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सेहत का खजाना…पापों से दिलाता है मुक्ति! धार्मिक और आयुर्वेदिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है यह पौधा

इम्यून सिस्टम मजबूत करने में गिलोय सबसे महत्वपूर्ण पौधा है. यह लिवर की बीमारियों में असरदार जड़ी-बूटी है. आयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार गिलोय का पौधा हर घर में होना चाहिए. ग्रह नक्षत्र के हिसाब से भी यह पौधा काफी शुभ माना जाता है.

मानसून के दिनों में गिलोय का पौधा आसानी से उग जाता है. धार्मिक और आध्यात्मिक लाभों के अलावा, गिलोय के आयुर्वेदिक फायदे भी हैं जैसे कि प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना, डिटॉक्सिफिकेशन और स्वास्थ्य को बढ़ावा देना.

घर में इस तरह आसानी से लगाए गिलोय का पौधा
नर्सरी प्रबंधक रमेश कुमार ने बताया कि गिलोय के पौधे को लगाने के लिए किसी भी गिलोय के पौधे से तना काट लीजिए और उसमें एक-एक हाथ की लंबाई के बराबर कुछ डंडियों को कैंची या चाकू और हाशिये से तिरछे आकार में काट दें. 15 से 20 दिनों के अंदर इसमें नई पत्तियां फूट जाएगी और यह बहुवर्षीय बेल के रूप में लगातार विकसित होती रहेगी. जून और जुलाई महीने में लगाई गई इसकी कटिंग जल्दी उगती है.
गिलोय के लाभ
गिलोय एक एंटी बैक्टीरियल, एंटी एलर्जिक, एंटी डायबिटिक और दर्द निवारक है. इसके जूस, पाउडर व टैबलेट की इन दिनों बाजार में भरमार है. आटो इम्यून डिसऑर्डर, बुखार, डायबिटीज, लिवर व पेशाब से जुड़ी समस्याओं में इसकी दवा असरदार है. गिलोय में फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, पोटेशियम, आयरन और कैल्शियम पाया जाता है.

गिलोय का सबसे बढ़िया इस्तेमाल इसकी डंडी या तने को काटकर कूट लें और उसका रस निकालकर इस्तेमाल करें. लेकिन अगर इस रूप में उपलब्ध न हो तो इसके जूस और पाउडर का इस्तेमाल किया जा सकता है. बाजार में गिलोय से बना अमृतारिष्ट पाउडर भी आता है.

गिलोय के धार्मिक फायदे
1. पापों से मुक्ति: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गिलोय का सेवन पापों से मुक्ति और आत्मा की शुद्धि के लिए लाभकारी माना जाता है.

2. धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग: गिलोय का उपयोग विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा विधियों में भी किया जाता है. इसे देवी-देवताओं की पूजा में चढ़ाया जाता है और इसे शुभ माना जाता है.

3. आध्यात्मिक उन्नति: गिलोय का सेवन मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक माना जाता है, जिससे व्यक्ति का
 

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