भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने ज्ञानवापी से जुड़ी अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद से पहले वहां मंदिर की संरचना थी। वहीं इस रिपोर्ट को लेकर मुस्लिम पक्ष की भी पहली प्रतिक्रिया सामने आई है।
अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी का कहना है कि ये दस्तावेज कोई कोर्ट का फैसला नहीं हैं। वहीं ज्ञानवापी पैनल का कहना है कि वह एएसआई सर्वे की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने ज्ञानवापी से जुड़ी अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद से पहले वहां मंदिर की संरचना थी।
वहीं इस रिपोर्ट को लेकर मुस्लिम पक्ष की भी पहली प्रतिक्रिया सामने आई है।
अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी का कहना है कि ये दस्तावेज कोई कोर्ट का फैसला नहीं हैं। वहीं ज्ञानवापी पैनल का कहना है कि वह एएसआई सर्वे की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है।
इस रिपोर्ट में कहा यगया है कि एक कमरे में अरबी-फारसी शिलालेख पाए गए हैं जिनमें लिखा है कि औरंगजेब ने ही इस मस्जिद का निर्माण करवाया था।
मौजूदा वास्तुशिल्प के अवशेष, दीवारों की सजावट, कर्ण रथ, प्रतिरथ, बड़ा प्रवेश द्वार, और कलाकृतयों से पता चलता है कि यह एक हिंदू मंदिर हुआ करता था।
इसके अलावा तहखाने में मिट्टी में मूर्तियां दबी थीं। एक स्तंभ मिला है जिसको घंटियों से सजाया गया औऱ इसके चारों ओर दीपक रखने की जगह बनी हुई है।
एएसआई सर्वे की रिपोर्ट 839 पेज की है। अब हिंदू पक्ष का कहना है कि वजूखाने के सर्वे के लिए भी अर्जी कोर्ट में दी जाएगी। बता दें कि कोर्ट ने वजूखाने को सील करने का आदेश दिया था।
वहीं विष्णु शंकर ने बताया कि मस्जिद की दीवारों पर तेलुगु, देवनागरी, कन्नड़ और अन्य लिपियों में लिखा गया है। दीवारों और स्तंभों पर जनार्दन, रूद्र औऱ उमेश्वर लिखा हुआ है।
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों भारत में दो दिवसीय राजकीय दौरे पर हैं। वे भारत के 75वें गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि हैं।
इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (एक्स) पर एक पीएम मोदी के साथ सेल्फी शेयर की है, जो काफी वायरल हो रही है।
इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मुस्कुरा रहे हैं।
तस्वीर शेयर करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विखा है- मेरे प्यारे दोस्त नरेंद्र मोदी और भारत की जनता को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई देता हूं।
यहां आकर मैं बहुत ही ज्यादा गौरान्वित महसूस कर रहा हूं।
गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत 10:30 बजे होगा। यह 90 मिनट तक का कार्यक्रम होगा। उन्होंने इस मौके पर कहा कि इस अवसर पर उन्हें भारत के लोगों के बीच होने की खुशी और गर्व है।
मैक्रों इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं। वह कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड देखेंगे जहां भारत की सैन्य क्षमता और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन किया जायेगा।
जगदलपुर में जीर्णोंद्धार के बाद ज्ञानगुड़ी केंद्र का लोकार्पण
विज्ञान की शिक्षा के लिए नए विज्ञान शाला का भी हुआ शुभारंभ
ज्ञानगुड़ी में नीट, जेईई, सीयूटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की करायी जाती है तैयारी
छात्र-छात्राओं को विज्ञान की पढ़ाई के लिए अब मिलेगी बेहतर सुविधा
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर प्रवास पर जगदलपुर के धरमपुरा में 25 लाख रुपए लागत से निर्मित ज्ञानगुड़ी तथा 45 लाख रुपए से नवनिर्मित विज्ञान शाला का लोकार्पण करने के पश्चात ज्ञानगुड़ी के स्मार्ट क्लास रूम एवं विज्ञान शाला का अवलोकन किया। इस दौरान वे ज्ञानगुड़ी में अध्ययनरत बच्चों से रूबरू हुए। उन्होंने बच्चों को छेरछेरा पुन्नी और गणतंत्र दिवस की अग्रिम बधाई देते हुए उन्हें पूरी लगन एवं मेहनत के साथ पढ़ाई करने प्रोत्साहित किया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ज्ञानगुड़ी के बच्चों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि शिक्षा ही विकास का मूल मंत्र है। शिक्षा केवल डिग्री लेकर नौकरी पाना नहीं है बल्कि अच्छा समाजसेवक बनने, अच्छा व्यवसाय करने, अच्छी खेती-किसानी करने सभी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा की अहम भूमिका है।
मेडिकल कॉलेज में सीट बढ़ाने का आश्वासन
ऐश्वर्या नायर के पूछने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भी डॉ. रमन सिंह की सरकार ने सुदूर ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के लिए बहुत काम किया था, बस्तर संभाग में एजुकेशन हब बनाये, जिसे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देखकर सराहना की। अब चौथी बार फिर से हमारी सरकार बनी है तो इस दिशा में और अच्छा प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री ने अंकिता ठाकुर के सुझाव पर जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में सीट बढ़ाने के लिए विचार करने आश्वस्त किया।
तनाव मुक्त होकर करें परीक्षा की तैयारी
मुख्यमंत्री ने कंचन यादव के छत्तीसगढ़ी में पूछे सवाल परीक्षा के भय को कम करने के बारे में कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जो छात्र-छात्राओं से निरन्तर चर्चा कर उन्हें पढ़ाई और परीक्षा के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। इसी कड़ी में आगामी 29 जनवरी को फिर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छात्र-छात्राओं से रूबरू होकर परीक्षा पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री ने तनावमुक्त होकर बिना डर या भय के अपने लक्ष्य को पाने के लिए परीक्षा की तैयारी करने बच्चों को प्रेरित किया।
नई शिक्षा नीति से आएगा बदलाव
मुख्यमंत्री ने ज्ञानगुड़ी के बच्चों से अपनी बात साझा करते हुए कहा कि अब तक लार्ड मैकाले की अंग्रेजी शिक्षा नीति लागू थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नई शिक्षा नीति से शिक्षा में बहुत बदलाव आएगा। इससे बच्चों को डिजिटल शिक्षा सहित व्यवहारिक और व्यवसायिक शिक्षा मिलेगी और बच्चे भविष्य में स्व-रोजगार एवं उद्यम की ओर अग्रसर होंगे। वहीं नई शिक्षा नीति में खेलकूद सहित योग और शारीरिक शिक्षा की सुविधा प्रदान की जायेगी। इस नवीन शिक्षा नीति से बच्चों के पालकों पर दबाव कम होगा।
छात्र बीमा योजना की मिली राशि
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छात्र बीमा योजनान्तर्गत 17 प्रकरणों में एक-एक लाख रुपए का चेक प्रदान किया। कार्यक्रम में उन्होंने ज्ञानगुड़ी के शिक्षकों के लिखित दसवीं विज्ञान एवं बारहवीं कृषि विज्ञान, बारहवीं जीव विज्ञान, बारहवीं कक्षा के केमेस्ट्री एवं बारहवीं फिजिक्स विषय के प्रश्नों एवं उत्तरों के संकलन पुस्तकों का विमोचन किया गया।
मुख्यमंत्री को उनका पोट्रेट किया गया भेंट
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय को छात्र राधाकृष्ण ने उनका पोट्रेट भेंट किया। मुख्यमंत्री ने छात्र के हुनर की तारीफ की और धन्यवाद दिया। इस मौके पर पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, पूर्व विधायक संतोष बाफना सहित अनेक जनप्रतिनिधि और शिक्षक शिक्षिकाएं तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
ज्ञान को बढ़ाने के लिए बनी है गुड़ी
बस्तर के स्थानीय बोली में ज्ञानार्जन का आशय सीखने-समझने और गुड़ी को पवित्र स्थल के रूप में जाना जाता है। यही वजह है कि यहां पर देव स्थलों को गुड़ी के तौर पर मान्यता है। बस्तर के लोगों की इसी पावन विचार के मद्देनजर इसे ज्ञान का मंदिर अर्थात ज्ञानगुड़ी के नाम से बच्चों के लिए बनाया गया है।
ज्ञानगुड़ी बस्तर जिले और संभाग के जरूरतमंद व प्रतिभावान स्कूली बच्चों को नीट, जेईई, सीयूटी, आईसीएआर, पीएटी, पीपीएचटी, बीएसी नर्सिंग जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के उद्देश्य को लेकर ज्ञानगुड़ी अकादमी संचालित की जा रही है। इस ज्ञानगुड़ी संस्था के लिए प्रशासन द्वारा पृथक से शिक्षा विभाग के भवन को जीर्णाेद्धार कर नया रूप दिया गया है। नए भवन में दो स्मार्ट क्लास, एक छोटा ऑडिटोरियम और लाइब्रेरी की सुविधा दी जा रही है।
ज्ञानगुड़ी के समीप ही विज्ञान शाला बनाया गया है, जिसमें विज्ञान के विभिन्न मॉडल तथा प्रादर्श रखे गए हैं। जिससे ज्ञानगुड़ी में अध्ययनरत बच्चों को विज्ञान की पढ़ाई हेतु बेहतर सुविधा मिलेगी। साथ ही बच्चे प्रयोगशाला के माध्यम से छोटे-छोटे प्रयोग कर विज्ञान की समझ को बढ़ा सकेंगे।
इंडिया गठबंधन के लिए एक और बुरी खबर सामने आ रही है। पश्चिम बंगाल और पंजाब के बाद अब बिहार में झटका लग सकता है।
जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार के एनडीए में लौटने की अटकलें तेज हो चुकी हैं। इस सबके बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को सीट शेयरिंग का समाधान खोजने के लिए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी से बात की है।
आपको बता दें कि बुधवार को ममता की इस घोषणा से कांग्रेस चिंतित हो गई कि बंगाल में सीट-बंटवारे पर कोई बातचीत नहीं चल रही है। टीएमसी ने राज्य में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी।
द इंडियन एक्सप्रेस ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश के हवाले से बताय कि आगे का रास्ता खोजने के लिए खड़गे ने गुरुवार को ममता बनर्जी से संपर्क किया।
दोनों के बीच हुई बातचीत की जानकारी साझा करने से इनकार करते हुए जयराम रमेश ने केवल इतना कहा कि ममता और इंडिया गठबंधन का उद्देश्य समान था। दोनों बंगाल और बंगाल के बाहर भाजपा को हराना चाहते हैं।
सूत्रों ने कहा कि खड़गे ने ममता को एक पत्र भी भेजा जिसमें उन्हें बंगाल के राहुल गांधी की न्याय यात्रा के दौरान उसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
टीएमसी ने दावा किया था कि कांग्रेस ने उन्हें इसके बारे में सूचित भी नहीं किया था। रमेश ने पीटीआई से कहा, ”खड़गे, राहुल और पार्टी में हर कोई उन्हें भारत जोड़ो न्याय यात्रा का हिस्सा बनाकर बहुत प्रसन्न और गौरवान्वित महसूस करेगा। भले ही यह कुछ मिनटों के लिए ही क्यों न हो।”
आपको बता दें कि कांग्रेस का यह प्रयास टीएमसी को इंडिया गठबंधन में वापस लाने की कोशिश है।
हालांकि टीएमसी ने गुरुवार को कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी को सीट-बंटवारे की वार्ता की विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया।
टीएमसी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, “बंगाल में गठबंधन के काम नहीं करने के तीन कारण हैं। अधीर रंजन चौधरी, अधीर रंजन चौधरी और अधीर रंजन चौधरी।” इसके जवाब में अघीर रंजन ने कहा, ”वह (ओ’ब्रायन) एक विदेशी हैं। वह बहुत कुछ जानतें है। आपको उनसे पूछना चाहिए।”
इस सबके बीच गुरुवार को इंडिया गठबंधन को उस अटकलों ने परेशान कर दिया जिसमें नीतीश कुमार के फिर से भाजपा के साथ दोस्ती की बात कही जा रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री का इंडिया गठबंधन से बाहर जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका होगा, क्योंकि उन्होंने ही पिछले साल 23 जून को इसकी नींव रखी थी। 15 विपक्षी दलों के नेताओं ने पटना में नीतीश के आधिकारिक आवास पर मुलाकात की और भाजपा से मुकाबला करने के लिए गठबंधन बनाने का फैसला किया।
इसके ठीक सात महीने बाद नीतीश कुमार गठबंधन के साथ बढ़ते मोहभंग के संकेत दे रहे हैं। हाल ही में उन्होंने इंडिया का संयोजक बनने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। उन्होने जद (यू) की कमान खुद संभाली।
कांग्रेस सूत्रों ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि ऐसे समय में नीतीश कुमार का इंडिया गठबंधन से बाहर जाना एक घातक झटका हो सकता है। नीतीश के चले जाने से भाजपा के लिए गठबंधन पर तंज कसना और घेरना आसान हो जाएगा।
आपको बता दें कि कांग्रेस को हाल की विधानसभा चुनावों में मिला हार ने उसे हिंदी पट्टी से लगभग मिटा दिया है। गठबंधन की उम्मीदें काफी हद तक बिहार और कुछ हद तक उत्तर प्रदेश पर टिकी हुई हैं।
नीतीश के बाहर जाने से चुनावी गणित भी गड़बड़ा सकता है। हालांकि कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग को उम्मीद है कि राजद नेता तेजस्वी यादव इसकी भरपाई कर सकते हैं और सहानुभूति वोट जुटा सकते हैं।
उप मुख्यमंत्री ने सप्ताहिक स्वदेशी मेला का किया उद्घाटन
छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि स्वदेशी का प्रतीक स्वावलंबन है और स्वावलंबन का प्रतीक स्वभिमान।
प्राचीन समय में उद्यमिता के कारण देश समृद्ध और स्वावलंबी थे, अब हजारों वर्षों के गुलामी के बाद लोगों का स्वभिमान जागा है और लोग पुनः स्वदेशी मेले के जरिए स्वावलंबन की संकल्पना को सकार करने लगे हैं।
यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आव्हान है कि देश को समृद्ध और स्वावलंबी बनाएं। उप मुख्यमंत्री साव आज शाम राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित सप्ताहिक स्वदेशी मेला के शुभारंभ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि 21वीं सदी में लोगों का स्वभिमान जागा है और स्वदेशी उद्यमिता के माध्यम से देश को समृद्ध करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में भारत देश विश्व की 5वां अर्थव्यवस्था के रूप में सामने आया है।
आगामी कुछ वर्षों बाद भारत देश विश्व में तीसरी अर्थव्यवस्था के रूप में सामने आएगी। उन्होंने स्वदेशी मेला में शामिल होने आए देशभर के उद्यमियों का स्वागत किया।
संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने स्वदेशी मेला उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि अयोध्या में प्रभु रामलला जी विराजमान हो गए हैं।
रामलला का संस्कार ही स्वदेशी है, प्राचीन समय में शहरों की सुविधा गांवों में थी अब गांवों की सुविधा शहरों में आ गई है और लोग गांवों से शहरों की ओर अग्रसर होने लगे हैं। मंत्री अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत देश रक्षा क्षेत्रों में भी स्वदेशी को अपना लिया है यह गर्व की बात है।
लोग धीरे-धीरे स्वदेशी टूथब्रश से लेकर घरेलू उपयोग की वस्तु और रोजमर्रा की चीजें भी अपनाने लगे हैं। निश्चित ही इससे हम देश को विकसित और समृद्ध भारत बना सकते हैं।
कार्यक्रम को स्वदेशी जागरण मंच के सह-संगठन सतीश कुमार ने भी सम्बोधित किया। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वदेशी मेला प्रमुख सचिन वरियार सहित संयोजक अमर बंसल, रामनारायण व्यास, श्रीमती शीला शर्मा, अमरजीत छाबड़ा सहित मेला समिति के सदस्य और आमजन उपस्थित थे।
कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर से मतपत्रों के लिए चुनाव कराने की मांग की है।
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने गुरुवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बात पर बहस करने का समय खत्म हो गया है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है या नहीं।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पित्रोदा ने कहा कि चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट के बारे में उठाए गए सवालों का जवाब नहीं दिया है।
उन्होंने कहा कि अब जल्द ही लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए उन मुद्दों पर चर्चा करने का समय चला गया है। उन्होंने कहा कि चुनावों को लेकर लोगों में विश्वास की भारी कमी है।
सैम पित्रोदा ने कहा, “विश्वास की भारी कमी है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि भारत का चुनाव आयोग क्या सोचता है। जो मायने रखता है वह यह कि भारत के लोग क्या सोचते हैं… मेरे अनुसार, आज एकमात्र विकल्प पेपर बैलेट ही बचा है।”
हालांकि पित्रोदा ने बाद में कहा कि वह कांग्रेस की ओर से नहीं, बल्कि एक “चिंतित नागरिक” के तौर पर बोल रहे हैं।
इसके अलावा, कांग्रेस ने दावा किया कि चुनाव आयोग (EC) ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के प्रतिनिधि मंडल से मिलने से इनकार कर दिया। पार्टी ने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा मिलने से इनकार करना ‘अन्याय’ है जो लोकतंत्र की बुनियाद पर आघात करने वाला है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि विपक्षी दल निर्वाचन आयोग के समक्ष वीवीपैट के विषय पर अपनी बात रखना चाहते हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हर वर्ष 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन दुख की बात है कि यह स्वतंत्र संस्था ‘इंडिया’ गठबंधन की पार्टियों के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर रही है। ये दल केवल मतदाताओं द्वारा वोट डालने पर वीवीपैट के अधिक से अधिक उपयोग पर अपनी बात रखना चाहते हैं।”
उनका कहना है, “वीवीपीएटी और कुछ नहीं बल्कि ‘वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल’ है। निर्वाचन आयोग का लगातार इनकार एक अन्याय है जो हमारे लोकतंत्र की बुनियाद पर हमला है।” रमेश ने कहा कि मतदाता को यह सत्यापित करने का अधिकार है कि उसका वोट सटीक तरीके से दर्ज किया गया है। रमेश ने पिछले साल 30 दिसंबर को निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि ‘इंडिया’ के एक प्रतिनिधिमंडल को वीवीपैट पर्चियों पर अपने विचार रखने के लिए मिलने का समय दिया जाए।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर राजभवन सचिवालय में राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो सहित सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने शपथ ली कि ‘‘हम भारत के नागरिक लोकतंत्र में अपनी पूर्ण आस्था रखते हुए यह शपथ लेते हैं कि हम अपने देश की लोकतांत्रिक परम्पराओं की मर्यादा को बनाए रखेंगे तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन की गरिमा को अक्षुण्ण रखते हुए निर्भीक होकर धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, भाषा अथवा अन्य किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना सभी निर्वाचनों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।’’ इसके साथ ही भारत निर्वाचन आयोग के गीत ‘‘मैं भारत हूं‘‘ का गायन किया गया।
देश की 132 जानी-मानी शख्सियतों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा की हुई है।
इनमें पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, एक्ट्रेस वैजयंतीमाला बाली, एक्टर कोनिडेला चिरंजीवी, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक दिवंगत बिंदेश्वर पाठक, सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जस्टिस दिवंगत एम. फातिमा बीवी और बॉम्बे समाचार के मालिक होर्मुसजी एन. कामा शामिल हैं।
75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती, ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन के अध्यक्ष यंग लियू, भाजपा के वरिष्ठ नेता राम नाइक, दिवंगत अभिनेता विजयकांत, गायिका उषा उत्थुप और परोपकारी किरण नादर को भी नागरिक पुरस्कारों से सम्मानित करने की घोषणा हुई।
पद्म पुरस्कार पाने वालों में 34 गुमनाम नायक हैं, जिनमें भारत की पहली महिला हाथी महावत पार्वती बरुआ, आदिवासी पर्यावरणविद चामी मुर्मू, मिजोरम का सबसे बड़ा अनाथालय चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता संगथंकिमा और प्लास्टिक सर्जन प्रेमा धनराज शामिल हैं।
क्या आप जानते हैं कि पद्म पुरस्कारों से सम्मानित होने वालों का चयन किस प्रकार से होता है और उन लोगों को क्या सुविधाएं मिलती हैं? अगर नहीं, तो हम आपको इसी बारे में विस्तार से बता रहे हैं…
किन लोगों को दिया जाता है पद्म सम्मान? पद्म पुरस्कार कला, साहित्य, शिक्षा, खेल- कूद, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान, इंजीनियरिंग, लोक कार्य, सिविल सेवा और व्यापार समेत विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों को दिए जाते हैं।
ये वो लोग होते हैं जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि या सेवाएं दी हैं। इन पुरस्कारों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है। ये हैं- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री।
पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने वालों को क्या मिलता है? पद्म पुरस्कार समारोह हर साल राष्ट्रपति भवन में आयोजित होता है। पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने वालों को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर, सील वाला सर्टिफिकेट और मेडल दिया जाता है।
इन हस्तियों को उनके मेडल की प्रतिकृति भी सौंपी जाती है, जिसे वो किसी भी समारोह में पहन सकते हैं। गृह मंत्रालय की ओर से यह साफ तौर पर कहा गया है कि ये पुरस्कार कोई पदवी नहीं है।
इसलिए विजेताओं के नाम के आगे या पीछे इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। इसका उल्लंघन होने पर पुरस्कार वापस भी लिया जा सकता है।
बता दें कि पद्म पुरस्कार विजेताओं को कोई नकद राशि, भत्ता या फिर रेल-हवाई यात्रा में छूट जैसी सुविधा नहीं मिलती है।
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों भारत के 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं।
उन्होंने शुक्रवार को ऐलान किया कि साल 2030 तक 30 हजार भारतीय छात्र फ्रांस में पढ़ाई कर सकेंगे।
मैक्रों ने एक्स पर पोस्ट करके कहा कि यह एक बहुत ही महत्वाकांक्षी टारगेट है, मगर मैं इसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति के इस ऐलान को गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत के लिए तोहफे के तौर पर देखा जा रहा है।
राष्ट्रपति मैक्रों ने पोस्ट पर कहा, ‘पब्लिक स्कूलों में फ्रेंच सीखने के लिए हम नया रास्ता खोल रहे हैं। इसे ‘फ्रेंच फॉर आल, फ्रेंच फॉर ए बेटर फ्यूचर’ नाम दिया गया है। फ्रेंच सीखाने के मकसद से नए सेंटर्स खोले जा रहे हैं। हम लोग इंटरनेशनल क्लास बना रहे हैं। इसके जरिए ऐसे स्टूडेंट्स जो फ्रेंच नहीं बोल पाते हैं वो हमारी यूनिवर्सिटीज को ज्वाइन कर सकेंगे।’ उन्होंने इस पोस्ट में आगे कहा, “इतना ही नहीं, हम उन भारतीय छात्रों को वीजा प्रॉसेस भी मुहैया कराएंगे जिन्होंने फ्रांस में पढ़ाई की है। इससे उन्हें वापस आने में मदद मिलेगी।”
गुरुवार को पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के बीच हुई थी बातचीत गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने द्विपक्षीय रणनीतिक जुड़ाव को और मजबूत करने के लिए चर्चा की थी। जयपुर के शानदार होटल ‘ताज रामबाग पैलेस’ में दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई।
इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि चर्चा के दौरान रक्षा और सुरक्षा, व्यापार, जलवायु परिवर्तन और परमाणु ऊर्जा समेत अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
पीएम मोदी और मैक्रों ने परकोटे में स्थित जंतर मंतर से सांगानेरी गेट तक रोड शो किया।
रोड शो में बड़ी संख्या में लोग उमड़े। दोनों नेता बाद में स्थानीय कलाकृतियों व हस्तशिल्प उत्पादों की एक दुकान में गए।
मोदी ने राष्ट्रपति मैक्रों को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर की प्रतिकृति उपहार में दी।