Homeराज्यछत्तीसगढ़मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राजनांदगांव की ऐतिहासिक पहल….

मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राजनांदगांव की ऐतिहासिक पहल….

रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में राजनांदगांव जिला प्रशासन ने विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण की दिशा में अभूतपूर्व पहल की है। जिले के 11वीं और 12वीं कक्षा के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए निशुल्क  नीट और जेईई की तैयारी कराने हेतु दो वर्षीय निःशुल्क कोचिंग की शुरुआत की गई है। इसका शुभारंभ कल गुरुवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा  अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह एवं राजनांदगांव लोकसभा सांसद श्री संतोष पांडेय की गरिमामयी उपस्थिति में  हुआ।

राजनांदगांव में 684 विद्यार्थियों के लिए शुरू हुई निशुल्क नीट- जेईई कोचिंग

कलेक्टर राजनांदगांव डॉ सर्वेश्वर भुरे ने बताया कि इसके तहत 684 मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश के लिए नीट और जेईई की कोचिंग दी जा रही है। इसके लिए जिला प्रशासन ने प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान फ़िजिक्स वाला एवं भिलाई एजुकेशन चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ करार किया है। दो वर्षीय कोचिंग विशेष रूप से 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए की गयी है।कोचिंग पूरी तरह निःशुल्क है, जिससे सामान्य परिवारों पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।

राजनांदगांव में 684 विद्यार्थियों के लिए शुरू हुई निशुल्क नीट- जेईई कोचिंग

विद्यार्थियों को फ़िजिक्स वाला की अध्ययन सामग्री हार्ड कॉपी में उपलब्ध कराई जाएगी।कक्षाएँ प्रत्येक शनिवार और रविवार को चार घंटे की अवधि के लिए संचालित होंगी।प्रशिक्षण के दौरान स्थानीय शिक्षकों की क्षमता वृद्धि पर भी जोर दिया जाएगा। जिले को 10 क्लस्टरों में विभाजित किया गया है ताकि प्रशिक्षण ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों माध्यमों से संचालित हो सके।इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का समान अवसर उपलब्ध कराना है। गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन से विद्यार्थी आत्मविश्वास के साथ देश के प्रतिष्ठित मेडिकल एवं इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश पा सकेंगे।

राजनांदगांव में 684 विद्यार्थियों के लिए शुरू हुई निशुल्क नीट- जेईई कोचिंग

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राजनांदगांव जिले में नीट और जेईई की निशुल्क कोचिंग शुरू होने पर प्रसन्नता जताई है और कहा है कि राजनांदगांव जिला प्रशासन की यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में  मील का पत्थर साबित होगी। यह प्रयास हमारे बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने के साथ-साथ उनके उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि छत्तीसगढ़ का हर मेधावी बच्चा अपनी क्षमता को पहचान सके और उसे आगे बढ़ने का उचित अवसर मिले। राजनांदगांव की यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में एक अभिनव प्रेरणा और विद्यार्थियों के जीवन में नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी।

RELATED ARTICLES

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe