रूस का एक प्लेन यूक्रेन की सीमा के पास क्रैश हो गया है। इस हादसे में कम से कम 65 लोग मारे गए हैं।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के रक्षा मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। रूस का इल्यूशिन-76 प्लेन यूक्रेन की सीमा से लगने वाले इलाके बेलगोरोद में क्रैश हुआ है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस प्लेन में यूक्रेन की सेना के वे लोग सवार थे, जिन्हें युद्ध बंदी के तौर पर अगवा कर लिया गया था। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘क्रैश हुए विमान में यूक्रेन की सेना के 65 सैनिक सवार थे, जिन्हें एक्सचेंज के लिए बेलगोरोद ले जाया जा रहा था। प्लेन में 6 क्रू मेंबर और तीन एस्कॉर्ट्स भी सवार थे।’
बेलगोरोद के गवर्नर याशेस्लाव ग्लाडकोव ने भी इस घटना की पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने विस्तार से इसके बारे में कुछ बताने से इनकार कर दिया।
इस विमान हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। अब तक रूस का इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इसके अलावा प्लेन क्रैश की वजह भी पता नहीं चल सकी है।
वीडियो में दिखता है कि याबलोनोवो गांव के पास प्लेन तेजी से नीचे आता है और फिर भीषण धमाके के बाद उसमें आग लग जाती है। देखते ही देखते आग की तेज लपटें उठती हैं और प्लेन में पूरी तरह खाक हो जाता है।
हमारी सरकार भगवान श्री राम के ननिहाल वालों को उनके अयोध्या तीर्थ दर्शन के लिए ले जाएगी : मुख्यमंत्री साय
अयोध्या के श्रीराम मंदिर में हमारे भांचा श्रीराम का अलौकिक बाल विग्रह का आलोक देखते ही बन रहा
06 समिति के लोग साठ दिनों तक अयोध्या में भण्डारा चलाकर रामभक्तों को कराएंगे भोजन
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित श्री राम मंदिर परिसर से श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में भण्डारे के संचालन के लिए कार्यकर्ताओं की टीम को झंडी दिखाकर अयोध्या के लिए रवाना किया।
मुख्यमंत्री साय ने मंदिर में दर्शन कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की प्रार्थना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज हम सबके लिए एक विशेष अवसर है। भगवान श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से राम भक्त कार्यकर्ताओं और रसोईयों की टीम राम दर्शन के लिए अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को भण्डारा भोज कराने रवाना हो रहे हैं।
भगवान श्रीराम की ही कृपा है कि 22 जनवरी को छत्तीसगढ़ के भांचा भगवान राम अयोध्या में अनेक वर्षों तक टेंट में रहने के बाद विधि-विधान से विराट मंदिर में विराजमान हुए।
श्रीराम मंदिर में आयोजित भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करकमलों से देश भर से अयोध्या पहुंचे संतो, महात्माओं की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
जिसका लाइव प्रसारण हम सबने देखा। यह इतना अद्भुत दृश्य था। हमारे भांचा श्रीराम का अलौकिक बाल विग्रह का आलोक देखते ही बन रहा था।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बहुत खुशी है कि पूरा देश ही नहीं अपितु दुनिया भी राममय हुई है।
हमारे छत्तीसगढ़ में श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का ज्यादा ही उत्साह है, यह होना स्वाभाविक भी है क्योंकि हम सभी श्रीराम के ननिहाल वाले हैं। छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की धरती है।
हम ननिहाल वाले तरह-तरह से श्रीराम के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं। हमने यहां से सुगंधित चावल और सब्जियां भेजी, जिसका भोग प्राण प्रतिष्ठा के दिन श्रीराम को लगाया गया। हमारे यहां सत्य सांई अस्पताल से डॉक्टरों की टीम भी स्वास्थ्य सेवा करने अयोध्या गई।
हमारे 06 समिति के लोग अब साठ दिनों तक अयोध्या में भण्डारा चलाकर रामभक्तों को भोजन कराएंगे। ऐसे लोगों को अयोध्या रवाना कराने का सौभाग्य मिला है।
मैं आप सभी को बधाई और धन्यवाद देना चाहूंगा। मेरी मंगल कामना है कि छत्तीसगढ़ पर भगवान श्रीराम का आशीर्वाद बना रहे।
मुख्यमंत्री साय ने भण्डारा आयोजक 06 समिति के समन्वयक धरमलाल कौशिक, समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों को शुभकामना देते हुए कहा कि भोजन कराना बड़े पुण्य का काम है।
भण्डारे की व्यवस्था में बड़ी मेहनत लगती है। इस काम की जितनी तारीफ की जाए कम है। अब छत्तीसगढ़ के लोग ट्रेन के माध्यम से अयोध्या जाएंगे।
इसमें पहली ट्रेन दुर्ग से जाने वाली है। इसके बाद रायपुर, बिलासपुर फिर अंबिकापुर से श्रद्धालु श्री रामलला के दर्शन के लिए चार ट्रेनों में रवाना होगी। मोदी जी की गारंटी में हमारी सरकार भगवान श्री राम के ननिहाल वालों को उनके तीर्थ दर्शन के लिए ले जाएगी।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि अयोध्या में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ पहुंच रही है। भगवान श्रीराम छत्तीसगढ़ के भांचा हैं और उनके दर्शन के लिए अयोध्या जाने वाले श्रद्धालु भूखे न रहे, इसकी चिंता छत्तीसगढ़ ने की है।
अनाज से लेकर बड़े बर्तन एवं रसोईए भी इस दल के साथ अयोध्या के लिए आज रवाना हो रहे हैं। अयोध्या में 60 दिनों तक शबरी प्रसादालय के माध्यम से निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
विधायक संपत अग्रवाल ने कहा कि पूरा देश इस उत्सव में जोर-शोर से शामिल हो रहा है। छत्तीसगढ़ श्रीराम का ननिहाल है इसलिए गांव का बच्चा-बच्चा राममय हो गया है।
गौरतलब है कि संपत अग्रवाल ने श्रीराम लला के ननिहाल छत्तीसगढ़ से अयोध्या जाकर सेवा कार्य करने वाली समितियों को और राम सेवकों को एकजुट किया है।
इन समितियों में नीलांचल सेवा समिति, स्वर्गीय पुरूषोत्तम अग्रवाल फाउंडेशन, काली मंदिर सेवा समिति, एग्रोटेक सोसायटी और अक्षत फाउंडेशन, उन्होंने बताया कि राम मंदिर के समीप सरयू तट पर लगभग एक किलोमीटर में छत्तीसगढ़ की समितियों द्वारा संचालित शबरी प्रसादालय संचालित किया जाएगा।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद सुनील सोनी, विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक संपत अग्रवाल, विधायक गुरू खुशवंत साहेब, विधायक मोतीलाल साहू, इस कार्यक्रम की सहसंयोजक श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल सहित श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की रेकमंडेशन के बाद केंद्रीय कानून मंत्री ने बुधवार को जस्टिस प्रसन्ना वाराले की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी।
केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी दी।
जस्टिस प्रसन्ना कर्नाटक हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस रहे हैं। उनकी नियुक्ति के साथ दिसंबर 2023 में जस्टिस संजय किशन कौल के रिटायरमेंट से खाली हुई जगह भर जाएगी।
इसके बाद ऐसा पहली बार होगा, जब सुप्रीम कोर्ट में एक साथ तीन दलित जज होंगे। आइए जानते हैं आखिर कौन हैं जस्टिस प्रसन्ना वाराले, जिनके शपथ लेते ही सुप्रीम कोर्ट में रिकॉर्ड बन जाएगा।
1962 में जन्म जस्टिस वाराले का जन्म साल 1962 में कर्नाटक के निपानी में हुआ था। यह जगह महाराष्ट्र की सीमा पर है। उन्होंने डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर मराठा यूनिवर्सिटी से आर्ट्स और लॉ की पढ़ाई की थी।
इसके बाद 1985 में वह वकालत में एनरोल हुए। अपने कॅरियर की शुरुआत में उन्होंने एडवोकेट एसएन लोया का चैंबर ज्वॉइन किया।
यहां पर उन्होंने सिविल और क्रिमिनल लॉ की प्रैक्टिस शुरू की। वह 1990 से 1992 के बीच औरंगाबाद के अंबेडकर लॉ कॉलेज में लेक्चरर भी रहे थे।
उन्होंने औरंगाबाद में बॉम्बे हाईकोर्ट बेंच में सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त सरकारी वकील के रूप में काम किया। उन्हें 18 जुलाई, 2008 को बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
कर्नाटक हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस जस्टिस प्रसन्ना बी वाराले अक्टूबर 2022 से कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। यहां पर उन्हें जनहित के कई मामलों में स्वत: संज्ञान के लिए जाना जाता है। कर्नाटक हाई कोर्ट के वकील उन्हें जमीन से जुड़ा हुआ और आम आदमी के हित में काम करने वाला बताते हैं।
कर्नाटक हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्ति से पहले जस्टिस प्रसन्ना ने बॉम्बे हाई कोर्ट के जज के रूप में 14 साल तक अपनी सेवाएं दी हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में, उनकी अध्यक्षता वाली पीठों ने जनहित में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले शुरू किए।
इसमें अंबेडकर के लेखन और भाषणों को प्रकाशित करने के लिए एक रुकी हुई परियोजना पर जनहित याचिका भी शामिल थी।
जस्टिस वराले की अध्यक्षता वाली पीठ ने जनवरी 2022 में एक स्वत: संज्ञान जनहित याचिका भी शुरू की, जिसमें जोखिम भरी नाव की सवारी के बारे में एक समाचार रिपोर्ट का संज्ञान लिया गया, जिसे महाराष्ट्र के सतारा जिले के खिरखांडी गांव की लड़कियों को अपने स्कूल तक पहुंचने के लिए रोजाना करना पड़ता है।
बेंच ने सरकार से कहा कि वह राज्य में इसी तरह की दुर्दशा का सामना कर रहे स्कूली बच्चों को मदद मुहैया कराए।
यादें की थीं शेयर बॉम्बे बार एसोसिएशन में 12 अक्टूबर 2022 को अपने फेयरवेल में जस्टिस वाराले ने कहा था कि मैं खुशनसीब हूं कि मेरा जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ जिसके ऊपर बीआर अंबेडकर का आशीर्वाद है। उन्होंने कहा कि उनके दादा को अंबेडकर औरंगाबाद (अब छत्रपति संभाजीनगर) ले गए थे।
उन्हें उस कॉलेज के अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था जिसे अंबेडकर ने वहां शुरू किया था। जस्टिस प्रसन्ना ने इसी दौरान कहा था कि अगर अंबेडकर न होते तो दूरस्थ इलाके में रहने वाले उनके दादाजी कभी औरंगाबाद न पहुंच पाते।
अगर ऐसा नहीं होता तो फिर यह भी संभव नहीं होता कि उनकी अगली पीढ़ी का कोई आदमी कभी कानूनी पेशे में आता और हाई कोर्ट के जज की कुर्सी पर बैठता।
जस्टिस वाराले ने यह भी बताया था कि अंबेडकर ने उनके पिता भालचंद्र वाराले को कानूनी पेशे में आने की सलाह दी थी। भालचंद्र वाराले कई कोर्ट में न्यायिक अधिकारी बने और बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट में रजिस्ट्रार बने थे।
’गलती मोर सजा तोर’ और ’फाइनल्स’ लघु फिल्म देख मुख्यमंत्री ने कहा – क्रिएटिव माध्यम से जागरूकता फैलाने का विभाग का प्रयास सराहनीय
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री
सड़क सुरक्षा नियमों का पालन कर आदर्श तथा देशभक्त नागरिक होने का उदाहरण प्रस्तुत करें: उपमुख्यमंत्री अरूण साव
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव में शामिल हुए।
दो दिवसीय राष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव का आयोजन रायपुर के मेडिकल कॉलेज स्थित अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम में किया गया है।
मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सड़क सुरक्षा पर बनी लघु फिल्म ’फाइनल्स’ तथा ’गलती मोर सजा तोर’ भी देखी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव में लघु फिल्मों के माध्यम से बताया गया कि छोटी-छोटी लापरवाहियों से एक अनमोल जीवन चला जाता है।
इसे बचाया जा सकता है, यदि ट्रैफिक के नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाए। मैंने यह फिल्में देखी और यातायात विभाग ने क्रिएटिव माध्यम से इन लापरवाहियों को बताया है, जिसका बहुत अच्छा असर दर्शकों पर पड़ेगा और वे ट्रैफिक से संबंधित सावधानियां बरतेंगे।
यातायात के नियमों का पालन नहीं करने के कारण लोग असमय ही काल के ग्रास में चले जाते है।
यातायात विभाग और पुलिस विभाग यातायात नियमों के पालन सड़क सुरक्षा के उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य तो लगातार करते ही रहते हैं, अभियान भी चलाते हैं।
लेकिन हमें स्वयं भी सड़क सुरक्षा के उपाय का कड़ाई के साथ पालन करना चाहिए। सभी का जीवन बहुत कीमती हैं, छोटी-छोटी लापरवाही से सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और इसमें कई लोगों की मृत्यु हो जाती है। कई परिवार उजड़ जाते हैं।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरूण साव, सांसद सुनील सोनी, विधायक पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा और विधायक मोतीलाल साहू, परिवहन विभाग के सचिव एस. प्रकाश, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक द्वय प्रदीप गुप्ता और दीपांशु काबरा, जनसंपर्क आयुक्त मयंक श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा जागरूकता के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव के आयोजन के लिए यातायात विभाग की सराहना की।
उन्होंने कहा कि यह फिल्म महोत्सव लोगों को यातायात के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करने में मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि जनजागरूकता के ऐसे ही कार्यक्रम होते रहने चाहिए।
आज कार्यक्रम के दौरान दिखाई गई लघु फिल्मों की क्लिपिंग में बड़े प्रभावित तरीकों से छोटी-छोटी लापरवाहियों के दर्दनाक परिणाम को दिखाया गया है।
यह फिल्में लोगों को यातायात और सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करंेगी। मुख्यमंत्री ने ड्राइविंग के दौरान हेलमेट लगाने, मोबाइल का उपयोग न करने और नशा करके गाड़ी न चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि आज गाड़ियों की संख्या में वृद्धि हुई है। सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ी है। सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि आज दुनिया में चिंता का बड़ा विषय है।
उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी लापरवाही के परिणाम बहुत गंभीर होते हैं। कई बार दुर्घटना पीड़ित का जीवन बोझ बन जाता है।
उन्होंने कहा कि देशभक्ति के लिए सीमा पर जाकर लड़ने की ही आवश्यकता नहीं है, यातायात नियमों का पालन करें और दूसरे लोगों को भी इसके लिए जागरूक करें।
हम सब मिलकर सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें और आदर्श तथा देशभक्त नागरिक होने का परिचय दें।
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर यातायात संदर्शिका और पोस्टर का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव में छत्तीसगढ़ी और छत्तीसगढ़ की विभिन्न भाषाओं तथा भारतीय भाषाओं की लघु कैटेगरी की श्रेष्ठ फिल्मों, सर्वश्रेष्ठ कहानी और सर्वश्रेष्ठ कलाकार को पुरस्कार राशि का चेक और स्मृति चिन्ह देकर पुरस्कृत किया।
छत्तीसगढ़ी फिल्मों की श्रेणी में लघु फिल्म ’गलती मोर सजा तोर’ को प्रथम, ’द टेल ऑफ नेगलिजेन्स’ को द्वितीय और हेलमेट लघु फिल्म को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस श्रेणी में बेस्ट स्टोरी के लिए ’गलती मोर सजा तोर’ फिल्म के लिए लिमेश कुमार साहू, बेस्ट सिनेमेटोग्राफी का पुरस्कार द टेल ऑफ नेगलिजेन्स के रिशिल थवारे और सर्वश्रेष्ठ कलाकार का पुरस्कार हेलमेट के बिन्नी पाल को दिया गया।
इसी तरह भारतीय भाषाओं की लघु फिल्म की श्रेणी में फाइनल्स को प्रथम, रक्षासूत्र को द्वितीय और द ग्रेट गैम्बलर को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
बेस्ट स्टोरी के लिए फाइनल्स फिल्म के विवेक विजेयन, बेस्ट सिनेमेटोग्राफी का पुरस्कार ट्रैफिक रूल्स के शैलेष अनिखिंडी, सर्वश्रेष्ठ कलाकार का पुरस्कार हड़बड़ी में गड़बड़ी फिल्म के अभिनेता तुलेन्द्र पटेल को प्रदान किया गया। बेस्ट मूवी इन एप्रिसिएशन का पुरस्कार गंगुआ फिल्म डायरेक्टर देवेन्द्र जांगड़े को प्रदान किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जुरी के सदस्यों मनोज वर्मा, हीरा मानिकपुरी और योग मिश्रा को सम्मानित किया। उन्होंने यातायात विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने वाले रायपुर के पुलिस उपनिरीक्षक टी.के. लाल भोई, मुंगेली के मुकेश यादव, जशपुर के बेलचंदन एक्का और दंतेवाड़ा के वीरेन्द्र वर्मा को भी सम्मानित किया गया।
स्वागत भाषण परिवहन विभाग के सचिव एस. प्रकाश ने दिया। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा के उपायों के प्रति जनजागरूकता लाने के लिए हर साल रोड सेफ्टी सप्ताह मनाया जाता था। भारत सरकार के निर्देश पर इस वर्ष रोड सेफ्टी माह मनाया जा रहा है।
उन्होंने विभाग के कार्यों की जानकारी दी। यातायात विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक प्रदीप गुप्ता ने कहा कि वर्ष 2023 तक संयुक्त राष्ट्र संघ ने सड़क दुर्घटनाओं में होने वाले मृत्यु की घटना में 50 प्रतिशत तक कमी लाने का लक्ष्य दिया गया है।
उन्होंने कहा कि वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने में लापरवाही, कार ड्राइविंग के समय सीट बेल्ट न लगाने, ओवर स्पीड ड्राइविंग और नशे में गाड़ी चलाना दुर्घटना का मुख्य कारण है, इससे बचना चाहिए।
उन्होंने बताया कि इस राष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव में 19 राज्यों से 6 भाषाओं की 650 से ज्यादा फिल्मों की प्रविष्टियां आई, जिनमें से 450 फिल्मों का चयन किया गया है।
इसके पहले मुख्यमंत्री ने अतिथियों के साथ सड़क सुरक्षा पर परिवहन विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
न्होंने प्रदर्शनी स्टॉल में पावर हाउस और भिलाई लेन में ट्रैफिक दबाव के नियंत्रण के लिए बनाए गए ओव्हरब्रिज मॉडल और परिवहन विभाग द्वारा आम लोगों-युवाओं के लर्निंग लाईसेंस के लिए परिवहन सुविधा केन्द्र का अवलोकन कर प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने वाहन चालकों को वाहन चलाने की ट्रेनिंग व्यवस्था का अवलोकन किया।
जिस देश में शराब पीने को लेकर इतने सख्त कानून हैं कि पकड़े जाने पर पीठ पर सैकड़ों कोड़े, देश निकाला या जेल तक की सजा है।
वो इस्लामिक देश अपना पहला शराब स्टोर खोलने की तैयारी कर रहा है।
यह स्टोर सऊदी अरब की राजधानी रियाद में खोला जाएगा। इसे विशेष रूप से गैर-मुस्लिम राजनयिकों के लिए खोला जा रहा है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि इससे अन्य गैर मुस्लिम प्रवासी भी खरीददारी कर पाएंगे या नहीं? लेकिन, दस्तावेजों के आधार पर बताया कि लोगों को दुकान से शराब लेने के लिए मोबाइल ऐप के माध्यम से पंजीकरण करना होगा, विदेश मंत्रालय से क्लीयरेंस कोड प्राप्त करना होगा और शराब का मासिक कोटा भी मिलेगा।
यह कदम सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में राज्य के प्रयासों में एक मील का पत्थर माना जा रहा है ताकि अति-रूढ़िवादी मुस्लिम देश को पर्यटन और व्यवसाय में आगे बढ़ाया जा सके, क्योंकि इस्लाम में शराब पीना मना है।
रॉयटर्स को प्राप्त दस्तावेज में कहा गया है कि शराब का यह स्टोर रियाद के डिप्लोमैटिक क्वार्टर में खोला जाएग। जहां दूतावास और राजनयिक रहते हैं।
यह स्पष्ट नहीं है कि अन्य गैर-मुस्लिम प्रवासियों को शराब के स्टोर से खरीददारी करने को मिलेगी या नहीं। सऊदी अरब में लाखों प्रवासी रहते हैं लेकिन उनमें से अधिकतर एशिया और मिस्र से आए मुस्लिम कामगार हैं।
योजनाओं से परिचित एक सूत्र ने कहा कि स्टोर के आने वाले हफ्तों में खुलने की उम्मीद है।
शराब पर सख्त कानून बता दें कि सऊदी अरब में शराब पीने के खिलाफ सख्त कानून हैं। पकड़े जाने पर सैकड़ों कोड़े, देश निकाला, जुर्माना या कारावास की सजा का प्रावधान है।
यह कानून सिर्फ देश के लोगों ही नहीं प्रवासियों को भी सजा मिलती थी। बाद में सुधार के हिस्से के रूप में, देश की सरकार ने कोड़े मारने की सजा को जेल की सजा से बदल दिया था।
इस पूरे मामले में सऊदी सरकार ने कोई टिप्पणी तो नहीं दी लेकिन, राज्य-नियंत्रित मीडिया ने रिपोर्ट दी है कि सरकार राजनयिकों के लिए विदेश से आने वाली शराब पर नए प्रतिबंध लगा रही है, इससे नए स्टोर की मांग बढ़ सकती है।
गौरतलब है कि सत्ता पर प्रिंस मोहम्मद की पकड़ मजबूत होने के साथ-साथ सऊदी अबर में कई बदलाव भी हुए हैं। जिनमें देश को गैर-धार्मिक पर्यटन, संगीत समारोहों के लिए खोलना और महिलाओं को गाड़ी चलाने की अनुमति देना शामिल है।
सऊदी अरब सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में 2030 तक स्थानीय उद्योगों और लॉजिस्टिक्स केंद्रों को विकसित करना भी शामिल है। इसका उद्देश्य सऊदी नागरिकों के लिए सैकड़ों हजारों नौकरियां लाना है।
आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट देने पर मुख्यमंत्री के प्रति व्यक्त किया आभार
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज यहाँ राज्य अतिथि गृह पहुना में पुलिस भर्ती में शामिल हो रहे अभ्यर्थियों ने सौजन्य मुलाकात की।
उन्होंने मुख्यमंत्री को पुष्प भेंटकर राज्य शासन द्वारा शासकीय नौकरी भर्ती में छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासियों को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट की अवधि को पांच साल के लिए बढ़ाने के फैसले के लिए उनके प्रति आभार प्रकट किया।
गौरतलब है कि मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश के शिक्षित बेेरोजगारों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासियों को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट की अवधि को पांच साल के लिए और बढ़ा दिया गया है।
अभ्यर्थियों को आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट का लाभ 31 दिसम्बर 2028 तक मिलेगा।
छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष में दी गई, पांच वर्ष की छूट अवधि को 01 जनवरी 2024 से 31 दिसम्बर 2028 तक अर्थात् पांच वर्ष तक बढ़ाए जाने एवं अन्य विशेष वर्गों के लिए अधिकतम आयु सीमा में देय छूट को यथावत रखते हुए सभी छूटों को मिलाकर अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष यथावत निर्धारित रहेगी। यह छूट गृह (पुलिस) विभाग के लिए लागू नहीं होगी।
छत्तीसगढ़ पुलिस के जिला पुलिस आरक्षक संवर्ग में भर्ती के लिए वर्ष 2018 में 2259 रिक्त पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया था। इसके पश्चात लगभग 5 वर्ष उपरांत दिनांक 04/10/2023 को जिला पुलिस बल के आरक्षक संवर्ग के 5967 रिक्त पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया है।
ऑनलाईन आवेदन लेने की प्रक्रिया जारी है। अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए मंत्रिपरिषद द्वारा पुरूष अभ्यर्थियों को उच्चतर आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट देने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री साय ने सभी अभ्यर्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से आप सभी को भर्ती में भाग लेने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान अंगद भारद्वाज ने बताया कि उम्र सीमा अधिक हो जाने के कारण वे भर्ती परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पा रहे थे।
उन पर दो बहनों की जिम्मेदारी है और रोजगार नहीं मिलने से चिंतित थे। ऐसे में आयु सीमा में छूट मिलने पर वे फिर से भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर पाएंगे।
अभ्यर्थियों द्वारा आयु सीमा में छूट के विचार के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने बताया कि वे ग्रामीण परिवेश से जुड़े व्यक्ति हैं।
उन्हें लोगों से मुलाकात के दौरान सभी की समस्याओं से रूबरू होने का मौका मिलता है। इस अवसर पर मनोज बघेल, सैलू कश्यप, आलोक शर्मा, सालिक सिन्हा एवं अभ्यर्थीगण उपस्थित थे।
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के खिलाफ लड़ाई का ऐलान कर चुके INDIA गठबंधन में दरार साफ नजर आने लगी है।
एक तरफ कांग्रेस पार्टी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बंगाल में एंट्री की तैयारी कर दी है, दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने बुधवार को यह ऐलान करके सभी साथियों को चौंका दिया कि उनकी पार्टी टीएमसी आम चुनाव में पश्चिम बंगाल से अकेले ही चुनाव लड़ेगी।
उधर, कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के बाद नीतीश कुमार के भाजपा पर तेवर नरम नजर आ रहे हैं। जानकार बताते हैं कि ममता के गढ़ में राहुल गांधी का कड़ा इम्तिहान हो सकता है।
टीएमसी पार्टी ने अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है कि वे यात्रा में कांग्रेस के साथ रहेंगी।
पीटीआई की रिपोर्ट है कि तृणमूल कांग्रेस के 25 जनवरी को पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने पर राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में शामिल होने की संभावना नहीं है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बुधवार को यह बयान दिया। भारत जोड़ो न्याय यात्रा, वर्तमान में असम से गुजर रही है। यह 25 जनवरी को कूच बिहार जिले के बक्शिरहाट से होते हुए पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगी।
26-27 जनवरी की छुट्टी के बाद यह यात्रा 29 जनवरी को बिहार पहुंचने से पहले जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, उत्तर दिनाजपुर और दार्जिलिंग से गुजरेगी।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा 31 जनवरी को मालदा के रास्ते पश्चिम बंगाल में फिर से प्रवेश करेगी और 1 फरवरी को राज्य छोड़ने से पहले कांग्रेस के दोनों गढ़ मुर्शिदाबाद से होते हुए यात्रा करेगी।
भारत जोड़ो यात्रा के बंगाल में सिर्फ सात जिलों से होकर गुजरने की प्लानिंग है, इसमें मालदा और मुर्शिदाबाद जिले भी शामिल हैं, जो कांग्रेस का गढ़ माने जाते हैं।
ममता के गढ़ में राहुल का इम्तिहान कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की पश्चिम बंगाल में कड़ी परीक्षा हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों पार्टियों के बीच बयानों में टकराव देखने को मिला है।
एक तरफ कांग्रेस ने दावा किया है कि उन्होंने ममता को न्याय यात्रा का निमंत्रण भी भेजा है। अब ममता यात्रा में शामिल होती हैं या नहीं, यह सारी बातें आगे ही तय होंगी। राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी ने सभी भारतीय ब्लॉक सहयोगियों को निमंत्रण भेजा है, “अब यह टीएमसी पर निर्भर है कि वे यात्रा में शामिल होंगे या नहीं।
टीएमसी के वरिष्ठ का कहना है कि उन्हें कांग्रेस की तरफ से कोई निमंत्रण नहीं मिला। पीटीआई को दिए बयान में पार्टी के एक नेता ने कहा, “हमें कांग्रेस से औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है। और अगर हमें यह मिल भी गया तो हमारे इसमें शामिल होने की संभावना बहुत कम है।”
मामले के जानकार मानते हैं कि यह पूरा घटनाक्रम पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर दोनों दलों टीएमसी और कांग्रेस – इंडिया ब्लॉक गठबंधन के साझेदारों के बीच बढ़ती दुश्मनी के बीच हुआ है। बनर्जी सहित टीएमसी नेताओं ने कहा है कि यह उनकी पार्टी है जो पश्चिम बंगाल में भाजपा से मुकाबला कर रही है।
इससे पहले मंगलवार को, ममता बनर्जी ने पार्टी की एक आंतरिक बैठक में INDIA गुट के भीतर पश्चिम बंगाल में सीट-बंटवारे की चर्चा में देरी के लिए कांग्रेस की आलोचना की थी, जिसमें 10-12 सीटों की अनुचित मांग का हवाला दिया गया था, जबकि टीएमसी केवल दो सीटें देने को तैयार है।
असम में न्याय यात्रा के साथ क्या हुआ? इस वक्त कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा असम से गुजर रही है। हाल के दिनों में यात्रा ने काफी कुछ देखा। पहले हिमंत बिस्वा सरकार ने कांग्रेस को गुवाहाटी में एंट्री न लेने की सलाह दी थी।
जब कांग्रेस नहीं मानी और 22 जनवरी को राहुल गांधी ने वैष्णव संत श्रीमंत शंकर देव मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की लेकिन, उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया गया।
जब कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जबरदस्ती की तो पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी। राहुल गांधी ने हिमंत बिस्वा को देश का सबसे भ्रष्ट सीएम कहा।
जवाब में असम सरकार ने राहुल गांधी समेत कई कांग्रेसियों के खिलाफ सार्वजनिक स्थानों पर दंगा भड़काने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया।
असम में कांग्रेस की न्याय यात्रा बहुत जटिल रही है। लेकिन, अब पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस को कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ सकता है।
बुरुदवाडा सेमरा में सिरी (एमआरसी) और समृद्धि (एमआरएफ), ज्ञानगुड़ी, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का करेंगे लोकार्पण
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय दो दिवसीय बस्तर जिले के प्रवास के दौरान जिले में 100 करोड़ 42 लाख 28 हजार से अधिक राशि के 195 विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास करेंगे।
इसमें 24 करोड़ 44 लाख 60 हजार रूपए की लागत के 110 कार्यों का लोकार्पण तथा 75 करोड़ 98 लाख 88 हजार रूपए की लागत से 89 कार्यों का भूमिपूजन सम्मिलित है।
मुख्यमंत्री साय द्वारा बुरुदवाडा सेमरा में स्थित लगभग 3 करोड़ 50 लाख रूपए की लागत से निर्मित सिरी (एमआरसी) और समृद्धि (एमआरएफ) का लोकार्पण करेंगे।
इसके अलावा 7 करोड़ 12 लाख रूपए की लागत से चित्रकोट और तिरथा में इंद्रधनुष पार्क निर्माण का शिलान्यास किया जाएगा।
साथ ही 45 लाख रूपए की लागत से ज्ञानगुड़ी अकादमी, 25 लाख रूपए की लागत से विज्ञान केंद्र, लगभग 25 लाख रूपए का पासपोर्ट कार्यालय, 17.45 लाख रूपए का कलेक्टर परिसर में गार्डन और 75-75 लाख रूपए के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री साय जगदलपुर के बाबू सेमरा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत 05 करोड़ 51 लाख 70 हजार रुपए की लागत के 05, कृषि विभाग के अंतर्गत 79 लाख 43 हजार रुपए की लागत के 12, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन के तहत एक करोड़ 69 लाख रुपए की लागत के 05, लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत 22 करोड़ 81 लाख रुपए की लागत के 03 तथा वन विभाग के अंतर्गत 22 लाख 40 हजार रुपए की लागत के 01, जनपद पंचायत बस्तर के तहत एक करोड़ 22 लाख रुपए की लागत के कार्यों और जनपद पंचायत लोहण्डीगुड़ा के अंतर्गत 03 करोड़ 28 लाख रुपए की लागत के 54 कार्यों का भूमिपूजन करेंगे।
वहीं छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन के 02 करोड़ 83 लाख 37 हजार रुपए की लागत के 10, लोक निर्माण विभाग के 03 करोड़ 55 लाख 51 हजार रुपए की लागत के 07, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के एक करोड़ 96 लाख रुपए की लागत के 04, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के एक करोड़ 04 लाख रुपए की लागत के 06, स्कूल शिक्षा विभाग के 70 करोड़ रुपए की लागत के 02, जनपद पंचायत तोकापाल के 94 लाख 30 हजार रुपए की लागत के कार्यों सहित जनपद पंचायत लोहण्डीगुड़ा के 93 लाख रुपए की लागत के 49 कार्यों का लोकार्पण करेंगे।
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने चार साल के लंबे इंतजार के बाद क्षुद्रग्रह बेन्नु से कीमती धूल के नमूनों वाले कनस्तर को खोल दिया है।
साल 2016 में नासा की टीम ने क्षुद्रग्रह बेन्नू के नमूनों को लाने के लिए अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी। ये नमूने सोना और चांदी से भी ज्यादा कीमती हैं।
नासा की टीम ने 750 ग्राम के इस नमूनों को धरती पर लाने के लिए 96 अरब से ज्यादा रुपए खर्च किए थे। क्षुद्रग्रह बेन्नू के ये नमूने 4.6 अरब साल पुराने बताए जा रहे हैं।
इन नमूनों से इस बात का पता लग सकता है कि धरती पर जीवन की शुरुआत कैसे हुई थी।
एक बड़ी वैज्ञानिक सफलता में अमेरिकी की अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने आखिरकार क्षुद्रग्रह बेन्नू से कीमती धूल के नमूनों वाले एक कनस्तर को खोल दिया है।
यह उपलब्धि नासा के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की कड़ी मेहनत का नतीजा है।
नासा ने 8 सितंबर 2016 को OSIRIS-REx की अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी, जो क्षु्द्रग्रह बेन्नू पर दो साल बाद 3 दिसंबर 2018 में पहुंचा था।
दो साल तक बेन्नू का अध्ययन करने के बाद यह 2020 में अध्ययन करने के लिए क्षुद्रग्रह के नजदीक पहुंचा।
सितंबर 2023 में यान यूटा रेगिस्तान में उतरा था। यान में नासा के ओसिरिस-रेक्स अंतरिक्ष यान ने बेन्नू के धूल भरे नमूने की सतह से एकत्र किए थे।
महीनों के सावधानीपूर्वक काम के बाद, नासा की टीम ने को कंटेनर खोलने की अनुमति मिल गई है। इस घोषणा के बाद नासा की टीम ने ट्विटर पर घोषणा की, “यह खुल गया है!”
नासा के अनुसार, क्षुद्रग्रह बेन्नू के नमूने निकाल लिए गए हैं। यान से प्राप्त सामग्री में लगभग 0.4 इंच (एक सेमी) आकार तक की धूल और चट्टानें मिली हैं।
जानकारी के अनुसार, नासा की क्यूरेशन टीम इस साल के अंत में क्षुद्रग्रह बेन्नू के नमूनों की एक सूची जारी करेगी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई।
बैठक में निम्न महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए –
छत्तीसगढ़ के षष्ठम् विधानसभा के द्वितीय सत्र फरवरी-मार्च 2024 हेतु माननीय राज्यपाल के अभिभाषण के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
तृतीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2023-2024 का विधानसभा में उपस्थापन हेतु छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
बजट अनुमान वर्ष 2024-25 का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वित्तीय वर्ष 2024-25 का अनुमोदन किया गया है। यह निर्णय लिया गया है कि कोई भी नई मदिरा दुकान नहीं खोली जाएगी।
छत्तीसगढ़ सिविल न्यायालय (संशोधन) विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है।
इस संशोधन में ‘जिला न्यायाधीश‘ को ‘प्रधान जिला न्यायाधीश‘ और ‘अपर जिला न्यायाधीश‘ को ‘जिला न्यायाधीश‘ करने का प्रावधान रखा गया है। इसी तरह ‘व्यवहार न्यायाधीश प्रथम वर्ग‘ को ‘व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी‘ तथा ‘व्यवहार न्यायाधीश द्वितीय वर्ग‘ को ‘व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ श्रेणी‘ तथा ‘जिला न्यायालय‘ को ‘प्रधान जिला न्यायालय‘ से प्रतिस्थापित करने का प्रावधान रखा गया है।
माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में ज्वाईंट रजिस्ट्रार (एम) के 5 पद आकस्मिकता निधि से सृजित करने का निर्णय लिया गया है।