Homeराज्यछत्तीसगढ़रायपुर : जिला प्रशासन की तत्परता से नाबालिग बालिका का विवाह रुका...

रायपुर : जिला प्रशासन की तत्परता से नाबालिग बालिका का विवाह रुका : शिक्षा जारी रखने का संकल्प

रायपुर : जिला प्रशासन की तत्परता से नाबालिग बालिका का विवाह रुका : शिक्षा जारी रखने का संकल्प

जिला प्रशासन और महिला बाल विकास विभाग की सतर्कता से  ग्राम साल्हेघोरी में एक नाबालिग बालिका का विवाह रोका गया

कलेक्टर राहुल देव के निर्देशानुसार बाल विवाह रोकथाम के लिए विशेष टीम गठित की गई

रायपुर

जिला प्रशासन और महिला बाल विकास विभाग की सतर्कता से मुंगेली जिले के लोरमी विकासखंड के ग्राम साल्हेघोरी में एक नाबालिग बालिका का विवाह रोका गया। कलेक्टर राहुल देव के निर्देशानुसार जिले में बाल विवाह रोकथाम के लिए विशेष टीम गठित की गई है, जिसने समय रहते हस्तक्षेप कर इस विवाह को रोकने में सफलता हासिल की।

बाल विवाह की सूचना मिलते ही जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती संजुला शर्मा के मार्गदर्शन में टीम मौके पर पहुंची और हल्दी की रस्म शुरू होने से पहले विवाह को स्थगित कराया। परिजनों से बातचीत में पता चला कि गरीबी, अशिक्षा और आर्थिक तंगी के कारण वे बालिका का विवाह कराना चाह रहे थे, ताकि मजदूरी के लिए अन्य राज्य पलायन कर सकें। लेकिन बालिका ने हिम्मत दिखाते हुए विवाह से इनकार कर दिया और कहा कि वह 10वीं कक्षा तक पढ़ चुकी है और आगे अपनी शिक्षा जारी रखना चाहती है।

बालिका को बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया गया, जहां समिति के सदस्य श्रीमती लक्ष्मी साहू, जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्रीमती अंजुबाला शुक्ला और चाइल्ड हेल्पलाइन समन्वयक उमाशंकर कश्यप ने उसे श्रीफल, पेन और डायरी देकर सम्मानित किया। साथ ही, परिजनों को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया गया, ताकि वे बेटी की शिक्षा में किसी बाधा के बिना उसका भविष्य संवार सकें।
गौरतलब है कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह कराने पर 2 साल की सजा और 1 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि बाल विवाह या किसी भी संकटग्रस्त बच्चे की जानकारी तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर दें ताकि समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

इस घटनाक्रम से एक बार फिर साबित हुआ कि सजग प्रशासन और जागरूक समाज मिलकर बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को जड़ से खत्म कर सकते हैं। यह पहल न केवल बालिका को उसका अधिकार दिलाने में सफल रही, बल्कि अन्य परिवारों के लिए भी एक प्रेरणा बन गई कि बेटियों को पढ़ाना ही उनके उज्ज्वल भविष्य की कुंजी है।

RELATED ARTICLES

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe