Homeधर्मविष योग के नकारात्मक प्रभाव से बचने करें ये उपाय

विष योग के नकारात्मक प्रभाव से बचने करें ये उपाय

कुछ योग जीवन में कष्टकारी रहते हैं और ऐसे समय में संयम और सावधानी की जरुरत होती है। चन्द्रमा और शनि साथ आ जाएं तो विष योग बन जाता है। यह विष योग 2 मार्च शनिवार दोपहर 12 बजे तक रहेगा। अभी शनि धनु राशि में हैं। चंद्रमा धनु राशि में आ गया है। चन्द्रमा और शनि साथ आ जाएं तो विष योग बन जाता है। यह विष योग 36 घंटे तक भारी रहता है। विष योग जीवन में सब कुछ विपरीत कर सकता है। पढ़ाई, परीक्षा, नौकरी-व्यापार और सेहत में इंसान की चाल बिगाड़ सकता है।
इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं।
एक सूखा नारियल गोले में शक्कर भर कर पीपल के नीचे रखें।
शनिवार को शनि मंदिर में तेल चढ़ाएं।
सरसों तेल का दीपक जलाएं।
आठ राशियों पर विष योग का असर होगा।
आठ राशियों पर ख़तरा है। पढ़ाई, नौकरी-व्यापार पर ख़तरा आ सकता है। शत्रु या विरोधी परेशान कर सकते हैं। पैसे की तंगी होगी, क़र्ज़ में डूब सकते हैं। वृषभ राशि पर शनि की ढैया है। कन्या राशि पर शनि की चतुर्थ ढैया है। वृश्चिक, धनु और मकर राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है। मकर और कुम्भ राशि पर तो शनि ही हैं।
ये उपाय करें-
विष योग के बाद शनिवार से चने दान करे।
शनिवार काले तिल डालकर नहाएं।
किसी गरीब को भोजन कराएं।
दवाई खरीदकर गरीब को दें।
शनि चंद्र का विष योग, सेहत हो सकती है खराब।
बदलते मौसम में सेहत ख़राब हो सकती है। वायरल बुखार, सर्दी जुकाम से बचें, फोड़े-फुंसी, रोग से बचने के के लिए नीम या तुलसी या सहजन का सेवन करें। पांच दिनों तक इनकी ख़ास सब्ज़ी का सेवन करें। नीम की पत्तियों को बैंगन में डाल कर सब्ज़ी बना कर चावल के साथ सेवन करें।  
चंद्र शनि के विष योग से आएगी मुसीबत-
परीक्षा ख़राब हो सकती है। धन की कमी हो सकती है, नौकरी व्यापार में अचानक कोई बड़ी मुसीबत आ सकती है। विष योग का उपाय करें। शनि मंदिर या पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाएं। चने या काली उड़द -चावल की खिचड़ी दान करें और शनि मंदिर में पूजा करते रहें। शनि मन्त्र का जाप करें – ॐ शनिश्चराय नमः।
सूर्य पर्वत पर क्रॉस दिखाता है संकट
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हमारी हथेली पर ऐसे कई निशान होते हैं जो छोटी-छोटी रेखाओं के मिलने या टकराने से बनते हैं। इनमें कुछ निशान हमें शुभ फल प्रदान करते हैं, किंतु कुछ बेहद अशुभ होते हैं।   कुछ खास स्थितियों में चक्र का निशान जहां हथेली के कुछ शुभ निशानों में माने जाते हैं, वहीं कुछ ऐसे निशान भी हैं जो हर परिस्थिति में बेहद अशुभ स्थितियां लाते हैं। जानिए हाथ में बनने वाले अशुभ निशान क्रॉस के बारे में।
सूर्य ग्रह हमें समाज में यश, सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाता है और इसी पर्वत पर अशुभ चिह्न का होना मुसीबतें खड़ी कर देता है। सूर्य पर्वत पर स्थित क्रॉस संकट को दर्शाता है। यह व्यक्ति को प्रसिद्धि, कला या धन की खोज में निराशाजनक संकेत देता है। इस पर्वत पर क्रॉस व्यक्ति की बेईमान प्रकृति को दर्शाता है। व्यक्ति अच्छे मस्तिष्क होने के बावजूद दोहरी प्रकृति का होता है। यह निशान व्यक्ति की बुद्धि को नष्ट करने का काम भी करता है। सब कुछ जानते हुए भी वह बुरे कर्म करने लगता है।
चंद्र पर्वत पर क्रॉस पद, तो व्यक्ति कल्पना से प्रभावित रहेगा। व्यक्ति सदैव सपनों की दुनिया मे रह कर खुद को धोखा देगा। जब क्रॉस शुक्र पर्वत पर स्थित हो तो कुछ संकट या प्रेम संबंध में कष्ट का संकेत देता है। शुक्र प्रेम संबंधों और विलासता का कारक माना गया है, इसलिए क्रॉस का अशुभ चिह्न जीवन के इन्हीं दो बड़े क्षेत्रों पर आक्रमण करता है।
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हथेली पर बना क्रॉस का निशान मुसीबत, निराशा, खतरा और कभी-कभी जीवन में संकट का संकेत देता है। क्रॉस के लक्षण विभिन्न पर्वतों और रेखाओं की स्थिति पर निर्भर करते हैं।
यह व्यक्ति में शत्रु और चोटों के कारण संकट को दर्शाता है। यह संघर्ष, झगड़े और हिंसा द्वारा मृत्यु का भी संकेत देता है। ऐसे व्यक्ति का अगर किसी के साथ झगड़ा हो, तो वह अमूमन उग्र रूप ले लेता है।

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