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उत्तर बस्तर कांकेर : शहरी क्षेत्रों में स्कूलों के आसपास तम्बाकू उत्पाद बेचने वालों पर सख्ती से प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करें सभी एसडीएम : कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर

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उत्तर बस्तर कांकेर : शहरी क्षेत्रों में स्कूलों के आसपास तम्बाकू उत्पाद बेचने वालों पर सख्ती से प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करें सभी एसडीएम : कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर

उत्तर बस्तर कांकेर : शहरी क्षेत्रों में स्कूलों के आसपास तम्बाकू उत्पाद बेचने वालों पर सख्ती से प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करें सभी एसडीएम : कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर

कलेक्टर का निर्देश: स्कूलों के पास तंबाकू बिक्री पर हो सख्त कार्रवाई, सभी एसडीएम को दिए आदेश

उत्तर बस्तर कांकेर: स्कूल परिसर के आसपास तंबाकू बिक्री पर रोक, कलेक्टर ने एसडीएम को दिए सख्त निर्देश

सार्वजनिक स्थलों और कार्यालयों में धूम्रपान करने वालों पर लगेगा जुर्माना
सभी कार्यालयों में तम्बाकू नियंत्रण के लिए नामांकित किए जाएंगे नोडल अधिकारी

उत्तर बस्तर कांकेर

कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर की अध्यक्षता में आज राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक का आयोजन  किया गया। उन्होंने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्कूलों व सार्वजनिक स्थलों के आसपास ठेले, गुमटियों में तम्बाकू और उससे निर्मित विभिन्न प्रकार के उत्पाद बेचे जाने की शिकायतें अक्सर मिलती हैं। बच्चों को किसी प्रकार के नशे की लत ना पड़े, इसलिए सभी अनुविभागीय अधिकारी कोटपा एक्ट के तहत सख्ती से प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करें।

कलेक्टर द्वारा जिले में नशे के विरुद्ध अभियान चलाते हुए सतत् चालानी कार्यवाही करने, जिले के सभी कार्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों को तम्बाकू मुक्त किये जाने के साथ-साथ यथाशीघ्र जिले को धूम्रपान मुक्त किये जाने के निर्देश दिए गए। पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक में कोटपा 2003 के विषय को भी शामिल करने तथा जिले के समस्त कार्यालयों में तम्बाकू नियंत्रण के लिए नोडल अधिकारी के नामांकित करने के निर्देश दिए गए।

  बैठक के दौरान तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला सलाहकार डॉ. विनोद वैध द्वारा तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में की जा रही गतिविधियों के सम्बंध में अवगत कराया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.सी. ठाकुर द्वारा राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम, कोटपा एक्ट 2003, कोटपा छ.ग. संशोधन अधिनियम 2021, धूम्रपान मुक्त नीतियों से अवगत कराया गया। इस अवसर पर जिला स्तर के सभी अधिकारीगण उपस्थित थे।

रायपुर : प्रदेश में अब तक 636.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

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रायपुर : प्रदेश में अब तक 636.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

रायपुर

छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 636.2 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 1054.2 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 329.0 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।
रायपुर संभाग में रायपुर जिले मे 581.2 मि.मी., बलौदाबाजार में 557.5 मि.मी., गरियाबंद में 499.8 मि.मी., महासमुंद में 538.2 मि.मी. और धमतरी में 505.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।
बिलासपुर संभाग में बिलासपुर जिले में 675.8 मि.मी., मुंगेली में 680.4 मि.मी., रायगढ़ मंे 795.8 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 867.2 मि.मी., कोरबा में 710.3 मि.मी., गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 632.1 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 594.5 मि.मी., सक्ती में 729.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।
दुर्ग संभाग में दुर्ग जिले में 506.8 मि.मी., कबीरधाम में 472.4 मि.मी., राजनांदगांव में 552.4 मि.मी., बालोद में 591.9 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 791.1 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 452.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।
सरगुजा संभाग में सरगुजा जिले में 477.3 मि.मी., सूरजपुर में 818.5 मि.मी., जशपुर में 719.1 मि.मी., कोरिया में 739.3 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 709.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है।
बस्तर संभाग में बस्तर जिले में 727.6 मि.मी., कोंडागांव में 482.4 मि.मी., नारायणपुर में 594.2 मि.मी., बीजापुर में 804.5 मि.मी., सुकमा में 497.8 मि.मी., कांकेर में 644.6 मि.मी., दंतेवाड़ा में 664.1 मि.मी. और औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

उत्तर बस्तर कांकेर : जनपद पंचायत स्तर के लंबित निर्माण कार्यों को लेकर कलेक्टर ने जताई नाराजगी

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उत्तर बस्तर कांकेर : जनपद पंचायत स्तर के लंबित निर्माण कार्यों को लेकर कलेक्टर ने जताई नाराजगी

उत्तर बस्तर कांकेर : जनपद पंचायत स्तर के लंबित निर्माण कार्यों को लेकर कलेक्टर ने जताई नाराजगी

उत्तर बस्तर कांकेर: लंबित निर्माण कार्यों पर कलेक्टर सख्त, जनपद पंचायतों को दी चेतावनी

तल्ख अंदाज में कहा- बार-बार समीक्षा के बाद भी कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो रोका जाएगा वेतन

उत्तर बस्तर कांकेर 

समय-सीमा की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने आज जिले की सभी जनपद पंचायतों में विभिन्न पुराने लंबित निर्माण कार्यों के संबंध में नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि या तो ये छोटे-मोटे कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करें, या फिर पूर्ण नहीं कर पाने की स्थिति में संबंधित विभाग को राशि वापस लौटा दें। उन्होंने तल्ख अंदाज में कहा कि प्रत्येक सप्ताह समीक्षा करने के बाद भी इन लंबित कार्यों में प्रगति नहीं आ रही है। ऐसे में संबंधित जनपद पंचायत के सीईओ का वेतन रोकने की कार्यवाही सख्ती से की जाएगी।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज सुबह 10.30 बजे से आयोजित समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर ने सभी जनपद पंचायतों में आंगनबाड़ी एवं पीडीएस सेंटर भवन निर्माण सहित ग्राम पंचायतों में बनाए जा रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी जनपद सीईओ को उक्ताशय के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को जेम पोर्टल के माध्यम से ही सभी प्रकार का क्रय नियमानुसार पूरी सतर्कता के साथ करने के लिए निर्देशित किया। इसमें किसी प्रकार की अनियमितता या लापरवाही वित्तीय नियमों के उल्लंघन के श्रेणी में आएगी, अतः सभी अधिकारी शासकीय निर्माण कार्यों से संबंधित सामग्री एवं अन्य उपकरणों का क्रय गंभीरता से करें। बैठक में कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को कहा कि ई-ऑफिस के माध्यम से ही सभी प्रकार की फाइलों एवं नस्तियों को मूव करें। उन्होंने अधीनस्थ कार्यालयों में भी ई-ऑफिस के माध्यम से सभी प्रकार के विभागीय दैनिक गतिविधियों का क्रियान्वयन करने हेतु निर्देशित किया। इसी तरह प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए इसके लाभ से आम जनता को अवगत कराने के निर्देश कार्यपालन अभियंता विद्युत विभाग को दिए।

आकांक्षी जिला एवं ब्लॉक का अवॉर्ड कलेक्टर को सौंपा

कांकेर जिले को संपूर्णता अभियान के तहत आकांक्षी जिला एवं ब्लॉक हेतु उत्कृष्ट कार्य के लिए रायपुर में आयोजित सम्मान समारोह में शनिवार 02 अगस्त को सम्मानित किया गया। कलेक्टर की ओर से जिला पंचायत के सीईओ हरेश मंडावी ने सम्मान ग्रहण किया था। आज आयोजित टीएल बैठक की शुरूआत में उक्त सम्मान को सीईओ ने कलेक्टर को भेंट किया। इस दौरान कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विभागों ने पूरी शिद्दत के साथ मेहनत व लगन से बेहतर कार्य किया, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने आगे भी शासन की योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन करने के लिए सभी अधिकारियों को प्रोत्साहित किया। उल्लेखनीय है कि राज्य के आकांक्षी जिलों और आकांक्षी विकासखंडों में तीन महीनों तक संचालित संपूर्णता अभियान में निर्धारित संकेतकों को संतृप्त करने और लक्ष्यों को हासिल करने वाले जिलों और विकासखंडों को पुरस्कार प्रदान किए गए। संपूर्णता अभियान में कांकेर जिले को रजत पदक प्राप्त हुआ तथा आकांक्षी विकासखण्ड की श्रेणी में कोयलीबेड़ा ब्लॉक को स्वर्ण और दुर्गूकोंदल ब्लॉक को रजत पदक प्राप्त हुआ।

बैठक में कलेक्टर ने विभागवार लंबित कार्यों की समीक्षा करते हुए जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने एलडब्ल्यूई सर्वे, नियद नेल्लानार योजना, ठोस अपशिष्ट पदार्थ प्रबंधन, प्रधानमंत्री आवास योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, सामाजिक अंकेक्षण, आयुष्मान भारत योजना, आयुष्मान वय वंदना योजना, पोषण पुनर्वास केन्द्र सहित विभिन्न प्रकरणों की विभागवार एवं योजनावार प्रगति की समीक्षा की।

बस्तर विकास प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा हुई

समय-सीमा बैठक के दौरान कलेक्टर क्षीरसागर ने बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत लंबित निर्माण कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने वर्ष 2020-21 से लंबित निर्माण कार्यों को लेकर असंतोष जाहिर करते हुए सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को शीघ्रता से पूर्ण कराने के निर्देश दिए। साथ ही पुराने कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूरा कराने और देवगुड़ी, घोटुल भवन, सामुदायिक भवन जैसे छोटे कार्यों को अविलंब निर्माण कराने सभी जनपद सीईओ को निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने विशेष केन्द्रीय सहायता मद अंतर्गत लंबित कार्यों की भी कार्यवार समीक्षा की। इस अवसर पर डीएफओ हेमचंद पहारे, अग्रवाल, अपर कलेक्टर जितेन्द्र कुर्रे एवं ए.एस. पैकरा सहित सभी अनुविभागीय अधिकारी तथा जिला स्तर के अधिकारीगण मौजूद रहे।

जगदलपुर : जिला परिषद सुंदरगढ़ ओडीशा की टीम ने किया एमआरएफ एवं एमआरसी सेंटर बुरुंडवाड़ा सेमरा का अध्ययन भ्रमण

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जगदलपुर : जिला परिषद सुंदरगढ़ ओडीशा की टीम ने किया एमआरएफ एवं एमआरसी सेंटर बुरुंडवाड़ा सेमरा का अध्ययन भ्रमण

जगदलपुर

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत अध्ययन एवं अवलोकन भ्रमण कार्यक्रम के तहत जिला परिषद सुंदरगढ़ ओडीशा की टीम ने सोमवार  को बस्तर जिले के बुरुंडवाड़ा सेमरा में स्थापित मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) और मटेरियल रिसाइक्लिंग सेंटर (एमआरसी) का भ्रमण कर कचरा प्रबंधन और प्रसंस्करण के बारे में विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान जिला पंचायत बस्तर तथा नगरीय निकाय के अधिकारियों ने जिले में समुदाय की सहभागिता से चलाए जा रहे कचरा प्रबंधन सम्बन्धी पहल के बारे में विस्तारपूर्वक अवगत कराया।

        इस अध्ययन भ्रमण के दौरान ओडीशा की टीम ने जिला प्रशासन बस्तर के द्वारा संचालित बुरुंडवाड़ा सेमरा एमआरएफ के माध्यम से जिले में कचरा संग्रहण और वर्गीकरण की व्यवस्थित प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप से देखा। टीम ने यह अनुभव किया कि किस प्रकार स्रोत स्तर पर ही कचरे को अलग-अलग श्रेणियों (सूखा, प्लास्टिक आदि) में वर्गीकृत किया जाता है और फिर उसकी आगे की प्रक्रिया हेतु तैयार किया जाता है। इसके पश्चात टीम ने एमआरसी केंद्र का भी भ्रमण किया, जिसे सृष्टि वेस्ट मैनेजमेंट सर्विस द्वारा संचालित किया जा रहा है। यहां टीम ने जिला पंचायत बस्तर और स्थानीय निकायों से सहयोग प्राप्त ‘स्वच्छ केंद्र मॉडल’ के तहत अपनाई गई समेकित रिसाइक्लिंग प्रणाली के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उक्त टीम द्वारा विशेष रूप से यह देखा गया कि किस प्रकार से एमआरएफ और एमआरसी इकाइयों के बीच समन्वय स्थापित कर कचरे को पुनः उपयोगी सामग्री जैसे प्लास्टिक ग्रैन्यूल में बदलाव किया जा रहा है।

         अपने अध्ययन भ्रमण के दौरान ओडीशा की टीम के सदस्यों ने कहा कि यह अवलोकन यात्रा सुंदरगढ़ जिले में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए उपयोगी रही। विशेष रूप से संग्रहण, वर्गीकरण और पुनःप्रक्रिया को एकीकृत करने की प्रक्रिया से जुड़े व्यावहारिक अनुभव इस क्षेत्र में सुधार के लिए सहायक सिद्ध होंगे।

जगदलपुर : पर्यटन को बढ़ावा देने एवं होम-स्टे के विकास हेतु ईच्छुक आवेदकों से 7 अगस्त तक मंगाये गए आवेदन

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जगदलपुर : पर्यटन को बढ़ावा देने एवं होम-स्टे के विकास हेतु ईच्छुक आवेदकों से 7 अगस्त तक मंगाये गए आवेदन

जगदलपुर

भारत सरकार द्वारा आदिवासी क्षेत्रो में स्वदेश दर्शन 2.0 योजना एवं प्रधानमंत्री जनजाती उत्कर्ष ग्राम अभियान के तहत् होम-स्टे के विकास तथा बस्तर जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं स्थानीय व्यक्तियों को स्वरोजगार व आय के साधन उपलब्ध कराने हेतु पर्यटन क्षेत्र के समीप आदिवासी ग्रामों में होम-स्टे संचालन हेतु इच्छुक अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों से 07 अगस्त 2025 तक आवेदन आमंत्रित किया गया है। चयनित व्यक्तियों को होम-स्टे हेतु नये कमरे बनाने हेतु 5 लाख रूपए तक एवं पूर्व से संचालित होम-स्टे में सुधार हेतु 3 लाख रूपये तक की सहायता प्रदाय की जाएगी। होम-स्टे हेतु प्रस्तावित भूमि संबंधित व्यक्ति के कब्जे व भू-स्वामित्व का होना अनिवार्य है। पूर्व में होम-स्टे संचालनकर्ता, महिलाओं व पर्यटन क्षेत्र में पूर्व से जुड़े व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए कार्यालय कलेक्टर बस्तर के सामान्य शाखा से संपर्क कर सकते हैं।

छत्तीसगढ़ के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को मिलेगा उनका हक, खेल दिवस से पहले जारी होगी सूची – मंत्री टंक राम वर्मा….

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छत्तीसगढ़ के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को मिलेगा उनका हक, खेल दिवस से पहले जारी होगी सूची – मंत्री टंक राम वर्मा….

रायपुर: छत्तीसगढ़ में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को अब आखिरकार उनका हक मिलने वाला है. उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सूची जारी करने को लेकर खेल मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा, खिलाड़ियों का इंतजार जल्द खत्म होगा. खेल दिवस के पहले उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सूची जारी हो जाएगी. खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने खेल एवं युवा कल्याण विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सूची जल्द तैयार कर जारी करने के निर्देश दिए थे. अब इस मामले में एक बार फिर खेल मंत्री का बयान सामने आया है. उन्होंने खेल दिवस से पहले उत्कृष्ट खिलाड़ियों की लिस्ट जारी करने की बात कही है.

SC से पूर्व CM बघेल को झटका, कोर्ट बोला– पहले हाईकोर्ट जाइए

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SC से पूर्व CM बघेल को झटका, कोर्ट बोला– पहले हाईकोर्ट जाइए

 रायपुर / नई दिल्ली

 सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आपराधिक मामलों में राहत पाने के लिए प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा सीधे उसके पास आने की प्रथा की निंदा की।अदालत ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल को केंद्रीय जांच एजेंसियों की ओर से की जा रही जांच के सिलसिले में हाई कोर्ट जाने को कहा।

'हाईकोर्ट क्यों नहीं गए?'

ये मामले छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले और अन्य केस से संबंधित हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जायमाल्या बागची की पीठ ने पूछा कि प्राथमिकी, गिरफ्तारी और रिमांड तथा मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रविधानों के खिलाफ उनकी याचिकाओं पर शीर्ष अदालत को क्यों विचार करना चाहिए?

पीठ ने सवालिया लहजे में पूछा, "याचिकाकर्ता हाई कोर्ट क्यों नहीं गए। वह भी संवैधानिक न्यायालय है और इस मुद्दे पर फैसला सुना सकता है। यही वह समस्या है, जिसका हम सामना कर रहे हैं। हाई कोर्ट इस मुद्दे पर फैसला क्यों नहीं कर सकता, अन्यथा उन अदालतों का क्या फायदा?"

शीर्ष अदालत ने ये भी पूछा कि याचिकाकर्ता हाईकोर्ट क्यों नहीं गए, जो खुद भी एक संवैधानिक न्यायालय है और ऐसे मामलों पर फैसला कर सकता है। पीठ ने कहा, ‘‘हम इसी समस्या को झेल रहे हैं। उच्च न्यायालय इस मामले का फैसला क्यों नहीं कर सकता? अगर ऐसा नहीं होगा तो फिर उन अदालतों का क्या मतलब है? यह एक नया चलन बन गया है- जैसे ही कोई संपन्न व्यक्ति उच्चतम न्यायालय आता है, हम अपने निर्देशों को बदलने लगते हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो आम लोगों और उनके साधारण वकीलों के लिए उच्चतम न्यायालयों में कोई जगह नहीं बचेगी।’’
SC क्यों पहुंचे थे पिता-पुत्र?

भूपेश बघेल और चैतन्य बघेल ने अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर जांच एजेंसियों की कार्रवाई और पीएमएलए के प्रावधानों को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक एम. सिंघवी ने कहा, "गिरफ्तारी का यह सिलसिला पूरे देश में देखा जा रहा है और प्रवर्तन निदेशालय जैसी जांच एजेंसियां टुकड़ों में आरोपपत्र दाखिल कर रही हैं, किसी को भी फंसा रही हैं और सभी को गिरफ्तार कर रही हैं।”
ईडी पर क्या-क्या आरोप?

पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं चल सकता। लोगों का नाम प्राथमिकी या शुरुआती आरोपपत्रों में नहीं होता, लेकिन अचानक उनके नाम पूरक आरोपपत्र में आ जाते हैं और उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है।’’ बघेल के बेटे की ओर से पेश सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल का नाम दो-तीन आरोपपत्रों में नहीं था, लेकिन मार्च में उनके घर पर अचानक छापा मारा गया और बाद में एक पूरक आरोपपत्र में उनका नाम आने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
ED SC के फैसले का उल्लंघन कर रहा: सिब्बल

सिब्बल ने दलील दी कि ईडी शीर्ष अदालत द्वारा 2022 के फैसले में निर्धारित कानून का उल्लंघन कर रहा है, जिसमें गिरफ्तारी के उसके अधिकार को बरकरार रखा गया था। कपिल सिब्बल ने कहा कि इसलिए याचिका में पीएमएलए की धारा 50 और 63 की वैधता को चुनौती दी गई है। ये धाराएं अधिकारियों को किसी भी व्यक्ति को तलब करने, दस्तावेज मंगवाने, जांच के दौरान बयान दर्ज करने और झूठा बयान देने पर सजा देने का अधिकार देती हैं।
हाई कोर्ट जाने का आदेश

पीठ ने पूछा कि अगर ईडी कानून का पालन नहीं कर रहा था या प्रक्रिया से भटक रहा था, तो क्या कोई इसे अदालत के संज्ञान में लेकर आया या जांच एजेंसियों की कार्रवाई को चुनौती दी। पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत पहले भी कह चुकी है कि आरोपपत्र दाखिल होने के बाद आगे की जांच केवल अदालत की अनुमति से ही हो सकती है। पीठ ने कहा, ‘‘ऐसे कई मामले होते हैं जहां कानून वैध होता है, लेकिन उस पर की गई कार्रवाई अवैध हो सकती है।’’ अदालत ने दोनों याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे अपने मामले से जुड़े सभी तथ्य उच्च न्यायालय के समक्ष रखें।

पीएमएलए की धाराओं 50 और 63 को चुनौती देने के संबंध में पीठ ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ता इस मुद्दे पर नई रिट याचिकाएं दाखिल कर सकते हैं, और न्यायालय उन पर सुनवाई लंबित मामलों के साथ करेगा। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने उन्हें उच्च न्यायालय जाने की अनुमति दी और उच्च न्यायालय से कहा कि वह उनकी याचिकाओं पर जल्दी सुनवाई करे।

 

वेतन विसंगतियों और पदोन्नति की मांग पर तहसीलदारों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, कामकाज ठप – राजस्व मंत्री ने जल्द समाधान का दिया आश्वासन…

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वेतन विसंगतियों और पदोन्नति की मांग पर तहसीलदारों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, कामकाज ठप – राजस्व मंत्री ने जल्द समाधान का दिया आश्वासन…

रायपुर: वेतन विसंगतियों को दूर करने, पदोन्नति समेत 17 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इससे तहसील दफ्तरों में कामकाज ठप है. लोगों को अपने काम के लिए भटकना पड़ रहा है. तहसीलदारों के हड़ताल पर राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा, तहसीलदारों के साथ उनकी कई मांगों पर चर्चा हुई है. जल्द वे हड़ताल समाप्त कर काम पर लौटेंगे.

हड़ताल पर गए तहसीलदारों का कहना है कि वे लंबे समय से अपने सेवा शर्तों, वेतन विसंगतियों और पदोन्नति जैसी मांगों को लेकर शासन से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है. इसी कारण मजबूर होकर उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा.

ये हैं तहसीलदार संघ की मुख्य मांगें

  1. हर तहसील में पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति- कंप्यूटर ऑपरेटर, चपरासी, पटवारी, राजस्व निरीक्षक आदि की पोस्टिंग की जाए.
  2. डिप्टी कलेक्टर पद पर प्रमोशन की प्रक्रिया में पारदर्शिता- 50:50 का अनुपात (सीधी भर्ती और प्रमोशन) बहाल किया जाए.
  3. नायब तहसीलदार को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा मिले- पूर्व घोषणा को लागू किया जाए.
  4. ग्रेड पे में सुधार- तहसीलदारों के वेतनमान में जल्द बदलाव किया जाए.
  5. सरकारी वाहन और ड्राइवर की सुविधा सभी तहसीलों को मिले.
  6. निलंबन मामलों में जल्द बहाली हो- 15 दिनों के भीतर जांच पूरी कर बहाल किया जाए.
  7. न्यायालय के मामलों को जन शिकायत में शामिल न किया जाए.
  8. न्यायालयीन आदेशों पर FIR न हो- जज प्रोटेक्शन एक्ट 1985 के पालन की मांग.
  9. प्रोटोकॉल ड्यूटी से अलग न्यायालय काम के लिए व्यवस्था हो.
  10. आउटसोर्सिंग से स्टाफ की भर्ती का अधिकार तहसीलदार को मिले.
  11. प्रशिक्षित ऑपरेटर की नियुक्ति हो- स्वामित्व योजना, भू-अभिलेख और ई-कोर्ट जैसे तकनीकी कामों के लिए.
  12. SLR और ASLR की फिर से नियुक्ति हो.
  13. सरकारी मोबाइल नंबर दिए जाएं, निजी नंबर की गोपनीयता बनी रहे.
  14. हर तहसील में सुरक्षा गार्ड और फील्ड के लिए वाहन उपलब्ध कराया जाए.
  15. सड़क दुर्घटना में तत्काल मुआवजा देने की स्पष्ट गाइडलाइन बने.
  16. संघ को सरकार से मान्यता मिले- ताकि वह वार्ता और समस्याओं के समाधान में सहभागी बन सके.
  17. राजस्व न्यायालय सुधार के लिए विशेषज्ञ कमेटी बने.

छत्तीसगढ़ में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज से खुला समृद्धि का नया द्वार….

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छत्तीसगढ़ में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज से खुला समृद्धि का नया द्वार….

रायपुर: खनिज विकास के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। मेसर्स डेक्कन गोल्ड माइनिंग लिमिटेड (DGML) ने राज्य में हाल ही में प्राप्त संयुक्त अनुज्ञा क्षेत्र में निकल (Nickel), क्रोमियम (Chromium) और प्लेटिनम समूह के तत्वों (PGEs) की खोज की है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि छत्तीसगढ़ में रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और उनके सतत विकास के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।

यह खोज महासमुंद जिले के भालुकोना–जामनीडीह निकल, क्रोमियम और PGE ब्लॉक में हुई है, जो लगभग 3000 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इस क्षेत्र का प्रारंभिक अन्वेषण भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) द्वारा G4 स्तर पर किया गया था, जिसमें इन खनिजों की उपस्थिति की संभावना प्रकट हुई थी। इस आधार पर, छत्तीसगढ़ शासन के खनिज साधन विभाग के अंतर्गत भूविज्ञान एवं खनिकर्म संचालनालय (DGM) ने विस्तृत भू-वैज्ञानिक आंकड़ों का संकलन कर ब्लॉक की ई-नीलामी प्रक्रिया संपन्न कराई।

दिनांक 6 मार्च 2023 को ब्लॉक का सफलतापूर्वक नीलामीकरण हुआ, जिसमें DGML ने 21% सबसे ऊँची बोली लगाकर इसे हासिल किया। इसके पश्चात DGM छत्तीसगढ़ द्वारा अन्वेषण कार्यों को शीघ्र गति देने हेतु तकनीकी मार्गदर्शन और निरंतर सहयोग प्रदान किया गया। आवश्यक वन और पर्यावरणीय स्वीकृतियाँ प्राप्त होने के बाद, DGML ने अन्वेषण कार्यों की शुरुआत की, जिनमें विस्तृत भू-वैज्ञानिक मानचित्रण, रॉक चिप सैम्पलिंग, ड्रोन आधारित मैग्नेटिक सर्वेक्षण तथा इंड्यूस्ड पोलराइजेशन (IP) सर्वेक्षण शामिल हैं। प्रारंभिक परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। अब तक लगभग 700 मीटर लंबी खनिजीकृत पट्टी की पहचान की गई है, जो संभावित मैफिक-अल्ट्रामैफिक चट्टान संरचनाओं में स्थित है। भूभौतिकीय सर्वेक्षणों से प्राप्त संकेतों के अनुसार 300 मीटर गहराई तक सल्फाइड खनिजों की उपस्थिति दर्ज की गई है, जो इस ब्लॉक की समृद्ध खनिज क्षमता को रेखांकित करती है।

भालुकोना ब्लॉक के समीप ही स्थित केलवरडबरी निकल, क्रोमियम एवं PGE ब्लॉक पूर्व में मेसर्स वेदांता लिमिटेड को नीलामी के माध्यम से प्रदान किया गया था। इन दोनों ब्लॉकों के संयुक्त विकास से महासमुंद क्षेत्र को देश के रणनीतिक खनिजों के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किए जाने की संभावनाएँ सशक्त हुई हैं।

इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक खोज राज्य और देश के लिए अत्यावश्यक खनिज संसाधनों को सुरक्षित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन की भावना को सशक्त करती है और रणनीतिक क्षेत्रों में सतत एवं आत्मनिर्भर विकास को प्रोत्साहित करती है। छत्तीसगढ़ शासन वैज्ञानिक एवं विस्तृत खनिज अन्वेषण तथा विकास को पूर्ण समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

राज्य शासन द्वारा रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है, जिसका प्रमाण 2024-25 के अन्वेषण प्रस्तावों में परिलक्षित होता है, जहां 50% से अधिक प्रस्ताव इन्हीं खनिजों पर केंद्रित हैं। अब तक राज्य द्वारा 51 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी की जा चुकी है, जिनमें ग्रेफाइट, निकल, क्रोमियम, PGEs, लिथियम, ग्लॉकोनाइट, फॉस्फोराइट एवं ग्रेफाइट-वैनाडियम जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण खनिज शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 6 टिन ब्लॉकों को भारत सरकार के खनिज मंत्रालय को आगामी नीलामी हेतु सौंपा गया है।

इस दिशा में योजनाबद्ध एवं संस्थागत प्रयासों को गति देने के लिए DGM, छत्तीसगढ़ ने एक क्रिटिकल मिनरल सेल (Critical Mineral Cell) का गठन किया है, जो शोध, शैक्षणिक एवं पेशेवर संस्थानों के साथ सहभागिता बढ़ाकर खनिज अन्वेषण एवं परिशोधन को प्रोत्साहित कर रहा है।

इस संदर्भ में खनिज संसाधन विभाग के सचिव, श्री पी. दयानंद, ने कहा कि यह खोज केवल एक वैज्ञानिक सफलता नहीं, बल्कि एक रणनीतिक छलांग है। बढ़ती वैश्विक मांग के मद्देनज़र, हरित ऊर्जा एवं हाई-टेक तकनीकों के लिए आवश्यक खनिज — जैसे निकेल और प्लेटिनम समूह के तत्व — भविष्य की तकनीकों की रीढ़ हैं। छत्तीसगढ़ भारत के रणनीतिक खनिज मानचित्र में एक केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए कटिबद्ध है और हम इसके लिए आवश्यक संस्थागत और संचालनात्मक सहयोग सुनिश्चित कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ की खनिज समृद्धि की स्थिति को और मजबूत करती है, बल्कि आधुनिक तकनीक, राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों में उपयोगी खनिजों की खोज की दिशा में अद्भुत संभावनाओं की नींव भी रखती है।

साल्ही ग्राम पंचायत में तैयार हुआ मॉडल पीएम आवास, अन्य ग्रामीणों को भी मिला प्रोत्साहन…

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साल्ही ग्राम पंचायत में तैयार हुआ मॉडल पीएम आवास, अन्य ग्रामीणों को भी मिला प्रोत्साहन…

रायपुर: प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) आज देश के लाखों जरूरतमंद परिवारों के लिए सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक सम्मानजनक और सुरक्षित आशियाने का सपना साकार करने का माध्यम बन चुकी है। सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड अंतर्गत साल्ही ग्राम पंचायत के रहने वाले श्री भीम सिंह का जीवन भी इस योजना से बदल गया है।

श्री भीम सिंह अपने आठ सदस्यीय परिवार के साथ वर्षों तक एक कच्चे मकान में जीवन यापन कर रहे थे। बरसात आते ही हर साल छत और दीवारों की मरम्मत करनी पड़ती थी, लेकिन तेज बारिश में कच्चा घर ठहर नहीं पाता था। कई बार आधी रात को टपकती छत से पानी गिरता था और बच्चों की नींद टूट जाती थी। जहरीले सांप-बिच्छुओं का डर हमेशा बना रहता था।

श्री भीम सिंह का वर्षों पुराना सपना था कि वह अपने बच्चों के सिर पर पक्की छत दे सकें। उनका यह सपना तब साकार हुआ जब उनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की सूची में आया। उन्होंने शासन की ओर से मिलने वाली सहायता राशि का सदुपयोग करते हुए अपने सपनों का आशियाना तैयार कर लिया। आज उनका मकान न सिर्फ उनके परिवार को सुरक्षा और सम्मान दे रहा है, बल्कि वह गांव के अन्य लोगों के लिए एक मॉडल आवास बन गया है।

उन्होंने बताया कि इस योजना ने न केवल उन्हें छत दी, बल्कि डर और असुरक्षा की जिंदगी से मुक्ति दिलाई। आज उनका पूरा परिवार सुरक्षित पक्के मकान में खुशी से जीवन यापन कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना और सरकार की जनकल्याणकारी सोच के प्रति आभार जताते हुए कहा, “हर किसी का सपना होता है एक पक्का घर, सरकार ने हमारे जैसे जरूरतमंदों का वह सपना पूरा कर दिया है।“ राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के सतत प्रयासों से जिले के सुदूरवर्ती ग्रामों तक यह योजना पहुंच रही है और जरूरतमंद परिवारों को लाभ मिल रहा है। भीम सिंह जैसे कई परिवारों की जीवन में पीएम आवास योजना नई रोशनी और आत्मसम्मान लेकर आ रही है।

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