Homeराज्यछत्तीसगढ़कोयला उत्पादन में भटगांव क्षेत्र ने रचा नया इतिहास

कोयला उत्पादन में भटगांव क्षेत्र ने रचा नया इतिहास

कोयला उत्पादन में भटगांव क्षेत्र ने रचा नया इतिहास

कठिन चुनौतियों के बीच महाप्रबंधक प्रदीप कुमार का मार्गदर्शन श्रमिक प्रतिनिधियों का सहयोग और श्रमिकों की मेहनत स्थापित कर रही है नया आयाम

भटगांव/सूरजपुर

कंपनी, राष्ट्र और भारत माता की सेवा का जुनून जिसके दिल में हो राह में आ रहे कठिन चुनौतियों को जिसने अपने मौन से पराजित करते हुए वीर धनुर्धर अर्जुन की तरह मात्र लक्ष्य को देखा और हासिल भी करते हुए यह दिखा दिया की चाहे रास्ते में कांटे ही क्यों ना बिछे हो राष्ट्र को रोशन करने की ज़िद उन कांटों को भी बता देंगे कि हम फूल बनाना जानते हैं, जी हां हम बात कर रहे हैं भटगांव क्षेत्र के वर्तमान महाप्रबंधक प्रदीप कुमार की जिन्होंने वित्तीय वर्ष 2024 -25 के प्रथम तिमाही में हीं महारत्न कंपनी एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के लिए कोयला उत्पादन, उत्पादकता तथा कोयला संप्रेषण में एक नया कीर्तिमान बना दिया,,, यह आंकड़े आज महारत्न कंपनी और भटगांव क्षेत्र को गौरवान्वित कर रहे हैं,,, इसके कुछ अंश प्रस्तुत है।

 एसईसीएल भटगांव क्षेत्र का वित्तीय वर्ष 2024 -25 की पहली तिमाही का प्रदर्शन,,,,,,
एसईसीएल भटगांव क्षेत्र का प्रदर्शन वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तमाही(अप्रैल 2024 से जून 2024 तक) कोयला उत्पादन, उत्पादकता तथा संप्रेषण में काफी उत्कृष्ट रहा पहली तिमाही में अप्रैल 2024 से जून 2024 तक क्षेत्र ने कोयला उत्पादन लक्ष्य 9 लाख 8 हजार टन के मुकाबले
12 लाख 66 हजार 662 टन उत्पादन किया जो पिछले वर्ष की तुलना में 62 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है,
मिट्टी हटाने (ओवर बर्डन) के काम में भी क्षेत्र ने नया कीर्तिमान बनाया वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में जहां उत्पादन लक्ष्य 61 लाख 80 हजार घन मीटर था उसके मुकाबले 87 लाख 43 हजार 997 घन मीटर मिट्टी हटाई गई जो लक्ष्य से 41 फ़ीसदी ज्यादा रहा,
कोयला संप्रेषण में भी क्षेत्र ने शानदार प्रदर्शन किया वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 13 लाख 21 हजार 575.01 टन गुणवत्ता पूर्ण कोयले का संप्रेषण किया गया जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि से 72.73 वृद्धि के साथ 5 लाख 56 हजार 477.03 टन अधिक है। यह उपलब्धि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की मंजूरी के कड़े नियमों के बावजूद हासिल की गई। शिवानी भूमिगत परियोजना के लिए भी भारत सरकार को पर्यावरणीय एवं वन मंत्रालय की अग्रिम अनुमति हेतु पत्र प्रेषित किया जा चुका है जो जल्द ही स्वीकृत होकर आ जाएगा। जो भटगांव क्षेत्र और श्रमिकों के लिए आशा की एक नई किरण है।

हमसे बातचीत के दौरान महाप्रबंधक प्रदीप कुमार ने बताया कि इस लक्ष्य को हासिल करने और भविष्य में इसे बरकरार रखना सबसे महत्वपूर्ण है, इस लक्ष्य को हासिल के बीच कई कठिन पड़ाव भी आए कुछ तथाकथित पत्रकारों ने भी जनहित की पत्रकारिता छोड़ मेरे विरुद्ध मेरे पक्ष को जानें बिना डिजिटल मीडिया में एकतरफा भ्रामक खबरें लगाईं ऐसे लोगों का कूप्रयास अभी भी जारी है, ऐसे लोगों ने उगाही और भय पैदा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय संपत्ति को क्षति भी पहुंचाई जिनके खिलाफ़ माननीय न्यायालय में डैमेज सूट का मामला विचाराधीन है। मैं संविधान के चौथे स्तंभ के रूप में स्थापित प्रेस की कद्र करता हूं किंतु पत्रकारिता के नाम पर जनहित के मुद्दों को छोड़कर किसी एक व्यक्ति विशेष के पीछे हाथ धोकर पड़े रहना और एक तरफ मनमाने खबरों का प्रकाशन कहीं ना कहीं भारतीय प्रेस एक्ट का खुलेआम उलंघन प्रतीत होता है। श्री कुमार ने कहा कि मैं हमेशा स्वस्थ मस्तिष्क वाले पत्रकारों की कदर करता हूं जिनकी लेखनी से समाज में न्याय स्थापित होता है।

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