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NH-130 पर दर्दनाक हादसा: तेज रफ्तार कार की टक्कर से दो की मौत, ट्रक सुधार रहे थे दोनों

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NH-130 पर दर्दनाक हादसा: तेज रफ्तार कार की टक्कर से दो की मौत, ट्रक सुधार रहे थे दोनों

कोरबा

बांगो थाना अंतर्गत मोरगा चौकी के मदनपुर घाट एनएच 130 पर एक तेज रफ्तार कार ने दो लोगों अपनी चपेट में लिया। जहां दोनों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद एनएच रोड पर राहगीरों की भीड़ लग गई और वाहन की कतार लगना शुरू हो गई।

इसकी सूचना तत्काल मोरगा चौकी पुलिस को दी गई। वहीं मौके पर 112 और एनएच रोड पर तैनात एंबुलेंस मौके पर पहुंची। जहां एक की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं दूसरे ने अस्पताल ले जाते समय दमतोड़ दिया।

मोरगा चौकी पुलिस ने घटनास्थल पहुच जानकारी ली और आगे की कार्यवाही शुरू की बताया जा रहा है कि ट्रक मदनपुर घाट पर ब्रेकडाउन हालत में खड़ी हुई थी। जिसे वाहन का चालक और परिचालक दोनों सड़क किनारे खड़ा होकर बना रहे थे। इसी दौरान तेज रफ्तार कर क्रमांक सीजी 12 एलजी 7728 ने सामने से ठोकर मारते हुए दोनों को अपनी चपेट में ले लिया।

मोरगा चौकी प्रभारी मंगतूराम ने बताया कि मृतक की पहचान 42 वर्षीय मोहम्मद उस्मान उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ और दूसरा कृष्ण मुरारी पांडे 32 वर्षीय गढ़वा झारखंड गढ़वा निवासी है। जहां इस घटना के बाद उनके परिजनों को सूचना दे दी गई। वहीं इस हादसे के बाद कार को जब्त कर चालक के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ‘ज्ञान धारा – शिक्षा संवाद’ कार्यक्रम में हुए शामिल

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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ‘ज्ञान धारा – शिक्षा संवाद’ कार्यक्रम में हुए शामिल

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ‘ज्ञान धारा – शिक्षा संवाद’ कार्यक्रम में हुए शामिल

शिक्षा राष्ट्र निर्माण का आधार है – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

शिक्षा के क्षेत्र में बड़े सुधारों की झलक – 5000 नए शिक्षकों की होगी नियुक्ति, 2047 तक ‘विकसित छत्तीसगढ़’ का संकल्प

रायपु

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय  ने  राजधानी रायपुर में हरिभूमि और आईएनएच मीडिया समूह द्वारा आयोजित ‘ज्ञान धारा – शिक्षा संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार शिक्षा को राष्ट्र निर्माण की बुनियाद मानती है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जब से मैंने शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभाली, उसी क्षण से मेरी प्राथमिकता रही कि विभाग को गहराई से समझते हुए उसमें सुधार की ठोस पहल की जाए। सबसे पहले एक गहन समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें यह पाया गया कि राज्य में शिक्षक और छात्रों का अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर होने के बावजूद वितरण असमान है।ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों की संख्या अधिक है, लेकिन शिक्षक अपेक्षाकृत कम हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में शिक्षक अधिक संख्या में पदस्थ हैं। इस असंतुलन को दूर करने हेतु राज्य में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया आरंभ की गई। इसके परिणामस्वरूप आज छत्तीसगढ़ का कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है। इस प्रभाव का विस्तार इतना व्यापक रहा कि इरकभट्टी जैसे गांवों में वर्षों से बंद पड़े विद्यालय पुनः प्रारंभ हो गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अब भी शिक्षकों की आवश्यकता बनी हुई है, जिसे ध्यान में रखते हुए 5000 नए शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र आरंभ की जाएगी।

नई शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में लागू किया गया है, और राज्य में हमारी सरकार ने इसे तत्परता से अपनाया है। छत्तीसगढ़ में अब 18 स्थानीय भाषाओं एवं बोलियों में प्राथमिक शिक्षा प्रदान की जा रही है। इससे न केवल स्थानीय भाषाओं के संरक्षण को बल मिला है, बल्कि बच्चों की सीखने की क्षमता में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पीएम-स्कूल योजना के अंतर्गत छात्रों को हाई-टेक सुविधाएँ मिल रही हैं। विद्यालय भवनों के रखरखाव हेतु ₹133 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। साथ ही, छात्रावासों की स्थिति सुधारने के लिए भी ठोस कदम उठाए गए हैं।

नक्सलवाद से विकास की ओर – बस्तर की नई दिशा

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज, वन, उपजाऊ भूमि और जैव विविधता से परिपूर्ण एक समृद्ध प्रदेश है, किंतु यह भी सत्य है कि यह राज्य वर्षों से नक्सलवाद की पीड़ा झेलता आया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नक्सल समस्या से दोहरे मोर्चे—सुरक्षा और विकास—पर समन्वित रणनीति से निपटा जाएगा। सरकार ने नक्सलियों से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की, और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। अब तक 1500 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

साथ ही, सुरक्षा बलों के द्वारा चलाए जा रहे अभियान में कई सक्रिय नक्सली न्यूट्रलाइज किए गए हैं। पुनर्वास हेतु ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के माध्यम से विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद का स्थायी समाधान केवल सुरक्षा बलों से नहीं, बल्कि शिक्षा, सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के विस्तार से संभव है। सरकार इन क्षेत्रों में विशेष रूप से कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर के धुड़मारास गांव को विश्व के 20 प्रमुख पर्यटन ग्रामों में स्थान मिला है, जो प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान किया गया है, और बस्तर में बोधघाट परियोजना के माध्यम से 7 लाख हेक्टेयर सिंचाई सुविधा और 200 मेगावॉट बिजली उत्पादन के लक्ष्य पर कार्य प्रगति पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय प्रगति हुई है। एक समय था जब राज्य में मात्र 1 मेडिकल कॉलेज था, आज 15 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। राज्य में अब तक 19 निजी विश्वविद्यालय स्थापित हो चुके हैं और 3 नए विश्वविद्यालयों की स्थापना प्रक्रिया में है।

उन्होंने कहा कि भारत प्राचीन काल से ही विश्वगुरु रहा है और आज पुनः वह स्थान प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर है। विदेशों से छात्र भारत में शिक्षा ग्रहण करने आ रहे हैं। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा का केंद्र बने।

2047 का लक्ष्य: विकसित भारत, विकसित छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2047 तक "विकसित छत्तीसगढ़" के लिए एक विस्तृत विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। डॉक्यूमेंट में शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।

सरकार का उद्देश्य है कि राज्य के विद्यालयों और महाविद्यालयों की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो तथा राज्य की जीएसडीपी में शिक्षा का योगदान सशक्त और प्रभावशाली बने।

उत्कृष्ट शिक्षकों का सम्मान

कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को “उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान” से अलंकृत किया गया। सम्मान प्राप्त करने वाले शिक्षकों में सुके. शारदा, बी. आर. साहू, भरत किशोर यादव,डॉ. धनंजय पाण्डेय, बलदाऊ सिंह श्याम शामिल हैं।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा एवं खेल एवं राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में विधायकगण पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू, गुरु खुशवंत साहेब, प्रदेश के शिक्षाविद्, विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ  उपस्थित थे।

रायपुर : रजत जयंती वर्ष में छत्तीसगढ़ को मिलेगा नया विधानसभा भवन – मुख्यमंत्री

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रायपुर : रजत जयंती वर्ष में छत्तीसगढ़ को मिलेगा नया विधानसभा भवन – मुख्यमंत्री

रायपुर : रजत जयंती वर्ष में छत्तीसगढ़ को मिलेगा नया विधानसभा भवन – मुख्यमंत्री साय

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने किया नवीन विधानसभा भवन का निरीक्षण

विधानसभा भवन निर्माण कार्य अंतिम चरण में, निर्धारित समय पर होगा विधिवत लोकार्पण

रायपुर

नवा रायपुर में निर्माणाधीन छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन का कार्य तीव्र गति से अपने अंतिम चरण में पहुँच रहा है। आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह तथा उप मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने विधानसभा भवन स्थल पर पहुँचकर निर्माणकार्य की प्रगति का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्य को निर्धारित समय-सीमा, सितम्बर 2025 तक हर हाल में पूर्ण किया जाए, ताकि राज्योत्सव (1 नवम्बर) के अवसर पर इसे जनता को समर्पित किया जा सके।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का यह रजत जयंती वर्ष है, जिसे पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। नवीन विधानसभा भवन का निर्माण कार्य अब पूर्णता की ओर अग्रसर है। रजत जयंती वर्ष पर राज्य को एक नया, भव्य विधानसभा भवन प्राप्त होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राज्योत्सव कार्यक्रम हेतु आमंत्रित किया गया है, और उनके करकमलों से इस नवीन विधानसभा भवन का लोकार्पण प्रस्तावित है।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि नए विधानसभा भवन का निर्माण अब अंतिम चरण में पहुँच चुका है। आज विधानसभा सदन, विधानसभा अध्यक्ष का कक्ष, मुख्यमंत्री का कक्ष तथा सम्पूर्ण परिसर का अवलोकन कर निर्माण की प्रगति का निरीक्षण किया गया। निर्धारित समय पर नवीन विधानसभा भवन का विधिवत लोकार्पण किया जाएगा।

नवीन विधानसभा भवन में छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान, पारंपरिक वास्तुकला और आधुनिक सुविधाओं का समुचित समावेश किया गया है। भवन में तीन प्रमुख विंग निर्मित किए जा रहे हैं – विंग-ए में विधानसभा सचिवालय, विंग-बी में मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय सहित विधानसभा सदन व सेंट्रल हॉल, तथा विंग-सी में उप मुख्यमंत्रियों एवं अन्य मंत्रियों के कार्यालय स्थित होंगे।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि नया विधानसभा भवन केवल एक शासकीय संरचना नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक भव्यता एवं वैभव का प्रतीक बनेगा।

52 एकड़ क्षेत्रफल में निर्मित यह नवीन विधानसभा भवन आधुनिक तकनीकी विशेषताओं और सांस्कृतिक सौंदर्य से युक्त एक भव्य परिसर होगा। सदन में 200 विधायकों के बैठने की क्षमता के साथ-साथ 500 दर्शकों की क्षमता वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम भी होगा। परिसर में 700 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है तथा दो प्रस्तावित सरोवर, प्रत्येक डेढ़ एकड़ क्षेत्र में, विकसित किए जाएँगे। निर्माण पूर्ण होने के पश्चात यह भवन न केवल छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठा को नई ऊँचाइयाँ प्रदान करेगा, बल्कि देशभर में अपनी विशिष्ट स्थापत्य शैली और उन्नत सुविधाओं के कारण एक मिसाल के रूप में स्थापित होगा।

निरीक्षण के दौरान अजय जामवाल, पवन साय, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, प्रमुख अभियंता वी.के. भतपहरी उपस्थित थे।

रायपुर : सावन की पावन बेला में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया भगवान शिव का रूद्राभिषेक, प्रदेशवासियों की समृद्धि और सुख-शांति की कामना

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रायपुर : सावन की पावन बेला में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया भगवान शिव का रूद्राभिषेक, प्रदेशवासियों की समृद्धि और सुख-शांति की कामना

रायपुर

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सावन मास के पवित्र अवसर पर राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी क्षेत्र में आयोजित विशाल कांवड़ यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने भगवान भोलेनाथ का रूद्राभिषेक कर छत्तीसगढ़ प्रदेश की खुशहाली, समृद्धि और जनकल्याण की कामना की। 

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज मारूति मंगलम भवन, गुढ़ियारी से हटकेश्वरनाथ महादेव मंदिर तक हजारों की संख्या में कांवड़िए जलाभिषेक हेतु रवाना हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन छत्तीसगढ़ की गौरवशाली सांस्कृतिक परंपरा को जीवंत बनाए रखने का कार्य करता है और हमारे लोक-विश्वास की गहराई को प्रकट करता है। सावन महीने में कांवड़ यात्रा शिवभक्तों की आस्था, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है, जिसमें श्रद्धालु कई-कई किलोमीटर पदयात्रा कर भोलेनाथ को जल अर्पित करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर के महादेव घाट स्थित भगवान हटकेश्वरनाथ महादेव का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत गहरा है। यहां श्रद्धालु बड़ी संख्या में जलाभिषेक हेतु एकत्र होते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती भक्ति, श्रद्धा और संस्कृति का अद्वितीय संगम है। कांवड़ यात्रा जैसी आयोजन न केवल परंपरा को सहेजते हैं, बल्कि आध्यात्मिक चेतना और सामाजिक समरसता का भी संदेश देते हैं।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े, लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मूणत, रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी, रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू, रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और रायपुर महापौर श्रीमती मीनल चौबे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु, गणमान्य नागरिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

बस्तर से बढ़ेगा देश का कनेक्शन! पीएम की पहल से नई रेलसेवा को मिली हरी झंडी

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बस्तर से बढ़ेगा देश का कनेक्शन! पीएम की पहल से नई रेलसेवा को मिली हरी झंडी

रायपुर
 मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने आज राजधानी रायपुर रेलवे स्टेशन से रायपुर-जबलपुर नई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और नई सेवा के लिए प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। शुभारंभ के खास मौके पर गुजरात के भावनगर में आयोजित मुख्य समारोह से केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और मनसुख मांडविया तथा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वर्चुअली उपस्थित रहे। मुख्य समारोह में रीवा-पुणे (हड़पसर) एक्सप्रेस एवं भावनगर टर्मिनस-अयोध्या एक्सप्रेस का भी रीवा एवं भावनगर से शुभारंभ किया गया। 

मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की विशेष पहल से आज तीन नई ट्रेन सेवाओं का शुभारंभ हुआ है और इसमें छत्तीसगढ़ को भी रायपुर-जबलपुर नई ट्रेन सेवा की बड़ी सौगात मिली है। उन्होंने नई रेल सेवा के लिए प्रदेश की 3 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री और रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में छत्तीसगढ़ का रेल का बजट 21 गुना बढ़ा है और इस साल 6 हजार 900 करोड़ की राशि मिली है। श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 47 हजार करोड़ रुपए से अधिक की रेल परियोजनाएं संचालित है, जो छत्तीसगढ़ में रेलवे नेटवर्क और यात्री सुविधाओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 32 रेलवे स्टेशनों को 680 करोड़  की लागत से सर्वसुविधायुक्त बनाने के साथ ही पूरा कायाकल्प जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा बस्तर क्षेत्र नक्सलवाद से पीड़ित और वहां भी  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई रेल परियोजनाओं की सौगात दी है। रावघाट-जगदलपुर रेल परियोजना सहित अन्य महत्वपूर्ण रेल परियोजनाएं भी हमारे छत्तीसगढ़ को मिली है, इसके लिए भी उन्होंने विशेष रूप से आभार जताया। श्री साय ने कहा कि रायपुर से जबलपुर के लिए वैकल्पिक रेल सेवा मिलने से पर्यटन, शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। नई रेल सेवा मिलने से छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आस्था और पर्यटन के प्रमुख केंद्र जैसे मां बमलेश्वरी की भूमि डोंगरगढ़ और भेड़ाघाट सीधे इन बड़े शहरों से जुड़ पाएंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने रायपुर-जबलपुर एक्सप्रेस के शुभारंभ को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह रेलसेवा  छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के बीच बेहतर संपर्क का सशक्त माध्यम बनेगी। उन्होंने बताया कि यह गाड़ी रायपुर से जबलपुर तक लगभग 410 किलोमीटर की दूरी को केवल 8 घंटे में तय करेगी। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश के यात्री अब सुगमता के साथ गोंदिया, बालाघाट और जबलपुर  की यात्रा कर पाएंगे और इससे क्षेत्रीय व्यापार व पर्यटन को भी गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि 'अमृत भारत स्टेशन योजना’ के माध्यम से प्रदेश के 32 स्टेशन का पुनर्विकास हो रहा है और रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग जैसे बड़े स्टेशनों में यात्री सुविधाएं लगातार बढ़ रही है। उन्होंने नई कनेक्टिविटी के लिए बधाई देते हुए कहा कि निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ के रेलवे नेटवर्क का और अधिक सशक्त विस्तार होगा।

इस अवसर पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक  मोतीलाल साहू, विधायक पुरंदर मिश्रा, महाप्रबंधक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे तरुण प्रकाश, डीआरएम रायपुर  दयानंद सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। गौरतलब है कि यह नई एक्सप्रेस ट्रेन सेवा छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश तीन राज्यों को जोड़ रही है। यह ट्रेन रायपुर, गोंदिया और जबलपुर के बीच यात्रियों को तेज़, वैकल्पिक और सुगम मार्ग उपलब्ध कराएगी। 

इस नई सेवा से यात्रियों को न केवल आरामदायक सफर मिलेगा, बल्कि व्यापार, शिक्षा और पर्यटन की दृष्टि से भी यह अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि नियमित सेवा के तहत गाड़ी संख्या 11701 रायपुर से दोपहर 2:45 बजे प्रस्थान करेगी और रात 10:45 बजे जबलपुर पहुंचेगी। वहीं, वापसी में गाड़ी संख्या 11702 जबलपुर से सुबह 6:00 बजे चलकर दोपहर 1:50 बजे रायपुर पहुंचेगी। इस ट्रेन में कुल 15 कोच होंगे, जिनमें एक एसी चेयर कार, चार चेयर कार, आठ सामान्य कोच, एक पावर कार और एक एसएलआरडी कोच शामिल हैं। यह सेवा व्यापारियों, विद्यार्थियों, पर्यटकों और दैनिक यात्रियों के लिए बेहद उपयोगी होगी। रायपुर, डोंगरगढ़, बालाघाट, नैनपुर और जबलपुर जैसे शहर सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व से समृद्ध हैं। नंदनवन जूलॉजिकल पार्क, माँ बमलेश्वरी मंदिर, कान्हा नेशनल पार्क, भेड़ाघाट और धुआंधार जलप्रपात जैसे पर्यटन स्थलों तक पहुँच अब और आसान हो सकेगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने इस नई रेलसेवा की शुरुआत कर यात्रियों के लिए यात्रा को और अधिक सुलभ, सुरक्षित एवं सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह सेवा क्षेत्रीय संपर्क को सशक्त बनाएगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ‘ज्ञान धारा – शिक्षा संवाद’ कार्यक्रम में हुए शामिल…

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ‘ज्ञान धारा – शिक्षा संवाद’ कार्यक्रम में हुए शामिल…

रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय  ने आज राजधानी रायपुर में हरिभूमि और आईएनएच मीडिया समूह द्वारा आयोजित ‘ज्ञान धारा – शिक्षा संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार शिक्षा को राष्ट्र निर्माण की बुनियाद मानती है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जब से मैंने शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभाली, उसी क्षण से मेरी प्राथमिकता रही कि विभाग को गहराई से समझते हुए उसमें सुधार की ठोस पहल की जाए।

सबसे पहले एक गहन समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें यह पाया गया कि राज्य में शिक्षक और छात्रों का अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर होने के बावजूद वितरण असमान है।ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों की संख्या अधिक है, लेकिन शिक्षक अपेक्षाकृत कम हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में शिक्षक अधिक संख्या में पदस्थ हैं। इस असंतुलन को दूर करने हेतु राज्य में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया आरंभ की गई। इसके परिणामस्वरूप आज छत्तीसगढ़ का कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है। इस प्रभाव का विस्तार इतना व्यापक रहा कि इरकभट्टी जैसे गांवों में वर्षों से बंद पड़े विद्यालय पुनः प्रारंभ हो गए हैं।

शिक्षा राष्ट्र निर्माण का आधार है – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अब भी शिक्षकों की आवश्यकता बनी हुई है, जिसे ध्यान में रखते हुए 5000 नए शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र आरंभ की जाएगी।

नई शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में लागू किया गया है, और राज्य में हमारी सरकार ने इसे तत्परता से अपनाया है। छत्तीसगढ़ में अब 18 स्थानीय भाषाओं एवं बोलियों में प्राथमिक शिक्षा प्रदान की जा रही है। इससे न केवल स्थानीय भाषाओं के संरक्षण को बल मिला है, बल्कि बच्चों की सीखने की क्षमता में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

शिक्षा राष्ट्र निर्माण का आधार है – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री ने बताया कि पीएम-श्री स्कूल योजना के अंतर्गत छात्रों को हाई-टेक सुविधाएँ मिल रही हैं। विद्यालय भवनों के रखरखाव हेतु ₹133 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। साथ ही, छात्रावासों की स्थिति सुधारने के लिए भी ठोस कदम उठाए गए हैं।

नक्सलवाद से विकास की ओर – बस्तर की नई दिशा

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज, वन, उपजाऊ भूमि और जैव विविधता से परिपूर्ण एक समृद्ध प्रदेश है, किंतु यह भी सत्य है कि यह राज्य वर्षों से नक्सलवाद की पीड़ा झेलता आया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के साथ हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नक्सल समस्या से दोहरे मोर्चे—सुरक्षा और विकास—पर समन्वित रणनीति से निपटा जाएगा। सरकार ने नक्सलियों से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की, और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। अब तक 1500 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

साथ ही, सुरक्षा बलों के द्वारा चलाए जा रहे अभियान में कई सक्रिय नक्सली न्यूट्रलाइज किए गए हैं। पुनर्वास हेतु ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के माध्यम से विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद का स्थायी समाधान केवल सुरक्षा बलों से नहीं, बल्कि शिक्षा, सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के विस्तार से संभव है। सरकार इन क्षेत्रों में विशेष रूप से कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर के धुड़मारास गांव को विश्व के 20 प्रमुख पर्यटन ग्रामों में स्थान मिला है, जो प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान किया गया है, और बस्तर में बोधघाट परियोजना के माध्यम से 7 लाख हेक्टेयर सिंचाई सुविधा और 200 मेगावॉट बिजली उत्पादन के लक्ष्य पर कार्य प्रगति पर है।

शिक्षा राष्ट्र निर्माण का आधार है – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय प्रगति हुई है। एक समय था जब राज्य में मात्र 1 मेडिकल कॉलेज था, आज 15 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। राज्य में अब तक 19 निजी विश्वविद्यालय स्थापित हो चुके हैं और 3 नए विश्वविद्यालयों की स्थापना प्रक्रिया में है।

उन्होंने कहा कि भारत प्राचीन काल से ही विश्वगुरु रहा है और आज पुनः वह स्थान प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर है। विदेशों से छात्र भारत में शिक्षा ग्रहण करने आ रहे हैं। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा का केंद्र बने।

2047 का लक्ष्य: विकसित भारत, विकसित छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2047 तक “विकसित छत्तीसगढ़” के लिए एक विस्तृत विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। डॉक्यूमेंट में शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।

सरकार का उद्देश्य है कि राज्य के विद्यालयों और महाविद्यालयों की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो तथा राज्य की जीएसडीपी में शिक्षा का योगदान सशक्त और प्रभावशाली बने।

उत्कृष्ट शिक्षकों का सम्मान

कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को “उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान” से अलंकृत किया गया। सम्मान प्राप्त करने वाले शिक्षकों में सुश्री के. शारदा, श्री बी. आर. साहू, श्री भरत किशोर यादव,डॉ. धनंजय पाण्डेय, श्री बलदाऊ सिंह श्याम शामिल हैं।

उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा एवं खेल एवं राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में विधायकगण श्री पुरंदर मिश्रा, श्री मोतीलाल साहू, गुरु खुशवंत साहेब, प्रदेश के शिक्षाविद्, विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ  उपस्थित थे।

हाथियों के बाद अब बाघ का साया : जंगल में मिले पैरों के निशान, गांवों में अलर्ट

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हाथियों के बाद अब बाघ का साया : जंगल में मिले पैरों के निशान, गांवों में अलर्ट

रायगढ़

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में बढ़ते जंगली हाथियों के बाद अब यहां के जंगलों में बाघ की धमक होने की बात सामने आई है और इसको लेकर धरमजयगढ़ वन मंडल द्वारा गांव वालों को अलर्ट करते हुए, जिस जगह बाघ आने की सूचना मिली है, आसपास के जंगलों में बाकायदा सर्चिंग की जा रही है। बाघ आने की आहट छाल के जंगलों से मिली है, जहां के ग्रामीणों ने बड़े पांव के निशान मिलने के बाद वन विभाग को सूचना दी थी। छाल के जंगलों में बाघ की धमक के बाद एक दर्जन से भी अधिक गांवों में मुनादी के जरिए गांव वालों को अलर्ट करते हुए कहा जा रहा है कि जंगलों की तरफ जाने से बचें, चूंकि हाथियों के बाद अब यहां बाघ के आने की जानकारी मिली है।

वन विभाग ने कर दी पुष्टि
सप्ताह भर पहले छाल से लगे गांव हाटी से लगे साम्हरसिंघा में बाघ के पदचिह्नों की जानकारी मिली और यहां बाघ के पदचिह्नों के अलावा जंगली सूअर के भी पांव के निशान मिले थे। ग्रामीणों ने जब पास के वन विभाग कर्मियों को इसकी सूचना दी तब जांच करते हुए उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि जो पंजों के निशान मिले हैं वो बाघ के ही हैं और इसकी पुष्टि होने के बाद छाल रेंज के वन कर्मियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी।

हाथी के बाद अब बाघ से दहशत
रायगढ़ जिले के रायगढ़ वन मंडल एवं धरमजयगढ़ वन मंडल में पहले से ही कई दर्जन गांव में जंगली हाथियों की बढ़ती संख्या से उनके आतंक के कारण गांव के लोग दहशत में हैं और अब बाघ की धमक होने से यह दहशत और बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि हाथियों के चलते गांव के लोग पहले रतजगा करते थे और अब बाघ के आने से वे वन विभाग से सहयोग की उम्मीद करते हुए सुरक्षा के उपाय तलाश रहे हैं। इतना ही नहीं, बाघ की दहशत के चलते गांव के ग्रामीण अपने मवेशियों को जंगल भेजने से भी कतरा रहे हैं और सड़क किनारे चराते नजर आ रहे हैं।

क्या कहते हैं डीएफओ
रायगढ़ जिले के जंगलों में शेर की आमद के बाद वन विभाग अलर्ट मोड में है। इस संबंध में धरमजयगढ़ वन मंडल के डीएफओ जितेन्द्र कुमार उपाध्याय का कहना है कि बाघ के मूवमेंट पर लगातार निगरानी रखने के लिए 6 अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। हाल ही में इसकी पहली जानकारी छाल के जंगलों में मिले पदचिह्नों से हुई थी और अब लैलूंगा के जंगलों में भी इसके पैरों के निशान मिले हैं, जिसके कारण आसपास के गांव में मुनादी के जरिए गांव वालों को अलर्ट किया गया है। उन्होंने इस बात को माना कि जिले में लैलूंगा व छाल घने जंगल बचे हुए हैं, जिसके कारण बाघ के आने की खबर सुखद है। जिन टीमों को इसके मूवमेंट पर नज़र रखने को कहा है, उन्हें इसकी सुरक्षा के लिए भी कहा गया है। चूंकि जंगलों में बाघ के घूमने के कारण गांव में मवेशियों के शिकार की संभावना ज़्यादा है। साथ ही साथ धरमजयगढ़ वन मंडल में बहुतायत मात्रा में हाथी अलग-अलग झुंड में विचरण कर रहे हैं, इसलिए बाघ के मूवमेंट पर नज़र रखना जरूरी हो गया है।

CG News:: सावन उत्सव में छत्तीसगढ़ की मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने साड़ी-हरी चूड़ियों में जमकर लगाए ठुमके, गूंजे सावन के गीत….

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CG News:: सावन उत्सव में छत्तीसगढ़ की मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने साड़ी-हरी चूड़ियों में जमकर लगाए ठुमके, गूंजे सावन के गीत….

रायपुर: छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास मंत्री, लक्ष्मी राजवाड़े ने आज अपने आवास पर सावन के पवित्र माह के मौके पर महिला पत्रकारों के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में नृत्य, संगीत, खेल का आयोजन किया गया, जिसमें मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने भी जमकर ठुमके लगाए.

कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें महिला पत्रकारों ने नृत्य और संगीत की प्रस्तुति दी. इस दौरान मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने भी जमकर ठुमके लगाए, और कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिला पत्रकारों को उत्साहवर्धन किया. कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी व्यंजन भी परोसे गए, जिसमें खास तौर से फरा, एक पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन, का स्वाद लिया गया.

मंत्री ने सोशल मीडिया पर साझा किया अनुभव

मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा करते हुए लिखा, “आज भगवान शिव की आराधना के पवित्र माह सावन में, अपने नवा रायपुर स्थित निज निवास में आयोजित सावन उत्सव कार्यक्रम में महिला पत्रकारों के साथ शामिल हुई. इस उत्सव में नृत्य, संगीत, खेल और आत्मीय संवाद के साथ सभी ने सावन उत्सव मनाया. सभी ने पारंपरिक अंदाज में उत्साह और उमंग के साथ इस पावन पर्व की खुशियाँ साझा की.

मंत्री ने लगवाई मेहँदी, सावन के झूले का भी लिया आनंद

इस दौरान मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े ने अपने हाथों में मेहँदी तो लगवाया ही साथ सभी महिला पत्रकारों के हाथ में भी मेहँदी लगवाया, माना जाता है कि हिंदू धर्म में सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व है. इन्ही में से एक है मेहँदी. इस दौरान मंत्री बेहद ही सौम्य तरीके से सभी से मुलाकात की. साथ ही सावन के झूले का भी आनंद लिया, सावन में झूले का भी विशेष महत्व होता है.

हिन्दू धर्म में है सावन का विशेष महत्व

सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है. यह भगवान शिव की पूजा का महीना होता है, जब भक्त गहरी श्रद्धा और विश्वास के साथ शिवजी की उपासना करते हैं. सावन के इस अवसर को महिलाएं विशेष रूप से बहुत धूमधाम से मनाती हैं, और इसे धार्मिक, के साथ-साथ सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है. महिलाओं के लिए यह महीना विशेष रूप से हर्षोल्लास, सामूहिक उत्सव और भाईचारे का प्रतीक है.

प्रधानमंत्री जनमन योजना से बुचूराम को मिला पक्का आशियाना…

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प्रधानमंत्री जनमन योजना से बुचूराम को मिला पक्का आशियाना…

रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत जरूरतमंद एवं कमजोर वर्ग के परिवारों को सुरक्षित आवास एवं मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने की दिशा में निरंतर प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत पंडरापाठ निवासी श्री बुचूराम को प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत पक्का आवास प्रदान किया गया है।

श्री बुचूराम लकड़ी और पैरा से निर्मित कच्चे घर में परिवार सहित निवास करते थे, जहाँ वर्षा, धूप एवं जीव-जंतुओं से उन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। दैनिक मजदूरी कर जीवनयापन करने वाले श्री बुचूराम आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं थे कि स्वयं पक्का मकान बनवा सकें। प्रधानमंत्री जनमन योजना उनके लिए आशा की किरण बनकर आई, जिसके अंतर्गत उन्हें सुरक्षित, स्थायी एवं पक्का आवास उपलब्ध कराया गया।

श्री बुचूराम ने बताया कि अब उनके पास प्रधानमंत्री जनमन योजना के आवास के साथ-साथ आधार कार्ड, राशन कार्ड एवं आयुष्मान कार्ड जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं, जिनकी सहायता से वे शासकीय योजनाओं का नियमित लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पक्का मकान मिलने से अब उनका परिवार सुरक्षित एवं सम्मानजनक जीवन जी रहा है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के परिवारों को प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से आवासीय सुविधा के साथ-साथ स्वास्थ्य, राशन एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। इससे ऐसे परिवारों को मुख्यधारा से जोड़कर उन्हें सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जा रहा है।

कुत्तों के हमले में घायल गर्भवती हिरणी की मौत, वन अधिकारियों ने पहुंचाया था अस्पताल

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कुत्तों के हमले में घायल गर्भवती हिरणी की मौत, वन अधिकारियों ने पहुंचाया था अस्पताल

बालोद

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के दल्ली राजहरा वन परिक्षेत्र में गर्भवती हिरणी की मौत का मामला सामने आया है. हिरणी की मौत कुत्तों के हमले से घायल होने के बाद बताई जा रही है. वहीं क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, मौत की वजह गोली लगना हो सकती है. हालांकि मौत की असली वजह का खुलासा पीएम रिपोर्ट से होगा.

 वन विभाग ने बताया कि दल्ली राजहरा वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पेण्ड्री बीट में घायल मादा हिरण मिली, जिससे कुत्तों का झुंड दौड़ा रहा था . स्थानीय लोगों की सूचना पर वन अधिकारी ने मौके पर पहुंचे और घायल हिरणी को सरकारी पशु चिकित्सालय लेकर आए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. पोस्टमार्टम में सामने आया कि मादा हिरण के पेट में बच्चा भी था.

हिरणी का किया गया अंतिम संस्कार
वन विभाग ने पोस्टमार्टम के बाद हिरणी का अंतिम संस्कार कर दिया. इस घटना को लेकर लोगों के बीच चर्चा है कि हिरण की मौत गोली लगने से हुई होगी. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि हिरणी की असली मौत की वजह क्या है.

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