Homeदेशई-कॉमर्स हब्स का विकास: सरकार प्रमुख कार्गो केंद्रों के पास विशेष ई-कॉमर्स...

ई-कॉमर्स हब्स का विकास: सरकार प्रमुख कार्गो केंद्रों के पास विशेष ई-कॉमर्स हब्स करेगी स्थापित 

सरकार ने मंगलवार को पीपीपी मोड में ई-कॉमर्स माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हब स्थापित करने का एलान किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ये हब एक ही छत के नीचे व्यापार और निर्यात संबंधी सेवाओं की सुविधा प्रदान करेंगे।

उन्होंने कहा कि MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) और पारंपरिक कारीगरों को अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेचने में सक्षम बनाने के लिए पीपीपी मोड में ई-कॉमर्स निर्यात हब स्थापित किए जाएंगे।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने क्या कहा?

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इन हब में त्वरित सीमा शुल्क निकासी जैसी सुविधाएं होंगी और ये प्रमुख कार्गो केंद्रों के पास स्थित होंगे। शुरुआत में 10-15 हब स्थापित किए जाएंगे। अगर अच्छा प्रोत्साहन मिला तो बाद में इसका विस्तार किया जाएगा। वर्तमान में इस माध्यम के जरिये भारत का निर्यात लगभग पांच अरब डॉलर है, जबकि चीन का निर्यात 300 अरब डॉलर है। आने वाले वर्षों में इसे 50-100 अरब डॉलर तक ले जाने की संभावना है।

साल 2030 तक दो ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान

इन हब के माध्यम से छोटे उत्पादकों को एग्रीगेटर्स को बेचने की सुविधा दी जाएगी और फिर उस एग्रीगेटर को बेचने के लिए बाजार मिलेंगे। इस माध्यम से निर्यात किए जाने वाले उत्पादों में आभूषण, परिधान, हस्तशिल्प और ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) सामान शामिल हैं। पिछले साल सीमा पार ई-कॉमर्स व्यापार लगभग 800 अरब डॉलर का था और 2030 तक इसके दो ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

आर्थिक थिंक टैंक जीटीआरआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का ई-कॉमर्स निर्यात 2030 तक 350 अरब डॉलर तक पहुंचने की क्षमता रखता है, लेकिन बैंकिंग मुद्दे विकास में बाधा डालते हैं और परिचालन लागत बढ़ाते हैं।

RELATED ARTICLES

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe