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सड़क दुर्घटना पीड़ितों को नगदी रहित उपचार – ‘कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम- 2025’ लागू

इंदौर के सभी अस्पतालों में सड़क दुर्घटना में घायलों का होगा डेढ़ लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज
कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने अस्पताल संचालकों की बैठक लेकर दिए प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश
अस्पतालों को तीन दिन में अपना पंजीयन कराना होगा जरूरी

इंदौर। सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को त्वरित और नि:शुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा ‘कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम-2025’ लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत अब सड़क दुर्घटनाओं में घायल किसी भी व्यक्ति का इलाज इंदौर के अस्पतालों में नगदी रहित (कैशलेस) रूप से किया जाएगा, जिसकी अधिकतम सीमा डेढ़ लाख रुपये तक होगी।

इस क्रम में कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने आज जिले के अस्पताल संचालकों की बैठक लेकर योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से घायल सड़क दुर्घटना पीड़ितों को त्वरित और नि:शुल्क उपचार उपलब्ध कराना प्राथमिकता होनी चाहिए। सभी अस्पताल तीन दिन में अपना पंजीयन करा लेवें। उन्होंने अस्पताल संचालकों से आग्रह किया कि वे स्कीम के तहत चिन्हित प्रक्रिया का पालन करें तथा जिला सड़क सुरक्षा समिति के साथ समन्वय बनाकर कार्य करें। सभी संबंधित विभागों, अस्पतालों एवं संस्था प्रमुखों को निर्देशित किया गया है कि वे ‘कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम’ का पालन सुनिश्चित करें, ताकि सड़क दुर्घटनाओं में घायल प्रत्येक व्यक्ति को शीघ्र और समुचित उपचार उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि घायलों का समय पर इलाज और मदद देना राज्य शासन की प्राथमिकता है। केंद्र शासन की उपरोक्त योजना के अलावा राज्य शासन ने राहवीर योजना भी लागू की है। इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना में घायलों को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्तियों को 25 हजार रुपये दिए जाएंगे। बैठक में कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने कहा कि सभी अस्पताल आगामी तीन दिन में अपना पंजीयन करवा ले जिससे कि आगामी सात दिवस में यह योजना अपने पूर्ण स्वरूप में लागू की जा सकेगी।

बैठक में बताया गया कि इस योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति मोटरयान दुर्घटना में घायल होता है, तो उसे अधिकतम सात दिनों तक निर्दिष्ट अस्पताल (Designated Hospital) में नगदी रहित उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। दुर्घटना के उपरांत किसी अन्य अस्पताल में केवल स्थिरीकरण प्रक्रिया (Stabilisation) के लिए ही उपचार की अनुमति होगी, इसके बाद मरीज को उपचार हेतु निर्दिष्ट अस्पताल में स्थानांतरित किया जाएगा। योजना अंतर्गत प्रति पीड़ित को अधिकतम डेढ़ लाख तक का नगदी रहित उपचार प्रदान किया जाएगा। योजना के सुचारु क्रियान्वयन हेतु मोटर यान अधिनियम-1988 की धारा-215(3) के अंतर्गत गठित जिला सड़क सुरक्षा समिति द्वारा मॉनिटरिंग की जाएगी।

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