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छत्तीसगढ़ के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को मिलेगा उनका हक, खेल दिवस से पहले जारी होगी सूची – मंत्री टंक राम वर्मा….

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छत्तीसगढ़ के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को मिलेगा उनका हक, खेल दिवस से पहले जारी होगी सूची – मंत्री टंक राम वर्मा….

रायपुर: छत्तीसगढ़ में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को अब आखिरकार उनका हक मिलने वाला है. उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सूची जारी करने को लेकर खेल मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा, खिलाड़ियों का इंतजार जल्द खत्म होगा. खेल दिवस के पहले उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सूची जारी हो जाएगी. खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने खेल एवं युवा कल्याण विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सूची जल्द तैयार कर जारी करने के निर्देश दिए थे. अब इस मामले में एक बार फिर खेल मंत्री का बयान सामने आया है. उन्होंने खेल दिवस से पहले उत्कृष्ट खिलाड़ियों की लिस्ट जारी करने की बात कही है.

SC से पूर्व CM बघेल को झटका, कोर्ट बोला– पहले हाईकोर्ट जाइए

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SC से पूर्व CM बघेल को झटका, कोर्ट बोला– पहले हाईकोर्ट जाइए

 रायपुर / नई दिल्ली

 सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आपराधिक मामलों में राहत पाने के लिए प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा सीधे उसके पास आने की प्रथा की निंदा की।अदालत ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल को केंद्रीय जांच एजेंसियों की ओर से की जा रही जांच के सिलसिले में हाई कोर्ट जाने को कहा।

'हाईकोर्ट क्यों नहीं गए?'

ये मामले छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले और अन्य केस से संबंधित हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जायमाल्या बागची की पीठ ने पूछा कि प्राथमिकी, गिरफ्तारी और रिमांड तथा मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रविधानों के खिलाफ उनकी याचिकाओं पर शीर्ष अदालत को क्यों विचार करना चाहिए?

पीठ ने सवालिया लहजे में पूछा, "याचिकाकर्ता हाई कोर्ट क्यों नहीं गए। वह भी संवैधानिक न्यायालय है और इस मुद्दे पर फैसला सुना सकता है। यही वह समस्या है, जिसका हम सामना कर रहे हैं। हाई कोर्ट इस मुद्दे पर फैसला क्यों नहीं कर सकता, अन्यथा उन अदालतों का क्या फायदा?"

शीर्ष अदालत ने ये भी पूछा कि याचिकाकर्ता हाईकोर्ट क्यों नहीं गए, जो खुद भी एक संवैधानिक न्यायालय है और ऐसे मामलों पर फैसला कर सकता है। पीठ ने कहा, ‘‘हम इसी समस्या को झेल रहे हैं। उच्च न्यायालय इस मामले का फैसला क्यों नहीं कर सकता? अगर ऐसा नहीं होगा तो फिर उन अदालतों का क्या मतलब है? यह एक नया चलन बन गया है- जैसे ही कोई संपन्न व्यक्ति उच्चतम न्यायालय आता है, हम अपने निर्देशों को बदलने लगते हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो आम लोगों और उनके साधारण वकीलों के लिए उच्चतम न्यायालयों में कोई जगह नहीं बचेगी।’’
SC क्यों पहुंचे थे पिता-पुत्र?

भूपेश बघेल और चैतन्य बघेल ने अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर जांच एजेंसियों की कार्रवाई और पीएमएलए के प्रावधानों को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक एम. सिंघवी ने कहा, "गिरफ्तारी का यह सिलसिला पूरे देश में देखा जा रहा है और प्रवर्तन निदेशालय जैसी जांच एजेंसियां टुकड़ों में आरोपपत्र दाखिल कर रही हैं, किसी को भी फंसा रही हैं और सभी को गिरफ्तार कर रही हैं।”
ईडी पर क्या-क्या आरोप?

पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं चल सकता। लोगों का नाम प्राथमिकी या शुरुआती आरोपपत्रों में नहीं होता, लेकिन अचानक उनके नाम पूरक आरोपपत्र में आ जाते हैं और उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है।’’ बघेल के बेटे की ओर से पेश सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल का नाम दो-तीन आरोपपत्रों में नहीं था, लेकिन मार्च में उनके घर पर अचानक छापा मारा गया और बाद में एक पूरक आरोपपत्र में उनका नाम आने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
ED SC के फैसले का उल्लंघन कर रहा: सिब्बल

सिब्बल ने दलील दी कि ईडी शीर्ष अदालत द्वारा 2022 के फैसले में निर्धारित कानून का उल्लंघन कर रहा है, जिसमें गिरफ्तारी के उसके अधिकार को बरकरार रखा गया था। कपिल सिब्बल ने कहा कि इसलिए याचिका में पीएमएलए की धारा 50 और 63 की वैधता को चुनौती दी गई है। ये धाराएं अधिकारियों को किसी भी व्यक्ति को तलब करने, दस्तावेज मंगवाने, जांच के दौरान बयान दर्ज करने और झूठा बयान देने पर सजा देने का अधिकार देती हैं।
हाई कोर्ट जाने का आदेश

पीठ ने पूछा कि अगर ईडी कानून का पालन नहीं कर रहा था या प्रक्रिया से भटक रहा था, तो क्या कोई इसे अदालत के संज्ञान में लेकर आया या जांच एजेंसियों की कार्रवाई को चुनौती दी। पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत पहले भी कह चुकी है कि आरोपपत्र दाखिल होने के बाद आगे की जांच केवल अदालत की अनुमति से ही हो सकती है। पीठ ने कहा, ‘‘ऐसे कई मामले होते हैं जहां कानून वैध होता है, लेकिन उस पर की गई कार्रवाई अवैध हो सकती है।’’ अदालत ने दोनों याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे अपने मामले से जुड़े सभी तथ्य उच्च न्यायालय के समक्ष रखें।

पीएमएलए की धाराओं 50 और 63 को चुनौती देने के संबंध में पीठ ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ता इस मुद्दे पर नई रिट याचिकाएं दाखिल कर सकते हैं, और न्यायालय उन पर सुनवाई लंबित मामलों के साथ करेगा। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने उन्हें उच्च न्यायालय जाने की अनुमति दी और उच्च न्यायालय से कहा कि वह उनकी याचिकाओं पर जल्दी सुनवाई करे।

 

वेतन विसंगतियों और पदोन्नति की मांग पर तहसीलदारों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, कामकाज ठप – राजस्व मंत्री ने जल्द समाधान का दिया आश्वासन…

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वेतन विसंगतियों और पदोन्नति की मांग पर तहसीलदारों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, कामकाज ठप – राजस्व मंत्री ने जल्द समाधान का दिया आश्वासन…

रायपुर: वेतन विसंगतियों को दूर करने, पदोन्नति समेत 17 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इससे तहसील दफ्तरों में कामकाज ठप है. लोगों को अपने काम के लिए भटकना पड़ रहा है. तहसीलदारों के हड़ताल पर राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा, तहसीलदारों के साथ उनकी कई मांगों पर चर्चा हुई है. जल्द वे हड़ताल समाप्त कर काम पर लौटेंगे.

हड़ताल पर गए तहसीलदारों का कहना है कि वे लंबे समय से अपने सेवा शर्तों, वेतन विसंगतियों और पदोन्नति जैसी मांगों को लेकर शासन से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है. इसी कारण मजबूर होकर उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा.

ये हैं तहसीलदार संघ की मुख्य मांगें

  1. हर तहसील में पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति- कंप्यूटर ऑपरेटर, चपरासी, पटवारी, राजस्व निरीक्षक आदि की पोस्टिंग की जाए.
  2. डिप्टी कलेक्टर पद पर प्रमोशन की प्रक्रिया में पारदर्शिता- 50:50 का अनुपात (सीधी भर्ती और प्रमोशन) बहाल किया जाए.
  3. नायब तहसीलदार को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा मिले- पूर्व घोषणा को लागू किया जाए.
  4. ग्रेड पे में सुधार- तहसीलदारों के वेतनमान में जल्द बदलाव किया जाए.
  5. सरकारी वाहन और ड्राइवर की सुविधा सभी तहसीलों को मिले.
  6. निलंबन मामलों में जल्द बहाली हो- 15 दिनों के भीतर जांच पूरी कर बहाल किया जाए.
  7. न्यायालय के मामलों को जन शिकायत में शामिल न किया जाए.
  8. न्यायालयीन आदेशों पर FIR न हो- जज प्रोटेक्शन एक्ट 1985 के पालन की मांग.
  9. प्रोटोकॉल ड्यूटी से अलग न्यायालय काम के लिए व्यवस्था हो.
  10. आउटसोर्सिंग से स्टाफ की भर्ती का अधिकार तहसीलदार को मिले.
  11. प्रशिक्षित ऑपरेटर की नियुक्ति हो- स्वामित्व योजना, भू-अभिलेख और ई-कोर्ट जैसे तकनीकी कामों के लिए.
  12. SLR और ASLR की फिर से नियुक्ति हो.
  13. सरकारी मोबाइल नंबर दिए जाएं, निजी नंबर की गोपनीयता बनी रहे.
  14. हर तहसील में सुरक्षा गार्ड और फील्ड के लिए वाहन उपलब्ध कराया जाए.
  15. सड़क दुर्घटना में तत्काल मुआवजा देने की स्पष्ट गाइडलाइन बने.
  16. संघ को सरकार से मान्यता मिले- ताकि वह वार्ता और समस्याओं के समाधान में सहभागी बन सके.
  17. राजस्व न्यायालय सुधार के लिए विशेषज्ञ कमेटी बने.

छत्तीसगढ़ में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज से खुला समृद्धि का नया द्वार….

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छत्तीसगढ़ में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज से खुला समृद्धि का नया द्वार….

रायपुर: खनिज विकास के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। मेसर्स डेक्कन गोल्ड माइनिंग लिमिटेड (DGML) ने राज्य में हाल ही में प्राप्त संयुक्त अनुज्ञा क्षेत्र में निकल (Nickel), क्रोमियम (Chromium) और प्लेटिनम समूह के तत्वों (PGEs) की खोज की है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि छत्तीसगढ़ में रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और उनके सतत विकास के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।

यह खोज महासमुंद जिले के भालुकोना–जामनीडीह निकल, क्रोमियम और PGE ब्लॉक में हुई है, जो लगभग 3000 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इस क्षेत्र का प्रारंभिक अन्वेषण भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) द्वारा G4 स्तर पर किया गया था, जिसमें इन खनिजों की उपस्थिति की संभावना प्रकट हुई थी। इस आधार पर, छत्तीसगढ़ शासन के खनिज साधन विभाग के अंतर्गत भूविज्ञान एवं खनिकर्म संचालनालय (DGM) ने विस्तृत भू-वैज्ञानिक आंकड़ों का संकलन कर ब्लॉक की ई-नीलामी प्रक्रिया संपन्न कराई।

दिनांक 6 मार्च 2023 को ब्लॉक का सफलतापूर्वक नीलामीकरण हुआ, जिसमें DGML ने 21% सबसे ऊँची बोली लगाकर इसे हासिल किया। इसके पश्चात DGM छत्तीसगढ़ द्वारा अन्वेषण कार्यों को शीघ्र गति देने हेतु तकनीकी मार्गदर्शन और निरंतर सहयोग प्रदान किया गया। आवश्यक वन और पर्यावरणीय स्वीकृतियाँ प्राप्त होने के बाद, DGML ने अन्वेषण कार्यों की शुरुआत की, जिनमें विस्तृत भू-वैज्ञानिक मानचित्रण, रॉक चिप सैम्पलिंग, ड्रोन आधारित मैग्नेटिक सर्वेक्षण तथा इंड्यूस्ड पोलराइजेशन (IP) सर्वेक्षण शामिल हैं। प्रारंभिक परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। अब तक लगभग 700 मीटर लंबी खनिजीकृत पट्टी की पहचान की गई है, जो संभावित मैफिक-अल्ट्रामैफिक चट्टान संरचनाओं में स्थित है। भूभौतिकीय सर्वेक्षणों से प्राप्त संकेतों के अनुसार 300 मीटर गहराई तक सल्फाइड खनिजों की उपस्थिति दर्ज की गई है, जो इस ब्लॉक की समृद्ध खनिज क्षमता को रेखांकित करती है।

भालुकोना ब्लॉक के समीप ही स्थित केलवरडबरी निकल, क्रोमियम एवं PGE ब्लॉक पूर्व में मेसर्स वेदांता लिमिटेड को नीलामी के माध्यम से प्रदान किया गया था। इन दोनों ब्लॉकों के संयुक्त विकास से महासमुंद क्षेत्र को देश के रणनीतिक खनिजों के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किए जाने की संभावनाएँ सशक्त हुई हैं।

इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक खोज राज्य और देश के लिए अत्यावश्यक खनिज संसाधनों को सुरक्षित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन की भावना को सशक्त करती है और रणनीतिक क्षेत्रों में सतत एवं आत्मनिर्भर विकास को प्रोत्साहित करती है। छत्तीसगढ़ शासन वैज्ञानिक एवं विस्तृत खनिज अन्वेषण तथा विकास को पूर्ण समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

राज्य शासन द्वारा रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है, जिसका प्रमाण 2024-25 के अन्वेषण प्रस्तावों में परिलक्षित होता है, जहां 50% से अधिक प्रस्ताव इन्हीं खनिजों पर केंद्रित हैं। अब तक राज्य द्वारा 51 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी की जा चुकी है, जिनमें ग्रेफाइट, निकल, क्रोमियम, PGEs, लिथियम, ग्लॉकोनाइट, फॉस्फोराइट एवं ग्रेफाइट-वैनाडियम जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण खनिज शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 6 टिन ब्लॉकों को भारत सरकार के खनिज मंत्रालय को आगामी नीलामी हेतु सौंपा गया है।

इस दिशा में योजनाबद्ध एवं संस्थागत प्रयासों को गति देने के लिए DGM, छत्तीसगढ़ ने एक क्रिटिकल मिनरल सेल (Critical Mineral Cell) का गठन किया है, जो शोध, शैक्षणिक एवं पेशेवर संस्थानों के साथ सहभागिता बढ़ाकर खनिज अन्वेषण एवं परिशोधन को प्रोत्साहित कर रहा है।

इस संदर्भ में खनिज संसाधन विभाग के सचिव, श्री पी. दयानंद, ने कहा कि यह खोज केवल एक वैज्ञानिक सफलता नहीं, बल्कि एक रणनीतिक छलांग है। बढ़ती वैश्विक मांग के मद्देनज़र, हरित ऊर्जा एवं हाई-टेक तकनीकों के लिए आवश्यक खनिज — जैसे निकेल और प्लेटिनम समूह के तत्व — भविष्य की तकनीकों की रीढ़ हैं। छत्तीसगढ़ भारत के रणनीतिक खनिज मानचित्र में एक केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए कटिबद्ध है और हम इसके लिए आवश्यक संस्थागत और संचालनात्मक सहयोग सुनिश्चित कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ की खनिज समृद्धि की स्थिति को और मजबूत करती है, बल्कि आधुनिक तकनीक, राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों में उपयोगी खनिजों की खोज की दिशा में अद्भुत संभावनाओं की नींव भी रखती है।

साल्ही ग्राम पंचायत में तैयार हुआ मॉडल पीएम आवास, अन्य ग्रामीणों को भी मिला प्रोत्साहन…

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साल्ही ग्राम पंचायत में तैयार हुआ मॉडल पीएम आवास, अन्य ग्रामीणों को भी मिला प्रोत्साहन…

रायपुर: प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) आज देश के लाखों जरूरतमंद परिवारों के लिए सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक सम्मानजनक और सुरक्षित आशियाने का सपना साकार करने का माध्यम बन चुकी है। सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड अंतर्गत साल्ही ग्राम पंचायत के रहने वाले श्री भीम सिंह का जीवन भी इस योजना से बदल गया है।

श्री भीम सिंह अपने आठ सदस्यीय परिवार के साथ वर्षों तक एक कच्चे मकान में जीवन यापन कर रहे थे। बरसात आते ही हर साल छत और दीवारों की मरम्मत करनी पड़ती थी, लेकिन तेज बारिश में कच्चा घर ठहर नहीं पाता था। कई बार आधी रात को टपकती छत से पानी गिरता था और बच्चों की नींद टूट जाती थी। जहरीले सांप-बिच्छुओं का डर हमेशा बना रहता था।

श्री भीम सिंह का वर्षों पुराना सपना था कि वह अपने बच्चों के सिर पर पक्की छत दे सकें। उनका यह सपना तब साकार हुआ जब उनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की सूची में आया। उन्होंने शासन की ओर से मिलने वाली सहायता राशि का सदुपयोग करते हुए अपने सपनों का आशियाना तैयार कर लिया। आज उनका मकान न सिर्फ उनके परिवार को सुरक्षा और सम्मान दे रहा है, बल्कि वह गांव के अन्य लोगों के लिए एक मॉडल आवास बन गया है।

उन्होंने बताया कि इस योजना ने न केवल उन्हें छत दी, बल्कि डर और असुरक्षा की जिंदगी से मुक्ति दिलाई। आज उनका पूरा परिवार सुरक्षित पक्के मकान में खुशी से जीवन यापन कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना और सरकार की जनकल्याणकारी सोच के प्रति आभार जताते हुए कहा, “हर किसी का सपना होता है एक पक्का घर, सरकार ने हमारे जैसे जरूरतमंदों का वह सपना पूरा कर दिया है।“ राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के सतत प्रयासों से जिले के सुदूरवर्ती ग्रामों तक यह योजना पहुंच रही है और जरूरतमंद परिवारों को लाभ मिल रहा है। भीम सिंह जैसे कई परिवारों की जीवन में पीएम आवास योजना नई रोशनी और आत्मसम्मान लेकर आ रही है।

स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कोण्डागांव व फरसगांव में शासकीय अस्पतालों का किया निरीक्षण….

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स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कोण्डागांव व फरसगांव में शासकीय अस्पतालों का किया निरीक्षण….

रायपुर: प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज कोंडागांव जिले के प्रवास के दौरान जिला चिकित्सालय कोंडागांव एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फरसगांव का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने मरीजों से बातचीत कर हाल चाल जाना और वहां मिल रहे चिकित्सकीय सुविधाओं की जानकारी ली।

स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों का बेहतर ईलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस दौरान बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने जिला अस्पताल कोंडागांव में 80 लाख रुपए की लागत से ऑपरेशन थिएटर निर्माण की घोषणा की।

 स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने कोण्डागांव व फरसगांव में शासकीय अस्पतालों का किया निरीक्षण

उन्होंने कहा कि राज्य के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना शासन की प्राथमिकता है। निरीक्षण के दौरान उनके साथ बस्तर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक सुश्री लता उसेंडी, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष श्री दीपक म्हस्के, स्वास्थ्य सचिव श्री अमित कटारिया और कलेक्टर श्रीमती नुपूर राशि पन्ना भी उपस्थित थी।

स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जिला चिकित्सालय में आपातकालीन चिकित्सा कक्ष, मेजर ओटी वार्ड, सर्जिकल वार्ड सहित विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल में उपलब्ध सुविधाएं, दवाईयों की उपलब्धता, साफ-सफाई, मरीजों को मिलने वाले भोजन, मेडिकल स्टाफ सहित अन्य आवश्यक जानकारी ली। जिला अस्पताल में चल रहे मरम्मत कार्य के प्रगति की जानकारी लेते हुए उन्होंने सीजीएमएससी के अधिकारियों से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला चिकित्सालय में मरीजों की संख्या को देखते हुए बेड की संख्या बढ़ाने और नये ऑपरेशन थिऐटर निर्माण कराने की बात कही।

 स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने कोण्डागांव व फरसगांव में शासकीय अस्पतालों का किया निरीक्षण

इसके पश्चात उन्होंने मातृ शिशु चिकित्सालय में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के सोनोग्राफी कक्ष में पहुंचकर कार्य के बारे में जानकारी ली और व्यवस्थित सोनोग्राफी कार्य के लिए आवश्यक व्यवस्था हेतु निर्देशित किया। साथ ही चिकित्सालय में स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिए जिला स्तर पर हो सकने वाले भर्ती को शीघ्र करने हेतु निर्देशित किया और बाकी पदों का राज्य स्तर पर भर्ती की बात कही।

रायपुर में ED की बड़ी कार्रवाई, मेडिकल उपकरण खरीद घोटाले में 40 करोड़ की संपत्ति जब्त

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रायपुर में ED की बड़ी कार्रवाई, मेडिकल उपकरण खरीद घोटाले में 40 करोड़ की संपत्ति जब्त

रायपुर

 प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रायपुर में चिकित्सा उपकरण एवं री-एजेंट खरीद घोटाले के संबंध में बड़ी कार्रवाई की है। पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत ईडी ने छत्तीसगढ़ में शशांक चोपड़ा, उनके परिवार के सदस्यों, व्यावसायिक संस्थाओं और राज्य के अधिकारियों सहित अन्य सहयोगियों के आवासीय व कार्यालय परिसरों में 30 जुलाई से 31 जुलाई 2025 तक छापेमारी अभियान चलाया।

40 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त

इस दौरान 20 स्थानों पर तलाशी ली गई। छापे के दौरान बैंक खातों में जमा राशि, सावधि जमा, डीमैट खातों में शेयर और वाहनों के रूप में 40 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति सामने आई। विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और चल-अचल संपत्तियां जब्त/फ्रीज की गई हैं।

ईडी ने कहा- अभी और खुलासे होंगे

ईडी ने इस मामले में जांच को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग की कड़ी जांच के तहत की गई है, जिसमें कई और खुलासे संभावित हैं। 

’प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना बनी किसानों की ताकत’….

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’प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना बनी किसानों की ताकत’….

रायपुर: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना छत्तीसगढ़ सहित देशभर में किसानों के लिए आर्थिक संबल का मजबूत आधार बनकर उभरी है। यह योजना राज्य के कृषकों को न केवल नियमित आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है, बल्कि उन्हें आधुनिक खेती की दिशा में भी प्रेरित कर रही है।

बलरामपुर जिले के ग्राम सागरपुर निवासी कृषक श्री सुसेन मण्डल भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से निरंतर लाभ प्राप्त कर खेती-किसानी को सशक्त बना रहे हैं। हाल ही में उन्हें योजना की 20वीं किस्त के रूप में 2,000 रुपए की राशि प्राप्त हुई है, जिससे उन्होंने खाद-बीज की खरीदी और मजदूरी भुगतान जैसे कार्यों में सहुलियत हुई।

श्री सुसेन मण्डल ने बताया कि वे विगत कई वर्षों से इस योजना के नियमित लाभार्थी हैं। प्रत्येक किस्त से उन्हें खेती के जरूरी संसाधनों की पूर्ति करने में मदद मिलती है, जिससे कृषि कार्यों की गति बनी रहती है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह योजना किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपए की आर्थिक सहायता तीन किश्तों में सीधे उनके बैंक खातों में प्रदान की जाती है। इसका उद्देश्य किसानों को खेती के लिए आवश्यक निवेश हेतु वित्तीय सहायता देना है, ताकि कृषि कार्य समय पर और व्यवस्थित रूप से संपन्न हो सकें। छत्तीसगढ़ के हजारों किसान इस योजना से लाभान्वित होकर न केवल परंपरागत खेती को मजबूती दे रहे हैं, बल्कि वैज्ञानिक तरीकों और आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाकर उत्पादन एवं आय में भी वृद्धि कर रहे हैं। इससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया बल मिल रहा है तथा आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम सिद्ध हो रहा है।

हर-घर तिरंगा कार्यक्रम में सभी उत्साह से भाग लें : राज्यपाल रमेन डेका….

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हर-घर तिरंगा कार्यक्रम में सभी उत्साह से भाग लें : राज्यपाल रमेन डेका….

रायपुर: राज्यपाल श्री रमेन डेका ने राज्य के सभी नागरिकों से हर घर तिरंगा कार्यक्रम में उत्साह से भाग लेने की अपील की है। उन्होंने देश व प्रदेश के नागरिकों से आग्रह किया है कि अपने घरों में तिरंगा फहराएं और स्वतंत्रता दिवस को सम्मान व गर्व के साथ मनाएं।

देश एवं प्रदेश में 79 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘‘हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग‘‘ थीम पर आधारित यह कार्यक्रम तीन चरणों में संपन्न होगा। प्रथम चरण 02 से 08 अगस्त, द्वितीय चरण 09 से 12 अगस्त, और तृतीय चरण 13 से 15 अगस्त 2025 तक किया जा रहा है।

राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल झण्डा फहराने की परंपरा नहीं है बल्कि हमारी राष्ट्र भक्ति, एकता और गौरव का प्रतीक है। तिरंगे के साथ हमारा जुड़ाव, हमारे संविधान, संप्रभुता और गौरवशाली विरासत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद करते हुए उनसे प्रेरणा लें और राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

रेमन डेबिट

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल: महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए बढ़ाए गए कदम, आजीविका मिशन से बदल रही जिंदगी…..

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल: महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए बढ़ाए गए कदम, आजीविका मिशन से बदल रही जिंदगी…..

रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुसार राज्य की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के विशेष प्रयास किया जा रहे हैं। विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही हितग्राहीमूलक योजनाओं से जोड़कर उन्हें आर्थिक गतिविधियों में सम्मिलित करते हुए  लाभ के अवसर प्रदान किये जा रहे हैं । ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं व्यवसाय प्रारंभ कर आत्मनिर्भर हो रही हैं।

महासमुंद जिले के ग्राम गुलझर की महिलाओं ने यह सिद्ध कर दिखाया है कि आत्मनिर्भरता का रास्ता दूर नहीं, यदि सही दिशा, दृढ़ इच्छाशक्ति और सामूहिक प्रयास साथ हों। वर्ष 2019 में गठित जय बड़ादेव महिला स्व-सहायता समूह ने स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर आजीविका का सशक्त साधन तैयार किया और अपनी आर्थिक स्थिति को नई दिशा दी।

बकरी पालन को बनाया आय का स्थायी माध्यम 

समूह की अध्यक्ष श्रीमती गोमती ध्रुव बताती हैं कि उन्होंने शुरुआत में बकरी पालन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाया, क्योंकि यह ग्रामीण परिवेश में कम लागत और कम प्रशिक्षण में भी लाभकारी साबित हो सकता है। उनके अनुसार बकरी पालन सिर्फ पशुपालन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का एक प्रभावी माध्यम बन गया है।

बिहान योजना से मिली आर्थिक ताकत 

बकरी पालन की शुरुआत उन्होंने बिहान योजना के अंतर्गत 1 लाख रुपये के ऋण से की। नियमित किस्त चुकाने के बाद वे ऋणमुक्त हुईं और फिर क्रमशः 2 लाख और 4 लाख रुपये का ऋण लेकर व्यवसाय का विस्तार किया। समय पर ऋण अदायगी के फलस्वरूप समूह को 15 हजार रुपये का रिवॉल्विंग फंड और 60 हजार रुपये का सामुदायिक निवेश कोष भी प्राप्त हुआ।

बकरी खाद से अतिरिक्त आय और बाजार में मांग 

आज समूह की 8 महिला सदस्यों के पास चार से पाँच बकरियाँ हैं। वे न केवल बकरी पालन कर रही हैं, बल्कि उससे उत्पादित जैविक बकरी खाद को तैयार कर बाज़ार में बेच रही हैं, जिससे प्रत्येक महिला को प्रति माह 4 से 5 हजार रुपये की अतिरिक्त आय हो रही है। बकरी खाद की गुणवत्ता और जैविक प्रकृति के कारण इसकी मांग पुणे जैसे बड़े शहरों में भी बनी हुई है।

आकांक्षा हाट में शानदार प्रदर्शन 

हाल ही में जिला पंचायत परिसर में आयोजित आकांक्षा हाट में समूह द्वारा लगाए गए स्टॉल में बकरी खाद को लोगों का जबरदस्त प्रतिसाद मिला। इससे महिलाओं का उत्साह और आत्मविश्वास और भी बढ़ा है।

प्रेरणास्रोत बनीं ग्रामीण महिलाएं 

श्रीमती गोमती ध्रुव और उनकी साथी महिलाओं ने यह सिद्ध कर दिखाया है कि यदि ग्रामीण महिलाएं संगठित होकर कार्य करें और शासन की योजनाओं का सही लाभ उठाएं, तो न केवल वे अपनी आजीविका को सशक्त बना सकती हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन सकती हैं। समूह की महिलाएं बिहान योजना और अन्य आजीविका उन्मुख सरकारी योजनाओं के लिए शासन का आभार व्यक्त करती हैं, जिन्होंने उन्हें यह मंच और अवसर प्रदान किया।

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