Homeराज्यछत्तीसगढ़लालगढ़ से श्रद्धा का गढ़ बनता अतुल्य दंतेवाड़ा, मां दंतेश्वरी कॉरिडोर से...

लालगढ़ से श्रद्धा का गढ़ बनता अतुल्य दंतेवाड़ा, मां दंतेश्वरी कॉरिडोर से पर्यटन एवं आध्यात्म को मिले नए आयाम

दंतेवाड़ा

नवनिर्मित मां दंतेश्वरी कॉरिडोर नवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं का स्वागत करने को तैयार है। कभी माओवादियों के उग्रवाद से प्रभावित रहा दंतेवाड़ा अब पर्यटन, आस्था और आध्यात्म की भूमि के रूप में विकसित हो रहा है। दंतेश्वरी कॉरिडोर, मां दंतेश्वरी मंदिर की खूबसूरती में चार चांद लगा रहा है। यह कॉरिडोर उज्जैन में निर्मित महाकाल लोक कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित किया गया है।

कॉरिडोर के अंतर्गत डंकिनी नदी पर विशाल रिवर फ्रन्ट, मंदिर तक एक सड़क, भव्य प्रवेश द्वार, कमल आकृति के फव्वारे, दीप स्तंभ एवं 30 दुकानों का निर्माण किया गया है। इस कॉरिडोर के अंतर्गत मध्य भारत का सबसे बड़ा ज्योतिकक्ष (जोत कलश भवन) निर्मित किया गया है। भव्य प्रवेश द्वार के निर्माण में राजस्थान के सिकंदरा से मंगाए गए पत्थरों का प्रयोग किया गया है। त्रिदेव स्थानम में त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। मणि मेला आयोजन स्थल का सौंदर्यीकरण एवं नवीनीकरण किया गया है। नदी किनारे भव्य घाट का निर्माण किया गया है। कॉरिडोर में निर्मित बाजार से स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है। पुरातात्विक एवं धार्मिक स्वरूप में निर्मित यह कॉरिडोर आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर है।

बस्तर की अराध्य लोकदेवी मां दंतेश्वरी का मंदिर दंतेवाड़ा में शंखिनी एवं डंकिनी नदी के संगम पर स्थित है। दंतेश्वरी शक्तिपीठ भारत का 52वां शक्तिपीठ है। ऐसा माना जाता है कि शंखिनी एवं डंकिनी नदी के संगम तट पर माता सती का दांत गिरा था, इसलिए यह पवित्र स्थल दंतेश्वरी शक्तिपीठ कहलाया। बस्तर के सम्भागीय मुख्यालय जगदलपुर से इस शक्तिपीठ की दूरी 84 किमी है। यहां 1 वर्ष में तीन बार नवरात्रि मनाई जाती है। तीसरी नवरात्रि को आदिवासी समाज फागुन माह में पूरे 10 दिन के लिए मनाता है। जिसे फागुन मढ़ई (आखेट नवरात्रि) के नाम से जाना जाता है।

पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं में उत्साह की नई उमंग
शक्तिपीठ में कॉरिडोर का निर्माण होने से शक्तिपीठ की भव्यता अब और व्यापक हो गई है। कॉरिडोर का निर्माण होने से श्रद्धालुओं एवं स्थानीय निवासियों में हर्ष व्याप्त है। स्थानीय निवासी मंजू देवी बताती हैं कि कॉरिडोर बनने से मंदिर की रौनक और बढ़ गई है, कॉरिडोर बनने के बाद अब ज्यादा भक्त माता के दर्शन के लिए आ सकते हैं, रिवर फ्रंट सुंदर दिखाई देता है। मां दंतेश्वरी मंदिर में आने वाले पर्यटकों को यह कॉरिडोर बेहद लुभा रहा है। कॉरिडोर की आध्यात्मिक थीम पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। नागपुर से मां दंतेश्वरी मंदिर पहुंचे पर्यटक अमित कुमार कहतें हैं कि दंतेश्वरी मंदिर आने का अनुभव बेहद ही अच्छा रहा। जिस तरह से इस पवित्र स्थल का सौंदर्यीकरण किया गया है वह अद्भुत है। मैं पहले भी यहां मां के दरबार में आ चुका हूँ, आज जब 3 साल बाद यहां पहुंचा तो इस भव्य कॉरिडोर को देखकर काफी सुखद अनुभूति हुई।

आईएएस विनीत नंदनवार के प्रयास ला रहे रंग
दंतेवाड़ा के तत्कालीन कलेक्टर विनीत नंदनवार ने कॉरिडोर निर्माण कार्य को अपनी प्राथमिकता में शामिल कर तेजी से इसका निर्माण कार्य शुरू कराया था। उन्होंने मंदिर समिति को भरोसे में लेते हुए इस कॉरिडोर की पूरी योजना तैयार की। सभी संबंधित विभागों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित किया, कलेक्ट्रेट स्तर पर ही निर्माण के लिए जरूरी फंड स्वीकृत कराते हुए तीव्र गति से कार्य को आगे बढ़ाया। उनके प्रयासों का परिणाम है कि मां दँतेश्वरी मंदिर परिसर में बना यह कॉरिडोर पर्यटकों को लुभा रहा है, श्रद्धालुओं एवं आस्था के बीच के सूत्र को मजबूती प्रदान करते हुए आर्थिक उन्नति की राह तैयार कर रहा है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe