Homeदेशरायपुर : राम-राम की गूंज से राममय हुआ रामनामी मेला...

रायपुर : राम-राम की गूंज से राममय हुआ रामनामी मेला…

जैजैपुर और कुरदी मेला – आने वाले लोगों में बना रहा उत्साह

नवगठित जिले सक्ती के जैजैपुर और मालखरौदा ब्लॉक के ग्राम कुरदी में आज दूसरे दिन भी रामनामी मेले में लगातार राम-राम-राम की गूंज होती रही।

रामनामी समुदाय से जुड़े लोग भजन-कीर्तन और रामायण का जाप करते हुए भगवान राम के संदेश को प्रेम और सदभाव से सबके जीवन में उतार रहे थे।

इस दौरान हजारो लोगों ने रामनामी आस्था के प्रतीक जैतखाम का दर्शन और यहाँ पूजा कर सुख-समृद्धि की मनोकामना की। अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से बने आध्यात्मिक माहौल की झलक और सबके सुख-शांति, मानवता का संदेश यहाँ भी महसूस हो रहा था।

रामनामियों द्वारा आयोजित बड़े भजन मेला और संत समागम में बड़ी संख्या में आसपास सहित दूरदराज के लोगों ने अपनी मौजूदगी दी।

जैजैपुर सहित कुरदी में राम-राम का उल्लास और उत्साह आने वालों में बना रहा। रामनामियों द्वारा अपने प्रभु राम को अपने विशेष अंदाज में पूजा।

राम-राम-राम लिखे वस्त्रों को धारण कर, सिर पर मोरपंख के साथ मुकुट पहनकर वे आस्था के बहुत गहराइयों में डूबे हुए नजर आए।

रामनामी गुलाराम ने बताया कि हमारा यहीं संदेश है कि लोग आपस में मिलजुलकर रहे, आपस में प्रेम करे और इंसानों के बीच जो दूरियां जात-पात के नाम पर है, वह मिटे।

उन्होंने कहा कि हमने और हमारे पीढ़ियों ने राम को जीवन में उतार लिया है। मेले में आए दादू राम ने बताया कि वे सपरिवार यहाँ आए हैं, यहाँ विशेष सुख की अनुभूति होती है।

रामनामियों को इस रूप में देख के लगता है कि ये कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है बल्कि प्रभु राम के दूत है। कोरबा से आये प्रकाश दास का कहना है कि किसी के शरीर पर जब कोई छोटा सा दाग लग जाता है तो उन्हें मिटाने के लिए तरह-तरह की दवाइयां लगाते हैं, कोई प्लास्टिक सर्जरी तक कराता है, लेकिन यहाँ इन्होंने अपने शरीर में दर्द को सहकर भी आजीवन राम-राम लिखवाया है।

यह कोई छोटी सी बात नहीं है, यह तो राम के सबसे बड़े भक्त और उन्हें मानने वाले ही कर सकते हैं। उनका कहना है कि लोगों को रामनामियों का दर्शन अवश्य करना चाहिए, क्योंकि इनके दर्शन मात्र से ही सच्चाई का बोध होता है और राम-राम के प्रति मन में आस्थाओं की दीप जलती है।

ग्राम मोहतरा के वृद्ध खोलबहरा ने अपने माथे में राम-राम लिखवाया है। उन्होंने बताया कि कुरदी में रामनामी मेला की जानकारी मिलते ही वे रामनामियों के दर्शन के लिए आए है।

पाँच बार रामायण का पाठ कर चुके खोलबहरा बताते है कि यह शान्ति और सद्भावना का मेला है। यहाँ आने के बाद रामनामियों का जीवन आपको प्रेरणा देगा।

मेले के दूसरे दिन बड़ी संख्या में बच्चे, महिलाएं सहित युवाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

मेले में व्यंजनों के स्टॉल, झूले, जरूरतों के सामान से सजी दुकानों और मनोरंजन के साधनों पर भी भारी भीड़ रही।

मेला आने से पहले उत्साह में समाए लोग एक यादगार लम्हों के साथ मेले का आनंद लेते रहे।

RELATED ARTICLES

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe