमंत्री कुमार का विरोध करते रहे हैं। हालांकि, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता पासवान ने कहा कि वह भाजपा नेतृत्व के निर्णय के अनुसार चलेंगे।
इस बीच, बिहार में भाजपा नेताओं का एक वर्ग नीतीश कुमार के साथ गठबंधन के लिए उत्सुक नहीं है। ऐसे नेताओं का दावा है कि मुख्यमंत्री का प्रभाव कम हो रहा है और उनकी ‘घटती विश्वसनीयता’ भाजपा को नुकसान पहुंचाएगी।
मुख्यमंत्री कुमार के मुखर आलोचक केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ”मैं न तो किसी का स्वागत कर रहा हूं और न ही किसी के खिलाफ हूं।
यह केंद्रीय नेतृत्व का निर्णय है। वे जो भी निर्णय लेंगे, मुझे यकीन है कि यह राज्य और पार्टी के हित में होगा।” यह पूछे जाने पर कि क्या वह नये सिरे से भाजपा-जेडीयू गठबंधन की संभावना से खुश हैं, सिंह ने कहा, “मैं न तो खुश हूं और न ही नाखुश। मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं, जो भी निर्णय लिया जाएगा मैं उसका पालन करूंगा।”
सुकमा जिले में जगह-जगह गरिमामय ढंग से मनाया गया गणतंत्र दिवस
नक्सली हिंसा में शहीद जवानों के परिजनों को किया सम्मानित
सुकमा जिले में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया।
जिला मुख्यालय सुकमा के मिनी स्टेडियम में आयोजित गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह में मुख्य अतिथि केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम ने ध्वजारोहण किया।
मुख्य अतिथि द्वारा परेड का निरीक्षण एवं सलामी ली गई। उन्होंने शान्ति और प्रेम के प्रतीक सफेद कबूतर और हर्ष व उल्लास के प्रतीक रंगीन गुब्बारे आसमान में छोड़े।
इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री का जनता के नाम संदेश का वाचन किया। समारोह में टेकाम ने नक्सली हिंसा में शहीद हुए जवानों के परिजनों को शॉल और श्रीफल देकर सम्मानित किया और उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम (सामूहिक नृत्य) की प्रस्तुति में प्रथम स्थान शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुकमा को, द्वितीय स्थान बालक आश्रम, झापरा और तृतीय स्थान कन्या शासकीय बालिका विद्यालय छिंदगढ़ को मिला।
झांकी प्रदर्शन में प्रथम स्थान शिक्षा विभाग,द्वितीय स्थान पशु चिकित्सा विभाग और तृतीय स्थान पर आदिवासी विभाग को घोषित किया गया। परेड प्रदर्शन सीनियर विंग में प्रथम स्थान बस्तर फाइटर, द्वितीय स्थान छत्तीसगढ़ जिला पुलिस बल तथा तृतीय स्थान छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल को प्राप्त हुआ।
इसी तरह परेड जूनियर वर्ग में प्रथम शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुकमा, द्वितीय आईएमएसटी स्कूल सुकमा और तीसरा स्थान सेजस शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुकमा का रहा।
गणतंत्र दिवस समारोह में जिला पंचायत सुकमा के अध्यक्ष हरीश कवासी, अध्यक्ष नगर पालिका जगन्नाथ साहू, उपाध्यक्ष नगर पालिका श्रीमती आयशा हुसैन, धनीराम बारसे, मनोज देव, सोयम मुक्का, हूँगाराम मरकाम, रामा सोड़ी, अरुण सिंह भदौरिया अन्य जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक किरण गंगाराम चव्हाण सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे उपस्थित थे।
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अपने यहां कई आतंकवादी गुटों को पनाह देता आया है।
यही आतंकवादी गुट अक्सर पाकिस्तान के लिए आस्तीन का सांप बन जाते हैं।
आए दिनों देखने को मिलता है कि पाकिस्तान में आतंकी हमले हुए हैं। ऐसे हमलों में कई लोगों की जान चली जाती है। मगर एक और कारण है जिस वजह से पड़ोसी देश पाकिस्तान में लोगों की जान जा रही है वह है खुदकुशी।
पाकिस्तान में हर दिन 15-35 लोगों की जान जाने का कारण खुदकुशी है। पाकिस्तान के मशहूर अखबार डॉन की खबर के मुताबिक, एक संस्था ने साल 2020 में उनकी रिपोर्ट का हवाला देते हुए पाकिस्तान में खुदकुशी के जरिए होने वाली मौत को लेकर एक सर्वे किया है।
टेलर और फ्रांसिस द्वारा प्रकाशित सर्वे में इस बात का जिक्र है कि पाकिस्तान में हर घंटे एक और हर दिन 15-35 लोगों की जान खुदकुशी के कारण चली जाती है।
किन वजहों से लोग कर रहे खुदकुशी
सर्वे करने वालों का कहना है कि पाकिस्तान जैसे देश में जहां खुदकुशी जैसे संवेदनशील विषयों पर डाटा इकट्ठा करना मुश्किल होता वहीं अखबार का डेटा इस मामले में कारगार साबित हुआ।
बता दें डॉन ने साल 2020 में पाकिस्तान में होने वाली खुदकुशी पर एक रिपोर्ट जारी किया था, वही रिपोर्ट टेलर और फ्रांसिस के सर्वे का आधार बना।
रिपोर्ट में दावा किया गया है लोग मानसिक परेशानियों से ग्रसित लोग खुदकुशी की राह पर चलते हैं।
सामजिक बाधाएं, महिलाओं के साथ होने वाले दुर्वयवहार और अनैतिक कृत्य की वजह से पाकिस्तान में लोग खुदकुशी करते हैं। हालांकि, रिपोर्ट में इस बात का दावा है कि शहरों की अपेक्षा ग्रामीण स्तर पर आत्महत्या करने वालों के डेटा का अभाव है।
आतंकवाद भी ले रहा पाकिस्तानियों की जान
पाकिस्तान के थिंक टैंक सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीआरएसएस) की सालाना रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में 789 आतंकी हमलों और आतंक रोधी कार्रवाई के दौरान 1524 लोगों की मौत हुई और 1463 लोग घायल हुए।
इन आंकडे में आम लोग और सुरक्षाबलों के जवान भी शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वालों में 1000 आम नागरिक थे और अन्य सुरक्षा बलों के जवान।
पाकिस्तान में पिछले साल का आंकड़ा आतंकी घटनाओं में मृतकों के छह साल के आंकड़ों में सबसे ज्यादा है। इससे पहले साल 2018 में इतनी मौतें हुईं थी।
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में साल 2021 के बाद से लगातार तेजी आ रही है। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान आतंकी हिंसा के केंद्र बने हुए हैं।
आतंक से सबसे ज्यादा ग्रसित हैं पाकिस्तान के ये राज्य
पाकिस्तान में हुए कुल आतंकी हमलों में से 84 फीसदी हमले इन दो राज्यों खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में हुए हैं। वहीं मरने वाले 90 फीसदी लोग भी इन्हीं दो राज्यों से थे।
वहीं पंजाब और सिंध प्रांत में सिर्फ आठ फीसदी आतंकी घटनाएं हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में आतंकी घटनाओं में पाकिस्तान में 56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और 2022 में जहां पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में 980 लोग मारे गए थे, 2023 में ये आंकड़ा 1524 तक पहुंच गया।
पंजाब और सिंध में भले ही आतंकी घटनाएं कम हुई हैं लेकिन सिर्फ इन राज्यों के आंकड़ों के अनुसार इसमें 96 फीसदी की तेजी आई है। वहीं सिंध में 26 प्रतिशत लोग ज्यादा मारे गए हैं।
विधायक अमर अग्रवाल ने ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली
जांजगीर-चांपा जिले में 75वें गणतंत्र दिवस समारोह हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। मुख्य अतिथि बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल ने हाई स्कूल मैदान जांजगीर में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली।
कार्यक्रम में हर्ष फायर के साथ शांति एवं उत्साह के प्रतीक गुब्बारे आसमान में छोड़े गए। मुख्य अतिथि ने परेड का निरीक्षण किया गया।
मुख्यमंत्री के द्वारा आमनागरिको के नाम संदेश का वाचन किया। शहीद परिवार के सदस्यों का शॉल व श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया।
उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
इस दौरान विधायक जांजगीर ब्यास कश्यप, पूर्व सांसद श्रीमती कमला देवी पाटले, पूर्व विधायक नारायण चंदेल, पूर्व विधायक अंबेश जांगड़े, नगर पालिका अध्यक्ष भगवान दास गढेवाल, नगर पालिका उपाध्यक्ष आशुतोष गोस्वामी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रमेश पैगवार, कलेक्टर आकाश छिकारा और पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल सहित पार्षदगण, अन्य जनप्रतिनिधिगण और अधिकारी-कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में आमनागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सतीश सिंह एवं दीपक यादव ने किया।
मुख्य अतिथि बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय के कचहरी चौक स्थित शहीद स्मारक में श्रद्धासुमन अर्पित कर शहीदों को नमन किया।
समारोह में परेड सीनियर वर्ग में प्रथम जिला पुलिस बल, द्वितीय स्थान सीसीएफ 11वीं बटालियन भारत रक्षित और तृतीय स्थान जिला महिला पुलिस बल को प्राप्त हुआ।
इसी प्रकार जूनियर वर्ग में एनसीसी 325 जांजगीर को प्रथम स्थान, एनसीसी बालिका ज्ञानदीप द्वितीय तथा गाइड दल गट्टानी जांजगीर को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर पी एम केंद्रीय विद्यालय जांजगीर को प्रथम स्थान, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय हरदी को द्वितीय स्थान तथा गट्टानी कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय जांजगीर को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
समारोह में विभिन्न विभागों द्वारा विकास की झलक का प्रदर्शित करने वाली आकर्षक झांकियां प्रस्तुत की गई। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रदर्शित झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।
इसी प्रकार द्वितीय स्थान प्राप्त कृषि एवं उद्यानिकी विभाग तथा तृतीय स्थान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को प्राप्त हुआ।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने ज्ञानवापी से जुड़ी अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद से पहले वहां मंदिर की संरचना थी। वहीं इस रिपोर्ट को लेकर मुस्लिम पक्ष की भी पहली प्रतिक्रिया सामने आई है।
अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी का कहना है कि ये दस्तावेज कोई कोर्ट का फैसला नहीं हैं। वहीं ज्ञानवापी पैनल का कहना है कि वह एएसआई सर्वे की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने ज्ञानवापी से जुड़ी अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद से पहले वहां मंदिर की संरचना थी।
वहीं इस रिपोर्ट को लेकर मुस्लिम पक्ष की भी पहली प्रतिक्रिया सामने आई है।
अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी का कहना है कि ये दस्तावेज कोई कोर्ट का फैसला नहीं हैं। वहीं ज्ञानवापी पैनल का कहना है कि वह एएसआई सर्वे की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है।
इस रिपोर्ट में कहा यगया है कि एक कमरे में अरबी-फारसी शिलालेख पाए गए हैं जिनमें लिखा है कि औरंगजेब ने ही इस मस्जिद का निर्माण करवाया था।
मौजूदा वास्तुशिल्प के अवशेष, दीवारों की सजावट, कर्ण रथ, प्रतिरथ, बड़ा प्रवेश द्वार, और कलाकृतयों से पता चलता है कि यह एक हिंदू मंदिर हुआ करता था।
इसके अलावा तहखाने में मिट्टी में मूर्तियां दबी थीं। एक स्तंभ मिला है जिसको घंटियों से सजाया गया औऱ इसके चारों ओर दीपक रखने की जगह बनी हुई है।
एएसआई सर्वे की रिपोर्ट 839 पेज की है। अब हिंदू पक्ष का कहना है कि वजूखाने के सर्वे के लिए भी अर्जी कोर्ट में दी जाएगी। बता दें कि कोर्ट ने वजूखाने को सील करने का आदेश दिया था।
वहीं विष्णु शंकर ने बताया कि मस्जिद की दीवारों पर तेलुगु, देवनागरी, कन्नड़ और अन्य लिपियों में लिखा गया है। दीवारों और स्तंभों पर जनार्दन, रूद्र औऱ उमेश्वर लिखा हुआ है।