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प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस शिव मंदिर में जाएंगे पीएम मोदी, जानें क्यों है खास…

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प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस शिव मंदिर में जाएंगे पीएम मोदी, जानें क्यों है खास…

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का पल करीब आ गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को दोपहर के आसपास अयोध्या में नवनिर्मित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेंगे और इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने यह जानकारी दी है।

पीएमओ द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश के सभी प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक संप्रदायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

बयान में कहा गया है कि विभिन्न आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोग भी समारोह में भाग लेंगे।
    
 प्रधानमंत्री को अक्टूबर, 2023 में श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रण मिला था। बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण से जुड़े श्रमजीवियों के साथ बातचीत करेंगे।

वह कुबेर टीला भी जाएंगे, जहां एक प्राचीन शिव मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है। मोदी पुनर्निर्मित मंदिर में पूजा और दर्शन भी करेंगे।
     
श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है। मंदिर कुल 392 स्तंभों और 44 दरवाजों पर टिका हुआ है।

मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं के चित्र प्रदर्शित हैं। बयान में कहा गया, ”भूतल पर मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम के बाल स्वरूप (श्री रामलला की मूर्ति) को रखा गया है।” मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहां सिंह द्वार के माध्यम से 32 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है।

अफगानिस्तान में क्रैश हुआ रूस जा रहा विमान, गया एयरपोर्ट पर भरवाया था फ्यूल…

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अफगानिस्तान में क्रैश हुआ रूस जा रहा विमान, गया एयरपोर्ट पर भरवाया था फ्यूल…

अफगानिस्तान के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में 6 लोगों को ले जा रहे रूस के एक निजी विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी मिली है।

यह विमान भारत के गया शहर से उज्बेकिस्तान के ताशकंद होते हुए मॉस्को में झुकोव्स्की अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए चार्टर एम्बुलेंस विमान के तौर पर रवाना हुआ था।

क्षेत्रीय प्रवक्ता जबीउल्लाह अमीरी ने बताया कि यह दुर्घटना बदख्शां प्रांत के जेबाक जिले के समीप एक पर्वतीय क्षेत्र में हुई। इलाके में एक बचाव दल को भेजा गया। 

बदख्शां पुलिस प्रमुख के कार्यालय ने भी एक बयान में दुर्घटना की खबर की पुष्टि की है। मॉस्को में रूस के नागरिक विमानन अधिकारियों ने कहा कि दसॉल्ट फाल्कन 10 चालक दल के चार सदस्यों और दो यात्रियों के साथ लापता हो गया था।

उन्होंने बताया कि विमान का रडार से संपर्क टूट गया था। रूसी अधिकारियों ने बताया कि यह विमान एथलेटिक ग्रुप एलएलसी से संबंधित है।

बहरहाल, तालिबान ने एक अलग बयान में विमान को मोरक्को की एक कंपनी का बताया। अफगानिस्तान में 2021 में तालिबान के सत्ता संभालने के बाद से वहां अंतरराष्ट्रीय विमानों के संचालन से बचा जाता रहा है।

विमान ने गया में भरवाया था ईंधन
वहीं, भारत सरकार ने कहा कि अफगानिस्तान में दुर्घटनाग्रस्त हुआ एक छोटा विमान किसी भारतीय विमानन कंपनी का नहीं था और उसने थाईलैंड के एक हवाई अड्डे से मॉस्को के लिए उड़ान भरते वक्त गया स्थित हवाई अड्डे पर ईंधन भरवाया था।

भारत के एक विमान के शनिवार रात अफगानिस्तान में दुर्घटनाग्रस्त होने की खबरों के बीच नागर विमानन मंत्रालय ने सफाई दी कि यह विमान मोरक्को में पंजीकृत था।

मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘उपलब्ध सूचना के अनुसार दुर्घटनाग्रस्त विमान मोरक्को में पंजीकृत डीएफ-10 (दसॉल्ट फाल्कन) एक छोटा विमान है।

यह किसी भारतीय एयरलाइन का विमान नहीं है। विमान एक एयर एम्बुलेंस था और थाईलैंड से मॉस्को के लिए उड़ान भर रहा था और उसने गया स्थित हवाई अड्डे पर ईंधन भरवाया था।’

राम कथा के जानेमाने कथावाचक मोरारी बापू अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बने सबसे बड़े दानदाता…

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राम कथा के जानेमाने कथावाचक मोरारी बापू अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बने सबसे बड़े दानदाता…

छह दशकों से भी ज़्यादा समय तक रामायण का प्रचार-प्रसार करने के लिए जाने जाने वाले बापू ने बहुत ही शानदार काम कर खुद को एक बार फिर से साबित कर दिया है।

उन्होंने कुल18.6 करोड़ रुपये का दानसेवा किया है। इतनी बड़ी सहायता राशि जो भारत में 11.30 करोड़ रुपये, यूके और यूरोप से 3.21 करोड़ रुपये साथ ही अमेरिका, कनाडा तथा कई अन्य देशों से 4.10 करोड़ रुपये के योगदान से इकट्ठी की गई थी।

अगस्त 2020 में, कोविड-19 जैसे मुश्किल के समय में जब गुजरात के पिठोरिया में एक ऑनलाइन कथा हुई थी। उस दौरान मोरारी बापू ने जनता को अपील की थी।

उस अपील में मोरारी बापू ने राम मंदिर के निर्माण में योगदान देने की अपनी गहरी इच्छा व्यक्त की, जो उनकी अन्तर आत्म से उभरी थी। उसके बदले ये उदार धन इकट्ठा हुआ।

अयोध्या में राम मंदिर के लिए 18.6 करोड़ रुपये का योगदान देकर बापू सबसे बड़े दानदाता बने 

भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्य में राम की नगरी पुष्प और रोशनी से सज चुकी है। मोरारी बापू इस साल 24 फरवरी से 3 मार्च तक अयोध्या में राम कथा करेंगे।

मोरारी बापू ने बताया कि, ”हमने मात्र 15 दिनों में राम जन्मभूमि ट्रस्ट को लगभग 11.3 करोड़ रुपये पहले ही सौंप दिए थे। बाकी रकम जो विदेशों से जुटाई गई है उसे आवश्यक क्लियरेंस सर्टिफिकेट दे दिया गया है।

और इस साल फरवरी में जब मैं कथा करूंगा तो राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट को बकाया राशि दे दी जाएगी। कुल मिला कर दानसेवा 18.6 करोड़ रुपये है।”

मोरारी बापू ने बताया कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय अक्टूबर 2023 में बरसाना में चल रही एक राम कथा के दौरान उनसे मिलने आए थे।

“श्री चंपत राय जी ने मुझे 22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह और मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित किया। उन्होंने मुझे राम लला के अभिषेक के बाद 24 फरवरी से  03 मार्च तक अयोध्या में कथा करने के लिए भी आमंत्रित किया था।”

मोरारी बापू ने अयोध्या के नए राम मंदिर में तीन पवित्र ग्रंथों – वेद, वाल्मिकी रामायण और गोस्वामी तुलसीदास के रामचरित मानस को नए सिरे से स्थापित करने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा “ऐसा नहीं है कि मुझसे पूछा गया है, लेकिन मुझे लगता है कि वेद भगवान, वाल्मिकी जी की रामायण और गोस्वामी तुलसीदास जी की राम चरित मानस को अयोध्या में राम मंदिर में रखा जाना चाहिए”।

राम मंदिर का उद्घाटन “खुशी के पल”
राम कथा सुनाने, राम नाम जपने और राम काम करते हुए 64 सालों की तपस्या के बाद सम्मानित मोरारी बापू ने राम मंदिर के उद्घाटन पर अपना उत्साह दिखाते हुए बताया कि, “मेरा दिल खुशी से भर गया है क्योंकि राम मंदिर बनने जा रहा है। 

इन दिनों मेरे रगों में उल्लास दौड़ रहा है, मेरा हृदय खुशी से धड़क रहा है।” मोरारी बापू जो अयोध्या विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपने स्थायी आह्वान और राम मंदिर के निर्माण में अपने अटूट विश्वास के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने पहले भी बार-बार कहा है, “भगवान राम किसी एक संप्रदाय या एक देश के नहीं हैं, वह तो पूरी दुनिया के हैं।”

2018 में अयोध्या में अपनी राम कथा के दौरान मोरारी बापू ने कहा था कि “स्वीकार और संवाद की नीव पर राम मंदिर बनेगा।” हमें इन दो ईंटों को नींव में रखना होगा।”

राम को समर्पित जीवन
मोरारी बापू की आध्यात्मिक यात्रा 14 साल की उम्र में तलगाजार्डा में एक बरगद के पेड़ के नीचे राम कथा सुनाने से शुरू हुई। इन वर्षों में, उन्होंने अपनी पहुंच को काफी आगे तक बढ़ाया है।

उन्होंने 1976 में नैरोबी, केन्या में पहली बार कथा वाचन के साथ विश्व स्तर पर कथा का संचालन किया। हाल ही में, उन्होंने 18 दिनों तक ट्रेन से यात्रा कर सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में राम कथा का वाचन करते हुए एक दौरा पूरा किया है।

64 वर्षों से पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ने के साथ, मोरारी बापू ने कुल 930 राम कथाएँ (भारत में 791 और विदेश में 139) आयोजित की हैं। हर एक कथा नौ दिनों में चुनी गई चौपाई पर ध्यान केंद्रित करते हुए, ‘सत्य, प्रेम और करुणा’ का संदेश देती है।

गैर-व्यावसायिक दृष्टिकोण और परोपकार:
मोरारी बापू अपनी कथाओं के प्रति गैर-व्यावसायिक दृष्टिकोण अपनाते हैं। वह राम कथा करने के लिए एक पैसा या किसी भी प्रकार की दक्षिणा नहीं लेते हैं। इसके अलावा, सभी कथा समारोह में निःशुल्क शाकाहारी भोजन भी उपलब्ध कराया जाता है।

बापू समाज के सभी वर्गों तक पहुंचने, सबसे वंचितों से भिक्षा स्वीकार करने में विश्वास करते हैं। उनका परोपकार विभिन्न सामाजिक कारणों, बहुत गरीबी और सामाजिक बहिष्कार के शिकार लोगों तक पहुंचने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने तक फैला हुआ है।

दुर्घटना पीड़ितों, यूक्रेन जैसे युद्धग्रस्त क्षेत्रों और केदारनाथ बाढ़, भुज भूकंप और लातूर भूकंप जैसे आपदा प्रभावित क्षेत्रों में नियमित योगदान, मानवीय कारणों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उन्होंने सबको साथ ले कर चलो वाले अपने दर्शन के अनुसार, यौनकर्मियों और ट्रांसजेंडरों के लिए भी कथाएँ आयोजित की हैं।

न्यूजीलैंड में भी जय श्री राम…राम मंदिर के लिए गदगद हैं विदेशी मंत्री; आना चाहते हैं अयोध्या…

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न्यूजीलैंड में भी जय श्री राम…राम मंदिर के लिए गदगद हैं विदेशी मंत्री; आना चाहते हैं अयोध्या…

अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार है।

22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। साथ ही इस दौरान राम मंदिर का उद्घाटन भी किया जाएगा।

अयोध्या के भव्य राम मंदिर के निर्माण से न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी लोग काफी खुश हैं। न्यूजीलैंड के कई मौजूदा मंत्रियों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई संदेश भेजे और कहा कि उनके नेतृत्व की वजह से 500 साल का लंबा इंतजार खत्म हुआ और मंदिर का निर्माण संभव हो पाया। 

न्यूजीलैंड में भी जय श्री राम
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए न्यूजीलैंड के विनियमन मंत्री डेविड सेमोर ने कहा, “जय श्री राम… मैं पीएम मोदी सहित भारत में सभी को बधाई देना चाहता हूं, क्योंकि यह उनका नेतृत्व था जिसने 500 साल के बाद इस (राम मंदिर) निर्माण को संभव बनाया।

मंदिर भव्य है और यह हजारों साल तक राम की ख्याति को दर्शाएगा।” न्यूजीलैंड के मंत्री ने कहा कि उन्हें अयोध्या के राम मंदिर का दौरा करने में खुशी होगी।

उन्होंने कहा, “मैं पीएम मोदी शुभकामनाएं देता हूं क्योंकि वह भारत में एक अरब से अधिक लोगों को आज दुनिया की चुनौतियों से निपटने में उनकी मदद कर रहे हैं।” 

पीएम मोदी की तारीफ कर रहे विदेशी मंत्री
न्यूजीलैंड की जातीय समुदाय मंत्री मेलिसा ली ने कहा कि राम मंदिर पीएम मोदी के नेतृत्व और कार्य का परिणाम है।

सोमवार को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से पहले एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं दुनियाभर के भारतीय प्रवासियों को अयोध्या में 500 साल बाद बन रहे राम मंदिर के उद्घाटन के जश्न के लिए शुभकामनाएं देती हूं। पीएम मोदी और भारत के लोगों को बधाई।”

उन्होंने कहा, “राम मंदिर पीएम मोदी के काम और नेतृत्व का नतीजा है। उन्हें कई बार प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया है। यह पीएम मोदी के पक्ष में जनता का समर्थन और जनादेश था जो भारत को आगे ले जाने की उनकी इच्छा को दर्शाता है। पीएम मोदी का दुनिया भर में सम्मान किया जाता है और वह भारत के लोगों के लिए कुछ बहुत अच्छे काम कर रहे हैं।” 

राममय हुई अयोध्या
जैसे-जैसे अयोध्या में राम मंदिर का भव्य ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह नजदीक आ रहा है… लोगों में काफी उत्साह देखा गया है। लोग अयोध्या की गलियों में राममय होते नजर आ रहे हैं।

देश विदेश से राम भक्त अयोध्या पहुंच रहे हैं। हाल ही में हंगरी से आए एक भक्त का वीडियो काफी वायरल हो रहा था। इस वीडियो में विदेशी राम भक्त झूम-झूमकर भजन गाते नजर आ रहे हैं।

मतभेदों को भुलाकर एकता का संदेश देना ही भारतीय परंपरा, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती…

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मतभेदों को भुलाकर एकता का संदेश देना ही भारतीय परंपरा, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती…

श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती जी महाराज राम नगरी अयोध्या पहुंचे और लोगों को अपना संदेश दिया।

कांची कामकोटि पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री विजयेंद्र सरस्वती जी महाराज ने रविवार को यहां कहा कि राष्ट्र हित, धर्म हित और विश्व के कल्याणार्थ जब भी कोई पहल होती है, तो आपसी सभी मतभेदों को भुलाकर एकता का संदेश देना ही भारतीय संस्कृति और परंपरा है। 

शंकराचार्य के सचिव गजानंद कांड़े ने बताया कि जगद्गुरु ने कहा कि हमारे देश में जब-जब राष्ट्र हित की दिशा में कोई पहल हुई है तब-तब लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ आगे आये हैं।

यही हमारी संस्कृति है। इसी तरह धर्म हित की पहल होने पर भी मतभेदों को भुलाकर एकता का संदेश देना भारत की गौरवशाली परंपरा रही है। 

गजानंद कांड़े के अनुसार जगद्गुरु शंकराचार्य ने यह भी कहा कि विश्व कल्याण के लिये पहल होने पर भी भारत का प्रत्येक नागरिक आपसी मतभेद भुलाकर दुनिया को एकता का संदेश देता है।

उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश में राष्ट्र अथवा धर्म हित की हर पहल में विश्व का हित स्वतः निहित रहता है। इसलिये ऐसे विशेष अवसरों पर हमें सामंजस्य बनाकर विश्व को एकता का संदेश देना चाहिये।

यही युगधर्म है। उन्होंने आगे कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण एक वैश्विक चेतना का आधार बनेगा।  

बता दें कि राम मंदिर में सोमवार को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के भव्य आयोजन के लिए अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सज-धजकर तैयार है और इस बहु-प्रतीक्षित समारोह के धार्मिक अनुष्ठानों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य यजमान के रूप में शामिल होंगे।

यह मंदिर समारोह के अगले दिन ही आमजन के लिए खोल दिया जाएगा। ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह अपराह्न 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और अपराह्न एक बजे तक उसके पूरा होने की उम्मीद है।

इसके बाद प्रधानमंत्री आयोजन स्थल पर संतों और प्रतिष्ठित हस्तियों समेत 7,000 से अधिक लोगों की सभा को संबोधित करेंगे। 

14 साल का बच्चा तड़पकर मर गया, मुइज्जू ने भारतीय विमान से एयरलिफ्ट की नहीं दी इजाजत…

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14 साल का बच्चा तड़पकर मर गया, मुइज्जू ने भारतीय विमान से एयरलिफ्ट की नहीं दी इजाजत…

मालदीव में शनिवार को 14 साल के उस बच्चे की मौत हो गई जिसे भारत ने डोर्नियर विमान से एयरलिफ्ट करने की पेशकश की थी।

बताया जा रहा है कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने इसे लेकर मंजूरी देने से इनकार कर दिया। इस लड़के को ब्रेन ट्यूमर था और उसे स्ट्रोक आया था।

बच्चे की हालत गंभीर होने पर उसके परिवार वालों ने उसे घर से राजधानी माले ले जाने के लिए एयर एम्बुलेंस की अपील की थी। परिवार ने आरोप लगाया कि अधिकारी उसकी तुरंत चिकित्सा निकासी की व्यवस्था नहीं कर सके।

मालदीव की मीडिया में लड़के के पिता का बयान छपा है। इसमें कहा गया, ‘बेटे को स्ट्रोक आने के तुरंत बाद हमने उसे माले ले जाने के लिए आइलैंड एविएशन को फोन किया, मगर उन्होंने हमारी कॉल का जवाब नहीं दिया।

उनकी ओर से गुरुवार सुबह 8:30 बजे हमारे फोन का जवाब दिया गया, जबकि ऐसे मामलों का समाधान एयर एम्बुलेंस है।’ लड़के पिता ने कहा कि इमरजेंसी निकासी की अपील करने के 16 घंटे बाद उसे माले लाया गया। डॉक्टर मेरे बच्चे को नहीं बचा सके।

भारत-मालदीव के रिश्ते में चल रही तनातनी
इस बीच, पूरे मामले को लेकर आसंधा कंपनी लिमिटेड का बयान आया है जिसमें सफाई दी गई है। इसमें कहा गया कि आपातकालीन निकासी की अपील मिलने के तुरंत बाद हमने प्रक्रिया शुरू कर दी।

मगर, दुर्भाग्य रहा कि अंतिम क्षण में उड़ान में तकनीकी समस्या के कारण उसे नहीं भेजा सका। ऐसे में चीजें प्लान के मुताबिक नहीं हो सकीं। बच्चे की मौत की खबर ऐसे समय सामने आई है जब भारत और मालदीव के रिश्ते में तनातनी चल रही है।

दरअसल, कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप की यात्रा की थी जिसे लेकर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने अपमानजनक टिप्पणियां कीं। हालांकि, बाद में इस बयानों से मालदीव की सरकार ने खुद को अलग कर लिया। 

हे राम! दिल्ली AIIMS में राम मंदिर के लिए हाफ डे की छुट्टी पर उद्धव ठाकरे की सांसद का तंज…

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हे राम! दिल्ली AIIMS में राम मंदिर के लिए हाफ डे की छुट्टी पर उद्धव ठाकरे की सांसद का तंज…

दिल्ली स्थित एम्स, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया सहित केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी चार अस्पतालों को राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर 22 जनवरी को दोपहर 2.30 बजे तक बंद रखने का फैसला किया गया है।

विपक्षी दलों ने इस फैसले पर सवाल उठाया है। एक सरकारी आदेश में कहा गया है, “सभी कर्मचारियों की जानकारी के लिए यह सूचित किया जाता है कि संस्थान 22 जनवरी को दोपहर 2.30 बजे तक आधे दिन के लिए बंद रहेगा। सभी केंद्र प्रमुखों, विभागाध्यक्षों, इकाइयों और शाखा अधिकारियों से अनुरोध है कि वे इसे सभी कर्मचारियों के ध्यान में लाएं।”

साथ ही यह भी कहा गया है कि सभी महत्वपूर्ण सेवाएं चालू रहेंगी।

इस सूचना पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, “नमस्कार इंसानों। कृपया 22 तारीख को मेडिकल इमरजेंसी में न जाएं।

अगर जाना ही है तो दो बजे के बाद जाएं। एम्स दिल्ली मर्यादा पुरूषोत्तम राम के स्वागत के लिए समय निकाल रहा है। उन्होंने आगे कहा, “आश्चर्य है कि क्या भगवान राम इस बात से सहमत होंगे कि उनके स्वागत के लिए स्वास्थ्य सेवाएं बाधित की जाएंगी। हे राम, हे राम!”

एम्स की तरह राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने कहा है कि उसकी ओपीडी, लैब सेवाएं और नियमित सेवाएं अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के दिन दोपहर 2.30 बजे तक बंद रहेंगी।

हालांकि, इन अस्पतालों ने स्पष्ट किया है कि महत्वपूर्ण देखभाल और इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध रहेंगी।

एक अन्य पोस्ट में प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “आरएमएल भी इस सूची में शामिल हो गया है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप इन अस्पतालों द्वारा दी जाने वाली ओपीडी और आपातकालीन सेवाओं को देखें और जानें कि कैसे दूर-दराज के शहरों से लोग उपचार पाने के लिए केवल कुछ घंटों के लिए नहीं बल्कि कई दिनों तक कतार में लगे रहते हैं।”

एम्स के एक अधिकारी ने कहा है कि महत्वपूर्ण सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने कहा, “अगर कोई मरीज आता है, तो हम उन्हें समायोजित करने का प्रयास करेंगे। शाम की ओपीडी चालू रहेगी।”

निक्की हेली को डोनाल्ड ट्रम्प ने किया खारिज, बोले- नहीं है उपराष्ट्रपति बनने की क्षमता…

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निक्की हेली को डोनाल्ड ट्रम्प ने किया खारिज, बोले- नहीं है उपराष्ट्रपति बनने की क्षमता…

अमेरिका के पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी में जुटे हैं।

इस बीच उन्होंने कहा है कि उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए वह निक्की हेली को नहीं चुनेंगे। उन्होंने हेली की क्षमता पर सवाल खड़ा कर दिया है।

ट्रम्प ने कहा, “वह ठीक हैं, लेकिन वह राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार नहीं हैं। और जब मैं ऐसा कहता हूं, तो शायद इसका मतलब यह है कि उन्हें उपराष्ट्रपति के रूप में नहीं चुना जाएगा।”

आपको बता दें कि रिपब्लिकन की तरफ से ट्रम्प राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रमुख दावेदार हैं। उन्होंने शुक्रवार को कॉनकॉर्ड में एक रैली के दौरान यह बात कही है।

आपको बता दें कि निक्की हेली ने इससे कुछ ही घंटे पहले कहा था कि वह रिपब्लिकन प्राइमरी में दूसरे स्थान के लिए प्रयासरत नहीं हैं। ट्रम्प रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल करने के प्रमुख दावेदार हैं।

ट्रम्प ने पूर्व राजदूत के बारे में कहा, ‘‘जब आप कुछ बातें कहते हैं, तो यह उन्हें खेल से बाहर ले जाता है। मैं यह नहीं कह सकता कि वह उपराष्ट्रपति बनने की योग्य नहीं हैं और फिर कहूं कि देवियों और सज्जनों, मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि मैंने उन्हें चुना है।’’

आपको बता दें कि निक्की हेली न्यू हैम्पशायर में चुनावों में ट्रम्प की निकटतम प्रतिद्वंद्वी हैं।

हेली ने बार-बार कहा है कि वह रिपब्लिकन प्राइमरी में दूसरे स्थान के लिए प्रयासरत नहीं हैं, हालांकि उन्होंने इस विषय पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था कि क्या वह उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार होंगी।

इससे पहले शुक्रवार को निक्की हेली ने मतदाताओं के एक समूह से कहा था कि उनका उपराष्ट्रपति बनने का कोई विचार नहीं है।

भगवान राम ने प्रायश्चित के लिए रघुनाथ मंदिर में की थी तपस्या, 8वीं शताब्दी में शंकराचार्य ने की स्थापना…

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भगवान राम ने प्रायश्चित के लिए रघुनाथ मंदिर में की थी तपस्या, 8वीं शताब्दी में शंकराचार्य ने की स्थापना…

भगवान राम ने रावण वध के बाद ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति के लिए देवप्रयाग में तपस्या की थी।

उसी स्थान पर बाद में आदि गुरु शंकराचार्य ने रघुनाथ मंदिर की स्थापना कराई। देवप्रयाग के प्राचीन रघुनाथ मंदिर का उल्लेख न केवल केदारखंड में मिलता है।

बल्कि चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी अपने यात्रा वृतांत में इसका उल्लेख किया है।

मंदिर परिसर के शिलालेखों और गढ़वाल के प्राचीन पंवार शासकों के कई पुराने ताम्र पत्रों में भी मंदिर का उल्लेख है।

इतिहासकारों के अनुसार पंवार वंश के राजा कनकपाल के पुत्र के गुरु शंकर ने काष्ठ का प्रयोग कर मंदिर शिखर का निर्माण करवाया।

गुरु शंकर और आदि गुरु शंकराचार्य का काल आठवीं सदी का है। उस काल में मंदिर का शिखर परिवर्तित होने के कारण मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण शंकराचार्य ने कराया। 

केदारखंड में उल्लेख है कि त्रेता युग में ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति के लिए श्रीराम ने देवप्रयाग में तप किया और विश्वेश्वर शिवलिंगम की स्थापना की।

मंदिर परिक्रमा में चट्टान पर प्रथम सदी के ब्राहमीलिपि में खुदे 19 नाम और माहापाषण कालीन शिला वृत इसकी प्राचीनता को दिखाते हैं।

मंदिर का सिंहद्वार ढोका गोरखा शासन का निर्मित है। कैत्यूर शैली में बने रघुनाथ मंदिर में मंडप, महामंडल, गर्भगृह व शिखर पर आमलक बना है।

पौष के महीने होती है महापूजा: केदारखंड के अनुसार सतयुग में देवशर्मा मुनि के तप से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें त्रेता युग में राम बनकर देवप्रयाग आने का वर दिया था। पौष माह सूर्योदय से पहले यहां भगवान राम को समर्पित महापूजा होती है।

बदरीनाथ धाम तीर्थ पुरोहित समाज यहां के पुजारी हैं। संगम से रघुनाथ मंदिर तक आने वाली 101 सीढियों पर राम नाम जपते हुए पहुंचने का विधान है।

ग्रेनाइट पर है भगवान की प्रतिमा: रघुनाथ मंदिर के चारों ओर मंदिर परिसर में भगवान गणेश, आदि बदरी, मां अन्नपूर्णा, भगवती, चन्द्रेश्वेर महादेव, हनुमान, भैरव क्षेत्रपाल आदि के मंदिर हैं। केंद्रीय मंदिर में रघुनाथ की प्रतिमा है।

जो खड़ी मुद्रा में एक ग्रेनाइट प्रतिमा है। इसकी ऊंचाई करीब साढ़े छह फीट है। केंद्रीय मंदिर में एक देउला है जो गर्भगृह के ऊपर शंक्वाकार छत है।

रायपुर : उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के 38 वें स्थापना समारोह में शामिल हो रहे है…

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रायपुर : उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के 38 वें स्थापना समारोह में शामिल हो रहे है…

उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, राज्यपाल श्री  विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के 38 वें स्थापना समारोह में शामिल हो रहे है, स्टालों का किया निरीक्षण,इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम भी उपस्थित रहे l

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