Homeविदेशकहीं हो न जाए पापों का खुलासा; भारत के चुनाव से क्यों...

कहीं हो न जाए पापों का खुलासा; भारत के चुनाव से क्यों डर रहा चीन, उगला जहर…

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद से पड़ोसी देश चीन बौखलाया है।

चीन को हमेशा इस बात की अपच रहती है कि उसके पड़ोस में रहने वाला भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कैसे है और वह एक लोकतांत्रिक देश होने की जिम्मेदारियों को बिना किसी तकलीफ के कैसे पालन करता है।

हाल ही में चीन के मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद भारत के खिलाफ जहर उगला है।

चीन को डर है कि भारत के इस लोकसभा चुनाव में उसके पापों का खुलासा न हो जाए।

रविवार को प्रकाशिक एक लेख ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, “भारत का आम चुनाव आने वाला है। सात चरण का आम चुनाव 19 अप्रैल को शुरू होने वाला है और परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरे कार्यकाल की बढ़ रहे हैं। भारत में होने वाले इस चुनाव पर चीनी मीडिया काफी ध्यान दे रही है, क्योंकि भारत चीन का पड़ोसी देश है और दोनों देशों के बीच अक्सर सीमा विवाद होते रहते हैं। 2020 में चीन और भारत गलवान घाटी में हिंसक झड़प में शामिल थे, जिसके परिणामस्वरूप चार चीनी सैनिकों और कम से कम 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी।”

ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा, “चीन-भारत आर्थिक और व्यापार संबंधों में निरंतर सुधार चीनी मीडिया के लिए ध्यान का केंद्र रहा है। 2023 में चीन-भारत द्विपक्षीय व्यापार की मात्रा 136.22 बिलियन डॉलर थी, जो साल-दर-साल 1.5 प्रतिशत की वृद्धि थी, जिसमें से भारत में चीन का निर्यात 117.68 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था, जबकि भारत से चीन का आयात मात्र 18.54 बिलियन डॉलर था। भारत चीन के साथ व्यापार घाटे में निरंतर वृद्धि को लेकर बहुत चिंतित है लेकिन यह चीन और भारत के बीच व्यापार की पूरकता को दर्शाता है और विदेशी व्यापार में भारत की निरंतर वृद्धि को चीनी विनिर्माण द्वारा समर्थित करने की आवश्यकता है।”

अपने लेख में ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, “हमारा डर यह है कि भारतीय मीडिया चीन जैसे संवेदनशील विषयों का उपयोग उस पक्ष में गति पैदा करने के लिए करेगा। ऐसा उन्होंने पहले भी किया है। उम्मीदवार अधिक वोट हासिल करने के लिए चीन से संबंधित मुद्दों का भी उपयोग करेंगे। कुछ भारतीय मीडिया आउटलेट और अभिजात वर्ग भी भारत-चीन व्यापार घाटे के मुद्दे का फायदा उठा रहे हैं। वे चुनाव में वोट हासिल करने के लिए चीन विरोधी भावना का लाभ उठा रहे हैं।”

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe