जांजगीर चांपा
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में पशु चिकित्सा विभाग ने बीमार पशुओं के लिए मिली सरकारी दवाइयों को कुएं में डाल दिया। यहां कुएं में बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाइयां पानी के ऊपर तैरती मिली हैं। बताया जा रहा है कि शासन से मिली लाखों की दवाइयों को पशु पालकों को बांटने के बजाए कुएं में फेंक दिया गया है। माना जा रहा है कि यहां दवाई खरीदी में हुई गड़बड़ियों को छिपाने के लिए ऐसा किया गया है। हालांकि, अब मामला सामने आने पर अधिकारी जांच कराने का दावा कर रहे हैं।
दरअसल, पशु पालकों की सुविधा और जानवरों के इलाज के लिए हर साल शासन करोड़ों रुपए खर्च करती है। पशुओं के लिए निशुल्क दवा वितरण की योजना भी है। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राज्य शासन से दवाइयों की सप्लाई की जाती है। इसके अलावा जिला स्तर पर भी दवाइंयों की खरीदी की जाती है। ताकि, पशु पालकों के लिए दवाइयों की कमी न हो।
बताया जा रहा है कि जिले में पशु चिकित्सा विभाग से मिली सरकारी दवाइयों के अलावा जिला स्तर पर बड़े पैमाने पर दवाइयों की खरीदी कर ली गई थी। इन दवाइयों का वितरण सरकारी अस्पतालों में किया जाना था। इनमें ऐसी दवाइयों की खरीदी कर ली गई, जिसका जिले में कोई उपयोग ही नहीं है। यही वजह है कि खरीदी के बाद दवाइयां कार्यालय में पड़ी रह गई और एक्सपायरी हो गई।
पशु चिकित्सा विभाग के परिसर में है कुआं
जिला मुख्यालय के कचहरी चौक में पशु चिकित्सा विभाग का दफ्तर है। यहां परिसर में ही कुआं है। आमतौर पर कुएं पर लोगों की नजर नहीं पड़ती। क्योंकि, अब लोग कुएं के पानी का इस्तेमाल नहीं करते। ऐसे में बारिश के बाद अचानक कुएं में पानी भरा तब उसमें से विभाग द्वारा सप्लाई की जाने वाली सरकारी दवाइयों का जखीरा तैरते मिला। बारिश का पानी ऊपर आने के बाद दवाइयां भी पानी के ऊपर आ गई।
कुएं को बनाया सरकारी दवाई खपाने का अड्डा
विभाग के जानकारों का कहना है कि पशु चिकित्सा विभाग में इस तरह का खेल हर साल किया जाता है। अगर, कुएं की सही तरीके से तलाशी ली जाए तो वहां लाखों रुपए कीमती दवाइंया मिलेगी और अफसरों का कारनामा उजागर हो जाएगा। विभाग के अफसर कमीशन के चक्कर में मनमाने तरीके से दवाइयों की खरीदी करते हैं। साल भर तक दवाइयां कार्यालय में पड़ी-पड़ी एक्सपायर हो जाती हैं फिर नए सिरे से खरीदी करने के लिए इसे कुएं में डाल दिया जाता है।