Homeराजनीतीमल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर में स्थिति से निपटने के पीएम मोदी के...

मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर में स्थिति से निपटने के पीएम मोदी के तरीके की निंदा की

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने  मणिपुर के हालातों से निपटने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तरीके की निंदा की और इसे ‘घोर विफलता’ करार दिया जो ‘अक्षम्य’ है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में खरगे ने मणिपुर की पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके की टिप्पणियों को दोहराया, जिन्होंने कहा था कि हिंसा प्रभावित राज्य के लोग इस बात से दुखी हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तक वहां नहीं आए हैं।
उन्होंने अन्य राज्यों में राजनीतिक रैलियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने संवैधानिक कर्तव्यों की उपेक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों की आलोचना की।
खरगे ने कहा कि संघर्ष से त्रस्त राज्य के लोग परेशान और दुखी हैं, क्योंकि वे चाहते हैं कि पीएम मोदी उनसे मिलने आएं। पिछले 16 महीनों में पीएम नरेंद्र मोदी ने मणिपुर में एक सेकंड भी नहीं बिताया है, जबकि राज्य में हिंसा लगातार जारी है और लोग मोदी-शाह की मिलीभगत के परिणाम भुगत रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में ‘एकीकृत कमान’ – जो सुरक्षा संचालन की देखरेख करता है और जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों, राज्य सुरक्षा सलाहकार और सेना की एक टीम द्वारा नियंत्रित किया जाता है – की बागडोर राज्य सरकार को स्थानांतरित करने का अनुरोध अक्षमता की एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति को दर्शाता है।
खरगे ने चेतावनी दी कि ड्रोन और रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड हमलों की खबरों के साथ ही हालात राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन गए हैं।
खरगे ने पार्टी की ओर से कई मांगें उठाईं हैं, जो इस प्रकार हैं –  मणिपुर के मुख्यमंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए; केंद्र सरकार को संवदेनशील सुरक्षा हालात की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए, और राज्य बलों की मदद से सभी प्रकार के विद्रोही समूहों पर कार्रवाई करनी चाहिए; सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मणिपुर जांच आयोग को जातीय हिंसा की जांच में तेजी लानी चाहिए; मोदी सरकार को सीबीआई, एनआईए और हिंसा की जांच कर रहीं अन्य एजेंसियों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए; शांति और हालात सामान्य बनाने के प्रयास तत्काल शुरू करने चाहिए, जिसके लिए सभी राजनीतिक दलों, प्रतिनिधियों और सभी समुदाय के नागरिक समाज के सदस्यों के साथ चर्चा हो।

RELATED ARTICLES

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe