रायपुर
अलग-अलग विभागों में नौकरी लगाने का झांसा देकर 60 युवाओं से पांच करोड़ की ठगी के छह आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। सीजीपीएससी घोटाले में जेल में बंद पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी का साला देवेंद्र जोशी पूरे खेल का मास्टर माइंड निकला।
आरोपित मंत्रालय की फर्जी ईमेल बनाकर फर्जी नियुक्ति पत्र भेजते थे। अपने वाहन में छग शासन की नाम पट्टिका का उपयोग कर पीड़ितों को चकमा देते थे। सिविल लाइन पुलिस ने अब तक देवेंद्र कुमार जोशी, उसकी पत्नी झगीता जोशी, स्वप्निल दुबे, नफीज आलम, हलधर बेहरा, सोमेश दुबे को गिरफ्तार किया है।
फरार आरोपितों की पतासाजी की जा रही है। ठगी की रकम से जमीन, सोना, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और फ्लैट खरीदे। क्रिप्टो करेंसी में भी निवेश किया गया। आरोपितों ने जो भूमि खरीदी है उसके व्ययन (खर्च करना) पर रोक के लिए पत्र लिखा गया है।
आरोपितों के बैंक खातों से 15 लाख रुपये होल्ड कराए गए हैं। गिरफ्तार आरोपितों के कब्जे से तीन मोबाइल, चार सोने के सिक्के, एक सोने का हार, एक बिंदिया, दो ऐसी, एक फ्रीज, दो पंखा, एक स्कार्पियो वाहन सहित अन्य करीब 50 लाख रुपये का सामान जब्त किया गया है।
ऐसे खुला पूरा मामला
29 जनवरी को प्रार्थिया अंजना गहिरवार ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि फरवरी 2021 को वह अपने परिवार के साथ मौसा-मौसी देवेंद्र जोशी व झगीता जोशी के घर आई थी। अंजना ने नौकरी करने की इच्छा जताई।
देवेंद्र और झगीता ने बड़े अधिकारी से जान पहचान होने की बात कही और प्रार्थिया के साथ-साथ गजेंद्र लहरे, कुणाल देव, भुनेश्वर सोनवानी सहित अन्य से 25-25 लाख रुपये ले लिए। नौकरी नहीं लगी तो रिपोर्ट दर्ज करवाई गई।
चैनल बनाकर युवाओं को ठगा
देवेंद्र जोशी ने पूछताछ में अपने साथी स्वप्निल दुबे को इंद्रावती भवन भेजकर प्रार्थी और अन्य लोगों के सत्यापन के लिए कार्यवाही कराना स्वीकार किया था। जिस पर स्वप्निल को भी पकड़ा गया। वह वैगन रिपेयर शॉप, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर में तकनीशियन-I के पद पर काम कर रहा है।
पूछताछ में उसने अपने साथी सोमेश दुबे, नफीज आलम और विकास शर्मा (जिसकी वर्तमान में सड़क हादसे में मौत हो गई) के साथ चैनल बनाकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लगभग 60 बेरोजगारों से अब तक पांच करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करना स्वीकार किया।